पोपट :- हाँ हाँ..ठीक हूँ ... कोमल भाभी..
कोमल :- पोपट भाई..वो सुबह जो भी कहा...वो प्लीज़ आप किसी को मत बताना...
पोपटलाल :- जी बिल्कुल नही बताउन्गा..में समझता हूँ..आपकी बात...आपकी समस्या को अच्छी
तरह समझता हूँ...
कोमल के चेहरे पे थोड़ी मुस्कान आ जाती है....अच्छा तो में चलती हूँ....
पोपटलाल भी उससे और बैठने को नही बोलता..क्यूँ कि उसके लंड की हालत बहुत बुरी थी..
एक तो सुबह की बात सोच के...और इस वक़्त कोमल ने ग्रे से कलर की नाइटी
पहन रखी थी..जिसमे से उसके वो मोटी मोटे...तरबूज़ जितने बड़े बूब्स की शेप
दिख रही थी......
कोमल ने पोपटलाल की नज़र देख ली...लेकिन उस वक़्त वो कुछ नही बोली.....
और उठ के जाने लगी....पोपटलाल उसकी डबल साइज़ वाली गान्ड को देख रहा था..
कोमल गेट तक पहुचि और दुबारा पलटी...और उसने एक बार फिर ये नोटीस किया
कि पोपटलाल क्या देख रहा है...
पोपटलाल सकपका जाता है..और वो इधर उधर देखने लगता है..और एक दम से पोपट
लाल सोफे से खड़ा होता है.......और कोमल की नज़र गढ़ जाती है.......पोपटलाल के लंड पे..जो पाजामे के उपर से सॉफ
दिखाई दे रहा था...जो एक तंबू बन के खड़ा था......
पोपटलाल के खड़े होने की वजह से उसका छाता हट जाता है..और उसके लंड के दर्शन
हो जाते हैं..पोपटलाल अपना हाथ आगे लगा के..उसको छुपाने की कॉसिश करता है..
लेकिन उसका अब कोई फ़ायदा नही होता......
कोमल :- पोपट भाई में कुछ कहूँ.....
पोपट बड़ी मुश्किल से जवाब देते हुए....ह..आ....न.....बो.ल्ल.इये...ना...
और फिर जो कोमल उससे बोलती है....उसे सुन के पोपटलाल की दुनिया हिल जाती है....
उसके चेहरे पे डर की लकीरें सॉफ झलक रही होती है....
उसके मुँह से कुछ नही निकल रहा था.....
और सबसे बड़ी बात.उसके हाथ से उसका छाता भी गिर जाता है....
वो आँखें फाडे कोमल को देखता रह जाता है.........
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Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
- rajababu
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Re: Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
मित्रो मेरे द्वारा पोस्ट की गई कुछ और भी कहानियाँ हैं
( नेहा और उसका शैतान दिमाग..... तारक मेहता का नंगा चश्मा Running) भाई-बहन वाली कहानियाँ Running) ( बरसन लगी बदरिया_Barasn Lagi Badriya complete ) ( मेरी तीन मस्त पटाखा बहनें Complete) ( बॉलीवुड की मस्त सेक्सी कहानियाँ Running) ( आंटी और माँ के साथ मस्ती complete) ( शर्मीली सादिया और उसका बेटा complete) ( हीरोइन बनने की कीमत complete) ( चाहत हवस की complete) ( मेरा रंगीला जेठ और भाई complete) ( जीजा के कहने पर बहन को माँ बनाया complete) ( घुड़दौड़ ( कायाकल्प ) complete) ( पहली नज़र की प्यास complete) (हर ख्वाहिश पूरी की भाभी ने complete ( चुदाई का घमासान complete) दीदी मुझे प्यार करो न complete
( नेहा और उसका शैतान दिमाग..... तारक मेहता का नंगा चश्मा Running) भाई-बहन वाली कहानियाँ Running) ( बरसन लगी बदरिया_Barasn Lagi Badriya complete ) ( मेरी तीन मस्त पटाखा बहनें Complete) ( बॉलीवुड की मस्त सेक्सी कहानियाँ Running) ( आंटी और माँ के साथ मस्ती complete) ( शर्मीली सादिया और उसका बेटा complete) ( हीरोइन बनने की कीमत complete) ( चाहत हवस की complete) ( मेरा रंगीला जेठ और भाई complete) ( जीजा के कहने पर बहन को माँ बनाया complete) ( घुड़दौड़ ( कायाकल्प ) complete) ( पहली नज़र की प्यास complete) (हर ख्वाहिश पूरी की भाभी ने complete ( चुदाई का घमासान complete) दीदी मुझे प्यार करो न complete
- rajababu
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Re: Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
रीकॅप :
पायल ने प्लान बाँया जिसे लॅडीस ने मंज़ूरी दे दे थी...अब उस प्लान की अरेंजमेंट चल
रही थी..उधर अब्दुल ने प्रीति की जमकर मारी....प्रीति भी बड़े मज़े में उछल उछल
के मरवा रही थी.....गॉगकुलधाम में कुछ बदल रहा है..कोमल और पोपटलाल की
ओपन बातों से और दोनो की सेक्स की तपन...दोनो को किसी और मोड़ पे ले जा रही है....
कोमल ने ऐसा कुछ बोला था जिससे पोपट की दुनिया हिलने वाली थी....
अब आगे.......!!!!!!
क्क..ओ..म.अल भा..भी...ये आप क्या बोल रहे हैं.....पोपटलाल अपनी बड़ी आँखो को पूरी
खुलते हुए बोलता है...
कोमल वहाँ दरवाजे पे खड़ी थी..वो आगे आती है...और ठीक पोपटलाल के सामने आके
खड़ी हो जाती है...
कोमल :- पोपट भाई मुझे पता है ये ग़लत है...लेकिन सिर्फ़ एक बार...
पोपट लाल अपने मन में ..... क्या करूँ....कोमल भाभी मुझे मेरा लंड दिखाने को बोल
रही है....दिखाऊ कि नही.....
बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक....पोपटलाल.....पोपटलाल.......
कोमल :- क्या हुआ..कहाँ खो गये फिर से....
पोपटलाल होश में आते हुए..
पोपटलाल :- लेकिन अगर सोसायटी में किसी को पता चल गया तो क्या होगा..
कोमल :- ओह कमोन .... किसी को कुछ पता नही चलेगा हम दोनो के अलावा..
पोपटलाल :- लेकिन आप इतनी रात को आई है...डॉक्टर.हाथी क्या बोलेंगे..
कोमल :- ओफफो पोपट भाई..आप बहुत सवाल करते हैं..इसलिए अभी तक आपकी शादी नही हुई
है...
कोमल के इश्स डाइलॉग से पोपटलाल की दुनिया हिलने की जगह इश्स बार गिर सी गयी..
वो अपनी रोंदी सी शक्ल बनाते हुई..
पोपटलाल :- कोमल भाभी इसमे मेरी शादी कहाँ से बीच में आ गयी...पोपटलाल
का लंड जो अभी फुदकी मार रहा था..वो धीरे धीरे बैठने लगा था..जिसका असर
उसके उपर से पाजामे से दिखाई दे रहा था......कोमल ने ये देख लिया..था...
पोपटलाल अपनी रॉनी शक्ल से बड़बड़ाये जा रहा था...ब्लाह ब्लाह ब्लाह......
कोमल ने देरी ना करते हुए....पोपटलाल के लंड पे अपना हाथ रख दिया..
पोपटलाल की तो शक्ल ही बदल गयी ... उसकी शक्ल देखनी वाली थी.....
जो लंड अभी बैठने लगा था..वो एक लेडी का हाथ स्पर्श कर के उठने लगा...
पोपटलाल :- को...मा..ल्ल.एल....भा...भी.....
सस्स्स्स्शह...........कूंल बस इतना ही बोलती है...और अपना हाथ हटा लेती है...
कोमल :- वो आपका..सोने की तैयारी में था....और मुझे आपका खड़ा हुआ ही देखना
है...
पोपटलाल गहरी साँस लेते हुए..और छोड़ते हुए......
ऐसी साँस ले रहा था मानो...कभी ज़िंदगी में साँस ली ही ना हो....
पोपटलाल :- अच्छा.....लेकिन किसी को पता तो नही चलेगा ना..
कोमल :- ओ कमऑन...आप एक बार बस दिखा दो....
पोपटलाल अपने काँपते हाथों को पाजामे के पास ले जाता है...और उसे धीरे से नीचे कर
देता है.....जैसे ही नीचे करता है...उसका खड़ा हुआ लंड फन्फनाते हुई बाहर निकल जाता
है......
कोमल की आँखों में चमक आ जाती है...पोपटलाल का लंड देख कर..
पोपटलाल :- बॅस....देख लिया.......
कोमल :- पूरा तो दिखाइए....
और पोपटलाल का हाथ पकड़ के पाजामे से हटा देती है....पोपटलाल के हाथ से पाजामा
छूट जाता है..और नीचे गिर जाता है......और उसका पूरा लंड कोमल की आँखों के
सामने आ जाता है...
कोमल अपनी बड़ी बड़ी और मोटी आँखों से बस पोपटलाल के लंड को ही देखे जा रही
थी....
पोपटलाल की तो बॅंड बजी हुई थी....उसके लिए बर्दाश्त करना मुश्किल था....उसका लंड
हिचकोले खाने लगा..और हिलने लगा....
कोमल पोपटलाल के हिलते हुए लंड को देख रही थी....और उसके चेहरे पे हल्की सी मुस्कान भी
आ गयी थी.....
पायल ने प्लान बाँया जिसे लॅडीस ने मंज़ूरी दे दे थी...अब उस प्लान की अरेंजमेंट चल
रही थी..उधर अब्दुल ने प्रीति की जमकर मारी....प्रीति भी बड़े मज़े में उछल उछल
के मरवा रही थी.....गॉगकुलधाम में कुछ बदल रहा है..कोमल और पोपटलाल की
ओपन बातों से और दोनो की सेक्स की तपन...दोनो को किसी और मोड़ पे ले जा रही है....
कोमल ने ऐसा कुछ बोला था जिससे पोपट की दुनिया हिलने वाली थी....
अब आगे.......!!!!!!
क्क..ओ..म.अल भा..भी...ये आप क्या बोल रहे हैं.....पोपटलाल अपनी बड़ी आँखो को पूरी
खुलते हुए बोलता है...
कोमल वहाँ दरवाजे पे खड़ी थी..वो आगे आती है...और ठीक पोपटलाल के सामने आके
खड़ी हो जाती है...
कोमल :- पोपट भाई मुझे पता है ये ग़लत है...लेकिन सिर्फ़ एक बार...
पोपट लाल अपने मन में ..... क्या करूँ....कोमल भाभी मुझे मेरा लंड दिखाने को बोल
रही है....दिखाऊ कि नही.....
बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक....पोपटलाल.....पोपटलाल.......
कोमल :- क्या हुआ..कहाँ खो गये फिर से....
पोपटलाल होश में आते हुए..
पोपटलाल :- लेकिन अगर सोसायटी में किसी को पता चल गया तो क्या होगा..
कोमल :- ओह कमोन .... किसी को कुछ पता नही चलेगा हम दोनो के अलावा..
पोपटलाल :- लेकिन आप इतनी रात को आई है...डॉक्टर.हाथी क्या बोलेंगे..
कोमल :- ओफफो पोपट भाई..आप बहुत सवाल करते हैं..इसलिए अभी तक आपकी शादी नही हुई
है...
कोमल के इश्स डाइलॉग से पोपटलाल की दुनिया हिलने की जगह इश्स बार गिर सी गयी..
वो अपनी रोंदी सी शक्ल बनाते हुई..
पोपटलाल :- कोमल भाभी इसमे मेरी शादी कहाँ से बीच में आ गयी...पोपटलाल
का लंड जो अभी फुदकी मार रहा था..वो धीरे धीरे बैठने लगा था..जिसका असर
उसके उपर से पाजामे से दिखाई दे रहा था......कोमल ने ये देख लिया..था...
पोपटलाल अपनी रॉनी शक्ल से बड़बड़ाये जा रहा था...ब्लाह ब्लाह ब्लाह......
कोमल ने देरी ना करते हुए....पोपटलाल के लंड पे अपना हाथ रख दिया..
पोपटलाल की तो शक्ल ही बदल गयी ... उसकी शक्ल देखनी वाली थी.....
जो लंड अभी बैठने लगा था..वो एक लेडी का हाथ स्पर्श कर के उठने लगा...
पोपटलाल :- को...मा..ल्ल.एल....भा...भी.....
सस्स्स्स्शह...........कूंल बस इतना ही बोलती है...और अपना हाथ हटा लेती है...
कोमल :- वो आपका..सोने की तैयारी में था....और मुझे आपका खड़ा हुआ ही देखना
है...
पोपटलाल गहरी साँस लेते हुए..और छोड़ते हुए......
ऐसी साँस ले रहा था मानो...कभी ज़िंदगी में साँस ली ही ना हो....
पोपटलाल :- अच्छा.....लेकिन किसी को पता तो नही चलेगा ना..
कोमल :- ओ कमऑन...आप एक बार बस दिखा दो....
पोपटलाल अपने काँपते हाथों को पाजामे के पास ले जाता है...और उसे धीरे से नीचे कर
देता है.....जैसे ही नीचे करता है...उसका खड़ा हुआ लंड फन्फनाते हुई बाहर निकल जाता
है......
कोमल की आँखों में चमक आ जाती है...पोपटलाल का लंड देख कर..
पोपटलाल :- बॅस....देख लिया.......
कोमल :- पूरा तो दिखाइए....
और पोपटलाल का हाथ पकड़ के पाजामे से हटा देती है....पोपटलाल के हाथ से पाजामा
छूट जाता है..और नीचे गिर जाता है......और उसका पूरा लंड कोमल की आँखों के
सामने आ जाता है...
कोमल अपनी बड़ी बड़ी और मोटी आँखों से बस पोपटलाल के लंड को ही देखे जा रही
थी....
पोपटलाल की तो बॅंड बजी हुई थी....उसके लिए बर्दाश्त करना मुश्किल था....उसका लंड
हिचकोले खाने लगा..और हिलने लगा....
कोमल पोपटलाल के हिलते हुए लंड को देख रही थी....और उसके चेहरे पे हल्की सी मुस्कान भी
आ गयी थी.....
- rajababu
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Re: Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
पोपटलाल :- अब..तो ठीक है ना......
कोमल :- हां...थॅंक यू.....
पोपटलाल राहत की सांस लेता है...
कोमल :- पोपट भाई...एक बात पूछूँ ??
पोपटलाल मन में सोचते हुए...बेटा पोपटलाल आज तेरा बॅंड बजने ही वाला है..
तैयार हो जा....
हाँ हाँ पूछिए ना..
कोमल :- क्या एक बार में इसे टच कर सकती हूँ....
पोपटलाल कोमल की बात पे हड़बड़ाते हुई.....लेकिन कोमल भाभी..आपने तो सिर्फ़ देखने
के लिए कहा था...
कोमल :- प्लीज़..पोपट भाई....एक बार टच कर लूँगी..तो मुझे आराम मिल जाएगा....
एक बार प्लीज़.....
पोपटलाल नही चाहता था कि उसके लंड को कोमल टच करी.....
जानना चाहते हैं कि पोपटलाल ऐसा क्यूँ चाहता है.....
नही बताउन्गा में आज....
पोपटलाल :- कोमल भाभी.......
कोमल :- प्लीज़ एक बार....प्लीज़...
पोपटलाल तक हर की अपनी गर्दन हाँ में हिला देती है...
कोमल अपना हाथ धीरे धरे आयेज बदते है..उसके दिल की धड़कन तेज़्ज़ चल रही थी...
ये सब उसके लिए बिल्कुल नया था.....
और बिल्कुल करीब लाके...कोमल पोपटलाल के लंड के पास लाके कुछ सेक के लिए रोकती
है......
पोपटलाल का लंड हिचकोले कहा रहा था उसके दिल की भी धड़कन तेज़ चल रही थी...
पोपटलाल ने अपनी आँखें बंद कर ली......
और कोमल ने अपने हाथ में पोपटलाल का लंड पकड़ लिया....
ओह्ह्ह माइ गॉड..इट्स सो हॉट....कोमल के मुँह से यही निकला जब उसने पोपटलाल के लंबे और
पतले लंड को पकड़ा तो.....
पोपटलाल के पूरे शरीर में करेंट दौड़ गया....और खुद दुनिया हिलाने वाला आज
खुद ही किसी साँप की तरह हिल रहा था...
पोपटलाल :- कॉमालल्ल्ल भाभिईिइ.........
इस आवाज़ में पोपटलाल की एक कशिश नज़र आई कोमल को.....वो समझ सकती थी..कि
पोपटलाल को ऐसा सुख बड़ी मुश्किल से मिलता है...
कोमल ने अपने हाथ को थोड़ा सा चलाया...जिससे पोपटलाल का लन्ड़ आगे पीछे हुआ...
जिससे पोपटलाल का हाल और बुरा हो गया....उसके लंड की नसें फूल गयी थी...
कुछ ज़्यादा जल्दी उतेज़ीत हो गया था....और उसका लंड कोमल के हाथ के अंदर हिचकोले
खाने लगा....
कोमल भी ऐसी स्थिति देख के पगल हुई जा रही थी..क्यूँ की लंड के मामले में वो लकी
नही थी..काफ़ी काफ़ी टाइम हो जाता है उसका डॉक्टर हाथी का तगड़ा लंड देखे हुए...
आज इतने दिनो के बाद ऐसे लंड को पकड़ के...उसकी नीचे बड़ी सी चूत गीली होनी लगी
थी..और उसका एक हाथ खुद ब खुद अपनी नाइटी के उपर से..चूत पे चला जाता है...
पोपटलाल तो आँखें बंद कर के अपनी काँपती टाँगों के साथ खड़ा था...कोमल
के हाथ पोपटलाल के लंड पे चल रहे थे..जिसकी स्पीड अब थोड़ी तेज़ हो गई थी...
कुछ 2 या 3 मिनट तक ऐसे ही खेल चलता रहा.....फिर कोमल ने अपना हाथ पोपटलाल के
लंड पे से हटा लिया....पोपटलाल की साँसें तेज़ चल रही थी....और कोमल की भी..
दोनो की आँखें एक दूसरे से मिली........
आँखों में सिर्फ़ नशा था...सिर्फ़ नशा.....
दारू का नशा नही था.....पहले ही बता रहा हूँ...कहीं सोच में डूब जाओ...
ये नशा था जिस्म की भूक का....दोनो की आँखों में एक दूसरे के जिस्म को लूटने का
नशा था.....
कोमल :- पो.
बस बोलने ही वाली होती है..कि पोपटलाल अपना हाथ लगा के चुप कर देता है..
पोपटलाल :- कोमल भाभी...आब आप बुरा माने तो माने..लेकिन जब तक आप मेरे लंड
को शांत नही कर देती..में आपको जाने नही दूँगा..चाहे कुछ भी हो जाए....
ये लू जी..इश्स ढिल्ले से पोपटलाल में कुछ ज़्यादा ही शकति आ गयी.....सला आग में खुद
कूदने को तैयार है...कूदने दो सेल कू..मेरा क्या है..जब जल फुख के रख हो जाएगा
ना और जब ये कोमल सार फाँक जला देगी इसकी...तब पता चलेगा ईससी.....
कोमल पोपटलाल की बात सुन के खुश हो जाती है....
कोमल :- आपने मेरे मुँह की बात छीन ली पोपट भाई....में भी यही चाहती हूँ...मेरा हाल
भी आपके जैसा ही है.....और बोलते हुए घुटनो के बल बैठ जाती है.....और अपना फेस पोपटलाल के लंड के बेहद
करीब ले जाती है...
पोपटलाल अपने लंड पे कोमल की गरम साँस को महसूस कर के....पागल हो जाता है..
कोमल :- हां...थॅंक यू.....
पोपटलाल राहत की सांस लेता है...
कोमल :- पोपट भाई...एक बात पूछूँ ??
पोपटलाल मन में सोचते हुए...बेटा पोपटलाल आज तेरा बॅंड बजने ही वाला है..
तैयार हो जा....
हाँ हाँ पूछिए ना..
कोमल :- क्या एक बार में इसे टच कर सकती हूँ....
पोपटलाल कोमल की बात पे हड़बड़ाते हुई.....लेकिन कोमल भाभी..आपने तो सिर्फ़ देखने
के लिए कहा था...
कोमल :- प्लीज़..पोपट भाई....एक बार टच कर लूँगी..तो मुझे आराम मिल जाएगा....
एक बार प्लीज़.....
पोपटलाल नही चाहता था कि उसके लंड को कोमल टच करी.....
जानना चाहते हैं कि पोपटलाल ऐसा क्यूँ चाहता है.....
नही बताउन्गा में आज....
पोपटलाल :- कोमल भाभी.......
कोमल :- प्लीज़ एक बार....प्लीज़...
पोपटलाल तक हर की अपनी गर्दन हाँ में हिला देती है...
कोमल अपना हाथ धीरे धरे आयेज बदते है..उसके दिल की धड़कन तेज़्ज़ चल रही थी...
ये सब उसके लिए बिल्कुल नया था.....
और बिल्कुल करीब लाके...कोमल पोपटलाल के लंड के पास लाके कुछ सेक के लिए रोकती
है......
पोपटलाल का लंड हिचकोले कहा रहा था उसके दिल की भी धड़कन तेज़ चल रही थी...
पोपटलाल ने अपनी आँखें बंद कर ली......
और कोमल ने अपने हाथ में पोपटलाल का लंड पकड़ लिया....
ओह्ह्ह माइ गॉड..इट्स सो हॉट....कोमल के मुँह से यही निकला जब उसने पोपटलाल के लंबे और
पतले लंड को पकड़ा तो.....
पोपटलाल के पूरे शरीर में करेंट दौड़ गया....और खुद दुनिया हिलाने वाला आज
खुद ही किसी साँप की तरह हिल रहा था...
पोपटलाल :- कॉमालल्ल्ल भाभिईिइ.........
इस आवाज़ में पोपटलाल की एक कशिश नज़र आई कोमल को.....वो समझ सकती थी..कि
पोपटलाल को ऐसा सुख बड़ी मुश्किल से मिलता है...
कोमल ने अपने हाथ को थोड़ा सा चलाया...जिससे पोपटलाल का लन्ड़ आगे पीछे हुआ...
जिससे पोपटलाल का हाल और बुरा हो गया....उसके लंड की नसें फूल गयी थी...
कुछ ज़्यादा जल्दी उतेज़ीत हो गया था....और उसका लंड कोमल के हाथ के अंदर हिचकोले
खाने लगा....
कोमल भी ऐसी स्थिति देख के पगल हुई जा रही थी..क्यूँ की लंड के मामले में वो लकी
नही थी..काफ़ी काफ़ी टाइम हो जाता है उसका डॉक्टर हाथी का तगड़ा लंड देखे हुए...
आज इतने दिनो के बाद ऐसे लंड को पकड़ के...उसकी नीचे बड़ी सी चूत गीली होनी लगी
थी..और उसका एक हाथ खुद ब खुद अपनी नाइटी के उपर से..चूत पे चला जाता है...
पोपटलाल तो आँखें बंद कर के अपनी काँपती टाँगों के साथ खड़ा था...कोमल
के हाथ पोपटलाल के लंड पे चल रहे थे..जिसकी स्पीड अब थोड़ी तेज़ हो गई थी...
कुछ 2 या 3 मिनट तक ऐसे ही खेल चलता रहा.....फिर कोमल ने अपना हाथ पोपटलाल के
लंड पे से हटा लिया....पोपटलाल की साँसें तेज़ चल रही थी....और कोमल की भी..
दोनो की आँखें एक दूसरे से मिली........
आँखों में सिर्फ़ नशा था...सिर्फ़ नशा.....
दारू का नशा नही था.....पहले ही बता रहा हूँ...कहीं सोच में डूब जाओ...
ये नशा था जिस्म की भूक का....दोनो की आँखों में एक दूसरे के जिस्म को लूटने का
नशा था.....
कोमल :- पो.
बस बोलने ही वाली होती है..कि पोपटलाल अपना हाथ लगा के चुप कर देता है..
पोपटलाल :- कोमल भाभी...आब आप बुरा माने तो माने..लेकिन जब तक आप मेरे लंड
को शांत नही कर देती..में आपको जाने नही दूँगा..चाहे कुछ भी हो जाए....
ये लू जी..इश्स ढिल्ले से पोपटलाल में कुछ ज़्यादा ही शकति आ गयी.....सला आग में खुद
कूदने को तैयार है...कूदने दो सेल कू..मेरा क्या है..जब जल फुख के रख हो जाएगा
ना और जब ये कोमल सार फाँक जला देगी इसकी...तब पता चलेगा ईससी.....
कोमल पोपटलाल की बात सुन के खुश हो जाती है....
कोमल :- आपने मेरे मुँह की बात छीन ली पोपट भाई....में भी यही चाहती हूँ...मेरा हाल
भी आपके जैसा ही है.....और बोलते हुए घुटनो के बल बैठ जाती है.....और अपना फेस पोपटलाल के लंड के बेहद
करीब ले जाती है...
पोपटलाल अपने लंड पे कोमल की गरम साँस को महसूस कर के....पागल हो जाता है..