ब्रा वाली दुकान complete

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shubhs
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Re: ब्रा वाली दुकान

Post by shubhs »

क्योंकि अपनी तो सेटिंग}ही नही है
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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Kamini
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Re: ब्रा वाली दुकान

Post by Kamini »

lajabaab update
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kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान

Post by kunal »

shubhs wrote:क्योंकि अपनी तो सेटिंग}ही नही है
मित्र अगर अभी सेटिंग नही है तो आगे हो ही जाएगी जानकारी तो रखनी ही चाहिए क्या पता कब ज़रूरत पड़ जाए
हा हा हा हा हा हा
Rohit Kapoor wrote:keep going dear

Kamini wrote:lajabaab update

शुक्रिया
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kunal
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Re: ब्रा वाली दुकान

Post by kunal »

मेरा लंड उसकी चूत की दीवारों को चीरता हुआ उसकी चूत की गहराई में उतर चुका था, डॉट्स वाला कंडोम होने की वजह से नीलोफर की चूत की दीवारों पर रगड़ कुछ ज्यादा ही लगी थी जिससे उसकी एक हल्की सी चीख निकली और वह कुछ क्षण बिना हिले मेरे लंड के ऊपर बैठी रही और आह ह ह आह ह ह आह ह ह की सिसकियाँ निकालती रही। जबकि शाज़िया भी अपनी चूत में जीभ की रगड़ के कारण सिसक रही थी जबकि मेरे एक हाथ की उंगली शाज़िया के चूतड़ों को खोल कर उसकी गाण्ड के छेद पर अपना दबाव बढ़ा रही थी।

कुछ देर तक मैं शाज़िया चूत चाटता रहा, फिर जब नीलोफर का दर्द कम हुआ और उसने मेरे लंड पर धीरे धीरे उछलना शुरू किया तो मैंने शाज़िया की चूत चाटना बंद कर दिया और उसे साइड पर कर नीलोफर को अपने ऊपर लिटा लिया। नीलोफर के 36 आकार के मम्मे मेरे सीने से टकरा रहे थे मैं ने नीलोफर को उसके चूतड़ों से पकड़ कर ऊँचा किया और फिर उसकी चूत में अपने लंड से लगातार धक्के लगाने शुरू कर दिए। जैसे ही मैंने नीलोफर को चोदना शुरू किया उसके चेहरे पर खुशी के स्पष्ट संकेत दिखने लगे, उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी और हर धक्के के साथ वो आह ह ह ह, आह ह ह ... उफ़ एफ एफ ... आह ह ह ह की आवाजें निकाल रही थी। उसकी चूत बहुत टाइट थी जिसकी वजह से मुझे उसको चोदने में बहुत मज़ा मिल रहा था। पिछली रात जबकि मैं अपनी पड़ोसन को 2 बार चोद चुका था और उसकी गांड भी मारी थी, लेकिन नई चूत का हमेशा अपना ही एक नशा होता है, यही कारण था कि नीलोफर की चूत मारने का मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और उसके जिस्म से आने वाली गुलाब की महक मुझे मस्त मज़ा दे रही थी। कुछ देर तक उसे ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसके चूतड़ों को थोड़ा और ऊपर उठा लिया और उसे थोड़ा आगे की ओर धकेला तो उसके 36 आकार के मम्मे मेरे मुँह की पहुंच में आ गए जिन्हें मैंने तुरंत ही मुंह खोलकर अपने मुंह में ले लिया और नीचे से नीलोफर की चूत में धक्कों का सिलसिला जारी रखा। 5 मिनट तक शाज़िया को उसी स्थिति में चोदता रहा, 5 मिनट बाद मुझे महसूस हुआ जैसे नीलोफर की योनी पहले की तुलना में ज़्यादा टाइट हो रही है। उसकी चूत की दीवारों की पकड़ मेरे लंड के आसपास काफी सख्त हो चुकी थी और फिर एक दम से नीलोफर की चूत से ढेर सारा पानी निकला जिससे मेरे पैर और मेरा पेट भीग गया।

नीलोफर की चूत का पानी निकलते ही मैंने उसे साइड पर किया तो वह साइड पर होकर भी गहरी गहरी साँस ले रही थी जबकि मैंने तुरंत शाज़िया को पकड़ा और उसे अपनी गोद में बिठा लिया। मेरी गोद में बैठते ही शाज़िया ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख कर उन्हें चूसना शुरू कर दिया, जबकि मैं उसे गाण्ड उठा कर ऊपर करने के बाद अपना लंड उसकी चूत में डाल कर एक ही धक्के में उसे नीचे बिठा दिया। नीलोफर की तरह शाज़िया की भी एक दिलख़राश चीख निकली, कंडोम के डॉट ने काफी रगड़ दी थी दोनों की फुद्दियो को। मगर शाज़िया के लिए मैंने और अधिक इंतजार नहीं किया और कुछ ही क्षणों के बाद उसकी चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिए। शाज़िया अपने घुटनों के बल मेरी गोद में बैठी थी उसके मम्मे मेरे मुँह के सामने हिल रहे थे, मेरे हर धक्के के साथ उसके मम्मे उछल कर मेरे चेहरे से टकराते और साथ ही उसकी सिसकियों की आवाज भी आती। शाज़िया को चोदते हुए मैंने एक हाथ उसके चूतड़ों के नीचे रख दिया था और हाथ की एक उंगली मैं शाज़िया की गाण्ड में डाल चुका था जिससे शाज़िया को तकलीफ भी हो रही थी और उसकी सिसकियों में भी भारी वृद्धि हो गई थी शाज़िया की चूत में मेरा मोटा लंड और गाण्ड में मेरी उंगली की वजह से उसकी चूत की दीवारें आपस में मिलकर बहुत टाइट हो गई थीं और मुझे लग रहा था कि अगले कुछ ही झटकों में शाज़िया की चूत पानी छोड़ देगी।

मेरा अनुमान सही साबित हुआ और गाण्ड में उंगली की वजह से शाज़िया की चूत ने मात्र 2 मिनट की चुदाई के बाद ही पानी छोड़ दिया। शाज़िया को फारिग करने के बाद मैंने फिर से नीलोफर की ओर रुख किया जो चुदाई के लिए बेचैन बैठी थी, मुझे अपनी ओर आकर्षित होता देख करनीलोफर मेरी ओर बढ़ी और नीचे बैठ कर उसने मेरे लंड से कंडोम उतार दिया। मैंने कहा क्यों ?? नीलोफर बोली मेरी चूत तुम्हारे लंड का असली स्पर्श महसूस करना चाहती है, और यह कह कर नीलोफर ने एक बार फिर मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और उसके कुछ चौपे लगाने के बाद बोली अब कैसे चोदोगे मुझे ???

मैंने कहा घोड़ी बन जाओ। मेरी बात सुनकर नीलोफर तुरंत ही सोफे पर घोड़ी बन गई। उसकी 34 इंच की गाण्ड बहुत बड़ी लग रही थी और उसकी गाण्ड देखते ही मैंने निश्चय कर लिया कि आज नीलोफर की चूत के साथ साथ उसकी गाण्ड भी ज़रूर मारनी है। मैंने नीलोफर के भरे हुए चूतड़ों पर एक थप्पड़ मारा और फिर उसकी चूत में अपना लंड डाल कर उसको चोदना शुरू कर दिया। मेरे हर धक्के पर मेरा शरीर नीलोफर के मांस के पहाड़ों से टकराता तो दुकान में धुप्प धुप्प की आवाज गूंजती जबकि इन आवाजों के साथ नीलोफर आह ह ह ह ह, आह ह ह ह ह ह .... आह ह ह ह .... ओ यस ..... एजीसी मी हार्ड ...... जोर से धक्के मारो .... आह ह ह ह ह .... जोर से चोदो .... आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .... आईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई .... आह ह ह ह की आवाजों का रिदम तो कमाल का था। नीलोफर को चोदते हुए मैंने एक उंगली को उसकी गाण्ड में डाल दिया। जैसे ही मैं नीलोफर गाण्ड में उंगली डाल दी उसने एक लंबी आह ह ह ह ह ह ह ह ह आवाज निकाली जिसका मतलब था कि उसको मज़ा आया है उंगली डालने से।

नीलोफर की गाण्ड में उंगली डाल कर मुझे अंदाजा हो गया था कि वह पहले भी गाण्ड मरवा चुकी है जबकि शाज़िया की गाण्ड कुंवारी थी। मैंने नीलोफर से पूछा पहले किस किस से गाण्ड मरवाई है, तो नीलोफर ने कहा बस हमारे एक शिक्षक हैं, एक बार में फेल हो गई तो पास होने के लिए उनसे चुदाई करवाई थी, तभी उन्होंने गाण्ड भी मारी थी। और तब से वह मेरी गाण्ड के दीवाने हो गए हैं। जब भी मौका मिलता है मेरी गाण्ड मार देते हैं। मैंने कहा, यानी आज तुम्हारी चूत के साथ साथ तुम्हारी गाण्ड भी मारने का अवसर मिलेगा .... इस पर नीलोफर बोली, दया करो मुझ पर, तुम्हारे इस घोड़े जैसे लंड के सामने मेरे टीचर का लंड तो कुछ भी नहीं। उसका बहुत पतला सा लंड है। तब मुझे इतनी तकलीफ होती है तो तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है। इससे तो मेरी गाण्ड फट जाएगी। मैं अभी कुछ कहने ही जा रहा था कि शाज़िया की आवाज़ आई और लंड के बारे में क्या विचार है।

मैंने मुड़ कर शाज़िया को देखा तो उसने वही लंड वाली पैन्टी पहन रखी थी जो पिछली बार वह मुझसे खरीद कर ले गई थी। नीलोफर ने मुड़ कर उसकी ओर देखा और बोली यह तो मैं तुम्हारी गांड में डलवाती हूँ अब। यह सुनकर शाज़िया हंसने लगी जबकि नीलोफर मेरे लंड के धक्कों को अपनी चूत में सहन करते हुए सिसकियाँ लेती रही। शाज़िया लंड वाली पैन्टी पहने लंड अपन हाथ में लेकर मसलते हुए नीलोफर के सामने आकर बैठ गई।

नीलोफर जो पहले ही मेरे लंड से अपनी चूत मरवा रही थी अब उसने चूत मरवाने के साथ साथ शाज़िया के लंड भी चूसना शुरू कर दिया था। कुछ देर तक मैं नीलोफर को चोदता रहा, तो मैंने नीलोफर की चूत से लंड निकाला और शाज़िया को कहा कि वह मेरे पास आ जाए। शाज़िया उतर कर मेरे पास आई, नीलोफर सीधी होने लगी तो मैंने उसे कहा आप घोड़ी बनी रहें। नीलोफर दोबारा घोड़ी बन गई तो मैंने शाज़िया को कहा यह लंड नीलोफर की चूत में डाल कर उसको चोदना शुरू करो। शाज़िया ने वह लंड नीलोफर की चूत में फिट किया और एक ही धक्के में वह लंड नीलोफर की चूत में उतार दिया। शाज़िया ने नीलोफर को उसके चूतड़ों से पकड़ रखा था और उसकी चूत में लगातार धक्के मार रही थी जबकि मैं दोनों लड़कियों को सेक्स करते देख खुश हो रहा था। कुछ देर तक ऐसे ही पीछे खड़ा नीलोफर की डिल्डो से चुदाई को देखता रहा, फिर शाज़िया के पीछे आया और उसको कुछ देर रुकने को कहा। शाज़िया ने नीलोफर की चुदाई रोक दी मगर उसका लंड अभी नीलोफर की चूत में था।

मैंने शाज़िया को थोड़ा झुका कर उसकी गाण्ड को बाहर निकाला और उसकी लंड वाली पैन्टी को उसकी चूत से थोड़ा हटाकर अपने लंड की टोपी को शाज़िया की चूत पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा लंड शाज़िया की चूत उतर गया और मेरे धक्के के कारण शाज़िया के चूतड़ आगे की ओर गए तो नीलोफर की चूत में भी शाज़िया के लंड का धक्का लगा जिससे दोनों की ही सिसकी निकली। फिर मैंने शाज़िया को उसके बूब्स पकड़ कर उसकी खूब जानदार चुदाई शुरू कर दी। शाज़िया खड़ी थी जिसकी वजह से उसकी चूत बहुत टाइट थी और उसकी चूत में मेरा लंड उसकी चूत की दीवारों को चीरता हुआ उसकी गहराई तक चोद रहा था। शाज़िया खुद तो अब नीलोफर को नहीं चोद रही थी, लेकिन मेरे हर धक्के से शाज़िया के चूतड़ आगे होते तो उसका लंड नीलोफर की चूत में भी धक्का मारता और जब मैं पीछे हटता और शाज़िया की चूत से अपना लंड बाहर खींचता तो उसके चूतड़ भी पीछे होते और उसका लंड भी नीलोफर की चूत से बाहर निकलता और फिर तुरंत ही अगले धक्के पर फिर से मेरा लंड शाज़िया की चूत में और शाज़िया का लंड नीलोफर की चूत में प्रवेश करता . यानी जो कहते हैं एक तीर से 2 शिकार, तो आज मैं एक लंड से 2 चूतों की चुदाई कर रहा था। नीलोफर और शाज़िया दोनों की सिसकियों दुकान में गूंज रही थी।

नीलोफर और शाज़िया दोनों ही आह ह ह ह ... आह ह ह ह आ .. । । । और जोर से चोदो। । । आह ह ह ह ह ह ... जोर से ..... और जोर से ... आह ह ह ह की आवाजें लगा रही थीं। शाज़िया की चूत में लंड के धक्के अधिक तीव्रता से लग रहे थे जबकि नीलोफर की चूत में धक्कों की गति नॉर्मल ही थी क्योंकि उसकी चूत में धक्का मेरे धक्के के कारण लगता था। मैंने नीलोफर से पूछा कि मज़ा आ रहा है इस चुदाई का ??? तो नीलोफर ने कहा, हां, तुम शाज़िया को और ज़ोर से चोदो ताकि मेरी चूत में भी तेज तेज धक्के लगें . नीलोफर की बात सुनकर शाज़िया ने कहा हां और जोर से चोदो मुझे बहुत मज़ा आ रहा है ... आ हु हु हु हु हु हु .... आह ह ह ह .... उफ़ एफ एफ एफ एफ .... क्या जबरदस्त लंड है तुम्हारा ... आह ह ह ह ह जोर से धक्के लगाओ ..... 5 मिनट मैं शाज़िया को इसी तरह चोदता रहा और शाज़िया की पैन्टी पर लगा लंड नीलोफर को चोदता रहा। 5 मिनट बाद मुझे महसूस हुआ कि शाज़िया की चूत पानी छोड़ने वाली है और अगले कुछ ही धक्कों के बाद शाज़िया ने अपनी चूत को जोर से जकड़ लिया और फिर एकदम से उसकी चूत से गरम पानी निकला जिसने मेरे लंड को भिगो दिया। जैसे ही शाज़िया की चूत ने लावा उगला अगले ही पल उसके साथ ही उसके लंड से चुदाई करवाती हुई नीलोफर की चूत ने भी पानी छोड़ दिया और इस प्रकार एक लंड के 2 चूतों को चोदने का सिलसिला ख़त्म हो गया।

शाज़िया को चोदने के बाद मैंने शाज़िया को सोफे पर लेटने के लिए कहा तो वह अपने लंड सहित सोफे पर लेट गई, मैंने नीलोफर को कहा कि वह शाज़िया के लंड को अपनी चूत में डाल कर शाज़िया के ऊपर लेट जाए। नीलोफर शाज़िया ऊपर बैठी और उसका लंड अपनी चूत में डाल कर शाज़िया के ऊपर लेट गई, तब शाज़िया ने नीचे से अपने लंड से धक्के लगाने शुरू किए तो नीलोफर की सिसकियाँ फिर दुकान में गूंजने लगीं। नीलोफर की चुदाई के दौरान पीछे से नीलोफर की गाण्ड ऊपर आ गई और मैने उसके चूतड़ों को खोल कर उसकी गाण्ड को चाटना शुरू कर दिया। कुछ देर तक उसकी गाण्ड चाट कर के बाद मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और फिर अपने लंड की टोपी नीलोफर की गाण्ड पर सेट करने के बाद एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरे लंड की टोपी नीलोफर की गाण्ड में जा चुकी थी। इससे नीलोफर की एक चीख निकली और शाज़िया ने भी नीलोफर की चूत में धक्के लगाना बंद कर दिए। कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने एक बार फिर नीलोफर की गाण्ड में धक्का लगाया जिससे आधे से अधिक लंड नीलोफर की गाण्ड में उतर चुका था। फिर मैंने शाज़िया से कहा कि नीचे से नीलोफर की चूत में धक्के लगाना शुरू करे। मेरे कहने पर शाज़िया ने एक बार फिर नीलोफर की चूत में जोर से धक्के लगाना शुरू कर दिए। शाज़िया के हर धक्के पर नीलोफर की गाण्ड हिलती तो मेरा लंड इसमें आगे पीछे होता। चूत में हिलते लंड के कारण नीलोफर की गाण्ड का दर्द जल्द ही खत्म हो गया और फिर मैंने भी नीलोफर की गाण्ड में धक्के लगाने शुरू कर दिए।

नीलोफर की गाण्ड काफी तंग थी और मुझे उसकी गाण्ड मारने का बहुत स्वाद मिल रहा था, जबकि इस तरह की चुदाई में भी मेरे जीवन का पहला अनुभव था। बल्कि 2 लड़कियों के साथ एक समय में चुदाई की घटना भी यह पहली ही थी और इस वजह से मैं बहुत खुश था। नीलोफर तो इस समय खूब मजे में थी नीचे उसकी चूत में शाज़िया अपने लंड से चुदाई कर रही थी तो उसकी गाण्ड में मेरा मोटा 8 इंच लंड धक्के लगाने में व्यस्त था। 5 मिनट तक शाज़िया और मैं मिलकर नीलोफर को चोदते रहे और फिर 5 मिनट के बाद नीलोफर की गाण्ड की पकड़ मेरे लंड पर बहुत मजबूत हुई। अब मुझे उसकी गाण्ड से लंड बाहर निकालने में तो मुश्किल नहीं हो रही थी लेकिन उसकी गाण्ड में लंड घुसाते हुए कठिनाई हो रही थी। फिर मैंने नीलोफर की गाण्ड में अपने धक्कों की गति तेज करने की कोशिश की तो नीलोफर की आवाजें आना शुरू हुई और तेज चोदो मुझे, तेज तेज चोदो ,,,, मेरा पानी निकल रहा है, जोर से धक्के मारो .... जोर से चोदो मुझे ... फिर नीलोफर की चूत ने एक दम से ढेर सारा पानी छोड़ दिया। चूत का पानी निकालने के बाद नीलोफर शाज़िया के ऊपर ढह गई थी। यह शायद ज़्यादा हिलने के काबिल नहीं रही थी। एक ही समय में गाण्ड और चूत मरवाने का उसका भी पहला अनुभव था जिसकी वजह से उसे काफी थकान हो गई थी। जबकि शाज़िया अपनी चूत की चुदाई के लिए बेताब हो रही थी।
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