'शून्य' - (Shunya)-- Complete Novel

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Jemsbond
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Re: 'शून्य' - (Shunya)-- Complete Novel

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नदीके पाणीमें पैर डूबोकर एक पत्थरपर जॉन और अँजेनी बैठे हूए थे. दोनोंके हाथमें एक-एक मछली पकडनेका पाणीमें छोडा हूवा हूक था. दोनो बडे खुश दिख रहे थे. अँजेनीका जॉनकी मजाक करने मूड हूवा. उसने उसे एक पहेली पुछी.
" एक बार नंबर बारा बार में गया और उसने बारटेंन्डरको व्हिस्की लाने को कहा. लेकिन बार टेन्डरने उसे
वहांसे भगा दिया... उसने उसे क्यो भगाया होगा?"
अँजेनीने एकबार मछली पकडनेका हूक हिलाकर देखा और फिर जॉनकी तरफ प्रश्नार्थक मुद्रामें देखा.
" अब यह नंबर्स कबसे बारमें जाने लगे ? " जॉनने उसे छेडते हूए कहा. .
" बोलोना ..." अँजेनी प्रेमभरी नजरोसे उसके तरफ देखते हूए बोली.
" मुझे लगता है यह हाथी और चिंटीके जोक्स जैसा कुछ होगा" जॉन हसते हूए बोला.
" तो फिर बोलोना ... बार टेन्डरने नंबर बाराको क्यो भगा दिया? " अँजेनी उसके पिछेही पड गई.
" नही बाबा ... मुझे तो कुछ समझमें नही आ रहा है... तूमही बोलो? " जॉनने अपनी हार मानते हूए कहा.
" इतने जल्दी घुटने टेक दिए ... ." अँजेनी उसे चिढाते हूए बोली.
" नही.... मै तो कुछ अंदाजा नही लगा पा रहा हूं ... हां मैने हार मानली ... बस ... अब तो बोलोगी?" जॉन जवाब सुननेके लिए बेताब हो गया था.
" व्हेरी सिंपल ... क्योंकी नंबर बारा अंडरएज था ... अठारा सालसे कम " अँजेनी हसते हूए बोली.
" अच्छा ऐसा ... अरे हां... सचमुछ .." जॉनभी हंसने लगा.
" अब और एक बताना .." अँजेनी पाणीमें छोडा हूवा हूक हिलाकर देखते हूए बोली.
" हां ...बोलो " जॉनने उसे अपनी दिलचस्पी दिखाते हूए कहां.
" नंबर एट नंबर थ्री को क्या कहेगा? " अँजेनीने पुछा.
" अब यह नंबरर्स एक दुसरेको बोलने भी लगे?" जॉनने फिरसे उसे छेडते हूए कहा.
" बोलने का क्या ... कुछ देरके बाद वे एक दुसरेसे प्यारभी करने लगेंगे... अपने जैसे" अँजेनी उसे वैसाही जवाब देते हूए बोली.
" पॉसीबल है .... शायद इसलिएही ... 99, 66, 63, 69 ये सारे कोडवर्ड बने होंगे " जॉनने अपनी एक आंख दबाते हूए कहां.
अँजेनीने लाजसे लाल लाल होते हूए अपनी गर्दन निचे झुकाई.
थोडी देरसे गर्दन उपर कर शरमाते हूए उसके तरफ देखते हूए उसने कहा -,
"अच्छे खासे बदमाश हो ..."
जॉन सिर्फ उसकी आंखोंमे देखते हूए मुस्कुरा दिया.
" बोलोना .. नंबर एट नंबर थ्री को क्या कहेगा ?" अँजेनी उसके सिनेपर झूट झूट मारते हूए बोली.
" नही बाबा ... यह भी मै हार गया ... तूमही बता दो " जॉन बोला.
" अरे ...नंबर एट नंबर थ्रीको बोलेगा ...वील यू शट अप यूवर माऊथ प्लीज"
" अरे वा अच्छा है... " जॉनने अपना मछली पकडनेका हूक हिलाकर देखते हूए कहा.
" अच्छा और एक ... नंबर एटने नंबर सिक्सको नंबर नाईनकी तरफ उंगली दिखाकर समझाया... क्या समझाया होगा ?" अँजेनीने पुछा.
" देखो तुम्हारे नंबर एक एक स्टेप आगेही जा रहे है... पहले बारमें गए... फिर बोलने लगे... और अब एक दुसरेको समझानेभी लगे... अब आगेकी स्टेप ..."
जॉन आगे कुछ बोले इसके पहलेही अँजेनीने मजाकमें उसे अपना मुक्का मारनेकी ऍक्टींग की.
" हां बोलता हूं... बोलता हूं बाबा ." जॉन उसे डरे जैसा दिखाते हूए बोला., " ... क्या समझाया होगा?... क्या समझाया होगा? .... हां वह बोला होगा यह क्या हमेशा तुम उलटे खडे रहते हो... देखो वह नंबर नाईन कितना होशीयार है ... कैसा हमेशा सिधा खडा रहता है... ." जॉनने मजाकमें कहा.
" अरे वा... यू आर राईट..." अँजेनी आश्चर्यसे बोली.
" क्या! बरोबर है ? " जॉन आश्चर्य और विस्मयसे बोला.
" यस ...यू आर अब्सल्यूटली राईट... पहले कभी सुना होगा तुमने..." अँजेनीको विश्वास नही हो रहा था.
" अरे नही ... सचमुछ मुझे मालूम नही था ... मैने ऐसेही अपना अंदाजा लगाया." जॉन बोला.

थोडी देर दोनो शांत थे.
फिर जॉन ने कहा " अब मै एक पहेली पुछता हूं."
अँजेनीने आंखोहीसे 'हां' कहा.
" नंबर शून्य नंबर एट को क्या बोला होगा?" जॉन ने पुछा.
शून्य ... शून्यका जिक्र होतेही अँजेनीके चेहरेपर एक उदासी छा गयी. उसके चेहरेपरसे वह अल्लड हंसी गायब हो चूकी थी. जॉनके खयालमें आया की उसने शून्यका जिक्र नही करना चाहिए था.
" आय अॅम सॉरी..." वह उसकी पिठ थपथपाते हूए बोला.
वह कुछ ना बोलते हूए पाणीमें हूक हिलाने लगी.
" रियली आय अॅम सॉरी ... मेरे खयालमेंही नही आया" उसने फिरसे कहा.
" इट्स ऑलराईट ..." वह खुदकी भावनाए संवारते हूए बोली. " तूमही बोलो ... मै नही बता पा रही हूं."
" क्या ?" जॉनने पुछा.
" अरे शून्य नंबर एट को क्या बोला वह बतावो. " वह फिरसे उल्लड होने की चेष्टा करते हूए बोली.
जॉन कुछ नही बोला.
" बोलो ना " वह उसका चेहरा अपनी तरफ करते हूए बोली.
जॉन उसकी तरफ देखकर हंसते हूए बोला. " हार गई ...इतने जल्दी. "
" हां ... बोलो ना. " वह उत्सुकतापुर्वक बोली.
" शून्य नंबर एट को बोला ... नाईस बेल्ट" जॉन हंसते हूए बोला.
" अरे वा...नाईस "
वहभी उसके साथ हंसने लगी.
काफी समय दोनो चूप थे. दोनोभी अपने अपने हूक्स हिलाकर देखनेमें व्यस्त थे.
" तुम्हे मछली पकाने आती है ?" अँजेनीने जॉनके पास खिसकर कहा.
अपना भारी लगता हूवा हूक खिंचकर देखते हूए जॉनने कहा " नही"
" फिर हम मछलियां क्यो पकड रहे है ?" अँजेनीने पुछा.
" अरे ... क्यो मतलब खाने के लिए" जॉन उसकी तरफ आश्चर्यसे देखते हूए बोला.
" फिर इसका कोई फायदा नही " अँजेनीने कहा.
" मतलब ? "
" मतलब मुझेभी मछलीयां पकाना नही आता"
" क्या? " वह आश्चर्यसे बोला.
" हां, अगर तुम्हे वैसेही बिना पकाये हूए खानेकी हो तो कोई बात नही. " वह मजाकमें बोली.
" तुम्हेभी नही बनाने आती ? कोई बात नही हम पकाकर तो देख सकते है... ट्राय करनेमें क्या दिक्कत है..? " उसने सुझाया.
" और अगर नही पका पाये तो"
" तो जैसे बनती है वैसीही खा एंगे. कमसे कम बिना पकी खानेकीतो नौबत तो नही आयेंगी. " वह हंसते हूए बोला.
इतनेमें अँजेनीको अहसास हूवा की उसका हूक भारी लग रहा है. उसने हूक हिलाकर देखा. शायद उसके हूकमें मछली अटक गई थी. उसने अपना हूक लपेटना शुरु किया. एक भूरे शेडकी सफेद मछली छटपटाते हूए हूकके साथ उसके पास आने लगी. उसने धीरेसे उसे हूकसे निकालकर बगलमें पत्थरपर रखे टोकरीमें डाला और वह फिरसे हूक पाणीमे छोडने लगी. इतनेमें तितलीजैसा कुछतो उसके नाकको लगके पाणीमें गिरे जैसा उसे लगा. उसने नाकको हाथसे पोंछ लिया और फिर उसी हाथसे अपने चेहरेपर लहराती लटोंको संवारते हूए हूक पाणीमे छोडनेमें व्यस्त हूई.
जॉन अचानक उसकी तरफ देखकर जोर जोरसे हंसने लगा.
उसने जॉनके तरफ देखकर पुछा , " क्या हूवा ?"
" तुम्हारी मछली कहा है ? " उसने पुछा.
उसने पिछे रखे टोकरीमें देखा तो मछली वहां नही थी.
" कहा गई ? " वह इधर उधर देखने लगी.
" सचमुछ कहा गई ?" वह मुस्कुराते हूए बोली.
उसे मजा आ रहा था.
" गयी वहां पाणीमें छलांग लगाकर... और साथमें तुम्हारे नाकपर चपटी मारकर" वह फिरसे जोरसे हंसते हूए बोला.
" अच्छा तो वह मछली थी... " उसके खयालमें आया तो वह अपने नाकको हाथ लगाते हूए बोली और वह भी उसके साथ जोरसे हंसने लगी.
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
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तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
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Re: 'शून्य' - (Shunya)-- Complete Novel

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रात हो चूकी थी. दोनोने मिलके खाना पकाया. खानेके टेबलपर सारे जिन्नस सजाके रखे. जॉनने कमरेमे अंधेरा करके टेबलपर मोमबतीयां लगाकर जलाई. दोनो टेबलपर मोमबतीके धूंदले रोशनीमे आमनेसामने एकदूसरेको प्यारसे निहारते हूए बैठ गए. खानेके जिन्नस वैसेही पडे हूए थे. उन्हे खाने पिनका कहां होश था. उनकी भूख प्यास गुम हो चूकी थी. अचानक उसे अहसास हूवा की जॉनका चेहरा फिरसे चिंतायूक्त होकर सोचमें डूब गया है. .
" हॅलो" उसने चुटकी बजाकर उसे अपने खयालोंसे बाहर लाने की कोशीस की.
" क्या सोच रहे हो?" उसने पुछा.
" यहांसे अगर गाडीसे शहर जाना हो तो कितना वक्त लगेगा ?" उसने अपने खयालोंसे बाहर आते हूए पुछा.
" लगेंगे डेड दो घंटे ... क्यो? क्यो पुछा?" उसने उसे पुछा.
" प्लीज तूम मुझे चार घंटेका समय दोगी ?"
" किसलिए ?" उसने पुछा. .
" एक अर्जंंट काम निकल आया है. दो घंटे जानेके लिए और दो घंटे आनेके लिए. बस सिर्फ चार घंटे... चार घंटेमे जाकर आता हूं. " वह उसके तरफ देखकर बोला.
उसका चेहरा मलीन हो गया.
" प्लीज " वह उसे रिक्वेस्ट करते हूए बोला.
" जाना जरुरी है क्या ?" वह र्नव्हस होते हूए बोली.
" हां बहुत जरुरी है " उसने कहा.
" लेकिन ऐसा क्या काम निकल आया ?" उसने पुछा.
" वह मै तुम्हे अभी नही बता सकता. लेकिन उधरसे वापस आनेके बाद जरुर बताऊंगा." वह उसका मूड ठिक करनेके लिए कुर्सीसे उठते हूए, हंसते हूए बोला.
वह कुछ बोले इसके पहलेही वह तेजीसे बाहरभी गया था. 'ठक..ठक' सिढीयां उतरनेका आवाज आने लगा. वह उठकर खिडकीके पास गई. खिडकीसे वह उसे गाडीतक जाते हूए देखती रही. गाडीके पास जाकर उसने मुडकर खिडकीकी तरफ देखा.
" तूम चिंता मत करो . बराबर चार घंटेमे मै वापस आवूंगा " निचेसे वह जोरसे बोलते हूए गाडीमें बैठ गया.
'खाट' गाडीका दरवाजा उसने जोरसे खिंच लिया. उसका दिल जोरजोरसे धडकने लगा. उसने गाडी शुरु कर खिडकीसे उसे 'बाय' किया और वह निकल गया. उसके चेहरेपर फिरसे मलिनता दिखने लगी. चार घंटेके लिए क्यों ना हो वह उसे बेचैन कर चला गया था.
वह क्यो गया होगा ?...
वह वापस तो आयेंगा ना ?...
या सानीजैसा उसे बिचमेंही मंझधारमें छोड जायेगा ?...
उसका सोच श्रुंखला शुरु हूई.

अभीभी अँजेनी खानेके टेबलपर बैठी थी. टेबलपर जलाई मोमबत्तीयां आखीर बुझ गई थी. टेबलपर सिर्फ बचा था इधर उधर फैला हूवा मोम. उसके दिलका हालभी कुछ उस मोम जैसाही था. जल जलकर जमे जैसा. टेबलपर खाना वैसाका वैसा रखा हूवा था. राह देख देखकर थकनेके बाद वह कुर्सीसे उठ गई. उतनेमे घडीका गजर बजा. बारा बार. कोई मानो उसके दिलपर घांव कर रहा हो ऐसा उसे लग रहा था. रातके बारा बज चूके थे. .
वह बराबर आठ बजे यहांसे गया था... .
मतलब चार घंटे हो चूके थे. ...
वह शायद कॉटेजके आसपासही पहूंचा होगा...
वह खिडकीके पास जाकर बाहर झांककर देखने लगी. कॉटेजकी तरफ आनेवाला रास्ता एकदम सुनसान था. ना किसीकी आहट ना किसी वाहन के लाईट्स. वह काफी समयतक रास्ते पर आखे लगाए रास्ता ताकती रही. अचानक उसे दो दिए रास्तेसे सामने आते हूए दिखाई दिए. वे उसकी तरफही आ रहे थे. उसका चेहरा खुशीसे खील गया.
वही होगा ...
जरुर जॉन ही होगा ...
वह दूर रास्तेपर आगे सरकते गाडीके लाईटस की तरफ देखने लगी. जैसे जैसे गाडीके दिए नजदीक आने लगे उसका दिल खुशीसे नाचने लगा.
जॉनके बारेमै मैने संदेह नही करना चाहिए था ...
उसे अपराधी लगने लगा था. गाडी अब सामने चौराहे तक आ पहूची थी.
गाडी एक टर्न लेगी और फिर अपने कॉटेजके तरफ आयेगी. ...
लेकिन यह क्या ?...
गाडी चौराहेपर कॉटेजकी तरफ ना मुडते हूए सिधे सामने निकल गई....
फिरसे निराशा उसके चेहरेपर दिखने लगी. अपने मनकी विषण्ण भावना दूर करनेके लिए वह कमरेमे चहलकदमी करने लगी. बिच बिचमें वह खिडकीसे बाहर झांकती थी. सामने रस्ता फिरसे पहले जैसा खाली खाली दिखने लगा था. चहलकदमी करते हूए उसने फिरसे दिवार पर टंगे घडीकी तरफ देखा. साडे बारा बज चूके थे. जॉनका अभीतक कोई अता पता नही था. उसे अब अकेलपन का डर लगने लगा था. उसने फिरसे एकबार खिडकीसे बाहर झांका. उसकी आशा फिरसे अंकुरीत होने लगी. फिरसे गाडीके दो दिए उसे रास्तेपर सरकते हूए दिखाई दिए.
अभी जरुर वही होगा ...
वह फिरसे खिडकीके पास खडी होकर लाईट्सकी तरफ लगातार देखने लगी.
यह गाडी जॉनकी हो सकती है .. और नही भी हो सकती...
लेकिन दिल ऐसा होता है की आदमी को आशा लगाए देता है... ...
अचानक चौराहेपर आनेके बाद गाडीके दिए गायब हो गए.
क्या हूवा ?..
गाडी वहा रुकी तो नही ?...
या फिर गाडी आ रही है ऐसा सिर्फ आभास..?...
वह खिडकीसे हटकर फिरसे कमरेमे चहलकदमी करने लगी. अचानक उसे निचे गाडी के हॉर्नका आवाज आया. वह खिडकीकी तरफ दौडी और उसने बाहर झांककर देखा. जॉन गाडीसे उतर रहा था. उसके जानमे जान आगई. वह दरवाजेके तरफ दौडते हूए चली गई. दरवाजा खोलकर जॉनकी तरफ वह लगभग दौडते हूएही लपकी. सामनेसे जॉनभी दौडते हूए आ रहा था. वह दौडतेही जॉनकी बाहोंमे समा गई.
" कितना वक्त लगाया ? ..." वह जॉनके सिनेपर हलके हलके मुक्के मारते हूए बोली.
" कितनी घबरा गई थी मै .....मुझे तो लगा की तुम मुझे यही छोड जावोगे..." उसकी आंखोमें देखते हूए वह बोली.
" नासमझ हो... ऐसा कभी हो सकता है क्या ?" वह उसके कंधेपर हाथ डालकर उसे कॉटेजमे लाते हूए बोला.
दोनोभी एकदुसरेके कमर मे हाथ डाले सिढीयां चढने लगे.
" अबतो बोलोगे ... कहां गए थे?" उसने पुछा.
" बताता हूं ... बताता हू... थोडा सब्रतो करोगी" वह बोला.
अब दोनो कॉटेजमे आगए. अँजेनीने अंदर आतेही सामनेका दरवाजा बंद किया. और वह क्या बोलता है इसका बेसब्रीसे इंतजार करते हूए उसके आगे पिछे करने लगी. वह सिधा अंदर डायनींग टेबलके पास गया. वह भी उसके पिछे पिछे वहा गई. उसने फिरसे खानेके टेबलपर मोमबतीयां जलाई. घरके सारे लाईट्स बंद किये. अँजेनी कुछ ना समझते हूए सिर्फ उसके पिछे पिछे जा रही थी. उसने उसके कंधे को पकडकर उसे उसके सामने कुर्सीपर बिठाया.
" बैठो, बैठो .. मै तुम्हे बताता हू की मै कहा गया था..." वह उसे बोला.
वहभी उसके सामने बैठ गया. थोडी देर दोनो शांत बैठे रहे. फिर जॉनने उसकी आंखोमें देखते हूए उसके मुलायम हाथ अपने हाथोंमे लिए. मोमबत्तीयोंके रोशनीमें उसका चेहरा और ही निखर आया था. जॉनका आने के बाद यह क्या चल रहा है यह ना समझते हूए वह असमंजससी उसके तरफ देख रही थी.
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" अँजेनी तूम मुझसे शादी करोगी ?" उसने उसके आंखोमे आखे डालकर देखते हूए उसे प्रपोज किया.
अँजेनीको तो एकदम भर आए जैसा हुवा.
लेकिन खुदकी भावनाए संभालते हूए वह बोली, " इज धीस सम काईंंड ऑफ जोक?"
" नही नही ... मै सिरीयसली बोल रहा हूं " वह बोला.
" देखो जॉन पहलेही तूम इतनी देर नही थे तो मुझे अकेलापन महसूस हो रहा था... कम से कम ऐसे वक्त ऐसा फालतू मजाक मत करो." वह बोली.
" नही अँजी ... मै मजाक नही कर रहा हूं " वह उसे विश्वास दिलानेका प्रयास करने लगा.
जॉनने उसे पहली बार प्यारसे 'अँजी' कहा था. वह उसकी आखोंमे देखकर उसकी भावनाए टटोलनेकी कोशीश करने लगी.
" तुम्हे सच नही लग रहा है ना ..."
उसने अपने कोटके जेबसे एक छोटा लाल बॉक्स निकालते हूए कहा ,
" यह देखो मैने तुम्हारे लिए क्या लाया है ..."
" क्या है ?" उसने प्रश्नार्थक मुद्रामें पुछा.
उसने बॉक्स खोलकर उसके सामने पकडते हूए कहा,
" एंंगेजमेंट रिंग ... ऑफ कोर्स इफ यू अॅग्री.."
उसने फिरसे एकबार उसे पुछा , " विल यू मॅरी मी प्लीज"
अँजेनीके आंखोमें आंसू तैरने लगे.
" इसके लिए गये थे तूम सिटीमें ?" उसका गला भर आया था.
उसने उसकी आंखोमें देखते हूए 'हां' मे अपनी गर्दन हिलाई.
वह कुर्सीसे उठकर खडी हो गई. वह भी अपने कुर्सीसे खडा हूवा. वह आवेगके साथ उसके बाहोंमे समा गई. .
" यस आय विल" उसके भरे हूए गले से शब्द निकले.
जॉनके चेहरेपर खुशी और समाधान फैल गया. वह अतीव आनंदसे उसे उठाते हूए उसे चूमने लगा. उसने फिर धीरेसे उसे निचे उतारते हूए बॉक्स से अंगूठी निकालकर धीरेसे उसकी तिसरी उंगलीमें सरका दी.

आधी रात बित चूकी थी. बाहर आकाशमें पूर्णीमा का चांद अपनी सफेद रोशनी सब तरफ फैला रहा था. बहते पाणी की मधूर आवाज और चांद का धूसर प्रकाश कॉटेजमें आ रहा था. दोनो बेडपर लेटे हूए थे और जॉनकी उंगलीयां अँजेनीके मुलायम जिस्मसे खेल रही थी. उसका हाथ जिस्मसे खेलते खेलते धीरे धीरे निचे सरकने लगा.
" अंगुठी लानेकी इतनी क्या जल्दी थी. ? " अँजेनीने एक मंद मुस्कान देते हूए उसके निचे खिसकते हूए हाथको अपने हाथमें पकडते हूए कहा.
" जानेवाले वक्तको तो मै रोक नही सकता लेकिन वह वक्त व्यर्थ ना जाए इसका खयाल मुझे रखनाही चाहिए." उसे बाहोंमे भरकर कसकर पकडते उसने कहा.
" अच्छा" उसने शरारतभरी हंसी बिखेरते हूए उसे दूर धकेला.
वह उसे फिरसे पकडनेके लिए लपका. वह उसके शिकंजेसे बचनेके लिए बेडसे निचे उतर गइ. जॉनभी अब उसे पकडनेके तडपने लगा. वह इधर दौडते हूए उसके पहूंचसे दूर दूर भाग रही थी. अब जॉनभी जिदपर अड गया. वहभी बेडसे निचे उतरते हूए उसके पिछे लपका. वह खिलखिलाती हूए सिढीयोंकी तरफ लपकी. वह भी उसका पिछा करने लगा.
सिढीयोंसे दौडते हूए आखीर अँजेनी टेरेसपर आकर पहूंची. जॉनभी उसके पिछे पिछे टेरेसपर पहूंचा. उपर टेरेसपर खुला आकाश, आसमानमें चमकती चांदनी और चांद की दूधसी सफेद रोशनी बहुत आकर्षक लग रही थी. और उपरसे चांदके रोशनीमें चमकता हूवा बहता पाणीभी दिख रहा था. वह उस चमकते बहते पाणीकी तरफ देखकर मानो खो सी गई.
" देखो देखो कितना सुंदर दिख रहा है वह चमकता पाणी " उसने कहा.
तबतक जॉनने पिछेसे आकर उसे अपनी बाहोंमे भर लिया था.
" लेकिन इस चांदकी रोशनीमें चमकते तुम्हारे चेहरेसे यकिनन सुंदर नही . " उसने कहा.
वह उसकी खुली लंबी, गोरी गोरी गर्दनके साथ अपने व्याकुल होठोंसे खेलने लगा.
उसका जिस्मभी अब तपने लगा था.
जॉनने उसे पलटाकर उसका चेहरा अपने चेहरेके सामने लाया और अपनी पकड और मजबुत करते हूए अपने गरम होंठ उसके होठोंपर रख दिए.
वहभी अब उसे आवेगके साथ प्रतिसाद देने लगी .
उसने उसके पिठको ढंके हूए उसके लंबे घने बालोको एक हाथसे बाजू हटाया और वह उसके टॉपकी पिठपर बंधी हूई लेस छोडने लगा.
अँजेनी उसके सिनेके बालोंसे खेलते हूए उसके शर्टके बटन निकालने लगी.
अब उन्हे एकदुसरेंके सांसमे भरी आर्द्रता और गर्मी महसूस हो रही थी.
" जॉन आय लव्ह यू व्हेरी मच" उसके मुंहसे अपनेआप निकल गया.
" आय टू" बोलते हूए उसने उसे टेरेसके खुले फ्लोवरपर अपने और उसके निकाले हूए कपडोका बिस्तर बनाकर धीरेसे फुलोजैसी नाजूकताके साथ उसपर लिटाया.
अब दोनोभी खुले टेरेसपर बिलकुल विवस्त्र होकर आवेगके साथ एकदूसरेसे लिपट गए थे.
चांदके सफेद रोशनीमें , बहते पाणीके मधूर संगीतमें, एकदुसरेकी उत्कट भावनावोंको प्रतिसाद देते हूए उस अंधेरी रातमें वे अपने मधूर मिलनमें प्यारसे धीरे धीर रंग भरने लगे.

ठंडसे एकदूसरेका बचाव करनेके लिए एक दूसरेको कसकर लिपटकर जॉन और अँजेनी टेरेसपरही सोए थे. सुबह पंछीयोंकी चहचहाटसे अँजेनी जाग गई. उसने अपनी आनंदभरी और गहरी निंद से हूए भारी आंखे खोलनेकी कोशीश की. उसे आंखे खोलनेका मन नही हो रहा था. उसे वैसेही जॉनकी बाहोंमे मानो पुरी जिंदगी रहनेका मन कर रहा हो. वैसेही लेटे हूए अवस्था मे उसने हलके अपनी आखे थोडीसी खोलकर देखा. पुरबकी ओर सुबहकी लाली छाई हूई थी. सुबह हो गई .. अब उठना ही चाहिए... उसने अपने कपडे पहनते हूए जॉनको धीरेसे हिलाया.
" जॉन ऊठो, देखो सुबह हो गई.."
"उं..." जॉनने सुस्तीमें अंगडाई ली और उसे फिरसे अपनी बाहोंमे खिंच लिया.
उसने खुदको छुडाते हूए अपने कपडे पहने और फिर उसे जगानेके लिए हिलाया. वह उठ गया. किलकीली आखोंसे इधर उधर देखा और फिर उसकी गोदमें सर रखकर सो गया. उसकी बालोंमे अपनी नाजूक उंगलीया फेरते हूए वह मुस्कुराने लगी. इतनेमें उन्हे अहसास हूवा की शायद निचे बेडरुममें रखा हूवा जॉनका मोबाईल बज रहा है.
" जॉन देखोतो, तुम्हारा मोबाईल बज रहा है.."
यहां आनेके बाद पहली बार जॉनका मोबाईल बजा था. वह एकदमसे उठ खडा हूवा. कपडे पहनते हूए जल्दी जल्दी निचे जाने लगा. वह भी उसके साथ हो ली.
हां जॉनकाही मोबाईल बज रहा था...
मोबाईल उठाकर जॉनने डिस्प्लेकी तरफ देखा. डिटेक्टीव्ह अॅलेक्सका फोन था.
इतनी सुबह अॅलेक्सका फोन ?...
जरुर कोई महत्वपुर्ण बात होगी...
झटसे जॉनने बटन दबाकर मोबाईल कानको लगाया.
" हं बोलो अॅलेक्स " जॉनने कहा.
" जॉन एक बहुत महत्वपुर्ण खबर है... " उधरसे आवाज आया.
अचानक मोबाईलके सिग्नलमे कुछतो डिस्टर्बन्स आने लगा. कुछ सुनाई नही दे रहा था.
" हॅलो हॅलो " जॉन ट्राय करने लगा.
" हॅलो" उधरसे प्रतिसाद आया.
" हं, बोलो ... क्या खबर है ?" जॉनने पुछा.
" खुनीके ठिकानेका पता चल चूका है... तूम जल्दीसे जल्दी ... " उधरसे बात पुरी होनेसे पहलेही कुछ न समजनेवाले टूटे हूए बोल जैसे आवाज आने लगे. और फिरतो वह भी आना बंद हूवा.
" हॅलो हॅलो" जॉनने बोलनेका प्रयास किया.
उसने उसके मोबाईलके डिस्प्लेके तरफ देखा. उसके मोबाईलका सिग्नल गया था.
शायद शहरसे दूर होनेके कारण इस इलाकेमे सिग्नल बराबर नही आ रहा होगा... .
" क्या हूवा ? किसका फोन है ?" अँजेनीने पुछा.
वह फोन लेकर बाल्कनीमें गया. लेकिन सिग्नल आनेका नाम नही ले रहा था.
" अँजी जल्दी तैयार हो जावो.. हमें अब यहांसे जल्दसे जल्द निकलना होगा.." बोलते हूए जॉन बाल्कनीसे सिढीयोंकी तरफ लपका.
सिढीयोंसे दौडते हूए वह टेरेसपर गया. कुछ ना समझते हूए अँजेनीभी उसके पिछे पिछे टेरसपर गई. टेरेसपरभी उसके मोबाईलका सिग्नल नही आ रहा था.
"अॅलेक्सका फोन था ... खुनीके बारेमें कुछतो महत्वपुर्ण जानकारी मिली है उसको शायद ... लेकिन बिचमेंही सिग्नल चला गया... " मोबाईलका डिस्प्ले अँजेनीको दिखाते हूए जॉनने कहा.
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जॉन गाडी चला रहा था और उसके बगलमें अँजेनी बैठी हूई थी. दोनो सिधे सामने रस्तेपर देख रहे थे. एकदम शांत. काफी समयसे उन दोनोंके बिच रही अनैसर्गिक चुप्पी तोडते हूए जॉनने कहा ,
" मैने नही कहा था , यह खुनका किस्सा अभी तक खतम नही हूआ करके.."
अँजेनीने उसकी तरफ देखा.
" खुनी अभीभी खुला घुम रहा है" जॉनने आगे कहा.
" फिर जो मरा था वह कौन था? " अँजेनीने पुछा.
' बहुत सारी संभावनाए है' जॉन अँजेनीकी तरफ देखते हूए कहा.
अँजेनीने उसकी तरफ सिर्फ प्रश्नार्थक मुद्रामें देखा.
" एक तो उसका खुनसे कोई वास्ता नही होगा... या फिर वह खुनीका साथी होगा.. या कीसी इस खुनसे संबंधीत संघटनाका एक क्षुद्र मेंबर होगा" जॉन ने कहा.
" लेकिन अॅलेक्सको ऐसी क्या महत्वपुर्ण जानकारी तुम्हे बतानी थी.? " अँजेनीने प्रश्न उपस्थित किया.
जॉनने कुछ तो खयालमें आये जैसा कहा ,
" देखोतो ... मेरे मोबाईलका सिग्नल आया क्या? "
" तुम्हारा मोबाईल?" प्रश्नार्थक मुद्रामें अँजेनीने पुछा.
जॉनने आंखोसे इशारा कर अँजेनीके उस तरफ सिटपर रखा उसका ओवरकोट दिखाया. अँजेनीने ओवरकोट उठाकर अपने हाथमें लिया. ओवरकोटकी जेबसे मोबाईल निकालकर उसने उसका डिस्प्ले देखा. मोबाईलका सिग्नल अब पुरी तरहसे आ चूका था.
" सिग्नल तो आया है... रुको मै उसे ट्राय करती हू"
अँजेनी अॅलेक्सका फोन ट्राय करने लगी. उसने अपने नाजूक उंगलीयोंसे कुछ बटन दबाकर मोबाईल अपने कानको लगाया. जॉन उत्कंठासे बिचबिचमें एखाद नजर उसपर डाल रहा था.
उसने कानको लगाया मोबाईल निकालकर रिडायल किया.
" क्या हूवा ?" जॉनने उत्कंठासे पुछा.
" मोबाईल स्वीच ऑफ किया हूवा है ऐसा मेसेज आ रहा है " उसने फिरसे मोबाईल कानको लगाते हूए कहा.
थोडी देर बाद उसने फिरसे रिडायल किया लेकिन वही मेसेज बार बार आ रहा था.
" उसने मोबाईल शायद बंद किया है " मोबाईल जॉनके पास देते हूए वह बोली.
जॉननेभी एक-दो बार प्रयास करके देखा. लेकिन व्यर्थ.
" मुझे लगता है उसने मोबाईल जानबुझकरही बंद कर रखा होगा. " जॉन मोबाईल अपने जेबमें रखते हूए बोला.
" जानबुझकर लेकिन क्यों? " अँजेनीने उत्सुकतावश पुछा.
" मोबाईलका संभाषण टॅप होनेकी शायद उसे आशंका होगी. " जॉनने संभावना बताई.
" ऐसा लगता है की अब उसे मिले बैगेर सच क्या है कुछ पता नही चलेगा. " अँजेनीने कहा.
जॉन कुछ ना बोलते हूए फिरसे सिधा सामने रस्तेपर देखते हूए ड्रायव्हींग करने लगा. अँजेनीभी सामने देखते हूए फिरसे अपने सोचमें डूब गई.

जॉनने डिटेक्टीव अॅलेक्सके दरवाजेकी बेल बजाई. अंदरसे हलकासा आवाज आया-
'डिंग डाँग'
जॉन दरवाजा खुलनेकी राह देखते हूए खडा रहा. जॉनने बिचमें आसपास एक नजर घुमाई.
....अॅलेक्स घरमें अकेलाही रहता था. जॉन और अॅलेक्सकी दोस्ती काफी पुरानी थी. घरके सामने जो बागीचा था उसकी अॅलेक्स कुछ खास देखभाल नही करता होगा ऐसा प्रतीत हो रहा था. जब अॅलेक्सकी बिवी जिंदा थी तब उसने बडे शौकसे यह बागीचा बनाया था. लगभग पाच साल पहले अॅलेक्सके बिवीका एक दुर्घटनामें इंतकाल हूवा था. तबसे इस बागकी देखभाल कोई नही करता था. बिच बिचमें वहां का एक चौकीदार किसीको पैसे देकर वह बागीचा ठिक कर लेता था. लेकिन वह नियमित नही होता था. इसलिए वह बागीचा भयाण और रूक्ष दिखता था. बिलकुल अॅलेक्सजैसा. .
बेल बजाकर काफी समय हूवा था. फिरभी अभीतक अॅलेक्सने दरवाजा कैसे नही खोला. ?...
जॉनने फिरसे एकबार बेल बजाई. दरवाजा जोरजोरसे ठोका और फिर दरवाजा खुलनेकी राह देखने लगा.
...अॅलेक्सकी पत्नीकी मृत्यूके बाद उसके व्यक्तीत्वमे बहुत बदल हुवा था. तबसे अॅलेक्सका दोस्तोंके साथ हंसना मस्तीकरना लगभग बंद हो चूका था. उसेके नेचरमेंभी बदलाव आया था. वह अब अकेला रहना पसंद करने लगा था. उसको मां बाप, बेटा कुछ भी आगे पिछे ना होनेके कारण वह और ही बेपर्वा हूवा था. उसकी बिवीही उसका सबकुछ थी और वही ना रहनेसे वह औरही अकेला हो गया था. उसका कामभी ऐसा था की उसका अंधेरेसे जादासे जादा पाला पडता था. लेकिन अब अंधेरेसे उसकी गहरी दोस्ती हो गई थी.
उसकी जिंदगी तबसे निरस बन चूकी थी और उसने उसके बाद किसीभी स्रीको उसके जिंदगीमें आनेके लिए कोई गुंजाईश नही छोडी थी.
अभीभी अॅलेक्सके घरका दरवाजा खुला नही था...
लेकिन अब जॉनको चिंता होने लगी थी. उसेने फिरसे दरवाजा ठोका.
" अॅलेक्स" जॉनने अंदर जोरसे आवाज लगाई.
अंदरसे कोई प्रतिक्रिया नही थी.
जॉन अब अॅलेक्सके घरके बाजूसे पिछे जाने लगा. पिछे जाते जाते उसने एक खिडकीसे अंदर झाककर और नॉक कर देखा. लेकिन अंदर कोई हरकत नही थी. वह घरके पिछवाडे पहूंच गया. पिछेका दरवाजा खुला था. जॉनने फिरसे अॅलेक्सको उसके खुले दरवाजेसे आवाज दिया. तोभी कोई प्रतिक्रिया नही थी. आवाज सिर्फ घरमें गुंजा. अंदर अंधेरा छाया हूवा था. जॉन धीरे धीर अंदर जाने लगा. अब जॉनके दिमागमें अलग अलग भले बुरे खयाल आने लगे थे...
क्या हूवा होगा?...
कुछ अघटीत तो नही घटा?...
उसके सांसोंकी गती विचलित होने लगी थी. अपने आप उसका हाथ उसकी कमरमे लगाए बंदूककी तरफ गया. उसने बंदूक निकाली और बंदूक ताने वह सावधानीसे अंदर जाने लगा. घरमें सब चिजें इधर उधर फैली हूई थी.
वैसेभी अॅलेक्सको चिजें ठिकठाक रखनेकी आदत नही थी....
कभी गुस्सा कर कभी प्यारसे समझाकर उसकी पत्नी उसे चिजे ठिक ढंगसे रखनेकी आदत डालनेका प्रयास करती थी...
लेकिन जबसे अॅलेक्सकी पत्नी गई तबसे घर की जानही चली गई थी. ...
बेडरूममें जातेही जॉनका दिल जोर जोरसे धडकने लगा. बेडरूममें अॅलेक्स बेडपर गिरा हूवा था. जल्दीसे जॉन उसके पास गया.
" अलेक्स..." उसने उसे हिलाकर देखा.
शरीरमें कोई हरकत नही थी. उसने उसकी नब्ज टटोलकर देखी. उसकी नब्ज कबकी बंद हो चूकी थी. जॉनने झटसे अपना मोबाईल निकालनेके लिए जेबमें हाथ डाला. लेकिन व्हायब्रेट होता हूवा मोबाईल उसके हाथमें आया. उसने मोबाईलके डिस्प्लेकी तरफ देखा. वह उसका साथी सॅमका था.
उसने मोबाईल का एक बटन दबाकर उसे अटेंड किया.
" हं सॅम"
"सर एक बुरी खबर है... सर खुनीने चौथा खूनभी किया है... " उधरसे सॅमने कहा.
" क्या ?" जॉनके मुंह से अनायास निकल गया.
" नियोल वॅग्नर .. नॉर्थ स्ट्रीट, 2024.... उसका भी उसी तरहसे खुन हो चूका है.." सॅमने जानकारी दी.

जॉन नार्थ स्ट्रीटको नियोलके अपार्टमेंटमें जानेके लिए अपने गाडी से उतरा, तभी उसे चारो ओरसे प्रेसने घेर लिया.
" मि. जॉन.... आपनेतो कहा था की खुनी मर चूका है... और केस खतम हो चूकी है..."
एक पत्रकार भिडमें अपना कॅमेरा संभालते हूए अचानक जॉनके सामने उसका रस्ता रोकते हूए खडा होगया. भिडसे रास्ता निकालकर वहां पहूचनेतक उस पत्रकारके सारे कपडे और बाल खराब हो चूके थे.
जॉनके पिछे, आजू बाजू सब तरफसे पत्रकार उसे घेरकर खडे थे. वह एकदम सामने आनेसे उसे आगे जानेका रस्ताभी बंद हूवा था. अब उस पत्रकारको कुछतो जवाब देकर कमसे कम अभीके लिए शांत करना जरुरी था. क्या बोला जाए जॉनको कुछ सुझ नही रहा था.
" लेट मी र्फस्ट इनव्हेस्टीगेट द केस ..." ऐसा कहकर जॉनने उसे बाजू हटाया और वह आगे जाने लगा.
पिछेसे वह पत्रकार चिल्लाया -
" सर यू कान्ट जस्ट इग्नोर अस धिस वे"
" यू हॅव टू अॅन्सर अस" दुसरा एक चिल्लाया.
" यस ... यस" बाकी पत्रकारभी चिल्लाकर उन्हे साथ देने लगे.
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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उसके पिछे सब पत्रकार गुस्सेसे चिल्लाते हूए दंगा करने लगे थे. जॉन ब्रेक लगे जैसा रुका. उसने पलटकर देखा. उसे सब पत्रकार मानो खानेको तैयार थे. जॉनका चेहरा बुझसा गया. वह समझ रहा था की गलती पुलिसकी थी.
अब उन्हे कुछ तो समझा बुझाकर शांत करना जरुरी था.
कॅमेरेके फ्लॅश उसपर चमक रहे थे. कॅमेरेके फ्लॅशकी वजहसे वह विचलितसा हूवा. बाकीके पुलिस बडी मुश्कीलसे उन पत्रकारोंको घेरा बनाकर रोके हूए थे.
" इस इनव्हेस्टीगेशनके बाद शामको मै एक प्रेस कॉन्फरंस लेने वाला हूं ... उसमें मै सब विस्तारसे बोलूंगा" जॉन हिंम्मत कर बोला और पलटर तेजीसे चलते हूए अपार्टमेंटमें घुस गया.
पत्रकार कमसे कम उस वक्तके लिए शांत हूए थे. जॉनको खुदकाही आश्चर्य लग रहा था.
उसके मुंहसे वह सब कैसे निकल गया इसका उसेही पता नही था.
वह प्रेस कॉन्फरंसके बारेमे बोला तो था लेकिन प्रेस कॉन्फरंसमें वह क्या बोलने वाला था?...
चलो कमसे कम अबकी तो बला टली. शामका शामको देखेंगे...
ऐसा सोचकर वह लिफ्टमें घुस गया. लिफ्ट बंद हूई. उसने लिफ्टमे बटनोंके लाईनमेसे ढूंढकर 10 नंबरका बटन दबाया.

लिफ्टसे बाहर आकर जॉन फ्लॅट क्रमांक 3 की तरफ जाने लगा. फ्लॅटके खुले दरवाजेके सामने देखनेवालोंकी भीड जमा हूई थी. कुछ रिपोर्टरभी वहां इधर उधर घुम रहे थे. वहा बाहर दरवाजेके पास खडे पुलीस सुस्ताए हूए लग रहे थे. जॉनको देखतेही वे सुस्ताए हूए पुलिस सतर्क होकर हरकतमे आए. वे कुछ कारण ना होते हूए वहा खडे लोगोंको और रिपोर्टरोंको डांटते हूए वहासे भगाने लगे. जॉनको देखतेही वे रिपोर्टर जॉनके सामने आकर उसका रास्ता रोककर खडे हूए. वहा खडे और जॉनके पिछे आए पुलिसने उन्हे लगभग पकडकर बाजू हटाया. जॉन सिधा अंदर चला गया.
अंदर हॉलमें इन्व्हेस्टीगेशनके लोग अपने काम मे व्यस्त थे. जॉन उन्हे डिस्टर्ब नही होगा इसकी सावधानी बरतते हूए बेडरुमकी तरफ चला गया. बेडरूममें सॅम था. जॉनको देखतेही वह जॉनके सामने आया.
" साला कुछभी पत्ता नही चल रहा है " सॅम जॉनको कुछतो बोलना है ऐसे बोला.
' अपनेही डिपार्टमें अगर छेद हो तो कैसे पता चलेगा' जॉनने चिढकर तिरछे अंदाजमें कहा.
जॉनका मूड देखकर सॅमने चूप रहनाही बेहतर समझा. .
बेडरूममे फर्शपर खुनसे लथपथ नियोल वॅग्नरका शव पडा हूवा था. नियोल लगभग पच्चीसके आसपास, एक आकर्षक व्यक्तीत्व का युवक था. वह फ्लॅटमें शायद अकेलाही रह रहा होगा. मतलब फ्लॅटमेंके उसके सामानसे और अबतक उसके बारेमें पुछनेके लिये उसका कोई नही आया था, इसपरसे कमसे कम ऐसाही लग रहा था. नियोलके पेटपरसे बहकर फर्शपर उसका खुन जम गया था. उस तरफसे पिठके निचेसे बहकर एक खुन की धार बाहर आई थी. नियोलके शरीरपर बंदुककी गोलीयोंकी निशानियां तो थी ही साथमे चाकुकी वार की हूई निशानीयां थी. नियोलका मुहं आधा खुला और सर एक तरफ ढूलका हूवा था. जान जानेके पहले वह बहूत तडपा होगा ऐसा लग रहा था. और उसके शरीरपर उसके ऑफिसके या फिर बाहर जानेके लिए पहने रेग्यूलर कपडे थे.
इस परसे लग रहा था की खुनी शायद उसके पिछे पिछेही घरमें घुस गया होगा...
मतलब यह भी एक संभावना!...
कमरेमेंका, नियोलके शरीरपरका, उसके जेबमें जो था वह सब सामान जैसेके वैसा सही सलामत था.
सब मतलब जो किमती था वह...
बाकी कुछ सामान खुनी ले गया था या नही कुछ पता नही चल रहा था. जॉनको अबतकके अनुभवसे पता था की कुछ कातील सभी किमती सामान नही ले जाते. कुछ सामान वे पुलिसको गुमराह करनेके लिए वही छोड जाते है. और उपरसे नियोल अकेला होनेसे कातील क्या ले गया और क्या छोड गया यह समझनेके लिए कोई रास्ता नही था.
नियोलपरसे हटकर जॉनका ध्यान सामने खुनसे भरे दिवारकी तरफ गया.
फिर वही ...
खुनसे निकाला हूवा बडासा शुन्य... शुन्यही था वह...
और उस शुन्यमे कातील छीपा हूवा था...
लेकिन शून्यका मतलब होता है कुछ भी नही...
फिर उसमें कातील कैसा छिपा होगा ?...
शून्यके बिचोबिच खुनसे लिखा था -
" शून्याकी खोज किसने की ?"
फिर इस सवालमे जरुर कातील छिपा होगा ...
जॉन सोचने लगा.
जॉनको अब यह सब गुथ्थी सुलझानेकी सख्त जरुरत महसुस होने लगी थी.
उसने बोलातो सही था की 'शामको प्रेस कॉन्फरंसमे सब बताऊंगा' करके.
लेकिन कमसे कम अभीतो उसकेपास बोलनेके लिए कुछ नही था. मतलब कमसे कम शामतक खुनीका पता लगना जरुरी था.

जॉन उसके बॉसके कॅबिनमें उनके सामने बैठा था. कॅबिनमें वे दोनोही थे. काफी देर तक दोनोमें एक अनैसर्गीक चुप्पी छाई हूई थी.
"अलेक्सकाभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आया है. " जॉनने उसके सामने रखे फाईलके कुछ पन्ने पलटते हूए कहा.
जॉनका बॉस आरामसे कुर्सीपर बैठकर सिगार पीते हूए शांतीसे जॉनको सुन रहा था.
" मृत्यूका कोई कारण नही पता चल रहा है.' जॉनने कहा.
उसके बॉसने मुंहमेसे सिगार निकालकर सामने रखे अॅश ट्रेमे उसकी राख झटकी.
" लेकिन मुझे यकिन है की उसे इन्शुलिनका ओवरडोज देकर मारा गया होगा. ... इन्शुलीनके ओवरडोजसे ऐसाही होता है. पोस्टमार्टममें मृत्यूका कोई कारण नही मिलता और कुछ साबीतभी नही किया जा सकता. ... कभी कभी तो वह कत्ल है या नैसर्गिक मृत्यू यहभी पता नही चल पाता.
जॉनका बॉस कुर्सीसे उठ गया और सिगार पिते हूए खिडकीसे बाहर देखने लगा. फिर पलटकर उसने जॉनसे कहा ,
" देखो जॉन हम यहा नियोलके कत्लके सिलसिलेमे बैठे है... तूमने बिचमेंही इस अलेक्सका क्या लगा रखा है..."
" क्योंकी उसकाभी इस खुनसे संबध है.." जॉन खंबीरतासे बोला.
" उसका इस कत्लसे क्या वास्ता ? तुम पागल तो नही हूए ? वह साला अॅलेक्स कैसे मरा कुछ भी पता नही... और तुम उसको इस केससे जोड रहे हो. " बॉस चिढकर बोला.
" संबंध है इसलिए जोड रहा हू" जॉन आवाज चढाकर बोला.
" अॅलेक्सको शायद उस कातिलका पता चल चूका था... इसलिए उसने अलेक्सकाही खातमा कर डाला.
इतनेमें एक पियून अंदर आगया. पियूनके आहटसे दोनोंका संवाद रुक गया. दोनोंने उस पियूनकी तरफ देखा. पियूनने बॉसके पास जाकर झूककर कहा,
" साहब , बाहर रिपोर्टर लोगोंकी भीड जमा हो गई है."
पियूनने पैगाम दिया और वह वहांसे चला गया.
" रिपोर्टर इस वक्त ? इन लोगोंका क्या दिमाग खराब हो गया है ?.." जॉनका बॉस आश्चर्यसे बोला.
" साले यहां वहां जमा हो जाते है... इनको सिर्फ खबर चाहिए...कौन मरा, कैसे मरा इसका इनको कुछ लेना देना नही होता... " बॉस चिढकर बोला.
" मैनेही शामको प्रेस कॉन्फरंन्स है ऐसा एलान किया था" जॉनने कहा.
" प्रेस कॉन्फरंन्स? तूमने ऐलान किया?... अब यह तो खुदके पैरपर पत्थर मार लेने जैसा होगया... पहलेही सब लोग और मिडीया भडकी हूई है. अब ये लोग हम सबको कच्चा चबा जाएंगे. यह फालतूका काम करनेके पहले तुमने किसको पुछा?"
अब बॉस जॉनपर बहुत आगबबुला हो गया था.
" सर सुबह उनको टालनेके लिए मेरे मुंहसे निकल गया" जॉन अपना बचाव करते हूए बोला.
" मुंहसे निकल गया? मतलब गलतीया तुम करते जावो और निपटना हमें पडे " बॉस कडे स्वरमें बोला.
" सर ... पिछले बार अगर मैने कहा वैसा अगर आप मानते तो यह नौबत हमपर नही आती. " अब जॉनभी अपना आपा खोने लगा था.
" तुम्हे क्या लगता है? पिछली बार तुम्हारा अगर मैने सुना होता तो यह जो नौबत आई है वक कबकी आ चूकी होती... तूमने इन्वेस्टीगेशनमें इतना वक्त लगाया इस बातको जादा उछाला नही जाए उसकी मैने भरसक कोशीश की थी. वैसे तुम्हे मैने ऑप्शन भी दिया था. जल्द से जल्द कातिलका पता लगावो या तुमसे होता नही ऐसा कहकर कमसे कम दुसरेकोभी तो करने दो."
जॉनको क्या बोला जाए कुछ सुझ नही रहा था.
जॉन थोडा नरम रुख अपनाकर बोला " लेकिन अब उन्हे क्या बताया जाये?"
" तुम उसकी चिंता मत करो ... मै सब संभाल लूंगा " बॉसनेभी गिरगटकी तरह अपना रंग बदलते हूए जॉनको तसल्ली देनेके लहजेमें कहा.
बॉसकी तसल्लीसे जॉनको थोडा सुकुन पहूंचा.
बॉसने सिगार सामने रखे अॅश ट्रेमें मसलकर बुझाई और कुर्सीसे उठते हूए बोला "चलो... मेरे साथ"
बॉस उठकर खुले दरवाजेसे 'खाट खाट' जुतोंका आवाज करते हूए बाहर निकल गया और उसके पिछे जॉन चूपचाप चलने लगा.
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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