खौफनाक इमारत (इमरान सीरीज) Hindi noval complete
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Re: खौफनाक इमारत (इमरान सीरीज) Hindi noval
अयाज़ क़ब्र के पत्थर के नीचे से डरावनी आवाज़ें निकालने लगता था और दीवार के करीब पहुँचा हुआ आदमी सहेम कर दीवार से चिपक जाता
इधर अयाज़ क़ब्र के अंदर से मेकॅनिसम को हरकत में लाता और दीवार से तीन छुरिया निकल कर उसकी कमर में धँस जाती
यह सब उसने सिर्फ़ सरगना को पकड़ने के लिए किया था
लेकिन सरगना मेरे हाथ लगा.! अब अयाज़ शायद ज़िंदगी भर अपने बारे में किसी को बताना सके
और कॅप्टन फायज़…मैने उससे वादा किया है कि उसका नाम केस के दौरान कही ना आने पाएगा.! समझे और तुम्हे मेरे वादे का ख़याल करना पड़ेगा.! तुम अपनी रिपोर्ट इस तरह बनाओ कि इसमे कही एक आँख वाली महबूबा भी ना आने पाए
वो तो ठीक है.! फायज़ जल्दी से बोला, वो 10 हज़ार रूपीए कहाँ है जो तुमने सर जहाँगीर से वसूल किए थे
हाँ ठीक है.! इमरान अपनी आँखे फिरा कर बोला.! आधा-आधा बाँट लेते है,
क्यूँ.?
बकवास है, उसे मैं सरकारी ताहवील (हिरासत) में दे दूँगा.! फायज़ ने कहा
हरगिज़ नही.! इमरान ने झपट कर चमड़े का बॅग मेज़ से उठा लिया जो उसे पिछली रात सर जहाँगीर के एक आदमी से मिला था
फायज़ ने उससे हॅंड-बॅग छीन लिया…और फिर उसे खोलने लगा
खबरदार होशियार… इमरान ने चौकीदारो की तरह हांक लगाई
लेकिन फायज़ हॅंड-बॅग खोल चुका था और फिर जो उसने ‘अरे बाप रे’ कह कर छलाँग लगाई है तो एक सोफे पर जा कर पनाह ली
हॅंड-बॅग से एक सियाह रंग का साँप निकल कर फर्श पर रेंग रहा था
अरे, खुदा तुझे गारत करे, इमरान के बच्चे…कमीने.! फायज़ सोफे पर खड़ा हो कर दहाडा
साँप फॅन फैला कर सोफे की तरफ लपका
फायज़ ने चीख मार कर दूसरी कुर्सी पर छलाँग लगाई.! कुर्सी उलट गयी और वो मुँह के बाल फर्श पर गिरा
इस बार अगर इमरान ने फुर्ती से अपने जूते की एडी साँप के सर ना रख दी होती तो उसने फायज़ को डन्स ही लिया होता
साँप का बाक़ी का जिस्म इमरान की पिंडली से लिपट गया और उसे महसूस होने लगा जैसे पिंडली की हड्डी टूट जाएगी.! उपर से फायज़ उस पर घूँसो और थप्पड़ो की बारिश कर रहा था.! बड़ी मुश्किल से उसने दोनो से अपने पीछा छुड़ाया
तुम बिल्कुल पागल हो, दीवाने…वहशी.! फायज़ हांफता हुआ बोला
मैं क्या करूँ जानेमन, खैर अब तुम इसे सरकारी ताहवील में दे दो, अगर कही मैं रात को ज़रा सी भी चूक किया होता तो उसने मुझे अल्लाह मियाँ की ताहवील में पहुँचा दिया होता
क्या सर जहाँगीर…?
हाँ…हम दोनो में मेंढको और साँप का तबादला हुआ था.! इमरान ने कहा और अपने ख़ास अंदाज़ में चूयिंग-गम चबाने लगा उसके चहरे पर फिर वही पुरानी हिमाकत दिखाई देने लगी
दा एंड
Ayaaz Qabr K Patthar K Niche Se Darauni Awaaze Nikaalne Lagta Tha Aur Deewar K Kareeb Pahuncha Hua Aadmi Sahem Kar Deewar Se Chipak Jata
Idhar Ayaaz Qabr K Andar Se Mechanism Ko Harkat Mein Laata Aur Deewar Se Teen Churiya Nikal Kar Uski Kamar Mein Dhans Jati
Yeh Sab Usne Sirf Sargana Ko Pakadne K Liye Kiya Tha
Lekin Sargana Mere Haath Laga.! Ab Ayaaz Shayad Zindagi Bhar Apne Baare Mein Kisi Ko Batana Sake
Aur Captain Fayaz…Maine Usse Waada Kiya Hai Ki Uska Naam Case K Dauraan Kahi Na Aane Paayega.! Samjhe Aur Tumhe Mere Waade Ka Khayal Karna Padhega.! Tum Apni Report Is Tarah Banao Ki Isme Kahi Ek Aankh Wali Mehbooba Bhi Na Aane Paaye
Wo To Thik Hai.! Fayaz Jaldi Se Bola, Wo 10 Hazaar Rupiye Kaha Hai Jo Tumne Sir Jahangeer Se Wasool Kiye The
Haa Thik Hai.! Imran Apni Aankhe Fira Kar Bola.! Aadha-Aadha Baant Lete Hai,
Kyun.?
Bakwaas Hai, Use Main Sarkari Tahveel (Hirasath) Mein De Dunga.! Fayaz Ne Kaha
Hargiz Nahi.! Imran Ne Jhapat Kar Chamde Ka Bag Mez Se Utha Liya Jo Use Pichli Raat Sir Jahangeer K Ek Aadmi Se Mila Tha
Fayaz Ne Uss Se Hand-Bag Chheen Liya…Aur Phir Use Kholne Laga
Khabardar Hoshiyaar… Imran Ne Chaukidaro Ki Tarah Haank Lagayi
Lekin Fayaz Hand-Bag Khol Chuka Tha Aur Phir Jo Usne ‘Arey Baap Re’ Kahe Kar Chalaang Lagayi Hai To Ek Sofe Par Jaa Kar Panaah Li
Hand-Bag Se Ek Siyaah Rang Ka Saanp Nikal Kar Farsh Par Reng Raha Tha
Arey, Khuda Tujhe Gharath Kare, Imran K Bachche…Kameene.! Fayaz Sofe Par Khada Ho Kar Dahada
Saanp Phan Faila Kar Sofe Ki Taraf Lapka
Fayaz Ne Cheekh Maar Kar Dusri Kursi Par Chalaang Lagayi.! Kursi Ulath Gayi Aur Wo Munh K Bal Farsh Par Gira
Is Baar Agar Imran Ne Furti Se Apne Jute Ki Edi Saanp K Sar Na Rakh Di Hoti To Usne Fayaz Ko Dhas Hi Liya Hota
Saanp Ka Baaqi Ka Jism Imran Ki Pindali Se Lipat Gaya Aur Use Mehsoos Hone Laga Jaise Pindali Ki Haddi Toot Jayegi.! Upar Se Fayaz Uss Par Ghunso Aur Thappado Ki Baarish Kar Raha Tha.! Badi Mushkil Se Usne Dono Se Apne Picha Chhudaya
Tum Bilkul Paagal Ho, Deewane…Vehshi.! Fayaz Haanfta Hua Bola
Main Kya Karu Janeman, Khair Ab Tum Ise Sarkari Tahveel Mein De Do, Agar Kahi Main Raat Ko Zara Si Bhi Chuk Kiya Hota To Usne Mujhe ALLAH Miyaan Ki Tahveel Mein Pahuncha Diya Hota
Kya Sir Jahangeer…?
Haa…Hum Dono Mein Mendako Aur Saanpo Ka Tabadla Hua Tha.! Imran Ne Kaha Aur Apne Khaas Andaaz Mein Chewing-Gum Chabane Laga Uske Chahre Par Phir Wahi Purani Himakhat Dikhayi Dene Lagi
The End
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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- Kamini
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Re: खौफनाक इमारत (इमरान सीरीज) Hindi noval complete
mazedar novel hai
- sexi munda
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Re: खौफनाक इमारत (इमरान सीरीज) Hindi noval complete
मित्र नायाब उपन्यास पोस्ट किए हैं आपने
मित्रो नीचे दी हुई कहानियाँ ज़रूर पढ़ें
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