अनाड़ी खिलाड़ी

Jemsbond
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Re: अनाड़ी खिलाड़ी

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thanks all
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
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यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
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Jemsbond
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Re: अनाड़ी खिलाड़ी

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“ट्रिन्न ट्रिन्न ट्रिन्न”
“ट्रिन्न ट्रिन्न ट्रिन्न ट्रिन्न ट्रिन्न ट्रिन्न”

घंटी की आवाज़ से अचानक मन्मथ की नींद उड़ जाती है। वो उठ कर दरवाजा खोलता है तो अपनी माँ और आशका को देख कर हैरान रह जाता है।
“इतनी देर दरवाजा खोलने में”
“मोम में सो रहा था।“
“ओके।“
“लेकिन आप यहाँ कैसे?”
“आशका ने फोन किया था।तुम्हारे पापा रति के पास हॉस्पिटल में है।जैसे ही पता चला हम यहाँ पर आ गए।“
“आशका जाओ आराम कर लो। मैं भी सो जाती हूँ।और मन्मथ तूम आज रात को हॉस्पिटल में ही रुकोगे। शाम को पापा घर चले जाएँगे”
“ओके मोम”

*****

इधर बसित घर से निकलने के बाद लाला को फोन करता है।
बसित : लाला जल्दी से फोर्टिस पहुँच जाओ। लड़की वहीं पर होनी चाहिए।
लाला:ठीक है बॉस। में 10 मिनट में वहाँ पहुंचता हूँ।

दोनों वहाँ पहुँचने के बाद मैन गेट के से थोड़ी दूर पार्क कर के बैठ जाते हैं। वे लोग वहाँ आसानी से नज़र रख सकते थे की कौन आ रहा है और कौन जा रहा है। किसी देखने वाले या सेक्युर्टी वाले को शक भी नहीं होना था। ऐसा लग रहा था की वो रिलेटिव है जिसका कोई हॉस्पिटल में एड्मिट है। लाला पेसेंजर सीट में बैठा था और उसका मोटा पेट ऑल्मोस्ट कार के डेशबोर्ड को छु रहा था। उसने एक छोटा सा पिंक जेकेट और छोटी सी पिंक टोपी पहनी थी।
लाला : बॉस आपको कैसे पता चला लड़की वहीं पर होगी?
बसित: जब हम पीछा कर रहे थे वो एरिया यहाँ से सिर्फ 1 किलोमीटर की ही दूरी पर है। वो यकीनन यहाँ पे इलाज करवा ने आई होगी। और मेंने पता भी किया कल रात एमर्जन्सि में कोई एड्मिट हुआ था या नहीं। तब पता चला एक लड़की एड्मिट हुई थी। बेहोशी की हालत मैं। उसे आईसीयू में रखा है।
लाला: बहुत खूब बॉस। लेकिन उस लड़की से क्या प्रोब्लेम है आप को?
बसित: लड़की से नहीं उसके बाप से प्रोब्लेम है। लेकिन वो साला मर गया। और मेरे पैसे डूब गए।
लाला:मतलब?
बसित: इसके बाप ने मुझ से अपना नया बिज़नस सेट करने के लिए 25 करोड़ लिए थे। लेकिन बिज़नस सेट हो उस से पहेले ही वो अल्लाह को प्यारा हो गया। ये डील सिर्फ मेरे और उसके बीच में हुई थी। तो किसी को कुछ नहीं मालूम। यह अभिमन्यु के पास रहेती है। मई उस से भी मिला लेकिन उसे भी कुछ नहीं पता। और वो साला इतनी बड़ी हस्ती है की मैं उसको कुछ भी नहीं कर सकता। उसके पॉलिटिकल कनैक्शन मुझ से भी ज्यादा है। तो मैं इस लड़की को अगवा कर के पैसे निकलवाना चाहता था। पर साली लड़की बहुत शाणी निकली और मुझे चकमा दे कर भाग गयी।
लाला: हम्म अब क्या करेंगे?
बसित: पहेले पता लगाएंगे कौन कौन उसको मिलने आता है। फिर सोचेंगे क्या करना है। बस एक बार लड़की मिल जाये फिर देखता हूँ बहनचोद अभिमन्यु क्या करता है।

बसित की आवाज़ और एक्स्प्रेशन इतने खतरनाक थे की लाला ने दूसरी तरफ नज़र कर ली। लाला भी बसित को पसंद नहीं करता था उसके गुस्से का कई बार शिकार हुआ था जिस की वजह से उसके शरीर पर कई घाव हो गए थे। वैसा ही एक घाव उसके दाये हाथ पर था जिसे देखते ही उसकी नफरत और बढ़ गयी। सिर्फ मौत का डर ही उसे बसित का साथ देने को मजबूर कर रहा था। उसका मूह सुख गया था और उसने अपनी जीभ अपने सूखे होंटो पर फिराई और कार की खिड़की से सामने देखने लगा।

हॉस्पिटल में लोगो का आना जाना बढ़ रहा था। कार, बाइक, साइकल, एम्ब्युलेन्स की आवाजाही हो रही थी। कुल मिला कर हॉस्पिटल के लिए यह एक नॉर्मल दिन था। कुछ ही देर में बसित अधीर होने लगा। लाला जानता था की यह एक खतरनाक निशानी है। उसकी फ्रस्ट्रेशन देखते ही बनती थी। उसके हात स्टेयरिंग को दबा रहे थे जैसे उसके तोड़ ही डालेगा। बसित के लिए किसी भी चीज़ का सोल्यूशंस था हिंसा। कुछ प्रोब्लेम हो तो सामने वाले को पीटो अगर ज्यादा प्रोब्लेम हो तो हाथ पाँव तोड़ डालो और उस से भी ज्यादा तो हत्या कर दो। लाला को लगा की कोई उसे घूर रहा है। उसने देखा तो बसित उसके सर को ही घूर रहा था। लाला सोचता है “अरे बहनचोद मर गयाआज फिर से पेलेगा।“

बसित: यह चूतिये जैसे गुलाबी कलर वाली टोपी क्यों पहेनि है? कितनी बार कहा है यह रंडियो वाला कलर मुझे पसंद नहीं।
लाला: गलती हो गयी बॉस। मैं भूल गया था।
लाला ने टोपी उतरी और खिड़की से बाहर फेंक दी। यह टोपी उसकी माँ ने बनाई थी और उसकी आखरी निशानी थी। लेकिन फिर भी जान है तो जहां है सोच कर उसने टोपी फेंक दी। उसकी आंखे भर आई थी पर वो रो भी नहीं सकता था। वरना बसित यही पर उसे धोना शुरू कर देता।

बसित: भोसडी के तू सुनता भी है मैं जो बोलता हूँ वो?

बसित की गर्दन की नसे फूल गयी थी और आंखे गुस्से से लाक हो रही थी और ऐसा लग रहा था की अभी बाहर आ जाएंगी। उसने मुट्ठी से स्टेयरिंग ज़ोर से पकड़ लिया था। ऐसा लग रहा था की वो अभी के अभी फट जाएगा गुस्से से।
लाला: माफ करना बॉस। मुझे वो टोपी बहुत पसंद है। वो मेरी माँ की आखरी निशानी थी।
बसित: अगली बार ऐसा हुआ तो गाँड़ मार दूंगा।

लाला एक छोटे से पिल्ले की तरह मिमिया रहा था बसित के सामने उसका दिल जोरों से धडक रहा था। यह पहेली बार था की बसित के किसी चीज़ के मना करने पर उसने उसकी खिलाफत में कुछ कहा था। वैसे तो लाला ने भी कई लोगो को पीटा था कई लोगो के हाथ पैर तोड़े थे एक दो मर्डर भी किए दे लेकिन बसित के आगे उसका कोई चान्स नहीं था। बसित की ताकत इतनी थी की वो कुछ करने की सोच भी नहीं सकता था। तभी उसे अपने पेट में दर्द सा महेसूस होता है। बसित ने उसके पेट में एक ज़ोर का घूंसा मारा था। वो दर्द के मारे दोहरा हो गया था। वो कराह ही रहा था और दूसरे वार की राह देख रहा था की तभी उसे एक गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ आई और उसने देखा तो एक काली मर्सिडीज में से कोई रोबदार आदमी जा रहा था। उसने देखा बसित उस आदमी को घूर रहा था। बसित के होंटो पर शैतानी मुस्कान नाच उठती है। वो बोलता है “जब तुम्हें वो टोपी इतनी पसंद है तो डाल लो अपनी गांड में” लाला ने अपनी किस्मत को और उस आदमी को धन्यवाद दिया और झट से नीचे उतर कर टोपी लेली। अंदर आ कर उसने कहा “वो कौन था बॉस”
बसित: वो अभिमन्यु सिंह था।
फिर धीरे से एक खौफनाक आवाज़ में बोलता है “मैं आ रहा हूँ अभिमन्युसिंघ तुम्हारे लिए। मैं तुम्हें ऐसी मौत दूंगा की दुनिया याद रखेगी।“
बसित कार स्टार्ट करता है और यू-टर्न ले कर उस मर्सिडीज के पीछे लेता है। वो थोड़ा ही दूर गया होगा की उसे पीछे से हॉर्न की आवाज़ आती है वो रियर व्यू मिरर में देखता है तो एक जीप जिसमे कमांडो टाइप के हथियारबंद लोग थे वो साइड मांग रही थी। वो साइड दे देता है और देखता है तो वो अभिमन्यु की गाड़ी के पीछे टेलगेटिंग करी हुई जाने लगती है। बसित के माथे पर शिकन आ जाती ही वो देखता है तो वैसी ही एक जीप आगे पाइलोटिंग कर रही थी अभिमन्यु की गाड़ी को। कुल मिलाकर 10 कमांडो अभिमन्यु के आगे और पीछे थे। बसित को अपना काम मुश्किल होता दिख रहा था। वो सोच ही रहा था की वो इस काम को कैसे अंजाम दे की वो गाडियाँ एक गेट में दाखिल हो जाती है वो बोर्ड पढ़ के अपने सर पीट लेता है। अभिमन्युसिंघ पुलिस कमिश्नर की ऑफिस में गया था। यह तो बसित को भी क्लियर हो गया था की अभिमन्यु पुलिस से भी मदद लेगा। और कुछ भी करना होगा तो प्लानिंग के साथ और वो बसित के बस की बात नहीं थी। वो धीरे धीरे गाड़ी आगे ले लेता है और फिर से हॉस्पिटल के रास्ते पर चलने लगता है। और पहेले जहां खड़ा था वही पर जा कर मायूस हो कर खड़ा हो जाता है। उसे हॉस्पिटल में घुस कर लड़की को मारना या अगवा करना अब तो नामुमकिन लग रहा था। वो अपना सर पकड़ कर बैठ जाता है।
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NISHANT
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Re: अनाड़ी खिलाड़ी

Post by NISHANT »

VERY NICE UPDATE
LEKIN UPDATE JALDI JALDI DIYA KARO
Jemsbond
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Re: अनाड़ी खिलाड़ी

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हॉस्पिटल में अभी तक रति को होश नहीं आया था लेकिन उसकी हालत बेहतर थी इसलिए उसे आईसीयू से निकाल कर स्पेशल रूम में शिफ्ट कर दिया गया था। आशका भी उसके साथ थी। शाम होने पर मन्मथ हॉस्पिटल में जाता है और आशका अपने घर चली जाती है। वो काफी थकी हुई लग रही थी। सब के मना करने के बावजूद मनीषा भी हॉस्पिटल आई थी। यह बोल कर की लड़की हॉस्पिटल में है तो कुछ काम ऐसे होंगे की मन्मथ नहीं कर पाएगा तो किसी महिला का वह होना आवश्यक है। यह सुन कर मन्मथ की माँ भी उन के साथ आ गयी। अब रूम में स्पेस सिर्फ 2 लोगो के लिए ही थी तो मन्मथ बाहर लॉबी में जा कर एक खाली बेंच पर बैठ जाता है। पिछले कुछ दिनो की भाग दौड़ से वो थक गया था और जल्द की उसे नींद आने लगी तो वो bench पर ही लेट गया और सो गया। तभी उसकी नींद किसी के बुलाने पर खुल जाती है। वो देखता है तो मनीषा उसे उठा रही थी।

“डॉक्टर बुला रहे है। शायद कुछ मेडिसिन वगैरा मंगवानी होगी।“
वे दोनों कमरे में जाते हैं वहाँ पर एक डॉक्टर और एक नर्स खड़े होते हैं और रति को एकसमीन कर रहे होते हैं। मन्मथ घबरा जाता है

“डॉक्टर कोई सिरियस बात तो नहीं है ना?”

डॉक्टर ने उसे देखा फिर हंस कर कहा “नहीं। सिर्फ ये दवाइया ले आओ। यह दवाई हॉस्पिटल के स्टोर में नहीं होंगी। तुम्हें बाहर से ले कर आणि होगी। ला कर मुझे दिखा देना मैं फिर बताऊंगा उसे कैसे देना है।“

“ठीक है। लेकिन डॉक्टर इसे कब तक होश आएगा?”

“जल्द ही। सिचुएशन इम्प्रूव हो रही है। पिछले दो दिनो मैं काफी इम्प्रोवेमेंट दिखाया है।लेट्स होप फॉर द बेस्ट।और हाँ मेरा ऑफिस इसी फ्लोर पर है। आस्क फॉर डॉ कार्तिक’स ऑफिस।“

तभी उसकी माँ बोल उठी है “डॉ यह manmathभी काफी दुबला हो गया है। अगर आप एक बार इसे भी एकसमीन कर लेते तो अच्छा होता।“
डॉ ज़ोर से हंस देते हैं। “माँ का दिल। ठीक है में इसे भी एकसमीन कर लूँगा और बॉडी ग्रोथ की दवाई भी लिख दूंगा अगर जरूरत पड़ी तो। पर पहेले यह दवाई ज़रूरी है।“

मन्मथ अपनी माँ को कोसते कोसते जल्द ही वहाँ से निकल जाता है वहाँ से और दो घंटे के बाद दवाई ले कर आता है और डॉ कार्तिक का ऑफिस ढूँढने लगता है। एक ऑफिस पर नेम प्लेट लगी थी डॉ कार्तिक के नाम की। लेकिन वो बंद था। वो परेशान हो जाता है और सोचता है क्या करे। वो सिस्टर’स रूम में जा कर पूछता है “डॉ कार्तिक ने यह दवाई मँगवाई थी। लेकिन वो नहीं है ऑफिस में।“
नर्स : “वो तो चले गए। उनकी शिफ्ट खतम हो गयी। वोनाइट ड्यूटी वाले डॉक्टर को बता कर गए होंगे। रूम नो 803 में जाओ वो डॉक्टर’स रूम है।“

मन्मथ 803 में जाता है वहाँ पे एक और नर्स बैठी होती है। मन्मथ डॉ कार्तिक के बारे में कहता है।
नर्स: हाँ। डॉ कार्तिक बता कर गए है।
वो दवाई चेक करती है और बोलती है ठीक है इसे दिन में 3 टाइम देना है इसे पेशंट के पास ही रखो। बाद में चेकअप रूम में आ जाना डॉ ने तुम्हारा चेकअप करने को बोला है। मन्मथ दवाई दे कर चेकअप रूम में आता है। नर्स उसे कपड़े उतारने को कहती है और एक हॉस्पिटल का गाऊन दे देती है और चली जाती है।

मन्मथ थोड़ा घबरा रहा था एक तो वो डॉक्टर के चेकअप रूम में था और गाऊन पहन कर उसे अजीब सी फीलिंग आ रही थी। नर्स उसे बोल कर तो गयी थी की डॉक्टर जल्द ही आ जाएंगे उसे इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। रात का समय था और फ्लोर पर कोई नहीं था। सन्नाटा छाया हुआ था और मन्मथ डॉक्टर का इंतज़ार करते करते बोर हो रहा था। ठंड बढ़ गयी थी तो उसके रोंगटे खड़े हो गए थे। उसने सोचा “यह डॉक्टर के ऑफिस इतने ठंडे क्यों होते हैं? एसी भी चालू नहीं है फिर भी इतनी ठंड लग रही है।“
मन्मथ को यह समझ नहीं आ रहा था की सिर्फ चेकअप के लिए सारे कपड़े क्यों उतरवा दिये? और माँ को भी क्या जरूरत थी यह सब करने की। वो तो सुपेरिओर शेप में था एकदम हट्टा कट्टा। मन्मथ चेकअप रूम में आस पास नज़र डालता है। कई टाइप के चार्ट्स लटक रहे थे और कई मेडिकल बुक्स और मेगेजीन्स पड़े थे डॉक्टर के टेबल पर। वो उठ कर एक मेगेजीन उठा ही रहा था की अचानक दरवाजा खुलता है और नर्स अंदर आती है “ तुम ठीक तो हो ना?”
“हाँ ठीक हूँ।सिर्फ थोड़ी ठंड लग रही है।“शर्मीली मुस्कुराहट के साथ मन्मथ ने नर्स को कहा।
मन्मथ काफी हेंडसम था और ऊपर से उसकी यह मुस्कुराहट ने नर्स की धड़कन तेज़ कर दी। और इधर मन्मथ भी अन ईज़ी फील कर रहा था। एक तो हॉस्पिटल गाउन और उसके नीचे कुछ नहीं पहना था। उस पर एक क्यूट नर्स बार बार आ कर उस से बात कर रही थी। उसकी धड़कने बढ़ गयी थी उस नर्स को देख कर। नर्स के सिल्की डार्क ब्राउन बाल, छोटी सी नाक, भरे पूरे होंठ, लाइट ब्राउन आंखे वो देखता ही रहा। नर्स भी उसे ऐसे अपने और देखता हुआ देख कर शर्मा गयी। उसने लेब कोट पहेना था जिस के बटन खुले थे और उसके अंदर उसने डीप नेक टॉप पहेना था जिस में से उसकी गलियों का दर्शन हो रहा था मन्मथ को। उसने नर्स से उसका नाम पूछा नर्स ने कहा “जेनी” जेनी 24 साल की एक मदमस्त लड़की थी। मन्मथ ने पहेली बार किसी एडल्ट लड़की को इतने करीब से देखा था। नर्स ने ब्लड प्रैशर नापने की मशीन निकाली और मन्मथ के आर्म्स पर लगाई और पम्प प्रैस करने लगी। मन्मथ का दिल और ते से धड़कने लगा जेनी उसके काफी करीब थी और उसकी खुशबू जैसे मन्मथ को नशे में डूबा रही थी।

जेनी ने कहा “तुम्हारा ब्लड प्रैशर काफी ज्यादा है एक 18 साल के लड़के ले लिए। क्या सोच रहे थे? गर्ल फ्रेंड के बारे में?” बोल कर वो खिलखिला कर हंस देती है। मन्मथ कुछ नहीं बोल पाता सिर्फ एक ज़ोर की सांस लेता है। वो गाउन के अंदर बिलकुल नंगा था और यह खूबसूरत नर्स उसके साथ फ्लर्ट कर रही थी।
“मैं हीटर चालू कर देती हूँ। कुछ ही देर में डॉक्टर आएंगे तब तक तुम आराम करो।“
जैसे ही हीटर ऑन होता है मन्मथ की ठंडी गायब होने लगती है और उसे इस गर्माहट में सुकून मिलता है। वो लाऊंज चैर पर लेट जाता है और डॉक्टर का वेट करने लगता है।

उसे दरवाजे के बाहर कुछ आवाज़े सुनाई देती है दरवाजा खुलता है और जेनी अंदर आती है। बोलती है “डॉक्टर आ गए हैं। यह है डॉक्टर इशानी“बोल कर वो दरवाजे से हट कर खड़ी हो जाती है। मन्मथ का दिल जैसे धड़कना बंद हो गया। उसकी साँसे रुक गयी और देखता ही रहा। उसकी नयी कृश क्यूट नर्स के बगल में एक 30 साल की खूबसूरत औरत खड़ी थी। उसे लगा इस से खूबसूरत दुनिया में कोई हो ही नहीं सकता। उसे अपनी मैथ्स टीचर की याद आ जाती है जिस पर उसे बचपन में कृश था। लेकिन यह तो उन से कई गुना ज्यादा खूबसूरत थी। डॉ इशानी के बाल जेननी की ही तरह सिल्की और ब्राउन थे जिनहे उसने पोनी टेल में बंधे हुए थे। उसकी आंखे गोल्डेन ब्राउन कलर की थी, और उसकी स्किन जैसे सोने जैसी थी गोल्डेन। वो इंडियन नहीं बल्कि किसी लेटीनो ब्युटि जैसी लग रही थी एक्सोटिक। इशानी ने भी लेब कोट पहेना था जिस पर उस नेम टेग था। उसके अंदर एक व्हाइट टॉप और एक छोटी सी स्कर्ट पहेनि थी जिस में से उसके पेरफक्तली शेप्ड टाँगे और उसमे हाइ हिल्स। वो टाँगे देख कर सोचता है डॉ काफी वर्क आउट करती होगी तभी इतनी शेप में है।

उसके रोंगटे फिर से खड़े होने लगे थे और उसका चेहरा गरमाने लगा था और लाल हो गया था। इन दो खूबसूरत हसीनाओ के सामने वो इस बेवकूफाना गाउन में अच्छा नहीं फील कर रहा था। उसे पता नहीं चला क्या कहे उसने कहा

“हैलो डॉ।“
“हैलो मन्मथ। “ इशानी ने अपनी सुरीली आवाज़ में कहा।
मनमथ को अन ईज़ी फील करता देख कर डॉ ने कहा “यह तुम्हारा फ़र्स्ट टाइमचेकअप है न फ़ीमेल डॉ से?”
“ज ज जी डॉ।“
“इसमे डरने वाली कोई बात नहीं है। डॉ तुम्हारा अच्छे से चेक अप करेंगी और में भी यहीं रहूँगी। हम पूरी कोशिश करेंगे की तुम्हें कोई तकलीफ नहीं हो” – जेनी
“ओके” मन्मथ बोल कर हल्के से मुस्कुरा देता है।
“वेरी गुड। क्या खूबसूरत स्माइल है। आवाज़ भी अच्छी है। “ – डॉ इशानी
मन्मथ रीएक्ट नहीं कर पाता और डॉ को अपनी तरफ घूरता पाता है। और उसे लगता है डॉ ने उसको एक छोटी सी स्माइल दी वो और भी कन्फ्युज हो जाता है। जेनी की भी येही हालत थी।

इशानी : “तुम्हारा फुल्ल बॉडी चेक अप करने को कहा है डॉ कार्तिक ने।तुम्हारे पापा के दोस्त है और हमारे सीनियर तो हम पूरी कोशिश करेंगे के हमारा काम में कोई कमी ना हो।“

मन्मथ: “ओके डॉ”

इशानी : “तुम्हें पता है प्रोस्टेट ग्लैंड क्या होता है?”

मन्मथ ने सुना तो था लेकिन फिर भी बोलता है “शायद नहीं”
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Re: अनाड़ी खिलाड़ी

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उसने उनदोनों हसीनाओ को फिर से हँसते हुए देखा और देखा की जेनी का कोट एक तरफ से थोड़ा सा हट गया था जिस में से उसकी एक तरफ की बड़ी चुचि दिखाई दे रही थी। उसके सिल्की टॉप में से उसके निपल का इम्प्रैशन दिखाई दे रहा था वो नोटिस करता है की जेनी ने ब्रा नहीं पहेनि थी। वो ऊपर देखता है तो जेनी को मुसकुराते हुए पाता है जेनी उसे देख कर एक आँख मार देती है और अपने होंटो से फ्लाइंग कीस देती है। मन्मथ को अब एक्सट्रा हार्डनेस्स लग ने लगी थी अपने बाबुराओ में।

डॉ: में कुछ टेस्ट करना चाहूंगी। यह कंप्लीटली ऑप्शनल है। तुम अगर न चाहो तो हम नहीं करेंगे।
मन्मथ : ओके।

मन्मथ की रजामंदी देख कर डॉ जेनी की और देखती है। जेनी मन्मथ को एक्षामिनेशन टेबल पर लेटा देती है और कहेती है “मन्मथ मैं तुम्हारा गाउन उतार कर तुम्हारे गोद में रख रही हूँ ताकि डॉक्टर चेक कर पाये। “

जेनी पास में गयी और झुक कर मन्मथ के दोनों कंधो पर से गाउन उतारने लगी और उसने गाउन मन्मथ के गोद में रख दिया। जेनी मन्मथ के इतनी पास थी की वो उसकी बॉडी को स्मेल कर सकता था। उसकी एक्सोटिक खुशबू फिर से सूंघ कर मन्मथ वापस नशे में जाने लगा लेकिन इस बार उसके शरीर की गर्मी भी उसे महसूस हो रही थी। उसने जेनी का चेहरा लाल होते हुए देखा और देखा की वो भी उसकी आंखो में देख रही है। जेनी गाउन उतारने के बाद डॉ के सामने खड़ी हो गयी। दोनों अब आधे से भी ज्यादा नंगे मन्मथ के जिस्म की और देख रहे थे।

दोनों मन्मथ की और देख रही थी। उसकी आंखे, लिप्स, चौड़े कंधे, एथेलिट जैसा कसा हुआ शरीर, सिक्स पेक एब्स तो नहीं थे लेकिन रेगुलर वर्जिश की वजह से कसा हुआ शरीर था। किसी फिट स्वीम्मर के जैसा। मन्मथ ऑल्मोस्ट नंगा था और उस पर दो खूबसूरत हसीनाए उसको देख रही थी इस हालत में उसने महसूस किया की दोनों की साँसे भरी हो चली थी। जेनी के निपल्स सख्त हो कर उसे टॉप में से बाहर आने को बगावत कर रहे थे और इशानी के होंठ गीले हो चले थे।

डॉ :”मन्मथ अब में सेंसिटिविटी और रिएक्शन चेक करूंगी जिस में जेनी भी मेरा साथ देगी। तुम्हें घबरानेकी या शर्माने की कोई जरूरत नहीं है।“

मन्मथ: “ओके” उसकी साँसे भी भारी हो रही थी।

डॉ: उठ कर वो जो ऊपर आइरन बार दिखाई दे रहा है उसे दोनों साइड से पकड़ो।

मन्मथ देखता है तो वो बार करीबन 2 फीट ऊपर था। मन्मथ थोड़ा सा उठता है और वो बार पकड़ लेता है। उसके हाथ शरीर के ऊपर बार के हैंडल को पकड़े हुए थे और उसके पीठ बिलकुल सीधी थी। यह पोसिशन से मन्मथ की सॉफ्ट और स्मूद गाँड़ के भी दर्शन हो रहे थे।
डॉ: इसी पोसिशन में रहना। हिलना मत।
डॉ और जेनी उसकी पीठ की और देखते हैं और फिर उसके गांड की और। एक दूसरे को देख कर दोनों मुस्कुरा देते हैं। डॉ उसकी लेफ्ट साइड पर और जेनी उसकी राइट साइड पर खड़े थे।
डॉ: में तुम्हारा स्पाइनल कॉलम चेक कर रही हूँ।
मन्मथ: ओके
अचानक मन्मथ ने डॉ की सॉफ्ट उँगलियाँ महसूस की अपनी गर्दन पर। कुछ देर तक वो वहीं रही फिर उसने मूवमेंट महसूस की उन उँगलियों की अपने कान के पीछे की तरफ और फिर वहाँ से फिर से गर्दन की और। उसकी साँसे भरी हो गयी। उसे इशानी के हर एक स्पर्श से गुड़गुड़ी सी महसूस हो रही थी।

डॉ: में सिर्फ तुम्हारी सेंसिटिविटी चेक कर रही हूँ न्यूरो स्टिम्युलस के दौरान। जेनी तुम भी मेरे मोवेमेंट्स को मिरर करो आगे से। ताकि पता चले कहीं इमबैलन्स तो नहीं है।

जेनी: जी डॉ।

जेनी पास में आई और अपने दाहिने हाथ की उँगलियाँ मन्मथ के गले से ले कर उसकी गर्दन और फिर वहाँ से उसके दिल तक हल्के से घूमने लगी। मन्मथ के शरीर में ठंड बढ़ रही थी और उसके रोंगटे फिरसे खड़े हो रहे थे।

डॉ ने यह क्रिया उसके जारी रखी उसके गर्दन से बाए हाथ की और वहाँ से उसकी कलाई की और हल्के से वो अपनी उंगली घूमा रही थी। जेनी भी राइट साइड पर सेम कर रही थी। धीरे धीरे दोनों उंगली उसके बाई-सेप्स से होकर उसकी आर्म पिट्स तक पहुँच गयी और वहाँ मन्मथ को गुदगुदी हुई तो मन्मथ के हाथ से बार छूट गया और वो धम्म से नीचे बैठ गया।

डॉ: मन्मथ डीयर ऐसा नहीं चलेगा। तुम हमे चेक अप नहीं करने दे रहे। ऐसा दोबारा नहीं हो सकता जेनी इसके हाथ बार से बांध दो।

जेनी: जी डॉक्टर।
जेनी जा कर ड्रोवर में से रिस्ट स्ट्रेप ले आती है। यह स्ट्रेप्स 2 इंच चौड़े थे जिनहे जेनी एक साइड से बार पर लगाती है फिर धीरे से मन्मथ का राइट हेंड पकड़ कर एक लूप में और डालती है और उसे टाइट बांध देती है। इसी तरह डॉ भी उसके लेफ्ट हेंड पकड़ कर बांध देती है। और एक स्विच दबा देती है जिस से वो बार थोड़ा और ऊपर हो जाता है। जिस से मन्मथ का शरीर थोड़ा ऊपर की और खींच जाता है।

डॉ : मन्मथ चिंता मत करो तुम्हें कुछ दर्द नहीं होगा तुम्हें जल्द ही अच्छा लगने लगेदा सिर्फ हमे हमार काम करने दो।

मन्मथ को विश्वास नहीं हो रहा था की उसके साथ यह सब हो रहा है। वो चेकअप रूम में लगभग नंगा बैठा था उसके हाथ बंधे हुए थे और दो सुंदर औरते उसके शरीर को सहला रही थी। इस की वजह से उसके शरीर में अजीब तरह की हलचल मच रही थी।

डॉ: फिर से कोशिश करते हैं।

फिर से दो मुलायम हाथ मन्मथ के शरीर पर घूमने लगे। वे दोनों अपनी उँगलियाँ मन्मथ की पीठ, गर्दन, गले पर और छाती पर फिरा रही थी। मन्मथ के रोंगटे फिर से खड़े होने लगे और उसके मूह से धीरे से आह निकाल गयी। उसे दो उँगलियाँ अपनी नाभि में और दो उँगलियाँ अपने आर्म्स पर रेंगती हुई दिखाई दी। उस से यह मीठा टोर्चर बरदाश्त नहीं हो पा रहा था। धीरे धीरे वो उंगली फिर से उसके अर्म्पिट्स पर जाने लगी। मन्मथ घबराने लगा की वो फिर से कोई गलती न कर दे ताकि ये लोग उसके हाथ और टाइट बांध दे। जैसे ही उँगलियाँ उसकी अर्म्पिट्स पर घूमने लगी उसने हाथ नीचे करने का ट्राय किया लेकिन उसके हाथ बंधे हुए थे जिस की वजह से वो नीचे नहीं आए और उसके मूह से ज़ोर से सिसकारी निकाल गयी। जिसे सुन कर दोनों लड़कियां हस पड़ी।

डॉ: बहूत बढ़िया मन्मथ। अभी तक सब कुछ ठीक है। अपनी बॉडी को रिलैक्स करो। तुम्हारे रीएक्शन वैसे ही है जैसे होने चाहिए। जेनी अब अपने दोनों हाथ यूज़ करो।

दोनों लड़कियां अपने दोनों हाथो को मन्मथ के शरीर के ऊपर घुमाने लगी। जेनी ने तभी अपनी उंगली उसके निपल पर रख दी और हल्का सा दबाया जिस से मन्मथ बोल पड़ा “ओह माइ गोड़” अब उसके लिए यह सहन करना मुश्किल हो रहा था। उसे अपने लंड में सरसराहट होती महसूस हुई और वो इतना सख्त हो गया था की उसे वहाँ दर्द होने लगा था। वो सोच रहा था की डॉ और नर्स क्या सोचेंगे उसे इस्स हालत में देखेंगे तो।

इधर डॉ की उँगलियाँ पीठ से होते हुए धीरे धीरे उसके कूल्हो की और बढ़ रही थी और जेनी की उँगलियाँ उसके पेट से होती हुई नीचे की और। जेनी की उँगलियाँ बढ़ती हुई उसकी झांटों की और पहुँच गयी और उसके लंड़ के बेस तक पहुँच गयी थी जो की पूरा खड़ा था जिस की वजह से जो गाउन ने कवर कर रखा था वो थोड़ा ऊपर की और उठ गया था। जेनी की नज़र वहाँ जाती है वो धीरे से अपनी नजरे उठती है और मन्मथ को आँख मार देती है। मन्मथ हड्बड़ा जाता है तभी डॉ हल्के से उसके एक कूल्हे को दबा देती है मन्मथ ने यह एकस्पेक्ट नहीं किया था वो आऊच बोल उठता है और थोड़ा सा ऊपर की और उठ जाता है। गाउन जो की उसकी गोद में था वो नीचे गिर जाता है और उसका 8 इंच लंबा और 3 इंच चौड़ा लंड उन दोनों लड़कियों के सामने आ जाता है।

मन्मथ: डॉ, सॉरी मुझे पता नहीं क्या हो रहा है मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पाया।

डॉ: शरमाने को कोई बात नहीं है। जैसा मैंने पहेले भी कहा की तुम्हारे सारे रिएक्शन नॉर्मल है। सिर्फ रिलैक्स करो और अपनी ट्रीटमंट एंजॉय करो।

मन्मथ थोड़ा रिलैक्स होता है पर अभी भी वो आधा लटका हुआ था बार पर और उसका उस्ताद खड़ा हुआ। किसी होलीवूड मूवी के सीन जैसा लग रहा था जैसे की जेम्स बॉन्ड को टोर्चर किजा जाता है।

डॉ: जेनी गर्मी लग रही है ना?

जेनी: हाँ डॉ।

डॉ: एक काम करो हीटर बंद कर दो और हम भी अपने कोट उतार देते है ताकि हम भी गर्मी से परेशान ना हो।
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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