thanks bhaishubhs wrote:बिंदास
ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का ) complete
- kunal
- Pro Member
- Posts: 2731
- Joined: 10 Oct 2014 21:53
Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
- Pro Member
- Posts: 2731
- Joined: 10 Oct 2014 21:53
Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
साक्षी ने सोनू की पेंट की जीप खोलकर एक ही झटके में उसके लॅंड को कान पकड़ कर बाहर खींच लिया...
उत्तेजना इतनी अधिक बढ़ चुकी थी उसमे की उसे साँस लेने में भी मुश्किल हो रही थी...
सोनू का लंड बाहर निकलते ही वो उसपर टूट पड़ी...
और सोनू एक हाथ कार के स्टेयरिंग पर और दूसरा उसके सिर पर रखकर,आँखे बंद करके एक जोरदार सिसकारी मारते हुए अपना लंड चुसवाने लगा...
ये वही लंड था जो कुछ देर पहले चाँदनी की गांड में जाकर हाहाकार मचा रहा था
और अब उसी लंड को साक्षी चूस रही थी...
सोनू को अपने लंड पर अभिमान सा हो रहा था इस वक़्त, उसी की बदौलत वो ये सब मज़े ले पा रहा था..
कुछ देर तक उसके लंड को चूसने के बाद वो फिर से उपर आई और अपनी छातियों को एक बार फिर से सोनू के हवाले कर दिया..
सोनू ने उसके निप्पल्स को एक-2 करके जब चूसा तो उसने सोनू के सिर को पकड़ कर ज़ोर से अंदर दबा लिया और उछलकर उसकी गोद में आ गयी...
उसकी साड़ी बुरी तरह से अस्त-व्यस्त सी हो चुकी थी पर उसे शायद अब उसकी चिंता नही रह गयी थी
उसने साड़ी को पकड़ कर पेटीकोट समेत उपर खींच लिया और अपनी चूत को सीधा उसके खड़े लंड पर रखकर दबा दिया...
ये तो अच्छा था की उसने इस वक़्त पेंटी पहनी हुई थी वरना सोनू तो क्या उसके फरिश्ते भी आज उसके लंड को साक्षी की चूत में जाने से नही रोक सकते थे...
साक्षी के चेहरे पर उत्तेजना के भाव सॉफ देखे जा सकते थे
वो इस वक़्त चुदने के लिए बुरी तरह से फड़फड़ा रही थी...
हालाँकि वो भी अभी तक कुँवारी थी पर ना जाने आज क्यो वो सब कुछ करने पर आमादा थी...
उसकी गोद में बैठी हुई साक्षी आगे-पीछे होकर अपनी चूत पर उसके लंड की रगड़ का आनंद ले रही थी..
''ओह... बैबी....... निकालो मेरी पेंटी को ........आई एम डायिंग तो टटेक यू इनसाइड....आआआआआआआआअहह डू इट नाउ......''
एक ही दिन में चुदाई का दूसरा ऑफर मिलने से सोनू की हालत पतली हो गयी....
चाँदनी को तो उसने ये कहकर की, वो किसी स्पेशल के लिए ये सब बचाकर रख रहा है, टरका दिया था.
पर अब साक्षी को वो भला क्या बोले...
वो तो इस वक़्त खुद को वही स्पेशल वन समझ कर उसके उपर आ चढ़ी थी.
पर एक बार फिर से सोनू ने वही कहा : "नही डियर...अभी नही...इट्स नोट द राईट टाइम....आंड नोट ए सेफ प्लेस...''
और कोई होता तो ऐसी हालत में ऐसा एक्सक्यूज़ देने की जुर्रत भी ना करता
एक प्रेमी प्रेमिका के लिए इससे अच्छा मौका तो कोई और हो ही नही सकता था...
आस पास कोई भी नही था...
बाहर से भी अंदर का कुछ देखा नही जा सकता था...
पर फिर भी सोनू के अंतर्मन से जो आवाज़ आ रही थी वो सुनकर उसने साक्षी को भी अपने लंड से मिलने वाली पहली चुदाई से वंचित कर दिया...
और सबसे बड़ी बात ये थी की अभी भी वो खुद नही जानता था की वो ये सब क्यो कर रहा है...
तनवी के लिए या सोनिया के लिए...
पर साक्षी को मना करके वो उसे उन संभावित नामो की सूची से निकाल चुका था जिसके साथ वो पहली चुदाई करना चाहता था.
साक्षी को भी उसकी बात सही लगी की ये जगह सही नही है...
वैसे भी ये उसकी पहली चुदाई थी
ऐसे एक छोटी सी कार में बैठकर वो इस यादगार लम्हे को जल्दी में जीना नही चाहती थी...
पर उत्तेजना का ज्वार ही ऐसा चड़ा हुआ था उसपर की वो ऐसा करते हुए कुछ सोच ही नही पाई..
पर एक बात तो थी
अपनी चूत पर पहली बार एक लंड की दस्तक महसूस करके उसकी चूत के दरवाजे खुद ही बोल रहे थे की अब तो रहा नही जाता ...
आने दो इस बांके लंड को अंदर...
टूट जाने दो हमें
और
ले लो मज़ा जिंदगी की उस हसीन सौगात का
जिसे लोग चुदाई कहते है.
साक्षी ने अपने प्यारे सोनू के चेहरे को पकड़ कर एक बार फिर से अपने होंठों से लगा लिया और उसके लिप्स को किसी बंगाली रसगुल्ले की तरहा चूसने लगी...
आज सच में उसे सोनू पर बहुत प्यार आ रहा था.
वो जान चुकी थी की अभी के लिए चुदाई तो पॉसिबल नही है
पर इस वक़्त चुदाई से कम कुछ भी करने मे उसका दिल नही मान रहा था...
इसलिए वो वही करती रही जो अभी तक कर रही थी...
यानी अपनी पेंटी से ढकी चूत को उसके नंगे लंड पर रगड़ कर मज़ा.
ऐसा करते हुए वो ज़ोर-2 से सिसकारियाँ भी मार रही थी...
आज से पहले सोनू ने किसी भी लड़की को इतना अधिक उत्तेजित नही देखा था...
सोनू के लंड का निचला हिस्सा इस वक़्त उसकी चूत की फांकों के बीच बुरी तरह से फँसा हुआ था
और वो साक्षी के अनार दाने की मसाज करके उसे उसकी लाइफ के सबसे शक्तिशाली ऑर्गॅज़म के करीब ला रहा था...
साथ ही साथ वो उसके कश्मीरी सेब पर लगे दाने को भी अपने दाँतों से चबा रहा था...
उसकी गोरी -2 छातियों को अपने दाँत और जीभ से चूसकर उसपर टैटू बना रहा था.
और जल्द ही सोनू की इन सभी कलाकारीयों को अपनी चूत और छातियों पर महसूस करके वो बुरी तरह से चिल्लाती हुई झड़ने लगी...
''आआआआआआआआआआआआआआअहह मेरी ज़ाआाआआआन् .....फ़आआआआअक्कककककककक...... अहह..... आई एम कमिंग........ आयी एम् कमिंग डार्लिंग.......''
और सोनू ने सॉफ महसूस किया की उसकी पेंट का अगला हिस्सा बुरी तरह से गीला कर दिया है उसने...
वो गहरी साँसे लेती हुई उसके उपर ओंधी होकर गिर पड़ी.....
और बाद में सोनू ने उसे बड़े प्यार से दूसरी सीट पर बिठा दिया..
सोनू ने एक टावल लेकर उसे गीला किया और अपनी पेंट सॉफ की...
वो अभी भी साथ वाली सीट पर आधी नंगी होकर सोनू को बड़े प्यार से देख रही थी...
सोनू नही झड़ा था
क्योंकि एक घंटे पहले ही वो चाँदनी की गांड में झड़कर आया था
अगली बार उसका माल निकलने में काफ़ी टाइम लगने वाला था...
और अभी के लिए इतना टाइम नही था उनके पास..
इसलिए उसने साक्षी के, लंड चूसकर झड़ने के, प्रोपोसल को भी अभी के लिए मना कर दिया
अपने-2 कपड़े ठीक करके वो घर की तरफ चल दिए..
साक्षी को उसके घर उतारने से पहले भी उसने काफ़ी देर तक उसे स्मूच किया...और बाद में अपने घर आ गया.
बाहर पहुँचकर उसने सोनिया को कॉल करके बोल दिया की वो आ चुका है
बाकी सब सो चुके थे, इसलिए वही दरवाजा खोलने के लिए आई...
और उसके कपड़े देखकर वो एक बार फिर से उसकी हिम्मत का कायल हो गया...
उसने वही नन्ही सी निक्कर पहनी हुई थी जो आज तक उसने सिर्फ़ अपने बेडरूम में ही पहनी थी...
और साथ में एक छोटी सी टी शर्ट, जिसमें उसके निप्पल्स सॉफ चमक रहे थे, यानी उसने अंदर ब्रा भी नही पहनी थी...
सोनू के चेहरे पर एक बार फिर से शैतानी मुस्कान आ गयी...
आज की रात वो कुछ ख़ास करने के मूड में आ चुका था.
उत्तेजना इतनी अधिक बढ़ चुकी थी उसमे की उसे साँस लेने में भी मुश्किल हो रही थी...
सोनू का लंड बाहर निकलते ही वो उसपर टूट पड़ी...
और सोनू एक हाथ कार के स्टेयरिंग पर और दूसरा उसके सिर पर रखकर,आँखे बंद करके एक जोरदार सिसकारी मारते हुए अपना लंड चुसवाने लगा...
ये वही लंड था जो कुछ देर पहले चाँदनी की गांड में जाकर हाहाकार मचा रहा था
और अब उसी लंड को साक्षी चूस रही थी...
सोनू को अपने लंड पर अभिमान सा हो रहा था इस वक़्त, उसी की बदौलत वो ये सब मज़े ले पा रहा था..
कुछ देर तक उसके लंड को चूसने के बाद वो फिर से उपर आई और अपनी छातियों को एक बार फिर से सोनू के हवाले कर दिया..
सोनू ने उसके निप्पल्स को एक-2 करके जब चूसा तो उसने सोनू के सिर को पकड़ कर ज़ोर से अंदर दबा लिया और उछलकर उसकी गोद में आ गयी...
उसकी साड़ी बुरी तरह से अस्त-व्यस्त सी हो चुकी थी पर उसे शायद अब उसकी चिंता नही रह गयी थी
उसने साड़ी को पकड़ कर पेटीकोट समेत उपर खींच लिया और अपनी चूत को सीधा उसके खड़े लंड पर रखकर दबा दिया...
ये तो अच्छा था की उसने इस वक़्त पेंटी पहनी हुई थी वरना सोनू तो क्या उसके फरिश्ते भी आज उसके लंड को साक्षी की चूत में जाने से नही रोक सकते थे...
साक्षी के चेहरे पर उत्तेजना के भाव सॉफ देखे जा सकते थे
वो इस वक़्त चुदने के लिए बुरी तरह से फड़फड़ा रही थी...
हालाँकि वो भी अभी तक कुँवारी थी पर ना जाने आज क्यो वो सब कुछ करने पर आमादा थी...
उसकी गोद में बैठी हुई साक्षी आगे-पीछे होकर अपनी चूत पर उसके लंड की रगड़ का आनंद ले रही थी..
''ओह... बैबी....... निकालो मेरी पेंटी को ........आई एम डायिंग तो टटेक यू इनसाइड....आआआआआआआआअहह डू इट नाउ......''
एक ही दिन में चुदाई का दूसरा ऑफर मिलने से सोनू की हालत पतली हो गयी....
चाँदनी को तो उसने ये कहकर की, वो किसी स्पेशल के लिए ये सब बचाकर रख रहा है, टरका दिया था.
पर अब साक्षी को वो भला क्या बोले...
वो तो इस वक़्त खुद को वही स्पेशल वन समझ कर उसके उपर आ चढ़ी थी.
पर एक बार फिर से सोनू ने वही कहा : "नही डियर...अभी नही...इट्स नोट द राईट टाइम....आंड नोट ए सेफ प्लेस...''
और कोई होता तो ऐसी हालत में ऐसा एक्सक्यूज़ देने की जुर्रत भी ना करता
एक प्रेमी प्रेमिका के लिए इससे अच्छा मौका तो कोई और हो ही नही सकता था...
आस पास कोई भी नही था...
बाहर से भी अंदर का कुछ देखा नही जा सकता था...
पर फिर भी सोनू के अंतर्मन से जो आवाज़ आ रही थी वो सुनकर उसने साक्षी को भी अपने लंड से मिलने वाली पहली चुदाई से वंचित कर दिया...
और सबसे बड़ी बात ये थी की अभी भी वो खुद नही जानता था की वो ये सब क्यो कर रहा है...
तनवी के लिए या सोनिया के लिए...
पर साक्षी को मना करके वो उसे उन संभावित नामो की सूची से निकाल चुका था जिसके साथ वो पहली चुदाई करना चाहता था.
साक्षी को भी उसकी बात सही लगी की ये जगह सही नही है...
वैसे भी ये उसकी पहली चुदाई थी
ऐसे एक छोटी सी कार में बैठकर वो इस यादगार लम्हे को जल्दी में जीना नही चाहती थी...
पर उत्तेजना का ज्वार ही ऐसा चड़ा हुआ था उसपर की वो ऐसा करते हुए कुछ सोच ही नही पाई..
पर एक बात तो थी
अपनी चूत पर पहली बार एक लंड की दस्तक महसूस करके उसकी चूत के दरवाजे खुद ही बोल रहे थे की अब तो रहा नही जाता ...
आने दो इस बांके लंड को अंदर...
टूट जाने दो हमें
और
ले लो मज़ा जिंदगी की उस हसीन सौगात का
जिसे लोग चुदाई कहते है.
साक्षी ने अपने प्यारे सोनू के चेहरे को पकड़ कर एक बार फिर से अपने होंठों से लगा लिया और उसके लिप्स को किसी बंगाली रसगुल्ले की तरहा चूसने लगी...
आज सच में उसे सोनू पर बहुत प्यार आ रहा था.
वो जान चुकी थी की अभी के लिए चुदाई तो पॉसिबल नही है
पर इस वक़्त चुदाई से कम कुछ भी करने मे उसका दिल नही मान रहा था...
इसलिए वो वही करती रही जो अभी तक कर रही थी...
यानी अपनी पेंटी से ढकी चूत को उसके नंगे लंड पर रगड़ कर मज़ा.
ऐसा करते हुए वो ज़ोर-2 से सिसकारियाँ भी मार रही थी...
आज से पहले सोनू ने किसी भी लड़की को इतना अधिक उत्तेजित नही देखा था...
सोनू के लंड का निचला हिस्सा इस वक़्त उसकी चूत की फांकों के बीच बुरी तरह से फँसा हुआ था
और वो साक्षी के अनार दाने की मसाज करके उसे उसकी लाइफ के सबसे शक्तिशाली ऑर्गॅज़म के करीब ला रहा था...
साथ ही साथ वो उसके कश्मीरी सेब पर लगे दाने को भी अपने दाँतों से चबा रहा था...
उसकी गोरी -2 छातियों को अपने दाँत और जीभ से चूसकर उसपर टैटू बना रहा था.
और जल्द ही सोनू की इन सभी कलाकारीयों को अपनी चूत और छातियों पर महसूस करके वो बुरी तरह से चिल्लाती हुई झड़ने लगी...
''आआआआआआआआआआआआआआअहह मेरी ज़ाआाआआआन् .....फ़आआआआअक्कककककककक...... अहह..... आई एम कमिंग........ आयी एम् कमिंग डार्लिंग.......''
और सोनू ने सॉफ महसूस किया की उसकी पेंट का अगला हिस्सा बुरी तरह से गीला कर दिया है उसने...
वो गहरी साँसे लेती हुई उसके उपर ओंधी होकर गिर पड़ी.....
और बाद में सोनू ने उसे बड़े प्यार से दूसरी सीट पर बिठा दिया..
सोनू ने एक टावल लेकर उसे गीला किया और अपनी पेंट सॉफ की...
वो अभी भी साथ वाली सीट पर आधी नंगी होकर सोनू को बड़े प्यार से देख रही थी...
सोनू नही झड़ा था
क्योंकि एक घंटे पहले ही वो चाँदनी की गांड में झड़कर आया था
अगली बार उसका माल निकलने में काफ़ी टाइम लगने वाला था...
और अभी के लिए इतना टाइम नही था उनके पास..
इसलिए उसने साक्षी के, लंड चूसकर झड़ने के, प्रोपोसल को भी अभी के लिए मना कर दिया
अपने-2 कपड़े ठीक करके वो घर की तरफ चल दिए..
साक्षी को उसके घर उतारने से पहले भी उसने काफ़ी देर तक उसे स्मूच किया...और बाद में अपने घर आ गया.
बाहर पहुँचकर उसने सोनिया को कॉल करके बोल दिया की वो आ चुका है
बाकी सब सो चुके थे, इसलिए वही दरवाजा खोलने के लिए आई...
और उसके कपड़े देखकर वो एक बार फिर से उसकी हिम्मत का कायल हो गया...
उसने वही नन्ही सी निक्कर पहनी हुई थी जो आज तक उसने सिर्फ़ अपने बेडरूम में ही पहनी थी...
और साथ में एक छोटी सी टी शर्ट, जिसमें उसके निप्पल्स सॉफ चमक रहे थे, यानी उसने अंदर ब्रा भी नही पहनी थी...
सोनू के चेहरे पर एक बार फिर से शैतानी मुस्कान आ गयी...
आज की रात वो कुछ ख़ास करने के मूड में आ चुका था.
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- shubhs
- Novice User
- Posts: 1541
- Joined: 19 Feb 2016 06:23
Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
बहुत धीमी गति है
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
- rajaarkey
- Super member
- Posts: 10097
- Joined: 10 Oct 2014 10:09
- Contact:
Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
Happy New Year Dosto
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
- kunal
- Pro Member
- Posts: 2731
- Joined: 10 Oct 2014 21:53
Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
अपने रूम में पहुँचते ही सोनिया ने बड़ी बेबाकी से अपनी टी-शर्ट को अपने जिस्म से उतार कर एक तरफ फेंक दिया...
और अब वो सोनू के सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी..
एक के बाद एक, अलग-2 साइज़ के बूब्स देखकर सोनू तो आज पागल सा हुआ जा रहा था....
रात का 1 बज रहा था, इसलिए नीचे से मॉम-डेड के आने का ख़तरा नही था
दरवाजा भी बंद था, ऐसे में सोनिया अपने हिसाब से कपड़े पहन कर घूम रही थी.
उसने जब सोनू की फटी हुई आँखो को देखा तो वो बोली : "ऐसे क्या देख रहे हो तुम...मैं तो पहले भी ऐसे ही लेटी हुई थी अपने बेड पर...वो तो नीचे जाते हुए ये टी शर्ट पहनी वरना मुझे तो ऐसे ही सोने का शोंक है...इनफॅक्ट नीचे भी मैं कुछ पहनना पसंद नही करती सोते हुए..''
ये कहकर उसने सोनू को एक आँख मारी, जैसे सोनू से पूछ रही हो की अपनी वो निक्कर भी उतार दे या नही...
पर उससे पहले सोनू को अपने कपड़े उतारने थे
अपना कोट-पेंट और शर्ट उतारकर जब वो सिर्फ़ अंडरवेर में रह गया और मुँह हाथ धोकर वापिस रूम में आया तो सोनिया को अपने बिस्तर पर बड़े कामुक पोज़ में नंगी लेटे पाया...सोनू ने नीचे देखा तो सोनिया की वो छोटी सी निक्कर भी ज़मीन पर पड़ी थी...
और अपनी बाहें फैला कर वो सोनू को अपने पास बुला रही थी...
वो तो वैसे भी उसके पास जाने वाला था, पर इस तरह के सेंसुअल तरीके का बुलावा उसे बहुत पसंद आया..
वो जैसे ही बेड पर चड़ने लगा तो सोनिया ने उसे टोक दिया और बोली : "रूको...ये भी उतारो...नो क्लोथ एलाउड टुनाइट..''
अब तो उसका लंड पूरा खड़ा हो गया...अंडरवीयर उतारते हुए भी उसके खूँटे की तरह खड़े लॅंड ने बड़ी परेशानी की..
बेड पर लेटते ही सोनिया उसके कंधे पर सिर रखकर उससे लिपट गयी..
दोनो पूर्ण रूप से नंगे थे और ऐसे में सोनिया ने जब अपना सिर उसके कंधे पर रखा, अपनी बाहें उसके सीने पर रखकर दबाया, अपने बूब्स उसकी छातियों पर रखकर ज़ोर से दबाए और अपनी टांगे उसके लंड के इर्द गिर्द घुमाते हुए उसे जकड़ा तो सोनू किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच गया...
दोनो के होंठ एक दूसरे से जा चिपके और सोनू अपनी बहन के होंठो का अमृत आँखे बंद करके पीने लगा..
कुछ देर तक चूसने के बाद सोनिया ने उसके सिर को पकड़ कर अपनी छाती की तरफ धकेल दिया...
वो समझ गया की उसके निप्पल्स में खुजली हो रही है जिसे सोनू को अपने होंठों और दांतो से बुझानी होगी...
वो बुरी तरह से उन्हे चूसता हुआ उनपर टूट पड़ा..
''आआआआआआआआआहह बैबी.....उम्म्म्ममममममम....... मज़ा आ गया....''
फिर वो बोली : "आज लगता है कुछ ख़ास हुआ है वहां पर....बताओ मुझे....सब कुछ.....बोलो...आआआआहह''
सोनू ने अपना सिर उपर उठाया...
एक पल के लिए तो उसे लगा की तनवी की तरह साक्षी ने भी उसकी बहन को सब बता दिया है...
पर ऐसा तो हो नही सकता था...दोनो एक दूसरे को जानती भी नही थी...
पर आज जो भी हुआ था, उसे अपनी बहन से छुपाने का भी कोई फायदा नही था...
वो सोनिया के साथ ऐसी पारदर्शिता के साथ रहना चाहता था जिसकी वजह से उसे कभी भी झूट ना बोलना पड़े..
इसलिए उसने धीरे-2 करके उसे सारी बात बता दी...
सोनिया भी मंद-2 मुस्कुराते हुए अपने भाई के कारनामे सुनती रही...
हालाँकि उसे ये सुनकर आश्चर्य हुआ की आज सोनू ने साक्षी की फ्रेंड चाँदनी की गांड मारी, जो की उसकी लाइफ का पहला छेद था जिसमें उसने अपना लंड घुसाया था, पर ये सुनकर की उसने लगातार चाँदनी और साक्षी की चूत मारने से मना कर दिया वो अंदर से काफ़ी खुश हुई...
फिर वो उसके होंठो को चूमती हुई बोली : ''मेरा शोना बैबी.... तो तुम्हे क्या लगता है, अपनी लाइफ में ये पहली बार तुम किसके साथ करना चाहोगे...कौन है वो स्पेशल वन''
उसकी आँखो में एक आस सी थी....
शायद अपना नाम सुनने की.
सोनू ने उसकी प्यासी आँखो में देखा...
एक के बाद एक उसके सामने सभी के चेहरे घूम गये....
तनवी का...
साक्षी का...
चाँदनी का और सोनिया का...
और बार -2 सिर्फ़ और सिर्फ़ सोनिया का ही चेहरा सभी से आगे आकर खड़ा हो रहा था...
और इस तरह से उसे खुद ही इस सवाल का जवाब मिल गया...
हाँ ..
वो सोनिया ही थी....
जो उसके अंदर इस कदर समा चुकी थी की वो अपनी लाइफ की पहली चुदाई उसी के साथ करना चाहता था...
उसे अब इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ रहा था की ये उसकी खुद की सग़ी बहन है...
इन संबंधो की शुरूवात करते हुए भी उन्होने दुनिया भर की कसमें खायी थी...
नियम बनाए थे...
क्या ग़लत है और क्या सही है ये सब पहले से निर्धारित कर लिया था...
और उसी के अनुसार आज तक उनके संबंध हर कसोटी को पार करके बढ़ते चले आ रहे थे...
और आज आलम ये था की सिर्फ़ चुदाई को छोड़कर उन्होने एक दूसरे के जिस्मों के साथ प्यार करने के हर तरीके को इस्तेमाल कर लिया था..
और अब वो सोनू के सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी..
एक के बाद एक, अलग-2 साइज़ के बूब्स देखकर सोनू तो आज पागल सा हुआ जा रहा था....
रात का 1 बज रहा था, इसलिए नीचे से मॉम-डेड के आने का ख़तरा नही था
दरवाजा भी बंद था, ऐसे में सोनिया अपने हिसाब से कपड़े पहन कर घूम रही थी.
उसने जब सोनू की फटी हुई आँखो को देखा तो वो बोली : "ऐसे क्या देख रहे हो तुम...मैं तो पहले भी ऐसे ही लेटी हुई थी अपने बेड पर...वो तो नीचे जाते हुए ये टी शर्ट पहनी वरना मुझे तो ऐसे ही सोने का शोंक है...इनफॅक्ट नीचे भी मैं कुछ पहनना पसंद नही करती सोते हुए..''
ये कहकर उसने सोनू को एक आँख मारी, जैसे सोनू से पूछ रही हो की अपनी वो निक्कर भी उतार दे या नही...
पर उससे पहले सोनू को अपने कपड़े उतारने थे
अपना कोट-पेंट और शर्ट उतारकर जब वो सिर्फ़ अंडरवेर में रह गया और मुँह हाथ धोकर वापिस रूम में आया तो सोनिया को अपने बिस्तर पर बड़े कामुक पोज़ में नंगी लेटे पाया...सोनू ने नीचे देखा तो सोनिया की वो छोटी सी निक्कर भी ज़मीन पर पड़ी थी...
और अपनी बाहें फैला कर वो सोनू को अपने पास बुला रही थी...
वो तो वैसे भी उसके पास जाने वाला था, पर इस तरह के सेंसुअल तरीके का बुलावा उसे बहुत पसंद आया..
वो जैसे ही बेड पर चड़ने लगा तो सोनिया ने उसे टोक दिया और बोली : "रूको...ये भी उतारो...नो क्लोथ एलाउड टुनाइट..''
अब तो उसका लंड पूरा खड़ा हो गया...अंडरवीयर उतारते हुए भी उसके खूँटे की तरह खड़े लॅंड ने बड़ी परेशानी की..
बेड पर लेटते ही सोनिया उसके कंधे पर सिर रखकर उससे लिपट गयी..
दोनो पूर्ण रूप से नंगे थे और ऐसे में सोनिया ने जब अपना सिर उसके कंधे पर रखा, अपनी बाहें उसके सीने पर रखकर दबाया, अपने बूब्स उसकी छातियों पर रखकर ज़ोर से दबाए और अपनी टांगे उसके लंड के इर्द गिर्द घुमाते हुए उसे जकड़ा तो सोनू किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच गया...
दोनो के होंठ एक दूसरे से जा चिपके और सोनू अपनी बहन के होंठो का अमृत आँखे बंद करके पीने लगा..
कुछ देर तक चूसने के बाद सोनिया ने उसके सिर को पकड़ कर अपनी छाती की तरफ धकेल दिया...
वो समझ गया की उसके निप्पल्स में खुजली हो रही है जिसे सोनू को अपने होंठों और दांतो से बुझानी होगी...
वो बुरी तरह से उन्हे चूसता हुआ उनपर टूट पड़ा..
''आआआआआआआआआहह बैबी.....उम्म्म्ममममममम....... मज़ा आ गया....''
फिर वो बोली : "आज लगता है कुछ ख़ास हुआ है वहां पर....बताओ मुझे....सब कुछ.....बोलो...आआआआहह''
सोनू ने अपना सिर उपर उठाया...
एक पल के लिए तो उसे लगा की तनवी की तरह साक्षी ने भी उसकी बहन को सब बता दिया है...
पर ऐसा तो हो नही सकता था...दोनो एक दूसरे को जानती भी नही थी...
पर आज जो भी हुआ था, उसे अपनी बहन से छुपाने का भी कोई फायदा नही था...
वो सोनिया के साथ ऐसी पारदर्शिता के साथ रहना चाहता था जिसकी वजह से उसे कभी भी झूट ना बोलना पड़े..
इसलिए उसने धीरे-2 करके उसे सारी बात बता दी...
सोनिया भी मंद-2 मुस्कुराते हुए अपने भाई के कारनामे सुनती रही...
हालाँकि उसे ये सुनकर आश्चर्य हुआ की आज सोनू ने साक्षी की फ्रेंड चाँदनी की गांड मारी, जो की उसकी लाइफ का पहला छेद था जिसमें उसने अपना लंड घुसाया था, पर ये सुनकर की उसने लगातार चाँदनी और साक्षी की चूत मारने से मना कर दिया वो अंदर से काफ़ी खुश हुई...
फिर वो उसके होंठो को चूमती हुई बोली : ''मेरा शोना बैबी.... तो तुम्हे क्या लगता है, अपनी लाइफ में ये पहली बार तुम किसके साथ करना चाहोगे...कौन है वो स्पेशल वन''
उसकी आँखो में एक आस सी थी....
शायद अपना नाम सुनने की.
सोनू ने उसकी प्यासी आँखो में देखा...
एक के बाद एक उसके सामने सभी के चेहरे घूम गये....
तनवी का...
साक्षी का...
चाँदनी का और सोनिया का...
और बार -2 सिर्फ़ और सिर्फ़ सोनिया का ही चेहरा सभी से आगे आकर खड़ा हो रहा था...
और इस तरह से उसे खुद ही इस सवाल का जवाब मिल गया...
हाँ ..
वो सोनिया ही थी....
जो उसके अंदर इस कदर समा चुकी थी की वो अपनी लाइफ की पहली चुदाई उसी के साथ करना चाहता था...
उसे अब इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ रहा था की ये उसकी खुद की सग़ी बहन है...
इन संबंधो की शुरूवात करते हुए भी उन्होने दुनिया भर की कसमें खायी थी...
नियम बनाए थे...
क्या ग़लत है और क्या सही है ये सब पहले से निर्धारित कर लिया था...
और उसी के अनुसार आज तक उनके संबंध हर कसोटी को पार करके बढ़ते चले आ रहे थे...
और आज आलम ये था की सिर्फ़ चुदाई को छोड़कर उन्होने एक दूसरे के जिस्मों के साथ प्यार करने के हर तरीके को इस्तेमाल कर लिया था..
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!