मैं और मेरा परिवार

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shubhs
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by shubhs »

अपडेट
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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

shubhs wrote:बिलकुल बिंदास अपडेट
s_bajaj4u wrote:भाई सबसे बेहतरीन कहानियो में से के ह ये बस अपडेट जल्दी जल्दी देते रहे हमको आपके अपडेट का सदैव इंतज़ार रहता है

thanks bhaiyo
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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

811 आ

हम घर के अंदर आ गया.

कविता लीना और राज सोफे पर बैठे कर चॉक्लेट खा रहे थे.

नेहा बुआ-कविता क्या कर रही हो

कविता-चॉक्लेट खा रही हो

नेहा बुआ-इस तरह ,पूरे चेहरे पे चॉक्लेट लगी है.

कविता-चॉक्लेट खाते नहा लूँगी.

नीता बुआ-लीना ,अपने भाई से तो मिल लो ,क्या चॉक्लेट के पीछे पड़ी हो

लीना-ये कविता और राज चॉक्लेट ख़तम कर देंगे

राजेश-लीना

लीना-भैया आप हीरो लग रहे हो

राजेश-मेरी तरफ तो देख ले

लीना-अवी भैया ने मुझे बताया था कि आप को अपने जैसा बना देंगे. थॅंक यू भैया .

राजेश-जाने दे मैं चॉक्लेट कोमल दीदी को देता हूँ

लीना ने राजेश के हाथ मे चॉक्लेट देखते भाग कर राजेश के पास आ गयी.

लीना-भैया आप के तो नये लुक के साथ सब कुछ बदल गया है.

राजेश-तुझे अपने भैया का नया रूप कैसा लगा.

लीना-आप ऐसे ही रहा करो ,मुझे ये नया लुक बहोत पसंद आया .आपकी ड्रेसिंग ,हेर स्टाइल सब कुछ

राजेश-फिर तो अब ऐसे रहा करूँगा.

लीना-लव यू भैया

अवी-मुझे भूल गयी.

लीना-मैं आपको कैसे भूल सकती हूँ. आपने तो आज सबसे बढ़िया गिफ्ट दिया है मुझे

अवी-तुम्हे राजेश चाहिए था. कैसा लगा अपने भैया को नये लुक मे देख कर

लीना-मैं आज बहोत खुश हूँ. मैं माँ को कहूँगी कि भैया को ऐसे रहने की पर्मिशन दे

नीता बुआ-तुम सब बैठो मैं नाश्ता लेकर आती हूँ

नेहा बुआ-रुक मैं भी आती हूँ मदद करने के लिए.

नीता बुआ-तू अपने बेटे को प्यार कर मैं बना लूँगी.

और नीता बुआ किचन मे चली गयी और हम सब राजेश की तारीफ करने लगे

पूजा बुआ बड़ी चाची को मेरा राजेश को नया रूप देना अच्छा लगा.

बड़ी चाची को मेरा अपने भाई बहनों के प्रति प्यार देख कर अच्छा लगा.

बड़ी चाची ने राजेश के साथ मुझे भी प्यार से चूम लिया

नीता बुआ-अवी इधर आना

अवी-क्याहुआ बुआ

नीता बुआ-एक डब्बा उपर रखा है उसे निकाल दो

पूजा बुआ-मैं जाती हूँ ,तुम रूको

सी चाची-नीता ने अवी को बुलाया है. उसे जाने दीजिए क्या पता दबा उपर हो

पूजा बुआ-अवी जा तू

मैं नीता बुआ की मदद करने के लिए किचन मे चला गया

अवी-बुआ आपने बुलाया था. कौनसा डब्बा निकालना है.

नीता बुआ-मैं ने तुम्हे बात करने बुलाया है

अवी-राजेश के बारे मे

नीता बुआ-हाँ,



अवी-पूछिए क्या पूछना है.

नीता बुआ-ये तुम क्या कर रहे हो मुझे समझ नही आ रहा,

अवी-क्या समझ मे नही आ रहा

नीता बुआ-ये राजेश को बदलना

अवी-इस नये राजेश मे क्या प्राब्लम है.

नीता बुआ-प्राब्लम कुछ नही है ,पर इस से राजेश बिगाड़ा गया तो

अवी-ऐसा नही होगा.राजेश को आपका प्यार बिगाड़ने नही देगा.

नीता बुआ-तुम समझ नही रहे हो, आज कल लड़के जल्दी बिगड़ जाते है.

अवी-आपको लगता है राजेश ऐसा वैसा कुछ करेगा.

नीता बुआ-किसी का क्या बोल सकते है,तुम्हे भी तो हम कितना सीधा समझते थे.

अवी-आप कहना क्या चाहती है

नीता बुआ-देखो अवी ,राजेश पहले भी झूठ बोल चुका है ,कि वो टूर पे गया है. अगर उसे ऐसे छूट मिल गयी तो वो हाथ से निकल जाएगा.

अवी-मैं आपको सब बात देता हूँ. राजेश 2 लाइफ जीता क्या

नीता बुआ-2 लाइफ , क्या मतलब

अवी-वो यहाँ गाओं मे अलग रहता है और स्कूल मे अलग तरह से रहता है.

नीता बुआ-मैं नही समझी

अवी-यहाँ राजेश आप जैसा चाहती थी वैसा रहता था. और अब जिस राजेश को देख रही है वैसा वो स्कूल मे रहता है.

नीता बुआ-ये क्या बोल रहे हो

अवी-यही सच है. राजेश 2 लाइफ जी रहा है

नीता बुआ-राजेश ने मुझसे इतनी बड़ी बात छुपाई. उसे ऐसा करने की ज़रूरत क्या थी.

अवी-क्यू ना करता ,आपने उसे राजेश खन्ना जो बना कर रखा है

नीता बुआ-क्या बुराई है उसमे ,

अवी-आपको राजेश खन्ना पसंद है तो इसकी सज़ा राजेश को मिल रही है.

नीता बुआ-तू साइड साइड बता

अवी-बुआ ये 1970 नही है. राजेश आज के जमाने का लड़का है.वो आपकी तरह रहेगा तो लोग उसपे हँसते है.आप उसे 1970 का राजेश खन्ना बना कर रख रही है.

नीता बुआ-राजेश ने कभी कहा तो नही कि उसे इससे परेशानी होती है

अवी-कैसे कहेगा ,वो आप को दुखी नही करना चाहता था. आपको राजेश खन्ना पसंद है , ये बात उसे पता है. वो आप से बात करके आपकी पसंद का अपमान नही करना चाहता था, उसको खुद पे दूसरो का हसना स्वीकार था पर वो आपको दुखी नही करना चाहता था

नीता बुआ-एक बार बात तो करता,

अवी-आपको पता हैना राजेश आप से कितना प्यार करता है

नीता बुआ-मुझसे बात करता तो मैं कुछ ना कुछ ज़रूर करती

अवी-आपके कुछ करने से पहले राजेश ने एक नया रास्ता ढूँढ लिया.

नीता बुआ-2 लाइफ का

अवी-हाँ,वो स्कूल मे अलग तरह से रहता था और यहाँ गाओं मे आपको जैसा पसंद था वैसा रहता था.

नीता बुआ-मैं ने ये क्या किया ,मेरे वजह से राजेश को ऐसी 2 लाइफ ज़ीनी पड़ रही है.

अवी-ऐसा राजेश ने इस लिए किया ताकि सब खुश रहे. आप खुश रहे ,वो खुश रहे,

नीता बुआ-तभी वो हमेशा स्कूल जाने की बात करता था.

अवी-अब समझी आप, इसी लिए वो घर पे नही रुकता था.

नीता बुआ-इसमे मेरी ग़लती है. मेरे वजह से वो घर मे नही रुकता था.

अवी-आपके वजह से और आज कल फ्रेंड के साथ ज़्यादा रहने की आदत होती है लोगो को, चाचा को देखा नही आपने कैसे अपने दोस्तो के साथ रहते है

नीता बुआ-ये मैं क्या कर रही थी. खुद अपने बेटे का नुकसान कर रही थी.

और नीता बुआ रोने लगी

मैं ने नीता बुआ को गले लगा लिया.और उनको शांत करने लगा.

अवी-बुआ आपने जो किया वो ग़लत नही था.

नीता बुआ-मैं ने ये क्या किया.

अवी-आपने वही किया जो सही था .आपके वजह से राजेश पढ़ाई मे इतना तेज हो गया है.

नीता बुआ-पर वो बाहर की दुनिया से छुपाता रहता था.

अवी-उसमे उसकी बुराई छुपी थी.

नीता बुआ-मैं ने ये क्या किया

अवी-आपके प्यार की वजह से राजेश इतना अच्छा है. खुद रोता रहा पर अपनी माँ को खुशी देता रहा. ऐसा बेटा आपने अपने प्यार से बनाया है. आप खुद को दोषी मत मानिए. राजेश ने तो इसका रास्ता ढूँढ लिया था.

नीता बुआ-कितने साल से वो ऐसे 2 लाइफ जी रहा है

अवी-(2 बोलू ,नही) 3 साल

नीता बुआ-3 साल से राजेश ऐसी लाइफ जी रहा है.

अवी-इतना कुछ था फिर भी उसने अपनी पढ़ाई पे इसका असर नही होने दिया.

नीता बुआ-उसके नंबर बढ़ रहे थे

अवी-यही तो, राजेश स्कूल मे अलग रहता था फिर भी पढ़ाई करता रहा , राजेश दूसरे लड़के जैसा नही है.उसको पता है कि मस्ती के साथ पढ़ाई कितनी ज़रूरी है.

नीता बुआ-तुम ठीक कह रहे हो ,राजेश अपनी पढ़ाई से दूर नही हुआ.

अवी-इस लिए कहता हूँ कि राजेश के नये रूप से उसकी पढ़ाई पे कोई असर नही होगा. आप उसे उसकी मर्ज़ी से जीने दीजिए

नीता बुआ-तुम ठीक कह रहे हो ,राजेश को उसके मर्ज़ी से जीने देना चाहिए,वरना वो चुपके चुपके ग़लत रास्ते पे चला जाएगा और हमे पता भी नही चलेगा.

अवी-इसी लिए तो मैं उसका फ्रेंड बना हूँ ताकि उसके मन की बात जान सकूँ

नीता बुआ-तुम उसके फ्रेंड बन जाओ. और उसकी परेशानी ख़तम कर दो

अवी-आप बेफिकर रहिए ,मैं राजेश को ग़लत रास्ते पे नही जाने दूँगा. उसका पूरा ध्यान रखूँगा. मेरा भाई है वो

नीता बुआ-अवी तुम राजेश का ध्यान रखोगे ना

अवी-हाँ बुआ. उसका मैं हमेशा ध्यान रखूँगा.

नीता बुआ-उसे ग़लत रास्ते पे जाने से रोकोगे

अवी-हां, रोकुंगा. आप जैसा चाहती है वैसा होगा. राजेश ज़्यादा से ज़्यादा समय घर पे रहेगा .आपके साथ, और पढ़ाई भी करता रहेगा.

नीता बुआ-मैं बस राजेश को खुश देखना चाहती हूँ

अवी-मैं आपको निराश नही करूँगा.

नीता बुआ-मुझे तुम पर पूरा विश्वास है.

अवी-तो आप राजेश को राजेश खन्ना मत बनाना

नीता बुआ-नही बनाउन्गी. तुम जैसा चाहते हो वैसा करूँगी.

अवी-राजेश जैसा चाहता है वैसा करना.

नीता बुआ-राजेश पे मैं अपनी मर्ज़ी कभी नही लादुन्गी ,उसे जैसा अच्छा लगता है वैसा करने दूँगी.

अवी-ये बात राजेश से जाकर कहिए

नीता बुआ-सबके जाते कहूँगी.

अवी-अब तो मुझे छोड़िए.





नीता बुआ-क्यू छोड़ू, तू भी तो मेरा बेटा है. अपने बेटे को गले नही लगा सकती.

और नीता बुआ ने मुझे गले लगा लिया.

नीता बुआ को समझाने के बाद मेरा ध्यान दूर की तरफ गया.

नेहा बुआ हमारी बात सुन रही थी.

नेहा बुआ ने हमारी सारी बाते सुन ली

नेहा बुआ की आँखो मे हल्के आसू आ गये थे.

मेरी नज़र उनसे मिलते ही नेहा बुआ पलट कर हॉल मे चली गयी.

नेहा बुआ की आँखो मे आसू

ये मेरे लिए एक शॉक्ड था

मुझे तो लगा था कि नेहा बुआ का दिल पत्थर का बना है

उनके दिल मे सिर्फ़ नफ़रत है

पर उनकी आँखो मे आसू क्या मेरे लिए आए है

या फिर राजेश के लिए

नेहा बुआ को समझना मुश्किल है.



नीता बुआ को राजेश के बारे मे बता कर पूरी प्राब्लम सॉल्व कर दी

नीता बुआ को पता तो चला कि राजेश घर मे क्यू नही रुकता.

नीता बुआ को राजेश के दिल की बात तो पता चली .

नीता बुआ अब राजेश ज़्यादा पाबंदी नही लगाएँगी.

राजेश के लिए अच्छा हुआ जो वो अब नॉर्मल और बिंदास तरीके से जी सकता था. लाइफ को एंजाय कर सकता है.

राजेश एंजाय करने के साथ पढ़ाई भी करता रहेगा.

चलो सब के लिए अच्छा हो गया .मेरे वजह से जिस से बड़ी चाची खुश हो गयी.

मैं ने नीता बुआ को नाश्ता प्लेट मे डालने मे मदद की ,

बुआ और मैं नाश्ता और शरबत लेकर हॉल मे आ गये.

नेहा बुआ-राजेश

राजेश-हाँ मौसी

नेहा बुआ-तू आज से ऐसे ही रहना ,नीता ने कुछ कहा तो मुझे बताना ,उसे मैं संभाल लूँगी

राजेश-जी

नेहा बुआ-तू ना पहले चंपू जैसा दिखता था पर अब हीरो जैसा दिख रहा है, तू ना मुझे हीरो जैसा अच्छा लगता है.अब मैं हमेशा तुम्हे ऐसे देखना चाहती हूँ. अपनी मौसी की इच्छा पूरी करेगा ना


चाची ने मुझे बताया था कि नीता बुआ और नेहा बुआ एक दूसरे की जान है.

वो एक दूसरे से इतना प्यार करती है उतना अपनी बेटी से भी नही कर सकती .

नेहा बुआ को जो पसंद है वही नीता बुआ करती है चाहे कुछ भी हो जाए.

नीता बुआ और मेरी बाते नेहा बुआ ने सुन ली थी.

राजेश की खुशी किसमे है वो नेहा बुआ जान गयी.

नेहा बुआ को पता है कि नीता बुआ राजेश को खुश देखना चाहता है.

और राजेश की खुशी के लिए नेहा बुआ नीता बुआ को बता रही थी कि उनको क्या पसंद है.

नेहा बुआ को राजेश का नया लुक पसनद है ,ये सुनते अब ज़मीन फटे या आसमान गिरे ,नीता बुआ किसी की नही सुनेगी. वो राजेश को इस नये रूप मे रहने की पर्मीशन देंगी. अगर लीना के पापा ने भी विरोध किया फिर भी नीता बुआ राजेश को इस नये रूप मे रहने को कहेंगी .क्यू की नेहा बुआ को राजेश का नया लुक पसंद है.

नेहा बुआ ने नीता बुआ के लिए ऐसा किया. नीता बुआ खुश रहे ,राजेश खुश रहे, इस लिए ये बात कही कि नया राजेश उनको पसंद है.

राजेश-माँ ,की इजाज़त मिली तो मैं आपकी इच्छा ज़रूर पूरी करूँगा.

नेहा बुआ-नीता मैं राजेश को इसी रूप मे देखना चाहती हूँ. हमारा राजेश हीरो जैसा कितना अच्छा दिखता है.

नीता बुआ-राजेश पुराने कपड़े जला देना ,आज से तुझे जैसा रहना है वैसा रहेगा. नेहा जैसा कहती है वैसा रहेगा.

नेहा बुआ और नीता बुआ की बात सुनते ही छोटी चाची ने अपने सोचने की शक्ति बढ़ा दी और मेरी तरफ देखने लगी.

मैं ने उनको बाद मे बताने का इशारा किया.

नीता बुआ की बात सुनते ही राजेश खुशी से पागल हो गया.

राजेश अपनी जगह पर खड़ा होकर नाचने लगा.

राजेश को इस तरह खुश देख कर नीता बुआ समझ गयी की वो अब तक क्या कर रही थी और अब उन्होने क्या किया.

राजेश को खुश देख कर नेहा बुआ और नीता बुआ की आँखो मे पानी आ गया.

राजेश ने नाचते हुए नेहा बुआ का हाथ पकड़ कर खड़ा करके उनके साथ नाचने लगा.

राजेश-मौसी आइ लव यू ,आप बहोत अच्छी है. या हो

और राजेश नेहा बुआ को उठा कर नाचने लगा.


राजेश-मौसी आप ग्रेट हो, आप जैसा कोई नही है. आइ लव यू मौसी

नेहा बुआ-मैं गिर जाउन्गी.नीचे उतार

राजेश-मौसी आपको पता नही आपने क्या किया है. मौसी थॅंक यू, थॅंक यू मौसी

कोमल-राजेश को क्या हो गया

नीता बुआ-आज उसका नया जनम हुआ है.

नीता बुआ की आँखो मे खुशी के आसू आ गये.

राजेश के साथ कविता ,लीना और राज सॉंग लगा कर नाचने लगा.

राजेश-मौसी आप ही मुझ से सबसे ज़्यादा प्यार करती है. आइ लव यू मौसी,

नेहा बुआ-मैं गिर जाउन्गी.

बड़ी चाची , पूजा बुआ, सीमा चाची, छोटी चाची राजेश की खुशी को देख कर अपने आँखे पोन्छने लगी.

बड़ी चाची ने मुझे अपने पास बुलाया और मेरे माथे पर किस किया.

मुझे मेरा फल मिल गया. बड़ी चाची का प्यार.

राजेश ने नेहा बुआ को नीचे रख कर मेरे पास आ गया.

और मेरे गले लग कर रोने लगा.

राजेश-भैया आपने मेरी ज़िंदगी बदल ,

और फिर से रोने लगा.

कोमल-ये राजेश को क्या हुआ. पहले नाच रहा था और अब रो रहा था.

नेहा बुआ-तू नही समझेगी.

कोमल-समझा दो ना माँ

नेहा बुआ- राजेश अपनी खुशी अलग अलग तरीके से जाता रहा है

कोमल-ये कैसी खुशी है.

नेहा बुआ-मैं ने कहा था तू नही समझेगी

राजेश काफ़ी देर तक मेरे गले लग रख रोने लगा.

राजेश-भैया ,आपने मेरी लाइफ बदल दी. थॅंक्स भैया

अवी-तू खुश हैना ,बस यही काफ़ी है मेरे लिए

राजेश-भैया पता है मैं कैसे जी रहा था.

अवी-पता है. मेरा भाई है तू ,तेरा दर्द समझने ने मुझे देर लगी इसके लिए मुझे खुद पे गुस्सा आ रहा है.

राजेश-भैया आप ना होते तो

अवी-ये सोच की आज से मैं तेरे साथ हूँ

राजेश-थॅंक्स भैया

अवी-जा नीता बुआ से मिल ले

राजेश मुझसे अलग हुआ अपनी आँखे पोछ कर नीता बुआ जे पास चला गया.

राजेश-माँ

नीता बुआ-कुछ मत बोल


और नीता बुआ ने राजेश को गले लगा लिया

नीता बुआ-मुझे माफ़ कर दो राजेश, मेरे वजह से तुम्हे इतना दर्द मिला

राजेश-आप माफी माँग कर मुझे गुनहगार बना रही है.

नीता बुआ-तूने मुझे कभी बताया क्यूँ नही

राजेश-मैं आपको दुखी नही करना चाहता था

नीता बुआ-मुझे इतना प्यार करते हो,तू खुश हैना

राजेश-हां,

नीता बुआ-ऐसे खुश रहा कर. और अपने दिल की बाते बताया कर ऐसे दिल मे रखना ठीक नही होता.

राजेश-अभी कुछ नही छुपाउन्गा.

नीता बुआ-मेरा प्यारा बेटा

और नीता बुआ राजेश को चेहरे को चूम ने लगी.

लीना-मैं भी हूँ यहाँ पर

नीता बुआ-वहाँ क्यू खड़ी है. आ मेरे पास

नीता बुआ राजेश और लीना को प्यार करने लगी

और मैं अपनी चाची के पास जाकर बैठ गया.

अवी-चाची आपकी परेशानी ख़तम कर दी

ब चाची-मेरी परेशानी

अवी-हाँ, देखिए नीता बुआ कितनी खुश है.

ब चाची-तू अपनी बुआ को ऐसे खुश रखा कर ,उनको खुश देख कर मैं खुश होती हूँ

अवी-और आपको देख कर मैं खुश होता है.

म चाची-दीदी ,हमे चलना चाहिए ,विद्या और बच्चे वहाँ अकेले है.

ब चाची-हाँ चलते है

नीता बुआ-कोई कही नही जाएगा ,सब यही खाना खाते है

ब चाची-नीता फिर किसी दिन खिला देना,

पूजा बुआ-नीता तू अपने बच्चो के साथ प्यार कर ,जशन किसी और दिन मना लेंगे

नेहा बुआ-नीता ,दीदी सही कह रही है

राजेश-मौसी आप कहाँ जा रही है. आप रुकिये ना

नेहा बुआ-नही बाबा, फिर से मुझे उठा कर डॅन्स करने लग जाएगा.

कोमल-राजेश पहलवान हो गया है. जो मेरी मोटी माँ को.उठा लिया

नेहा बुआ-क्या कहा तूने मैं मोटी ,रुक तुझे अभी बताती हूँ

कोमल-चलो ना माँ, मैं क्लासस से सीधा यहाँ आ गयी.

नेहा बुआ-चल मेरी राजकुमारी,

म चाची-हम भी चलते है,चलो अवी

नीता बुआ-तुम्हे जाना है जा सकती हो .अवी आज यही रुकेगा.

राजेश-हाँ, भैया यही रुकेंगे


ब चाची-अवी को रुकना है तो रुक सकता है.

नीता बुआ-वो तो रुकेगा ही

अवी-बुआ आज नही. आज काफ़ी थक चुका हूँ.

नीता बुआ-अवी ,

अवी-बुआ कल पूरा दिन यही रहूँगा. आप के साथ ,आज जाने दीजिए

नीता बुआ-कल कोई बहाना नही चलेगा.

अवी-कल बेटा अपनी माँ को प्यार करने हाज़िर हो जाएगा.

लीना-भैया थॅंक्स,

अवी-दुबारा थॅंक्स कहा ना बात नही करूँगा.

लीना-लव यू भैया

नीता बुआ और राजेश का प्राब्लम सॉल्व करने के बाद मैं चाची के साथ घर आ गया.

2 दिन की मेहनत के बाद मुझे आराम चाहिए था.

पर घर जाते ही चाची मुझसे लाखों सवाल पूछेंगी.

.जिनके जवाब दिए बिना मुझे नींद नही आएगी

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shubhs
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Re: मैं और मेरा परिवार

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बिल्कुल सत्य
सबका साथ सबका विकास।
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

811सी

चाची ने घर आते पहले मुझे गले लगा कर चूमना शुरू किया

अवी - चाची क्या कर रही हो विद्या देख रही है

ब चाची- तू मेरा बेटा है तुझे प्यार करने से कैसा डर

अवी - इतना सारा प्यार

ब चाची- तूने आज मेरा नाम उँचा किया है

अवी - मैं ने तो बस अपनी फॅमिली को एक किया है

ब चाची- यही तो मैं चाहती हूँ , कि तू ऐसे अपने प्यार से सबको खुशी देता रहे

अवी - अपने भाई बहनों के लिए इतना तो मैं कर ही सकता हूँ

ब चाची- ऐसे ही अपने भाई बहनों को साथ लेकर चलना , उनको बीच मे मत छोड़ देना ,

अवी - जी

ब चाची- तेरी पूजा बुआ को तुझे देख कर तेरे पापा की याद आई थी

अवी - मेरे पापा की , क्या मेरे पापा भी ऐसे ही अपने भाई बहनों को प्यार करते थे

ब चाची- हाँ , सब साथ रहते थे , पर हर दिन एक जैसा नही होता , बड़े होते दूरिया पैदा हो जाती है

अवी - क्या हुआ था चाची ,

ब चाची-शादी के बाद दूर हो जाते हैना (झूठ) , पर तू ऐसा मत करना , हमेशा अपने भाई बहनों के साथ रहना

अवी - आपकी बात याद रखूँगा

ब चाची- मेरा प्यारा बेटा

अवी - चाची पूजा बुआ और नीता बुआ तो खुश हो गयी पर नेहा बुआ

ब चाची- नेहा बुआ क्या ?

अवी - उनको तो मेरी कोई बात पसंद नही आती , मेरी थोड़ी भी तारीफ नही की


बड़ी चाची छोटी चाची की तरफ देखने लगी

अवी - चाची नेहा बुआ ने राजेश को प्यार किया पर मुझे कुछ नही कहा

ब चाची- नेहा तो सब से ज़्यादा खुश थी

अवी - हाँ , पर मेरा नाम भी नही

ब चाची- देख , नेहा के प्यार करने का तरीका अलग है

अवी -मैं समझा नही

ब चाची- अगेर वो तेरी तारीफ करती तो तू हवा मे उड़ जाता , तुझे लगता कि तू कुछ भी कर सकता है , ऐसे मे तुझ मे ओवरकॉन्फिडेन्स पैदा ना हो इस लिए नेहा ऐसा करती है

अवी - मैं फिर भी नही समझा नेहा बुआ के प्यार को

ब चाची- देख मैं तेरी माँ हूँ , वैसे नेहा भी तेरी माँ है , मैं अपने प्यार को छुपा कर नही रखती , पर नेहा रखती है , मैं तेरी तारीफ करती हूँ तो नेहा तुझे ये बताती है कि ये सिर्फ़ एक स्टेप था तुझे और उपर जाना है अभी से हवा मे उड़ने लगेगा तो तू गिर जाएगा , तुझे गिरने से बचाने के लिए ऐसा कहती है

अवी - पर एक बार तो प्यार से मेरा नाम ले सकती थी , मुझे अच्छा लगता

ब चाची- नेहा तेरे अच्छे के लिए ऐसा करती है , इसमे उसका प्यार छुपा होता है , वो राजेश को नही तुझे प्यार कर रही थी , राजेश को तुम समझ कर प्यार कर रही थी ,

अवी - मुझे ऐसा प्यार नही चाहिए , हमेशा वो कुछ ना कुछ बुरा भला कहती है

ब चाची- अवी नेहा के भरा भुला कहने से ही तू इतना अच्छा बन पाया है

अवी - आपकी वजह से मैं ऐसा बना हूँ

ब चाची- तुझे कुछ पता नही है

अवी - तो बताइए ना

ब चाची- देख मेला का काम तुझे देने के लिए हम सब तय्यार थे सिवाय

अवी - सिवाय नेहा बुआ के , मना किया होगा नेहा बुआ

ब चाची- नेहा ने मना किया पर क्यूँ किया था पता है

अवी - नेहा बुआ मुझे पसंद नही करती

ब चाची- ये बात दुबारा मत कहना , नेहा के लिए तू क्या है ये सिर्फ़ मैं जानती हूँ

अवी - सॉरी चाची

ब चाची- ऐसे ही ग़लतियाँ तू ना करे इस लिए नेहा तुझे डाँटती रहती है

अवी - जी

ब चाची- पता है नेहा ने मेले का काम तुझे देने से मना क्यूँ किया था , क्यू कि नेहा को पता है कि ये काम कितना मुश्किल होता है , कितना टेन्षन होता है , कितना दबाव होता है , रात को सोने को समय नही मिलता , दिन मे खाने को टाइम नही मिलता , और सिर्फ़ 10 दिन बाकी थे मेले को , ऐसे मे मेले का काम तुझे देते तो तू ये काम कर नही पाता , ये नामुमकिन था ,

ब चाची- तुझे इस से बहोत ज़्यादा चोट लगती , तेरा नाम खराब हो जाता , तेरी शुरुआत खराब हो जाती तो आगे तेरा फ्यूचर पे असर होता , ठाकुर की हवेली पे क्या होता है हम सबको पता है , नेहा को डर था कि तुझे बुरी आदत लग जाएगी , ठाकुर के साथ रह कर तू शराब पीना शुरू कर देगा ,ठाकुर का छोटा बेटा कैसा है हम सबको पता है ऐसे मे तू वहाँ रहता तो तुझे भी वो आदत लग जाती

ब चाची- तुझे इन सब से दूर रखने के लिए नेहा ने मेले का काम तुझे देने से मना किया था , , उसको तेरी फिकर थी , उसने इसलिए मना नही किया कि वो तुझे नफ़रत करती है , इस लिए मना किया क्यू कि नेहा तुझे प्यार करती है

अवी - ऐसा था तो आपने मना क्यूँ नही किया मेले का काम मुझे देने से

ब चाची- तेरे चाचा ने मना कर दिया था , और ये हमारी परंपरा थी , ऐसे टूटने थोड़े देते , तेरे चाचा के बाद तू ही बड़ा है , और तुम्हारे दादाजी ने उनके बाद तुम्हे ये ज़िम्मेदारी देने को कहा था मुझे , उनको तुझ पे पूरा विश्वास था , तेरे दादाजी को पता था कि तू ही ये परंपरा आगे लेकर जाएगा ,

अवी - अगर मैं कर नही पाता मेले का काम तो

ब चाची- हमे तुझपे पूरा विश्वास था , तेरे दादाजी को तुझपे विश्वास था , हमारा प्यार तेरे साथ था , ऐसे कैसे तू कर नही पाता , मेरा बेटा सब मुश्किलो का सामना कर सकता है

अवी - तभी आपने मुझे हवेली जाने से मना किया था

ब चाची- हाँ , नेहा की बातों ने मुझे भी सोचने पे मज़बूर कर दिया , और मैं ने मीना को बोल कर तुझे घर3 मे रहने को कहा

अवी - इतना कुछ था तो नेहा बुआ ने हाँ कैसे कहा


ब चाची- नेहा तुझे मेले का काम देने से मना कर रही थी तेरी जगह राजेश को देने को कहा था , ये काम नामुमकिन था तो वो राजेश की बलि देने को तय्यार थी पर तुझे चोट लगने से बचाना चाहती थी

अवी - ये सब झूठ हैना , नेहा बुआ ऐसा कर ही नही सकती

ब चाची- यही सच है , नेहा तेरे भले का सोचती है

अवी - फिर बुआ तय्यार कैसे हुई

ब चाची- राजेश तुझसे भी छोटा है , उसे काम देते तो तुझ पे गाओं वाले सवाल पूछते , और राजेश को गाओं के बारे मे ज़्यादा कुछ पता नही है ऐसे मे वो कर ही नही पाता ,

अवी - पूजा बुआ ने समझाया होगा नेहा बुआ को

ब चाची- मैं ने समझाया उसको , तेरे दादाजी की बात नेहा को बताई , तुम्हारे दादाजी जो चाहते थे वो बताया , नेहा अपने पिताजी से बहुत प्यार करती है , उनकी बात को मना कैसे करती , नेहा ने दिल. पे पत्थर रख कर तुझे मेले का काम करने की इजाज़त दी

अवी - पर उनकी इजाज़त लेने की ज़रूरत क्या थी

ब चाची- अवी , जैसे मैं तेरी माँ हूँ वैसे नेहा भी है ,

अवी - सॉरी चाची

ब चाची- देखो अवी , तुम्हे जो सिंपल लगता है वो इतना सिंपल नही है , तुम्हे समय आने पर सब पता चल जाएगा

अवी - वो समय कब आएगा

म चाची- खाना खाने के बाद

ब चाची- मेरे बेटे ने इतना अच्छा काम किया है कि आज तो मैं अपने हाथो से खिलाओगे

अवी - चाची नेहा बुआ इतना प्यार करती है मुझसे

ब चाची- हाँ , हम तो शुरू से कहते आ रहे है , तू उसके प्यार को समझने की कॉसिश करना , देखा नही उस दिन कोमल को खुश देख कर तुझे प्यार करना चाहती थी , पर वो अपने फीलिंग को बाहर आने ही नही देती

अवी - मैं उनके प्यार को बाहर निकालूँगा ,


ब चाची- तू ने ऐसा किया ना तो मैं तुझे रोज अपने हाथो से खाना खिलाउन्गा

अवी - फिर तो मैं ऐसा ही करूँगा

ब चाची- चल अब खाना खा ले

फिर बड़ी चाची ने मुझे खाना खिलाया.


बड़ी चाची ने मुझे अपने हाथो से खाना खिलाया.

फिर चाची ने सवालो की बारिश शुरू की और मैं ने जवाब देना शुरू किया.

छोटी चाची चुप चाप सुन रही थी ,उनके सवालो के जवाब मैं कमरे मे दूँगा

सीमा चाची मुझे गरम गरम परान्ठे परोसती गयी. और अपने हसी मज़ाक वाले सवाल पूछ कर महॉल मज़ेदार बना रही थी

चाची के सवाल होते ही मैं बच्चो के साथ खेलने लगा.

मैं दूसरो को समय दे सकता हूँ तो अपने बच्चो के लिए समय निकाल ही सकता हूँ. उनके लिए थकान का बहाना नही चलेगा.

बच्चो को प्यार करने के बाद मैं अपने कमरे मे चला गया.

अपने कमरे मे आते ही मैं बड़ी चाची की बातों के बारे मे सोचने लगा

बड़ी चाची कह रही थी की नेहा बुआ मुझे प्यार करती है बस दिखाती नही

वो छुप कर मुझे प्यार करती है

मेरे अच्छे के लिए मुझे रोकती है टोकती है

बड़ी चाची क्या सच बोल रही थी

या फिर मुझसे सच छुपाने के लिए ऐसा कहा

बड़ी चाची मुझ से झूठ नही बोलती

ज़रूर कुछ तो बात होगी जिस से नेहा बुआ अपने प्यार को छुपा कर रखती है

नेहा बुआ की बात कभी कभी दर्द देती है तो कभी कभी प्यार भी नज़र आता है

मुझे खुद पता लगाना होगा कि नेहा बुआ ऐसी क्यू है

पर बड़ी चाची जब बोल रही थी तब छोटी चाची चुप थी

छोटी चाची ने कुछ भी नही कहा

एक वर्ड भी अपने मूह से नही निकाला

शायद उनको बुरा लगा होगा मेरा बड़ी चाची को पूछना

छोटी चाची ने कहा था कि मुझे कुछ भी पूछना हो तो उनसे पुच्छू

छोटी चाची को मेरा बड़ी चाची से सवाल पूछना बुरा ही लगा होगा

पर छोटी चाची कुछ बताती नही है

ऐसे ने बड़ी चाची से मैं ने पूछा तो क्या हुआ

मैं ऐसे ही इधर उधर से पूछ कर नेहा बुआ मेरे साथ ऐसे क्यू रहती है इसका पता लगा लूँगा

कोमल से कहा था की जितना हो सके नेहा बुआ के बारे मे मुझे बता दे

पर ये छोटी चाची अब तक आई क्यूँ नही

क्या उनको सच मे बुरा लगा होगा

बुरा लगा होगा तो भी छोटी चाची मेरे पास ज़रूर आएँगी

मैं छोटी चाची का इंतज़ार करने लगा



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