जोरू का गुलाम या जे के जी

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kunal
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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी

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लेकिन अजय जीजू ने कटोरी भर मलाई ,


और जब इन्होंने सब कुछ अंदर ,... तभी उन्होंने बाहर निकाला।

कमल जीजू अब पूरी तेजी से चालू हो गए ,मूसल आलमोस्ट पूरा निकाल के ,एक झटके में जड़ तक पेल देते।


८-१० मिनट और , .... तूफानी धक्को के बाद वो भी

देर तक ,

लेकिन रीनू उनकी साली , उन्हें इतने सस्ते में थोड़ी छोड़ने वाली थी , कमल जीजू का मूसल उनके पिछवाड़े से निकल के

सीधे उनके मुंह में ,


जीजू अपने मेरे मर्द का तो खूब मजे ले ले के स्वाद लिया तो मेरे कमल जीजू में क्या बुराई है ,


परफेक्ट आस टू माउथ


थोड़ी देर सब लोग निढाल पड़े रहे फिर कमल जीजू ने इनकी पीठ सहलाते बोला ,

" चल यार हम दोनों की टंकी खाली हो गयी है ,चल कुछ खिला पिला , फिर दुबारा तेरी,.... "

रीनू उनका हाथ पकड़ के किचेन में ले गयी ,आज वो परफेक्ट साली का रोल कर रही थी।


खाना थोड़ी देर में लग गया और रीनू की आवाज आयी बुलाने की।

कुछ भी वेज नहीं था , और सब कुछ इन्होंने ही ,


मैं दोनों जीजू को देख रही थी ,मुस्कराते हुए

और वो तारीफ़ की निगाह से मुझे ,

दोनों को मालुम था की 'ये ' तो लहसुन प्याज पे नाक भौं सिकोड़ने वाले और आज ,

उधर उनकी साली रीनू , पक्की सेटिंग होगयी थी दोनों में ,

खाना खाते होये भी दोनों में गुटरगूँ , वो उन्हें रोगन जोश की रेसिपी बता रहे थे ,

हम तीनो ,मैं ,अजय और कमल जीजू , तो वापस लिविंग रूम में आ गए ,

लेकिन रीनू उनके साथ ही रुक गयी , समेटने के लिए।


और अजय जीजू की निगाह शेल्फ पर रखी पिक्चर पर अटक गयी।

" वाउ ,क्या मस्त माल है , ... "





रुक कर अजय जीजू उसे देखने लगे।

और फिर कमल जीजू भी , ...


" यार एकदम फकेबल , है कौन ये साली ,पटाखा ,मिल जाए तो मैं छोडूंगा नहीं। "

मैं मुस्करा रही थी , दोनों की बेताब देख के।

खिलखिलाते मैं बोली ,

" वैसे तो रिश्ते में ये आप दोनों की बहन लगेगी , लेकिन बात ये सही है , है ये मस्त चुदवासी , और अभी तक कोरी। ढंग से ऊँगली भी नहीं लीला इसने , नाम है गुड्डी , अभी अभी इंटर पास किया है , बिना इंटरकोर्स किये। मेरी ममेरी ननद। "


तब तक रीनू भी आ गयी ,

वो भी गुड्डी की फोटो देख के बोली , ' क्या मस्त कच्ची अमिया है ,इस छमिया की। "




है कौन ये स्साली छिनार। "

" मेरी और तेरी ननद , लेकिन इन दोनों की तो बहन लगेगी। "


हँसते हुए मैं बोली।

" बस फिर तो किसी तरह ये इन दोनों लोगों की पकड़ में आ जाए , बिन चोदे ते दोनों छोड़ेंगे नहीं। अरे पैदायशी बहनचोद है तेरे दोनों जीजू। "

खिलखलाती हुयी रीनू बोली।

" अरे तो काठमांडू से तुम लोग लौटोगे न , तो बस यहाँ से होते जाना। और कल सुबह ही तो इनके मायके जा रही हूँ , ले आउंगी इस सोनचिरैया को न , अरे ननद को उसके भाइयों से चुदवाने से बड़ा पुण्य क्या हो सकता है ?"

" लेकिन अगर उसके भाई ने कुछ नखड़ा किया तो , " रीनू ने शंका जाहिर की।

" अरे निहुरा के फिर उसकी गांड मार देंगे। "


अजय और कमल जीजू एक साथ बोले।

एकदम , रीनू बोली और एक कोई कागज़ ले के उसपे कुछ लिखने लगी।


तबतक ये काफी ले के आगये , ब्रांडी लेस्ड।




रीनू को काफी देते हुए उन्होंने पूछा ,तुम लोग किस बात पे हंस रहे थे।

" ये लोग तेरी बहन की फोटो देख के , गुड्डी की , ... " मैंने बोलने की कोशिश की , लेकिन अजय ने मेरी बात काटते बोला।

" सच में बड़ी खूबसूरत है ,खूब प्यारी। "

" हाँ , अच्छी है , " हिचकचाते हुए वो बोले।

तबतक मैंने एक ब्ल्यू फिल्म लगा दी , टीन स्लट्स।

दो किशोरियां , स्कूल ड्रेस में , गुड्डी की ही उमर की होंगी ,लेकिन कमल जीजू की निगाह तो गुड्डी की पिक्चर पे चिपकी हुयी थी। कमल जीजू की आँखे




गुड्डी के किशोर उभार को सहला रही थीं।

" बड़ी मस्त चूंचियां है , क्या कटाव है , क्या साइज होगी ,... " कमल जीजू अपने को रोक नहीं पाए , और उनके मुंह से निकल गया।

मैंने ' अपने उनको ' घूर कर देखा ,और जल्दी से उन्होंने बता दिया ,

' ३२ सी। "

" अरे वाह , तब तो दबाने रगड़ने मीजने में खूब मजा आएगा। " कमल जीजू ने फैसला सुना दिया।

रीनू भी हम लोगों के पास आ के बैठ गयी , आलमोस्ट इनकी गोद में।

" अरे जीजू आप बोलो न आप ने तो खूब मीजा होगा, वैसे चूसने काटने में भी खूब मजा देती होगी न ? "




और बिना उनके जवाब का इन्तजार किये हुए , रीनू ने एक जबरदस्त किस उनके लिप्स पर जड़ दी। फिर कागज उनके सामने रखती बोली ,

" जीजू , आटोग्राफ प्लीज। "

बिना कुछ सोचे साइन करते , उन्होंने एक किस रीनू के गाल पर करते बोला ,

" ऐनीथिंग फार साली। "


स्क्रीन पर वो टीनेजर अपने नए नए आते कच्चे उभार के बीच एक मोटे लन्ड को दबा के,

कस कस कर चूंची चोदन चल रहा था।


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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी

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अजय की निगाह कभी उधर तो कभी , गुड्डी की फोटो की ओर , उनके मुंह से निकल ही गया ,




" क्या मस्त जोबन हैं , चूंची चोदन के लिए एकदम परफेक्ट। "

" अरे चूंची चोदो, चूत चोदो ,गांड मारो उस छिनार की , मेरे जीजू मना थोड़े ही करेंगे , उन्होंने तो लिख के भी दे दिया है। "

रीनू चहकती कागज़ लहराती बोली।

मैं जान रही थी ,रीनू ने कुछ जबरदस्त शरारत की होगी , आज वो एकदम असली साली का काम कर रही थी ,इनके साथ।

और रीनू ने कागज़ दिखा दिया ,

एक स्टाम्प पेपर

और उस पर लिखा था ,


" मैं अपनी बहन गुड्डी को १०० रुपये में बेचता हूँ। इसको खरीदनेवालों को पूरा हक़ होगा की इसके बदले में ,उसकी चूंची चोदे ,कच्ची चूत चोदें ,गांड मारे या चाहे जो करें। अगर वो ना नुकुर करे तो उसके साथ जबरदस्ती करने का उनका पूरा हक़ है। खरीदने वालों के साथ , जिसे भी खरीदने वाले चाहेंगे उन्हें भी गुड्डी के ऊपर ये हक़ हासिल होगा।

मैंने सौ रुपया पाया।


बेचने वाले की जगह रीनू ने अपनी ट्रिक से उनसे साइन करवा लिया था।

खरीदने वालों में अजय और कमल जीजू ने पहले ही साइन कर दिया था और मैंने और रीनू ने गवाह में।


कमल जीजू ने १०० रुपये का नोट निकाल के उनकी ओर बढ़ाया ,पर मैंने बीच में ही लपक लिया।

" अरे मेरी ननद के जुबना की पहली कमाई है ,मैं रखूंगी न। "


लेकिन कमल जीजू ने खींच के मुझे गद्दे पर लिटा दिया ,

" अरे जब तक ननद नहीं मिलती ,उसकी भाभी ही सही। "

पल भर में मेरी टाँगे दुहरी हो गयीं थीं ,जाँघे फैली थीं।



उईईई , उफ्फ्फ , नहींइ उईईईईईई , .... मैं चीख रही थी , चिल्ला रही थी ,चूतड़ पटक रही थी।

बस मेरी जान नहीं गयी बस बाकी सांसत हो गयी।

मेरी भाभियों ,सहेलियों ने बहुत सिखाया पढ़ाया था मुझे सुहागरात के बारे में ,

लेकिन ये दर्द तो उससे कहीं कहीं ज्यादा था ,

और ये सुहागरात तो थी भी नहीं , वो तो साल भर से ऊपर हो गए , और तब से बार बार ,लगातार ,बिना नागा

मैं चुद रही थी।

तब ये दर्द की हालत थी ,

जीजू ने एक हल्का सा धक्का और लगाया ,



,

दर्द की एक और लहर , ... मैं दर्द से दुहरी हो गयी।

उईईईईई ,नहीईईईई ,ओह्ह्ह्ह , उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ,


मैं चीख रही थी कराह रही थी।

मैंने मुश्किल से आँख खोल के देखा , मोटा बीयर कैन ,

कमल जीजू का अभी इक तिहाई ही घुसा था।





कोई और समय होता तो शायद मैं उन्हें छेड़ती ,उकसाती , चिढाती ,

पर अभी तो जान पर बनी पड़ रही थी दर्द से हालत खराब ,


जीजू की सिर्फ तलवार ही नहीं जबरदस्त नहीं थी , वो तलवारबाज भी जबरदस्त थे ,

उन्होंने पैंतरा बदला , बिना लन्ड ब्नाहर निकाले , ... उनके होंठ , हाथ उंगलिया सब मैदान में आ गए ,


चुम्मी , गाल चूमना ,चूसना काटना , चूंची मर्दन ,

उंगलियो से क्लीट को सहलाना छेड़ना ,


थोड़ी ही देर में मैं पिघल रही थी ,




ये नहीं था दर्द नहीं हो रहा था ,जाँघे अभी भी फटी पड़ रही थीं , लेकिन मजे के आगे ,


दर्द और मजे का जोरदार मिश्रण ,... लेकिन जीजू ने और ठेलना अभी बंद कर रखा था।

पर कुछ देर बाद , उन्होंने अपनी ,

उनकी क्या सारे मर्दों की फेवरिट पोज ,







... मुझे कुतिया बना के निहुरा दिया , दोनों टांगों को अच्छी तरह फैला दिया ,

और ,

और ,....


उईईईईई , ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ,

मेरी बड़ी बड़ी रतनारी आँखों में आंसू नाच रहे थे ,

मैंने जोर से नाख़ून अपनी मुठ्ठी में गड़ा लिए ,

दांत मेरे भींचे होंठो को काट कर चीख रोकने की कोशिश कर रहे थे पर ,

पर


उईईईईई , नहीईईई , ओह्ह्ह्ह्ह , आह्ह्ह्ह्ह

दर्द के मारे मेरी चीख्ने रुक नहीं पा रही थीं ,

न जीजू के धक्के रुक रहे थे।


इधर मेरी हालत खराब थी ,

उधर साली रीनू और , कमल जीजू को चढ़ा रही थी ,उकसा रही थी ,

" अरे जीजू फाड़ दो इस साली छिनार बुरचोदो की , चार दिन तक टांग फैला के चले। अरे ये चूत तो कुँवारी अनचुदी मिलनी थी आपको , ज़रा भी दया मत दिखाइए , पूरा पेल दो एक बार में ,... "


मुझे रीनू पर बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन कर भी क्या सकती थी , और कमल जीजू भी न एकदम ,

बस रीनू की बात मान के ,मेरे दोनों उभार कस के कुचलते मसलते , रगड़ते ,




हर धक्का जानलेवा।

रगड़ता ,दरेरता घिसटता फाड़ता , जब कमल जीजू का मोटा मूसल घुसता तो बस ,




आलमोस्ट पूरा , करीब ८ इंच उन्होंने लन्ड ठूंस दिया।

कम से कम १०-१२ मिनट तो कुतिया बना के उन्होंने चोद ही दिया होगा मुझे , पर,

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Re: जोरू का गुलाम या जे के जी

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थोड़ी देर बाद हम दोनों मेरी फेवरिट पोजिशन में थे , वोमेन आन टॉप ,

मैं ऊपर वो नीचे ,

जिसमें धक्को का जोर ,गहराई मैं कंट्रोल कर सकती थी।

मैं हलके हलके पुश कर रही थी , कमल जीजू की कमर पकड़ धक्के मार रही थी और कुछ ही देर में


थोड़ी देर बाद हम दोनों मेरी फेवरिट पोजिशन में थे , वोमेन आन टॉप ,

मैं ऊपर वो नीचे ,

जिसमें धक्को का जोर ,गहराई मैं कंट्रोल कर सकती थी।

मैं हलके हलके पुश कर रही थी , कमल जीजू की कमर पकड़ धक्के मार रही थी और कुछ ही देर में





मेरी गुलबिया , बालिश्त भर का मूसल पूरा घोंट गयी ,



अजय जीजू का मोटा लन्ड भी मेरे होंठ सहला रहां था , खुद अपने होंठ खोल मैंने उसे भी घोंट लिया ,

और लगी जैसे कोई नदीदी लड़की लॉलीपॉप चूसती चुभलाती है , लगी चूसने चुभलाने ,




मैं सोच रही थी ,


छह महीने भी तो नहीं हुए जब चीनू के भाई की शादी में ,

मेरे यही दोनों जीजू , मैं सिर्फ कमल जीजू की गोद में बैठी थी और , अजय और कमल जीजू

मेरे उभारों की बस जरा नाप जोख कर रहे थे ,जब ये आगये और कितना अलफ़ हुए ,

उसी रात पहली ट्रेन से मुझे लेकर वापस ,


पर आज , उन्ही के सामने ,हमारे ही घर में ,





एक जीजू के लन्ड पे बैठी मैं चुद रही हूँ और दूसरे का लन्ड मेरे मुंह के अदंर ,


और ये सोचते ही मैंने चूसने और चोदने दोनों की रफ़्तार बढ़ा दी।

लेकिन इनका औजार भी खाली नहीं थी ,

इनकी साली थी न ,


रीनू ने इनके औजार को बाहर निकाल लिया था और कस कस के मुठिया रही थी ,कभी झुक के मुंह में ले के चूस लेती ,चाट लेती।




मैं इनकी और रीनू की हरकत देख रही थी और उधर कमल और अजय जीजू ने ,


कमल जीजू ने नीचे से लेटे अपनी दोनों तगड़ी टाँगे कस के मेरी पीठ के ऊपर कर के बाँध ली थी और उन के हाथ भी ,

कमल जीजू के होंठों ने अब मेरे होंठों को भी अपने अंदर कर के कस के भींच लिया था ,

अब मैं न चीख सकती थी ,न टस से मस हो सकती थी ,


और पीछे से अजय जीजू का मोटा गरम लन्ड मेरी गांड के दरार के बीच ,हलके हलके रगड़ रहा था।

पिछवाड़े से कुँवारी तो मैं भी थी , और ये बात कमल जीजू और अजय जीजू भी जानते थे।

मैं सिसक रही थी , रिगिल कर रही थी लेकिन ,

जिसमें धक्को का जोर ,गहराई मैं कंट्रोल कर सकती थी।

मैं हलके हलके पुश कर रही थी , कमल जीजू की कमर पकड़ धक्के मार रही थी और कुछ ही देर में


थोड़ी देर बाद हम दोनों मेरी फेवरिट पोजिशन में थे , वोमेन आन टॉप ,

मैं ऊपर वो नीचे ,

जिसमें धक्को का जोर ,गहराई मैं कंट्रोल कर सकती थी।

मैं हलके हलके पुश कर रही थी , कमल जीजू की कमर पकड़ धक्के मार रही थी और कुछ ही देर में





मेरी गुलबिया , बालिश्त भर का मूसल पूरा घोंट गयी ,



अजय जीजू का मोटा लन्ड भी मेरे होंठ सहला रहां था , खुद अपने होंठ खोल मैंने उसे भी घोंट लिया ,

और लगी जैसे कोई नदीदी लड़की लॉलीपॉप चूसती चुभलाती है , लगी चूसने चुभलाने ,




मैं सोच रही थी ,


छह महीने भी तो नहीं हुए जब चीनू के भाई की शादी में ,

मेरे यही दोनों जीजू , मैं सिर्फ कमल जीजू की गोद में बैठी थी और , अजय और कमल जीजू

मेरे उभारों की बस जरा नाप जोख कर रहे थे ,जब ये आगये और कितना अलफ़ हुए ,

उसी रात पहली ट्रेन से मुझे लेकर वापस ,


पर आज , उन्ही के सामने ,हमारे ही घर में ,





एक जीजू के लन्ड पे बैठी मैं चुद रही हूँ और दूसरे का लन्ड मेरे मुंह के अदंर ,


और ये सोचते ही मैंने चूसने और चोदने दोनों की रफ़्तार बढ़ा दी।

लेकिन इनका औजार भी खाली नहीं थी ,

इनकी साली थी न ,
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रीनू ने इनके औजार को बाहर निकाल लिया था और कस कस के मुठिया रही थी ,कभी झुक के मुंह में ले के चूस लेती ,चाट लेती।




मैं इनकी और रीनू की हरकत देख रही थी और उधर कमल और अजय जीजू ने ,


कमल जीजू ने नीचे से लेटे अपनी दोनों तगड़ी टाँगे कस के मेरी पीठ के ऊपर कर के बाँध ली थी और उन के हाथ भी ,

कमल जीजू के होंठों ने अब मेरे होंठों को भी अपने अंदर कर के कस के भींच लिया था ,

अब मैं न चीख सकती थी ,न टस से मस हो सकती थी ,


और पीछे से अजय जीजू का मोटा गरम लन्ड मेरी गांड के दरार के बीच ,हलके हलके रगड़ रहा था।

पिछवाड़े से कुँवारी तो मैं भी थी , और ये बात कमल जीजू और अजय जीजू भी जानते थे।

मैं सिसक रही थी , रिगिल कर रही थी लेकिन ,


मेरी आज तक सैंडविच नहीं बनी थी लेकिन ब्ल्यू फिल्मों में देखा तो कई बार था ,

इसलिए मुझे मालुम तो पड़ ही गया था पर ,

और पीछे से अजय जीजू का मोटा गरम लन्ड मेरी गांड के दरार के बीच ,हलके हलके रगड़ रहा था।

पिछवाड़े से कुँवारी तो मैं भी थी , और ये बात कमल जीजू और अजय जीजू भी जानते थे।

मैं सिसक रही थी , रिगिल कर रही थी लेकिन ,


मेरी आज तक सैंडविच नहीं बनी थी लेकिन ब्ल्यू फिल्मों में देखा तो कई बार था ,

इसलिए मुझे मालुम तो पड़ ही गया था पर ,




कुछ देर में ही अजय ने अपना लन्ड मेरी गांड में ठूंस दिया।

दर्द से गांड फटी पड़ रही थी।

पर कुछ ही देर में रिदम बन गयी ,



जब अजय मेरी गांड मारते तो कमल जीजू का लन्ड ,चुपचाप रहता लेकिन




कुछ देर में ही कमल जीजू नीचे से ही धक्के मार मार के चोदना शुरू कर करते तो अजय रुक जाते

पर मेरे जीजू इतने सीधे नहीं ,

थोड़े ही देर में दोनों ही ओर से डबल पेस अटैक चालू हो गया ,

गांड और बुर दोनों के चीथड़े उड़ रहे थे ,






और ऊपर से मेरी कमीनी बहन रीनू ,जले कटे पर लाल मिर्च का मलहम लगाने का मौका वो नहीं छोड़ती थी।

इनका लन्ड चूसते चाटते बीच बीच में वो भी कमेंट मार ही देती ,

अब आ रहा है असली मजा किसी को छोटी साली होने का , दो दो जीजा का मजा एक साथ।


ये और कमल जीजू करीब एक साथ ही झड़े ,

ये अपनी साली रीनू के मुंह में और कमल जीजू मेरी बुर में।





रीनू सारी मलाई गटक कर गयी लेकिन जो कुछ रीनू के होंठों और जीभ पे लगा था , वो उनकी साली ने उनके होंठों पे लिथड़ दिया और

साथ ही मुझे आँख मार के इशारा किया ,

मैं समझ गयी , आखिर हम दोनों बचपन की सहेली ,मैं उसकी छोटी बहन ,



जैसे ही कमल जीजू ने मेरी चूत से लन्ड बाहर निकाला ,

रीनू ने इनका मुंह मेरी चूत पे एकदम सील ,

कई बार मेरी चूत से अपनी मलाई इन्होंने चाटी थी पर पहली बार किसी और की ,

सपड़ सपड़ ,बिना किसी हिचक के वो चूस चाट रहे थे ,

स्नैप स्नैप , इनकी साली रीनू ने फोटो वीडियो सब कुछ ,


और जब कुछ देर बाद अजय मेरी गांड में झड़े ,





तो रीनू ने खुद उनका सर पकड़ के मेरे पिछवाड़े ,





" अरे जीजू ,ये स्वाद भी तो ले के देखो , मस्त मलाई मक्खन है। "

रीनू ने अपने हाथ से उनका सर पकड़ के ,

और फिर स्टिल ,वीडियो

एक एक बूँद जब तक मेरे पिछवाड़े से इनके , .... तबतक रीनू ने सर नहीं छोड़ा।


सारी रात ,

खूब मजे लिए हम सब ने ,

इन्होंने भी।

अजय जीजू ने पिछवाड़े का स्वाद लिया था इसलिए उन्होंने कुछ ही देर में मेरी चूत पर अटैक कर दिया।




और कमल जीजू तो गांड के पुराने शैदाई , तो एक बार फिर मेरी सैंडविच बनी।





भोर की पहली किरण अभी अलसा रही थी ,

पूर्वा ने अपने पैरों में महावर की लाली लगानी शुरू ही की थी ,

हम लोगों ने अपनी आगे की यात्रा की तैयारी शुरू कर दी ,

अजय ,कमल और रीनू को काठमांडू के लिए निकलना था ,रस्ते में दो दिन वो लोग पोखरा रुकते ,

और हम लोगों को इनके मायके।

लेकिन मैंने अजय और कमल जीजू से कसम धरा ली

लौटते हुए वो लोग हमारे यहां रुकेंगे और कम से कम तीन चार दिन।

अंदर से दरवाजे चेक करते हुए मैं निकली तो देहरी पर एक पल के लिए ठिठक गयी ,

कमल जीजू इनके टाइट जीन्स से छलकते बबल बॉटम को सहला रहे थे ,

रीनू दुष्ट , उसने कमल जीजू का इरादा भांप लिया और हंस के बोली ,

" अरे जीजू , वन फार द रोड , ... "


और खुद ही इनकी जीन्स की बटन खोल के घुटने तक सरका दी।

" अरे नेकी और पूछ पूछ "


कमल जीजू ने वहीँ इनको कार के बोनट पर निहुरा कर ,....


जब मैं निकली तो कमल जीजू का आलमोस्ट पूरा अंदर धंसा ,


मुझे आँख मार के जीजू बोले ,

' जस्ट अ क्विकी। "

पर कमल जीजू की क्विकी भी सब के नार्मल टाइम से बढ़ के होती है ,

और जब कमल जीजू ने बाहर निकाला झड़ने के बाद ,

तो मैंने उन्हें पोंछने साफ़ करने नहीं दिया ,

' चल न देर हो रही है ,मेरी छिनार जेठानी वहां ,... "

और बस उनके जीन्स के बटन बंद कर दिए और कान में बोली ,


" अरे यार अपनी गांड कस के भींचे रहना ,बाहर नहीं निकलेगा चल। "

और अगले पल हम लोग कार में उनके मायके की ओर ,

ड्राइव मैं कर रही थी , वो मेरे कन्धे पर सर रखे थोड़े ,थके अलसाये।


मेरी आज तक सैंडविच नहीं बनी थी लेकिन ब्ल्यू फिल्मों में देखा तो कई बार था ,

इसलिए मुझे मालुम तो पड़ ही गया था पर ,
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जोरू का गुलाम भाग ७६

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जोरू का गुलाम भाग ७६

मायके की ओर


ड्राइव मैं कर रही थी , और ये मेरे बगल में रात भर लुटी गौने की दुल्हन की तरह ,थके , सुस्ताते ,आधी नींद में मेरे कंधे पर सर रखे ,


सड़क एकदम साफ़ थी , सुबह अभी ठीक से हुयी भी नहीं थी , बस कहीं कहीं सड़क पर बगल से साइकिल चलाते दूधवाले ,

इनका मायका तीन साढ़े तीन घण्टे की ड्राइव पर था , और मेरा दिमाग एक बार फिर पुरानी बातों में ,

इनकी मायकेवालियों की , खास तौर से इनकी उस छिपकली ममेरी बहन के कमेंट्स , जेठानी जी के ताने ,...


दूसरा कोई समय होता तो इस समय मैं वो सब सोच सोच कर काँप रही होती , घबड़ा रही होती , मन करता की न जाऊं इनके मायके ,

लेकिन ये अब खुद थे मेरे साथ ,

सबसे बड़ी बाजी अपने ससुराल में मैं मैंने जीत ली थी इन्हें ,


इनका बदला हुआ बिहैवियर , ऐटिट्यूड , पसंद , और नया मेट्रोसेक्सुअल लुक ,

मैंने कनखियों से इनकी ओर देखा ,






पिंक फ्लोरल शर्ट , वैक्स्ड लुक , परफ्यूम ,कानों में स्टड्स ,

और सबसे बढ़कर , टोटल क्लीन शेव्ड लुक , मूंछे सफाचट ,

जिसे इनकी वो छिनाल ममेरी बहन बार बार कहती थी , अरे मूंछे तो मर्द की शान होती हैं और ये भी ,

लेकिन उस का असली राज तो कमल जीजू ने खोला ,

स्कूल में ये परफेक्ट चिकने थे , वो स्कूल क्या पूरे शहर के लौंडेबाज इनके पीछे ,

और कालेज में भी यही हाल , तो बस उस लुक को चेंज करने के लिए ,इन्होंने शेव करना बंद कर दिया और मूंछे रख ली।

और उसे डिफेंड भी करने लगे ,मर्द की शान बता के।

मैं उनके चिकने गालों को देख के मुस्कराने लगी , मेरी मुंहबोली छोटी बहन और इनकी साली ,

तनु , अरे वही ब्यूटी पार्लर वाली , फेसियल के साथ साथ उसने न इनकी सिर्फ मूंछे साफ़ की बल्कि ऐसा वैक्स किया की,...

लौटना भी मुश्किल , बेचारी मेरी जेठानी ये लुक देख के तो उनकी ,

और , व्हाट अ चेंज ,

ये मेरे बगल में बैठे मैं ड्राइविंग सीट पर ,

और इनके पिछवाड़े पूरी मलाई भरी , गांड पूरी तरह रात भर मूसल घोंटने के बाद अच्छी तरह फैली।

और उनका फोन वाइब्रेट हुया , मैंने उठाया , मॉम का मेसेज था इन लिए ,

" सदा सुहागन रहो , तेरे पिछवाड़े के उद्द्घाटन की फोटो देखीं , एकदम मस्त , आधी शर्त तो पूरी कर दी तूने , बस मायके पहुँच के अपनी बहन चोद दो ,




तो ,... तो तुझे मादरचोद बनाने की जिम्मेदारी मेरी।

अगवाड़ा पिछवाड़ा सब दिलवाऊंगी अपनी समधन की। "


रीनू ने जो फोटुएं खींची थी ,स्टिल वीडयो सब उसी समय मैंने मम्मी को व्हाट्सअप कर दिया था और बाद में मेल भी ,

अपने और इनके फोन पे भी ट्रांसफर कर दी थी।

वो थोड़ा आंखे बंद किये कुनमुनाए और मैंने छेड़ा ,

क्यों क्या कमल जीजू की याद आ रही है ,बहुत मोटा था क्या ,...


या फिर





अपनी उस छिनाल बहन की ,पक्की चुदवासी है। "

इन्होंने एक बार फिर से सोने की कोशिश की और मेरे मन में उनकी ममेरी बहन की बातें , नकचढ़ी

" भाभी आप क्या जानेगी मेरे भैया को ,आप तो अभी अभी आयी हैं , मैं जानती हूँ बचपन से ,सब पसंद नापसन्द। "

इत्ता खराब लगता था , शादी के बाद अगर आपके पति के बारे में कोई इस टोन में बात करे जैसे वो उसे ओन करता है और आप तो बाहरवाली हो

आउटसाइडर ,

कभी कभी वो इनके सामने भी बोलती ,


" भैय्या ये सब बातें हम लोगों की अपनी है ,आउटसाइडर के सामने नहीं करनी चाहिए। "

और वो भी उसी का साथ देते ,हंस के बोलते ,तू एकदम सही बोल रही है ,

और मैं जल के ख़ाक हो जाती। मन करता था उससे पूछुं ,

" क्यों इनसाइडर , तुझे मालुम है तेरे भैया को कैसे लेना पसंद है। कभी पकड़ के देखा है क्या , तू तो सब जानती है न। '

कभो लगता ,ननद है की सौत ,



वो तो मम्मी के फोन ,... घर में मेरे और तो कोई था नहीं बस बचपन से वही मेरी सखी सहेली फ्रेंड गार्जियन ,


बस मम्मी की बातों ने मेरी सैनिटी बरकरार रखी।

और अब बाजी एकदम पलट गयी थी ,

मेरा पति सिर्फ मेरा।

मैंने मुस्कराकर उनकी ओर देखा ,






भोर की पहली किरण उनके गाल पे छेड़ रही थी।

दुष्ट तू भी मेरे पति पे लाइन मार रही है ,


मैंने हलके से बोला और उन्हें चूम लिया।

उनकी आँख खुल गयी और उन्होंने ड्राइव करने का ऑफर दिया , और हम लोगों ने सीट बदल ली।





हलकी हलकी पुरवाई चल रही थी।

हवा में ताज़ी हुयी बारिश की भीगी भीगी सी महक घुली हुयी थी ,लगता था अभी बस थोड़ी ही देर पहले बारिश थमी थी।


सड़क के किनारे छोटे छोटे गड्ढो में जमा बारिश का पानी इस बात की गवाही भी दे रहा था।

आधे से ज्यादा रास्ता उनके मायके का पार हो चुका था।

आसमान में अभी भी शावक से सफ़ेद भूरे बादल एक दूसरे का पीछा कर रहे थे ,आपस में खिलवाड़ कर रहे थे।

और दरवाजे से झांकती शर्माती नयी बहुरिया की तरह , ताज़ी ताज़ी सुबह की शरमाती किरणे भी बादल का घूंघट हटाने की कोशिश कर रही थीं।


दूर दूर तक धानी चूनर की तरह धान के खेत फैले थे और उनमें झुकी रोपनी करने वाली ग्राम्याएँ , सोहनी के गाने गा रही थीं।


आम के घने बगीचे , और गन्ने के खेत ,




मुझे मम्मी के गाँव की याद आ गयी और इनका मम्मी से किया गया वायदा ,


अपनी ममेरी बहन को ८-१० दिन के लिए मम्मी के गांव ,मेरे मायके भेजने का वायदा ,


और फिर उसकी कुटाई होती ,गन्ने के खेत में ,आम के बगीचे में , मेंड़ के पीछे , झोपड़ी के नीचे ,

एक साथ तीन चार लौंडे ,

चमरौटी के , भरौटी के ,अहिरौटी के ,

और गाँव की औरतें भी , ... फिर उसे पक्की छिनार होने से कोई रोक नहीं सकता था।


चिढाते हुए मैंने इन्हें छेड़ा ,

' रस्ता नहीं कट रहा है क्या , अरे वो छिनार भी खूब चुदवासी हो रही होगी। "






वो कुछ नहीं बोले पर जीन्स में तना उनका बल्ज बोल रहा था।




" मिलते ही चुम्मा लेना उसका , और वो भी अपनी भौजाई के सामने। "

लेकिन उन्होंने कोई रिएक्शन नहीं दिया जैसे सुन के अनसुना कर दिया।


और मुझे मम्मी की वार्निंग याद आगयी ,
,

"चीजें इतनी आसान नहीं होंगी तेरी ससुराल में। अपने मायके में पहुँच के इसके वापस अपने कोकून में घुसने के पूरे चांसेज है , पुरानी फेमिलियर टेरिटरी , होम पिच का अडवांटेज , उसकी भौजाई ,बहन , तुमको पूरा ध्यान देना होगा और पहली वार्निंग पर ही साम दाम दंड भेद , सब ,... "

बस ,

भला हो स्मार्ट फोन बनाने वालों का

बात करने के अलावा सब कुछ हो जाता है ,फेसबुक , चैट ,मेल व्हाट्सअप , फोटो ,फ़ाइल टांसफर

बस उसी यंत्र का इस्तेमाल किया मैंने।

अपनी बहन कम माल के लिए लेटेस्ट आई फोन खरीदा था उन्होंने ,




" सुनो , मैं सोच रही थी जो गुड्डी के लिए तुमने फोन लिया है न उसमें तुम्हारी कुछ फोटुएं लोड कर दूँ , ... ये कैसी रहेगी। "

और ये कह के मैंने उन्हें उनकी एक फोटी दिखाई ,

हसबैंड डे के दिन की , पूरी ब्राइडल फाइनरी में , चोली लहंगा , कम्प्लीट मेक अप। फर्स्ट प्राइज मिला था उन्हें ,

" धत्त , ... " झेंप गए , फिर अपनी आँखों से बरजा उन्होंने।

" तो ये वाली , ... " अब मैं भी पूरे जोश में आ गयी थी और उन को एक दूसरी फोटो दिखाई ,

अजय जीजू का मोटा औजार , ...लॉलीपॉप की तरह ,...

" प्लीज , प्लीज डिलीट कर दो न , ... " अब वो मिन्नत करने की हालत में आगये थे।

" चलो कर देती हूँ , "

मैं मान गयी पर ये उन्हें भी मालूम था और मुझे भी , ये सब दसों जगह , मेरे मेल अकाउंट में ,व्हाट्सअप पे , मम्मी के पेज पे , यानी बस एक बटन दबाना था और फिर वापस ,


" अच्छा चलो , उसके फोन में डालती नहीं हूँ लेकिन दिखा दूंगी उसको भी और तेरी उस पूरे मोहल्ले में बांटने वाली भौजाई को भी ,आखिर उन्हें मालूम तो चले तेरी असली पसन्द ,... "

और अब जो फोटो मैंने उन्हें दिखाई , बस उनकी फट गयी।


लेटेस्ट थी ,चलने के ठीक पहले जब कार के बोनेट पे ही निहुराके कमल जीजू उनकी ,...

उनका चेहरा लाज से लाल हो गया , उस गुलाबी गाल को चूम के मैं बोली ,

" चल यार नहीं दिखाती , ये सब हम लोगों का ही राज रहेगा , लेकिन बोल न उस की चुम्मी लेगा न अपनी भौजाई के सामने। "

हाँ कहने के अलावा कोई रास्ता बचा था क्या उनके पास ?




" अरे ऐसे थोड़ी ,उसके मम्मे भी तो खूब मस्त है , बोल उसकी कच्ची अमिया दबा दबा के चूमोगे न अपनी ममेरी बहन को। "

मैं अपना अडवांटेज प्रेस कर रही थी।

और न उन्होंने सिर्फ हाँ बोला , बल्कि खुल के ,

उनसे तिनतिरबाचा भरवाया ,अपनी ननद को दस मोटी मोटी गाली भी दिलावाई।

लेकिन इन सब का असर उनके ऊपर भी हो रहा था , जो मैंने सोचा था एकदम वैसा ,

तंबू में बम्बू खड़ा हो गया था जीन्स का बल्ज एकदम टाइट ,


उसे ऊपर से रगड़ते मलसते मैंने जीन्स थोड़ी सी खोल दी और अंदर ऊँगली डाल के चेक चेक किया ,

एकदम कड़ा , तैयार ,

इसका मतलब उनके मन में भी बस उसी मस्त किशोरी की शक्ल घूम रही थी।

' बस थोड़ी देर की बात है , मिलने दो उसे , देखना चुमवाऊंगी , चटवाउंगी ,चुसवाऊँगी , सब करेगी वो छिनार , बहुत तड़पाया है तुझे उस स्साली ने। "

उनके उत्थित लिंग को मैंने एश्योर किया।


और शहर शुरू हो गया था , उनका मायका मेरी ससुरालऔर शहर के शुरू में ही , एक इनफेमस या सच कहूँ तो फेमस मोहल्ला था , रेड लाइट एरिया , ...एक गंज।

और जब उनकी बहन को उनके माँयकेवालियों मैं गारी गाती थी तो बिना इस मोहल्ले का नाम लिए गारियाँ पूरी ही नहीं होती थी।

" ... की बहिना छिनार , वो दुवारे खड़ी ,..गंज में उघारे खड़ी ,... "

" एक किया ,दो किया , साढ़े तीन किया अरे नौसौ , अरे नौ सौ भंडुवे ,...गंज के। "

दरवाजे पर पूरा सिंगार किये , ग्राहकों को पटाती ,फंसाती रंडिया खड़ी थी ,

" क्या देख रहे हो , कही तेरा माल , तेरी वो बहना तो यहाँ नहीं खड़ी है। "

बिचारे वो , मैने फिर चिढ़ाया ,




" अरे उस के लिए तो ग्राहक मैं ले चल रही हूँ न , उसकी नथ उतराई तो तुझे करनी है। हाँ एक बार बस तू चढ़ जाए न , बस देखना , वो तो इन रंडियों को भी मात कर देगी।



घबड़ा मत ,एकदम रंडी नबर वन बना दूंगी मैं उसे ,प्रामिस। "

वो शर्मा भी रहे थे ,मुस्करा भी रहे थे।

' और ये तुम्हारी फोटुएं नहीं दिखाउंगी उसे बस याद रखना ,जो होने वाली रंडी नम्बर वन है न बस उससे एकदम रंडी की तरह ही पेश आना , एकदम खुल के और सबके सामने ,... नो लाज झिझक। "

और ये कहते हुए मैंने अपना फोन अपने पर्स में रख दिया।


और तब तक उनका घर आ गया।

जेठानी मेरी दरवाजे पर ही मिल गयीं।
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