ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का ) complete

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kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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पर उस शैतान को वो शब्द तो जैसे सुनाई ही नही दे रहे थे.... और अंदर से ज़ोर लगा कर उस शैतान ने सोनू के सिर को दरवाजे की झिर्री की तरफ धकेल दिया...

सोनू ने अपनी आँखे बंद कर ली...
उसके होंठ काँप से रहे थे....
और अचानक उसे महसूस हुआ की उसके लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी है....
अभी तो उसने कुछ देखा भी नही ....
सिर्फ़ अपनी बहन को नंगा देखने की कल्पना मात्र से उसका लंड खड़ा हो चुका था...उसने अपना हाथ नीचे लेजाकर उसे अपनी पेंट के साइड में से घसीट कर सीधा किया....

उसके अंदर से एक आवाज़ आई : 'आँखे खोल सोनू...आँखे खोल....'

सोनू (मन ही मन में) : 'नही.....वो मेरी बहन है....ये ग़लत है...'

अंदर का शैतान गुर्राया : 'क्या ग़लत है....कुछ भी ग़लत नही है.... अभी कुछ साल पहले तक तो तुम दोनो एक दूसरे के साथ एकसाथ नहाया करते थे.... बिना कपड़ों के घूमते रहते थे.... तब क्या वो तेरी बहन नही थी... वो ग़लत नही था क्या.... समय बदला है, तू और सोनिया तो पहले भी ऐसे थे और आज भी ऐसे ही है.... इसलिए कुछ ग़लत नही है...'

सोनू की जैसे अपने खुद के जमीर के साथ बहस चल रही थी....
पर असल बात ये थी की सवाल भी वो कर रहा था और जवाब भी वो खुद दे रहा था...

सोनू ने एक और बार कोशिश की : 'पर....समाज की नज़रों में तो ये सब पाप माना जाता है....किसी को पता चल गया तो क्या होगा..'

अंदर से एक और मंझा हुआ सा जवाब आया : 'समाज को कैसे पता चलेगा की इस वक़्त तू क्या कर रहा है... जब तक ये काम छुप कर किए जाए कुछ ग़लत नही है....एक बार देख तो ले की इतने सालो में उसकी बॉडी में क्या-2 बदलाव आए है...'

और आख़िरकार उस 'शैतान' की बातों में आकर उसने अपनी आँखे खोल ही दी..

और जो नज़ारा उन आँखो ने देखा, उसे देखकर तो सोनू का पूरा शरीर काँप उठा...बदन ठंडा सा पढ़ गया अंदर का गर्म नज़ारा देखकर...
अंदर सोनिया ड्रेसिंग टेबल के शीशे के आगे खड़ी होकर पोज़ मार रही थी..

वो पूरी नंगी थी...गीले बालों से निकल रहा पानी उसके बदन पर बूंदे बनकर फिसल रहा था..

उसकी नन्ही मुन्नी सी ब्रेस्ट देखकर सोनू के तो होंठ ही सूख गये...
अपनी जीभ से उन्हे तर करना चाहा पर जीभ भी लक्कड़ बन चुकी थी...
सामने का नज़ारा ही ऐसा था...

सोनू ने उपर से नीचे तक अपनी बहन के शरीर को नाप डाला....
बड़े ही क्यूट सी ब्रैस्ट थी उसकी और उतने ही क्यूट से चूतड़ थे उसके....
छोटे-2 और गोल मटोल...
पूरा शरीर एक दम गोरा चिट्टा ....
और छूट पर हल्के फुल्के रोँये थे बस...

सोनू को तो ऐसा लगा जैसे कमरे से निकल रही भीनी खुश्बू उसकी चूत से ही आ रही है...
वो अपनी बहन को हर एंगल से देखता रहा...और देखता भी क्यो नही, वो पोज़ ही ऐसे बना रही थी की उसके शरीर का हर हिस्सा ना चाहते हुए भी देख लिया उसने...
सोनिया के शरीर का पानी तो सूख ही चुका था...उसने गुनगुनाते हुए बेड पर पड़ी पेंटी उठाई और पहन ली...

वो एक सफेद रंग का बॉक्सर टाइप का उंडरवीयर था...जिसमें उसकी नन्ही गांड पूरी समा गयी....

उसने घूम-2 कर अपनी गांड पर कसी हुई पेंटी को शीशे में निहारा... और मुस्कुरा दी.... शायद अपनी फिटिंग देखकर उसे खुद ही मज़ा आ रहा था..
सोनू की नज़रें कभी उसकी कसी हुई गांड पर तो कभी उसके कसावदार मुम्मों पर जा रही थी.... ऐसा नज़ारा उसने आज तक नही देखा था... उसे इस तरह मस्ती में भरकर अपनी बहन को निहारते देखकर अंदर बैठा शैतान भी हंस दिया..

'मैने कहा था ना... कुछ ग़लत नही है.... ऐसा रूप अगर ना देखा तो वो ग़लत होता है... '

अपने 'शैतान' की बात सुनकर उसने भी हाँ में हाँ मिला दी...
अब उसके अंदर की झिझक, शर्म और दुविधा दूर तक दिखाई नही दे रही थी...

पर एक प्राब्लम हो रही थी उसे....
उसका लंड फटने जैसी हालत में पहुँच चुका था... ऐसा लग रहा था जैसे उसमें से लावा फूटकर बाहर आ जाएगा...कुछ देर अगर वो और खड़ा रहा तो अपनी पेंट उसने गीली कर देनी थी..

खड़ा तो वो और भी देर तक होना चाहता था...पर उसके लंड के प्रेशर ने उसके कदम हिला दिए....और वो ना चाहते हुए भी नीचे बने बाथरूम की तरफ चल दिया....और वहाँ पहुँचकर उसने अफ़रा तफ़री में अपनी पेंट खोली, अंडरवीयर नीचे किया और अपने अकड़े हुए नागराज को पकड़कर जोरों से मसलने लगा...और जो प्रेशर उसके लंड में काफ़ी देर से बना हुआ था,वो किसी ज्वालामुखी की तरह फट गया...ढेर सारे पेशाब के बाद सफेद रंग का माल निकलकर ज़मीन पर गिरने लगा...हर बूँद के साथ उसके शरीर में मस्ती भरा एहसास दौड़ जाता...उसकी आँखे बंद थी...और बंद आँखो के पीछे उसने लाख कोशिश कर ली की सुबह स्कूल वाली किस्स याद करे इस वक़्त, पर उसकी सोच पर उसका कोई ज़ोर ही नही रह गया था... बार-2 उसकी आँखो के सामने उसकी बहन ही आ रही थी..और आख़िरकार उसके मुँह से निकल ही गया

''ओह...... सोनिया..........उम्म्म्मममम''

सब कुछ शांत होने के बाद उसे खुद पर शर्म आ रही थी...उसने जल्दी-2 अपने कपड़े ठीक किए और पानी डालकर अपने गुनाहों को सॉफ किया..

बाहर आया तो उसकी लाइफ का और भी बड़ा झटका उसका इंतजार कर रहा था..
सोनिया नीचे आ चुकी थी...और वो सिर्फ़ एक शर्ट में थी...

शर्ट में यानी, सिर्फ़ शर्ट में ....

नीचे कुछ नही पहना हुआ था उसने...

उसकी गोरी-2 टांगे हिप्स तक नंगी होकर अपनी छटा चारों तरफ बिखेर रही थी... इधर-उधर चलने से उसे उसके अंडरवीयर की झलक मिल रही थी जिसे पहन कर अभी कुछ देर पहले तक वो अपने कमरे में पोज़ बना रही थी...और उपर जो शर्ट पहनी हुई थी, उसके नीचे भी उसने कुछ नही पहना था...उसकी नन्ही ब्रेस्ट के उपर चमकते हुए निप्पल सॉफ देख पा रहा था वो...और वो बड़ी ही बेफिक्री से किचन के काउंटर पर खड़े होकर जूस पी रही थी..



हालाँकि अभी एक मिनट पहले ही सोनू ने अपनी बहन को पूरा नंगा देखा था...और उसी को याद करके वो अभी बाथरूम में मुठ्ठ मारकर निकला था... पर बाहर निकलने के बाद उसे इस सैक्सी अंदाज में देखकर उसके अभी-2 झड़े लंड में फिर से कसावट का एहसास होने लगा...

वो अपने लंड को अपने हाथ से दबा कर फुसफुसाया : "ये लड़की तो मरवाएगी मुझे...''

वो ऐसा कर ही रहा था की सोनिया की नज़र उसपर पड़ी....और वो जूस पीते-2 रुक गयी.... उसने तो सोचा भी नही था की सोनू घर आ चुका है...उसे शायद डुप्लीकेट चाबी वाली बात नही पता थी..इसलिए शायद इतनी बेफिक्री से और ऐसे कपड़ों में आराम से पूरे घर में डोलती फ़िर रही थी..

पर एक पल के लिए आए उसके चेहरे के एक्शप्रेशन अगले ही पल गायब भी हो गये और उसने मुस्कुराते हुए सोनू से कहा : "अरे भाई....तू कब आया.... पता ही नही चला....''

वो तो ऐसे बात कर रही थी जैसे उसे कुछ फ़र्क ही नही पड़ रहा था... पर उसे क्या पता था की उसे ऐसी हालत में देखकर सोनू पर क्या बीत रही है....या शायद पता था !
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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सोनू झिझकता हुआ सा किचन की तरफ आया और वहां पड़ी एक चेयर पर बैठ गया...सोनिया ने उसके लिए भी जूस डाल दिया..सोनू भी जूस पीते हुए अपनी बहन को और करीब से देखने लगा..
वो बड़े ही इत्मीनान से अपना जूस पी रही थी.
पर उसकी नज़रें सोनू पर भी थी, वो अपने भाई की नज़रों की चुभन को सॉफ महसूस कर पा रही थी और ऐसा करते हुए उसके चेहरे पर एक शरारती स्माइल भी थी..

"क्या देख रहे हो सोनू....सब ठीक है ना....''

सोनिया की ये बात सुनकर वो हड़बड़ा सा गया...उसके मुँह में गया जूस एकदम से बाहर निकल आया... सोनिया ने जैसे उसकी चोरी पकड़ ली थी , उसकी ऐसी हालत देखकर सोनिया की हँसी निकल गयी और वो खिलखिलाकर हंस पड़ी..

सोनू की समझ में नही आ रहा था की उसे हुआ क्या है...

कुछ देर बाद जब वो हंसी थमी तो वो बोली : "ओह्ह्ह माय गॉड ....आई कांट बिलिव इट.... मेरा भाई मुझे चेक आउट कर रहा था..... हा हा ''

सोनू एकदम से बौखला सा गया....वो बोला : "अर्रे.... न.... नही तो.... ऐसा कुछ नही है.... वो तो मैं बस......आई वाज़ जस्ट....''

बेचारे से बोला ही नही गया....और उसे ऐसे हकलाता हुआ देखकर वो एक बार फिर से हंस पड़ी..

''हा हा .... ओ मेरे भोले भाई...... तुमसे तो झूट भी नही बोला जाता....''

और फिर अचानक उसके चेहरे पर गम्भीरता वाले एक्शप्रेशन आ गये और वो ग्लास को काउंटर पर रखकर उसके पास आकर खड़ी हो गयी....सिर्फ़ 2 फुट की दूरी पर...अब तो सोनू और भी करीब से उसके उठे हुए निप्पल के इंप्रेशन देख पा रहा था...और उसकी टाँगो की चिकनाई देखकर ऐसा एहसास हो रहा था जैसे वो काँच की बनी है...एकदम स्मूथ और गोरी-गोरी...

सोनिया : "तुम्हारे कहने का मतलब ये है की तुम मुझे नही देख रहे थे....क्या मैं हॉट नही हूँ .... ऐसे देखकर तुम्हे कुछ नही हो रहा क्या....''

एकदम से अपने उपर ऐसा प्रहार होता देखकर उसकी तो सिट्टी पिटी गुम हो गयी.... ये कैसा सवाल पूछ रही है उसकी बहन... जिसका जवाब वो ना तो हाँ में दे सकता है और न ही ना में ..

सोनू : "पर...पर ये तुम मुझसे क्यो पूछ रही हो..... और ऐसी ड्रेस में ... क्यो.... तुम घूम रही हो घर में ...''

उसने बोल तो दिया पर अंदर ही अंदर वो जानता था की अपनी बहन को ऐसी ड्रेस में देखकर उसे कितना मज़ा आ रहा है...
वो उसके और करीब आई और सिप लेकर उसकी आँखो में झांकती हुई बोली : "क्यों .... इसमें क्या प्राब्लम क्या है....''



वो फिर से हकला गया...उसका गला चॉक हो गया

"देखो....दी....ये...मेरा मतलब... मॉम या डेड देखेंगे तो वो क्या बोलेंगे....''

सोनिया : "और तुम.... तुम्हे तो बुरा नही लग रहा ना...''

सोनू : "वो...मैं ..... आई मीन..... मुझे क्यों ....''

वो मुस्कुरा दी और बोली : "वही तो.....देखो भाई, मुझे तो अपने होस्टल में ऐसे ही रहने की आदत है... ज़्यादा कपड़ो में ना तो मैं घूम सकती हूँ और ना ही सो सकती हूँ .... इंफेक्ट वहां तो मैं न्यूड ही सोया करती थी....वो तो तुम्हारी वजह से मुझे यहाँ थोड़ा डिसेंट होकर रहना पड़ रहा है....वरना...''

उसने बात अधूरी छोड़ दी...पर जितनी बात कही थी,उसे सुनकर सोनू का मुँह खुला का खुला रह गया..

सोनिया तो उसके बाद शुरू ही हो गयी बोलना

''देखो यार... तुम्हारे और मेरे बीच में ये सब फॉरमेलिटीस नही होनी चाहिए...आई मीन भाई बहन टाइप की.... जस्ट बी माय फ्रेंड.... मेरे दोस्त बनकर रहो ना... ऐसे हर बात पर , हमारे रिश्ते की, सोसायटी की या मॉम डेड की दुहाई देना बंद करो.... उन सबसे मुझे कोई मतलब नही है.... तुम मेरे भाई हो... मेरी लाइफ के सबसे करीब तुम हो .... और तुम्हारे साथ मैं वैसे ही रहना चाहती हूँ जैसे मैं खुद के साथ रहती हूँ .... वो सब बाते , जो मैं अंदर ही अंदर खुद से किया करती हूँ ,मैं चाहती हूँ की तुम उन्हे सुनो... अपनी सुनाओ... तुम्हारे और मेरे बीच किसी भी बात को लेकर ना लड़ाई हो, ना मनमुटाव हो और ना ही परदा हो...''

उसकी ऐसी बातें सुनकर वो अचंभित सा रह गया.... वो इस वक़्त ऐसी बातें कर रही थी जैसे कोई प्रवचन दे रही हो... और अंदर ही अंदर वो सब सोनू को बहुत अच्छा लग रहा था..

पर फिर भी सोनू ने कहा : "पर....ये ... ये ग़लत है दी...''

वो एकदम बिफर सी गयी 'ये ग़लत है' सुनकर....

वो लगभग चिल्लाती हुई बोली : "क्या ग़लत है... बोलो.... हम बचपन मे एक दूसरे के साथ ऐसे ही रहा करते थे ना, तब ठीक था, अब ग़लत क्यों ?..सिर्फ़ बॉडी से ऐसे रिश्ते होते है क्या...हमारी बॉडी अब वैसी नही रही तो हमारे नज़रिए फ़र्क में आ जाएगा क्या ?... वो ग़लत नही है क्या ??.... अपने भाई को एक दोस्त मानने की बात कर रही हूँ , ये ग़लत है क्या ?... डेम इट ... हम सैक्स नही कर रहे और अगर कर भी रहे होते तो दुनिया में किसी से डरने की ज़रूरत नही है हमें...''

सोनू फटी आँखो से उसे देखता रह गया...

सोनिया : "ओह....आई एम सॉरी... ये लास्ट वाली लाइन के लिए, आई थिंक ये कुछ ज्यादा हो गया .... बट ट्राइ टू अंडरस्टॅंड सोनू.... इन खोखले रीति रिवाजों और रिश्तों के जंजाल में फंसकर अपनी लाइफ को हेल मत बनाओ.... मैने देखी है ओपन लाइफ... हॉस्टिल लाइफ.... वो जिंदगी जीने के बाद इस तरह घुटन भरी जिंदगी मुझसे नही जी जाएगी....''
इतना कहकर वो एकदम चुप सी हो गयी....और चेयर पर बैठकर उसने अपना सिर काउंटर पर रख दिया और अपना चेहरा छुपा लिया... सोनू को लगा की वो रो रही है... लेकिन जब उसके करीब गया तो वो कुछ सोच रही थी...
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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उसके मासूम से चेहरे को देखकर और उसके अंदर चल रहे अंतर्द्वंद को समझकर सोनू का दिल पसीज गया.... वो उसके साथ वाली चेयर पर बैठ गया और अपनी एक बाजू उसके पीछे से लेजाकर उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसे अपने सीने में समेट कर हग कर लिया... और बोला : "आई एम सॉरी दी.... आई थिंक तुम सही कह रही हो.... हमें इन सब बातों की चिंता नही करनी चाहिए...''

उसकी बात सुनकर सोनिया का चेहरा खिल उठा...वो उछल पड़ी और बोली : "सच.... वाउ .... मुझे खुशी है की तू मेरी बात समझता है...''

सोनू : "यस ... मैं तो समझ गया ... पर माँ - पापा .... उनके सामने भी क्या तुम ऐसे ही ...''

सोनिया : "पागल है क्या..... मुझे माँ का लेक्चर नही सुनना, वरना वो तो मुझे कल ही वापिस बुला लेंगी.... और मैने तो अभी कॉलेज लाइफ भी देखनी है वहाँ की....''

वो जैसे कहीं खो सी गयी.... सोनू समझ गया की वो इस वक़्त खुली आँखो से आने वाली लाइफ के सपने देख रही है...

और सपने तो सोनू भी देखने लग गया... जो बातें सोनिया ने कही थी, उनके बारे में सोचकर उसके दिल मे गुदगुदी सी हो रही थी... और वो जानता था की अब उसकी लाइफ में बहुत कुछ बदलने वाला है...
कुछ ही देर में दोनो अपने-2 बेड पर जाकर सो गये... सोनिया को हमेशा से ही लाइट बंद करके सोने की आदत थी और सोनू को लाइट जलाकर..इसलिए अक्सर दोनो मे बहस होती थी...
पर इस बार जब से सोनिया वापिस आई थी, सोनू उस बात को लेकर झगड़ा ही नही...

सोनिया ने लाइट ऑफ की और उछलकर अपने बिस्तर में घुस गयी...
सोनू उसकी तरफ करवट लेकर सोया हुआ था, खिड़की से आ रही हल्की चाँदनी में उसे अपनी बहन का उठता-गिरता सीना सॉफ नज़र आ रहा था...उसने अपने दिल को लाख समझाया पर उसकी नज़रें वहां से हटी ही नही...
हल्की चाँदनी में उसका मासूम सा चेहरा कितना प्यारा लग रहा था...



अगर वो उसकी बगल में सो रही होती तो वो उसके माथे को चूम लेता....
या शायद होंठों को.......

उसके होंठों को चूमने का ख्याल आते ही उसने अपने सिर को झटका दिया.... और मन ही मन बड़बड़ाया 'नही नही... वो मेरी बहन है... ऐसे कैसे मैं उसके लिप्स पर किस्स कर सकता हूँ .... ये तो बिल्कुल ग़लत है...'

और शायद इस बार उसने कड़ा दिल करके ये बात कही थी, इसलिए उसकी नज़रें उसकी बात मानकर नीचे झुक गयी....बंद हो गयी...

वो सोने की कोशिश करने लगा... पर कुछ ही देर में सोनिया को उसके बिस्तर में कसमसाते देखकर वो एक बार फिर से टकटकी लगाकर देखने लगा... उसे लगा था की वो सो चुकी है...पर वो जाग रही थी.

उसकी नज़रें सोनू की तरफ ही थी... सोनू के बेड पर घुप्प अंधेरा था... पर फिर भी सोनू ने अपनी आँखे भींच कर इतनी बंद कर ली की वो दिख भी रहा होता तो सोया हुआ ही लगता...वो सोनू को ही देख रही थी,शायद ये देखने की कोशिश थी की वो सो गया है या नही...

कुछ देर तक उसे देखते रहने के बाद सोनिया का हाथ चादर के अंदर चला गया...और फिर धीरे-2 उसका पूरा शरीर लहराने लगा... जैसे समुंदर में लहरे उठती है,ठीक वैसे ही...

एक पल के लिए तो सोनू को लगा जैसे उसकी तबीयत खराब हो रही है... वो काँप सी रही थी... उसके मुँह से अजीब सी आवाज़ें निकल रही थी.... वो उठकर उसके करीब जाने ही वाला था की उसके मुँह से एक तेज सिसकारी निकली...

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... आआआहह.....''

और ये ठंडी सी सिसकारी ऐसी थी की उसे सुनकर सोनू समझ गया की वो क्या कर रही है...

वो मास्टरबेट कर रही थी...

यानी उसकी बहन, उसी के सामने अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर मुठ्ठ मार रही थी...
उसके मास्टरबेशन की कल्पना मात्र से ही सोनू का शरीर काँप उठा.... वो एकदम ठंडा सा पड़ गया... उसके दिल की धड़कने इतनी ज़ोर-2 से चलने लगी मानो वो सीना फाड़कर बाहर आ जाएँगी...

सोनू ने ज़ोर से अपनी आँखे मूंद ली, पर उसकी बहन की एक और सिसकारी ने उसे आँख खोलने पर मजबूर कर दिया... वो पूरे उन्माद में आकर अपनी चूत को मसल रही थी....
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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अचानक उसने एक जोरदार झटके से अपनी चादर उतार फेंकी... और हल्की रोशनी में उसकी कमर के नीचे का हिस्सा देखकर सोनू की रही सही हिम्मत भी जवाब दे गयी... वो नीचे से पूरी नंगी थी... चादर के नीचे उसने कब अपना लोवर निकाला,कब नीचे से नंगी हुई,वो जान ही नही पाया...

चाँद की हल्की रोशनी में उसकी चमकती हुई जाँघ और गांड वाला हिस्सा ऐसे लग रहा था मानो कोई चिकना तरबूज हो... और उसकी स्मूथ टाँगो को होले -2 मचलते देखकर उसका लंड कब खड़ा हो गया , उसे भी पता नही चला..

उसके भैय्या-वादी दिल ने एक आख़िरी कोशिश की : 'पलट कर दूसरी तरफ सो जा सोनू, वो तेरी बहन है... अपनी बहन को ऐसी हालत में देखना पाप है... वो अगर बेवकूफी कर रही है तो तू अपनी समझदारी से काम ले.. दूसरी तरफ घूम जा और उसे अपना काम करने दे.. तू सो जा सोनू, तू सो जा... ये ग़लत है ...'

कुछ देर तक वो सोचता रहा पर फिर उसके दिमाग़ ने वही रटा - रटाया जवाब अपने दिल को सुना दिया जो अभी कुछ देर पहले उसकी बहन ने उसे सुनाया था... वो बचपन में साथ खेलने वाला.... बॉडी में ही तो फ़र्क आया है, रिश्ते में नही.... वेगेरह -2 ..

उस दलील को सुनकर तो सोनू पहले भी शांत हो गया था और अब फिर से शांत हो गया...

और रही - सही कसर सोनिया ने पूरी कर दी

सोनिया ने एक झटके में अपनी टी शर्ट को निकाल फेंका... और फिर से अपने काम में जुट गयी... अब वो पूरी नंगी होकर अपनी चूत में उंगलबाजी कर रही थी..



उसे ऐसी हालत में देखकर उसके दिमाग़ के शैतानी हिस्से में नये-2 प्लान आने लगे...

की ऐसे में अगर वो लाइट जला दे तो उसे चादर पहनने का भी टाइम नही मिलेगा...
वो उसके सामने नंगी पड़ी होगी, और उसके बाद वो उसे ब्लेकमेल करके कुछ भी करवा सकता था...कुछ भी..
पर अगले ही पल वो खुद ही बोल पड़ा, नही यार, इतना भी कमीना नही हूँ मैं ... ये सब अलग बातें है, पर अपनी बहन के साथ मैं ऐसा हरगीज़ नही कर सकता...

और इस बात ने उसके दिल को एकदम बदल सा दिया... वो भावुक सा हो गया और वो करवट बदलकर दूसरी तरफ होने लगा...

पर जैसे ही वो थोड़ा सा हिला, सोनिया एकदम से चौकन्नी हो गयी ... उसने चादर से अपने शरीर को ढक लिया और कुछ देर तक सोनू की बॉडी में जब कोई और हरकत नही हुई तो वो धीरे से बोली : "सोनू..... ओ सोनू..... सो गया क्या....''

सोनू बेचारे की समझ में नही आ रहा था की क्या करे... वो कुछ नही बोला... बस आँखे बंद करके सोने का नाटक करता रहा...

अचानक सोनिया अपने बेड से उठ खड़ी हुई...और सोनू की तरफ आने लगी..उसने चादर लपेट ली थी अब.

उसने बड़ी मुश्किल से अपने जज्बातों पर काबू किया और आँखे बंद करके नॉर्मल तरीके से सोने का नाटक करने लगा..

वो उसके करीब तक आई, नीचे झुककर उसके चेहरे को देखा, और अपना हाथ उसके गाल पर रखकर उसे थपथपाया और होले से फुसफुसाई : "मेरा डार्लिंग भाई.... गुड नाइट....''

और इतना कहकर वो उठकर चली गयी...

सोनू ने तुरंत अपनी आँखे खोली, और उसने जो देखा,उसे देखकर एक इंसान का अपने उपर काबू रखे रखना बड़ी मुश्किल का काम होता है...

उसने देखा की उसके चेहरे से सिर्फ़ एक फुट की दूरी पर जाकर सोनिया ने वो चादर , जो उसने अपने बदन पर लपेट रखी थी, उसे नीचे गिरा दिया.... और उसके संगमरमर जैसी गोरी-2 गांड ठीक उसके चेहरे के सामने उजागर हो गयी...



और उपर से , सोने पर सुहागा ये था की, खिड़की की रोशनी ठीक उनपर पड़ रही थी, उस चाँद की चाँदनी में नहाकार ,ये चाँद भी दमक उठा था...

उसकी दोनो टाँगो के बीच हल्का सा गेप था, जिसके दूसरी तरफ उसे सोनिया की चूत के कसे हुए होंठ तक नज़र आ रहे थे... कमाल का एंगल था उस वक़्त...

पर एक पल के लिए मिले इस नज़ारे को देखकर सोनू का लंड बुरी तरह से अकड़ गया... उसने लाख कोशिश करके उसे नीचे बिठाया पर वो किसी तंबू की तरह चादर में खड़ा रहा... ऐसे में अगर सोनिया लाइट जलाकर उसके लंड वाले हिस्से को देख लेती तो उसका झूट-मूठ सोने का नाटक अभी ख़त्म हो जाता...
सोनिया ऐसे ही नंगी चलती हुई अपनी अलमारी तक गयी



और उसने उसे खोलकर अपने बेग की अंदर वाली जीप से कुछ निकाला और फिर वापिस आकर बेड पर लेट गयी...

सोनू बड़े ही ध्यान से उसे देख रहा था...
उसके हाथ में रिमोट जितना लंबा सा कुछ था...
वो कुछ समझ पता, इससे पहले ही उसे हल्की गररर्रर की आवाज़ सुनाई दी...
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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उस रिमोट जैसी चीज़ में शायद एक मोटर थी...
और वो रिमोट नही था...
एक डिल्डो था...
यानी प्लास्टिक का लंड...

डिल्डो की कल्पना मात्र से ही सोनू का शरीर पसीने-2 हो गया....
उसकी कमसिन बहन के पास ये कहाँ से आया...
शायद हॉस्टल में किसी लड़की ने दिया होगा.... पर इतनी कच्ची उम्र में वो अपनी चूत के अंदर इतने लंबे डिल्डो को कैसे लेती होगी.... इस कल्पना मात्र से ही उसके पसीने छूट गये.. यानी उसकी बहन वर्जिन नही है... उसने इस प्लास्टिक के लंड को अंदर डालकर अपनी सील तोड़ ली है...

पर जैसा उसने सोचा था, वैसा कुछ था नही... जब वो बेड पर लेटी और उसने वो लंबा सा डिल्डो अपनी चूत के मुहाने पर रखा तो उससे आगे वो गया ही नही.... उसकी चूत थी ही इतनी टाइट... यानि वो उसे चूत के मुहाने पर घिसकर ही मजे ले रही थी.
उसकी बहन की सील अभी तक सलामत है, ये सोचकर ना जाने क्यों उसे अंदर ही अंदर थोड़ा सकून मिला ।

भले ही कमरे में अंधेरा था, पर हल्की चाँदनी में वो उसकी चूत के कसे हुए लिप्स और उसके दरवाजे पर घिसाई करता हुआ डिल्डो सॉफ देख पा रहा था... वो अपनी चूत के अधखुले होंठों के मुहाने पर उस मोटर वाले डिल्डो से घिसाई कर रही थी... और अंदर से आ रही वाइब्रेशन को अपनी चूत पर महसूस करके, उसकी तरंगो पर किसी जल बिन मछली की तरह मचल रही थी..एक हाथ से वो अपना मुम्मा दबा रही थी और दूसरे से डिल्डो को अपनी चूत पर रगड़ रही थी



सोनू सोच रहा था की काश वो इस सीन को मोबाइल पर रेकॉर्ड कर पाता...
पर ऐसा घटिया विचार आते ही उसे खुद से घृणा होने लगी....
एक तो वो अपनी बहन को मास्टरबेट करते हुए देख रहा था, जो एकदम नेचुरल प्रोसेस होती है, उपर से उसके बारे में गंदा सोचते हुए, उसकी फिल्म बनाने की भी सोच रहा था... इतना घटिया वो कब हो गया... ये सोचकर उसने एक बार फिर से पलट कर सो जाने की सोची...

पर...

तभी उसे सोनिया के बुदबुदाने की आवाज़ें सुनाई दी...
'ओह....... उम्म्म्ममममममममममम..... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... लिकक्ककककक इट....... ज़ोर से........ अहह मेरा बच्चा ....... उम्म्म्ममम माय बैबी .....''
अब वो डिल्डो को साइड में रखकर अपनी उँगलियों से ही अपनी चूत के दाने को रगड़ रही थी



सोनू समझ गया की हो ना हो वो इस वक़्त ज़रूर अपने किसी बाय्फ्रेंड को याद करके ऐसा बोल रही है....
उसने भी अक्सर साक्षी के बारे में सोचकर मूठ मारी थी... और वो भी जब झड़ने लगता था तो साक्षी का नाम लेकर, उसे गालियाँ देकर झड़ने में उसे बहुत मज़ा आता था.

पर आगे जो सोनिया ने कहा, उसे सुनकर तो सोनू का दिमाग़ एकदम से सुन्न सा हो गया.

वो कसमसाते हुए फुसफुसाई...

''ओह मेरा बच्चा ..... सोनू......... माय डार्लिंग....... मेरे भाई ....लीक इट...... ज़ोर से..... अहह अहह ऑफ़फ़फ़फ़ उम्म्म्मममम सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....''

[

और इसके साथ ही उसका शरीर बेड पर किसी कमान की तरह तिरछा हुआ...और फिर धड़ाम से उसकी गद्देदार गांड बिस्तर पर आ गिरी....

सोनू दूर लेटा देख पा रहा था की उसके पूरे शरीर पर पसीने की बूंदे चमक रही थी...



पर उन बूँदों से ज़्यादा उसे इस बात की चिंता थी की उसकी बहन ने आख़िर उसका नाम क्यों लिया... यानी वो उसके बारे में सोच रही थी...

वो ये सोचता रह गया और सोनिया चादर तान कर ऐसे ही नंगी, बेड पर सो गयी..

पर सोनू काफ़ी देर तक उस बारे में सोचता रहा... हर तरह की अटकले लगाता रहा... और आख़िर में उसने निशचय कर लिया की कल वो सोनिया से इस बारे में खुलकर बात करके रहेगा... वरना वो कभी भी चैन से सो नही पाएगा...

अगली सुबह सोनू के स्कूल की छुट्टी थी...वाल्मीकि जयंती की..इसलिए वो 9 बजे तक सोता रहा...और सोनिया तो थी ही एक नंबर की आलसन, वो भी बेसुध सी होकर सोई पड़ी थी..

सोनू की मॉम कमरे में आई और दोनो को आवाज़ लगाकर उठने को कहा..
सोनिया तो सोई रही पर सोनू को नीचे उठकर जाना पड़ा, वो क्लिनिक के लिए निकल रही थी...
दरवाजा बंद करके वो वापिस आकर सो गया..पर अब उसे नींद नही आ रही थी...
उसके दिमाग़ मे रात वाली बातें एक बार फिर से ताज़ा हो गयी की कैसे उसने अपनी बहन को मास्टरबेट करते हुए देखा...
उसके नंगे जिस्म को इतने करीब से देखा उसने...
उसे डिल्डो का इस्तेमाल करके झड़ते हुए देखा...
और अंत मे जब उसने उसका नाम लेकर वो सिसकारी मारी थी, उसे याद करके सोनू का लंड एकदम तन्ना सा गया... वैसे भी रोज सुबह उसका लंड खड़ा रहता था, पर आज तो कुछ ज़्यादा ही था.

अब उसके दिमाग़ में सिर्फ़ एक ही बात चल रही थी की उस बात को कैसे पूछा जाए...

कुछ देर में वो भी उठ गयी....और गुड मॉर्निंग बोलकर अपनी आँखे मलती हुई बाथरूम में घुस गयी...

वो फ़ौरन उठा और भागकर उसके बिस्तर तक गया.... और जैसा उसने सोचा था, उसके पिल्लो के नीचे उसे वो वाइब्रेटर मिल ही गया...

उसने वो उठा लिया... उसे छूकर और इस कल्पना मात्र से ही की वो उसकी बहन की चूत को ना जाने कितनी बार घिस चुका है, उसके लंड का पारा उपर तक जा पहुँचा...

ना चाहते हुए भी उसके हाथ से डिल्डो का बटन ऑन हो गया...और एक सुरीली सी आवाज़ के साथ वो उसके हाथ में फड़फड़ाने लगा...

उसमे से निकल रही वाइब्रेशन को महसूस करके उसका शरीर गुनगुना उठा....
वो अंदाज़ा लगाने की कोशिश करने लगा की इसे चूत पर लगाकर कैसा फील करती होंगी लड़कियाँ...

पर वो ये सोच ही रहा था की अपने मुँह में ब्रश डाले सोनिया बाथरूम से बाहर निकल आई....
और सोनू के हाथ में अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी देखकर वहीं के वहीं जम कर रह गयी...

दोनो की नज़रें मिली, पर कोई कुछ ना बोला.... पूरे कमरे में सिर्फ़ मोटर की गुर्र्रर गर की आवाज़ आ रही थी.

थोड़ी देर बाद जैसे सोनिया को होश सा आया....
वो भागकर बाथरूम में गयी और कुल्ला करके वापिस आई और लपककर उसने वो डिल्डो पकड़ लिया...
पर सोनू भी तैयार था... उसने वो छोड़ा ही नही...
डिल्डो का उपर वाला हिस्सा सोनिया के और नीचे वाला सोनू के हाथ में था...
और उसमे से निकल रही तरंगे दोनो के शरीर को झनझना रही थी..

कुछ देर तक पूरी सिचुएशन को अच्छी तरह से समझने के बाद सोनिया थोड़ी कॉन्फिडेंट सी हो गयी और ऐसी स्थिति में अपने भाई के साथ खड़ी होने के कारण उसकी हंसी निकल गयी.
सोनिया के मुँह से जब हँसी निकली to वो मुस्कुराते हुए बोली : "ओ पागल... पता भी है ये क्या है... बेकार में मेरी चीज़ों पर नज़र ना रखा कर...''

सोनू : "अच्छी तरह से पता है मुझे की ये क्या है....मैं अब बच्चा नही रहा..''

सोनिया का चेहरा थोड़ा शरारती हो उठा...
वो अपनी कमर को मटकाती हुई बड़े ही सेंशुअल स्टाइल में आगे आई और बोली : "अच्छा जी... तो मेरा भाई जवान हो गया है.... उसे सब पता है.... अच्छा तो बताओ... क्या है ये... और क्या यूज़ है इसका...''

वो मज़े लेने के मूड में आ चुकी थी....
उसे अब इस बात की ज़रा भी चिंता नही रह गयी थी की उसके भाई ने इतनी निजी चीज़ पकड़ ली है उसकी...
बल्कि वो अब इस सिचुएशन को एंजाय कर रही थी...
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