Erotica मेरी कामुकता का सफ़र

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adeswal
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Re: Erotica मेरी कामुकता का सफ़र

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उसने वो टैंक टॉप मुझे दे दिया और मैंने जल्दी से उसे पहन लिया। मै अब टैंक टॉप और हॉट शार्ट में रजाई के बाहर आयी। मै वाशरूम की तरफ जाने लगी। अलमारी के आईने के सामने से निकली तो उस सफ़ेद टैंक टॉप और काले हॉट शार्ट में मेरा गौरा बदन बहुत सेक्सी लग रहा था।

नीचे छाती पर नजर दौड़ाई तो मेरे मम्मे उस टैंक टॉप में फुले हुए थे और निप्पल का तीखापन टैंक टॉप को चीरते हुए जैसे बाहर आ रहा था।

राहुल मेरी तरफ देख रहा था और शरम के मारे मै उसके आगे से भागते हुए सीधा वाशरूम के अंदर भागी. वो मेरा नाम ले मुझे रोक रहा था पर मै बिना सुने चली गयी।

वाशरूम में जाकर मैंने अपने आप को ऊपर से नीचे ध्यान से देखा. राहुल ने यह सब देखकर पता नहीं कैसे काबू किया होगा। मैंने उसको फालतू ही डाँट दिया था।

मैने सोचा मै नहा भी लेती हूँ. राहुल के बारे में सोचते सोचते पता ही नहीं चला और मै अपने कपड़ो सहित टब में उतर गयी और कपड़े गीले हो गए.

अब वैसे भी कुछ हो नहीं सकता था तो मै कपड़े उतार पूरी नंगी हो गयी और आराम से नहाने लगी। वाशरूम के दरवाजे पर दस्तक हुआ और राहुल ने कहा कि वो बाहर जा रहा हैं और थोड़ी देर में वापिस आ जायेगा.

नहा लेने के बाद मै टब में खड़ी हुयी तो देखा टॉवल तो हैंडल पर था ही नहीं. बाहर राहुल भी नहीं था जो मुझे टॉवल पास करा दे.

मै अपने हाथों से ही अपने बदन पर गिरा पानी पोंछने लगी। मैंने सोचा मै वो गीले टैंक टॉप और हॉट शार्ट पहन कर बाहर जाती हूँ और जल्दी से बाहर से टॉवल और अपने कपड़े ले आती हूँ.

अपने टैंक टॉप और शार्ट को अच्छे से निचोड़ कर पानी निकाला और फिर से पहनने लगी। गीले कपड़े पहनते बुरा लग रहा था पर कोई दुसरा विकल्प नहीं था।

वो सफ़ेद टैंक टॉप तो मेरे बड़े मम्मो के ऊपर अब चिपक चुका था और मेरे गुलाबी निप्पल और मम्मे साफ़ दिख रहे थे। मम्मे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे पर नंगा बाहर जाने से बेहतर था कि टैंक टॉप पहन कर जाऊ.

मैने वाशरूम का दरवाजा खोला और मुंह बाहर निकाल कर राहुल को आवाज दी ताकि कन्फर्म कर लु कि वो वहां नहीं हैं। कोई जवाब नहीं आया और मैंने बाहर आयी। एक तरफ रूम में घुसने का दरवाजा था और दुसरी तरफ बिस्तर की तरफ जाने का रास्ता.

बिस्तर के दूसरे किनारे पर टॉवल पड़ा था और अलमारी के आगे मेरे कपड़े हेंगर में लटके थे। मै दौड़ते हुए कपड़ो की तरफ लपकी.

तभी पीछे से रूम का दरवाजा खुला और राहुल अंदर आ गया। मै वहीं रुक गयी और पीछे मुड़ी. कपड़ो तक पहुंचने के मुकाबले वाशरूम मेरे ज्यादा करीब था।

मै फिर वाशरूम की तरफ भागी जहा आगे राहुल भी खड़ा था। पांव थोड़े गीले थे और मै फिसल गयी और राहुल ने मुझे थाम लिया। उसका एक हाथ मेरी छाती पर लगा और मेरे गीले मम्मे दब गए. उसने मुझे उठाया और मै उसकी बाहों में थी। मेरी धड़कने बहुत तेज हो गयी थी।

उसने अपने हाथ मुझ पर से हटाए और आगे बढ़ने लगा और मै उसकी आँखों में झांकते, डरते हुए उलटे कदम पीछे चलती रही. जल्द ही मेरे पांव बिस्तर से टकरा कर रुक गए और मै पिछे नहीं हो पायी।

राहुल ने मेरे दोनो हाथों को पकड़ा और सीधे छत की तरफ खड़ा कर दिया। फिर उसने मेरे टैंक टॉप के निचले किनारे को दोनो हाथों से पकड़ा और टैंक टॉप को ऊपर उठाने लगा।

मम्मे तो उसको मेरे गीले टॉप से वैसे ही दिख रहे थे, पता नहीं फिर भी टॉप क्युँ उतार रहा था। नंगे मम्मे भी तो वो थोड़ी देर पहले मुझे सोते हुए देख चुका था।

अगर उतारना ही था तो मेरा हॉट शार्ट उतार देता, मेरी चूत तो देख पाता. टैंक टॉप मेरे मम्मो से हट गया और मेरे हाथों से निकलता हुआ बाहर आ गया। मेरे मम्मो को थोड़ी राहत भी मिली उस गीले टैंक टॉप से ।

मै राहुल की आँखों में झाँक रही थी और वो मेरे मम्मो पर नजरे गड़ाए लार टपकाते घूर रहा था। उसने अपना सिर झुकाया और अपने होंठो में मेरा एक निप्पल ले लिया और उसे चूसने लगा।

मेरे मुंह से एक सिसकी निकल गयी। उसने फिर मुंह और ज्यादा खोलते हुए मेरे निप्पल के आस पास का मम्मो का उभार भी अपने मुंह में भर लिया और मुंह बड़ा कर दबा दिया।

उसने मेरे मम्मे को छोड़ा और अपना मुंह अब दूसरे मम्मे की तरफ बढाया. मै पीछे हटने लगी पर बिस्तर पर गिरी और पीठ के बल लेट गयी।

मै कोहनी के बल ऊपर खिसकने लगी और अपनी दोनो टांगे भी बिस्तर पर ले आयी। कोहनी के बल मै आधी लेटी और आधी बैठी हुयी थी।

राहुल मेरी टांगो के दोनो तरफ अपने घुटनो के बल खड़ा हो गया। उसने अपने हाथ आगे बढाए और मेरे हॉट शार्ट को कमर से पकड़ा.

वो अब मुझे नीचे से पूरा नंगा करना चाहता था। तभी याद आया मैंने 2 महीनो से अपनी चूत के बाल साफ़ नहीं किए थे। वो मेरी चूत पर उगी बालो की झाड़ियां देख क्या सोचेगा.

मै तुरंत पलट गयी और उल्टा हो कर पेट के बल लेट गयी। राहुल ने एक बार फिर मेरा हॉट शार्ट पकड़ा और कमर से नीचे खिसकाने लगा।

शार्ट नीचे होते ही मेरी गांड नंगी हो गयी थी। उसने वो गीला हॉट शार्ट जल्दी ही मेरी टांगो से पूरा बाहर निकाल दिया।

गीले कपड़े शरीर से निकलते ही थोड़ी राहत महसूस हुयी पर अब मै पूरी नंगी बिस्तर पर उल्टा लेटी थी और पास में राहुल खड़ा था।

मै अब राहुल से चुदवाने को तैयार थी। पर अपनी चूत के बालो के दिख जाने का डर भी था। राहुल ने आज तक मेरी सफाचट चूत देखी थी। मेरे नीचे के बालो को देख तो वो मुझसे नफरत करने लगेगा। तभी मेरी गांड पर सूखा कपडा आकर गिरा. मैंने पीछे मुड़कर देखा वो टॉवल था।

राहुल: “ज्यादा देर गीले कपड़ो में मत रहो, तुम्हारी गौरी कोमल स्किन पर रेशेस हो जायेंगे ”

मै टॉवल को अपने नंगे बदन पर लपेट खड़ी हुयी. मैंने मम्मो से लेकर जांघो तक वो टॉवल लपेटा था। अलमारी के हैंडल से लटके हेंगर से मैंने अपना टॉप और कैपरी ले लिया। राहुल की नजर मेरी चूत की तरफ थी जो टॉवल के पिछे छुपी थी।

राहुल: “तुम्हारे बाल बहुत सुन्दर हैं”

मै अपने कपड़े लेकर वाशरूम में आ गयी. उसने मेरे बालो की तारीफ तो आज तक नहीं की थी, फिर आज ऐसा क्या स्पेशल था। कही उसने मेरी चूत के बालो को तो नहीं देख लिया, उन्हे तो वो पहली बार देख रहा था। शायद इसी कारण बालो कि तारीफ करते वो मेरी चूत की तरफ देख रहा था।

बिस्तर पर भले ही मै उल्टा लेती थी पर दोनो टांगो के बीच से तो उसको मेरी चूत के लंबे बाल दिख ही गए होंगे. मुझे अपने दोनो पांव आपस में टाइट बंद कर लेने चाहिये थे.

अगर वो सच में मेरी चूत के बालो की तारीफ कर रहा था तो इसका मतलब हैं कि उसको मेरे नीचे के बालो से कोई परेशानी नहीं हैं, मै ही दिखाने में शर्मा रही थी।

पैंटी तो मेरी गीली हो ही चुकी थी तो मै अपना ब्रा, टॉप और कैपरी पहने बाहर आयी। बिना पैंटी के सीधे कैपरी पहने होने से थोड़ा खाली खाली सा लग रहा था।

राहुल ने कैसे हिम्मत करके मुझे पूरा नंगा किया था। उसने एक बार भी नहीं सोचा कि मुझे कैसा लगेगा. मै बाहर आयी पर उस से बात नहीं की और अपने बाल और मेकअप सवारने लगी। वो तो पहले ही तैयार बैठा था और मुझे तैयार होते देख रहा था।

राहुल: “प्रतिमा, तुम्हे नहीं लगता कि मुझे एक चांस मिलना चाहिए, अब तो तुम भी सिंगल हो”
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मै यह बात खुद उसको बोलना नहीं चाह रही थी कि मै भी अब उसमे इंटरेस्टेड हूँ और अब वो खुद मुझे बोल रहा था।

मैं: “तुम्हे सिर्फ मेरा शरीर चाहिये ना?”

राहुल: “मै तुमसे शादी करने को भी तैयार हूँ”

मैं: “मै ही क्युँ? मै एक बच्चे की माँ हूँ और इतने साल मेरे पति के साथ रही हूँ. मै उपयोग की गयी हूँ, तुम्हे कोई भी कुंवारी लड़की मिल जाएगी”

राहुल: “तुम्हे अच्छे से पता हैं, मै तुमसे प्यार करता हूँ”

मैं: “अगर मै इतनी खुबसूरत नहीं होती तो क्या फिर भी तुम यहीं कहते”

राहुल: “मैने तुम्हारा शरीर नहीं, दिल देखकर पसंद किया था”

मैं: “अगर हम दोनो शादी ना करे और सिर्फ फिजिकल रिलेशन में रहे तो चलेगा तुम्हे?”

राहुल: “तुम मुझे अभी भी गलत समझ रही हो. मै सिर्फ सेक्स के लिए तुमसे शादी नहीं कर रहा”

मैं: “तो फिर तुमने अभी मेरे कपड़े क्युँ खोले?”

राहुल: “मै नहीं चाहता मेरी होने वाली बीवी को गीले कपड़ो से शरीर पर एक भी रेशेस हो. क्या तुम मेरे फार्म हाऊस की मालकिन बनोगी? मै चाहता हूँ कि तुम मेरे बच्चे की माँ भी बनो”

मैं: “तुम्हारे घर वाले नहीं मानेंगे”

राहुल: “शादी के लिए मुझे सिर्फ तुम्हारी हां चाहिए”

मैं: “अगर तुम्हारे घर वाले मान गए तो मेरी भी हां हैं”

राहुल ने उसी वक्त अपनी माँ को फ़ोन लगाया और मै डर गयी। वो लोग कैसे प्रतिक्रिया करेंगे. राहुल ने उनको मेरे बारे में सब बता दिया। उसके घर वालो ने यहीं कहा कि वो राहुल की पसंद को स्वीकार करते हैं, और उनको सिर्फ दादा दादी बनने का इंतजार हैं।

यह सुनकर मै शर्मा गयी। राहुल ने फ़ोन रखा और मुझे अपने सीने से लगा लिया।

राहुल: “अब तो तुम्हे मेरा होने में कोई दिक्कत नहीं हैं। मै तुम्हारे घर वालो से बात कर लूंगा. तुम्हारा तलाक कब फाइनल हो रहा हैं?”

मैं: “अभी 9 महीनो का पिरीयड और बाकी हैं”

राहुल: “अगर तुम्हे आपत्ति ना हो तो हम बच्चे की तैयारी अभी से शुरु कर दे! हमारी शादी और बच्चा दोनो लगभग एक साथ होंगे”

मैं: “मुझे कोई आपत्ति नहीं हैं”

मै भी इतने सालो तक तड़पी हूँ कि मै अपने पति के बच्चे की माँ बनु पर अशोक के कम स्पर्म काउंट की वजह से मै उसके बच्चे की माँ कभी बन नहीं पायी थी। अब आखिरकार जाकर मेरा सपना शायद पूरा होने वाला था। मै राहुल के बच्चे की माँ बनूँगी.

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मुझे नंगा कर राहुल चाहता तो मुझे चोद सकता था पर उसने मेरा फायदा नहीं उठाया, जब कि मैं कही न कही चुदाई के लिए तैयार थी। राहुल ने मुझे प्रपोज़ कर दिया और मैं शादी के पहले ही उसके बच्चे की माँ बनने को तैयार थी।

हम दोनो एक दूसरे के होंठो को एक दूसरे में भर कर चूमने लगे। चूमने के बाद उसने मेरा टॉप और ब्रा भी निकाल दिया और मुझे बिस्तर पर लेटा दिया। काफी महीनो बाद मै चुदाई के लिए तैयार थी।

राहुल अब मेरी कैपरी पैंट निकालने वाला था। मुझे याद आया कि मेरी चूत पर तो बालो की झाडिया उगी हुयी हैं। अपने होने वाले पति को पहली चुदाई में ऐसी चूत दिखेगी तो वो क्या सोचेगा. राहुल ने अपनी पैंट और शर्ट निकाल दिया था और अपने शार्ट में आ गया था।

मैं: “राहुल, अभी रहने देते हैं। बाद में करते हैं”

राहुल: “क्युँ! अभी क्या हुआ? तुम तो तैयार थी! कोई मेडिकल परेशानी हैं?”

मैं: “मै अभी तैयार नहीं हूँ”

राहुल: “इसमें क्या तैयार होना”

मैं: “तुम नहीं समझोगे, तुम बहुत सफाई पसंद हो, मेरी अभी सफाई पूरी नहीं हैं”

राहुल ने अपना शार्ट और अंडरवियर निकाल दिया। उसके लंड पर भी बड़े बड़े बाल उगे हुए थे। पिछली बार जब मैंने उसको देखा था तब उसका लंड सफाचट था। शायद वो भी मेरी तरह सन्यास पर था और उसके भी बाल उगे हुए थे.

राहुल: “अब खोल दू तुम्हारे कपड़े?”

मैने सिर्फ शर्मा कर हां में गरदन हिलायी और उसने मेरी कैपरी कमर से नीचे खिंच कर बाहर निकाल दी और मेरी बालो भरी चूत उसके सामने थी।

उसने मेरे पांव चौड़े किए और अपने होंठ से मेरी चूत के बालो में खुजली करने लगा। और साथ ही मेरी चूत की दरार में अपनी जुबान रगड़ कर मुझे मदहोश करता रहा।

फिर उसने अपने मुंह से मेरे मम्मो को चूसना शुरु करते हुए मेरी चूत को अपनी उंगलियों से रगड़ कर मुझे गरम किया. फिर वो अपना मुँह मेरे पाँव की तरफ कर लेट गया और 69 पोजीशन बना ली.

अब वो मेरी बालो भरी चूत को चाट रहा था तो मै उसके बालो भरे लंड को चूस रही थी। थोड़ी देर इस चुसम चुसाई के बाद हम दोनो चुदाई के लिए तैयार थे.

राहुल मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना लंड मेरी चूत के मुंह पर रख दिया और अपना मुंह मेरे कान के पास ले आया।

राहुल: “क्या तुम मेरे बच्चे की माँ बनने के लिए तैयार हो?”

मैं: “हां”

और अगले ही पल उसका लंड मेरी चूत में घुस गया। इतने समय बाद आखिर राहुल का लंड मेरी चूत में समां गया। मै भी उसके लिए बड़ा तड़पी थी।

आज तक उस से सिर्फ मजे के लिए या मज़बूरी में चुदवाया था पर आज हम अपनी शादी की नींव रख रहे थे। बरसो बाद मै एक बच्चा पैदा करने के लिए चुदवा रही थी तो बहुत ही निश्चिन्त थी।

राहुल का कसरती बदन तो मुझे याद ही था, और उसका मजबूत लंड चूत में घुसते ही एक अलग ही दुनिया की सैर करवा देता हैं। उसका लंड तेजी से मेरी चूत में अंदर बाहर हो मुझे चोद कर माँ बनाने की कोशिश कर रहा था।

उसका लंबा लंड मेरी चूत के काफी अंदर जा रहा था पर फिर भी मै अपनी तरफ से भी माँ बनने की कोशिश करते हुए अपना जोर लगा रही थी। इस चक्कर में उसका लंड ज्यादा ही अंदर घुस कर मुझे हल्का दर्द भी दे रहा था।

पर माँ बनने के लिए मुझे हर दर्द मंजूर था। राहुल का कसरती सीना मेरे मम्मो को अच्छे से रगड़ रहा था और उसके सिक्स पैक्स मेरी पेट को रगड़ गुदगुदी कर रहे थे.

मेरी चूत को उसका लंड खोद रहा था तो ऊपर मेरे होंठ वो अपने होंठो से रह रह कर चुम अपना प्यार जता रहा था। थोड़ी देर भी वो मुझे चुम्मी ना करता तो मै अपनी सिसकियां रोक खुद उसके होंठो को चुम लेती.

वो मेरी ज़िन्दगी की सबसे हसीन चुदाई थी। मै एक नये जीवन में प्रवेश कर रही थी। हम दोनो बहुत देर तक चुदते रहे और अपने चरम की तरफ बढ़ते गए. मै राहुल को पुकारते हुए जोर लगा कर मुझे माँ बनाने की विनती कर रही थी।

मैं: “ओह्ह्ह्ह राहुल, मुझे चोद कर माँ बना दो…आआह्ह… और अंदर… आआईई…और अंदर……ऊहहहहहह…. आह…..चोद दो…..हां ऐसे…..ऊईईईई माँ….जोर से चोदो….डाल कर चोदो….आईईएई.”

राहुल पहली बार बाप बनना चाहता था, तो उसने अपना पूरा जोर लगा कर मुझे चोद दिया और उसके लंड से बहुत तेज पानी का फव्वारा मेरी चूत में छूटा और मेरी चूत उसके पानी से गीली हुयी और साथ में मैंने भी अपनी चूत को सिकोड़ते हुए उसके लंड को अच्छे से अपनी चूत में झकड़ कर मै जड़ गयी।

मैने उसको कुछ देर तक लंड बाहर नहीं निकालने दिया ताकि उसके लंड से निकली हर स्पर्म की बूँद मेरी चूत में रहे. इस चुदाई के बाद हम दोनो थक चुके थे तो वो मेरे ऊपर ही लेट कर थोड़ी देर ऐसे ही रहा।

फिर हम दोनो ने एक साथ वाशरूम में जाकर बाथ लिया। हम अपनी फ्लाइट पकड़ अपने शहर आ गए थे। मैंने राहुल वाली बात किसी को नहीं बताई थी।

मै गर्भवती होने के बाद ही अपने घर वालो और दोस्तों को खुशखबरी देना चाहती थी। मेरे चेहरे को खिला हुआ देख कर रूबी ने मुझे ऑफिस में अकेले पकड़ ही लिया।

रूबी: “किसके साथ चुदवाया?”

मैं: “अपने पति के साथ”

रूबी: “पहले तो बड़ी बड़ी बातें कर रही थी। अलग होने के बाद भी तुम अपने पुराने पति का लंड मिस कर रही हो. मैंने जब बोला मेरे साथ चलो मिलकर मर्दो के मजे लेंगे तब नहीं आयी”

मैं: “अपने पुराने पति की नहीं, होने वाले पति की बात कर रही थी”

रूबी: “अरें वाह! बड़ी छुपी रुस्तम निकली. कौन हैं वो खुशनसीब?”

मैं: “अभी ये एक राज हैं। वक्त आने पर बता दूंगी”

रूबी: “मगर फिर से अपनी चूत को लंड की गुलाम मत बना देना”

मैं: “तुम्हारी तरह अलग अलग लंड की गुलाम बनने से अच्छा हैं मै एक ही लंड की गुलाम बन जाऊ”
हम फिर ऑफिस के अंदर आ गए. मौका देखकर मै अपने होने वाले पति राहुल के केबिन में गयी।

राहुल: “तुम मेरी मंगेतर की हैसियत से आयी हो या ऑफिस कर्मचारी की तरह”

मैं: “अगर मंगेतर की हैसियत से आयी हूँ तो क्या करोगे?”

राहुल अपनी सीट से उठकर आगे आया और मेरी कमर पकड़ कर मुझे अपने से चिपका लिया।

राहुल: “मेरा पहला लक्ष्य तुम्हे माँ बनाना हैं”

मैं: “यहीं ऑफिस में बनाओगे?”

राहुल: “पहली बार थोड़े ही हैं। पहले भी तो तुम्हारे साथ इसी केबिन में किया था”

मैं: “और कोई अंदर आ गया तो?”

राहुल: “मै बाहर जाकर बोल देता हूँ कि हम पति पत्नी व्यस्त हैं, कोई परेशान ना करे”

मैं: “नहीं अभी नहीं, मेरे तलाक के बाद, हमारी शादी की डेट आने के बाद ही हम सबको बताएँगे”
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राहुल ने फ़ोन करके अपने सेक्रेटरी को बोल दिया कि वो किसी को ना भेजे और परेशान ना करे, वो मीटिंग में हैं।

राहुल: “अब ठीक हैं?”

मैं: “मगर ऑफिस में चोदने की क्या जरुरत हैं! मै शाम को तुम्हारे साथ आ जाउंगी”

राहुल: “मुझे जल्दी से जल्दी बच्चा पैदा करना हैं। मै दिन में 5-6 बार तुम्हे चोदुंगा”

मैं: “कितना भी चोदो, बच्चा तो 9 महीने में ही पैदा होगा ना”

राहुल: “जितनी तुम्हे चोदुंगा, उतना प्यार बढ़ेगा और उतना खुबसूरत बच्चा पैदा होगा”

मैं: “5-6 बार कुछ ज्यादा नहीं हो जायेगा! दिन में बस दो बार”

राहुल: “नहीं, दिन में कम से कम 3 बार, और छुट्टी वाले दिन 5-6 बार चोदुंगा. तुम्हे मंजूर हैं तभी मै तुमसे शादी करूँगा”

मैं: “तुम तो बोल रहे थे कि सेक्स के लिए मुझसे शादी नहीं कर रहे”

राहुल: “मै कोई मजे के लिए थोड़े ही चोद रहा हूँ. मै तो बच्चे के लिए चोद रहा हूँ”

मैं: “पक्का मजे के लिए नहीं चोद रहे!”

राहुल: “हां, पक्का”

मैं: “मजे के लिए नहीं चोदोगे तो फिर क्या फायदा!”

राहुल: “तो फिर क्या करु?”

मैं: “ठीक हैं मै तुम्हे चोदती हूँ. तुम्हारा बच्चा पैदा करने का काम भी हो जायेगा और मेरा मजा भी हो जायेगा”

मेरा और राहुल का मिशन था कि मैं उसके बच्चे की माँ बन जाऊ और उसके लिए हम दिन रात चुदाई के लिए भी तैयार थे। फिलहाल दोपहर में ऑफिस के उसके केबिन में हम दोनों चुदाई की तयारी कर रहे थे।

हम दोनो ने अपने कपड़े उतारने शुरु कर दिए. अपने सारे कपड़े वहीं नीचे फेंक कर हम पूरे नंगे हो चुदाई के लिए तैयार थे। हमारा सन्यास टूट चुका था और मेरी चूत सफाचट थी और राहुल का लंड भी.

राहुल अपने केबिन में लगे सोफे पर बैठ गया और मै उसकी तरफ मुंह कर उसकी गोद में बैठ गयी। मेरी चूत उसके लंड के ऊपर थी। उसका लंड तो मेरी बातें सुनकर और मुझको अपने कपड़े खोलते देख कर ही कड़क हो चुका था।

मैने जल्दी से उसके लंड को अपने चूत में घुसाया और ऊपर नीचे होते हुए खुद चुदने लगी। पहली बार मै खुलकर इस तरह ऑफिस में राहुल से चुदवा रही थी।

बाहर ऑफिस का सारा स्टाफ था और अंदर इस तरह चुदवाते हुए एक रोमांच सा जाग रहा था। पहली बार मै ऑफिस में पूरे कपड़े खोल नंगी हुयी थी।

राहुल ने भी मेरी गांड पकड़े मुझे ऊपर नीचे होने में मदद की. थोड़ी ही देर में चाप चाप करते हुए उसका मोटा लंड मेरी चूत में आवाज कर रहा था।

राहुल कभी मेरे निप्पल और मम्मो को अपने हाथ से दबा कर छेड़ देता तो कभी अपने होंठो में भरकर चूस लेटा। कभी प्यार से भरकर मेरे चेहरे को अपने पास लाकर मेरे होंठो का रस चूस कर छोड़ देता.

मैने दोनो हाथों से सोफे का सिरहाने पकड़ा और घुटनो का जोर लगाते हुए अपने चोदने की रफ़्तार बढा दी. चाप चाप की आवाज अब चपड़ चपड़ और सर्र सर्र में बदल गयी थी।

इस मधुर आवाज को सुनकर हम दोनो ही मदहोश हुए जा रहे थे। राहुल बराबर मेरे पूरे बदन को छूकर मुझे कर्रेंट भी दे रहा था।

मजे के मारे मै चेहरा छत की तरफ कर, ऊपर नीचे हो रही थी। राहुल ने आगे सिर लाकर मेरे तने हुए गले में अपने होंठो से थोड़ी देर तक चूमा.

मेरी चूत में हम दोनो के निकले पानी से कीचड़ जमा हो चुका था और चुदाई के साथ वो पानी अंदर आवाज कर रहा था। मेरी आहें अब बढ़ने लगी थी और राहुल भी लम्बी सांसें छोड़कर आवाज निकाल रहा था।

मै अपने मजे के हिसाब से राहुल के लंड को अपनी चूत के उस हिस्से पर रगड़ लगा रही थी जहा मुझे सबसे ज्यादा मजा आता हैं। इसका असर यह हुआ कि मै जल्दी ही जड़ गयी।

मेरे जड़ते वक्त राहुल ने मेरे मम्मे अपने मुंह से दबा कर चूसना जारी रखा था। इस जबरदस्त चुदाई के बाद मेरे हाथ पैर ठंडे पड़ चुके थे। सारी ताकत जा चुकी थी।

राहुल ने मुझे मेरी गांड से पकड़े मुझे ऊपर नीचे करना शुरू किया ताकि उसका भी पानी निकले वरना बच्चे की नीव कैसे रखेंगे।

माँ बनने के जोश में मैंने अपनी ताकत फिर जुटाई और तेजी से ऊपर नीचे हो चोदना शुरु किया. अब तो राहुल ने भी मेरी मदद करते हुए अपनी गांड उछलते हुए धक्के मारना शुरू किया.

अगले 2-3 मिनट के मेहनत के बाद ही राहुल बावला हो गया और अचानक अपने धक्को की गति बढा दी. वो जड़ने वाला था इसलिए मैंने भी अब गहराई में उसके लंड को घुसाना शुरु किया. अगले कुछ झटको के बाद राहुल मुंह खोले आहें भरता अपना पानी मेरी चूत में खाली कर गया।

हमने एक दूजे को होंठो पर चुमा और एक दूसरे को धन्यवाद बोला. राहुल के केबिन में ही वाशरूम था इसलिए हम अपने कपड़े उठाए उसके वाशरूम में गए और अपनी थोड़ी सफाई कर ली.

इस चुदाई के बाद मै कमजोर सा महसूस कर रही थी जिसकी वजह से मेरे हाथ पैर भी कांप रहे थे। मै अब उसके केबिन से बाहर आयी।

मुझे डर था कि कही रूबी मुझे पकड़ ना ले। वो तो चेहरा देखते ही पकड़ लेती हैं कि मैंने चुदाई करवाई या नहीं. मैंने वाशरूम में जाकर अपना मेकअप दुरुस्त कर लिया ताकि रूबी मेरा चेहरा नहीं पढ़ पाए.

मेरा गौरा चेहरा शर्म से पूरा लाल हो चुका था और मैंने मेकअप से उसको छिपाने की कोशिश की. रूबी को थोड़ा शक जरूर हुआ पर उसको यकीन नहीं हुआ क्युँ कि मै ऑफिस के लोगो के साथ चुदाई के सख्त खिलाफ थी।

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