Erotica मेरी कामुकता का सफ़र

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adeswal
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Re: Erotica मेरी कामुकता का सफ़र

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अशोक: “मेरा जन्मदिन आने वाला हैं। मै पूजा और तुम्हारी सुलह के बहाने उन दोनो को पार्टी पर बुलाता हूँ, तुम भी आ जाना. मेरी थोड़ी मदद कर देना, नितिन को थोड़ा व्यस्त रखना तब तक मै पूजा के साथ कर लूंगा. इस बहाने तुम पूजा की भी मदद कर दोगी”

मैं: “तुम ध्यान से सुन लो, मै नितीन के साथ कुछ करने वाली नहीं हूँ”

अशोक: “तुम्हे कुछ नहीं करना हैं, सिर्फ पार्टी में आ जाना बस. हर साल तुम मुझे जन्मदिन गिफ्ट देती हो, इस बार तुम्हारा आना ही मेरे लिए गिफ्ट होगा, प्लीज…प्लीज”

पूजा ने मुझे अशोक और नितीन के सामने थप्पड़ मारा था और मुझे उसके मुकाबले चरित्रहीन साबित कर दिया था। यह मौका था जब मै पूजा से उन्ही लोगो के सामने माफ़ी मंगवा सकती थी। तो मैंने पार्टी में आने का हां बोल दिया।

अगले दिन मैंने पूजा को फ़ोन कर बोल दिया कि अशोक उसे और नितीन को अपनी जन्मदिन पार्टी में बुलाने वाला हैं। तो उसके पास अशोक से चुदने का भी मौका होगा और मुझसे उन दोनो के सामने माफ़ी मांगने का भी.

पूजा यह सुनकर बहुत खुश हुयी. मै खुश थी कि मेरा जो अपमान हुआ था उसका बोझ उतर जाऐगा और हो सकता हैं मै अशोक और पूजा की एक होने में मदद भी कर दू .

जन्मदिन वाले दिन मै अशोक के घर पहुंची. वो अकेला ही था। उसने मेरे अलावा सिर्फ पूजा और नितीन को ही बुलाया था। यहाँ तक कि हमारा बच्चा भी नहीं था।

अशोक: “धन्यवाद , तुम आ गयी। यार तुम अगर नितीन के साथ करने को मान जाओ तो मेरा और पूजा का काम आसान हो जायेगा”

मैं: “तुम चाहते हो कि मै चली जाऊ तो चली जाती हूँ, पर फिर यह विनती मत करना”

अशोक: “मेरे अंदर आग लगी हैं, मुझे चोदना हैं। ना तुम करने दे रही हो, और ना मेरी मदद कर रही हो”

मैं: “मुझे जितनी मदद करनी थी वो मैंने कर दी. इस से ज्यादा उम्मीद मत रखना”

अशोक: “अच्छा ठीक हैं, मै अगर पूजा को लेकर अंदर जाऊ तो नितीन को यहाँ रोके रखना”

मैं: “मै 5-10 मिनट से ज्यादा नहीं रोक पाउंगी, नितीन भी कोई पागल नहीं हैं, उसे पता चल जाऐगा. 5-10 मिनट में जो कर सकते हो कर लेना”
.....................

अशोक की बर्थडे पार्टी में अशोक और पूजा का चुदाई का इरादा था और मेरा मकसद था पूजा से माफ़ी मंगवाना। मैं तय समय पर पहुंच गयी थी पर अशोक मुझे नितिन के साथ चुदने को मना रहा था।

तभी डोरबैल बजी और अशोक ने जाकर दरवाजा खोला. नितिन और पूजा आ गए थे। पूजा आज तो कुछ ज्यादा ही सजी संवरी थी। बालो का जूड़ा बना था और उसकी वो ही दो लम्बी झुल्फे दोनो तरफ लटकी थी।

मरून लिपस्टिक में रंगे उसके होंठ चमक रहे थे और मादक लग रहे थे और उसकी बड़ी सी स्माईल में खिल रही थी। माथे पर छोटी सी चमकीली बिंदी थी।

उसने आज भी चमकीली साड़ी पहनी थी पर उस दिन से ज्यादा फर्क था। आज उसकी साड़ी पारदर्शी थी। पेटीकोट को नाभी से 3 इंच नीचे बाँधा था और पारदर्शी साड़ी से उसका पतला पेट और नाभी साफ़ दिख रही थी।
जब वो पीछे मुड़ी तो उसकी पीठ पूरी नंगी थी और सिर्फ ब्लाउज की दो डोरिया बंधी थी। उसको भी अच्छी तरह आता था कि मर्दो को कपड़ो से दीवाना कैसे करते हैं।

हमेशा की तरह उसका आकर्षण उसकी मटकती गांड थी जो उस टाइट बंधी साड़ी में अच्छे से खिल कर दिख रही थी। वो तीनो चल मेरे पास आये.

अशोक: “चलो भाई, प्रतिमा और पूजा अपने गिले शिकवे मिटा लो”

पूजा ने मुझ गले लगाया. उसके बड़े से मम्मे मेरे मम्मो से टकरा कर थोड़ा दब गए. उसके मम्मे बहुत मुलायम थे.

पूजा: “उस दिन मैंने प्रतिमा को ग़लतफ़हमी में चांटा मार दिया था। वो तो सिर्फ डांस पार्टनर के लिए बात कर रही थी और मै कुछ और ही गलत समझ गयी”

हम सब उसकी शक्ल देखने लगे, जो मुस्कुरा रही थी। उसने बड़ी सफाई से झूठ भी बोल दिया और माफ़ी भी मांग ली थी।

पूजा: “प्रतिमा, मुझे उस दिन लगा तुम कुछ गंदी बात कर रही हो, पर बाद में मुझे लगा तुम तो सिर्फ डांस के लिए मुझे अशोक के साथ पार्टनर बना रही थी। आज तुम जो बोलोगी वो करेंगे. क्युँ नितिन?”

नितीन: “मुझे तो उस दिन भी कोई परेशानी नहीं थी और आज भी नहीं हैं”

अशोक: “हां तो चलो संगीत से शुरु करते हैं”

अशोक ने पहले ही शायद तैयारी कर रखी थी और बहुत ही मादक गानो को प्ले कर दिया। कमरे में हल्की लाल रंग की रोशनी कर दी. अशोक तो पूजा का हाथ पकड़े डांस के लिए ले गया।

नितीन मुझे भी आग्रह करने लगा पर मैंने उसको रुकने को बोला. मै और नितीन अब बैठ कर डांस देखने लगे। अशोक तो इतने दिन से किसी औरत को हाथ लगाने के लिए भी तड़प रहा था ऊपर से वो मादक गाना.
adeswal
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अशोक ने पूजा की कमर, पीठ, जांघे, सीना, चेहरा सब छू कर रगड़ रगड़ आकर डांस किया. ख़ास तौर से उसने पूजा की गांड को निशाना बना कर उसको पीछे पकड़ कर अपना लंड से बहुत देर तक रगड़ा.

मुझे तो कोई फर्क नहीं पड़ राह था पर नितीन ने यह सब देखने के बाद भी कुछ प्रतिक्रिया नहीं दी और अपनी बीवी को इस मादक तरीके से अपने ही दोस्त के हाथों मजे लेते देखता रहा।

अशोक की पैंट में उसका लंड कड़क हो थोड़ा आगे हो गया था और मै देख सकती थी। शायद नितीन ने भी देख लिया होगा। पर वो क्या कर सकता था, उसने ही उन दोनो को डांस की अनुमति दी थी।

अशोक ने मुझे और नितीन को भी डांस के लिए बोला और फिर जबरदस्ती उठा कर ले आये. मै वापिस बैठना चाहती थी पर नितीन ने मेरे दोनो हाथ अपने हाथ में ले लिए और डांस शुरु कर लिया।

अशोक इशारा कर रहा था कि मै नितीन की पीठ उनकी तरफ रखु ताकि वो आराम से डांस कर पाये। मुझे भी देखना था वो कैसी हदें पार करते हैं।

नितीन को डांस तो आता नहीं था तो मैंने नितीन को अपने सामने रखा और उसकी पीठ हमेशा पूजा और अशोक की तरफ रही.

इस मौके का फायदा उठा कर अशोक एक बार फिर पूजा के पीछे से चिपक गया था और अपना कड़क लंड पूजा की गांड में रगड़ रहा था। कुछ ही सेकण्ड में उसने पूजा का पल्लू भी खोल कर नीचे गिरा दिया।

पूजा ने अपने दोनो हाथ ऊपर उठा कर पीछे लाकर अशोक की गरदन के पिछे लगा दिए. पूजा की छाती फुल गयी। वो तो वैसे ही नशे में डुब चुकी थी तो उसके मम्मे अच्छे खासे फूले हुए थे.

अशोक तो कण्ट्रोल ही नहीं कर पा रहा था। एक हाथ पूजा के पेट के थोड़ा नीचे रख दूसरे से उसके ब्लाउज के ऊपर से अंदर हाथ डाल दिया और पूजा के मम्मे दबाने लगा।

पूजा आंख बंद किए तभी आंख खोले मजे ले रही थी। मै थोड़ा डर भी रही थी, कही नितीन यह देख ना ले। मैंने नितीन को और टाइट पकड़ लिया, उसने मुझे अपने सीने से लगा दिया।

मेरे मम्मे भी उसके सीने से दब गए, इस बहाने ही सही वो अब मेरे ज्यादा कण्ट्रोल में था। मै उसको घुमने से रोक सकती थी। हम एक दूसरे से चिपके डांस कर रहे थे.

अशोक इतना तड़प रहा था कि उसने हिलना बंद कर दिया और अब पूजा की ब्लाउज की डोरिया पीछे से खोल दी थी और उसका ब्लाउज ढीला होकर बाहों में अटक गया।

अशोक ने अब पूजा के पेट को दबा कर उसकी गांड अपने लंड से चिपका दी. दूसरे हाथ से उसने पूजा के सीने को दबा कर अपनी छाती पूजा की पीठ से एकदम चिपका दी. दायें बायें हिलने की बजाय उसने एक दो धक्के पूजा की गांड पर जरूर मारे.

तभी नितीन ने अपना एक हाथ जो अब तक मेरी कमर को लपेटे था, उस से मेरी गांड को दबा दिया। मुझे उसकी बदतमीजी पसंद नहीं आयी और उसका हाथ झटक दिया।

मगर उसने अब अपने दोनो हाथों से मेरी गांड को दबाया. फिर मै उस से दूर हुयी. वो मुझ पर हस रहा था। मैंने उसके पीछे डांस करते पूजा और अशोक को देखा जो अभी भी एक दूजे से चिपके थे.

पूजा अब जरूर दायें बायें अपनी गांड हिलाते हुए अशोक के लंड को रगड़ते हुए मजा दिला रही थी। अशोक भी पूजा के नंगे कंधे को चुम रहा था। मुझे ऊधर देखते देख नितीन ने भी पीछे मुड़कर देखा.

पूजा और अशोक की तो आंखे बंद थी और मजे ले रही थे। नितीन मुड़ कर पूजा के सामने गया। मुझे लगा आज तो पूजा और अशोक की खैर नहीं हैं।

नितीन ने वहां जाकर पूजा के आधे खुले ब्लाउज को खिंच कर पूजा की बाहों से निकाल दिया। पूजा ने अंदर ब्रा भी नहीं पहना था तो उसके गोल मम्मे बाहर आ गए और वो टॉपलेस हो गयी। पूजा और अशोक की आंखे खुल गयी, मगर अशोक ने पूजा को अपने से चिपकाये रखा।

नितीन ने पूजा की साड़ी की पटली को उसके पेटीकोट से बाहर कर दिया और फिर साड़ी के बाकी भाग को भी पेटीकोट से बाहर खींचने लगा। मेरी तरह पूजा को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि नितीन कैसे गुस्सा निकाल रहा हैं।

मै भी क्या कर सकती थी, पूजा को थोड़ा ध्यान रखना चाहिये था। अब सजा तो मिलेगी ही. पूजा की साड़ी अब नितीन ने पूरा खोल कर हटा दी और अब उसने पूजा के पेटीकोट को बंधी डोरी की गांठ खोल कर उसका पेटीकोट भी खोल दिया।

अब पूजा सिर्फ अपनी पैंटी में खड़ी थी। मैंने पूजा को कई बार बिकिनी में स्वीमिंग पूल में देखा था, पर आज पहली बार टॉपलेस सिर्फ पैंटी में देख कर मै भी उसके फिगर की दीवानी हो गयी।

इतने समय तक स्वीमिंग करने का असर उसके फिगर पर दिख रहा था। अशोक अभी भी पूजा से चिपका था। नितीन ने अभी तक अशोक को कुछ नहीं कहा था। नितीन ने अब पूजा की पैंटी खोल उसको पूरा नंगा कर दिया।
पूजा की तेज सांसें उसके हिलते बदन से साफ़ दिख रही थी। उसका पेट तेजी से अंदर बाहर हो रहा था और उसके बड़े से मम्मे हल्का सा फुल कर सिकुड़ रहे थे और सांस ले रहे थे.
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साथ ही पूजा के मम्मे ऊपर नीचे हल्का से हिल रहे थे। पूजा की आँखों में एक प्रश्नचिन्ह था। अंदर उत्तेजना भरी थी पर डर उसकी आँखों और चेहरे पर था।

नितीन अब पूजा के सामने हाथ बाँध कर खड़ा था। अशोक ने अपने दोनो हाथों से पूजा के नंगे धड़कते मम्मो को दबोच लिया और उन दोनो मम्मो को अपने हाथों में लेकर मसलना शुरु कर दिया।

पूजा मुंह खोले आहें भर रही थी पर संगीत के शोर में उसकी आहें सुनाई नहीं दे रही थी। अशोक ने जब पूजा के मम्मे छोड़े और पीछे हटा तो पूजा अपने दोनो हाथों को मलते हुए नीचे जमीन पर देखने लगी।

अशोक ने अपने कपड़े एक झटके में निकाल दिए और पूरा नंगा हो गया। उसको अभी भी चोदने की पड़ी थी, जब कि नितीन सामने था।

नंगा होते ही अशोक ने पूजा को आगे बढा कर सोफे के साइड से आगे झुका दिया। पूजा के नंगे मम्मे सोफे के सिरहाने से चिपक कर दब गए.

अशोक पूजा के पिछवाड़े था और अपना लंड पूजा की गांड में रगड़ने लगा। मैंने अपना माथा पिट लिया। वो इतनी गुस्ताखी क्युँ कर रहा था।

जब वो मार खाएगा तो मै उसको बचाने वाली नहीं थी। जल्दी ही पूजा की सांसें तेज हुयी और आंहे निकलने लगी। अशोक ने एक धक्का मारा और उसकी जांघो का ऊपरी भाग पूजा की गांड से टकराया. उसका लंड अब पूजा की गांड में घुसा चुका था।

पूजा जिस तरह दर्द भरी सिसकियां मार रही थी, मुझे यकीन था कि उसकी गांड में ही अशोक का लंड घुसा होगा। नितीन अभी भी हाथ बांधे अपनी बीवी को गांड मरवाते देख रहा था।

पूजा ने कहा था कि नितीन उस पर शक करता हैं, यह बात मुझे भी उसने बताई थी कि उसको अशोक और पूजा पर शक हैं, फिर वो इतना उदार हो गया कि पूजा को चुदने की छूट दे दी थी।

किसी पति का इतना बड़ा दिल होगा, यह मैंने नहीं सोचा था। अशोक की दिल की तमन्ना आज आखिर पूरा हो रही थी। इतने दिनों से चोदने को तड़पते मर्द को अपनी पसंद की औरत की गांड मारने को मिल रहा था। उसको तो अब तक बेस्ट जन्मदिन गिफ्ट मिल चुका था।

अशोक के झटके अब पूजा की गांड में पड़ने लगे थे। वो इतने जोर के झटके थे कि पूजा आगे पिछे पूरा हिल चुकी थी। अशोक ने आखिर अपनी इच्छा पूरी कर ली थी।

उसकी इच्छा भी तब जाकर पूरी हुयी जब उसको चुदाई की सबसे ज्यादा जरुरत थी। मै सोच रही थी मै यह चुदाई देखने तो नहीं आयी, मुझे शायद यहां से जाना चाहिये। पर जन्मदिन का केक कटना बाकी था और मुझे भी पूजा को पहली बार चुदते हुए देखना था।

पूजा भी आहें भरते हुए अभी थोड़े शॉक में थी कि नितीन क्या कर रहा हैं। पूजा की गांड पर पड़ते झटको से उसकी गांड बुरी तरह से जेली की तरह हिल रही थी।

अशोक के पूजा की गांड पर पड़ते झटको से थाप थाप की आवाजे आ रही थी। साथ में बजते संगीत के साथ चुदाई का मजा और ज्यादा बढ़ गया था।

थोड़ी देर बाद जब अशोक ने गांड मारने का मजा ले लिया तो उसने पूजा को थ्री सीटर सोफे की सीट पर सीधा लेटाया और उसका एक पांव सोफे के सिरहाने पर रख दिया और दुसरा नीचे जमीन पर.

पांव चौड़े होते ही पूजा की पूरी चूत खुल गयी। उसकी चूत की दरार गीली पड़ी थी। इतनी देर मादक डांस के बाद यह तो होना ही था।

अशोक उसकी टांग के बीच बैठ गया। उसका भी एक पांव सोफे की सीट पर तो दुसरा नीचे जमीन पर था। उसने जल्दी से पूजा की कमर पकड़ उसकी गांड को थोड़ा ऊपर उठाया और अपना लंड पूजा की चूत में डाल दिया।

अशोक ने अपनी गांड को आगे पिछे धक्के मारते हुए पूजा को चोदना चालू किया और पूजा की बुरी तरह से सिसकियां चालू हो गयी। वो तो कबसे अशोक से चुदवाने को तड़प रही थी।

उस चुदाई के मजे में उसने बिल्कुल भी ख्याल नहीं किया कि नितीन भी खड़ा देख रहा था। वो भी शायद अब बागी हो चुकी थी। वैसे भी अभी तक नितीन ने गुस्सा नहीं दिखाया था, उल्टा वो तो अपनी बीवी को चुदते हुए देख मजे ले रहा था।

अशोक अब थोड़ा नीचे हो गया था और पूजा की पीठ अब पूरी तरह सोफे पर टिकी थी। अशोक ने पूजा के दोनो पांव हवा में खड़े कर दिए और पकड़ लिए.

पूजा के दोनो पांवो को अपने हाथों में पकड़े अशोक उसे अच्छे से चोद रहा था और बीच बीच में पूजा के पांव थोड़े चौड़े भी कर देता.

पूजा खुद अपने मम्मे दबाए चिखने लगी थी। उसके लिए यह चुदाई का मजा असहनीय हो गया था। संगीत से भी ज्यादा अब पूजा की चिखें सुनाई दे रही थी।

नितीन खुश दिख रहा था और अपनी बीवी को इस तरह चुदते मजे लेते देख उसकी पैंट में उसका लंड खड़ा हो चुका था।

ऐसी चुदाई देख मेरी खुद की पैंटी गीली होने लगी थी। वो तो अच्छा था कि कल ही मैंने अपनी चूत में ऊँगली कर उसको शांत किया था, वरना अभी मेरे लिए कण्ट्रोल करना बड़ा मुश्किल हो जाता.

थोड़ी देर बाद एक के बाद एक अशोक और पूजा तेज सिसकारियां भरते हुए जड़ गए. मगर जड़ते जड़ते वो माहौल बहुत ज्यादा गरम कर गए थे.

वो दोनो अब सोफे से उठे और अशोक कपड़े पहनने लगा और पूजा अपने कपड़े उठाए वहां से अंदर रूम में चली गयी। नितीन मेरी तरफ बढा.

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