Incest सपना-या-हकीकत

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rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

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मै कोमल को झट से बेड के निचे जाने को बोला और अपने कपडे ठीक करके मन मे बड़बड़ाते हुए दरवाजे के पास गया और जैसे ही दरवाजा खोला तो सामने मामी खड़ी थी जो मुझे देख कर मुस्कुराई
वो भी एक नजर बेड पर डाली और गीता बबिता को सोता देख अपना हाथ आगे बढ़ा कर मेरे आड़ो को लोवर के उपर से थाम लिया

मेरी तो फट गई यार , शुक्र था कोई मामी का हाथ देख नही पाता पीछे से लेकिन डर इस बात का था कि कही कोमल के सामने मेरा भंडा ना फुट जाये क्योकि मै गीता बबिता को तो सम्झा सकता था लेकिन कोमल के सामने मै जितनी भी डीन्गे हाक चूका था उसका चौपट होना था और शायद वो नाराज भी हो जाती है।

इधर मामी मेरे आड़ो को थामा और सहलाते हुए लण्ड को पकडे हुए बोली - ओहो हीरो देखो तो अभी से तन गया है ये तो
मै घबरा गया कि अब तो पक्का सब कूछ जाना ही है हाथ से
मै मामी की बात पलट दिया - अरे मामी आप यहा कैसे
मामी मन गिरा कर - यार वो तेरे मामा को फोन आ गया था कि उनको अनाज वाले गोदाम पर जाना है तो वो वही चले गये

मै समझ गया कि मामा कहा गये थे क्योकि अभी थोडी देर पहले विमला भी फोन आने का बहाना करके निकली थी ।
मै - तो आप यहा क्यू
मामी अभी भी मेरे लण्ड को लोवर पर से ही निचे से उपर की तरफ सहलाते हुए कातिल मुस्कान से धीमी आवाज मे बोली - मुझे मेरे राजा बाबू के लण्ड के बिना नीद नही आयेगी हिहिहिही
मै एक नजर कमरे मे देखा और बहाना मार कर बोला - अच्छा तो आपके कमरे मे बिल्ली का बच्चा घुस गया है वही परेसान कर रहा है चलिये मै देख कर आता हूँ फिर सोउँगा

मामी को मेरी बाते समझ से बाहर लगी - तू क्या बोल रहा है
मै झट से मामी को बाहर किया और खुद भी बाहर आ गया और जल्दीबाजी मे दरवाजा बाहर से बंद कर दिया


मामी - अरे ये अन्दर तू क्या बोल रहा था
मै - मामी गीता बबिता अभी सोयी नही थी वो मेरे साथ बाते कर रही थी और कोई उनको जागता देख डाटे नही इसिलिए वो सोने का नाटक कर रही थी

मामी - ओह्ह फिर ठीक किया मेरे राजा ,, अब जल्दी से कमरे मे चल कर मेरी प्यास बुझा दो ना राजा
मै मामी के हिलते चुतडो पर हाथ फेरते हुए कहा- हा मेरी रानी क्यू नही
फिर हम ऐसे ही मस्तियाँ करते हुए मामि के कमरे मे गये
अन्दर पहुचते ही मामी ने झट से अपनी साडी खोल दी
मैं मामी उतावला पन देख कर उत्तेजित हो गया था और लोवर के उपर से लण्ड को मुठियाते हुए उन्के पास गया
मामी ने वापस से मेरे लण्ड को थामा और मैने मामी की गर्दन को पकड कर उन्के होठो को चुस्ना शुरू कर दिया ।
उफ्फ्फ मामी के वो मुलायम गुलाबी होठ
धिरे धीरे मेरे हाथ मामी के उठे हुए भारी गोल गोल चुतडो पर गया और मै मामी के रसीली होठो को पान करते हुए उनको चुतडो को पकड कर फैलाने लगा
मामी के गाड़ का स्पर्श मुझे हवस की नयी सीमा पर ले गया और मै उत्तेजित होकर मामी को वापस बेड पर हाथो के बल झुका दिया और उनके पेतिकोट को उठा दिया
ओह्ह्हह फिर से वही गोरी चमड़ी वाली मुलायम थिरकती गाड़ मेरे सामने थी ।
मामी के चुतडो के पाट आपस मे काफी सटे हुए थे जिससे गाड़ की लकीर ज्यादा फैली हुई नही थी ।

मैने मामी के पाटो को फैला कर उस गुलाबी भूरे रंग गाड़ की छेद को देखा जो मामी की तेज चलती सांसो के हिसाब से खुल बंद हो रही थी ।
फिर मैने अपनी जीभ पर खुब सारा लार इकठ्ठा किया और जीभ को मामी की सास लेते हुए गाड़ की छेद पर लगा दिया
मामी सिहर गई- उफ्फ्फ्फ राज अम्म्ं इस्स्स्स्स
अब मै उस लार को मामी की गाड़ के छेद पर लीपने लगा और जीभ को नुकीला कर मामी की गाड़ की उस सिकुडी हुई छेद को खोदने लगा । जिससे मामी बार बार फुदक कर आगे हो जाती

मजबूरन मुझे उनकी गाड़ को मजबूती से पकडना पडा और अब मेरी जीभ फेरने की सीमा बढ़ गई ।
मै जीभ को गाड़ के छेद से गाड़ के उपरी सिरे तक उन दरारो मे घसीटते हुए ले जाता और वापसी मे उन्हे चुत के निचले हिस्से तक छूआ देता
इधर मामी छटप्टाति हुई सिसकियाँ लेती रही

धीरे धीरे मामी की चुत टपकना शुरु हो गयी और मामी - अह्ह्ह राज जल्दी से मेरि चूत को सह्लाओ दाने के पास खुजली हो रही है

मै झुककर एक नजर मामी की चुत पर डाली तो देखा कि गाड़ उठाए होने की वजह से मामी की चुत का रस उन्के चुत के दाने पास इकठ्ठा हो रहा था जिस्से बगल की झाटे भीगी हुई लग रही थी ।
मै भी अपनी हथेली आगे कर उनकी चुत पर रख कर मसल दिया
मामी - अह्ह्ह्ह माआआआ मर गई रे उह्ह्ह अह्ह्ह राज ऐसे ही अह्ह्ह अह्ह्ह मा उफ्फ्फ्फ और रगडो मेरे राअज्ज्जाआआ उम्म्ं सीईईईई उफ्फ्फ्फ्फ हय्य्य्य्य मा उफ्फ्फ

मै अच्छे से मामी की चुत को मसलने के बाद अपनी हथेली को चाट कर साफ किया और झट से लोवर निचे किया
अबतक तीन जवान लौदियो ने मेरा लण्ड चुस कर काफी खड़ा कर दिया था ।
मैने लण्ड को थामा और मामी के एक टांग को उठा कर बेड पर रख जिससे उनकी चुत खूल कर मेरे सामने आये

और मैने वापस से थोडा थूक लिया और सुपाडे को चिकना किया और मामी के चुत पर सेट किया और एक तेज धक्के से आधा लण्ड मामी की चुत मे पेल दिया

मामी - ओह्ह्ह्ह्ह माआआआ उह्ह्ह्ह सीईई अह्ह्ह्ज माआ आराम से मेरे राजा उफ्फ्फ
मै वापस से लण्ड को पीछे किया और जगह बनाकर एक और तेज धक्के से मामी की चुत मे पुरा लण्ड पेल दिया

मामी गरदन उठाए ऐसे चिलला रही थी मानो घोड़ी अपनी चुत मे घोड़े का मोटा लण्ड पाकर जैसे चिघाड़ती रही हो
मै बेरहम से मामी की चुतडो को थामे घपा घ्प्प पेले जा रहा था
मामी -अह्ह्ह ओह्ह्ह्ह हाआ ऐसे ही ओह्ह्ह राज तुम पहले क्यू नही आये ह्य्य्य्य मा उफ्फ्फ्फ और तेजज्ज़्ज़ हा उफ्फ्फ मा अह्ह्ह अहहहह मेरे राआआज्ज्ज्जाआ
मै - क्यू मेरी जान मज़ा आया ना
मामी - हा अह्ह्ह्ह हा बहुत आ रहा और तेज चोदो नाअज्ज्ज अह्ह्ह्ह औफ्फ
मैने धक्को की रफ्तार को बढाया और तेज़ी से मामी की चुतडो की थामे चोदने लगा

मामी -अह्ह्ह राज थोडा धीरे उहहह दर्द हो रहा है
मै स्पीड कम कर - क्या हुआ मेरी रन्डी अभी तो बोल रही थी कि तेज चोदो अभी क्या हुआ सालि हा
मामी बिना कूछ बोले अप्नी गाड़ मेरे लण्ड पर फेकते हुए चुदती रही
मै - बोल ना साली कुतिया ,,कह तो इस गाड़ मे डाल दू ,
मै मामी की गाड़ मे अंगूठा घुसाते हुए बोला
मामी - अह्ह्ह अह्ह्ह नही मेरे राजा आह्ह निकालो दर्द हो रहा है अभी अह्ह्ज
मै अंगूठे को और घुसाते हुए - क्या हुआ कभी लिया नही क्या इसमे बोल ना

मै जब कोई जवाब नही पाया तो मामी कि तरफ देखा वो गरदन उठाए अपनी आखे उलतने लगी और उन्के खुले मुह से तेज सासे बाहर निकल रही थी मै उन्की चूत के जड़ मे लण्ड रोक दिया और अंगूठे को वापस निकाल लिया कि तभी मेरे लण्ड पर एक गरम लावा बहता मह्सूस हुआ और उनकी कमर झटका खाने लगी
मतलब मामी झड़ रही थी
जैसे ही वो झडी उनकी सासे वापस लौटी और वो तेज तेज आहे भरने लगी

मै मामी को नॉर्मल होता देख वापस से चुत मे पेलना शुरू कर दिया और अब फ्च फचच की आवाज से तेज़ी से चोदे जा रहा था
मामी - राज मेरे मुह मे देना सारा माल आह्ह अह्ह्ह्ज
मै झट से चुत से लण्ड को निकाला और मामी को निचे किया और उन्के चेहरे के उपर लण्ड मुठियाने लगा
कुछ ही झटके मे मेरा माल मामी के मुह पर गिरने लगा
झड़ने के बाद दो तीन बार मैने अपना लण्ड मामी के मुह पर हल्का हल्का पटका और
मामी भूखे भेड़िये के जैसे मेरे लण्ड को अपने चुत के पानी के स्वाद के साथ चाट गयी ।

मै - मज़ा आया ना मेरी रानी
मामी मुस्करा कर ऊँगलीया चुस्ते हुए बोली - बहुत ही ज्यदा मेरे राजा ,,, अब फिर कब आओगे
मै - जब तुम अपना गाड़ देने को राजी हो जाओगी मेरी जान
मामी मुस्कुरा कर - मै तो तभी ही ले लेती गाड़ मे तुम्हारा ये मुसल , जभी तुम मेरे गाड़ को अपनी रसिली जीभ से कुरेद रहे थे
मै - तो बोल देती ना मेरी जान पहले गाड़ ही मार देता
मामी थोडा मन गिरा कर - कैसे कह देती मेरी चुत बहुत ही कुलबुला रही थी ।

चुत कुलबुलाने से मुझे याद आया कि मै तीन तडपती हसिनाओ को तो एक कमरे मे बन्द करके आया हू
कही वो लोग आपस मे मेरा भेद ना खोल दे फिर मेरे लौडे लग जायेंगे ।

मै - चलो ठीक है मामी अब मै चल रहा हू
मामी उदास मन से - इतना जल्दी चलो ना एक बार और
मै - मामी मामा कभी भी आ सकते है समझो और मै तो आता ही रहूंगा ना अपनी जान से मिलने

मामी खुश हुई और बोली - पक्का ना ,
मै - हा मेरी जानू पक्का , वैसे भी आपकी ये गोरी गाड़ मुझे चैन से रहने कहा देगी हीहीहि
मामी - धत्त बदमाश चलो अब जाओ
मै झट से लोवर उपर किया और मामी को कमरा बंद करने का बोल कर चुपचाप निकल गया
और तेज़ कदमो से फिर से गिता बबिता के कमरे की तरफ गया और हल्के से दरवाजा खोला क्योकि रात बहुत हो गयी थी और सन्नाटा पसरा हुआ था ।

मै दरवाजा खोला तो सामने कोमल बेचैन कमरे मे टहल रही थी और गिता बबिता सोये हुए थे ।
मै एक ठंडी आह्ह भरी और कोमल को पीछे से हग कर लिया

कोमल गुस्से मे मुझे धक्का देकर अलग हुई और तेज आवाज मे बोलना चाहा तो मै झट से उसके मुह पर हाथ रख कर बिस्तर पर सोती गिता बबिता की ओर इशारा किया

वो शांत हुई लेकिन मन मे भड़ास अब भी थी
कोमल धीमी आवाज मे अपनी बातो पर जोर देते हुए - तुम मुझे यहा कमरे मे बंद करके भाग गये और अभी आ रहे हो आधा घंटा हो गया
मै धीमी आवाज मे - सॉरी कोमल वो बिल्ली का बच्चा बहुत डरा हुआ था तो उसको बहुत मुस्किल से बाहर निकाला मै
कोमल - हा लेकिन ये दरवाजा क्यू बंद किया
मै - ताकि अगर तुम्हारी मा यह कमरा बाहर से बंद देखे तो तुमको य्हा ना खोजे

कोमल - वो सब तो ठीक है लेकिन अब तक तो मा आ गई होगी ना कमरे मे

मै मुस्कुरा कर ना मे सर हिलाया
कोमल - दाँत ना निकालो बहुत गुस्सा आ रहा है मुझे
मै - यार वो मेरे मामा के साथ अनाज वाले गोदाम पर गयी है और अभी तक मेरे मामा नही आये है

कोमल थोड़ा रिलैक्स होकर - ओह्ह्ह फिर ठीक है
मै - क्या ठीक है अब तुम भी जाओ जल्दी से कमरे मे हम ज्यादा रिस्क नहीं ले सकते है समझी ना
कोमल - हा सही कह रहे हो तुम , मै जा रही हू गूड़ नाइट
मै झट से कोमल पर झपटा और उसकी कमर मे हाथ डाल कर अपनी ओर खींच कर बोला - बस ऐसे ही होगा गूड़ नाइट हा
कोमल शर्मा कर - फिर कैसे
मैने कोमल के होठो को मुह मे लेके चूसा और बोल - हा हुआ गूड़ नाइट

कोमल शर्मा कर मुस्कुराते हुए - धत्त अब छोडो मुझे बाय
मैने कोमल को अजाद किया और वो अपने कमरे मे चली गई ।
फिर मेरी नजर गीता बबिता पर गई जो शायद सच मे सो गई थी लेकिन एक बार मैने अपनी तसल्ली के लिए उनको चेक किया और फिर निकल कमरे से बाहर निकल गया ।
बाहर पुरा सन्नाटा था और कोई भी नजर नही आ रहा था ।
पुरे बरामदे मे दो लाईट जल रही थी जो नाना के कमरे के बाहर और एक किचन के बाहर ।
मामी के तरफ कमरो का लाईट ऑफ़ था । मै भी मा के कमरे की तरफ जाने लगा तभी लाईट चली गई
अब मेरे हाथ मे मोबाइल भी नही था ना कोई टॉर्च मै क्या करता कैसे अन्धेरे मे जाता तो सोचा मस्त हवा चल रही है यही रुक जाता हू कुछ देर अभी आ ही जायेगी लाईट तो

और मै दीवाल पकडते हुए गेस्टरूम के बाहर रखे अनाज की बोरियो तक पहुंचा तो उसी बोरी पर टटोल कर बैठ गया ।
तभी नाना के कमरे की खिडकी खुली और हल्की पीली रोशनी बाहर आने लगी ।
मुझे ध्यान आया कि मौसी तो नाना के साथ ही है कही उन्होने तो नही , कही अन्दर अभी भी
मेरे चेहरे पर एक कातिल मुस्कान आई और मै बोरी से उठ कर उस हल्की रोशनी निकली खिडकी के बगल मे खड़ा हुआ तो अन्दर का नजारा देख वापस से मेरा हाथ लण्ड पर चला गया अब कमरे का सीन ही कुछ ऐसा था तो मै क्या करता

मैने देखा मौसी पूरी नंगी अपनी मोटे मोटे हिलते चुतडो के साथ खिडकी खोलने के बाद वापस नाना के पास जा रही है और नाना बेड पर अपना मुसल थामे बैठे हुए

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rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

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लालटेन की पिली रोशनी मे मौसी का बदन चमक रहा था उनके चुतडो की दरार गहरी और काली दिख रही थी ।
धिरे धीरे चल कर मौसी नाना के पैर के पास बैठ गई और दाये हाथ से लण्ड सहलाने लगी ।
नाना - रज्जो अब तू भी परसो चली जायेगी तो मै फिर से अकेला पड़ जाऊंगा बिटिया
मौसी - बाऊ जी मै तो आती जाती ही हू ना ,,लेकिन उससे जरुरी है कि आप अपना ख्याल रखें
नाना - तू रहती है तो मै बेफिकर होता हू और मज़ा भी मिल्ता है जीने का
मौसी - वही मज़ा ही अब आपको कम करना है बाऊजी
नाना - तो तू चाहती है कि मै बिना चुदाइ के रहू ,,,मेरी तलब जानती है ना तू

मौसी - हा जानती हूँ इसिलिए चेता रही हू आपको और आज आप मुझसे ये वादा करिये कि आप हफ्ते मे एक बार ही ये सब करेंगे
नाना - बस एक बार
मौसी - हा बाऊजी डॉक्टर ने क्या बोला पता है ना और मै नही चाहती कि ऐसा कुछ दिक्कत हो आपको
नाना - ठीक है मेरी मा लेकिन जब तक तू है तब तक तो ये सब नियम मै नही मानूँगा हा
मौसी हस कर - मै मानने दूँगी तब ना बाऊ जी हिहिहिही

नाना - तू कितना ख्याल रखती है रे मेरा आज 30 साल हो गये हैं तेरी मा को गुजरे हुए लेकिन इन 30 सालो मे तुने कभी तेरी मा की कमी नही होने दी ।

बुआ - आगे भी नही होने दूँगी हिहिहिही ,,, बुआ नाना के आड़ो को मसल्ते हुए बोली

तभी कमरे मे रोशनी हुई और बाहर भी
नाना - अह्ह्ह वाह आ गई लाईट जा बेटा खिडकी बंद कर दे

मै नाना की बात सुन कर झट से निचे बैठ गया और सोचा यार लग रहा है कि इन दोनो का ऐसे ही चलेगा मै चलता हू मा के पास
तभी खिडकी बन्द होने की आवाज आई और मै वापस से खड़ा हुआ और निकल गया मा के रूम मे
कमरे का दरवाजा खोला तो देखा की मा ब्लाऊज पेतिकोट पहने हुई थी और बेड पर टेक लगाये हुए टाँगे खोल कर अभी भी फोन पर लगी है और मुझे कमरे मे आता देख कर चुप रहने का इशारा किया
मै सोच रहा था कि ऐसी क्या बाते हो रही है । लेकिन मा का ये खुला खुला रूप देख कर मै उत्तेजित होने लगा
मै चुपचाप से दरवाजा बन्द किया और मा के बगल मे खड़ा हुआ तो मेरी नजर मा के सामने की तरफ भीगी हुई पेतिकोट पर गई तो सब कुछ मेरे समझ से बाहर जाने लगा

मै मा के कन्धे पर हाथ से ठोक कर इशारे मे पुछा की ये पेतिकोट कैसे भिगा
तो मा मुस्कुराते हुए फोन पर इशारा करते हुए चुप रहने को कहा
मै मा के बगल मे बैठ गया और मा के हाथ से मोबाइल लेके उसको स्पीकर पर कर दिया
तभी सामने से जो आवाज आई उससे मै खुसी से उत्तेजित होने लगा क्योकि ये आवाज शिला बुआ की थी

बुआ फोन से - अहहहह भाभी अब भैया मेरे गाड़ को जीभ से चाट रहे है उफ्फ्फ्फ हय्य्य दईया मर गईईई उम्म्ंमममं
मा हस्ते हुए - खा जाओ मेरे राजा आज अपनी बहन की गाड़ ,,ऐसा निशान लगाओ की जीजा जी जान जाये की उनकी रन्डी बीबी मायके मे किसी से चुद कर आई है हिहिहिहिही

पापा फोन से - सही कह रही हो जान,,,आज तो दीदी की गाड़ फाडकर रख दूँगा

मै मा , पापा और बुआ की सेक्सी बाते सुनकर बहुत ही उत्तेजना से भरने लगा और मा की जांघो को सहलाने लगा

मा ने मुस्कुरा कर एक नजर मुझे देखा और बोली - ओह्ह मेरे राजा आखिर कब मेरी गाड़ फाडोगे ,,, कल से लण्ड नही मिला है

पापा फोन से - कल आ रही हो ना जानू ,, कल तुम्हारी और दीदी की मिल कर फाडूंगा
मा मुस्करा कर मेरे चेहरे को दुलारते हुए - हा लेकिन आज रात का क्या होगा मेरे सईया

बुआ फोन से - अह्ह्ह्ह्ह भैया आराम से उह्ह्ह
मा - क्या हुआ जीजी
बुआ फोन से - वो भैया ने मेरे गाड़ मे अपना खूटा गाड़ दिया ना अह्ह्ह मा उफ्फ्फ

पापा फोन से - अह्ह्ह जान वहा राज है ना उसके साथ कुछ कर लो ना
मा मुस्कुरा कर मेरे गाल को चुमा और इतरा कर बोली - क्या जी आप मुझे मेरे बेटे की नजर मे रन्डी बनवाना चाहते हो
पापा फोन से - अह्ह्ह हहहह हा मेरी जान मै चाहता हू मेरा बेटा मेरे सामने तुम्हे रन्डी की तरह चोदे उफ्फ्फ दीदी क्या कसी हुई गाड़ है अह्ह्ह

मै पापा और बुआ की चुदाई भरी बाते सुन कर बहुत गरम हो गया था और मेरा भी मन अब मा की गाड़ मारने को होने लगा

मै झट से उठा और अपने सारे कपडे निकाल कर मा के सामने हाथ मे लण्ड मुठीयाते खड़ा हो गया । मा की नजर जब मुझ पर गयी तो वो मुस्कुरा कर चुत को पेतिकोट के उपर से रगड़ने लगी ।

जिससे मा की आह्ह निकलने लगी
बुआ फोन से - क्या हुआ भाभी आपको भी लण्ड मिल गया क्या
मा मदहोसी मे बोली - अह्ह्ह नही जीजी मै तो पहले के जैसे अब भी चुत मसल रही हू ,,मेरे हिस्से का लण्ड तो आप खा रही है

मै मा को कमर से थामा और घोड़ी बना दिया
मा थोडी अचरज मे इशारे से बोली क्या करने जा रहा है
मै मा की गाड़ को सहलाते हुए ह्सने लगा

मा मुस्कुरा कर हा मे इशारा की
बुआ फोन से - कल जल्दी आना भाभी हम दोनो गोदाम मे जाकर जम कर चुदाई करेंगे क्यू भैया अह्ह्ह उह्ह्ह
पापा फोन से - आह्ह हा हा क्यू नही ,,जीजी ठीक कह रही है जानू कल जल्दी निकलना और सीधा दुकान ही आना

मा घोड़ी बनी हुई सिसक रही थी क्योकि इस वक़्त मा के गाड़ के छेद पे मेरी जीभ नाच रही थी
पापा फोन से - ओह्ह जानू बोलो ना
मा सिसकते हूए - अह्ह्ह हा हा मेरे राअज्ज्जआ क्यू नही ,,मै तो आपके लण्ड के लिए तरस गयी हू ओह्ह्ह
rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

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मै लपालप मा की गाड़ चाट रहा था और बिच बिच मे हाथ मे भर कर मा की चुत रगड़ देता जिस्से मा और तेज सिस्क उठती
मै मुह मे लार इकठ्ठा किया और सारा मा के गाड़ की छेद पर लगा दिया और वापस से थोडा थूक लेके लण्ड के सुपाडे को चिकना किया

वही फोन पर बुआ और पापा की सेक्स से भरी बातचित जारी थी
मै झट से घुटनो के बल आया और मा की टाँगे चौडी किया । लण्ड को मा के गाड़ के छेद पर लगा कर अंगूठे से सुपाडे को दबाते हुए लण्ड को अन्दर डाल दिया
मेरे चाटने और लार की वजह से मेरा सुपाड़ा मा के गाड़ घुस गया और वही मा की अह्ह्ह और तेज होने लगी

मा - ओह्ह्ह राज के पापा अह्ह्ह उम्म्ंम
पापा फोन से - क्या हुआ जानु
मा - वो मैने अपने गाड़ मे एक मोटा गाजर डाला है उह्ह्ह ओह्ह उफ्फ्फ
पापा फोन से - अह्ह्ह मेरी जान इतनी तडप रही है अह्ह्ह और घुसा ले गाड़ मे उसको , पुरा भर ले अपनी गाड़ मे मेरी रान्ड

मै पापा की बात सुना और उत्तेजित होकर मा के कमर को थमा और धक्के लगाने ल्
गा ,,कुछ ही धक्को मे मा की खुली गाड़ ने रास्ता दे दिया और मै तेज़ी से मा की गाड़ फ़ाडना शुरू कर दिया जिस्से मा की चिखे तेज होने लगी

पापा भी फोन से बार बार मा को झडने के लिए उत्तेजित कर रहे थे
मा - हा मेरे राजा चुद रही है तुम्हारी रन्डी आह्ह्ह औह्ह्ह मज़ा आ रहा है ,,कब डालोगे मेरे राजा अपना मुसल मेरी गाड़ मे अह्ह्ह
मै मा की बातो से उत्तेजित होकर धकाधक मा के गाड़ मे पेले जा रहा था
मा कुछ पलो ढहने लगी और झडने लगी।
पापा फोन से - लग रहा है मेरी जान ने अपना पानी बहा दिया
मा हाफते हुए - आह्ह हा जान चलो मै साफ करने जा रही हू फिर बात करती हू

फिर मा ने फोन काट कर रख दिया और गरदन घुमा कर बोली - अह बेटा अब चोद अपनी मा को आह्ह आह्ह
मै मा की बात सुन के और उत्तेजित होने लगा ।
मा - हा बेटा और फाड़ अपनी मा की गाड़ ओह्ह्ह अह्ह्ह राज बेटा और तेज्ज़्ज़ उफ्फ्फ ह्य्य्य्य बस ऐसे ही अह्ह्ह्ह
मै तेज़ी से मा की गाड़ मे चोदे जा रहा था और मेरे सुपाडा अब फूलने लगा और मा की गाड़ मे फसने लगा
मै - आह्ह मा मै आने वाला हू आह्ह मा इह्ह्ह ऊहह
मा - झड़ जा बेटा अपनी मा की गाड़ मे ,,भर दे बेटा मेरी गाड़ मे अपना पानी उफ्फ्फ अह्ह्ह

मै अब चरम सीमा पर पहुंच गया और लण्ड को मा के गाड़ की जड़ मे ले गया और झटके के साथ झडने लगा । जब मेरे लण्ड की आखिरी ड्रॉप तक मा की गाड़ मे झाड़ दिया फिर मै खिच कर बाहर निकाला तो मा गाड़ की दरारो मे मेरा माल बहने लगा और मा बेसुध होकर बिस्तर पर ढह गयी ।
मै भी मा से अलग होकर बिस्तर पर गिर गया और हाफ्ने लगा ।
धीरे धीरे मेरी आँखो मे नीद आने लगी । आती भी क्यू नही सुबह से 5वी बार झड़ा जो था और मेरे बगल मे मेरी मा तो वैसे ही गाड़ उठाए सो गयी । फिर मै भी वैसे ही मा से चिपक कर सो गया ।

सुबह करीब 6 बजे मेरी आंख किसी के जगाने से खुली तो देखा मौसी थी जो झुक कर मेरा कन्धा पकडे मुझे हिला रही थी जिससे उनके लटके हुए चुचे हिल्कोरे मार रहे थे।

मै मुस्कुरा कर मौसी घाटियाँ देखते हुए बोला - गूड़ मॉर्निंग मेरी सेक्सी मौसी
मौसी चिढ़ कर - सेक्सी के बच्चे उठ जा और कुछ पहन के आज 10 बजे के बस से तुझे घर जाना है ।

मै - अरे हा मै तो भूल ही गया था
मौसी - अब उठ और जल्दी से नहा ले और आजा नासता करने
मै मौसी को अपना खड़ा लण्ड दिखाते हुए कहा- नासता तो यही है मौसी कर लो ना
मौसी मुस्कुरा कर - धत्त सुबह सुबह शुरू हो गया
मै जिद करते हुए - मौसी प्लीज ना अभी तो मै चला भी जाऊंगा तो फिर कब आना हो
मौसी - तू चिन्ता ना कर उसकी जाने से पहले मै तुझे मौका जरुर दूँगी अभी तू तैयार हो जा मेरा लल्ला

मै मौसी को हग किया और उठ कर कपडे पहन कर निकल गया फ्रेश होने

7 बजे तक मै नहा धो कर किचन मे पहुचा तो सारे लोग खुश नजर आ रहे थे सिवाय गिता बबिता के
मेरी नजर जब गिता से मिली तो वो हुह करके मुह फेर ली

मै सोचा जाने से पहले इन दोनों को मनाना पडेगा
मै जल्दी से खाना खाया और गीता बबिता से बोला - मिथी और गुडिया क्या तुम मेरा बैग पैक करवाने मे हैल्प करोगी ।

मामी - हा क्यू नही , जाओ बेटा भैया के साथ
फिर वो दोनो मुह फुलाए मेरे साथ मेरे कमरे मे आई और मै झट से दरवाजा बंद कर दिया ।

मै गिता को पीछे पकड कर हग करते हुए
मै -क्या हुआ मेरी मीठी गुस्सा है
फिर बबिता के चेहरे को उठाया - तुम भी नाराज हो क्या गुडिया

बबिता - हा भाईया हम दोनो नाराज है आपसे
गीता - आप हमे सुला कर कोमल दीदी के साथ खेलने लगे हा नही तो
मै उनकी मासूमियत पर हसा और एक आइडिया मन मे लाया

फिर मै दोनो से अलग होकर अपना जीन्स खोला और लण्ड बाहर निकाल दिया

मै - कौन कौन खेलेग इससे जल्दी जल्दी बताओ
दोनो घूमी और मेरा आधा खड़ा लण्ड देख कर खुश हो गयी और मेरे कदमो मे बैठ कर उसे चूसना शुरू कर दिया
दोनो बारी बारी से मेरे लण्ड को चुस कर मेरा लण्ड का माल पिया और मैने भी उनकी चुचीयो से खेला । फिर उनको एक बार फिर सम्झाया कि कैसे और कहा खेलना है दोनो को ।
फिर मै बाहर निकल आया तो पता चला कि सब नाना के कमरे मे है तो मै भी उधर ही चला गया।


देखते है दोस्तो अब जल्द ही राज की घर वापसी क्या रंग लाती है ।

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