मांगलिक बहन

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rajan
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Re: मांगलिक बहन

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सौंदर्या का मुंह शर्म से लाल हो गया और बोली:"

" भाई मुझे क्यों दे रहे हो? मैं क्या करू इसका ?

अजय:" अब दीदी आपका हैं तो आपको ही दूंगा। आप खुद समझो क्या करना है।

सौंदर्या को अपनी गलती का एहसास हुआ कि उसके मुंह से क्या निकल गया। वो फिर से हड़बड़ा गई और बोली:"

" भाई मेरा वो मतलब नहीं था। भाई मैं सच कहती हूं ये मेरा नहीं है। मेरा यकीन करो।

अजय:" दीदी मुझसे इससे कोई मतलब नहीं है। आप अपने तरीके से अपनी ज़िन्दगी जियो। लेकिन आगे से इसे संभाल कर रखना, मा ने देख लिया तो आपको बहुत दिक्कत होगी।

इतना कहकर अजय बाहर निकल गया और पीछे हताश, उदास सी खड़ी सौंदर्या उसे आवाज देती रह गई।


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rajan
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Re: मांगलिक बहन

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सौंदर्या अपने कमरे में बुत सी बनी खड़ी रह गई। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। उसकी सारी इज्ज़त, मान सम्मान सब कुछ आज मिट्टी में मिल गया था इस डिल्डो के कारण।

उसकी नजर हाथ में पकड़े हुए डिल्डो पर गई और उसे ऐसा लग रहा था मानो उसने कोई काला ज़हरीला सांप पकड़ रख हैं। एक झटके के साथ उसके हाथ से डिल्डो नीचे गिर गया।

सौंदर्या ने एक बार बेड पर पड़े हुए डिल्डो को नफरत से देखा मानो अपने जानी दुश्मन को देख रही हो। तभी उसे उपर किसी के आने की आहट हुई तो उसने तेजी से फिर से ना चाहते हुए भी डिल्डो को उठा लिया और अपने तकिए के नीचे छुपा दिया।

उसकी मम्मी उपर आई थी और उसे देखते ही थोड़ा नाराजगी से बोली:"

" क्या बेटी, अभी तक गीले कपड़े पहन रखे हैं तूने, चल जल्दी से कपड़े बदल ले नहीं तो बीमार पड़ जाएगी।

कमला बेड पर बैठी तो उसके हाथ गीली चादर पर पड़ गए और वो बोली :"

" हाय राम, ये तो चादर भी गीली हैं, इसको भी बदलना पड़ेगा। तुम जल्दी से बाथरूम जाओ तब तक मैं चादर बदल देती हूं।

अपनी मम्मी की बात सुनकर सौंदर्या को उसकी सांसे रुकती हुई सी महसूस हुई। ये भगवान मैं कैसे जाऊ, मम्मी ने चादर बदलते हुए अगर डिल्डो देख लिया तो उनकी नजरो में भी गिर जाऊंगी। डर में मारे सौंदर्या का पसीना छूट गया और बोली:"

" मम्मी आप आराम कीजिए, मैं खुद कर लूंगी।

कमला:" ज्यादा बाते मत बना तू, अगर खुद करना हो तो अब तक कर नहीं लेती। चल हट मुझे काम करने दे और जल्दी से आ।

डर के मारे उसका दिल बैठ सा गया और सौंदर्या ने अपने मम्मी के हाथ पकड़ बोली:"

" मम्मी आप रहने दीजिए। मैं कर लूगी मेरी प्यारी माता जी। आप क्यों परेशान हो रही हैं ?

माता जी शब्द सुनकर कमला को अपनी बेटी पर बहुत प्यार आया और उसके वो उसका माथा सहलाती हुई बोली:"

" मेरी प्यारी बेटी, मैं कर दूंगी, तुम जल्दी से बाथरूम जाओ। अरे तुम्हे तो पसीना आ रहा है बहुत।

तभी सौंदर्या को जोर से छींक आई और वो कमला के गले लग गई तो कमला बोली:"

" पागल कहीं की, तुझे पसीना भी आ गया और छींख भी आ गई, चल अब जल्दी से बाथरूम जा नहीं तो एक हफ्ते तक बेड पर पड़ी रहेगी।

सौंदर्या पूरी तरह से फंस गई थी और समझ नहीं पा रही थी कि क्या किया जाए। तभी उसे अपने भाई की याद आई और उसने अपनी मा को तेजी से अपने बांहों में कस लिया और दूसरे हाथ से अपना फोन निकाल लिया।

कमला अपनी बेटी की इस हरकत पर आत्म विभोर हो गई और उसकी पीठ थपथपाने लगी और बोली:"

" इतनी बड़ी हो गई है लेकिन अभी तक छोटे बच्चे की तरह मा से चिपकती हैं मेरी बेटी।

सौंदर्या ने अपने मोबाइल का पैटर्न खोला और अजय को मेसेज टाइप करते हुए बोली:"

" मम्मी मैं चाहे कितनी भी बड़ी हो जाऊ आप तो मेरे लिए मेरी मम्मी ही रहेगी और बच्चे मा के सीने से हमेशा चिपकते ही है।

सौंदर्या ने अजय को मेसेज टाइप किया:"

" भाई प्लीज़ मुझे मा की नजरो में गिरने से बचा लो। मा मुझे बाथरूम जाने के लिए कह रही हैं और तकिए के नीचे दिलदो पड़ा हुआ है, मम्मी गीला चादर बदलेगी, अज्जु भाई मेरी मदद करो। बचाओ मुझे तुम्हे मेरी राखी की कसम।

अजय ने अपने कमरे ने मेसेज पढ़ा और इसके होंठो पर स्माइल आ गई। फिर अगले ही पल हो परेशान हो गया और बाहर की तरफ दौड़ पड़ा। कमरे में गया तो उसने अपनी दीदी को अपनी मा से लिपटे हुए देखा तो सारी कहानी समझ गया।

अजय:" क्या बात है बड़ा प्यार हो रहा है मा बेटी में।

कमला मुस्कुरा उठी और बोली:"

" अरे इसे बाथरूम जाकर गीले पकड़े बदलने के लिए कह रही हूं और ये मुझसे लिपटी हुई हैं। अब तू ही समझा इसे बेटा।

अजय:" क्यों मम्मी को परेशान कर रही हो आप दीदी? जाओ गीले कपड़े बदल लो ना आप।

अजय ने सौंदर्या को कुछ इशारा किया और वो अपनी मम्मी के साथ पलट गई और अब अजय की तरफ कमला की पीठ थीं। अजय ने तेजी से अपना हाथ आगे बढाया और डिल्डो को बाहर निकाल लिया। सौंदर्या ये सब देख रही थी और जैसे ही उसकी नजरे अजय से टकराई तो सौंदर्या पहले तो शर्म से लाल हो गई लेकिन अजय को स्माइल देखते हुए उसने उसे स्माइल दी और अजय ने डिल्डो अपनी जेब में डाल लिया। सौंदर्या ने राहत की सांस ली और अपनी मम्मी से बोली:"

" मम्मी जब आप इतनी जिद कर रही हो और भाई भी बोल रहा है तो मैं कपडे बदल ही लेती हूं।

इतना कहकर सौंदर्या अपनी मम्मी से अलग हुई और सेफ से अपने कपड़े निकालने लगी।

कमला ने राहत की सांस ली और बोली:" चलो किसी तरह ये बेचारी मान तो गई। अजय बेटा तेरी ही बात मान ली इसने।

अजय:" हाँ मम्मी। बहुत समझदार और संस्कारी हैं मेरी दीदी। फिर बात कैसे नहीं मानती।

सौंदर्या ने अपने कपड़े लिए और बाहर निकल गई। उसे समझ नहीं आया कि अजय ने इसकी तारीफ की है या उसके उपर तीखा कॉमेंट किया है। खैर वो नहाई और एक नाइटी पहनकर बाहर आ गई। उसने हल्के गीले खुले हुए बालो से पानी की बूंदे टपक रही थी और अजय को अपनी दीदी इस रूप में बहुत सुंदर लगी।

कमला:" अच्छा बेटा अजय सीमा की मम्मी बता रही थी कि अगले हफ्ते आचार्य तुलसी दास जी पास के ही गांव में आ रहे है तो मैं उनसे मिल भी लूंगी। तुम और सौंदर्या भी मेरे साथ चलना। कोई उपाय निकल ही जाएगा।

अजय:" ठीक हैं मम्मी, ये तो बहुत अच्छी बात हैं।

कमला:" अच्छा अब तुम दोनो आराम करो। रात बहुत हो गई है। मैं भी सो जाती हूं।

इतना कहकर कमला बाहर आ गई तो अजय भी उसके साथ साथ ही पीछे आ गया और अपने कमरे में चला गया। सौंदर्या चुपचाप अपने बेड पर पड़ी हुई सोच रही थी कि आज उसने अपनी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी गलती कर दी है और ये सब इस कमीने डिल्डो के चलते हुआ है इसलिए इसे तोड़ दूंगी। इसके टुकड़े टुकड़े कर दूंगी।

सौंदर्या डिल्डो इधर उधर देखने लगी लेकिन कहीं मिला नहीं। तभी उसे याद आया कि वो तो अजय ने अपनी जेब में डाल लिया था और मैं यहां ढूंढ रही हूं। क्या करू अजय से मांग कर तोड़ दू क्या ?

उफ्फ मै ये क्या सोच रही हूं, अजय पता नहीं पहले से ही क्या क्या सोच रहा होगा, अगर मांगा तो फिर से यहीं सोचेगा कि कहीं मैं इसे अपने अंदर अंदर घुसाने के लिए तो नहीं मांग रही। ये भगवान मैं क्या क्या सोच रही हूं, कितनी बिगड़ गई हूं मैं।
rajan
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Re: मांगलिक बहन

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सौंदर्या अपने विचारो में डूबी हुई थी और वहीं अजय सोच रहा था कि उसकी बहन कितनी चालू निकली, कहां तो अपने सीने से पल्लू तक नीचे नहीं आने देती और कहां डिल्डो इस्तेमाल करती हैं। अजय ने डिल्डो को अपनी जेब से बाहर निकाल लिया और उसे गौर से देखने लगा। देखने में तो ठीक था काफी मोटा और लंबा भी। उफ्फ जब मैं इसे सूंघ रहा था तो इसमें से कितनी अच्छी खुशबू आ रही थी। शायद मेरी दीदी की चूत की खुशबू होगी। अगर मम्मी नहीं आई होती तो मैं सीधे ही सूंघ लेता आज। ये सब सोचते सोचते अजय उत्तेजित हो गया और उसने डिल्डो को अपनी नाक के पास रख लिया और सूंघने लगा। एक अजीब सी खुशबू उसकी नाक से होती हुई उसके दिमाग में समा गई और लंड ने फिर से हुंकार भरी और तनकर खड़ा हो गया। अजय का एक हाथ अपने आप लंड पर पहुंच गया और उसे पेंट के उपर से ही सहलाने लगा।

दूसरी तरफ सौंदर्या को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे, कैसे अपने भाई को विश्वास दिलाए कि ये डिल्डो उसका नहीं हैं और वो ऐसी लड़की नहीं हैं।कुछ विचार मन में करके सौंदर्या खड़ी हुई और उसने धड़कते दिल के साथ अपने कमरे से बाहर निकल गई।

उसने एक पल के लिए सोचा कि क्या उसका अपने भाई के रूम में ऐसे जाना ठीक होगा ? उसका भाई उसके बारे में क्या सोचेगा ? लेकिन उसने इन सभी बातों को मन से निकाल दिया क्योंकि वो सच्ची थी और खुद को किसी भी कीमत पर अपने भाई की नजरो में सही साबित करना चाहती थी। सौंदर्या के पांव कांप रहे थे और दिल धाड धाड करके धड़क रहा था लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी और जल्दी ही वो अपने भाई के कमरे के सामने पहुंच गई। अजय एक बहुत हिम्मत वाला लड़का था और उसने कभी अपने कमरे के गेट बंद किए थे और सौंदर्या जैसे ही उसके कमरे से सामने आई तो उसकी नजर अंदर पड़ी और उसका मुंह खुला का खुला रह गया।

अजय सिर्फ अंडर वियर पहने हुए था और उसकी आंखे बंद थी और वो डिल्डो को अपनी नाक के पास करके सूंघते हुए अपने लंड को सहला रहा था। उसके चेहरे पर असीम आनन्द के भाव फैले हुए थे।

सौंदर्या की सांसे बहुत तेजी से चलने लगी और उसका गीला सूखता चला गया। ये राम, ये दिन में तो ऐसे ही कर रहा और अब भी। ये क्या सूंघ रहा है इसमें से ? सौंदर्या को याद आया कि उसने पढ़ा था कि सबकी चूत से एक भीनी भीनी खुशबू निकलती हैं। उफ्फ क्या ये मेरी चूत की खुशबू समझकर इसे सूंघ रहा है!!

ये विचार मन में आते ही उसके जिस्म के रोम रोम लहरा उठा और उसने अपनी जांघो को कस लिया मानो वो डिल्डो से नहीं बल्कि उसकी जांघो के बीच से खुशबू सूंघ रहा हो।

तभी अजय ने अपने हाथ को अपनी अंडर वियर के अंदर घुसा दिया और उसे नीचे करते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लिया



सौंदर्या की नजरे जैसे ही अपने भाई के हाहाकारी लंड पर पड़ी तो डर के मारे उसके मुंह से एक घुटी घुटी सी चींखं निकल गई। उसने अपने मुंह पर हाथ रखा लेकिन जब तक देर हो चुकी थी। वो तेजी से चलती हुई अपने कमरे में घुस गई। अजय ने फुर्ती से अपने लंड को अंदर किया और बाहर की तरफ दौड़ा कि कोई दिक्कत तो नहीं हो गई।

बाहर आकर देखा तो उसे कुछ दिखाई नहीं दिया और उसने एक नजर अपनी बहन के कमरे में दौड़ाई तो उसे बेड पर लेटी सौंदर्या दिखाई दी। अजय को समझ नहीं आया कि आवाज कहां से आई थी और उसकी दीदी के कमरे की लाइट अभी तक क्यों जली हुई है।

अजय फिर से अपने कमरे में आ गया और बिस्तर पर लेट गया। उसका लंड अभी तक खड़ा हुआ था और उसने फिर से डिल्डो को हाथ में पकड़ लिया। अजय ने डिल्डो को अपनी नाक के पास रखा और सूंघने लगा। तभी उसके दिमाग में दूसरा विचार आया कि दीदी तो अभी सोई हुई है तो क्यों ना मैं सीधे ही सूंघ लू।

लंड खड़ा हो तो दिमाग काम नहीं करता और यही अजय के साथ हुआ। उसने दीदी में लिया और मात्र अंडर वियर पहने हुए अपने खड़े लंड के साथ अपनी दीदी के रूम में घुस गया।

एक बार अपनी दीदी की पक्की नींद जानने के लिए उसने अपनी दीदी के पास जाकर धीरे से आवाज लगाई:"

" दीदी सो गई क्या आप ?

सौंदर्या जागी हुई थी और अभी तक लंड को देखकर डरी सहमी हुई थी और अपने भाई की आवाज सुनते ही वो पलटी और बोली:"

" नहीं भाई। नींद नहीं आ रही थी मुझे बिल्कुल भी।

अपनी दीदी को जागते हुए पाकर अजय के होश उड़ गए और समझ में नहीं आया कि क्या करे। फिर दिमाग से काम लेते हुए बोला:"

" ओह दीदी मैं समझ गया कि आपकों नींद क्यों नहीं आ रही है, देखो मैं आपके लिए आपकी पसंदीदा चीज लाया हूं !!

इतना कहकर अजय ने डिल्डो को आगे बढ़ा दिया। डिल्डो देखते ही सौंदर्या का मुंह फिर से शर्म से लाल हो गया।

अजय: दीदी के लो, शरमाओ मत नहीं तो आपकी इसके बिना नींद नहीं आएगी।

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर रोने ये लिए तैयार सी हो गई। अजय ने डिल्डो उसके पास रखा और अपनी दीदी को स्माइल देते हुए बाहर की तरफ चल पड़ा।
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Re: मांगलिक बहन

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जैसे ही वो कमरे के गेट पर आया तो पीछे से सौंदर्या की आवाज सुनकर रुक गया

" अजय तुम मुझे गलत समझ रहे हो भाई। ये मेरा नहीं है। मेरी बात का यकीन करो तुम।

अजय:" दीदी आप शायद मुझे गलत समझ रही हैं। मैं आपके जज़्बात समझता हूं और आपकी जरूरत भी।

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर खड़ी हुई और तेजी से आगे बढ़ कर उसकी कमर से चिपक गई और बोली:"

" भाई तेरी कसम, मेरा यकीन करो, ये मेरा नहीं हैं, सपना का हैं मैं तो आज ही इसे उसके घर से लाई थी।

अजय अपनी नंगी पीठ पर अपनी दीदी के चिपकने से उत्तेजना से भर उठा और बोला:"

" दीदी आपका हो या सपना दीदी का, मुझे इससे क्या? आप आराम कीजिए रात बहुत ज्यादा हो गई है। वैसे भी आपको कुछ जरूरी प्रोजेक्ट पूरा करना होगा।

सौंदर्या का मन किया कि वो रो पड़े। उसने और ज्यादा जोर से अपनी भाई की अपनी बांहों में कस लिया और बोली:"

" भाई क्या तुम्हे मेरी कसम पर भी यकीन नहीं है ? मैं सच में पहली बार आज इसे लाई थी। वो सीमा की सुहागरात की बात सुनकर मस्ती करने के लिए।

अजय को लगा कि उसकी बहन सच बोल रही है क्योंकि सच में सीमा की शादी अभी तो हुई हैं और आज वो आई भी थी। अजय पलट गया और अपनी दीदी के सुंदर से चेहरे को अपने हाथ में भर लिया और बोला:"

" अच्छा चलो आपकी बात पर यकीन किया कि आपने सीमा की सुहागरात के किस्से सुने।

सौंदर्या समझ गई कि उसका भाई उसका यकीन कर रहा है इसलिए जल्दी से पुरा यकीन दिलाने के लिए बोली:"

"भाई नहीं सुन पाई। दिन भर काम में लगी रही और वो तीनो अंदर बाते करती रही। मैंने सब कुछ मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया। आज दिन में सपना बोल रही थी कि उसके पास डिल्डो हैं। इसलिए मैं घर जाने के बहाने उसके घर में घुस गई और घर में कोई नहीं था। इसलिए मैं ये निकाल लाई थी।


अजय समझ गया था कि उसकी बहन सच बोल रही है लेकिन उसके खड़े लंड ने कुछ और ही सोचा और अजय बोला:"

" दीदी इसका मतलब आपके पास उनकी रिकॉर्डिंग होनी चाहिए अगर आप सच बोल रही है तो।

सौंदर्या तपाक से बोली:" हाँ भाई मेरे फोन में होनी चाहिए। मैंने भी नहीं सुनी।

अजय:" अच्छा चलाओ तो जरा, मैं भी तो सुनो। क्या सच में ऐसा कुछ हुआ था ?

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनते ही शर्म से पानी पानी हो गई और उसका मुंह लाल हो गया। अपने भाई के सामने मै कैसे ये सब सुन सकती हूं।

अजय:" क्या हुआ दीदी? उसका मतलब आप झूठ बोल रही थी। मेरी कसम भी आप झूठी खा रही थी।

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर तड़प उठी और बोली:"

" भाई झूठ नहीं बोल रही। मेरा यकीन करो।

इतना कहकर सौंदर्या ने अपने मोबाइल का लॉक खोल दिया और कांपते हाथो से फाइल देखने लगी। उसकी सांसे तेज हो गई और उसकी चूचियां खुले लगे से अपना आकार दिखा रही थी। अजय की हालात ये सब देख कर खराब हो गई और अपना थूक गटकने लगा।

सौंदर्या ने फाइल तो खोल दी लेकिन चालू कर पाने की हिम्मत उसमे नहीं थी। उसने एक बार अपनी नजरे उपर उठाई और फोन को अपने भाई के हाथ में बढ़ा दिया और बोली:"

" भाई मुझसे नहीं हो पाएगा। तुम खुद ही सुन लो। शायद इसे सुनकर ही तुम मेरा यकीन करो।

इतना कहते हुए सौंदर्या ने मोबाइल अजय के हाथ में पकड़ा दिया और अपनी नजरे झुका ली। सारे ज़माने की हया उसकी चेहरे पर सिमट आई थी और उसकी सांसे अब पहले से ज्यादा तेजी से चल रही थी जिससे उसकी चूचियां उछल कूद कर रही थी। उसके सारे जिस्म में अजीब सी उत्तेजना छाई हुई थी।
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