मांगलिक बहन

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rajan
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मांगलिक बहन

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"मांगलिक बहन "



" बेटी मेरी बात तो सुन, तुझे मेरी कसम हैं मेरी प्यारी सी बेटी, प्लीज़ दरवाजा खोल दे।

अंदर से क़दमों की कोई आवाज नहीं आती बल्कि एक लड़की के जोर जोर से सिसकने की आवाज घर में गूंज रही थी जिसे सुनकर बाहर खड़ी हुई उसकी मा के दिल पर पहाड़ सा टूट रहा था और उसकी भी आंखे भीग गई थी। लेकिन आखिर कार मा तो मा होती हैं और अपनी औलाद का दुख दुनिया की कोई मा बर्दाश्त नहीं कर सकती इसलिए बाहर खड़ी हुई कमला की आंखो से आंसू टपक पड़े।

तभी उसके मस्तिष्क ने उसे कचोट दिया कि मैं तो अपनी बेटी को दिलासा देने अाई हूं और यहां उसके साथ खुद ही रोने लगी, नहीं नहीं मुझे अपने आपको संभालना होगा, मुझे हिम्मत रखनी होगी तभी तो मैं अपनी बेटी को समझा सकती हूं।

कमला ने फुर्ती से अपने आंसू साफ किए और अपने आपको पूरी तरह से नॉर्मल करते हुए बोली:"

" बेटी प्लीज़ मेरी बात तो सुन, भगवान की कसम तुझे, बस दरवाजा खोल दे बेटी। तेरा ये दुख मुझसे देखा नहीं जाता।

" मा आह जाओ आप, भगवान के लिए मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो, आपको तो सब पता ही हैं मा, फिर मुझसे क्यों पूछ रहे हो ?

सौंदर्या ने बड़ी मुश्किल से रुंधे हुए गले से कहा और फिर से उसकी रुलाई फूट पड़ी। इस बार उसके सिसकने की आवाजे पहले के मुकाबले ज्यादा तेज थी और बाहर खड़ी कमला उसकी मा का दिल उसका करुण रुदन सुनकर तार तार हो रहा था। कमला की समझ में नहीं अा रहा था कि कैसे अपनी बेटी को समझाऊं??

सबसे पहले तो जरूरी था कि सौंदर्या दरवाजा खोले और तभी उसके मन में एक विचार अाया और वो भरे हुए गले से बोली:"

" बेटी तुझे मेरी कसम हैं सौंदर्या दरवाजा खोल दे नहीं तो तू अपनी मा का मरा हुआ मुंह देखेगी।

कमला ने आखिर कार मजबूर होकर अपना ब्रह्मास्त्र चला दिया और जिसका नतीजा ये हुआ कि सौंदर्या दौड़ती हुई और उसने दरवाजा खोल दिया और अपनी मा से लिपट गई और रोने लगी।

कमला की भी रुलाई छूट गई और वो भी अपनी बेटी के गले लगकर जोर जोर से रोने लगी। सौंदर्या किसी अमरबेल की तरह अपनी मा से लिपट गई और अपने आंसूओं से अपनी मा का आंचल भिगोने लगी।

बाहर मौसम तो पहले से ही खराब था और अब हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई थी मानो आज आसमान भी उनके साथ उनकी बेबसी पर रो रहा था। शायद आज आसमान के भी सब्र का बांध टूट गया था और वो भी इन मा बेटी के दुख में शामिल हो गया था। बारिश जरूर धीरे धीरे हो रही थी कि लेकिन अंदर कमरे में दोनो मा बेटी के आंसुओ की रफ्तार उससे कहीं ज्यादा तेज थी।

कमरा उपर छत पर बना हुआ था और हर तरह की आधुनिक सुख सुविधा से सजा हुआ था। कमरे में फर्श पर पड़े हुए महंगे कार्पेट, थोड़ा सा फर्श का खुला हुआ हिस्सा जिससे फर्श पर हुआ एपॉक्सी साफ दिख रहा था और चींखं चींखं इस बात की गवाही दे रहा था कि कमरे अपने आप में अद्भुत हैं।

कमरे में लगी हुई एयर कंडीशनर, फ्रिज में भरे हुए सूखे मेवे, एक से बढ़कर एक अच्छे किस्म के तरल पदार्थ, जिनका सेवन करना आम आदमी के लिए सपने के सच होने जैसा हो। दो शानदार कुर्सियां और आगे एक छोटी सी कांच की टेबल, कमरे के बीच में सुसज्जित एक विशालकाय आकार का गोल बेड कमरे की सुंदरता में चार चांद लगा रहा था। बेड पर पड़े हुए रेशमी गद्दे अपनी एक अलग ही छटा बिखेर रहे थे। कमरे की खिड़कियों पर पड़े हुए महंगे विदेशी पर्दे कमरे की भव्यता को दर्शा रहे थे।

लेकिन इन सबसे बेखबर दोनो मा बेटी बस एक दूसरे से लिपटी हुई रोए जा रही थी। कमला ने बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोके और अपनी बेटी की पीठ सहलाते हुए बोली:"

" बस कर बेटी, और कितना रोएगी, बस चुप हो जा, मैं तेरा दुख समझती हूं।

सौंदर्या ने अपना आंसूओं से भीगा हुआ चेहरा उपर उठाया तो कमला को एहसास हुआ कि रोने के कारण उसकी बेटी की आंखे सूजकर लाल हो गई है। कमला ने अपनी बेटी के चांद से किए चेहरे को अपने हाथो से साफ किया और बोली:"

" बेटी आज ऐसा क्या हो गया जो तू इतनी ज्यादा रों रही हैं ?

सौंदर्या ने अपनी भीगी हुई पलके उपर उठाई और बोली:"

" मम्मी वो वो सीमा हैं ना जो एक पैर से लंगड़ी हैं और पहले से ही एक बच्चे की मा हैं आज उसकी फिर से सगाई हो गई है।

इतना कहकर सौंदर्या अपनी मा से कसकर लिपट गई। कमला को अब अपनी बेटी के दुख का असली कारण पता चला। कमला ने एक लम्बी सांस ली और अपनी बेटी के बालो में उंगलियां घुमाते हुए बोली:'

" बेटी उसकी अपनी किस्मत हैं, भगवान सबके साथ अच्छा ही करता हैं, देख तेरे लिए भी उसने जरूर कुछ अच्छा सोचा होगा। चिंता ना कर तेरा भाई घर कल घर अा जाएगा और हम दोनों मिलकर तेरे लिए कोई अच्छा लड़का देखेंगे।

अपनी मा की बात सुनकर सौंदर्या को झटका सा लगा और बोली:"

" मम्मी आप शायद गलत समझ रही हैं, मैं अपनी शादी ना होने की वजह से नहीं बल्कि समाज के बनाए गए कानूनों से दुखी हूं। क्या एक लड़की का मांगलिक होना इतना बड़ा अपराध हैं कि उसे कदम कदम पर सिर झुका कर चलना पड़े।

कमला:" बेटी देख अब बड़ों ने हो नियम कायदे कानून बनाए हैं वो कुछ सोच समझ कर ही बनाए होंगे। हमे भी इनका पालन करना चाहिए और इसमें ही हमारी भलाई होगी।

सौंदर्या:" लेकिन मा जरूरी नहीं कि जो नियम हजारों साल पहले बनाए थे वो आज के माहौल में भी ठीक हो। समय बदल रहा हैं तो काफी कुछ अब पहले जैसा नहीं हैं।

कमला:" मैं तेरी बात से सहमत हूं बेटी, लेकिन फिर भी हमे समाज के साथ ही चलना होगा। हम समाज का सिर्फ एक हिस्सा हैं अपने आप में पूरा समाज नहीं।

सौंदर्या:" लेकिन मा मैं नहीं मानती ऐसे नियम कानूनों को। बताओ मेरे मांगलिक होने में मेरा क्या कसूर, मुझे तो पता भी नहीं था कि गृह और नक्षत्र क्या होते हैं, उसकी गति और स्थिति क्या होती हैं।

कमला से आज भी अपनी बेटी के सवालों का जवाब नहीं बन रहा था इसलिए उसने अपने आपको बचाने के लिए कहा:"

" देख मैं तेरी तरह ज्यादा समझदार और पढ़ी लिखी नहीं हू, तेरा भाई अा रहा है उसे ही बताना ये ज्ञान की बाते तू।

कमला ने अपनी बेटी की तरफ देखते हुए अपने मुंह को हल्का सा गुस्से से फूला लिया तो सौंदर्या के होंठो पर पहली बार मुस्कान साफ दिखाई दी और उसने अपने मम्मी को कहा:"

" अच्छा मम्मी एक बात बताओ, चलो मैं तो बच्ची थी जब मेरा जन्म हो रहा था लेकिन आपको तो ग्रहों और नक्षत्रों के बारे में पूरी जानकारी थी, आपको फिर मुझे उस समय जन्म नहीं देना चाहिए था, कुछ घंटे या एक दिन बाद दे देती।

ये कहकर सौंदर्या की हंसी छूट गई और कमला को जैसे ही सारी बात समझ में अाई तो वो हंसती हुई मारने के लिए अपनी बेटी की तरफ बढ़ी और बोली:"

" रुक जा तू, अभी ठीक करती हूं, तेरी जुबान बहुत ज्यादा चलती है आज तुझे सबक सिखा देती हूं।

सौंदर्या फुर्ती से बचकर निकल गई और बेड के पास खड़ी हो गई। कमला तेजी से आगे बढ़ी और अपनी बेटी को पकड़ लिया और कान पकड़ कर खींचती हुई बोली:"

" कुछ ज्यादा ही बिगड़ गई है तू, आज तेरी अच्छे से खबर लेती हूं।

सौंदर्या ने अपने दोनो कान पकड़ लिए और मासूम सी सूरत बनाते हुए बोली:"

" मम्मी प्लीज़, माफ कर दो ना, छोटी बच्ची हूं। इतनी समझ नहीं हैं मुझे।

कमला उसकी इस हरकत पर मुस्कुरा उठी और दोनो मा बेटी हंसने लगीं। अब कमरे में दोनो मा बेटी की प्यारी सी हंसी गूंज रही थी और बाहर आसमान में छाए हुए काले बादल भी अब काफी हद तक छंट चुके थे और बारिश रुक गई थी। हल्की हल्की धूप निकल रही थीं और सूरज की किरणें अपनी अलग ही छटा बिखेरती हुई नजर आ रही थी मानो सौंदर्या की गूंजती हुए हंसी पर अपनी खुशी प्रदर्शित कर रही हो।
rajan
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Re: मांगलिक बहन

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पात्र परिचय:"

सौंदर्या:" करीब 34 साल की एक गोरी चित्ती लड़की, लंबाई लगभग 5 फीट 5 इंच, दूध सा गोरा चित्ता रंग, काले घने बाल, उसके जांघो तक लहराते हुए, चौड़ा लेकिन बहुत ही प्यारा सुंदर सा माथा, हिरनी जैसी दो गोल गोल झील सी गहरी आंखे, जिनके उपर कवि ना जाने कितनी ही कविता लिख दे, एक गज़ब का सम्मोहन जिसे देखे वो चुंबक की तरह खीच जाए, गोरे गोरे गाल बिल्कुल गुलाबी रंग की रंगत लिए हुए, बिल्कुल भरे भरे, होंठ ऐसे मानो दो गुलाब की पंखुड़ियों को आपस में जोड़ दिया गया हो, बिल्कुल कोमल, नाजुक, नर्म, पतले पतले, गालों से भी कही ज्यादा गुलाबी, उसके बाद उसकी सुंदर की ठोड़ी जिस पर एक काला तिल उसकी सुंदरता की आभा को और ज्यादा निखार देता, बहुत ही प्यारी सी सुंदर सी लंबी की गर्दन बिल्कुल किसी मोरनी की तरह।

फिगर:" 36: 28: 38


सौंदर्या एक डिग्री कालेज में अध्यापक हैं। वहां सभी लोग उसके दीवाने हैं जिसका कारण हैं उसका सभी के प्रति अच्छा व्यवहार, उसका मदमस्त शरीर, उसकी गोल पुष्ट, कठोर उभरी हुई चूचियां और पीछे की तरफ निकली हुई उसकी गांड़।
सौंदर्या की सबसे बड़ी समस्या उसका मांगलिक होना हैं जिसके चलते उसकी उमर 34 साल हो गई है लेकिन फिर भी उसे कोई उचित वर नहीं मिला है। उसके साथ की सभी लड़कियों की एक एक करके शादी हो गई और एक वो ही बची हैं बस। 34 साल की उम्र के कारण उसका जिस्म पूरी तरह से परिपक्व होकर अपनी अनोखी छटा बिखेर रहा है।

कमला:"


कमला:" अजय और सौंदर्या की मम्मी, उम्र 52 साल, एक उच्च विचार और संस्कारी महिला, अपने बच्चो से बहुत प्यार करने वाली जिसके लिए उसके बच्चे ही उसकी दुनिया हैं।

अजय:" उम्र करीब 22 साल, लंबाई 5 फीट 11 इंच, देखने में सुन्दर और सबसे बड़ी बात ये मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट भी हैं, लेकिन अपनी मा की जिद के चलते इसने वो सब छोड़ दिया और अभी सिर्फ पढ़ाई पर अपना ध्यान देता हैं। शादाब का दोस्त हैं

शादाब:" वही मा का दीवाना बेटा, अपनी मा शहनाज का आशिक, जिसके बारे में आप सभी पहले ही पढ़ चुके हैं।

शहनाज:" शादाब की अम्मी, अब उसकी बीवी बन चुकी हैं और अपने बेटे के साथ अमेरिका में जाकर बस गई है।


असली बेटा वही होता हैं जो मा के दूध की ताकत अपनी मा को दिखाए!!!


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rajan
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Re: मांगलिक बहन

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काफी देर तक दोनो मा बेटी की हंसी भरी आवाज घर में गूंजती रही और फिर कमला बोली

:" अच्छा बेटी चल अब मुझे घर का काम भी देखना हैं और कल तेरा भाई भी घर अा जाएगा उसके लिए कुछ अच्छी अच्छी मिठाई बनानी हैं मुझे।

सौंदर्या:" हान मम्मी, कल अजय भी घर अा रहा हैं, 5 साल हो गए हैं उसे घर आए हुए, पता नहीं कैसा दिखता होगा अब वो।

कमला:" अरे बेटी वो अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर हैं। और तू तो जानती ही हैं उसने जब से गांव में यहां मुखिया के लड़के को पीट दिया था तो उसे शहर भेजने के अलावा मेरे पास कोई रास्ता नहीं बचा था।

सौंदर्या:" मम्मी आपने सही किया लेकिन आप तो अच्छे से जानती हैं कि मुखिया का लड़का मनोज एक गुंडा किस्म का इंसान हैं और गांव की सारी लडकीयों पर आते जाते गंदे कॉमेंट करता हैं। अजय ने अच्छा ही तो किया था उसे पीट कर। मुझे अपने भाई पर गर्व है।

कमला:" हान बेटी मैं जानती हूं लेकिन तुझे ये बात समझनी चाहिए कि अभी उसकी मारपीट करने की उम्र नहीं हैं, पढ़ लेगा तो कुछ बन जाएगा।

सौंदर्या:" समझती हूं मम्मी, बस इसलिए तो उसे शहर भेज दिया था। नहीं तो आप तो जानती हो कि मैं अपने भाई से कितना प्यार करती हूं।

कमला:" तू अब फिक्र ना कर बेटी, अब तो गांव का मुखिया भी बदल गया है और राम बाबू एक बहुत अच्छे और नेक इंसान हैं। उन्होंने मनोज को पंचायत में ही समझा दिया था कि अपने हरकते बंद करे नहीं तो गांव छोड़ दे।

सौंदर्या:" हान मम्मी ये बात तो हैं, सच में जब से राम बाबू मुखिया बने हैं तब से अपने गांव का तो माहौल ही बदल गया है।

कमला: अच्छा चल ठीक हैं, अब मैं खाना बना लेती हूं, तुम शाम को जाओगी क्या सीमा के घर ?

सौंदर्या:" मम्मी बुलाया तो हैं उसने, देखूंगी अगर मन किया तो चली जाऊंगी।

कमला: चली जाना बेटी, गांव समाज में सबके यहां आना जाना ही सही होता हैं।

इतना कहकर कमला नीचे अा गई और रसोई में घुस गई और रात के खाने का इंतजाम करने में जुट गई।

वहीं सौंदर्या अपने भाई के बारे में सोचने लगी कि जब वो मात्र 17 साल का था तभी उसने मनोज का हाथ तोड़ दिया था क्योंकि मनोज ने मेरा हाथ पकड़ लिया था। सच में मेरा भाई अपनी बहन की मान मर्यादा और सम्मान का सम्मान का रक्षक हैं।

धीरे धीरे रात होने लगी और बाहर अब पूरी तरह से अन्धकार हो गया था और सर्दी के चलते लोग अपने घरों में घुस गए थे। सौंदर्या और कमला दोनो ने खाना खाया।

सौंदर्या:" मम्मी बाहर काफी ठंड हैं, मेरा मन नहीं कर रहा आज सीमा के यहां जाने के लिए।

कमला:" कोई बात नही बेटी, तुम कल चली जाना, वैसे भी देखो ना बाहर कितना ज्यादा अंधेरा हो गया है आज इतनी जल्दी ही।


सौंदर्या अपनी मा की बात सुनकर खुश हो गई और उसके बाद दोनो आराम से रजाई में घुस गई और सो गई।

अगले दिन सुबह सौंदर्या जल्दी ही उठ गई और अजय के कमरे की सफाई में जुट गई। वो जानती थी कि आज उसका भाई वापिस अा रहा हैं इसलिए वो उसके कमरे को बिल्कुल साफ सुथरा कर देना चाहती थी। उसने पूरे कमरे को अच्छे से साफ किया और उसके बाद एक एक सामान और अजय के कपड़ों को ठीक किया और फिर नहाकर पूजा करने चली गई।

पूजा करने के बाद उसने नाश्ता किया और अपने कॉलेज जाने के लिए तैयार हो गई। आज उसके चेहरे पर एक अलग ही तेज और खुशी नजर अा रही थी।

कमला:" क्या बात हैं बेटी आज बहुत खुश नजर आ रही हो ?

सौंदर्या:" मम्मी आज सचुमच एक बहुत खुशी का दिन हैं, मेरा भाई आज घर वापिस अा रहा हैं।

कमला:" ओह अब समझी तेरी ख़ुशी, तेरा भाई अा रहा हैं तो तेरे लिए अच्छा सा सुंदर सा लडका देखकर तेरी शादी कर देगा।

शादी की बात सुनकर सौंदर्या के चेहरा शर्म से लाल हो गया और वो अपना मुंह नीचे करके मंद मंद मुसकाई और फिर बोली:'

" क्या मम्मी, ऐसा कुछ नहीं हैं, आप जब देखो मेरे पीछे ही पड़ी रहती हो।

कमला:" बेटी तेरा चेहरा सब कुछ बयान कर रहा है। अब इसमें मेरा क्या कसूर हैं

सौंदर्या फिर से शर्मा गई और अपना बैग उठाकर बाहर की तरफ चल पड़ीं। आज सचमुच उसके कदम खुशी से उठ रहे थे क्योंकि वो जानती थी कि उसका भाई और उसकी मम्मी मिलकर अब जरूर उसके लिए कोई अच्छा लड़का देख लेंगे।

सौंदर्या को कॉलेज में आए हुए दोपहर हो गई और आज उसका मन किसी भी काम में नहीं लग रहा था। उसे बस रह रहकर अपने भाई की याद आ रही थी।

धीरे धीरे उसकी छुट्टी का समय हो गया और वो अपनी गाड़ी निकाल कर घर की तरफ चल पड़ी। उसने देखा कि बीच रास्ते में भीड़ लगी हुई थी और आगे गाड़ी नहीं जा सकती थी। क्या हुआ ये देखने के लिए सौंदर्या गाड़ी से उतर गई और आगे की तरफ बढ़ गई। तभी उसके कानों में एक लड़की की मार्मिक आह सुनाई दी और उसे खतरे का अंदेशा हुआ और उसके कदम तेजी से आगे बढ़ गए। उसने देखा कि एक करीब 16 साल की लड़की को कुछ गुंडे पीट रहे थे और वहां खड़े हुए सभी लोग तमाशा देख रहे थे और लड़की सबकी तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही थी लेकिन गुण्डो दस से ज्यादा थे इसलिए कोई हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर रहा था।

एक गुंडे ने लड़की का सूट फाड़ दिया और लड़की बुरी तरह से खौफजदा हो गईं और अपने आपको अपने हाथो से छुपाते हुए बोली:"

" आह भगवान के लिए मुझे छोड़ दो, मैंने क्या बिगाड़ा हैं तुम्हारा ? मुझे मासूम पर दया करो।

एक लड़की ने लड़की की ब्रा की तरफ हाथ बढ़ाया और तभी उसके मुंह पर एक जोरदार थप्पड़ पड़ा और सभी की आंखे उस तरफ उठ गई। सौंदर्या शेरनी की तरह दहाड़ते हुए बोली

" बहुत हो गया तुम्हारा तमाशा, अब हाथ लगाकर दिखाओ इसे, हाथ ना तोड़ दिया तो मेरा नाम भी सौंदर्या नहीं।

एक पल के लिए तो सभी की हालात खराब हो गई लेकिन फिर एक गुंडा हिम्मत करके बोला

" अरे वाह झांसी की रानी, तू तो सच मुच अपने नाम की तरह सुंदर हैं। अब इस लड़की के साथ साथ तुझे भी सबक सिखाना पड़ेगा।

सौंदर्या को उम्मीद थी कि उसके गुंडे को थप्पड़ मारने से भीड़ का आत्म सम्मान जाग जाएगा और गुण्डो पर टूट पड़ेगी लेकिन यहां तो उल्टा हुआ। जैसे ही गुंडे अब उसकी तरफ बढ़े, भीड़ अपने आप पीछे की तरफ खिसक गई। वो मासूम लड़की डर के मारे सौंदर्या के पीछे छिप हुई और थर थर कांपने लगी।

अंदर से तो सौंदर्या की भी हालत खराब हो गई थी लेकिन फिर भी वो अपने आप को तसल्ली दी और बोली:"

" खरबदर जो एक कदम ही आगे बढ़ाया, मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।

गुंडा:" तुम तो आज गई काम से, गलत जगह पंगा ले लिया तुमने। आज के बाद सचमुच मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। अरे आओ और उठा लो इसे और ले चलो अपने अड्डे पर।

एक साथ कई गुंडे उसकी तरफ बढ़े और सौंदर्या आखिरी बार भीड़ की तरफ देखते हुये बोली:"

" अरे क्या तुम्हे अंदर थोड़ी सी भी शर्म बाकी हैं ? हमारी जगह यदि तुम्हारी अपनी बेटी होती तो क्या तब भी तुम लोगो जैसे ही खड़े रहते ?

गुंडे ने अपनी जेब से चाकू निकाला और भीड़ की तरफ लहराते हुए बोला'"

" अगर किसी को अपनी ज़िंदगी प्यारी नहीं हो तो आगे बढ़े ।

भीड़ आगे तो क्या बढ़ती, लोग अपनी जगह से चार कदम पीछे की तरफ हटने लगे। सौंदर्या समझ गई कि अब उसका बचना मुश्किल हैं और कोई चमत्कार ही उसे बचा सकता हैं।

सौंदर्या की आंखे भीग गई और आखिरी बार उसने भीड़ कि तरफ देखते हुए कहा:

" तुम सबमें क्या कोई मर्द बचा हुआ हैं या सब के सब हिजड़े बन गए हो , भगवान के लिए आगे बढ़ो।

गुंडे जोर जोर से हंसने लगे और सौंदर्या के साथ साथ उसके पीछे खड़ी हुई लड़की जोर से कांपने लगी। तभी एक एक गुंडा आगे की तरफ बढ़ा और इससे पहले कि वो सौंदर्या को छू पाता एक नौजवान बिजली की गति से उछल कर उसके सामने खड़ा हो गया और उसने एक जोरदार लात गुंडे को मारी और गुंडा फिल्मी स्टाइल में उड़ता हुआ दूर जाकर गिरा। लड़के के मुंह पर एक मास्क लगी हुई थी जिससे उसकी शक्ल किसी की पहचान में नहीं अा रही थी लेकिन सौंदर्या और उसके लिए तो वो किसी फ़रिश्ते से कम नहीं था

शेरा ( गुण्डो का सरदार):" कौन हैं बे तू हराम खोर ? तूने बेवजह अपनी मौत को बुला लिया हैं ?

लड़का:" मैं कौन हूं ये तुम छोड़ो, और मैं क्या कर सकता हूं ये देखो। इन लड़कियो को उठाना तो दूर की बात तुम सिर्फ हाथ लगाकर दिखा दो।

शेरा एक डरावनी सी हंसी हंसते हुए बोला:"

" तो तू हमे रोकेगा ? लगता है तेरा इस दुनिया से मन भर गया हैं, अरे देख क्या रहे हो, खत्म कर दो साले को इसे।

एक साथ गुंडे आगे बढ़े और नौजवान की आंखो में चमक उभरी और बिजली की गति से अपनी जगह से उछला और हवा में उड़ता हुआ गुण्डो पर टूट पड़ा, देखते ही देखते सारे गुंडे जमीन पर गिर पड़े। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा हैं और वो लड़का बिजली की गति से हवा में उड़ते हुए लगातार वार पर वार कर रहा था और देखते ही देखते सभी गुंडे सड़क पर पड़े हुए कराह रहे थे। किसी का हाथ तो किसी का पैर टूट चुका था। अपने गुण्डो की ऐसी दुर्दशा देखकर शेरा पसीने पसीने हो गया और उसकी समझ में कुछ नहीं अाया और जान बचाकर भागने लगा।

नौजवान ने उसे देखा और उसके होंठो पर मुस्कान उभर अाई और उसने पूरी ताकत से शेरा के पीछे दौड़ लगा दी और कुछ ही पल बाद शेरा उसकी गिरफ्त में था और एक जोरदार घूसे के साथ ही जमीन पर गिर पड़ा।

लड़के ने उसकी टांगो को पकड़ लिया और उसे घसीटते हुए खीचनें लगा। गुंडे की दर्द भरी आह निकल रही थी और अगले ही पल वो सौंदर्या के पैरो में पड़ा हुआ था और रोते हुए बोला:"

" मुझे माफ़ कर दो बहन, मुझसे गलती हो गई, आज के बाद किसी को लड़की को गलत नजर से नहीं देखूंगा।

सौंदर्या ने नीचे झुकते हुए एक थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया और गुंडा उसके पैर पकड़कर माफी मांगने लगा और बोला:"


" माफ कर दीजिए। भगवान कसम, आज के बाद सब बुरे काम छोड़ दूंगा बहन जी।




सौंदर्या ने उसकी तरफ नफरत से देखा और फिर लड़के को धन्यवाद बोलने के लिए उसकी तरफ मुड़ी लेकिन वो किसी भूत की तरह गायब हो गया था। उसने चारो तरफ देखा लेकिन उसे लड़का कहीं नजर नहीं आया।

बेसब्री सी होती होती इधर उधर बेचैन निगाहें दौड़ाते हुए वो भीड़ से बोली:"

" अरे वो भाई साहब कहां चले गए जिसने मेरी जान बचाई ?

भीड़ एक दूसरे का मुंह देखने लगी क्योंकि सब की नजर तो सौंदर्या और गुंडे पर टिकी हुई थी और लड़का कब कहां चला गया किसी को पता ही नहीं चला। सौंदर्या समझ गई कि लड़का चला गया है तो उसने एक बार भीड़ कि तरफ घूरा और उदास मन से अपनी गाड़ी की तरफ चल पड़ी।

सौंदर्या गाड़ी चलाते हुए सोच रही थी कि आज कल गुण्डो की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि खुले आम सड़क पर ही लड़की छेड़ रहे हैं और सबसे ज्यादा दुख तो इस बात का हैं कि हजारों की तादाद में होने के बाद भी भीड़ कुछ नहीं करती। कैसे सब लोग तमाशा देख रहे थे, पता नहीं क्या होगा इस देश का ।

अपने विचारो में डूबी हुई सौंदर्या अपने घर पहुंच गई और अपनी मम्मी को देखते ही स्माइल दी और बोली:"

" मम्मी अजय नहीं आया क्या अब तक ?

कमला:" नहीं बेटी, शाम तक अा जाएगा, शहर दूर हैं तुम तो ये बात जानती ही हो और उपर से टाइम पर गाड़ी नहीं मिलती हैं। तुम उसे अपने साथ ही ला सकती थी बेटी।

सौंदर्या को अपनी गलती का एहसास हुआ कि वो तो खुद शहर से अा रही है और उसने अपने भाई को एक कॉल तक नहीं किया। बेचारा अब लोकल बसों में धक्के खाकर आएगा।

सौंदर्या:" ओह मम्मी, मैं तो भूल ही गई, चलो मैं एक बार सीमा के घर होकर आती हूं। रात भी नहीं गई थी। कहीं वो नाराज़ ना हो जाए बेचारी।

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rajan
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Re: मांगलिक बहन

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सौंदर्या अपने घर से निकल गई और सीमा के घर की तरफ चल पड़ी। रास्ते में खड़े हुए मनचलों की नजर रोज की तरह आज भी उस पर ही टिकी हुई थी लेकिन वो हमेशा की तरह बिना किसी की परवाह किए हुए सीमा के घर पहुंच गई।

सीमा ने उसे देखते ही गले लगा लिया और बोली:"

" रात कहां रह गई थी तुम ? मैंने कितना इंतजार किया तुम्हारा।

सौंदर्या:" अरे बाबा शहर से आते हुए रात हो गई थी और फिर घर के काम में लग गई बस इसलिए आ नही पाई।

सीमा:" अब आज कोई बहाना नहीं चलेगा, तुम्हे यहीं सोना होगा आज मेरे घर ही। अब तुम मेरी शादी के बाद ही घर जाओगी।

सौंदर्या:" समझा कर सीमा, कॉलेज भी जाना होता है और घर पर मा अकेली होती हैं। अरे हां आज अजय भी घर अा रहा है।

सीमा खुशी से उछलते हुए:" क्या अजय घर अा रहा हैं। ये तो बहुत खुशी को बात है। कितने दिन हो गए उसे देखे हुए। चलो अच्छा हैं शादी से पहले एक बार और देख लूंगी अपने भाई को।

सौंदर्या:" हान अच्छा हैं। अा गया होगा घर या आने वाला होगा। अच्छा हैं अब वो तेरी शादी में भी शामिल हों जाएगा।

सीमा:" हान और क्या। अच्छा ये देख ना पूजा ने मेहंदी अच्छी लगाई हैं ना ?

इतना कहकर सीमा ने अपने मेहंदी लगे हाथ उसके आगे फैला दिए और पलट पलट कर दिखाने लगी। सौंदर्या गौर से उसकी मेहंदी देखने लगी और ये सब देखकर उसके दिल में एक दर्द भरी टीस सी उठी लेकिन अपने आपको सामान्य बनाते हुए बोली:"

" सचमुच बहुत प्यारे लग रहे हैं तुम्हारे हाथ। पूजा ने बहुत ही अच्छी मेहंदी लगाई हैं।

सीमा अपनी मेहंदी की तारीफ सुनकर खुश हो गई और तभी उसकी दूसरी सहेलियां भी अा गई और सबके बीच बाते होने लगी।


वहीं दूसरी तरफ अजय बस से नीचे उतरा और अपने गांव की जमीन पर पैर रखते ही उसका दिल खुशी से उछलने लगा। अपने गांव की मिट्टी की सौंधी खुशबू की बात ही कुछ और होती हैं और ये ही खुशबू अजय महसूस कर रहा था। उसके चेहरे पर स्माइल अा गई और उसके पैर खुद ही अपने घर की तरफ उठ गए।

अजय गांव में सभी को नमस्कार करता हुआ और उनका आशीर्वाद लेते हुए आगे बढ़ गया। वो अपने घर के अंदर घुसा और अपनी मा कमला को देखते ही स्माइल करते हुए उनके पैर छूने के लिए झुक गया।

कमला ने उसे उठाकर अपने गले लगा लिया और बोली:

" जुग जुग जियो मेरे लाल, भगवान करे तुम्हे मेरी भी उम्र लग जाए।

अजय ने भी अपनी मम्मी को अपनी बांहों में भर लिया और उनसे किसी छोटे बच्चे की तरह चिपक गया। मा अपने लाडले बेटे को दुलारती रही और फिर बोली:'

" अच्छा चलो तुम अंदर जाओ, और जल्दी से फ्रेश हो जाओ। मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने का इंतजाम कर देती हूं।

अजय अपने मा से अलग हुआ और इधर उधर देखते हुए बोला:"

" मम्मी सौंदर्या दीदी कहां हैं, नजर नहीं आ रही है मुझे।

कमला: अरे बेटा वो सीमा की शादी हैं ना जो अपने रामू काका की बिटिया हैं। बेचारी के पति को रात में खेत में पानी चलाते हुए सांप ने काट लिया था। अब उसके देवर के साथ उसकी शादी हो रही है।

अजय:" अच्छा मम्मी। ये तो बहुत अच्छी बात हैं कि गांव की बेटी का बिखरा हुआ घर फिर से बस रहा है।

इतना कहकर अजय अंदर चला गया और अपने कमरे को ध्यान से देखा तो उसे खुशी हुई क्योंकि कमरा पूरी तरह से साफ कर दिया गया था और कहीं भी धूल का नामो निशान नहीं था। अजय जानता था कि ये सब उसकी बहन सौंदर्या ने किया होगा क्योंकि वो बचपन से ही सफाई बहुत ज्यादा पसंद करती हैं।

अजय ने अपना बैग रखा और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया। कमला घर में बनी हुई रसोई में घुस गई और दूध गर्म करने लगी और उसने गाजर का हलवा भी गर्म कर दिया।

अजय नहाकर बाहर आ गया और अपने कपड़े बदल कर बैठ गया । तभी उसकी मम्मी कमरे में दूध लेकर अा गई और बोली:"

" लो बेटा गर्म गर्म दूध पियो। साथ में तेरी पसंद का गाजर का हलवा भी।

अजय ने अपनी मा के हाथ से दूध ले लिया और एक घूंट भर कर बोला:"

" सच में मम्मी घर के दूध के बात ही कुछ और होती हैं। वहां शहर में तो ऐसा लगता था मानों पानी में सफेद रंग घोल कर उसे दूध का नाम दिया गया और। लेकिन अपने घर के दूध की तो बात ही कुछ और हैं।

कमला:" बेटा वो इसलिए क्योंकि बाहर यानी शहर की चीज़े मिलावटी होती हैं और घर की चीज बिल्कुल शुद्ध और ताकत वाली होती हैं।

अजय हलवा खाते हुए बोला:"

" मम्मी आपने हलवा तो बहुत ज्यादा टेस्टी बनाया हैं। सच में मजा अा गया।

कमला:" अरे बेटा इस बार तेरे किए हलवा तो सौंदर्या ने बनाया हैं बहुत मेहनत से।

अजाय: अच्छा मम्मी। इसका मतलब सौंदर्या दीदी भी अच्छा खाना बनाने लगी हैं।

कमला:" हान बेटा, एक लड़की के लिए अच्छा खाना बनाना आना जरूरी होता है क्योंकि उसे अगले घर जाना होता है। और अपनी सौंदर्या को तो जानता ही हैं बेचारी 34 साल की हो गई है,उसके साथ की सभी लड़कियों के तो बच्चे भी हो गए हैं। बेचारी हमारी बेटी उसके लिए तो मांगलिक होना जैसे अभिशाप बन गया हैं।


अजय:" आप चिंता मत करो मम्मी। अब मैं अा गया हूं तो जल्दी ही उसके लिए कोई अच्छा लड़का देखकर उसकी शादी कर दूंगा मम्मी।

कमला:" हान बेटा, हमे अब उसकी शादी करनी हो पड़ेगी। बेचारी मुंह से कुछ नहीं कहती बस अंदर ही अंदर घुटती रहती हैं। जब से उसे सीमा की दुबारा शादी होने की बात पता चली हैं तब से वो बहुत उदास हैं।

अजय: मम्मी अब आप दीदी कि चिंता ना करे। मैं अा गया हूं और उसकी शादी उसका भाई आप देखना कितनी धूम धाम से करेगा।

कमला के चेहरे पर पहली बात खुशी छलक उठी और बोली:"

" हान बेटा। बस अब तुझसे ही तो उम्मीद हैं मुझे। बेटा जवान लड़की हैं अपनी सौंदर्या, शादी को उम्र निकलती जा रही हैं। मेरी कम बात को ज्यादा समझ।

अजय: मम्मी आप उसकी उसकी कोई फिक्र ना करे। अभी सौंदर्या का भाई जिंदा हैं।

इतना कहकर अजय हलवा खाने में लग गया और कमला वहीं बैठी हुई अपने बेटे को देखती रही और दोनो मा बेटे फिर गांव की बात करने लगे।

अजय: और बताओ मम्मी गांव में सब ठीक चल रहा हैं ना अपने।

कमला:" हान बेटे सब ठीक है। अच्छा मैं खाना बना देती हूं फिर रात में ठंड बहुत ज्यादा होती हैं।

इतना कहकर कमला फिर से रसोई में घुस गई और अजय ने मजे से सारा हलवा खाया और फिर अपनी मा से बोला:"

" मम्मी मैं सौंदर्या दीदी से मिलने सीमा के घर जा रहा हूं। आते हुए उन्हें वापिस भी लेते आऊंगा।

कमला: जल्दी आना बेटा। आज कल ठंड बहुत बढ़ गई है।

अजय: मम्मी आप फिक्र ना करे। मैं ज्यादा देर नहीं करूंगा।

इतना कहकर अजय बाहर की तरफ निकल गया और उसने सीमा के घर की तरफ चलना शुरू कर दिया।

वहीं दूसरी तरफ सभी सहेलियां मिलकर सीमा की टांग खींच रही थी और सीमा का मुंह शर्म से लाल हो रहा था।

राधा:" अरे सीमा मुबारक हो तुझे फिर से दुल्हन बन रही हैं। एक और बकरा हलाल कर देगी तू तो।

सीमा ने अपना नीचे झुका लिया और शरमाने लगी तो सपना उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोली:"

" हाय देखो तो कैसे शर्मा रही है जैसे कुछ जानती ही ना हो। सुना है तेरा देवर तेरे से 11 साल छोटा हैं और अभी 22 साल का ही हैं। किस्मत खुल गई तेरी तो। सारी रात उपर चढ़ा रहेगा तेरे।

राधा:" हाय ये नई उम्र के लड़के भी ना बस कमाल के होते हैं , जिस्म की एक एक नस खोल देते हैं ज़ालिम।

सीमा को हालत खराब हो गई और वो बोली:'

" कुछ तो शर्म करो, क्यों इतना तंग कर रही हो तुम।

सपना:" हाय इसमें तंग कैसा करना, मेरा तो मन हैं कि तेरी जगह मैं ही सुहागरात मना लू।

सौंदर्या ये सब सुनकर अपनी किस्मत को कोस रही थी लेकिन सबके बीच में वो आराम से बैठी हुई थी। राधा उससे बोली:

" ओए सौंदर्या तुम भी कुछ बोलो ना, तुम्हे क्यों सांप सूंघ गया हैं ?

सौंदर्या:" क्या बोलूं, पता नहीं तुम सब कैसी कैसी बाते कर रही हो, क्यों बेचारी सीमा को परेशान कर रही हो तुम।

सपना:" शादी शुदा लड़कियां तो ऐसी ही अश्लील बाते करते हैं। अभी तेरी शादी नहीं हुई ना इसलिए तुझे अभी क्या समझाऊं मैं मेरी प्यारी।

तभी सीमा की मा ने सौंदर्या को आवाज लगाई और वो उठकर बाहर चली गई लेकिन सपना के शब्द उसके दिल में तीर की तरह उतर हुए थे। उसका मन किया कि वो रो पड़े और अपने घर भाग जाए लेकिन वो कोई तमाशा नहीं करना चाहती थी।

सीमा की मम्मी: अरे बेटी सौंदर्या एक काम कर मुझे इस बराबर वाले कमरे में से थोड़ा गेहूं निकाल कर ला दे। एक तू ही समझदार हैं ये बाकी सारी लड़कियां तो निकम्मी हो गई है। शादी क्या हुई बिल्कुल बदल ही गई है।

सौंदर्या ने सीमा की मम्मी को एक स्माइल दी और बाल्टी लेकर कमरे में घुस गई। ये कमरा बिल्कुल सीमा के कमरे की साथ जुड़ा हुआ था। सौंदर्या टंकी से गेंहू निकालने लगी तभी इसके कानो में सीमा की आवाज पड़ी जो कि कमरे के रोशनदान से अा रही थी:"

" सपना तुम पागल तो नहीं हो गई हो जो तुम सौंदर्या से ऐसी बाते कर रही थी। तुझे कुछ एहसास हैं उसे कितना दुख हुआ होगा, अगर बेचारी मांगलिक ना होती तो सबसे पहले उसकी ही शादी हो गई होती।

सपना को जैसे सांप सूंघ गया और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ कि मजाक मजाक में उसने सौंदर्या का दिल दुखा दिया है। उसके चेहरे को उदासी अा गई और बोली:"

" हाय भगवान मुझसे मजाक मजाक में ही ये क्या पाप हो गया। सच में मुझे अब बहुत बुरा लग रहा है ये सोचकर ही।

सीमा:" चल कोई बात नहीं, आगे से ध्यान रखना वैसे भी सौंदर्या इतनी अच्छी हैं जो किसी बात का बुरा नहीं मानती।

राधा:" हान ये बात तो हैं सीमा, सच में बहुत अच्छी हैं अपनी सौंदर्या, जितनी सुशील और समझदार हैं उससे कहीं ज्यादा सुंदर भी हैं।

सौंदर्या आराम से बैठी हुई उनकी बाते सुन रही थी। पहले जहां उसे बुरा लग रहा था वहीं अब अपनी तारीफ सुनकर खुद को काफी हल्का महसूस कर रही थी। टंकी से अनाज धीरे धीरे निकल रहा था इसलिए वो वहीं बैठी हुई थी।

सपना:" हान ये बात तो हैं राधा सच में सौंदर्या हम सबसे बहुत ज्यादा सुंदर हैं। उसकी खूबसूरती के चर्चे तो पूरे गांव में हैं।

सीमा:" ये बात तो तुमने ठीक कही सपना। सच में जितना सुंदर उसका मुखड़ा हैं उससे कहीं ज्यादा सुंदर उसका शरीर हैं।

सपना:' सच में मुझे तो कभी कभी सौंदर्या से जलन होती हैं कि भगवान ने ऐसा जिस्म, ऐसी कामुक जवानी मुझे क्यों नहीं दी।


राधा:" ये बात तो तेरी सौलाह आने सच है सपना। तुझे ही क्या गांव की हर एक लड़की को उससे जलन होती हैं। उफ्फ कैसे नागिन की तरह लहराते हुए चलती हैं। सारे गांव के नजर उसके मटकते हुए पिछवाड़े पर ही होती हैं।

सौंदर्या को जैसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि ये सब बाते उसकी सहेली उसके बारे में कर रही है। क्या मेरी चाल सच में इतनी ज्यादा कामुक हैं। ये सब सोचते सोचते ही उसकी आंखे लाल होने लगी और उसका दिल तेजी से धड़कने लगा।

सीमा:" सच कहा तूने, उफ्फ ये सौंदर्या लड़की नहीं जीती जागती क़यामत हैं, ऐसे कामुक, ठोस उभरे हुए चूतड़ मेरे क्यों नहीं हैं।

सपना ने धीरे से एक हाथ आगे बढ़ा कर सीमा के पिछवाड़े पर रख दिया और दबाते हुए बोली:"

" हाय सीमा, देख ना तेरे चूतड़ मस्त तो हैं लेकिन सच में सौंदर्या की गांड़ की बात ही कुछ और हैं।

सीमा ऐसे अपने चूतड़ दबाए जाने से सिसक उठी और बोली:"

" उफ्फ कमीनी कया करती हैं, अगर निशान पड़ गए तो। सौंदर्या के चूतड़ों के नशे में मेरा क्यों नाश कर रही है तू।

राधा की हंसी छूट गई और बोली:" हान री सपना, इस बेचारी के चूतड़ अभी से लाल मत कर, वैसे भी आज इसके चूतड़ तो इसका दीवार मसल मसल कर लाल कर देगा।

इसके बाद तीनो की हंसी गूंज उठी और सौंदर्या के होंठो पर भी स्माइल अा गई। उसकी आंखे अब पूरी तरह से लाल हो गई थी और चूचियां उपर नीचे हो रही थी। उसके तन बदन में एक चिंगारी सी उठ गई थी और ना चाहते हुए उसका एक हाथ अपने आप अपनी गांड़ पर चला गया। जैसे ही उसने अपनी गांड़ को छुआ उसके मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसकी आंखे बंद हो गई।

तभी उसके कानों में फिर से सीमा की आवाज गूंज उठी

" हाय ये सब इस कमीनी सौंदर्या की गांड़ के चक्कर में तुमने मेरी गांड़ मसल दी। कसम से इसकी जवानी कहर ढा रही है।

राधा:" हाय मेरी बन्नो, उसकी सिर्फ गांड़ ही नहीं वो तो सारी लाजवाब हैं। मुझे तो उसकी चूचियां बहुत पसंद हैं।

सपना:" उफ्फ क्यों आग लगा रही है तू, कभी देखी हैं क्या उसकी चूचियां तूने ?

राधा:" हाय मेरी कहां ऐसी किस्मत, कमीनी साडी भी इतनी अच्छे से पहनती हैं कि चूचियों के उभार की लाइन तक नहीं दिखती।

सपना:" बाहर से देखने से तो बहुत बड़ा उठाव हैं उसकी छाती पर। सच में उसकी चूचियां बाहर की तरफ तनी हुई रहती हैं।

सीमा:" क्या करू तुम्हारा, तुम गंदी लड़की, क्यों मुझे अभी से तड़पा रही हो तुम।

सपना:" तड़प ले मेरी जान, फिर तो देखना दो दिन बाद कैसे तेरी सारी आग ठंडी हो जाएगी।

सीमा:" उफ्फ ये बात तो हैं। वैसे तुझे एक बात बताऊं क्या आज राज की मैं?

सपना और राधा दोनो जल्दी से बोली:" हान हान जल्दी बोल ना, क्या बात हैं ?

सीमा:" देख गलत मत सोचना, मैंने अपने देवर का लंड एक बार देखा हुआ है।

सपना:" उफ्फ क्या बात कर रही है तू, सिर्फ देखा ही हैं या चुद भी गई है तू उससे।

सीमा:" बस देखा था, एक बार गलती से उसके कमरे में घुस गई थी। तभी देखा था तभी मैंने सोचा था कि एक बार इससे जरूर चुदूंगी।

राधा:" हाय मेरी बन्नो, मतलब आज रात तू जिस घोड़े की सवारी करेगी उसको पहले ही देख चुकी है। वाह री तेरी किस्मत। एक बार नहीं अब तो रोज चुदना तू।

सपना:" उफ्फ क्या बात कर रही है तू सीमा, ऐसा क्या था उसके लंड में ?

सीमा:" हाय सीमा सच कहूं तो मैंने ऐसा लंड नहीं देखा था, उफ्फ मेरे पति का तो पांच इंच लम्बा और 1.5 मोटा था बस।

राधा:" उफ्फ इतना ही तो होता हैं सबका, फिर तेरे देवर का कैसा था ?

सीमा:" हाय कैसे बताऊं, उफ्फ कम से कम सात इंच लम्बा और दो इन्च मोटा था।

सपना:" हाय मेरी मईय्या, क्या तू सच बोल रही है, तू तो गई काम से सीमा।

राधा:" क्या तू सच बोल रही है सीमा ? ऐसा तगड़ा लंड तो बाहर विदेश में होता हैं।

सीमा:" सच में मम्मी कसम, अपने बेटे की कसम, मुझे खुद यकीन नहीं हुआ था देखकर।

सपना ने आगे बढ़कर उसकी एक चूची को मसल दिया और बोली:"

" हाय मेरी बन्नो, तेरी तो किस्मत खुल गई, उफ्फ लंड जितना तगड़ा हो उतना ज्यादा मजा देता है। उफ्फ

सीमा अपनी चूची दबाए जाने से मचल उठी और बोली:"

" क्या करती हैं कमीनी तू, होश में रह, मोटा लन्ड दर्द कितना करेगा ये सोचकर डर गई हूं।

राधा:" डर के आगे जीत हैं सीमा, दर्द तो बस एक बार देगा उसके बाद तो तेरे मजे ही होंगे।

सौंदर्या की तो जैसे हालत खराब हो गई थी। उसकी सांसे तेज हो गई थी और जिस्म मचल रहा रहा था। तभी उसे गेट पर सीमा की मम्मी नजर अाई और बोली:"

" क्या बेटी गेंहू निकला नहीं क्या अभी तक ?

सौंदर्या का ध्यान गेंहू पर गया तो देखा कि बाल्टी तो कब की भर गई थी और गेंहू नीचे बिखर रहा था। सौंदर्या धीरे से बोली:"

" हो गया चाची, बस अभी लेकर अा रही हूं।

इतना कहकर उसने बाल्टी उठाई और बाहर निकल गई। ठंड के इस मौसम में भी उसके माथे पर पसीना छलक रहा था। उसने अपना पसीना साफ किया और बाल्टी का सारा गेंहू बाहर कपडे पर पलट दिया।


सीमा की मम्मी:" ठीक हैं बेटी, अब तू एक काम कर मैंने चाय बना दी। तुम अंदर ले जाओ और सबके साथ पी लो।

सौंदर्या ने चाय की ट्रे को पकड़ा और अंदर ले गई। सौंदर्या को देखते ही सीमा और सभी की मस्ती को ब्रेक सा लग गया और सभी चुप हो गई।

सौंदर्या:" लो सभी लोग चाय पियो, आंटी ने सबके लिए गर्म गर्म चाय दी हैं।

सभी ने चाय के कप लिए अपने पीने लगीं। तभी घर के अंदर अजय दाखिल हुआ और उसने सीमा की मम्मी के पैर छुए और बोला:" आंटी जी ठीक हो ?

सीमा की मम्मी:" हान बेटा, जीतो रहो तुम। सब ठीक हैं बेटा ?

अजय:" हान आंटी जी। सब ठीक है, सौंदर्या दीदी कहां हैं ?

सीमा की मम्मी ने जोर से आवाज लगाई:" अरे ओ सौंदर्या देख तू तेरा भाई अजय आ गया है।

सौंदर्या ने जैसे ही ये सुना तो वो अपनी कप टेबल पर रख कर तेजी से बाहर की तरफ भागी।अपने भाई के पास पहुंचते ही सौंदर्या रुक सी गई और एक बार स्माइल के साथ अपने भाई की तरफ देखा
rajan
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Re: मांगलिक बहन

Post by rajan »

सौंदर्या को ऐसे बच्चो की तरह दौड़ती हुई देखकर अजय के होंठो पर भी स्माइल आ गई और सौंदर्या एक झटके के साथ आगे बढ़ी और अजय के गले लग गई। अजय ने भी अपनी बहन को अपनी बांहों में कस लिया। सौंदर्या की सांसे पहले ही तेज गति से होने के कारण उसकी चूचियां उपर नीचे हो होकर टाइट हो गई थी और जोर से कसने के कारण उसकी चूचियां अजय के सीने में घुसी जा रही थी।

तभी तक सीमा, सपना और राधा भी बाहर अा गए और देखा कि कैसे सौंदर्या अपने छोटे भाई से बच्चे की तरह लिपटी हुई है। सभी को एहसास हो गया है सौंदर्या अपने भाई से बहुत प्यार करती है।

थोड़ी देर बाद वो दोनो भाई बहन अलग हुए और सौंदर्या बोली:"

" इतनी देर कहां लगा दी तुमने ?

अजय:" अरे मेरी प्यारी दीदी मैं लोकल बस में आया हूं तो समय तो ज्यादा लगता ही हैं।

सपना:" अरे भाई बहन का मिलाप खत्म हो तो अजय हमसे भी बात कर लो।

अजय ने सबकी तरफ देखा और नमस्ते करी और बोला:"

" कैसी हैं आप सब ?

सीमा:" ठीक हैं सभी। अजय तुम तो बहुत बड़े हो गए हो मेरे भाई।

सपना:" सच में तू तो शहर जाकर पूरा गबरू जवान बन गया हैं रै। भगवान तुझे बुरी नजर से बचाए।

सौंदर्या वहीं खड़ी हुई थी अजय के पास ही और मन ही मन में सोच रही थी कि सबसे ज्यादा बुरी तरह तो तुम्हीं की हैं।

राधा आगे अाई और अजय के पास आते हुए बोली:"

" क्या सिर्फ सौंदर्या से ही गले मिलेगा तू अजय, मैं भी तो तेरी बहन ही हूं, याद कर छोटा सा था तो कैसे मेरे साथ खेलता था। भूल गया क्या इतनी जल्दी ?

अजय के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"

" अरे राधा दीदी मुझे सब कुछ याद हैं। आप मेरा कितना ख्याल रखती थी। अा जाओ तुम भी

इतना कहकर उसने अपने हाथ फैला दिए और राधा दौड़कर उसके गले लग गई। ये सब देखकर सीमा, उसकी मम्मी दोनो मुस्कुरा दिए और सपना को जलन सी हुई।

थोड़ी देर के बाद राधा उससे अलग हुई और सीमा बोली:"

" और बता अजय अभी भी फाइट करता हैं या नहीं भाई ?

अजय:" नहीं दीदी, आपने तो जानती ही हैं कि मम्मी ने अपनी कसम देकर सब छुड़वा दिया था। उस दिन के बाद आज तक प्रैक्टिस नहीं करी।

इससे पहले कि बात आगे कुछ और होती तभी सीमा के पिताजी अंदर अा गए और बोले :"

" अरे अजय कैसे हो बेटा ? कब आए तुम ?

अजय ने आगे बढ़कर उनके पैर छुए और बोला:"

" बस ताऊ जी थोड़ी ही देर हुई हैं आए हुए। सोचा मिलने अा जाता हूं आप सबसे।

ताऊ:" अरे बेटा बिल्कुल सही समय पर आए हो, परसो सीमा की शादी हैं। मुझे भी थोड़ा मदद मिल जाएगी तेरे आने से।

अजय:" जी बताए आप मुझे क्या करना होगा ?

ताऊ:" बेटा बाकी तैयारी तो हो गई हैं, बस लड़के वाले कह रहे हैं कि शादी शहर में हॉल में करे। उसके लिए बात करनी थी।

अजय:" कोई बात नही ताऊ जी, आप और मैं दोनो चल पड़ते हैं और बात करके अा जाते हैं। वैसे भी हमारे यहां से 15 किमी की दूरी पर ही तो हॉल हैं।

ताऊ:" अच्छा ठीक है फिर तो बेटा। चल फिर खाना आकर ही खायेंगे।

इतना कहकर ताऊ जी और अजय दोनो शहर की तरफ चल पड़े।

लड़कियां वापिस अपने कमरे में चली जाती और जाते ही फिर दे उनकी बक बक शुरू हो गई।

राधा:" कुछ भी हो सीमा लेकिन अपना अजय आज भी बिल्कुल नहीं बदला, वो ही मासूमियत, सभी इज्जत करता है।

सीमा:" हान ये बात तो हैं। भगवान करे कि वो हमेशा ऐसा ही रहे।

सपना:" अच्छा तो हैं अपना अजय लेकिन अब पूरी तरह से जवान हो गया है। देख ना कितनी अच्छी बॉडी बना ली हैं। पूरा ताकतवर मर्द बन गया है।

राधा:' हान यार, ये बात तो सच हैं, पूरे गांव में ऐसा गठीला नौजवान ना होगा।

सौंदर्या:" तुम सब अपनी बकबक बंद करों समझी, कहीं ऐसा ना हो उसे तुम्हारी नजर लग जाए।

सपना:" अच्छा बड़ी फिक्र हो रही है अपने भाई की, एक काम कर तू उसे अपने घाघरे में छुपा ले, ना किसी को दिखेगा और ना ही नजर लगेगी।

सौंदर्या का मुंह शर्म से लाल हो गया और अगले ही पल गुस्सा करते हुए बोली:"

" तमीज से बात किया करो सपना, कुछ भी बोल देती हो तुम समझी।

सीमा:" अरे अरे तुम दोनो शांत हो जाओ। अजय हम सबका भाई हैं और एक भाई को बहनों की नजर कभी नहीं लगती। तुम भी थोड़ा सा सोच समझ कर बोला करो सपना।

राधा:" हान सपना, ये गलत बात हैं, कहीं बहने भी अपने भाई को अपने घाघरे में छुपाती हैं!!

इतना कहकर उसके होंठो पर मुस्कान अा गई तो सभी जोर जोर से हंसने लगी जबकि सौंदर्या सिर्फ दिखावे के लिए ही हंस रही थी क्योंकि जो रूप उसने आज इन तीनों का थोड़ी देर पहले देखा था उससे उसे ये एहसास तो हो ही गया था कि ये इतनी शरीफ हैं नहीं जितनी दिखती हैं।

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