मेरी नशीली चितवन

adeswal
Pro Member
Posts: 3173
Joined: 18 Aug 2018 21:39

Re: मेरी नशीली चितवन

Post by adeswal »

ठीक ९ बजे दरवाजे पर घंटी बजी और मैं ख़ुशी से दरवाजा खोलने गयी . दरवाजा खोलते ही मैं अवाक् रह गयी .. राज अंकल फुल ऑफिस यूनिफार्म मैं सूट मैं थे , बहुत हैंडसम लग रहे थे . वह मुझे देख कर झट से अंदर आ गए और दरवाजा बंद कर दिया . वाह रानी तू गजब दिख रही आज , मुझ पर आज बिजली गिराने का इरादा हैं ? उन्होंने अंदर आकर उनकी ऑफिस बैग एक कोने मैं रख दी ओर कोट उतार कर खुर्ची पर लटका दिया. सोफे पर बैठकर मुझे खींच लिया , मैं भी उनकी गोदी मैं शर्मा कर बैठ गयी . बहुत देर तक वह मुझे किस करते रहे ओर मेरे बालों से खेलते रहे, गजरे की महक उनको गरम कर रही थी . उन्होंने मेरे होंठ चूसना चालू किया ओर जीभ अंदर डाल दी ओर दूसरे हातों से मेरी गाउन खोल दिया ओर बाजु मैं फेक दिया . अब मैं एकदम बेशरम होकर नंगी उनकी गोदी मैं बैठी थी ओर वह फुल फोरमॉल कपडे मैं टाई पहने थे ओर मेरी जीभ चूस रहे थे . उनके साथ मेरे बूब्स को मसल रहे थे .

फिर उन्होंने प्यार से मेरे चहरे को पकड़ कर नजरें मिला कर पूछा .. संध्या आज क्या चाहती हूँ .. उनकी वह नशीली ऑंखें मेरे अंदर तक जड़ गयी ओर मैं बहुत नंगा महसूस करने लगी ओर शर्मा गयी . मैंने कहा .. अंकल मैं सिर्फ आपको खुश देखना चाहती हूँ .. जो चीज ज्योति आंटी आपको नहीं देती वह सब आपको देना चाहती हूँ. मैंने शर्मा कर मुँह उनकी बगल मैं छुपा दिया ओर उनकी खुश्बू महसूस करने लगी .

उन्होंने प्यार से मेरे चहरे पर सब जगह चूमने लगे ओर कहा . रानी ऐसे ही होगा .. पर मेरी दो शर्त हैं . मैंने कहा शर्त बताओ मैं सब करुँगी . उन्होंने कहा .. पहली शर्त .. जब भी हम सात मैं हो .. हम कोई कपडे नहीं पेहेनेगें ओर पूरा नंगा रहेंगे .. मैंने उनकी टाई को अपनी ओर जोर से खींचकर कह दिया . मंजूर हैं अब दूसरी शर्त बताओ . उन्होंने कहा .. दूसरी शर्त .. तुम मुझे राज अंकल नहीं कहोगी .. सिर्फ राज या जानू ओर मैं तुम्हे मेरी रानी कहूंगा .. मैं शर्मा गयी .. हाँ मेरे जानू .. यह भी मंजूर .. ओर मुझे पैंट के नीचे से उनका मुसलदार लण्ड मेरी गांड पर चुभता फील हुआ . उन्होंने भी उनके कपडे निकल दिए ओर पूरा नंगा होकर बैठ गए . मेरे लिए उनका लण्ड कोई नया खिलौना था , जिसे देखकर मैं खुश हो जाती , मुझे उनके लण्ड को हाथ लगाना , खेलना , चूमना , चूसना सब करने का मन होता .

उन्होंने मुझे गरम पानी लाने कहा ओर अपने बैग से उन्होंने शेविंग का सामान निकाल कर टेबल पर रख दिया . मुझे कहा .. रानी अब तुम सोफे पर लेट जाओ ओर दोनों पैर ऊपर कर दो..छाती से चिपका लो. फिर उन्होंने कहा .. क्या मैं शेव करने से पहले तुम्हारी बालों वाली चूत की फोटो ले लू .. क्यों की आज के बाद तुम कभी यह बाल नहीं रखोगी ओर हमेशा अपनी चूत साफ़ ओर चिकनी रखोगी . मैंने मुस्करा कर कह दिया जो आप सही समाजो .. उन्होंने उस पोजीशन मैं मेरी चूत की अलग अलग एंगल्स से ८ -१ ० फोटो खींच ली

फिर शेविंग ब्रश पर फॉम लगा कर मेरे चूत पर लगा दिए अच्छी से .. मुझे ब्रश के कारन चूत मैं आग लग गयी ओर मेरे चूत से पानी का झरना बहने लगा . उनका फेस मेरी चूत से बहुत करीब था , मुझे अपनी चूत पर उनकी गरम साँसे फील हो रही थी .. कोई पराये मर्द ने पहली बार मुझे नंगा देखा था ओर वह भी इतने करीब से . मुझे बड़ी अजीब फीलिंग आ रही थी ओर अच्छा भी लग रहा था .
बड़ी हलकी हाथों से राज शेविंग ब्लेड से धीरे धीरे मेरे बाल शेव करने लगा . मैं बहुत गरम हो गे थी . मैंने देखा की राज की जांघें मेरे सर के ऊपर हैं ओर उसका लण्ड पूरा तना हुआ हैं ओर उसके लाल टोपे पर शहद की बूंदें चमक रही थी. मैंने धीरे से सर उठाया ओर उसे चाट लिया ओर उसका लोल्लिपोप मुँह मैं ले लिए . राज बड़े खुश हो गए .. बोले . ले रंडी .. खा ले मेरा ले .. पूरा निगल जा
मैंने धीरे धीरे लॉलीपॉप की तरह राज का मोटा लंड चूस रही थी .. ओर वह बड़ी सावधानी से धीरे से मेरी चूत के बाल शेव कर रहा था. फिर वह उठा ओर गरम पानी से मेरी चूत साफ़ की ओर बोलै ..देखो रानी .. तेरी चूत अब कितनी सुन्दर लग रही .. मैं बैठ गयी ओर अपनी चिकनी चूत को देखने लगी .. मुझे विश्वास नहीं हो रहा था .. लाल गुलाबी .. मेरी चूत ओर मेरी फटी हुई झिल्ली किसी खिले हुए फूल की तरह दिख रहे थे .. राज से रहा नहीं गया अपना मुँह मेरे चूत पर रख कर चाटने लगा .. अब उसे चाटने मेरी फटी हुई झिल्ली भी मिल गयी थी , वह उसको चाट रहा था , चबा रहा था , मुझे बहुत झुरझुरी हुई .. ओर मैं उसका सर मेरी चूत पर दबा कर रगड़ने लगी .. वह भी अपने जांघें मेरी सर की तरफ ले कर आया ओर मेरी मुँह मैं अपना लोडा घुसा दिया .. हम बहुत देर तक इस पोजीशन मैं ६९ का आनंद उठा रहे थे .. राज मुझे प्रोत्साहन देता .. पूरा लंड मुँह के अंदर लेने को .. सांस रोक कर कैसे मुँह मैं पूरा लंड अंदर लेना , उसने मुझे बताया .. मैं कोशिश की ओर आखिर मैं उसका पुर ८ इंच का मोटा लोडा मेरे गले मैं घुस गया .. मेरी चूत मैं कम्पन हो रही थी .. ठीक एकसात हम दोनों झड गए .. राज मेरा सब पानी चाट रहा था ओर मैं भी राज का सब वीर्य .. गाढ़ा माल निगल गयी. हम दोनों एक सात चिपक कर सो गए .. राज ने कहा .. एक बात बताऊ रानी .. तुम बहुत सेक्सी लड़की हो .. तुम बहुत गीली हो जाती ओर पानी भी छोड़ती हो ..ओर तुम्हे एक के बाद एक मल्टी ओर्गास्म्स भी आते हैं . दुनिया मैं सिर्फ ५० प्रतिशत औरतों को ओर्गास्म्स आते हैं ओर सिर्फ १ -२ प्रतिशत औरतों को मल्टी ओर्गास्म्स का सुख मिलता हैं.

राज की बात सुन कर मैं खुश हो गयी .. राज ने कहा चलो सात नहाते हैं .. उसके बाद मैं सिर्फ तुम्हे ओरल सेक्स सिखाऊंगा ओर फिर खाने के बाद तुम्हे चुदाई का गेम सिखाऊंगा .. हम दोनों बाथरूम चले गए ..शावर मैं एक दूसरे को चूमा चाटी करते , साबुन लगाते ओर राज मेरी चूत चाटता ओर मैं उसका लण्ड ओर टट्टे . अचानक मेरी चूत चाटते राज ने मुझे उल्टा कर के झुकाया ओर मेरी गांड फैला कर मेरी गांड दबा दबा कर छेद चाटने लगा . मैंने कहा क्या कर रहे हो राज ,, यह गन्दा हैं .. राज ने कहा रानी .. तुम इतनी खूबसूरत हो तेरी कोई चीज गन्दी कैसे हो सकती हैं, बस एन्जॉय करो ओर उसने मेरी गांड की छेद मैं जीभ डाल दी . मुझे बहुत अच्छा महसूह हुआ ओर चूत मैं फिर से झुरझुरी होने लगी . मैं बी अब गांड राज के मुँह पर दबाने लगी .. राज ने कहा .. वह रानी .. क्या खुश्बू हैं, तेरी गांड की महक ही मस्त हैं .. मैंने कहा ..चलो झूंटे.. गांड से भी कभी महक आती हैं .. राज ने कहा तेरी कसम जानू .. तू खुद एकबार एक्सपीरियंस ले ओर फिर बता . ऐसे बोल कर राज उल्टा झुक कर खड़ा हो गया ओर अपनी गांड पकड़ कर अपने हाथों से फैला दी .. मैं दंग रह गयी .. उसकी गोरी गांड पर बहुत बाल थे ओर बहुत खूबसूरत लग रही थी .. उसकी गांड की छेद एकदम पिंक था ओर बालों से भरी थी .. जो कोई सुन्दर चूत जैसे लग रही थी. मैंने धीरे से मुँह उसकी गांड की चिर के पास ले गयी .. मुझे अजीब मरदाना खुश्बू महसूस हुई .. अपने आप को रोक नहीं पायी उस खुश्बू से ओर अपना मुँह उसकी गांड की छेद पर रखकर चाटने लगी .. मुझे उसकी खुश्बू ओर स्वाद बहुत पसंद आया . राज मेरे ऐसे करने से पगला गया ओर मुझे उठाया ओर शावर में घोड़ी बना कर कर उसका मोटा लण्ड मेरी चूत मैं डाल दिया .. मेरी चूत पहले से बहुत भीगी थी .. उसका आधा लण्ड आसानी से चला गया .. दर्द हो रहा था पर कल से कम .. उसने मुझे से पीछे से पकड़ रखा था, मेरे बूब्स दबाता , आगे से मेरा दाना दबाता , ओर धीरे धीरे लंड अंदर डालता .. पूरा लण्ड अंदर डालने के बात उसने मुझे सीधा खड़ा किया ओर मेरे चेहरा पकड़ कर मुझे किस करने लगा .. ले रंडी.. पूरा लंड मेरा सिर्फ एक दिन मैं निगल गयी .. ले ले मेरा सारा माल अपनी चूत मैं .. बन जा मेरी बच्चे की माँ ..

मैंने भी जोश मैं कहा दिया .. हाँ कमीने ..पीला दे मुझे तेरा माल .. बना दे अपने बच्चों की माँ .. मैं तेरी रंडी हूँ .. चुदवा ले मुझे ..ओर ठीक उसी समय हम दोनों एक सात झड गए .. राज का वीर्य अंदर मेरी बच्चेदानी तक फील करती .. ओर यह नेचुरल सेक्स क्यों लोग पसंद करते हैं यह भी पता चला .

राज ने धीरे से लण्ड मेरी चूत से बाहर निकाला .. आज सिर्फ माजा आया था ..दर्द गायब हो गया था .. नेरी चूत से राज का वीर्य नीचे जांघों से बेहेने लगा .. राज इन अपनी हाथों से वीर्य इक्कठा किया ओर मेरे मुँह मैं हाट डाल दिया .. मैं उसका हाथ चाट रही थी ओर उसके ओर मेरे दोनों के पानी का मिश्र का स्वाद ले रही थी .. मुझे अब यह स्वाद भी पसंद आने लगा था .
हम बाथरूम से बाहर आये .. एक दूसरे को टॉवल से पोछा .. राज मुस्करा रहा था .. कहा .. मेरी रंडी बनकर कैसा लग रहा हैं ? मैंने शर्मा कर कहा बहुत अच्छा .. ओर उनसे फिर से लिपट गयी

हमें भूक लग गयी थी . राज ने कहा अब आज की चुदाई इतनी ही रानी.. अब हम खाना खाएंगे .. फिर उसके बाद मैं तुम्हे आज सिर्फ ओरल सेक्स सिखाऊंगा .. मुझे तेरी जिस्म का हर एक अंग अंग चाटना हैं, स्वाद लेना हैं, तुझे भी लण्ड का स्वाद पसंद हैं , आह बस खाने के बाद सिर्फ मीठा ही मीठा होगा .

मैं मुस्करा दी ... कितनी एनर्जी हैं राज मैं , कितना ख्याल हैं ओर इज्जत हैं उसको मेरी .. हां सेक्स के वक्त वह वाइल्ड जरूर बन जाता हैं बार सके बात बहुत प्यार से बातें करता हैं.

खाना राज को बहुत पसंद आया .. मैंने प्यार से बनाया था .. उसने जिद की की मैं अपने हातों से खिलाऊ , मैं एक एक निवाला उसको भर्ती ओर वह प्यार से खाता ओर मुझे भी खिलाता.

खाने के बाद वह बिस्तर पर लेट गया .. ओर मुझे पास बुला कर अपनी बाँहों मैं भर लिया .. मैं उसकी बालों वाली बगल मैं चेहरा छुपा कर चिपक गयी .. उसकी बगल से अजीब मर्दाना खुश्बू आ रही थी, जिससे मुझे फिर से नशा होने लगा. राज बैठ गया ओर कहा.. आओ रानी मेरी गोदी मैं बैठ जाओ .. मैं अपने दोनों पैर उसके कमर पर लिपट कर उसकी जांघों मैं बैठ गयी .. मुझे अपनी गांड पर उसका सख्त लण्ड महसूस हुआ .
adeswal
Pro Member
Posts: 3173
Joined: 18 Aug 2018 21:39

Re: मेरी नशीली चितवन

Post by adeswal »

फिर उसने मेरा चेरा प्यार से सहलाया ओर मुझे किस करने लगा .. उसने मुझे फ्रेंच किस कैसे होता वह बताया .. भले ज्योति आंटी ठंडी थी पर ऑफिसियल बाहर देश की टूर मैं अकेला राज बहुत एन्जॉय करता ..रोज रत को नयी पार्टनर के सात सेक्स एन्जॉय करता .. जिसके कारन वह पहुंचा हुआ खिलाडी था .. सेक्स एक्सपर्ट था.. उसने कोई बात मुज़से छिपाई नहीं .. मैं खुश थी की मुझे ऐसा मर्द मिला जिसने मेरी चूत की झिल्ली का कचूमर बना दिया .. अगर इतना सेक्सी आदमी सेक्स एन्जॉय करता हैं तो उसमे बुरा क्या हैं ? राज ना कहा .. ठीक कहा रानी .. ओर यही बात औरतों के लिए भी लागू हैं.... अगर तेरी जैसी सेक्स लड़की , सेक्स एन्जॉय करती हैं , तो गलत क्या हैं ? ओर इतनी खूबसूरत चूत को हक़ है की वह हर टाइप के मर्द ओर लण्ड से मजे ले .. मुझे बात ठीक लगी ओर यही बात मेरे जीवन का आधार बन गयी ..

डीप किस करते वक़्त राज ने मेरा मुँह खोला ओर थूक दिया .. मैं एकदम सरप्राइज थी .. पर मैं सारा थूक निगल गयी ओर मुझे अच्छा लगा .. फिर राज ने कहा आजा रानी .. अब तू मेरे टट्टे चाट .. कुछ नहीं सिर्फ टट्टे चाटोगी..कम से किम १५ मिनट . मैं उसके जांघों के पास आ गयी .. राज ने पैर फैला दिए ओर ऊपर छाती से लगा लिए .. उसका लण्ड आज पूरा शेव ओर चिकना लग रहा था .. ओर उसके टट्टे एकदम बड़े बड़े गोलगप्पे की तरह ऊपर नीचे उछल रहे थे . मैं जीभ बाहर निकली ओर उसके टट्टे चाटने लगी .. बहुत मजा आ रहा था ..राज गरम हो चूका था ओर आँहे भर रहा था .. १० मिनट बाद मैंने महसूस किया की टट्टे की अपनी महक ओर खुश्बू हैं ओर स्वाद भी .. जो मुझे पसंद आ रहा था ..ओर मैं उसके दोनों टट्टे एक सात मुँह मैं लेने की कोशिश कर रही थी ..

आह रानी रुक जाओ अब..नहीं तो मेरा पानी नीकल जायेगा ..क्या मस्त चाटती हो .. तू एकदम रंडी की तरह .. ओर उसने मुझे अपनी बाँहों मैं उठा लिया .. अब वह अपना मुँह मेरे बूब्स मैं घुसा दिया ओर चाटने लगा .. वाह रानी क्या मस्त बड़े आम हैं तेरे .. आज तो उसको चूस चूस कर तेरा दूध पी लूंगा .. वह तेरी चूचियां .. कितनी बड़ी हैं.. एक इंच लम्बी .. बहुत बार तेरी शर्ट से देख लेता ओर मूठ मारता की कब यह बड़ी बड़ी चूचिया मेरी मुँह मैं आएगी ..आज मेरा सपना पूरा हो गया

राज मेरी चूचियां चूसने लगा ..मेरे शरीर मैं अजीब कसक जाग उठी.. ओर मैं छटपटाने लगी .. मैंने राज को दूर करने की कोशिश की पर वह नहीं माना ओर मेरी चूचियां जोर जोर से चूसने लगा .. मैं कण्ट्रोल नहीं कर पायी ओर उसका सर जोर से दबा लिया ओर मेरे शरीर मैं कही झटके आये ओर मैं जोर से झड गयी ओर मेरी चूत से पानी की गंगा बही जो राज ने चाट कर साफ कर दिया, राज ने कहा .. देखो रानी .. मैं जानता था की तुम्हारे यह लम्बी निप्पल्स बहुत सेंसिटिव होंगी.. सिर्फ इसको चूसने से तुम झड गयी ओर तेरी चूत ने भी पानी की गंगा बहा दी , मैं भी हैरान थी .. आज तक ऐसे कभी नहीं हुआ था .. राज मेरी शरीर को ओर मेरी जरूरतों को मुज़से भी अच्छी तरह से जान गया था .

मैं थक गयी थी .. आज तीसरी बार मैं झड गयी थी .. मैं निढाल हो कर राज के नंगे बदन पर छिएक गयी ओर उसके छाती पर सर रखकर सो गयी ..

करीब एक डेढ़ घंटे के बाद जब आँख खुली तो राज भी सोया था .. मेरा साथ उसकी चेस्ट पर था .. मैंने नीचे देखा ..मेरा खिलौना .. उसका लण्ड एकदम कड़क हो गया था .. ओर उसके लंड के लाल टोपे पर शहद की बून्द चमक रही थी .. मैंने प्यार से उसके लण्ड पर हाथ रखा ओर सहलाया .. एक बड़ा शहद का बून्द बाहर आया .. मैं मुँह निचे कर के उसको चाट लिया .. मेरे जीभ के स्पर्श से उसका लण्ड सिहर गया ओर एक बड़ा झटका मारा .. मैंने भी प्यार से पूरा गुलाबी काला लोल्लिपोप मुँह मैं ले लिया.

अब मैं राज को जगाना नहीं चाहती थी .. इसलिए सिर्फ उसके लण्ड को मुँह मैं अंदर ले कर उसकी पेट पर सर रख कर सो गयी .. कभी ज्यादा अंदर लेती , कभी कम..अब उसका आधा लंड मेरी मुँह मैं था .. मैं ना उसको चूस रही थी ना जीभ फिरा रही थी.. मुझे राज को जगाना नहीं था.

इसी पोजीशन मैं दस मिनट मैं मैंने राज का तीन चौथाई लण्ड मुँह मैं ले लिया था .. ओर अपनी साँसों पर कण्ट्रोल रखा था .. मैंने ओर ज्यादा कोशिश की ओर उसका पूरा लण्ड मेरे गले तक फस गया .. मुझे बैचनी हुई .. साँस रुक गयी .. पर मैंने धीरे धीरे सांस लेने की कोशिश की ओर मुँह ओर ज्यादा खोल दिया .. अब मुझे साँस लेना आसान हो गया .. ओर राज का पूरा लण्ड मेरी मुँह मैं था ओर मेरे लिप्स उसके पेट पर चिपक गए .. मैंने धीरे से मुँह दूर किया ..ओर फिर से लण्ड मुँह से बाहर कर के फिर से निगल गयी .. मैं लगातार ऐसे कोशिश करती रही ओर राज का लण्ड अब फड़फड़ा रहा था ओर जोर से झटके दे रहा था .. क्या राज जाग गया था ? मैंने मूड कर देखा .. राज प्यार से मुस्करा रहा था .. बोला ..रानी अगली ट्रेनिंग तुम्हारी यही थी..पर तू तो अपने आप सिख गयी..पूरा लंड मुँह मैं कैसे ले. राज अब जोर जोर से मेरा मुँह को चोदने लगा ... उसने मेरी जांघों को पीछे खींच लिया ओर मेरी चूत ओर गांड दोनों को चाटने लगा .. ओर एक बड़ा झटका देकर अपना पानी मेरे मुँह मैं छोड़ दिया .. मैंने भी प्यार से सारा पानी पी लिया ओर उसका लंड चूस चूस कर सारा पानी निगल गयी..

राज ने मुझे उठाया ओर प्यार से अपनी बाँहों मैं लिया..कहा ..रानी..तू सच मैं मेरी रानी हैं.. इतने जल्दी सब सिख गयी.. आजतक कोई मेरा लण्ड पूरा मुँह मैं नहीं ले पाया .. तूने वह कर दिया जो कोई ना कर पाया ..ना ज्योति ना कोई दूसरी औरत . मैं बहुत खुश हो गयी ओर वह मेरा मुँह खोल कर प्यार से उनका पानी मेरे मुँह से चूसने लगे .. कभी वह उनका गाढ़ा पानी अपने मुँह मैं लेते .. कभी फिर से मेरे मुँह मैं डाल देते .. ऐसा मुझे अजीब नहीं लगा क्यूंकि हम चॉक्लेट ऐसे खा चुके थे..बाद मैं उन्होंने मुझे बताया की इसको कम स्वैपिंग भी कहते हैं.
तभी मुझे माँ की कॉल आयी .. संध्या हम कल रात को ट्रैन मैं बैठ रहे हैं..परसो सुबह आएंगे. मैं दुखी हो गयी.. अब सिर्फ एक दिन ही था मेरे पास , राज ने कहा चिंता मत करो कुछ हल ढून्ढ लेंगे. हमने एक सात नंगे बैठकर चाय पी , राज के जाने का टाइम हो गया था .. फिर कल वापस आऊंगा का वादा कर के चले गए.. जाते जाते उन्होंने मेरी ब्लू कलर की पैंटी उठायी ओर अपनी ऑफिस बैग के एक कप्पे मैं छुपा कर रख दी .. कहने लगे .. जब भी टूर पर जाऊंगा , इसको सूंघूंगा ओर तेरी याद से मूठ मारूंगा, तेरी तरफ से मुझे यह गिफ्ट .. मैं भी हंस दी.. कहा ओर मेरे लिए क्या गिफ्ट दोगे आप .. उन्होंने उनकी जॉकी की ब्रीफ्स .. रेड कलर वाली मेरे मुँह पर फेंक दी.. यह तेरे लिए .. इसे सूंघकर मेरे लण्ड को याद करना ओर हस के चले गए ..

मैंने सोचा .. मर्द को खुदसे ज्यादा प्यार उसके अपने लण्ड से होता हैं.. उनको याद ना करू पर उनके लण्ड को जरूर याद करू .. वाह रे मर्दों .. क्या तुम्हारी दुनिया..स्टार्ट ओर एन्ड सब लण्ड पर आकर ख़तम होती हैं .. मैं समज गयी थी की किसी भी मर्द को वही औरत पसंद आती हैं जो उससे नहीं पर उसके लण्ड से बेपनाह मोहोब्बत करे ...

मैं खाना खाकर बेड पर लेट गयी .. थक गयी थी .. बाजू मैं मुझे राज की निकर - जॉकी दिखी .. मैंने उसे उठाया ओर मुँह के पास लेकर सूंघने लगी.. वही खुश्बू .. वही स्वाद ..राज के लण्ड का मैंने उसको अपने तकिया पर रख दिया ओर उस पर मुँह रख कर सो गयी.. अपने राज जानू की खुश्बू सूंघती हुए ..ओर तीसरे दिन का इंतजार करने लगी..


मैं सोने की कोशिश कर रही थी पर राज की निकर की खुशबु मुझे बार बार उनके लण्ड की याद दिला रही थी. मैं फिर से गरम होने लगी .. मैंने एक लूज़ टी शर्ट पहना था और एक बहुत ही छोटी सी शॉर्ट्स .. मैंने दोनों निकाल के फेक दिए और अपने हातों से चूत सहलाने लगी .. शेव की वजह से मेरी चूत बहुत ही चिकनी और सेंसिटव हो गयी थी.. मुझे बहुत अच्छा फीलिंग आ रहा था .. मेरी चूत बहुत कोमल और नाजुक लग रही थी .. ऐसे भी राज ने चोद चोद कर उसको माखन जैसे मुलायम बना दिया था .. मैं प्यार से अपनी चूत को सहला रही थी और चरम सीमा पर थी तभी दरवाजे पर बेल रिंग हो गयी .. मैंने सोचा इतने रात को कौन आया होगा .. मैंने झट से टी शर्ट और शॉर्ट्स पेहेन ली और keyhole से देखा.. मुझे राज खड़े दिखाई दिया . मैंने झट से दरवाजा खोला और राज एक टूरिस्ट बैग लेकर जल्दी अंदर आ गया ताकि कोई सामने वाले फ्लैट्स के पडोसी न देख ले . मैं हैरान थी . राज टी शर्ट और जीन्स पहने था ..मुझे छोटी चड्डी मैं देखकर हवस भरी नज़रों से देख कर बोले .. ओह रानी तुम इस वेस्टर्न कपड़ों मैं गजब लग रही हो .. मैंने हंस कर पूछा .. क्या राज , ज्योति आंटी ने घर से निकाल दिया क्या ? वह बोलै नहीं रानी..परसो सुबह तुम्हारे पेरेंट्स आ जायेंगे , हमें आज रात का ही मौका हैं , इसको हाथ से कैसे निकलने दे.. इसलिए मैंने ज्योति से बहाना बनाया की मेरी कल सुबह पुणे अर्जेंट बिज़नेस मीटिंग हैं और आज रात को ही मुझे निकलना पड़ेगा, और मैं परसो सुबह तक आ जाऊंगा. राज की बात सुन कर मैं जोर से हसने लगी .. वाह क्या दिमाग पाया हैं .. राज ने कहा .. ज्योति को मेरी ऐसी अर्जेंट मीटिंग की आदत हैं..पर तुम्हे अच्छा नहीं लगा तो मैं चला जाता हूँ. उसे मेरे हसने से गुस्सा आया था .. हरयाणवी मर्द था ..गुस्सा नाक पर होता हैं और लण्ड से बाहर निकलता हैं.. हां हां हां
adeswal
Pro Member
Posts: 3173
Joined: 18 Aug 2018 21:39

Re: मेरी नशीली चितवन

Post by adeswal »

मै राज के एकदम पास गयी .. उसके गाल पर पप्पी दे दी और कहा ..तुम जाना चाहते हो तो जाओ .. वह और भी चिढ़ गया ..तुम मुझे ऐसे जाने को कहोगी तो कैसे जाऊंगा ..? मैं फिर से उस के बहुत पास गयी .. अब मेरे बूब्स राज की छाती पर चिपक रहे थे .. मैं उसे फिर से गाल पर पप्पी देने गयी.. पर इसबार वह सर घुमा लिए और उसके लिप्स मेरे लिप्स पर लिपट गये और वो जोर से चूस कर किस करने लगा . उसने मेरे होंठ चूसने चालू किया और मुझे दूसरे हाथ से कस कर पकड़ के रखा ताकि मैं दूर न भाग सकू . अब मेरा वार उलट गया था और मुझ पर भारी पड़ रहा था .. उसने मेरे मुँह मैं जीभ डाल दी और मेरी चूत कसमसा गयी और गीली होने लगी.. मैं भी उसके लिप्स को चूसने लगी और तभी उसने मुझे दूर हलके से धकेल दिए और बोला बताओ तो रानी अब सच मे चला जाऊ मैं? मेरी चूत गरम हो गयी थी और गंगा बहा रही थी.. मैं फिर बहुत धैर्य जोड़ कर बोली .. हाँ जाओ ना.. आपकी मर्जी .. राज मुझे पैनी नजर से घूर रहा था और नटखट अंदाज मैं मुस्करा रहा था . अब वह मुझ पर वार कर रहा था .. राज मेरे बहुत करीब आया .. उन्होंने अपनी जीन्स की बटन खोल दी और ...जीन्स पूरी नीचे गिरा दी .. अब वह घुटने तक पूरा नंगा था .. उसका लण्ड फूलकर नाग जैसे फुफकार मर रहा था .. और लण्ड के लाल टोपे पर शहद का बूँद चमक रहा था .. वह मेरे एकदम करीब आया और मेरा हाथ लेकर अपने लण्ड पर रख दिया . उसका लंड बहुत गरम था और फनफना रहा था .. मुझे शहद की बूँद गुलाम बना चुकी थी .. भूकी नजरों से मैं उसके लण्ड को देख रही थी .. और राज बड़ी गौर से मेरी आँखों मैं देख रहा था .. उसकी पैनी नजर मुझे बेबस कर रही थी .. मैं उसके कदमो पर बैठ गयी और उसका लण्ड पकड़ कर बूँद चखने जीभ बाहर निकाल दी .. और तभी वह मेरे हाथों से अपना लण्ड छुड़ाकर पीछे हट गया .. बोला .. अब बोलो रानी सच मे चला जाऊ मैं ? मैंने कहा नहीं मेरे राजा मैं तो मजाक कर रही थी. उसने कहा नहीं तू झूटी हैं , मैं तो जाऊंगा ..तुम्हे मुझे रोकने के लिए मिन्नतें करनी पड़ेगी .. मैंने कहा प्लीज जानू मत जावो .. रुक जाओ .. ववेक ने कहा - क्यों रुखु , तू मेरी कोण हैं बता ? मैंने कहा राज जानू मैं तुम्हारी रंडी हूँ .. प्लीज मत जाओ , मुझे तुम्हारा लंड चूसने दो ,, वह खुश हो गया .. ठीक हैं रानी .. पहले शर्त कम्पलीट करो .. दोनों पूरा नंगा हो जाते हैं ..

पूरा नंगा होकर राज सोफे पर बैठ गया और बोला .. आओ मेरी रंडी .. मेरी जंघा पर बैठ जाओ .. राज का लंड पूरा आसमानी सलामी दे रहा था .. मैं प्यार से उसके गोदी मैं उसके जांघों पर बैठ गयी ..
adeswal
Pro Member
Posts: 3173
Joined: 18 Aug 2018 21:39

Re: मेरी नशीली चितवन

Post by adeswal »

राज ने कहा रानी तेरे लिए सरप्राइज हैं और उसने अपनी बैग मैं से एक अच्छी ब्रांडेड मेहेंगी वाली वाइन बोतल निकाल ली और कुछ खाने का चकना भी .. वाह राज तुम तो पूरी तैयारी से आये हो .. तुम्हे पता हैं अल्कोहल से मैं कण्ट्रोल मैं नहीं रहती . राज ने कहा रानी किसने कहा कण्ट्रोल करो अब हम दोनों मैं कोई सीक्रेट नहीं हैं ..बात सही थी .. मैंने एक गिलास लाया और एक प्लेट ..
हम दोनों एक ही गिलास मैं वाइन पी रहे थे ..एक दूसरे के मुँह से वाइन पी रहे थे .. और मैं पूरी नंगी राज की जंघा पर बैठी थी . मुझे अब हल्का महसूस हो रहा था और हम बहुत चुम्मा चाटी कर रहे थे मैं राज के मुँह को चूसकर वाइन पीती और ववेक मेरी मुँह से वाइन पीता. मैं अब गरम हो रही थी और मेरी चूत से पानी बह रहा था . राज ने कहा देखो रानी तुम्हारे चूत के पानी से मेरी जंघा पूरी गीली हो गयी .. सच मैं उसकी जंघा पूरी चिपचिपी हो गयी थी .. तभी मुझे बड़ी जोर से पेशाब (सुसु) लगी और मैं उठने लगी. राज ने कहा इतने जल्दी कहा जारी हैं जान अभी तो रात बाकी हैं , मैंने कहा मुझे सुसु करनी हैं .. उसने कहा बाद मैं कर लेना जब बहुत ज्यादा प्रेशर हो जाये.. मैंने पूछा ऐसे क्यों..उसने कहा मुझ पर भरोसा नहीं ? मैं फिर से उसकी गोदी मैं बैठ गयी और हम दोनों फिर से वाइन पीने लगे .. राज ने कहा जानू देखो .. मेरा लण्ड कितना फुदक रहा, इसको प्यार करो ना .. मैं नीचे बैठ गयी और राज के लंड को चूसने लगी और उसके बड़े टट्टे चाटने लगी . राज ने धीरे से वाइन गिलास से छोटी सी वाइन की धार अपने लण्ड पर डाली और कहा. रानी देखो सब वाइन पे लेना ..गिरने मत दो .. मैं राज के लंड और टट्टे पर गिरा सारा वाइन चाट चाट कर पीने लगी .. बहुत मजा आ रहा था .. अलग स्वाद और नशा हो रहा था .. आह रानी क्या बढ़िया रंडी की तरह चाट रही हो..और वह मुझे वाइन पिलाता गया और मैं उसके लंड को चाट चाट कर वाइन पी जाती . फिर उसने कहा यहाँ ऊपर सोफे पर आ जाओ और लेट जाओ.. राज ने धीरे से अब वाइन मेरे बूब्स पर डाली और मेरे निप्पल्स भी चूसना चालू कर दिया .. हाई मैं मर जाती .. मेरे निप्पल्स कितने सेंसिटिव हैं आपको पता हैं .. बहुत देर तक राज मेरे निप्पल्स वाइन डाल कर चूसता रहा और मेरी चूत का बम धड़ाम से फट गया और पानी का झरना बहने लगा .. ओह माँ .. करके मैं छटपटाने लगी .. और राज का सर पकड़ कर मेरी चूत पर रगड़ दिया .. जब मैं थोड़ी शांत हुई, चैन की सांस आयी..पर राज रुकने वाला नहीं था .. उसने आप वाइन मेरी चूत पर डाल कर चूत चाटने लगा .. मेरी चूत का दाना फूल कर आधे इंच का हो गया था .. राज उसे चूसता , चबाता , कभी हलके से काटता .. और मेरी चूत मैं फिर से तूफ़ान आने लगा .. राज मेरी चूत का सारा पानी वाइन के सात चाट कर पी गया .. अब मेरी चूत का दाना उसकी वार का शिकार था .. वह मेरे दाने को अपनी जीभ से , दातों से मसल रहा था .. मेरे अंदर का तूफान बढ़ रहा था , मैंने फिर से राज का सर दबा दिया और .. हाई माँ मर गयी मैं .. करके फिर से मेरा झरना उसके मुँह मैं बहा दिया .. वोह रानी क्या मीठा शहद पीला रही हो .. १० मिनट मैं दो बार झड़ गयी .. जैसे थोड़ शांत हुई.मुझे बड़ी जोर से सुसु लगी .. मैं खड़ी हो गयी पर राज ने पकड़ लिए..क्या हुआ जानू .. मैंने कहा राज अब कण्ट्रोल नहीं होता .. मुझे जाने दो नहीं तो मैं यही सुसु कर दूंगी .. उसने भी हरयाणवी मर्दानी अंदाज मेंकहा तो फिर कर दो यही पर सुसु ..क्या दिक्कत हैं. मैंने कहा प्लीज जाने दो तुम जो कहोगे करुँगी .. राज ने कहा ऐसा हैं..पक्का ..तो आओ मेरे सात बाथरूम मैं . मैं समज नहीं पा रही थी की राज की मन मैं क्या चल रहा हैं और सुसु का प्रेशर मुझे कुछ सोचने नहीं दे रहा था . बाथरूम जाकर राज बाथरूम की फ्लोर पर पीठ के बल सो गया और कहा जानू जल्दी इधर आओ और मेरे लंड के ऊपर तुम्हारी चूत रख दो .. मैंने अपने दोनों पैर राज की कमर की बाजु मैं रख दी और उसकी लण्ड के ऊपर चूत रख दी .. उसके लण्ड का लाल टोपा अब मेरी चूत को छू रहा था .. और उसने कहा रानी अब करो सुसु . मेरे से बिलकुल कण्ट्रोल नहीं हो रहा था और एक जोर की धार से मेरी सुसु बाहर निकाल गयी और राज के लण्ड को नहलाने लगी .. राज - वाह रानी .. तेरी गरम सुसु ने मेरे लण्ड को पत्थर जैसे फौलादी बना दिया . राज अपने लण्ड को मेरी सुसु मैं हिलाने लगा .. मैं कुछ सोच नहीं पा रही थी पर मुझे एकदम नया लग रहा था और अच्छा भी .. बहुत देर तक मैं अपनी सुसु की धार राज के लण्ड और टट्टे पर डाल रही थी .. राज फटी आँखों से मेरी चूत से बहती सुसु की धार को देख रहा था .. मेरी सुसु मैं उसका लंड, टट्टे, गांड, कमर, पेट सब भीग रहा था .. मेरी धार अब कम हो रही थी पर राज की नजरें मेरी सुसु और चूत पर थी .. मैं खुश हो गयी की सुसु अब ख़तम हो गयी .. पर राज ने अब तक मेरी गांड अपने हाथों पकड़ ली और जैसे मेरी सुसु बंद हुई उसने एक झटके मैं मेरी गांड नीचे कर के अपना फौलादी लण्ड मेरी चूत मैं घुसा दिया . मुझे यह एक्सपेक्टेड नहीं था . मैं ूई माँ कर के चीला उठी .. दर्द की एक जबरदस्त चीख से .. मेरी सुसु से चिप - चिपाया राज का लण्ड पूरा अंदर मेरी चूत मैं घुस गया था .
ओह मेरी रानी, तेरी चूत एकदम अंगार की भट्टी हैं.. अब तू धीरे धीरे ऊपर नीचे उछाल .. बोल के राज ने फिर मेरी गांड अपने दोनों हातों से नीचे से पकड़ ली और मुझे धीरे धीरे ऊपर नीचे करना लगा .. मुझे अब मजा आने लगा था .. मैं अपने मन मर्जी से ऊपर नीचे होती और राज के लण्ड से अपनी चूत कुटती. मुझे पता चल गया की राज अब मेरी कण्ट्रोल मैं हैं.. उसका रिमोट अब मेरी हातों मैं हैं.

मैं गांड उछाल उछाल कर राज के लण्ड पर फुदक रही थी .. हम दोनों इतने गरम हो गये की बहुत जल्दी झड़ गये .. और राज ने सारा पानी मेरी चूत के अंदर चोद दिया . मैं थक कर राज के ऊपर गिर गयी .. हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे .. राज ने धीरे से मेरे कान मैं कहा .. रानी मजा आ गया ना .. मैंने कहा हां जानू बहुत मजा आ गया .. राज ने कहा रानी अब सुसु .. मुझे भी जोर से आ रही हैं .. बोलो क्या करू .. मैंने कहा तुम भी मेरी चूत पर सुसु कर दो .. हम अलग हुए .. मैं नीचे बैठ गयी .. राज खड़े हो कर सुसु की धार मेरी चूत पर गिराने लगा .. उसकी गरम सुसु की धार से मेरी चूत फिर से गरम हो गयी .. उसने कुछ सुसु की धार मेरे पेट और बूब्स पर भी डाल दी .. मैंने भी गरम होकर उसके सुसु से मेरे बूब्स और चूत कि मसाज कर दिया . हम दोनों बहुत खुश थे ,, राज ने मुझे उठाया और शावर खोल दिया .. हम दोनों एक सात नहाने लगे ..साबुन से साफ करने लगे ..

अब हम दोनों टॉवल से सुखकर बिस्तर पर आ गये .. रात के बारह बज गये थे .. नशा अभी भी थोड़ा थोड़ा था ..मैं थक कर राज की बाँहों मैं सो गयी . राज के साथ चिपक कर स्पून पोजीशन मैं सो गयी.. मेरी बैक राज की छाती से चिपकी थी .. उसका एक हाथ मेरी बूब्स पर था ..और एक पैर मेरी कमर पर.. मेरी गांड पर उसका लण्ड रगड़ रहा था .. मैं चैन की नींद सोने लग गयी ..

रात को बीच मैं आंख खुली तो चूत मैं कुछ फसा था .. राज ने धीरे से अपना लण्ड पीछे से मेरी चूत मैं डाल दिया था .. मुझे अच्छा लग रहा था .. राज धीरे धीरे मुझे धक्का मर रहा था .. बहुत देर तक यह सिलसिला चला .. मैं पता नहीं कितने बार झड़ गयी .. राज ने दूसरे दिन बताया की उस दरम्यान मैं २ बार झड़ी और उसने भी मेरी चूत मैं पानी गिरा डाला था ..

सुबह उठी राज सो रहा था .. मेरी गीली चूत से राज का सफ़ेद पानी नीकल रहा था . एकदम मुलायम और माखन जैसे चिकनी चूत हो गयी. मुझे मेरी चूत पर बड़ा गर्व महसूस हुआ ..

उस दिन हम दिन भर यही सेक्स का गेम खेलते रहे .. हमारी सेक्सुअल केमिस्ट्री और बॉडी केमिस्ट्री जबरदस्त फिट हो गयी थी. राज ने कहा की आगे जब भी मौका मिलेगा, ऐसे ही एन्जॉय करेंगे . पर तुम पढाई मैं भी ध्यान देना ,, तुम अगर अच्छी डिग्री और अच्छा करियर बनाओगी तो इंडिपेंडेंट रहोगी, अपने पैरो पर कड़ी रहोगी और सब मर्दो को नचाओगी .. अगर डिपेंडेंट हो गयी तो हस्बैंड या कोई ओर मर्द की गुलाम बन के रह जाओगी .. बात मुझे सही लगी

उस दिन कई बार सेक्स करके रात को १२ बजे राज (पुणे से मीटिंग ख़तम कर के) अपने घर गया .
मैंने भी घर की साफ सफाई की..बेडशीट्स चेंज किया..सुबह पेरेंट्स आने वाले थे .. उन्हें कोई भनक नहीं लगनी देनी थी ..

उसके बाद जब भी मौका मिल जाता हम सेक्स एन्जॉय करते .. कभी ज्योति आंटी बच्चों के लेकर मायके जाती , या कभी मेरे फॅमिली वाले .. पर इतना फ्री मौका फिर कभी नहीं मिला ..12th के बाद मैं भी दूसरे शहर मैं गोवेर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज आ गयी .. हॉस्टल मैं रहने लगी..

२ साल बाद राज अंकल भी जॉब चेंज कर के बैंगलोर चले गये .. उनसे एक बहुत सुन्दर रिश्ता बन गया .. जो बेहद खूबसूरत रहा .. राज ने कभी मेरा फ़ायदा नहीं उठाया नाही मुज़से कभी जबरदस्ती की .. पर मुझे बहुत सीखा दिया .. उन्ही के कारन मैं खुद कि सेक्स लाइफ इतना एन्जॉय कर पायी . आगे चलकर जोब मे, या बाहर कही भी मर्दों की दुनिया मैं बड़ी कॉन्फिडेंटली मर्दों को हैंडल करती गयी



....................
adeswal
Pro Member
Posts: 3173
Joined: 18 Aug 2018 21:39

Re: मेरी नशीली चितवन

Post by adeswal »

अपने होशियारी और मेहनत से मुझे 12th मैं अच्छे मार्क्स आये और मुझे टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज मैं एडमिशन मिल गयी. तब जमाना अलग था - न मोबाइल, न फ़ोन्स न सोशल मीडिया, इंजीनियरिंग मैं भी बहुत कम लड़कियां एडमिशन लेती थी - केवल ५ - १० % लड़किया होती, इसलिए पुरे कॉलेज के लड़के इन्ही लड़कियों पर आँख जमाये बैठते ,

राज ने मुझे चोदकर लड़की से औरत बना दिया था और मेरा रूप रंग और ज्यादा खिल गया था . मैं जैसे पहले दिन कॉलेज गयी, सब लड़के मुझे भूकी वासना भरी नज़रों से देखने लगे. ऐसे ही इंजीनियरिंग कॉलेज मैं रैगिंग बहुत होती हैं और सुन्दर लड़की की सब से ज्यादा - हर कोई इंट्रोडक्शन करना चाहता था . सीनियर लड़कियां कम थी पर बड़ी कमीनी थी - रैगिंग लेने मैं पीछे नहीं थी . मैं खुश थी मुझे इतना अच्छा कॉलेज मिला. घर से यहाँ आते वक्त राज ने कहा था , संध्या सिर्फ पढाई नहीं करना , मस्ती भी करना , कॉलेज के यह पल बहुत हसीन होते हैं, जिंदगी मैं दुबारा नहीं आएंगे .
कॉलेज ज्वाइन करके ८-१० दिन हो गए थे, अब रोज रैगिंग और इंट्रो से लगभग सभी सीनियर्स लड़कों को जान गयी थी, एक दिन कॉलेज के सीढ़ियों पर कुछ कमीनी सीनियर्स लड़कियों ने मुझे रोक लिया . ऐ संध्या इधर आ ..मैं उनके पास चली गयी और विश किया - गुड मॉर्निंग to आल madams , यही रैगिंग मैं फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को बताया गया था. रैगिंग कुछ इस तरह हुई ..
सीनियर: तेरा कोई बॉयफ्रेंड है
मैं: नहीं मैडम
सीनियर: क्यों नहीं हैं ? सेक्स की इच्छा नहीं होती?
मैं: होती हैं
सीनियर: फिर क्या कराती हो? चूत से खेलती हो? ...
वगैरे वगैरे.. फिर
सीनियर: जा यह गुलाब का फूल ले और वहा प्लेग्राउंड मैं जो लड़के खेल रहे हैं , उनमे से किसी एक लड़का जो भीतुजे पसंद हो उसको प्रोपोज़ कर, हम देख रहे हैं, भाग न जाना. यह रैगिंग मैं कॉमन था.. बहुत सारे लड़कियों के सात हुआ था , बहुत सारे फर्स्ट ईयर के लड़के भी मुझे प्रोपोज़ कर चुके थे , मैं इस खेल को जानती थी
मुझे पता था यह कमीनी लड़किया छोड़ेंगी नहीं .. ऐसे भी वह मेरी सुंदरता से जलती थी , उन्हें देखना था की कॉलेज की सबसे सुन्दर लड़की किसको प्रोपोज़ करती हैं, सब सीनियर लड़के भी आ गए और गौर से देखने लगे, .
प्लेग्राउण्ड की बैठने की सीढ़ियां थी.. वहा बहुत सरे सीनियर लड़के बैठे थे .. सब मेरी तरफ देख रहे थे , मेरे हाथ मैं गुलाब का फूल देख कर समझ गए की मैं वहा क्यों आ रही थी.
मैं चलते जा रही थी और सोच रही थी किसको फूल दिया जाये, मैंने तय कर लिया की जिस लड़के को देखकर मेरी चूत गीली हो जाये उसी को प्रोपोज़ करुँगी और अब इस खेल मैं उतरना ही हैं फिर से तो पूरी शिद्दत के साथ मैदान मैं उतरूंगी .
वह कही सीनियर लड़के सिर्फ वेस्ट और शॉर्ट्स मैं थे, खेल की प्रैक्टिस कर रहे थे, कुछ बहुत हट्टे काटते बॉडीबिल्डर , खिलाडी , और सेक्सी थे . कुछ बेशरम ओर बिंदास कमीने सीनियर लड़के मुझे देखकर अपनी शॉर्ट्स पर से अपने लण्ड को सहला भी रहे थे .. ओर मुझे गन्दी नज़रों से देखकर नंगा कर रहे थे . तभी मेरी आँखें उन आँखों से भीड़ गयी जो मुझे चिर के रख दी .. क्या नशीली खूबसूरत ऑंखें थी .. काला - सावला रंग था, घुंगराले बाल, मोटे होंठ , ६ फ़ीट ऊँचा, अच्छी बॉडी और मसल्स , और हेयरी बॉडी . मैं ने उसका नाम सुना था ओर इंट्रो से जानती थी - हरीशकुमार रेड्डी - आंध्र प्रदेश से विजयवाड़ा से था, किसान जमींदार घराने से , 3rd ईयर का टोपर , और खेल मैं भी रनिंग मैं स्टेट चम्पिओन था मैं बिना नजरें झुकाये , उसकी आँखों मैं आंख मिला के उसके एकदम पास गयी और उसको फूल देने के लिए हाथ आगे बढ़ाया . सभी लड़के हक्का बक्का रहा गए - उन्हें लगा मैं किसी गोरे चिट्टे को प्रोपोज़ करुँगी . हरीश भी मुझे मुस्करा कर देख रहा था . रैगिंग के रूल के हिसब से प्रोपोज़ मैंने ही करना था . मैंने हरीश से कहा - सर आप मुझे पहुत पसंद हैं, यह गुलाब का फूल आपको देती हूँ और क्या आप मेरे बॉय फ्रेंड बनेंगे ? कुछ सीनियर लड़के हंस दिए ..उन्हें मजा आ रहा था, एक दो ने सिट्टी तक बजा डाली . अब वहा कमीनी सीनियर लड़किया भी मजा देखने आ गयी थी और आजु बाजु सीनियर लड़को की भीड़ जमा हो गयी थी. मुझे भी मजा आ रहा था , पर यह भी सच था की हरीश के लिए मेरे मन मैं हवस पैदा हो गयी थी और उसको देखकर चूत गीली हो रही थी. हरीश कोई बहुत सुन्दर या मॉडल नहीं था , बस एक आम मर्द की तरह आर्डिनरी दिखता था - पर बहुत स्मार्ट था ओर मुझे उसके लिए एक अलग ही आकर्षण उसके लिए फील हो रहा था .. अब सोचती हूँ तो थोड़ा - साउथ फिल्म सुपरस्टर एक्टर , बाहुबली फेम प्रभास की तरह दिखता था .
हरीश के कमीने सीनियर दोस्त और लड़कियों को मौका ही चाहिए था ओर उन्होंने मुझे कई सवाल किये , जैसे - यह क्यों पसंद हैं? इसमें तुझे क्या दिखा ? इसको किस करेगी ? जब तक हरीश मेरे उत्तर से संतुष्ट नहीं होता तब तक वह मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट नहीं करेगा ओर ना ही गुलाब का फूल लेगा . मैंने भी बिना डरे बड़ी बेशर्मी से सब के जवाब दिए ओर हरीश का गुणगान करती रही . .
इतने देर तक हरीश चुप था और बड़ी कमीनी हवस भरी नजर से मुस्करा कर देखकर मुझे नंगा कर रहा था .. मैं समझ गयी थी की लोहा गरम हैं ओर हरीश पूरा मेरी जाल मैं फस गया हैं ओर वह मना नहीं करेगा. पर उसके मर्दानगी का ईगो / अभिमान अब आसमान छू रहा था , कॉलेज की सबसे सुन्दर लड़की ने उसे प्रोपोज़ किया था ओर वह भी पूरी कॉलेज के सामने - भले सब जानते थे की यह रैगिंग चल रही हैं . कहते हैं की औरत का 6th सेंस होता हैं और मुझे पता चल गया था की हरीश ही वो मर्द हैं जिसके सात मेरी केमिस्ट्री बहुत रंग लाएगी . अब हरीश बोला, यार रुका, प्रोपोज़ मुझे किया हैं , सवाल भी अब मैं ही करूँगा . मुझे पहले लगा हरीश थोड़ा शर्मीला होगा, पर यह बिंदास लगा ..उसकी मर्दानगी जोश मैं थी . वह मेरे बहुत करीब आया .. मुझे उसके शरीर की महक आ रही थी ओर मेरी चूत फिर से गीली होने लगी . हरीश ने कमीने अंदाज से पूछा - मेरे लिए क्या क्या करोगी ? सीधा सवाल था पर बहुत कुछ था उसमे .. मैंने कहा - सर आप के लिए सब करुँगी - जो भी आपको पसंद हैं हरीश ने मुस्कुरा कर कहा - मुझे सेक्स पसंद है - उसकी इस बात से मैं शर्मा गयी - तभी दूसरा सीनियर बोला - हाय जान- क्या शर्माती है .. कसम से लोडा खड़ा हो गया . इंजीनियरिंग कॉलेज के लड़के ऐसे ही बिंदास होते हैं और बड़े कमीने भी, मैंने हरीश से कहा - सर आपको कोई चीज के लिए मना नहीं करुँगी . सब सीनियर्स मेरे जवाब से खुश हुए ओर सिट्टी बजाने लगे . हरीश अब और भी बोल्ड और कॉंफिडेंट हो गया . हरीश - एक किस देगी ? अब सारा माहौल सन्नाटे मैं बदल गया .. सब देखने लगे की मैं क्या रिस्पांस देती हूँ . मुझे पता था क्या करना - भले ही मजाक चल रहा था पर इस समय हरीश के मर्दानगी ईगो को संतुष्ट करना जरुरी था, मुझे कुछ बड़ा कदम लेना था . मैं हरीश के एकदम करीब गयी, नजरें मिला कर , हरीश ने मेरे हाथ से गुलाब का फूल ले लिया था, मैं ने हलके से उसके गाल पर पप्पी दे दी और वहा से भाग गयी और हॉस्टल रूम मैं चली गयी .. पप्पी देने के बाद वहा बहुत शोर मचा और सिट्टिया बजायी गयी .. हरीश को उसके दोस्तों ने चैंपियन की तरह उसे कंधे पर उठा लिया और नाचने लगे थे . दोस्तों यह २७ साल पहले की बात हैं , और ज़माने के हिसब से मैं बहुत बोल्ड ओर बेधड़क काम कर के आयी थी .
दूसरे दिन कॉलेज में कैंटीन जा रही थी, सब लड़के मुझे मुस्कुरा कर नंगी नजरों से देख रहे थे .. कुछ सनीयर्स कह रहे थे .. क्या हॉट माल हैं यार .. मेरे किस की घटना पुरे कॉलेज मैं आग की तरह फ़ैल गयी थी ..जो सीनियर्स कभी कॉलेज भी नहीं आते वह भी आज मुझे देखने आ गए - कोण हैंयह खूबसूरत संध्या .. तभी पीछे से आवाज आयी - मैंने देखा हरीश मेरी तरफ आ रहा था , मैं रुक गयी, हरीश ने कहा चलो चाय पीते हैं.. मैं उसके सात कैंटीन चली गयी, वहा पर हम बातें करते रहे - एक दूसरे के बारे में जानकारी लेते रहे . हरीश ने कहा - संध्या तुम बहुत सुन्दर हो, मुझे लगा नहीं था की तुम मुझे प्रोपोज़ करोगी ओर पप्पी भी लोगी. रैगिंग मैं मजाक ही सही पर मुझे बहुत अच्छा लगा, मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ . मैंने शर्मा कर कहा - हरीश तुम सच मैं मुझे अच्छे लगे , इसलिए तेरी पप्पी ली. तुम अब दोस्त से बढ़कर हो मेरे लिए अब हरीश मुझे प्यार से देख रहा था - उसकी नजर फिर से मुझे नंगा महसूस करा रही थी . मेरी चूत फड़फड़ा रही थी . ऐसे बॉडी रिएक्शन सिर्फ कुछ मर्दों के संग रहने से ही होता हैं . हरीश ने कहा मुझे असली किस चाहिए जान , गाल पर किस करने से अब कुछ नहीं होगा . मैंने कहा - हरीश तुम लड़के हो, पहल भी तुम ही करोगे , मैंने तुम्हे किसी चीज से मना नहीं किया .मुझे बोल्ड ओर कॉंफिडेंट बिंदास लड़के पसंद हैं . हरीश खुश हो गया .. बोला शाम को मेरी प्लेग्राउंड मैं रनिंग की प्रैक्टिस होती हैं वही आ जाओ - ७ बजे . मैं खुश हो गयी ओर क्लॉसेस अटेंड करने चली गयी. हरीश रोज ५-७ बजे प्लेग्राउंड मैं रनिंग की प्रैक्टिस करता था . जब मैं ७ बजे तैयार होकर पहुंची तब सूरज ढल चूका था, अँधेरा होने को था, ओर ग्राउंड पर भीड़ भी बहुत कम हो गयी थी. मैंने देखा हरीश रनिंग कर रहा था ओर उसने मुझे देख लिया था ओर दौड़कर मेरे पास आ रहा था, सिवाय १-२ लड़कों के के , प्ले ग्राउंड पूरा खली ओर सुनसान था
हरीश मेरे पास आया - वह सिर्फ वेस्ट (बनियान ) ओर एक बहुत छोटी शॉर्ट्स मैं था , ओर पसीने से लथपथ था ..उसकी टाइट बनियान ओर छोटी सी शॉर्ट्स पसीने से पूरी गीली हो गयी थी औरउसकी बॉडी को चिपक गईथी ..जिसे उसके छाती ओर गांड का उभार, ओर लंड का उभार भी स्पष्ट दिखाई दे रहा था . उसने मुझे आकर कसकर अपनी बाँहों मैं पकड़ लिया . मैंने एक टॉप ओर स्कर्ट पहना था .. उसके पसीने से मेरा टॉप गीला हो गया ओर मेरी ब्रा दिखने लगी थी . हरीश ने ऐसे ही मुझे ५ मिनट पकड़ के रखा - तुम तो बहुत सुन्दर लग रही हो मेरी जान , तुम्हे खाने का मन कर रहा .. मैंने कहा तो फिर खा लो ना, किसने मन किया .. पसीने की वजह सी उसके शरीर से महक आ रही थी जो मुझे पागल कर रही थी .
Post Reply