'शून्य' - (Shunya)-- Complete Novel

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Jemsbond
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Re: 'शून्य' - (Shunya)-- Complete Novel

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कॉम्प्यूटर शुरू हूवा और मॉनिटरके दाएँ कॉर्नरमें मेल आनेका मेसेजभी आया.
"'बॉसकी मेल है '" मेल खोलते हूए कमांड1ने कहा.
उसने मेल खोली और पढने लगा.
"कमांड2..." कमांड1 ने आवाज दिया.
"' हां"
'' हमें अगले मिशनके बारेंमे आदेश मिल चूके है'' कमांड1 मेल पढते हूए बोला.
कमांड2 कमांड1 के कंधेपर झूककर मेलमें क्या लिखा है यह पढने की कोशीश करने लगा.
जॉन कारमें जा रहा था. हॉस्पिटलसे डॉक्टरने उसे फोन कर बताया था की अँजेनीको डिस्चार्ज दिया गया है. डॉक्टरके अनुसार मेडीकली वह पुरी तरहसे संवर गई थी. सिर्फ मेंटली और इमोशनली संवरनेमें उसे थोडा वक्त लग सकता था. सानीके पोस्टमार्टमके रिपोर्टभी आए थे. जॉनको उस सिलसिलेमें अँजेनीसे थोडी बातचीत करनी थी. बातचीत वह फोनपरभी कर सकता था. लेकिन दिलको कितनाभी समझाने की कोशीश करने पर भी दिल है की मानता नही था. उसे मिलनेकी उसकी इच्छा जितना रोकने की कोशीश करो उतनी तिव्र हो चली थी. उसने उसे मुंहसे कृत्रिम सांसे दी तब उसे उसका कुछ विषेश नही लगा था. लेकिन अब उसे उसके होठोंका वह मुलायम स्पर्श रह रहकर याद आ रहा था. उसने कर्र ऽऽ.. गाडीका. ब्रेक लगाया. गाडीको मोड लिया और निकल गया - अँजेनीके घरकी तरफ.
जॉनकी कार अँजेनीके अपार्टमेंटके निचे आकर रुकी. उसने गाडी पार्किंगकी तरफ मोड ली. पार्किंगमे कुछ समय वह वैसाही गाडीमें बैठा रहा. आखीर अपने मन से चल रहे कश्मकशसे उभरकर वह गाडीसे उतर गया. लंबे लंबे कदमसे वह लिफ्टकी तरफ गया. लिफ्ट खुलीही थी, उसमें वह घुस गया. लिफ्ट बंद होकर उपरकी तरफ दौडने लगी.
लिफ्ट रुक गई. लिफ्टमें डिस्प्लेपर 10 आंकडा आया था. लिफ्टका दरवाजा खुला और जॉन बाहर निकल गया. अँजेनीका फ्लॅटका दरवाजा अंदर से बंद था. वह दरवाजेके पास गया. फिर वहा थोडी देर अपने दरवाजा खटखटाऊ की नही यह सोचकर चहलकदमी करने लगा. वह डोअर दबानेही वाला था की अचानक सामनेका दरवाजा खुला. दरवाजेमें अँजेनी खडी थी. जॉन का चेहरा ऐसा हुवा मानो उसे चोरी करते हूए पकडा गया हो.
'' क्या हूवा? '' अँजेनी हसते हूए बोली.
इतना खिलखिलाकर हसते हूए जॉन उसे पहली बार देख रहा था.
"' किधर? कहा? ... कुछ नही... मुझे तुम्हारे यहा इस केसके सिलसिलेमें आना था... नही मतलब आया हूँ '' जॉन अपने चेहरेके भाव जितने हो सकते है उतने छिपाते हूए बोला.
'' आवो ना फिर... अंदर आवो... '' अँजेनी फिरसे हसते हूए बोली.
अँजेनीने उसे घरके अंदर लेकर दरवाजा बंद किया.
जॉन और अँजेनी ड्रॉईंगरूममें बैठे हूए थे.
" पोस्टमार्टमके रिपोर्टके अनुसार ... सानीको पिस्तौल की गोली सिनेमें बाई तरफ एकदम हार्टके बिचोबिच लगी... इसलिये वह गोल जो दिवारपर निकाला था वह उसने निकालनेका कोई सवालही पैदा नही होता'' जॉनने अपना तर्क प्रस्तूत किया.
'' मतलब वह आकार जरुर खुनीनेही निकाला होगा'' अँजेनीने कहा.
थोडा सोचकर वह आगे बोली , '' लेकिन गोल निकालकर उसे क्या जताना होगा? ""
'' वही तो... सबसे बडा सवाल अब हमारे सामने है"" जॉनने कहा.
'' अगर इस तरह से और कोई खुन इससे पहले हूवा है क्या यह अगर देखा तो?'' अँजेनीने अपना विचार व्यक्त किया.
'' वह हम सब पहलेही देख चूके है... पिछले रेकॉर्डमें इस तरह का एकभी खुन मौजूद नही है"" जॉनने कहा.
इतनेमे जॉनका मोबाईल बजा. उसने बटन दबाकर वह कानको लगाया, "यस ...सॅम"
जॉनने उधरसे सॅमको सुना और वह एकदम उठकर खडा होगया, " क्या?"
अँजेनी क्या हूवा यह समझनेकी कोशीश करती हूई आश्चर्यसे उसके तरफ देखने लगी.
'' मुझे जाना पडेगा '' जॉनने कहा और दरवाजेकी तरफ जानेको निकला.
जॉनने मोबाईल बंद कर अपने जेबमें रखा.
जाते जाते अँजेनीको उसने सिर्फ इतनाही कहा , "मै तुझे बादमे मिलता हूँ ... मुझे अब जल्दसे जल्द वहाँ पहूँचना पडेगा.
अँजेनी कुछ बोले इसके पहले जॉन जा चूका था.जॉनकी गाडी एक भीड भाड वाले रस्ते से दौडने लगी. बादमें इधर उधर मुडते हूए वह गाडी एक पॉश बस्तीमें एक अपार्टमेंटके पास आकर रुकी. जॉन वहा पहूचनके पहले ही वहां पुलिस की टीम आकर पहूँची थी. इस बार पुलिस के अलावा वहां मिडीयाकी उपस्थीतीभी थी. भीडकी वजहसे रस्ता ब्लॉक होनेको आया था. जैसेही जॉनने गाडी पार्क की और वह गाडीसे बाहर आगया मिडीयावालोने उसे घेर लिया. भलेही वह एक प्राईव्हेट गाडीसे आया था और युनिफॉर्ममें नही था फिरभी पता नही मिडीयावालोंको वह इस केससे सबंधीत होनेकी भनक कैसे लगी थी?
"'मि. जॉन वुई वुड लाईक टू हिअर यूअर कमेंट ऑन द केस प्लीज '" कोई उसके सामने कॅमेरा और माईक्रोफोन लेकर आया.
"'प्लीज बाजू हटो .... मुझे अंदर जाने दो ... पहले मुझे इन्व्हेस्टीगेशन पूरा करने दो ... उसके बादही मै अपनी कमेंट दे पाऊंगा "' जॉन भीडमेंसे बाहर निकलने की कोशीश करते हूए बोला.
फिरभी वहांसे कोई हटनेके लिए तैयार नही था. बडी मुश्कीलसे उस भिडसे रस्ता निकालते हूए जॉन अपार्टमेंटकी तरफ जाने लगा. दुसरे कुछ पुलिस उसे जानेके लिए जगह बनानेके लिए उसकी मदत करने लगे.
जॉन लिफ्टसे अपार्टमेंटके दसवे मालेपर पहूँच गया. सामनेही एक फ्लॅटके सामने पुलिसकी भीड थी. जॉन फ्लॅटमें घुसतेही उसके सामने सॅम आया.
"सर, इधर '' सॅम जॉनको बेडरूमकी तरफ ले गया.
बेडरूममे खुनसे लथपथ एक स्त्री का शव पडा हूवा था और सामने दिवारपर फिरसे खुनसे एक बडासा गोल निकाला हुवा था. इस बार उस गोलके अंदर खुनसे 0+6=6 और 0x6=0 ऐसा लिखा हूवा था. जॉन सामने जाकर दिवारकी तरफ गौरसे देखने लगा.
'' कौन औरत है यह?"" जॉनने सॅमको पुछा.
" हुयाना फिलीकिन्स ... कोई टी व्ही आर्टीस्ट है '" सॅमने कहा.
'' यहाँ क्या अकेली रह रही थी?'' जॉनने पुछा.
'" हाँ सर, ... पडोसीयोंका तो यही कहना है ... उनके अनुसार बिच बिचमें कोई आता था उसे मिलने... लेकिन हरबार वह कोई अलग ही शख्स रहता था. '" सॅमने उसे मिले जानकारी का सारांश बयान किया.
'' खुनीने दिवारपर 0+6=6 और 0x6=0 ऐसा लिखा है ... इससे कमसे कम इतना तो पता चलता है की वह गोल यानी की शुन्यही है .. लेकिन 0+6=6 और 0x6=0 इसका क्या मतलब? ... कही वह हमे गुमराह करनेकी कोशीश तो नही कर रहा है?" जॉनने अपना तर्क प्रस्तुत किया.
'" अॅडीटीव्ह आयडेंटीटी प्रॉपर्टी और झीरो मल्टीप्लीकेशन प्रॉपर्टी ... गणितमें पढाया हूवा थोडा थोडा याद आ रहा है......'' सॅम ने कहा.
"' वह सब ठीक है ... लेकिन उस खुनीको क्या कहना है यह तो पता चले?'' जॉनने जैसे खुदसेही पुछ लिया.
दोनो सोचने लगे. उस सवाल का जवाब दोनोंके पास नही था.
'"बाकीके कमरे देखे क्या?'" जॉनने पुछा.
"' हां, तलाशी जारी है''" सॅम ने कहा.
फोटोग्राफर फोटो ले रहे थे. फिंगर प्रिन्ट एक्सपर्ट कुछ हाथके, उंगलीयोंके निशान मिलते है क्या यह ढूढ रहे थे.
'' मोटीव्ह के बारेमें कुछ ?'" जॉनने बेडरूमसे बाहर आते हूए सॅमसे पुछा.
'" नही सर ... लेकिन इतना जरुर है की पहला खुन जिसने किया था उसनेही यह खुनभी किया होगा.'' सॅम अपना अंदाजा बयान कर रहा था.
'" हां ... बराबर है ... यह कोई सिरियल किलरकाही मसला लग रहा है "" जॉनने सॅमका समर्थन करते हूए कहा.
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
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Jemsbond
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Re: 'शून्य' - (Shunya)-- Complete Novel

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...
कमांड1 और कमांड2 कुर्सीपर सुस्ता रहे थे. बॉसने उनको जो काम सौंपा था वह उन्होने अच्छी तरह से निभाया था. इसलिए वे खुश लग रहे थे. उनकी पुरी रात दौडधूपमें गई थी. बैठे बैठे कमांड1को निंदभी आ रही थी. उसके सामने रातका एक एक वाक्या किसी चलचित्रकी तरह आ रहा था...
... रातके 3-3.15 बजे होगे. बाहर कडाके की ठंड थी. इधर उधर देखते हूए बडी सावधानीसे कमांड1 और कमांड2 एक अपार्टमेंटमें घुस गए. आपर्टमेंटमें सब तरफ एक तरह की डरावना सन्नाटा फैला हूवा था. वहा जो भी सेक्यूरीटी तैनात थी, उसका उन्होने पहलेसेही बंदोबस्त करके रखा था. तोभी वे बडी सावधानी बरतते हूए, अपने कदमोंका आवाज ना हो इसका खयाल रखते हूए लिफ्टके पास गए. चारो तरफ अपनी पैनी नजर दौडाते हूए कमांड1ने धीरेसे लिफ्टका बटन दबाया. लिफ्ट खुलतेही आजूबाजू देखते हूए कमांड1 और कमांड2 दोनो लिफ्टमें घुस गए. दोनोंने हाथमें सफेद सॉक्स पहने हूए थे. अपना चेहरा किसीकोभी दिखना नही चाहिए इसलिए उन्होने अपने पहने हूए ओव्हरकोटकी कॉलर खडी की थी. लिफ्टका दरवाजा बंद हूवा कमांड1ने सामने जाकर लिफ्टका बटन दबाया, जिसपर लिखा हूवा था -10.
लिफ्ट दसवे मालेपर आकर रुकी. लिफ्ट का दरवाजा अपने आप खुला. कमांड1 और कमांड2 फिरसे इधर उधर देखते हूए धीरेसे बाहर आ गए. कोई देख नही रहा है इसकी तसल्ली कर वे पॅसेजमें चलने लगे. उनके जूते के तलवेमे मुलायम रबर लगाया होता, क्योंकी वे भलेही तेजीसे चल रहे थे लेकीन उनके जुतोंका बिलकुल आवाज नही आ रहा था. वे 103 नंबरके फ्लॅटके सामने आकर रुके. फिरसे दोनोंने अपनी नजर आजूबाजू दौडाई, कोई नही था. अपने ओव्हरकोटके जेबसे कुछ निकालकर कमांड1ने सामने दरवाजे के की होलमे डालकर घुमाया. बस दो तिन झटके देकर घुमाया और दरवाजेके हॅडलको हलकासा झटका देकर निचे दबाया, दरवाजा खुल गया. दोनोंके चेहरे खुशीसे खिल गए. अंदर घना अंधेरा था.
दोनो धीरेसे फ्लॅटके अंदर घुस गए. उन्होने अपने हाथके सॉक्स निकालकर अपने ओव्हरकोटके जेबमें रख दिए. सॉक्सके अंदर उनके हाथमें रबरके हॅन्डग्लोव्हज पहने हूए थे. उन्होने धीरेसे आवाज ना हो इसकी खबरदारी लेते हूए दरवाजा अंदरसे बंद कर लिया.
हॉलमे अंधेरेमें कमांड1 और कमांड2 जैसे छटपटा रहे थे. अंधेरेमें उन्होने बेडरूमकी तरफ जानेवाले रस्तेका अंदाजा लगाया और वे उस दिशामें चलने लगे. अचानक कमांड1 बिचमें रखे हूए टी पॉयसे टकराया गिरते गिरते उसने बाजूमें रखे एक चिजको पकड लिया और खुदको गिरनेसे बचाया. कमांड2नेभी उसे गिरनेसे बचानेके लिए सहारा दिया. वो गिरनेसे तो बच गया लेकिन दुर्भाग्यसे बगलमें रखे एक गोल कांच के पेपर वेटको उसका धक्का लगा, जिसकी वजहसे वह पेपरवेट लुढकने लगा. कमांड1ने पेपरवेटको बडी चपलतासे पकड लिया और फिरसे उसकी पहली जगहपर रख दिया.
'' अरे यार लायटर लगा ... साला यहां कुछभी नही दिख रहा है....'' कमांड1 दबे स्वरमें लेकिन चिढकर बोला.
कमांड2ने अपने जेबसे लायटर निकालकर जलाया. अब धुंदले प्रकाशमें थोडाबहुत दिखने लगा था. उनके सामनेही एक खुला हुवा दरवाजा था.
बेडरूम इधरही होना चाहिए.....
कमांड1ने सोचा. कमांड1 धीरे धीरे उस दरवाजेकी तरफ बढने लगा. उसके पिछे पिछे कमांड2 चल रहा था. दरवाजेसे अंदर जानेके बाद अंदर उनको बेडपर लिटी हुई कोई आकृती दिखाई दी. कमांड1ने मुंहपर उंगली रख कमांड2को बिलकुल आवाज ना करने की हिदायत दी. कमांड1ने अंधेरेमें टटोलकर बेडरूमका बल्ब जलाया. जो भी कोई लेटा हुवा था शायद घोडे बेचकर सो रहा था, क्योंकी उसके शरीरमें कुछ भी हरकत नही थी. कौन होगा यह जाननेके लिए कोई रास्ता नही था क्योंकी उसने अपने सरको चादरसे ढक लिया था. कमांड1 ने अपने ओवरकोटकी जेबसे बंदूक निकाली. सोये हूए आकृतीपर उसने वह बंदूक तानकर उसके चेहरेपरसे चादर हटाई. वह एक सुंदर स्त्री थी. वह शायद वही थी जो उनको चाहिए थी क्योंकी एक पलकाभी अवकाश ना लेते हूए कमांड1 ने सायलेंसर लगाई बंदुकसे उसपर गोलीयोंकी बौछार कर दी. उसके शरीर में हरकत हूई, लेकीन वह सिर्फ मरनेके पहलेकी छटपटाहट थी. फिरसे उसका शरीर ढीला होकर एक तरफ लूढक गया. निंदसे जगनेकीभी मोहलत कमांड1ने उसको नही दी थी. वह खुनसे लथपथ निश्चल अवस्थामें मरी हूई पडी थी.
" ए, तेरे पासका खंजर देना जरा'' कमांड1 कमांड2को फरमान दिया.
अबतक का उसका दबा स्वर एकदम कडा हो गया था. कमांड2 ने उसके ओवरकोटके जेबसे चाकू निकालकर कमांड1के हाथमें दिया. कमांड1 वह खंजर मुर्देके खुनसे भिगोकर दिवारपर लिखने लगा.

लिखना होनेके बाद कमांड1 वहा बगलमेंही रखे हूए फोनके पास गया. ओवरकोटके दाएँ जेबसे उसने एक उपकरण निकाला, फोन नंबर डायल किया और उस उपकरणसे वह फोनके माऊथपीसमें बोलने लगा, '' ... और एक शख्स ...हयूयाना फिलीकींन्स ...शून्यमे समा गया है ..."
उधरसे कुछ आवाज आनेसे पहलेही उसने फोन रख दिया. शायद उसने पुलिस स्टेशनको फोन लगाया था. फोन रखनेके बाद अचानक कमांड1का खयाल उसके हाथ की तरफ गया.
" माय गॉड!" उसके मुंह से आश्चर्ययुक्त डरसे निकल गया.
" क्या हूवा ?" कमांड2 कमांड1के हाथकी तरफ देखकर बोला.
क्या गडबड हूई यह अब कमांड2केभी खयालमें आया था. कमांड1के दाए हाथका रबरसे बना हूवा हॅन्डग्लोव्ह फट गया था. खुनके पहले जब वह हॉलमे किसी चिजसे टकराया था तब शायद वह कहीं अटकर फट गया होगा.
"" मेरे हाथके और उंगलियोंके निशान अब सब तरफ लगे होगे... हमें अब यहांसे जानेसे पहले सब निशान मिटाना जरुरी है...'' कमांड1 अपने जेबसे रुमाल निकालते हूए बोला.
'' जादा नही होंगे ... हम पुलिस आनेसे पहले झटसे साफ कर सकते है '" कमांड2भी अपने जेबसे रुमाल निकालते हूए बोला.
दोनो रुमालसे कमरेंमे सब जगह, लाईटका स्वीच, बेडका किनारा , बगलमें रखा टेबल सब जल्दी जल्दी साफ करने लगे.
बेडरूममें कहीभी उसके हाथके निशान नही बचे होगे इसकी तसल्ली करके वे हॉलमे चले गए. वहा उन्होने टी पॉय, दरवाजेका हॅन्डल, निचेका फर्श , जहां जहां हाथ लगनेकी गुंजाईश थी वे सब कपडेसे साफ किया. अचानक उन्हे पुलिसकी गाडीका सायरन सुनाई देने लगा. दोनोने तेजीसे एकबार बेडरुममें जाकर इधर उधर नजर दौडाकर कुछ बचातो नही इसकी तसल्ली की. जैसे पुलिस की गाडीका आवाज नजदिक आने लगा वे दौडतेही सामने दरवाजेके पास गए. सावधानीसे, धीरेसे दरवाजा खोलकर वे बाहरकी गतिविधीयोंका अंदाजा लेते हूए वहासे रफु चक्कर हो गए.
.... अचानक कमांड1 अपनी विचारोंकी दुनियासे जागते हूए कुर्सीसे खडा हो गया.
'' क्या हूवा ?" कमांड2 ने पुछा.
" गफल्लत हो गई साली ... एक बहुत बडी गलती हो गई'' कमांड1ने कहा.
कमांड1का नशा पुरी तरह उतरा हूवा था.
'' गलती ... कैसी गलती? कमांड2 ने पुछा.
कमांड1के चेहरेके भाव देखकर कमांड2काभी नशा उतरने लगा था.
'' मेरी उंगलीयोंके निशान अभीभी वहां बाकी रह गए है '' कमांड1ने कहा.
'' हमनेतो सब जगहकी निशानिया मिटाई थी" कमांड2ने कहा.
" नही ... एक जगह साफ करनेका हम भूल गए" कमांड1ने कहा.
" कहां ?" कमांड2ने पुछा.
अबतक कमांड2भी उठकर खडा हूवा था.
"" तुझे याद होगा की ... जब मै हॉलमें किसी चीजसे टकराकर गिरनेवाला था ... तब वहां टी पॉयपर रखे एक कांचके पेपरवेटको मेरा धक्का लगा था ... और वह लुढकते हूए गिरने लगा था... ." कमांड1 बोल रहा था. .
कमांड2 कमांड1की तरफ चिंता भरी नजरोंसे देख रहा था.
" आवाज ना हो इसलिए मैने वह पेपरवेट उठाकर फिरसे उसकी पहली जगह पर रखा था...'" कमांड1ने कहा.
" माय गॉड ... उसपर तेरे उंगलीके निशान मिटाने तो रह ही गए "
कमांड1 गहन सोच मे डूब गया.
" अब क्या करना है ?" कमांड2 ने पुछा.
कमांड1 कुछ बोलनेके मनस्थीतीमें नही था. वह खिडकीके पास जाकर सोचमें डूबा खिडकीके बाहर देखने लगा. कमांड2को क्या करें और क्या बोले कुछ समझ नही रहा था. वह सिर्फ कमांड1की गतिविधीयाँ निहारने लगा. कमांड1 फिरसे खिडकीके पाससे वे दोनो जहां बैठे हूए थे वहां वापस आगया. उसने सामने रखा हूवा व्हिस्कीका ग्लास फिरसे भरा और एकही घूंटमे पुरा ग्लास खाली कर दिया. फिरसे कमांड1 खिडकीके पास गया और अपनी सोचमें डूब गया.
" कुछ ना कुछ तो होगा जो हम कर सकते है'' कमांड2 कमांड1को दिलासा देनेकी कोशीश कर रहा था.
कमांड1 कुछ समय के लिए स्तब्ध खडा रहा और अचानक कुछ सुझे जैसा चिल्लाया,
" यस्स ऽऽ"
" क्या कुछ रास्ता मिला ?" कमांड2 खुशीसे पुछा.
लेकिन कमांड1 कहां वह सब कहनेके मनस्थितीमें था? उसने कमांड2को इशारा किया,
" चल जल्दी ... चल मेरेसाथ चल"
कमांड1 दरवाजेसे बाहर गया और कमांड2 उसके पिछे पिछे असमंजसा चलने लगा.
हयूयानाके शवके आसपास इनव्हेस्टीगेशन कर रहे टेक्नीकल लोगोंकी भीड हूई थी. उनको दिक्कत ना हो इसलिए जॉन और सॅम बेडरूमसे बाहर चले गए. बाहर हॉलमेंभी जॉनके कुछ और साथी थे. उनमेंसे डॅन बाकी कमरोंमे कुछ मिलता है क्या यह ढूंढ रहा था. इतनेमें डॅनका व्हायब्रेशन मोडमें रखा हूवा मोबाईल व्हायब्रेट हूवा डॅनने फोन निकालकर नंबर देखा. नंबर तो पहचानका नही लग रहा था. डॅनने मोबाईल बंद कर जेबमे रखा और फिर अपने काम मे व्यस्त हूवा.
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थोडी देरमें डॅनके फोनपर एस. एम. एस. आया. एस. एम. एस. उसी फोन नंबरसे आया था. उसने मेसेज खोलकर देखा-
'डॅन फोन उठावो ... वह तुम्हारे लिए बहुत फायदेका सौदा रहेगा.'
डॅन सोचमें पड गया. ऐसा किसका एस. एम. एस. हो सकता है? फायदा यानी किस फायदेके बारेंमे वह बात कर रहा होगा? अपने दिमागपर जोर देकर डॅन वह नंबर किसका होगा यह याद करनेकी कोशीश करने लगा. शायद नंबर अपने डायरीमें होगा यह सोचकर उसने डायरी निकालनेके लिए जेबमें हाथ डालाही था की डॅनका मोबाईल फिरसे व्हायब्रेट होगया. वही नंबर था. डॅनने मोबाईलका बटण दबाकर मोबाईल कानको लगाया.
उधरसे आवाज आई-
'' मै जानता हू अब तुम कहा हो .. हयूयाना फिलीकींन्सके फ्लॅटमें ... जल्दीसे कोई सुनेगा नही , कोई देखेगा नही ऐसे जगहपर जावो... मुझे तुमसे बहुत महत्वपुर्ण बात करनी है ''
जॉन और अँजेनी हॉलमें बैठे थे.
'' इस दोनो खुनसे मै कुछ नतिजे तक पहूंचा हूं...'' जॉन अँजेनीको बताने लगा.
"'कौनसे?" अँजेनीने पुछा.
'' पहली बात... यह की यह खुनी .. इंटेलेक्च्यूअल्स इस कॅटेगिरीमे आना चाहिए'" जॉनने कहा.
'' मतलब?'' अँजेनीने पुछा
'' मतलब प्रोफेसर , वैज्ञानिक, मॅथेमॅटेशियन ... या ऐसाही कोई उसका प्रोफेशन होना चाहिए'" जॉनने अपना तर्क बताया.
'' कैसे क्या?"' अँजेनीने पुछा.
'' उसके शून्यसे रहे लगावसे ऐसा लगता है... लेकिन 0+6=6 और 0x6 =0 ऐसा लिखकर उसे क्या सुझाना होगा?'' जॉनने जैसे खुदसेही पुछा.
'' ऐसा हो सकता है की उसे सब मिलाकर 6 खुन करने होंगे'' अँजेनीने अपना कयास बताया.
"' हां हो सकता है'' जॉन सोचमें डूबा उसकी तरफ देखते हूए बोला.
जॉनने मौकाए वारदात पर निकाले कुछ फोटो अँजेनीके पास दिए.
'' देखो इस फोटोंसे कुछ खास तुम्हारे नजरमें आता है क्या?"" जॉनने कहा.
'' एक बात मेरे ध्यानमें आ रही है ...'' जॉनने कहा.
'' कौनसी?'' फोटोकी तरफ ध्यानसे देखते हूए अँजेनीने पुछा.
'' की दोनोभी खून अपार्टमेंटके दसवे मालेपरही हूए है ...'' जॉनने कहा.
अँजेनीने फोटो देखते हूए जॉनकी तरफ देखते हूए कहा, '" अरे हां... तुम बराबर कहते हो ... यह तो मेरे ध्यानमेंही नही आया था"''
अँजेनी फिरसे फोटो देखनेमें व्यस्त हूई. जॉन उसके चेहरेके हावभाव निहारने लगा. अचानक अँजेनीके चेहरेपर आश्चर्यके भाव आ गए.
'" जॉन यह देखो ...'' अँजेनी दो तस्वीरें जॉनके हाथमें पकडाते हूए बोली.
जॉनने वे दोनो तस्वीरे देखी और अनायास ही उसके मुंह से निकल गया,''
'" माय गॉड...''
जॉन उठकर खडा हो गया था.
...रात काफी हो चूकी थी. और उसमें जिस्मको चूभती हूई ठंड. पुलसे गाडीयोंके आने जानेकी चहलपहल अभीभी जारी थी. एक गाडी पुलसे किनारे आकर रुकी. उसमेंसे एक साया बाहर आया, उसने ठंडसे बचनेके लिये अच्छा खासा जाडा उलन कोट पहना हूवा था. ठंडके वजहसे या फिर कोई पहचान नही पाए इसलिए उसने सरपरभी उलनका कुछ पहना हूवा था. वह साया धीरे धीरे पुलके निचे उतरने लगा. पुलके निचे एक जगह रुककर उस सायेने फिरसे इधर उधर अपनी नजर दौडाई. फिर निचे झूककर जमीनसे कुछ पत्थर हटाकर कुछ ढुंढा. एक बडासा पत्थर हटाकर वह साया स्तब्ध हुवा. शायद पत्थरके निचे उसे कुछ दिखाई दिया था. उस सायेने वह क्या है यह टटोलकर देखा. उसने वह चिज उठाकर अपने कोट के जेबमें रखी और उस चिजकी जगह अपने कोटके जेबसे कपडेमें लिपटा हूवा कुछ निकालकर रख दिया. फिरसे हटाया हूवा वह बडासा पत्थर अपने जगहपर रख दिया. फिरसे वह साया इधर उधर देखते हूये अपने गाडीके पास जाने लगा. वह साया अपने गाडीके पास जाकर पहूचता नही की सामनेसे एक तेज दौडती हूई गाडी वहां से गुजर गई और उस गाडी के हेडलाईटकी रोशनी उस सायेके चेहरे पर पडी. वह साया दुसरा तिसरा कोई ना होकर जॉनका नजदिकी साथीदार डॅन था.
आज सुबह आयेबराबर आफिसके लोगोंको हॉलमें इकठ्ठा होनेका आदेश मिला. ऐसा बहूतही कम बार होता था. ऐसा क्या हूवा होगा की जॉनने अपने सारे साथीदारोंको हॉलमें इकठ्ठा होनेका आदेश दिया होगा? सॅम सोचमें पड गया. शायद हालहीमें शुरु सिरीयल किलरके सिलसिलेमेंही कुछ जरुरी होगा. सॅम जॉनका एकदम करीबी माना जाता था. ऐसा कुछ रहा तो उसे उसकी पहलेसेही जानकारी रहती थी. लेकिन आज वैसा नही हूवा था. बाकी लोगोंकी तरह आज सॅमभी मिटींगके उद्देशके बारेमे अनजान था.
सॅम जब हॉलमे आया तब वह वहां अकेलाही था. धीरे धीरे सबलोग आपसमें खुसुर फुसुर करते हूए आने लगे. बहुतोंने सॅमको पुछाभी. सॅमभी मिटींगके बारेमे अनभिज्ञ होनेका सबको आश्चर्य हो रहा था. अभी जॉन हॉलमें नही आया था. सबसे आखरी डॅन चोरोंकी तरह हलके पांवसे हॉलमें आया और एक कोनेमें जाकर बैठ गया. उसका चेहरा चिंताग्रस्त लग रहा था. जॉनको अपने कारनामेके बारेमें पतातो नही चला. लेकिन पता चलनेका कोई चान्स नही था. वह खुदको तसल्ली देने लगा. मैने किसका काम किया यह मुझेही पता नही तो फिर जॉनको पता होनेका कोई सवालही पैदा नही होता. मुझे किसी अज्ञात आदमीका फोन आया... उसने मुझे एक काम सौपा और उसके बदलेमे ढेर सारे पैसे दिये. पैसे भी मुझे किसी आदमीसे नही दिए गये थे, वे एक जगह रखे गए थे. डॅन अब थोडा रिलॅक्स हुवा. उसके चेहरेपरसे चिंताके बादल हटने लगे थे. इतनेमें अपने लंबे लंबे तेज कदमोंसे जॉनने हॉलमें प्रवेश किया. सिधे पोडीयमपर जाकर उसने उसके हाथमेंकी फाईल टेबलपर रख दी. आम तौर पर उसकी फाईल उसके पिछे पिछे कोई पियून लाता था. लेकिन आज उसके पिछे कोई नही था. उसकी फाइल उसने खुदही लाई थी. .
'" आज एक बुरी और उतनी ही सनसनीखेज खबर देनेके लिए मैने आपको यहां बुलाया है'' जॉन आये बराबर बोला.
इधर डॅनके दिलकी धडकन बढने लगी. जॉनने अपनी पैनी नजर हॉलमें सब तरफ घुमाई. मानो वह सबके चेहरेके भाव जानने की कोशीश कर रहा था.
उसने उसके फाईलमेंसे दो तस्वीरे निकाली और सामने बैठे उसके एक साथीके हाथमें देकर पुरे हॉलमें घुमानेके लिए कहा. तस्वीरे एकसे दुसरेके पास जाने लगी. किसीके चेहरेपर असंमजससे भ्रमभरे भाव थे तो किसीके चेहरेपर आश्चर्यके भाव छाने लगे थे.
'"दोनोभी तस्वीरे ध्यान देकर देखो'' जॉनने हिदायत दी.
हॉलमें खुसुरफुसुर होने लगी थी.
'"... दोनो तस्वीरोंमे एक टी पॉय है ... एक फोटोमें टीपॉयके उपर पेपरवेट रखा हूवा है ... तो दुसरे फोटोमें वह वहांसे गायब है... हमें सबको वारदात की जगह कोईभी वस्तू ना हिलानेकी हिदायत रहती है......" जॉनने फिरसे एकबार अपनी पैनी नजर हॉलमें घुमाई.
'" फिर वह पेपरवेट गया कहा? .... पेपरवेट गायब होता है इसका मतलब क्या?... की उस पेपरवेटमें ऐसी कोई बात थी की जिसकी वजहसे वह खुनी पकडा जाने की संभावना थी.... जैसे उसके उंगलियोंके निशान... खुनका अंश ... या ऐसाही कुछ ...'' जॉन का आवाज अब कडा हूवा था.
इधर डॅन अपने भाव छिपानेका भरसक प्रयास करने लगा.
'" तो पेपरवेट गायब होता है इसका मतलब क्या ?...की अपनेमेसेही कोई... गद्दार है और वह खुनीसे मिला हूवा है... ." जॉनने कहा.
हॉलमें स्मशानवत सन्नाटा फैला. डॅनकी आखोमें गद्दारीके भाव तैरने लगे थे. लेकिन क्या वे जॉनने पकडे थे?
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Re: 'शून्य' - (Shunya)-- Complete Novel

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...जॉनका दिमाग सोचसोचकर घुमने लगा था. दो खून हो चूके थे और खुनी का कोई ना अता पता था ना सुराग. कही थोडा पुछताछके लिए जावो तो प्रेसवाले पता नही कहासे आकर घेर लेते थे. जॉन दिखा नही के वे सब उसपर टूट पडते थे. अच्छा .. कोई केसमे कुछ नई डेव्हलपमेंट हो तो ही बतायेंगे ना. कुछ डेव्हलपमेंट ना होते हूए प्रेसवालोंको फेस करना बडा मुश्कील हो गया था. बाहर प्रेसवाले और अंदर उनकाही कोई आदमी अंदर की सारी बाते बाहर डीस्क्लोज कर रहा था. अंदर किसपे विश्वास किया जाए और किसपे नही कुछ समझमें नही आ रहा था. अब अंदर कोई पुलिसवालाही गद्दारी कर रहा है ऐसी खबर बाहर तक पहूच गई थी.
'अगला कौन?'
'पुलिसवालेही बेईमान तो खुनीको कौन पकडेगा?'
'और कितने लोगोंकी जान देनी पडेगी?'
ऐसे अलग अलग हेडींग की अलग अलग खबरें छापकर प्रेसवालोने सारे शहरमे दहशत फैलाके रख दी थी.
अब लोग पुलिसवालोंके कर्तव्यके बारेमेंही सवाल खडा करने लगे थे. और यह इतनाही टेंशन क्या कम था की उपर के वरीष्ठोने दबाव बनाना शुरु किया था. सोच सोचकर जॉन का दिमाग थक चूका था. जॉनने खिडकीसे बाहर झांककर देखा. शाम हो चूकी थी. अंधेरा होनेमे बस थोडाही वक्त बाकी था. अचानक जॉनको क्या सुझा क्या मालूम उसने उसके सामने रखा फोन उठाया, एक नंबर डायल किया -
"" क्या कर रही हो? ... '' वह फोनमें बोला.
'' कौन? ... जॉन! '' उधरसे अँजेनीका उत्साहसे भरा स्वर गुंजा.
'' कैसी हो?...'' उसने पुछा.
अपना आवाज अँजेनीने पहचाना उसकी खुशी जॉनके चेहरेपर झलक रही थी.
'' ठिक हू...'" उसका गहरा दुखी स्वर गुंजा.
उसे यह सवाल पुछना नही चाहिए था ऐसा जॉनको लगा. उसे अब क्या बोलना चाहिए की वह फिरसे आनंदीत हो. जॉन सोचने लगा.
" ... क्या कुछ जानकारी मिली ... खुनीके बारेमें ?" उधरसे अँजेनीने पुछा.
" इसी सवालसे पिछा छुडवानेके लिये तुम्हे फोन किया और तुम भी यही सवाल पुछो. .." जॉनने कहा.
" नही ....बहुत दिनोंके बाद तुम्हारा अचानक फोन आया ... इसलिए मैने सोचा कुछ केसमे नई डेव्हलपमेंट होगी..."" अँजेनी बोली..
"नही ... ऐसी कुछ खास डेव्हलपमेंट नही है... .. अच्छा ... मैने फोन इसलिए किया की... आज शामको तुम्हारा क्या प्रोग्रॅम है ? " जॉन असली मुद्देपर आते हूए बोला.
" कुछ खास नही" अँजेनी उधरसे बोली.
" फिर ऐसा करो ... तैयार हो जावो... मै आधे घंटेमें तुम्हे लेने आता हूं.... हम डीनरको जायेंगे... "" जॉन अपना हक जताते हूए बोला.
" लेकिन..."
" लेकिन वेकिन कुछ नही ... कुछ भी बहाना नही चलेगा... मै आधे घंटेमे पहूचता हू...'" जॉनने कहा.
और वह कुछ बोले इससे पहलेही फोन रखकर वह निकल भी गया.

इधर इतने जल्दी तैयारी करे तो कैसे करे इस दुविधामें अँजेनी पड गई थी. उसे भी बहुत दिनोसे अकेला रह रहके घुटनसी महसुस हो रही थी. उसे अब थोडे 'चेंज'की जरुरत महसुस होने लगी थी. उसने जल्दी जल्दी कपडे बदले और ड्रेसींग टेबलके सामने आईनेमे देखते हूए अपने बाल वाल संवारने लगी. उसे याद आ रहा थी की आज लगभग एक महना होनेको आया था की वह बाहर कही नही गई थी. सानीके खुनके बाद मानो उसका जीवन कैसे सुना सुना हो गया था. सानीके साथ वह हमेशा सज संवरके कभी शॉपींगके लिये, कभी घुमने के लिए तो कभी डिनरके लिए बाहर जाती थी. सानीका खयाल आते ही उसका सजा संवारा चेहरा मुरझा सा गया. इतनेमें डोअर बेल बज गई. बेल बजेबराबर उसे महसुस हूवा की न जाने क्यों उसके दिलकी धडकन तेज होने लगी है. वह उठकर दरवाजेके तरफ चली गई, दरवाजा खोला, सामने जॉन खडा था.
रेडी?" जॉनने अंदर आनेसे पहलेही पुछा.
" ऑलमोस्ट... ' उसे अंदर लेते हूए वह बोली.
दरवाजा अंदरसे लगाकर उसने जॉनको हॉलमें बैठनेके लिए कहा.
" जस्ट वेट अ मिनिट.." कहते हूये वह बचीकुची तैयारी करने के लिए अंदर चली गई. जॉन हॉलमें बैठकर हॉलका सामान, दिवारपर टंगी हूई पेंटीग्ज गौर से देखने लगा. देखते देखते उठकर वह खिडकीके पास चला गया. खिडकीके बाहर फिरसे वह गोल तालाब उसे दिखाई दिया. उसने पहले जब वह इन्व्हेस्टीगेशनके लिये आया था तब उसे देखा था. उस वक्त उसे इस तालाबके बारेमें बहुत सारे सवाल पुछने थे वे वैसे ही रह गए थे.
" यह तालाब नॅचरल है की कृत्रिम ?" उसने उत्सुकतावश बडे स्वर में अंदर अँजेनीसे पुछा.
" हां आती हूं... बस एकही मिनट... " अंदरसे अँजेनीभी जोरसे बोली.
उसके सवालके इस अनपेक्षित उत्तरसे वह सिर्फ मन ही मन मुस्कुराया.
थोडी देरमें उसके सामने सज धजकर जाने के लिए तैयार अँजेनी खडी थी. उसने पहले कभी उसे इस रुपमें नही देखा था. उसकी सुंदरता और ही खुलकर निखर रही थी.
" सुंदर दिख रही हो" जॉनने उसे कॉम्प्लीमेंट किया.
" क्या कह रहे थे... मै अंदर थी तब पुकारा था क्या ? ... " अँजेनी शरमाकर बात टालते हूए बोली.
"नही मै पुछ रहा था की यह पिछेका तालाब नॅचरल है या कृत्रिम" जॉन खिडकीके बाहर इशारा करते हूए खिडकीके पास जाकर बोला.
" यह ना... नॅचरलही है ... हजारो साल पहले एक बडी उल्का आसमानसे गिरी थी और उसके वजहसे यह तालाब बना... ऐसा कहते है... " अँजेनी खिडकीके पास जाकर बोली.
" तो भी मै बोल रहा था की यह तालाब एकदम परफेक्ट गोल कैसा ?" जॉनने कहा.
" अरे हां ... तो फिर निकलनेगे?" जॉन अपने सोचसे बाहर आते हूए बोला.
अँजेनीने आखोही आखोमें हां कहां और दोनो बाहर निकल पडे.
...रातका घना अंधेरा और उपरसे चूभती हूई कडाकेकी ठंड. ऐसे वातावरण मे बहुत सारे प्रेमी युगल रस्तेसे दिख रहे थे. रस्तेके उस तरफ एक आलीशान हॉटेल था. यह जगह शहरके दुसरे भागसे उंचा होनेके कारण यहांसे शहरकी रोशनाई किसी बिखरे हूए चांदनीकी तरह दिख रही थी. और तालाबके किनारे लगे हूए लाईट्स किसी राणीके गलेमें पहने हूए हिरेके हारकी तरह सुंदर लग रहे थे. और तालाबमें पडे उन लाईट्स की परछाईयां उस नेकलेसको और ही सुंदर बना रही थी. इस माहौलमे एक विषम जोडा था - कमांड1 और कमांड2 का. उधर कोनेमें सबसे हटकर उनकी कुछ गहन चर्चा चल रही थी. तभी हॉटेलके सामने एक बडीसी आलीशान गाडी आकर रुकी. गाडीसे जॉन और अँजेनी उतरे. उनको देखतेही कमांड1 और कमांड2 की चर्चा बंद हूई. वे दोनो चोरी छिपे जॉन और अँजेनीके तरफ देखने लगे.
अँजेनी और जॉन हॉटेलके खुले हॉलमें एक कोनेमे बैठे थे.
'' क्या लेंगी?... ड्रिंक्स?'' जॉनने पुछा.
'' नही... तुम्हे लेना है तो तुम लो... '' अँजेनीने कहा.
'' नही फिर मै भी नही लुंगा. ... अच्छा खानेके लिए क्या प्रीफर करेंगी "" जॉन ने पुछा.
'' कुछभी... तुम जो ठिक समझो." अँजेनीने कहा.
" चायनीज?" जॉन ने पुछा.
अँजेनीने हां मे गर्दन हिलाई.
"" पहले सूप मंगाएंगे ... कार्न सूप ?" जॉनने फिरसे उसे पुछा.
उसने फिरसे गर्दन हिलाकर हां कहा. जॉनने उसके हाथमेंका मोबाईल सामने टेबलपर रख दिया और उसकी नजरें आर्डर देनेके लिए वेटरको ढुंढने लगी.
"" ऐसा लगता है की... तुम यहां हमेशा आते हो... '' अँजेनी कुछतो बोलना है ऐसे बोली.
'' हां वैसे हमेशाही आता हूं... लेकिन एक सुंदरीके साथ पहली बार आया हूं '' वह शरारती लहजेमें बोला.
अँजेनी मंद मंद मुस्कुराई. इतनेमें वेटर वहां आया. जॉनने सूपकी आर्डर दी.
"" अब कैसी है तुम्हारी तबीयत ... इतनेमें डॉक्टरके पास गई थी क्या?" जॉनने उसको पुछा.
'" वैसे तो ठिक है.... कल ही गई थी डॉक्टरके यहां ...लेकिन वेभी क्या उपचार करेंगे... मुझे तो कुछ भी समझमें नही आ रहा है.,.. की इस हादसेसे कैसे बाहर निकला जाए"" अँजेनीने कहां.
उसके चेहरेपर फिरसे दुखकी छटा छा गई.
'' वक्त ... वक्त सब जख्म भर देता है .... लेकिने बोलनेवाले कितनाभी बोले... जिसपर बितता है वही दुखकी मार समझता है... '' जॉनने उसके हाथपर अपना तसल्लीभरा हाथ रख दिया.
"वक्त .... हा वक्तही.... लेकिन कितना '' अँजेनी आह भरकर बोली.
'' अच्छा तुमने कामपर जाना अभी शुरु किया है की नही?" जॉनने पुछा.
'' नही ... मेरा अब किसीभी बातमें मन नही लगता... फिर वहां जाकर क्या करु?" वह बोली.
'' मेरी मानो... कलसे कामपर जाना शुरु करदो.... काममे व्यस्त रहना तुम्हारे लिए बहुत जरुरी है... काममें व्यस्त रहनेसे धीरे धीरे आदमी दुख भूल जाता है... '" जॉनने सलाह दी.
'' देखती हू... तुम कहते हो वैसाभी करके देखती हूं'" उसने कहा.
जॉनने उसके हाथपर रखा हूवा हात हलकेही अपने हाथमें लेते हूए वह बोली,
'' इस बुरे वक्तमें सचमुछ तुमने मुझे बहुत सहारा दिया... '' वह उसका हाथ और कसकर पकडते हूए बोली.
इतनेमें जॉनको खिडकीके बाहर रस्तेपर एक गाडी जाते हूए दिखी. उस गाडीके पिछेके कांचपर खुनसे शुन्य निकाली हूई तस्वीर थी. जॉन एकदमसे खडा हूवा.
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" तूम यही रुको... मै अभी आता हूं... '' ऐसा बोलते हूए जॉन वहांसे दौडते हूएही हॉटेलके बाहर निकला. अँजेनी घबराकर क्या हूवा यह देखने लगी. वह खिडकीसे बाहर देखनेतक बाहर की गाडी उसके आंखोसे ओझल हूई थी. वह भी उठकर गडबडमें जॉनके पिछे पिछे जाने लगी. लेकिन तबतक जॉनने अपनी गाडी पार्किंगसे निकालकर रस्तेपर एक दिशामें जोरसे दौडाई थी. अँजेनी हॉटेलके सिढीयोंपर असमंजससी इधर उधर देखती हूई खडी रही.
जॉनकी गाडी तेजीसे दौडने लगी थी. थोडीही देरमें जिस गाडीके पिछेके कांच पर खुनसे शुन्य निकाली हूई तस्वीर लगी थी वह गाडी उसे दिखाई देने लगी. वह गाडी दिखतेही जॉनके शरीर मे और जोश आगया और उसके गाडीकी गती उसने और बढाई. थोडीही देरमें वह उस गाडीके नजदीक पहूंच गया. लेकिन यह क्या? उसकी गाडी नजदीक पहूचतेही सामनेके गाडीने अपनी रफ्तार और तेज कर ली और वह गाडी जॉनके गाडीसे और दूर जाने लगी. जॉननेभी अपने गाडीकी रफ्तार और बढाई. दोनो गाडीकी मानो रेस लगी थी. रस्तेपर दुसरी ऐसी कोई खास ट्रॅफिक नही थी. यही दो गाडीयॉं एक के पिछे एक ऐसे दौड रही थी. जानको फिरसे लगा की वह अब सामनेके गाडीके नजदीक पहूंच सकता है. जॉनने उसके गाडीकी गती और तेज कर दी. थोडीही देरमें जॉनकी गाडी सामनेकी गाडीके एकदम नजदीक जाकर पहूंची. जॉनने जेबसे रिव्हॉल्वर निकाला और वह सामनेके गाडीके दिशामें फायर करनेही वाला था की अचानक सामने के ग़ाडीके कर्रऽऽ कर्रऽऽ ऐसा आवाज करते हूए ब्रेक लगे. जॉनकी गाडी उस गाडीके एकदम पिछे अनियंत्रित और बेकाबू रफ्तारसे दौड रही थी. सामनेके गाडीके ब्रेक लगे बराबर जॉनको अपने गाडीके ब्रेक दबानेही पडे. उसके गाडीके टायर चिखने लगे और सामनेके गाडीके साथ होनेवाली टक्कर बचानेके चक्करमें उसकी गाडी रोडसे निचे उतरकर एक जगह रुक गई. बडा भयानक ऍक्सीडेंट होते होते बचा था. ! ऍक्सीडेंट बचा यह देखकर जॉनके जानमे जान आयी. लेकिन यह क्या. वह दुसरी गाडी फिरसे शुरु हूई और जोरसे जॉनके गाडीके तरफ दौडने लगी. जॉन घाबराकर गाडीसे बाहर निकलने की कोशीश करने लगा था लेकिन तबतक वह गाडी उसके गाडीको डॅश कर निकलभी गई थी. जॉन इस हादसे संभलता नहीकी उसने देखा की उस गाडीसे उसकी दिशामें रिव्हॉल्वरकी गोलीयां आने लगी है. थोडी देरमें वह गाडी तेज रफ्तारसे निकल गई और फिर नजरोंसे ओझल हूई. जॉन उसकी गाडी शुरु करनेका प्रयास करने लगा. लेकिन उसकी गाडी शुरु होनेका नाम नही ले रही थी. आखीरमें लंगडते हूए वह गाडीसे बाहर आया और सामनेकी गाडी उसकी पहूंचसे निकलती देखकर चिढकर गुस्सेसे उसने अपनी कसी हूई मुट्ठी अपने गाडीपर जोरसे दे मारी.
...इधर अँजेनी जॉनकी राह देख देखकर थक गई थी.
क्या हूवा होगा ? ...
जॉन कहा गया होगा?...
इतनी देरसे वह अभीतक वापस क्यों नही आया ?...
उसे चिंता होने लगी थी.
अच्छा फोन करने जाओ तो ...
तो वह अपना मोबाईल यही छोडके चला गया था .
उसे कुछ सुझाई नही दे रहा था. कभी वह अंदर जाकर उसकी राह देखती तो बाहर कुछ आवाज होनेपर फिरसे बाहर आकर देखती थी. उसे उसकी इतनी चिंता क्यो हो?
उसे खुदकाही आश्चर्य लग रहा था. इतनेमें फिरसे बाहर किसी गाडी आनेकी आहट उसे हूई. वह उठकर फिरसे बाहर आ गई. एक गाडी आकर हॉटेलके बाहर आकर रुकी थी. लेकिन वह जॉनकी गाडी नही थी. वह एक प्रायव्हेट टॅक्सी थी. वह अंदर जानेके लिए पलटी तो पिछेसे उसे आवाज आया -
'"अँजेनी''
उसने पलटकर देखा तो टॅक्सीसे जॉन उतरा था. उसके सारे बाल उलझे उलझे और शर्ट एक जगह फटा हूवा और शर्टपर काले काले मैल के धब्बे पडे हूए थे.
क्या हूवा होगा ? ...
उसे चिंता होकर वह जॉनके तरफ जाने लगी. जॉनभी लंगडता हूवा उसकी तरफ आने लगा.
"" क्या हूवा?"" वह तत्परतासे उसके पास जाते हूए वह बोली.
कुछ ना बोलते हूए जॉन लंगडते हूए उसकी तरफ चलने लगा. उसने झटसे जाकर उसे सहारा दिया.
"" हमें हॉस्पीटलमें जाना चाहिए '" अँजेनी उसे कहा कहा लगा यह देखते हूए बोली.
'' नही .... उतना कुछ खास लगा नही ... सिर्फ कुछ कुछ जगह सुजन आई हूई है..'' वह किसी तरह बोला.
'" तो भी चेकअप करनेमें क्या हर्ज है..?" वह जानेवाली टॅक्सीको रुकनेके लिए हाथ दिखाते हूए बोली.
उसने उसे सहारा देकर टॅक्सीमें बिठाया और वहभी उसके पास उसे सटकर बैठ गई.
'' थ्री कौंटीज हॉस्पिटल'" उसने टॅक्सीवालेको आदेश दिया.
'"नही ...सचमुछ वैसी कोई जरुरत नही'' जॉनने कहा.
'' तुम्हारी गाडी किधर है?"" अँजेनीने पुछा.
'" है उधर ... पिछे... रस्तेके किनारे.... बडा अॅक्सीडेंट होते होते बचा '" वह बताने लगा.
'' ड्रायव्हर ... गाडी पोलीस क्वार्टर्सको लेना '" जॉनने बिचमेंही ड्रायव्हरको आदेश दिया.
ड्रायव्हरने गाडी स्लो कर एकबार अँजेनी और फिर जॉनकी तरफ देखा. अँजेनीने 'ठीक है ... वह जहा कहता है उधरही लो' ऐसा ड्रायव्हरको इशारेसेही कहा.
....अँजेनी जॉनको सहारा देते हूए उसके क्वार्टरकी तरफ ले जाने लगी.
" अच्छा, तो ... उन्होने तुमपर हमला किया था... तूमने ऐसा अकेला घुमना अब खतरेसे खाली नही है.... तूमने हमेशा अपने साथ प्रोटेक्शन लेना चाहिए... "" अँजेनी उसका सब अबतक का कहा सुनकर एक निष्कर्षपर पहूच गई.
" नही ... हमला नही किया उन्होने.... अगर वे चाहते तो आज मुझे जानसेभी मार सकते थे... लेकिन उन्होने ऐसा नही किया.... '" वह चलते हूए उसका सहारा लेते हूए बोला.
"तुमपर गोलीयाऑं बरसाईना उन्होने? " अँजेनीने फिरसे पुछा.
" हां ... लेकिन सब मेरे इर्द गिर्द ... एकभी गोली मेरे नजदिकसेभी नही गई... वे उनकी गाडीसे उतरकरभी मुझपर गोलीयॉं बरसा सकते थे... " जॉनने अपना तर्क प्रस्तूत किया.
" अच्छा जाने दो... तुम्हे कोई सिरीयस चोट तो नही आई ना ... यह सबसे महत्वपुर्ण'' वह उसे दिलासा देते हूए बोली.
"उन्होने सिर्फ मुझे उकसानेका प्रयत्न किया .. ऐसा लग रहा है की वे इस सिरीयल किलींगका जादा से जादा प्रचार करना चाहते है'' जॉनने अपना अंदाजा बयान किया.
"लेकिन उससे क्या होगा?" अँजेनीने आश्चर्यसे पुछा.
"वही तो एक पहेली है जो मुझसे सुलझ नही रही है... " जॉन चाबीसे अपना फ्लॅट खोलनेका प्रयत्न करते हूए बोला.
अँजेनीने उसके हाथसे चाबी ली और वह खुद फ्लॅट का ताला खोलने लगी.
जॉन बेडपर अपना शर्ट निकालकर पडा हूवा था. उपरसे कुछ लग नही रहा था फिरभी उसके शरीरपर जगह जगह लगने के लाल निशान थे. अँजेनीने उसे जहा जहा लगा था वहा मलम लगाकर दिया और सेकनेके लिए सेकनेकी रबर की थैली गरम पाणीसे भरकर दी.
'' अच्छा अब मै चलती हू... तुम आराम करो... बहुत देर हो गई है'' अँजेनीने उसके कंधेपर थपथपाकर कहा.
जैसेही वह जानेके लिए मुडी जॉनने उसके कंधेपर रखा हूवा उसका हाथ पकड लिया. उसने मुडकर उसकी तरफ देखा. उसका चेहरा लाजके मारे लाल लाल हूवा था. जॉन उसकी ऑंखोमें आखे डालकर देखने लगा. उसकी ऑंखेभी उसके ऑंखोसे हटनेके लिए तैयार नही थी. दोनोंके दिलकी धडकने तेज होने लगी. जॉनने उसे नजदिक खिंच लिया. अब दोनोभी इतने नजदिक आये थे की उनको एकदुसरेंकी गरम सांसे और दिलकी बढी हूई धडकनें महसुस होने लगी थी. जॉनने धीरेसे उसके कांपते होठोंपर अपने गरम होंठ रख दिए और उसे कसकर अपनी बाहोंमे भर लिया. जॉनको याद आया की उसे कृत्रिम सासें देते वक्त उसने ऐसेही उसके होठोंपर अपने होंठ रखे थे. लेकिन उस वक्त और अब कितना फर्क था. क्रिया वही थी लेकिन भावनाओंने उसे कितना अलग अर्थ दिया था. आवेगमें वे एकदुसरेंके चेहरेपर, होठोंपर, गर्दनपर चुमने लगे. जॉन हलकेसे उसके बडी बडी सासोंकी वजहसे उपर निचे होते सिनेके उभोरोंको छुने लगा.
"अँजेनी... आय लव्ह यू सो मच" अनायास उसके मुंहसे निकल गया.
"आय टू" बोलते हूए वह किसी लता की तरह उसे कसकर लिपट गई.
" आं..ऊं" जॉन जोरसे चिल्लाया.
"क्या हूवा ?" झटसे उससे हटकर उसने पुछा.
" कुछ नही... पिठपर जहा लगा है वहा थोडा दब गया " वह बोला.
" आय अॅम सॉरी" वह शरमाकर बोली.
उसने हंसते हुए उसे फिरसे अपने बाहोंमे भर लिया. वह भी हंसने लगी. और फिर दोनो कब अपने प्रेममिश्रीत प्रणयमें लीन हुए उन्हे पताही नही चला.
... कमांड1 काम्प्यूटरपर कुछतो कर रहा था. कमांड2 उसके बगलमें हाथमें व्हिस्कीका ग्लास लेकर शानसे बैठा था.
'" सालेको कुचलना चाहिए था '" कमांड2 अपना व्हिस्कीका ग्लास एकही घुंटमें खाली करते हूए बोला.
" अरे नही ... उसे जिंदा रखना बहुत जरुरी है '" कमांड1 काम्प्यूटरपर तेजीसे कमांडस् टाईप करते हूए बोला.
उतनेमें बगलमें रखे फोनकी घंटी बजी.
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