कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास complete

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Jemsbond
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास

Post by Jemsbond »

Rohit Kapoor wrote:जेम्स भाई एकदम हॉट अपडेट



thanks bro
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Jemsbond
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास

Post by Jemsbond »



थोड़ी देर बाद दोनो पोज़िशन बदलती हैं. अब सीमी उप्पर होती है और राम्या नीचे और एक दूसरे की चूत को चाटना, चूसना लगा रहता है, दोनो की ज़ुबाने भी एक दूसरे की चूत के अंदर बाहर होती रहती हैं.
आधे घंटे की मेहनत के बाद दोनो का जिस्म अकड़ने लगता है और दोनो ही अपना बाँध एक साथ छोड़ देती हैं. लपलप दोनो एक दूसरे का पानी पी जाती हैं और हाँफती हुई अलग लेट जाती हैं.
सीमी ने आज पहली बार किसी लड़की के साथ सेक्स किया था और वो आँखें बंद कर उस अनुभव को अपने अंदर समेटती रहती है.

राम्या की साँसे जैसे ही संभलती हैं वो फिर सीमी के चेहरे को चाट कर अपने रस का स्वाद चख़्ती है, सीमी भी उसका चेहरा चाट कर सॉफ कर देती है.


जब दोनो के चेहरे सॉफ हो जाते हैं तो राम्या उसे फिर सवाल करने लगती है.

राम्या : चल भुज गई तेरी प्यास, अब बता आगे क्या हुआ?
सीमी : यार आज रहने दे बाकी कल बताउन्गि. मुझ से और सहा नही जाएगा मैं फिर से गरम हो जाउन्गि और कल बहुत काम करने हैं.

राम्या मन मसोस के रह जाती है और दोनो चिपक के सो जाती हैं.
रात को सोने से पहले राम्या ने सीमी के बूब्स की फोटो खींच ली और सुबह वो जल्दी उठ गई. सीमी अभी सो रही थी. राम्या ने अपना लाटॉप खोला और विमल को सीमी के बूब्स की फोटो भेज दी.
एक रिमार्क के साथ. "पहले वाले बूब्स चूसना चाहते हो या इन्हें, जवाब जल्दी देना"


इसके बाद वो सीमी को उठती है. दोनो तैयार होती हैं नाश्ता करती हैं और अपने अपने काम पे निकल जाती हैं. कल रात माँ को नींद नही आई एक आदत सी पड़ गई थी राम्या के जिस्म की. दो रातों से लगातार राम्या के बदन के साथ खेलना और अपने बदान से खिलवाना माँ को अब अच्छा लग रहा था. माँ ने कभी लेज़्बीयन नही किया था सिर्फ़ दो बार को छोड़ कर जब उसने अपने पति के ज़ोर देने पर देवर और देवरानी के साथ सामूहिक चुदाई करी थी. उसके बाद उसने ये बंद कर दिया. देवर उसका दीवाना हो गया था.

माँ का दिल काम में बिल्कुल नही लग रहा था वो इंतेज़ार कर रही थी राम्या के आने का.

उधर विमल को जकप की जब मैल मिलती है तो वो बोखला जाता है. इस बार किसी और लड़की के बूब्स की फोटो भेजी गई थी. आख़िर ये लड़की कौन है क्या चाहती है?. क्या गेम खेल रही है ? वो मैल का कोई जवाब नही देता और सोच में डूबा रहता है. आख़िर ये जकप कौन है, उसके पास मेरी मैल आइडी कैसे आई?
...........................................
यहाँ विमल जकप को लेकर परेशान था जो उसे लगातार टीज़ कर रही थी. उधर उसके पिता को काम में बहुत बड़ा झटका लगा. एक बिल्डिंग जो उन्होने तैयार कराई थी उसकी छत में दरार आ गई.

किसी ने उन्हें एक नामी पंडित के पास जाने के लिए कहा तो पंडित महाशय ने बच्चों का दोष बताया जो शत्रु घर में बैठे थे उपाय ये बताया कि सबके नाम बदल दो.ख़ासकर लड़कियों के. और एक खास हवन करना होगा जिसके लिए उसने 25000 माँगे. 25000 देना कोई बड़ी बात नही थी, वो राम्या के पिता ने दे दिए.

अंदर ही अंदर वो बहुत परेशान थे, कैसे समझाएँगे सबको कि नाम क्यूँ बदलना है. और कितने झंझटों से गुज़रना पड़ेगा.
खैर अभी तो उन्होने अपना ध्यान उस बिल्डिंग को सुधारने में लगाया.

यहाँ शाम को जब राम्या घर पहुँची तो सीधा माँ के गले लग गई. सीमी अभी तक नही आई थी.
माँ ने रात के खाने की कोई तैयारी नही करी थी, तो राम्या ने कहा कोई बात नही इस बहाने हम सीमी को बाहर ट्रीट दे देंगे. अब दोनो सीमी का इंतेज़ार कर रही थी.

रात को राम्या सीमी को अपने कमरे में ले गई और फिर शुरू हुई सीमी की दास्तान.
सीमी : कुछ दिन तो विक्की मुझे सिर्फ़ सहलाता रहा मेरे बूब्स सहलाता, मेरी जंघे सहलाता अपना लंड मेरी गंद में रगड़ता. मैं भी रोज गरम हो जाती थी,पर मैं उसके आगे बढ़ने का इंतेज़ार कर रही थी. एक दिन मम्मी पापा कहीं गये थे और दो दिन बाद वापस आने का कह के गये. उस दिन दोपहर में मैं काफ़ी थक के आई थी और आते ही सो गई. विक्की भी उस दिन दोपहर में आ गया, रोज देर से आता था पर उस्दिन जल्दी आ गया. उसके पास चाबी रहती है तो बिना बेल किए अपनी चाबी से ताला खोल के अंदर आ गया और सीधा मेरे रूम में आया. मैं सोई पड़ी थी, उसने अपनी शर्ट उतारी और मेरे साथ चिपक गया.
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Jemsbond
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास

Post by Jemsbond »


राम्या : अच्छा फिर ?
सीमी : अरे बता रही हूँ ना.

सीमी : उसने मेरे बूब्स इतनी ज़ोर से मसले कि मेरी चीख निकल गई और मैं उठ के बैठ गई. और उसे कुछ ना कह कर मैं पेट के बल लेट गई. मेरी चुप्पी को उसने रज़ामंदी समझा और मेरी टॉप उठा कर मेरी कमर चूमने लगा. दिल तो मेरा कर रहा था क़ि मैं उस से चिपक जाउ और सारी हदें तोड़ दूं. पर मैं उसे तड़पाना चाहती थी. ताकि वो सिर्फ़ मेरा ही बन के रहे कहीं और मुँह ना मारे.

राम्या : लड़के कभी किसी के सगे नही बन के रहते, जब तक उन्हें चूत मिलती है तब तक चिपके रहते हैं और जैसे ही शादी की बात करो तो छोड़ देते हैं किसी और चूत की तलाश में. और तूने कौन सी विक्की से शादी करनी है जो उसे बाँध के रखना चाहती थी.
सीमी : बाँध के तो उसे मैने रख लिया है. जब तक हमारी शादी नही होती वो बाहर किसी लड़की के पास नही जाएगा. शादी के बाद उसे चूत मिल जाएगी और मुझे लंड. फिर सोचेंगे हम अपने इस रिश्ते को आगे कंटिन्यू रखे या नही.
राम्या : ओह हो गुलाम बना लिया है तूने विक्की को.
सीमी : गुलाम नही अपने जिस्म का यार, कभी कभी तो दिल करता है कहीं दूर चले जाएँ जहाँ हमे कोई जानता ना हो और शादी कर लें. खैर बाद में देखेंगे क्या करना है.
राम्या : आगे बता ना.
सीमी : वो मेरी टॉप उठाता गया कमर से लेकर पीठ पे चूमने लगा. फिर जब उसने मेरी ब्रा का हुक खोला तो मैं उठ के बैठ गई.
और हमारी बात इस तरहा हुई :
सीमी : क्या कर रहा है विक्की, मेरी ब्रा क्यूँ खोल रहा है. तुझे शर्म नही आती मैं तेरी बहन हूँ. कितने दिनो से देख रही हूँ तू रोज रात को मुझे छेड़ता है, और अब तू इतना आगे बढ़ने लगा.
विक्की : सीमी मैं तुझसे प्यार करता हूँ.
सीमी : प्यार माइ फुट, तू सिर्फ़ मेरा जिस्म चाहता है और भाई बहन में ये सब नही होता.
विक्की : नही सीमी अगर मैं सिर्फ़ तेरा जिस्म चाहता तो इतने दिन रुकता नही. मेरी आँखों में झाँक कर देख क्या तुझे इसमे वासना नज़र आती है. लड़कियों की कोई कमी नही है मुझे मैं सिर्फ़ तुझे पसंद करता हूँ.
सीमी : नही विक्की ये ग़लत है
विक्की : कुछ ग़लत नही है, तू लड़की है और मैं एक लड़का, हम दोनो को एक दूसरे की ज़रूरत है.
सीमी : आज तेरी ज़रूरत पूरी हो जाएगी तो फिर तू किसी और के साथ लग जाएगा, मेरा क्या होगा. और एक बार मेरी सील टूट गई तो शादी के बाद क्या मुँह दिखाउन्गि. क्या कहूँगी.
विक्की : आज कल कौन सी लड़की शादी तक कुँवारी रहती है. और मैं तुझ से वादा करता हूँ जिंदगी भर तुझे नही छ्चोड़ूँगा.
सीमी : सच. अगर मुझे पता चला तू किसी और लड़की के साथ .....तो जान से मार दूँगी तुझे भी और खुद को भी.
विक्की : नही मेरी जान, मेरी जिंदगी में और कोई लड़की नही आएगी.

और विक्की मेरे करीब आ गया.मैने अपनी नज़रें झुका ली . उसने मेरा चेहरा उपर किया और मेरे होंठों पे अपने होंठ रख दिए. अहह मेरा पूरा जिस्म कांप उठा और मेरी आँखें बंद हो गई. मैं उसकी बाँहों में खो गई. हमारे कपड़े कब उतरे पता ही नही चला.
मुझे लिटा कर वो मेरे उपर आ गया और मेरे होंठ चूसने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी और उसके सर को थाम कर अपने होंठ खोल दिए. उसकी ज़ुबान मेरे मुँह में घुस गई और हम दोनो गहरे स्मूच में खो गये.


मेरे होंठों को चूस्ते हुए वो मेरे निपल को निचोड़ने लगा. उसका हाथ लगते ही मैं सिसक पड़ी उफफफफफफ्फ़ क्या बताउ सीधा तरंगे मेरी चूत तक जाने लगी और मेरी चूत में हज़ारों चीटियाँ रेंगने लगी.

राम्या : अच्छा फिर
सीमी : फिर क्या बच्ची तू चुस्कियाँ ले रही है और मुझे उसके लंड की याद आ रही है. अब सोने दे मुझे नही तो मेरी रात खराब हो जाएगी.
राम्या सीमी के उपर चढ़ जाती है और उसके होंठ चूसने लग जाती है.
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास

Post by jay »

बॉन्ड भाई मस्त अपडेट है
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास

Post by 007 »

क्या बात है जय पाजी धमाके पर धमाके कर रहे हो
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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