काले जादू की दुनिया complete

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Jemsbond
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Re: काले जादू की दुनिया

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“तुम्हारे पीरियड्स कब आए थे...” करण ने पूछा.

“दस दिन पहले....इसका मतलब है कि अब मैं ज़रूर प्रेग्नेंट हो जाउन्गि...”

“क्या तुम यह बच्चा नही रखना चाहती...”

“पागल हो गये हो क्या...मैं तो इस बच्चे को ज़रूर जन्म देना चाहूँगी...अक्खिर यह मेरे और तुम्हारे संभोग की पहली निशानी है...” निशा करण के चौड़े सीने पर अपना सर रखती हुई बोली.

तभी निशा की नज़र घड़ी पर गयी. यह सब के चक्कर मे सुबह के तीन बज चुके थे. निशा हड़बड़ाते हुए बोली, “ओह्ह माइ गॉड करण...मेरे मम्मी पापा 6 बजे की फ्लाइट से वापस आ जाएँगे....अब मैं क्या करू...अब मैं क्या करू...”

“प्लीज़ निशा डॉन’ट पॅनिक...सब कुछ ठीक हो जाएगा...”

एक पल के लिए निशा करण की आँखो मे देखते हुए बोली, “प्लीज़ करण मैं यह शादी नही करना चाहती...”

करण को निशा की आँखो मे आँसू और साथ ही साथ उम्मीद की नज़र दिखाई दी. उसने प्यार से निशा के आँखो से आँसू पोछे और बोला, “तुम सिर्फ़ मेरी हो निशा...तुम्हे मुझसे कोई जुदा नही कर सकता...ना भगवान...ना शैतान....और ना ही इंसान..” कहते हुए करण खड़ा हुआ और जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहन ने लगा.

निशा उसे हैरान नज़र से देख रही थी, तभी करण ने उसे कहा, “निशा चलो तय्यार हो जाओ...अपनी कुछ ज़रूरत का समान और कुछ कपड़े जल्दी जल्दी पॅक कर लो..”

निशा की कुछ समझ मे नही आया, “पर यह सब क्यू करण...क्या हम कही जा रहे है...?”

“हां....मैं तुम्हे यहा से हमेशा के लिए भगा कर ले जा रहा हू...”



निशा उसकी बात सुन कर सन्न रह गयी. निशा को ऐसे हैरान परेशान देख कर करण बोला, “देखो निशा तुम्हारे पापा मुझे सिर्फ़ इसलिए पसंद नही करते क्यूकी तुम पंडित हो और मैं राजपूताना ठाकुर हू और वो भी अनाथ....इसलिए वो हमारी इंटरकॅस्ट शादी के लिए कभी तय्यार नही होंगे....इसलिए आज तुम्हे फ़ैसला करना होगा कि तुम्हे उनके साथ रहना है कि मेरे साथ.” कहते हुए करण वापस अपनी शर्ट और पॅंट पहन ने लगा.

“पर मैं अपने मम्मी पापा को अचानक कैसे छोड़ दूं...” निशा की आँखो मे आँसू आ गये. उसे आज वो करना पड़ रहा था जिस से वो सबसे ज़्यादा डरती थी और वो था अपने माँ बाप और अपने प्रेम के बीच चुनाव.

करण निशा के पास बैठ कर उसके कंधो पर हाथ फेरता हुआ बोला, “निशा अगर तुम मुझे छोड़ कर अपने माँ बाप को चुनती हो तो मुझे ज़रा सा भी बुरा नही लगेगा....आख़िर माँ बाप को खोने का दर्द मुझ जैसे अनाथ से ज़्यादा और कॉन समझ सकता है...”

“नही करण मैं तुम्हे नही छोड़ सकती....पर मैं अपने माँ बाप को भी नही छोड़ सकती....हे भगवान अब मैं क्या करू..”

“कोई बात नही निशा...अगर तुम कहो तो मैं यहाँ से चला जाता हू...पर मैं हमेशा ज़िंदगी भर तुम्हारा इंतेज़ार करूँगा, कुँवारा बैठा रहूँगा और कभी भी शादी नही करूँगा...क्यूकी शादी तो कल रात हो ही गयी है मेरी...”

करण की इस बात पर निशा मर मिटी. वो झट से करण के गले लग गयी और बोली, “करण तुम मुझे मेरे मम्मी पापा से भी ज़्यादा समझते हो...ग़लती तुम मे नही उनमे है जो जात बिरादरी के नाम पर अपनी बेटी की खुशियो का गला घोटना चाहते है...मैने फ़ैसला कर लिया है...मैं तुम्हे चुनती हू और अपने मम्मी पापा को ठुकराती हू..”

“तो क्या तुम मेरे साथ चलोगि....?” करण निशा के सर पर हाथ फेरता हुआ बोला.

“हाँ मैं तुम्हारे साथ चालूंगी....जहाँ भी तुम ले चलो मैं वहाँ तुम्हारे साथ जाने को तय्यार हू....बस मुझे इस जिंदगी मे धोका मत देना वरना मैं मर जाउन्गि...” निशा करण के सीने से चिपकते हुए बोली.

“तो चलो ठीक है तय्यार हो जाओ...मैं तुम्हे अपने अपार्टमेंट ले चलूँगा...और आख़िर मैं भी एक सक्सेस्फुल डॉक्टर हू...अपनी बीवी की हर ख्वाइश को पूरा कर सकने मे समर्थ हू...” करण ने प्यार से निशा के गोरे गालो को चूमते हुए बोला.

“नही करण हम तुम्हारे अपार्टमेंट नही जाएँगे क्यूकी मेरे पापा को तुम्हारे अपार्टमेंट का पता मालूम है....और तुम तो जानते हो कि उनके कितने पोलिटिकल और पोलीस कनेक्षन्स है....वो हमे चैन से जीने नही देंगे..” निशा अपना डर जाहिर करते हुए बोली.

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Jemsbond
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Re: काले जादू की दुनिया

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कुछ देर सोचने के बाद करण बोला, “मुझे एक जगह पता है जहाँ हम कुछ महीनो के लिए आराम से रुक सकते है...फिर हम किसी दूर शहर मे अपना एक मकान लेकर सारी जिंदगी एक दूसरे की बाँहो मे बिताएँगे...”

“वो सब तो ठीक है करण...पर मुझे ना जाने क्यू बहुत डर लग रहा है....ऐसा लग रहा है जैसे कोई अनहोनी होने वाली है....मेरा जी तो बहुत घबरा रहा है...”

“निशा तुम अपने दिमाग़ से यह भ्रम निकाल दो...सब कुछ ठीक हो जाएगा...बस तुम अभी जल्दी से समान पॅक करो ताकि हम तुम्हारे पेरेंट्स के आने से पहले यहाँ से निकल सके....” बोलते हुए करण निशा की पॅकिंग मे मदद करने लगा. निशा ने भी कपड़े पहने और निकलने की तय्यारी करने लगी.

निकलते निकलते निशा ने अपने कमरे को एक आख़िरी बार देखा, उसकी आँखे नम थी, उसे पता था वो घर से करण के साथ भाग रही है इसलिए उसे आज के बाद अपना घर, अपना कमरा और शायद अपने माँ बाप कभी देखने को ना मिले. इसी वजह से उसकी आँखे भर आई लेकिन उसने अपनी आँसू पोछ लिए.

तभी निकलते निकलते करण की नज़र बेडशीट पर पड़ती है जिसपे खून और वीर्य के बड़े बड़े धब्बे थे, “निशा जल्दी से यह बेडशीट हटा कर धोने मे डाल दो वरना तुम्हारे पेरेंट्स को सब पता चल जाएगा...”

इसे सुन कर झट से निशा ने वो बेडशीट हटा के धोने मे डालने की बजाए उसे अपने सूटकेस मे रखने लगी, “पता चलता है तो चलने दो...बेडशीट पर लगे हमारे प्रेमरस, हमारी सुहागरात की पहली शरीरक संभोग की दास्तान सुना रहे है...इस बेडशीट पर पड़े मेरी चूत के खून के धब्बे और और तुम्हारे लंड का वीर्य इस बात के सबूत है कि हमारा प्यार सिर्फ़ मन का नही शारीरिक भी था..” बोलकर निशा ने बेडशीट सूटकेस मे डालकर करण के साथ अपने घर को हमेशा के लिए छोड़ कर चली गयी.

कार को छोड़ कर दोनो ने ऑटो बुक कर लिया क्यूकी निशा के पापा निशा की कार को आसानी से खोज सकते थे. “पर हम जाएँगे कहाँ...?” निशा घबराते हुए ऑटो मे करण के साथ बैठते हुए बोली.

“है एक जगह....बस तुम चिंता मत करो सब मुझ पर छोड़ दो...” करण ने निशा का हाथ थामते हुए कहा. बेचारी निशा ने अपनी किस्मत को भगवान पर और खुद को करण के हाथो सौंप दिया था.

करण रास्ता बताते जा रहा था और ऑटो वाला उसके बताए रास्ते पर चलता जा रहा था. आधे घंटे के सफ़र के बाद दोनो बांद्रा पहुचे.

“यहा कॉन रहता है...?” निशा ने अपने सामने एक आलीशान फ्लॅट देखा और ऑटो से उतर गयी.

“बस अभी पता चल जाएगा....” करण ऑटो वाले को पैसे देता हुआ बोला और निशा को लेकर अपार्टमेंट मे घुस गया. वो एक फ्लॅट के सामने रुका और कॉल बेल बजाई.

दरवाज़ा खुला तो अर्जुन सामने खड़ा था. यह उसी का फ्लॅट था. करण को अपने सामने देख कर वो हैरान हो गया. कुछ दिन पहले तक तो उसके रिश्ते अपने सौतेले भाई से बहुत कड़वे थे पर इन्ही कुछ दिनो मे उसकी जिंदगी मे तूफान आ गया था, जिसने सब कुछ बदल कर रख दिया. आज पहली बार करण को अपने सामने देख कर उसे खराब नही बल्कि बहुत अच्च्छा लग रहा था.
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Re: काले जादू की दुनिया

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nice story................ keep updating
Jemsbond
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Re: काले जादू की दुनिया

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chusu wrote:nice story................ keep updating

thanks brother n keep reading
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Jemsbond
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Re: काले जादू की दुनिया

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“मेरे भाई....इतनी सुबह!!!” कहते हुए खुशी से अर्जुन दरवाज़े पर खड़े करण के गले लग गया. उसकी आँखो मे करण से मिलने पर ख़ुसी के आँसू आ गये थे.

तभी उसने करण की पीछे एक अतिसुंदर अप्सरा को ब्लू साड़ी और मॅचिंग ब्लू ब्लाउस पहने और हाथ मे बॅग और सूटकेस लिए खड़ा देखा.

“क्या यह मोह्तर्मा तुम्हारे साथ है..?” अर्जुन ने करण से पूछा.

“हां....”

“पर कॉन है ये...?” अर्जुन ने फिर सवाल किया.

“अभी सब समझाता हू पहले अंदर तो बुला....” मुस्कुराते हुए करण ने कहा.

“ओह्ह सॉरी सॉरी आप दोनो प्लीज़ अंदर आइए...” अर्जुन दोनो का स्वागत करते हुए बोला.

निशा ने देखा कि फ्लॅट अंदर से बहुत आलीशान और खूबसूरत है. पर उसे थोड़ी हैरानी हो रही थी कि करण उसे कहाँ ले आया था और यह कॉन है जो करण को भाई बोल रहा है जबकि करण ने कभी उसे अपने किसी भाई का ज़िक्र नही किया था.

“तुम दोनो लोग बैठो मैं कॉफी बना के लाता हू...” कहते हुए अर्जुन किचन मे घुस गया. पीछे से करण ने चिल्लाते हुए उसका शुक्रिया किया.

“अब बता...यह मोह्तर्मा कॉन है...?” अर्जुन थोड़ी देर बाद अपने हाथो मे कॉफी के तीन मग लेकर लौटा.

"ये तेरी भाभी है...इनका नाम निशा है." करण बोला. इसे सुनकर अर्जुन खुश भी हुआ और हैरान भी.

बाहर आज भी घने बादल लगे थे और तेज़ बारिश के पूरे आसार थे. मुंबई मे बारिश पड़ती ही इतनी ज़्यादा थी. तब करण ने कॉफी पीते पीते अपनी और निशा के बारे मे शुरू से कॉलेज के समय से कल रात उनके शादी तक की बात सुना दी.

“क्या काजल तुम दोनो के रिश्ते के बारे मे जानती थी...?” अर्जुन ने हैरानी से पूछा.

“हाँ...वो तो काई बार निशा से मिल भी चुकी है...” करण ने कॉफी ख़तम करते करते कहा

“पर काजल ने मुझे कभी बताया नही...” अर्जुन फिर हैरान होकर बोला.

“काजल को तेरे और मेरे बीच की दूरिया के बारे मे पता था इसीलिए उसने तुझे यह बात बताना ज़रूरी नही समझा होगा...” करण बोला.

“पर भाई तुझे भी अभी इस समय ही इश्क़ लड़ाना था जब हमारी माँ और बहन इतनी बड़ी मुसीबत मे फँसी है...” अर्जुन ने गुस्से से कहा.

“मुझे पता है मेरे भाई पर ज़रा सोच अगर मैं निशा को भगा कर नही लाता तो उसके पापा उसकी शादी ज़बरदस्ती किसी और से कर देते....अपने प्यार को खोने का यह दर्द मैं बर्दास्त नही कर सकता था...” करण ने कहा.

अर्जुन को करण की यह बात सुनकर सलमा की याद आ गयी. सच्चे प्यार को उसने खो दिया था, वो करण का दर्द समझ सकता था इसलिए उसका गुस्से तुरंत ठंडा हो गया.

इतनी देर से पास मे बैठी निशा दोनो की बातें सुन रही थी जब उसने अचानक सवाल किया, “क्या हुआ काजल को....?”

दोनो यह सवाल सुनकर सकपका गये. दोनो मे से किसी को जवाब दिए नही बन रहा था.

“अरे कुछ तो बोलो....और करण तुमने तो हमारी कहानी इन्हे बता दी पर तुमने यह नही बताया कि तुम्हारा भाई अचानक कहाँ से पैदा हो गया...” निशा फिर से बोली.

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