हिन्दी नॉवल -ट्रिक ( By Ved Parkash Sharma) complete

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Jemsbond
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Re: NOVEL IN HINDI TRICK ( By Ved Parkash Sharma)

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"भाई साहब!" निशा छटपटा कर उसकी बाहों से निकलती हुई बोली -- "यह क्या कर रहे हैं आप ?"


"भाई साहब नही निशा !" हर्षरण कहो सिर्फ़ हर्षरण !" हर्षरण बोला !


"मगर .... !"



" अब छोड़ो ना हिचक ! मैं पागल हुआ जा रहा हूँ !"

" प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़... ! ऐसा मत कीजिए !"


हर्षरण को लगा , यह वो विरोध है जो हर तैयार औरत दिखाती है !


इसे विरोध नही कहा जाए तो मुनासिब होगा !


हर्षरण उसकी तरफ बढ़ता बोला --" तुम बहुत शानदार चीज़ हो निशा ! मैं पहली नज़र में तुम पर फिदा होगया था !"


"लेकिन... मैं एक पतिव्रता नारी हूँ !"


झटका लगा हर्षरण को !


जहाँ तक पहुँच चुका था वही पर ठितका ! गौर से निशा की तरफ देखा , जैसे जानना चाहता हो कि यह सेंटेन्स भी नखरा था या सचमुच वो नही चाहती थी !


निशा की आँखों में आँसू थे !


हर्षरण चौंका ! सॉफ सॉफ पूछा -" क्या तुम रियली नही चाहती ?"


"नही!" निशा ने कहा !


"क्या पहले नही समझी थी कि मैं क्या चाहता हूँ ?"


"समझ गयी थी !"


"कब?"


"जब आप मुझे अपने ड्रॉयिंग रूम में देख रहे थे !"


"उसके बाद ?"


"आपके यहाँ से लोटते वक़्त मैने इनसे कहा भी कि आपकी नियत ठीक नही लगती !"
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यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
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Re: NOVEL IN HINDI TRICK ( By Ved Parkash Sharma)

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"क्या कहा अजीत ने ?"


" कहने लगे उसके देखने के अंदाज़ से लगता तो मुझे भी है ऐसा, लेकिन ..... मुमकिन है यह हमारा बेहम हो?"


"फिर ?"


"इसी लिए मिठाई लेकर अकेले गये थे ! आपने डिन्नर का प्रोग्राम बना लिया ! "


"ओह !"


"हमने निश्चय किया वैसा कुछ नही होने देंगे जैसा आप चाहते है ऑर खामखा आपको नाराज़ भी नही करेंगे ! क्यूंकी आप हमसे वो सब छीन सकते थे जो दिया है ! रणनीति यह बनी कि आपको एक हद से आगे नही जाने दिया जाएगा !"


" 'आख़िर मुझे किस हद तक सहने की रणनीति बनाई थी तुमने ? तुम्हारा पति तो पीता-पीता बेहोश हो चुका है ! अगर यह रणनीति थी तो बेहोश क्यूँ हुआ?"




" वो बेहोश नही हुए !"


" म.... मतलब ?" हर्षरण ने पूछा!



"आपके पीछे खड़े है !"


हर्षरण चौंका फिरकनी की तरह घूमा !


अजीत दरवाज़े पर खड़ा था !


हाथ में रेवोल्वेर लिए !


हर्षरण के छक्के छूट गये !


अजीत हर्षरण की तरफ बढ़ता हुया बोला -- " नही वो ठीक था शास्त्री जी जो आप करना चाहते थे ऑर ना ही यह ठीक होगा कि मैं आपको गोली मार दूं ! समझदार लोगों के बीच बेवकूफ़ियाँ ना ही हो तो ज़्यादा अच्छा है ! जो कीमत आप चाहते है उस डी.एम की तो क्या मुझे इस देश का प्राइम मिनिस्टर बन-ना भी कबूल नही है ! अपनी ऑर हमारी भलाई चाहते हैं तो चुप चाप चले जाइए यहाँ से ! जो हुआ , उससे आपको भी ऑर हमें भी बुरे सपने की तरह भूल जाना चाहिए ! आज के बाद ना हम आपको जानते है ना आप हमें ! समझो कि हम कभी मिले ही नही !"


बड़ी करारी मात दी थी उन्होने हर्षरण को !


हर्षरण दरवाज़े की ओर बढ़ा ! वहाँ पहुँच कर ठितका ! अजीत गुर्राया --" रुकिये मत ! अगर किसी को पता चल गया आप यहाँ किस मक़सद से मोजूद हैं, पोलिटिकल डेत होज़ायगी आपकी , जबकि मैं आइ.ए.एस ऑफीसर हूँ ! कम से कम यह रुतबा मुझसे दुनिया की कोई ताक़त नही छीन सकती !"


इसके बावजूद हर्षरण पलटा ! बोला -- " जाने से पहले एक बात कहना चाहता हूँ !"


चुप रहा अजीत !


"आगे जब किसी से कुछ माँगने जाओ तो अपनी सुंदर बीवी को साथ मत लेजाना !"


"वो क्यूँ ?"


" सामने वाला अगर यह समझे कि तुम कीमत के रूप में उसे परोस रहे हो तो ग़लत ना होगा !"


" खुले दिल से स्वीकार करता हूँ अपनी ग़लती !" अजीत ने कुछ अज़ीब -से अंदाज़ में कहा !


" तो यह भी कबूल करो कि मैने कोई ग़लती नही की !"


"मतलब ?" चौंका अजीत !


" मैने वोही समझा जो तुम्हारी बेवकूफी ने समझाया ! हर कीमत देने को तैयार थे ऑर मैं वोही कीमत लेने आया था ! जिसे तुम मजबूरी कह रहे हो , उसे अगर मैने तुम्हारी सहमति समझा तो क्या ग़लत समझा ? ना मैं कोई ज़ोर - ज़बरदस्ती करना चाहता था, ना ही की !"



" इसीलिए जिंदा जाने दे रहा हूँ !"


" अगर जाने से पहले मैं तुम्हारी ही बात दोहराऊ !"


" कॉन सी बात ?"

"समझदार लोगों के बीच बेवकूफ़ियाँ नही होनी चाहिए !"


" क्या कहना चाहते हो ?"


" ज़बरदस्ती करना मेरा सिद्धांत कभी नही रहा ! फिर भी माफी चाहता हूँ ऑर मुझे इस बात पर फक्र है तुम डी.एम बन-ना तो चाहते हो मगर अपनी बीवी की कीमत पर नही ! तुम्हारी इच्छा के बगैर यह कीमत चाहिए भी नही मुझे ! हां, जो दे चुका हूँ उससे वापस नही लूँगा !" कहने के साथ हर्षरण शास्त्री वहाँ से चला गया !
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Re: NOVEL IN HINDI TRICK ( By Ved Parkash Sharma)

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घटना अमेरिका में घटी थी ! न्यू यॉर्क में !

शिकार था ---- हॅरी !


जॅकी ऑर जूलिया का बेटा !


जॅकी -- यानी जासूसों का देवता !


जॅकी को जासूसों का देवता इसीलिए कहा जाता है क्यूंकी धरती पर आज जो भी जासूस नाम कमा रहे हैं , जॅकी उनमें से जीयादातर का गुरु है !


जासूसी सीखने का एक ट्रैंनिंग सेंटर खोल रखा है उसने ! वहाँ जॅकी देश विदेश के सभी लड़को को जासूसी की ट्रेनिंग देता है !


कुछ लोग तो उसे कलयुग का द्रोणाचार्य भी कहने लगे है !


इंडियन सीक्रेट सर्विस के जासूस विजय - विकास तक उसके चेले है ! जॅकी गुरु से ही जासूसी की ट्रैनिंग ली है उन्होने !


ऑर जूलिया !


जॅकी की पत्नी !


यह कहा जाए तो ग़लत ना होगा जॅकी से दो कदम आगे !


अमेरिकन सीक्रेट सर्विस की चीफ़ है वो !


इन्ही दोनो का बेटा हेरी !!


उम्र -- 20 साल


अमेरिकन सीक्रेट सर्विस का ताज़ा तरीन जासूस !


6फीट हाइट ! हृष्ट-पुष्ट !माखन में माइकी चुटकी - भर सिंदूर जैसे रंग वाला ! उसके बाल भूरे है , आँखें नीली ! चमकदार ! पलकों ऑर भवों के बाल भी भूरे !!


वोही हॅरी उस वक़्त होटेल 'रेड लेबल' में बैठा था !


उसके सामने थी क्रिस्टी !


हॅरी की गर्ल - फ्रेंड !


दोनो के सामने 'वोड्का' का एक एक पेग रखा था ! क्रिस्टी एक बेहद खूबसूरत नवयुबती थी ! उसकी उमर किसी भी तरह 18 से जीयादा नही थी !


उसने लाल रंग की स्कर्ट ऑर खुले गले वाला वाइट कलर का टॉप पहना हुआ था ! टेबल के नीचे दोनो के पैर एक दूसरे से कुस्ति लड़ रहे थे !


हॅरी नीले रंग के शानदार सूट पर गहरे सुर्ख कलर की टाइ लगाए हुए था !


इस लिबास में कामदेव का अवतार लग रहा था !


लंच टाइम हनी के कारण हॉल में रंगीनिया बिखरी हुई थी ! उस वक़्त तक हॅरी ठीक से रोमॅंटिक मूड में आ भी नही पाया था जब एक आवाज़ ने दोनो को चौंकाया ! किसी ने उनकी टेबल के नज़दीक पहुँच कर कहा -" एक्सक्यूस-मी !"


दोनो ने चेहरे उठाकर आवाज़ की दिशा में देखा !


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Re: NOVEL IN HINDI TRICK ( By Ved Parkash Sharma)

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वो एक बूढ़ा आदमी था आँखों पर गहरे काले लेंसो का चश्मा लगा रखा था ! जिस्म पर जोकरो जैसे कपड़े !


"कहिए !" हॅरी ने उसे ध्यान से देखा !


थोड़ा बोखलाया हुआ था वो ! साँस भी फूली हुई थी , बढ़ी मुश्किल से बोला --" क्या तुम हॅरी हो?"


"यस!"


"हॅरी !" वो बहुत धीरे से बोला -" मामला हमारे देश की सुरक्षा का है !"


"देश की सुरक्षा ?" सजग होगया हॅरी ! एक मॅटर यही तो थी उसकी कमज़ोरी ! देश की बात आती है वो सबकुछ ताक पर रख देता था ! मूँह से निकला -- " क्या बात है ! कॉन हो तुम ?"


बूढ़े ने चोर नज़रों से चारों ओर देखा -- यही समय था जब एक साथ चार लोग हॉल का मैन गेट धकेल कर अंदर आए ! शकल -सूरत ऑर लिवास से ही वो गुंडे नज़र आ रहे थे ! उन पर नज़र पड़ते ही बूढ़े का चेहरा पीला पड़ गया !


बड़बड्डा उठा वो -- " ओह ! यहाँ भी पहुँच गये यह !"


हॅरी ने उसकी नज़रों का पीछा किया ! नज़र चारों गुण्डों पर पड़ी ! हॅरी ने बूढ़े की तरफ चेहरा घुमा कर पूछा --" कॉन हैं वो ?"


" इसे अपने पास रखो !" हॅरी के सवाल पर ध्यान दिए बगैर बूढ़ा खुद को क्रिस्टी के पीछे छुपाने का पर्यास करते हुआ बोला !


हॅरी ने वाइट कलर के रुमाल को देखा ऑर बोला --" क्या है यह ?"


"इसे साधारण रुमाल मत समझना हॅरी !" बूढ़ा मानो एक ही साँस में सब कुछ कह जाना चाहता था ---" देश की आमानत है यह ! इस रुमाल पर मुल्क के बहुत सारे राज़ लिखे हैं ! यह गुंडे रूस के एक जासूस के लिए काम कर रहे हैं. यह लोग रुमाल को हासिल करना चाहते हैं ! अगर यह इनके हाथ लग गया तो हमारे देश को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा !"


रुमाल को अपने कोट की जाब में डालते हुए हॅरी ने पूछा --" तुम कॉन हो ?"


" मेरा नाम हंट है ! सी.ई.ए के लिए काम करता हूँ ! एजेंट नो ट्रिपल ज़ीरो , अगर मुझे कुछ होज़ाये तो इस रुमाल को 'मेगा स्ट्रीट के बागला नंबर 64 में पहुँचा देना ! देश पर तुम्हारा बहुत बड़ा अहसान होगा ! वहाँ तुम्हे ..... !"


बूढ़े का सेंटेन्स आधूरा रह गया !

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Re: NOVEL IN HINDI TRICK ( By Ved Parkash Sharma)

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दरवाज़े पर खड़े चार गुन्डो में से एक बूढ़े की तरफ इशारा करके चीखा --"वो रहा !"



हॅरी अभी कुछ समझ भी ना पाया था कि बूढ़ा बहुत तेज़ी से हॉल के पिछले गेट की ओर भागता नज़र आया !
कि तभी........
एक गोली की आवाज़ ने वहाँ तहलका मचा दिया!



ज़ाहिर है -- यह गोली उन चारों में से एक ने बूढ़े पर चलाई थी ! शूकर था -- निशाना चूकने के कारण गोली दीवार पर लगे एक फॅन्सी को शहीद करने के साथ खुद भी शहीद होगयि!


बुड्ढ़ा भागता हुआ हॉल पार कर के गॅली में मूड चुका था !


वो चारो उसी दिशा में लपके !


अब हॅरी पर रहा ना गया !


एक झटके के साथ कुर्सी से खड़ा हुआ वो ?


रुमाल जेब में रखा !


झुका ऑर फर्श पर बिच्छे कालीन को पकड़ कर जोरदार झटका दिया !


वो चारों जो उसी कालीन पर दौड़ रहे थे , संतुलन खोकर एक-दूसरे के उपेर जा गिरे !


"हॅरी !" क्रिस्टी चीखी -- यह क्या कर रहे हो तुम ?"


परंतु !


हॅरी को भला अब कहाँ होश था !


लोगों ने उसके जिस्म को तीर की तरह हवा मेी सन्न-सनाते देखा !


वो सीधा उसके उपेर जाकर गिरा जिसके हाथ में रेवोल्वेर था ! वो अपने बाकी साथियों के मुक़ाबले कुछ ज़्यादा फुर्ती से उठने की कोशिश कर रहा था ! रेवोल्वेर वाले ने सपने में भी किसी ऐसी मुसीबत के बारे में नही सोचा था ! अभी ठीक से कुछ समझ भी नही पाया था कि ---


उससे लगा जैसे जबड़े पर लोहे का हथौड़ा टकराया हो !


हलक से चीख निकली ऑर .... हाथ से रेवोल्वेर निकल कर जाने कहाँ जा गिरा ! वो खुद हवा में लहराने के बाद एक मेज पर जाकर गिरा था ! हॅरी बढ़ी तेज़ी से पलटा ! तीनो में से एक अभी अभी उस पर झपटा था , लेकिन उसके चेहरे पर हॅरी के बूट की ऐसी ठोकर पड़ी की वो कर्राहता हुआ उलट गया !


जो दो बचे थे , वो दोनो अलग अलग साइड से उस पर झपटे !


लेकिन लोगों ने देखा -- हॅरी का जिस्म हवा में करीब दस फुट उपर उछला ! वो दोनो गुंडे आपस में टकरा कर कालीन पर गिरे !


हवा में कालाबाज़ियाँ ख़ाता हॅरी का जिस्म सीधा वहाँ जाकर स्थिर हुआ जहाँ उसने रेवोल्वेर वाले को फैंका था ! हॅरी ने पालक झपकते ही उसे सिर से उपेर उठाया ओर दोनो गुण्डों पर फैंक दिया !


चीखों का बेज़ार गरम था !


उसके बाद देखने वालों ने देखा , क्रिस्टी तक ने दाँतों तले उंगली दबा दी ! इस से पहले वो कल्पना तक नही कर सकती थी कि जिसकी मासूमियत पर वो फिदा है, वो इतना ख़तरनाक होगा !


वो चार ! हॅरी अकेला ! मगर हॅरी अब हॅरी कहाँ था ! वो तो मानो छलाबा था -- वो चारों में से किसी को भी, एक भी ऐसा मोका नही दे रहा था कि अपनी मर्ज़ी से उसे छू भी सके ! उनके संभलने से पहले ही हॅरी अगली चोट कर देता था ! रह रह कर हॉल में उन चारों की चीखें गूँज रही थी !


एकाएक पोलीस सायरन की आवाज़ गूँज उठी !
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