बजाज की उपन्यास

s_bajaj4u
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Re: बजाज की उपन्यास

Post by s_bajaj4u »

अब वो मेरे लंड को पागलो की तरह चूस रही थी मानो जैसे आज ही उसे पूरा निगल जायेगी उसके चूसने से पुचूक पुचूक जैसी आवाज़े निकल रही थी जो मुझे
ओर पागल बना रही थी अब मुझ से रहा नही जा रहा था मैने उसके सर को पकड़ कर उसके मुँह को चोदने लगा ओर वो भी मेरा लंड पूरे गले तक ले रही थी ओर एक हाथ से अपनी चूत सहला रही थी 10 मिनिट तक उसका मुँह चोदने के बाद में उसके मुँह मे ही झड़ गया ओर मैने देखा की वो मेरा सारा माल पी गयी ओर फिर मेरे लंड को चाटने लगी. ओर फिर मैने उसे गले लगा लिया ओर किस करने लगा मेरा लंड अभी भी खड़ा था ओर मुझे ओर करना था तो मैने उसे टावल से लपेटा उसे गोद मे उठाया ओर बेड पर ले गया ओर उसे बेड पर लिटा कर उसका टावल उतार दिया ओर उसके नंगे बदन को चुमने लगा वो कसमसा रही थी में उसके बोबे दबा रहा था ओर मसल रहा था ओर वो तड़प रही थी.


फिर मैने उसकी टांगो को फैला कर उसकी फूली हुई चूत को चुमना शुरू किया ओर वो अहह करने लगी ओर अपनी टांगो को ओर फैला दिया ओर मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया मैने अपनी जीभ उसकी चूत मे डाल कर उसे चाटने लगा ओर चुसने लगा वो पागलो की तरह “अहह अहह ओर चुसो ओर चुसो जान पूरी जीभ अंदर डालो ” बोल रही थी ओर अपनी गांड उठा उठा कर मेरे मुँह को दबा रही थी और जितने में वो फिर झड़ गयी ओर मेरे मुँह मे नमकीन सा पानी आ गया जो अच्छा भी लग रहा था. फिर उसने कहा “प्रेम डाल दो मेरे अंदर मुझ से रहा नही जा रहा प्लीज” मैने कहा जैसा तुम कहो जान.



मैने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया ओर उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ कर उसे गीला किया ओर अपना टोपा उसकी चूत के मुँह पर रखा ओर धीरे से अंदर घुसा दिया उसे थोड़ा सा दर्द हुआ ओर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया ओर बोलने लगी की दर्द हो रहा है मैने भी लंड को ऐसे ही रहने दिया ओर इतने मे ही उसे धीरे धीरे हिलाने लगा उसे भी थोड़ा सा अच्छा लगने लगा था ओर वो अपनी टाँगे खोलने लगी थी ओर उसकी चूत ओर गीली हो गयी थी में धीरे धीरे लंड उसके अन्दर करता जा रहा था मेरा लंड थोड़ा ओर अंदर चला गया था वो मज़े ले रही थी ओर में इतने मे ही उसे चोद रहा था ओर पचक पचक की आवाज़ आ रही थी फिर मैने उसके होठों को चुसना शुरू कर दिया ओर अपनी स्पीड भी बड़ा दी ओर फिर ज़ोर लगा कर लंड को ओर अन्दर कर दिया.
Sanjay Bajaj
s_bajaj4u
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Re: बजाज की उपन्यास

Post by s_bajaj4u »

वो दर्द से छटपटा रही थी उसने अपनी टाँगे टाइट कर दी थी जिस से लंड अटक गया था ओर वो गहरी साँसे ले रही थी मैने उसके होठों को चुमा ओर उससे कहा की जान टाँगे ढीली छोड़ो वरना ज्यादा दर्द होगा वो नही मानी फिर थोड़ा समझने के बाद उसने अपने आप को ढीला छोड़ा ओर मैने तुरंत एक झटके मे पूरा लंड उसके अंदर डाल दिया वो चिल्लाने लगी ओर मुझे अपने से चिपका कर जकड़ लिया में उसे लगातार स्पीड से चोदता जा रहा था वो अभी भी आआआआआ आआआआ आआआआआहह कर चिल्ला रही थी ओर गहरी गहरी सांसे ले रही थी 5 मिनिट तक में उसे ऐसे ही चोदता रहा फिर वो थोड़ा शांत हुई ओर अब उसकी आवाज़ भी हल्की सी चेंज हो गयी थी ओर वो सिसकारियां लेने लगी थी.

वो अब अपनी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी थी ओर ज़ोर ज़ोर से उछल रही थी पूरे रूम मे पचक-पचक की आवाज़े आने लगी थी सर्दियो का मौसम होने के बावजूद हम दोनो पसीने से भीग चुके थे में अब पूरा लंड बाहर निकाल कर अंदर डाल रहा था जो उसे बहुत अच्छा लग रहा था ओर वो हर बार भारी आवाज़ मे कह रही थी “फक ऊहह फुक्कककक फुक्ककक मे जाआअन्णन्न् फुक्ककककककक मे ओर ओर अंदर डालो. ऊऊऊओह एससस्स ओएसस्स” ऐसी आवाज़े सुन कर मेरा झड़ने का मूड नही कर रहा था मन कर रहा था की पूरी रात उसे ऐसे ही चोदता रहूँ लेकिन 30 मिनिट तक ऐसे ही जंगली चुदाई के बाद मेरा माल निकल गया ओर मैने सारा उसकी चूत मे ही डाल दिया ओर उसके ऊपर से हटने लगा लेकिन प्रिया ने मुझे हटने नही दिया ओर मुझसे लिपटी रही हम कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे फिर में उठा.

मैने देखा की उसकी चूत से खून निकला हुआ था जो मेरे माल के साथ मिल कर उसकी चूत से बह रहा था वो ऐसे ही टाँगे फैलाये लेटी हुई थी मैने उसे देखने को कहा तो उसने एक स्माइल के साथ कहा “ये तो होना ही था आज में औरत जो बन गयी हूँ” ओर मैने उसे फिर से किस किया. उससे उठा नही जा रहा था तो में उसे उठा कर बाथरूम तक ले गया उसने अपनी चूत को गर्म पानी से साफ करने को कहा जिससे उसे थोड़ा आराम भी मिला मैने तब तक बेडशीट चेंज कर दी थी वो बाहर आई तो फिर में उसे उठा कर बेड तक ले गया.
Sanjay Bajaj
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Re: बजाज की उपन्यास

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फिर उसने मुझे अपनी बाहों मे भरा ओर मुझसे लिपट कर सो गयी ओर मुझे भी कब नींद आ गयी पता नही चला अगले दिन मेरा ऑफ था लेकिन उसे ऑफीस जाना था तो वो जल्दी उठ कर तैयार हो रही थी मेरी नींद भी खुल गई तो में भी उठ गया ओर उसे ऑफीस ड्रॉप किया ओर शाम को उसका वेट करने को बोल कर चल दिया आते टाइम मैने मार्केट से एक नई बेडशीट ली ओर उसे बेड पर बिछा दिया ओर आज रात की तैयारी करने लगा ओर फिर कैसे मैने उसकी गांड भी मारी ओर फिर उसने मुझे कैसे लंड के बदले प्रमोशन दिया बताऊंगा
Sanjay Bajaj
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Re: बजाज की उपन्यास

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अभी उपन्यास के लिए कुछ टाइम लग रहा ह तब तक मज़ा लो कुछ इस तरह की कहानियो का
Sanjay Bajaj
Jemsbond
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Re: बजाज की उपन्यास

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प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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