वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
जबरदस्त अपडेट
अगली कड़ी की उत्सुकता से प्रतीक्षा में . . . .
अगली कड़ी की उत्सुकता से प्रतीक्षा में . . . .
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- rajaarkey
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
“ये सच है ज़ाहिद, तुम्हारी बीवी शाज़िया वाकई ही ये चाहती है कि में अब उस की अम्मी या सास नही, बल्कि अब उस की शौतान की हैसियत से तुम्हारे बिस्तर को हर रात गरम किया करूँ, अब तुम बताओ तुम्हें तो कोई ऐतराज नही मेरे बच्चे” रज़िया बीबी ने गोश्त से भरी अपनी पीठ (बॅक) को अपने बेटे की सख़्त छाती पर रगड़ते हुए पूछा.
“ओह मेरे लिए इस से बढ़ कर खुश किस्मती और फक्र की बात हो गी, कि मेरी सग़ी अम्मी अब मेरी बीवी बन कर मेरे साथ हम बिस्तरी किया करे गी” अपनी बहन शाज़िया की इस ख्वाहिश को अपनी अम्मी के मुँह से सुन कर ज़ाहिद तो खुशी से पागल होने लगा था.
ज़ाहिद ने तो कभी ख्वाब में भी नही सोचा था. कि ना सिर्फ़ उस की सग़ी बहन शाज़िया. बल्कि उस के बाद उस की अपनी सग़ी अम्मी रज़िया बीबी भी उस की बीवी की हैसियत से कभी उस के बिस्तर की ज़ीनत बने गी.
इसीलिए अपनी बहन के बाद अब अपनी ही सग़ी अम्मी का शोहर बनने का सोच कर ज़ाहिद को अपनी किस्मत पर खुद ही रश्क आने लगा था.
इसे कहते हैं कि,
“नाले चोपडियाँ
नाले दो दो”
अपनी अम्मी की बात सुनते ही ज़ाहिद ने अपने एक हाथ को नीचे ला कर रज़िया बीबी की शलवार का नाडा खोल दिया. तो रज़िया बीबी की शलवार उस के जिस्म से ढीली हो कर कमरे के फर्श पर गिर पड़ी.
अपनी अम्मी की लंबी सुडौल रानों को शलवार की क़ैद से रिहाई दिलाते ही ज़ाहिद ने पैंटी में कसी हुई अपनी अम्मी की चूत पर हाथ रखा.
तो ज़ाहिद को अंदाज़ा हुआ कि ना सिर्फ़ उस की अम्मी की फुद्दि, अपनी ही चूत के अपने ही पानी से पूरी तरह तर हो चुकी है.
बल्कि चूत के साथ साथ रज़िया बीबी की पैंटी भी उस की फुद्दि के पानी से भीग भीग कर पूरी गीली हो चुकी है.
“ये आप की चूत क्यों इतनी गीली हो रही है अम्मिईीईईईईईईईई” ज़ाहिद ने पैंटी के उपर से अपनी अम्मी की चूत के फूले हुए होंठो पर अपने हाथ फिराते हुए रज़िया बीबी को छेड़ते हुए पूछा.
“जब एक जवान बेटा अपनी अम्मी की गान्ड पर अपने लंड को यूँ बे शर्मी के साथ रगडे गा,तो उस की माँ की फुद्दि गरम हो कर पानी नही छोड़े गी,तो और क्या करे गी बेटा?” रज़िया बीबी ने सिसकारते हुए ज़ाहिद की बात का जवाब दिया.
कुछ देर अपनी अम्मी की गरम फुद्दि से छेड़ खानी करने के बाद ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की कमीज़ को नीचे से पकड़ा. और फिर दूसरे ही लम्हे अपनी अम्मी को उस की कमीज़ के बोझ से भी निजात दिला दी.
अपने जवान बेटे के हाथों यूँ पहली बार नंगा होते ही रज़िया बीबी अपने होश-ओ-हवास खो बैठी.
अपने जिस्म से कपड़े उतर ते ही रज़िया बीबी ने एक झटके के साथ अपने आप को ज़ाहिद के हाथों की गिरफ़्त से छुड़ाया. और इस के साथ ही अपने पीछे खड़े हुए ज़ाहिद की तरफ मूड गई.
ज्यों ही पुश अप ब्रेज़ियर और थॉंग नुमा पैंटी में कसा हुआ रज़िया बीबी का वजूद उस के जवान बेटे की भूकि नज़रों के सामने आया.
तो अपनी अम्मी के मोटे जिस्म को सेक्सी किस्म के इन ब्रेजियर और पैंटी में मलबोस देख कर ज़ाहिद अपनी ज़ुबान को अपने होंठो पर रगड़ने लगा.
ज़ाहिद ने सर से पैर तक अपनी अम्मी के गरम वजूद का जायज़ा लिया. तो उस ने देखा कि उस की अम्मी के बड़े मम्मो के मोटे ब्राउन निपल्स उस की अम्मी के जाली दार ब्रेजियर में से सॉफ नज़र आ रहे थे.
जब कि नीचे से रज़िया बीबी की चूत के मोटे लिप्स को उस की पतली पैंटी, अपने अंदर छुपाने में मुकम्मल तौर पर नाकाम हो चुकी थी.
जिस की वजह से ज़ाहिद को अपनी अम्मी की फूली हुई फुद्दि भी रज़िया बीबी की गीली पैंटी में से वज़िया तौर पर नज़र आ रही थी.
“हाईईईईईईईईईईईईईई इस नये स्टाइल के ब्रेज़ियर और पैंटी में तो आप का मोटा जिस्म एक कयामत ही ढा रहा है अम्मी जान” अपनी अम्मी के नीम नंगे वजूद को अपने सामने पा कर ज़ाहिद अपनी अम्मी के जिस्म की तारीफ किए बना ना रह सका.
“ये वो ही ब्रेज़ियर और पैंटी हैं जो तुम ने अपने हाथों से मेरे लिए खुद खरीदे थे, मेरे बच्चे” अपने जवान बेटे के मुँह से अपने जिस्म की तारीफ सुन कर रज़िया बीबी किसी सोलह साला दोशेज़ा की तरह शरमाने का नाटक करते हुए ज़ाहिद से कहने लगी.
अपने बेटे से एक दफ़ा चुद जाने के बाद तो रज़िया बीबी की सारी शरम ख़तम हो चुकी थी.
इसीलिए अब ज़ाहिद के सामने यूँ अपने ब्रेज़ियर और पैंटी में मलबोस हो कर खड़े होने में रज़िया बीबी को कोई शरम महसूस नही हो रही थी.
रज़िया बीबी कुछ देर अपने जवान बेटे के सामने यूँ ही खड़े रह कर ज़ाहिद को अपने जिस्म को अच्छी तरह से सेकने का मोका देती रही.
ज्यूँ ज्यूँ ज़ाहिद की गरम नज़रें उस की अम्मी के वजूद के आर पर हो रही थी.
त्यु त्यू रज़िया बीबी के जिस्म में लगी आग के शोले मज़ीद बुलंद होते जा रहे थे.
जिस की वजह से रज़िया बीबी की चूत के मोटे लब अपने बेटे का लंबा लंड अपने अंदर लेने के लिए पूरी तरह से फूल चुके थे.
कुछ देर ज़ाहिद को अपने आधे नंगे जिस्म का दीदार करवाने के बाद रज़िया बीबी ने बे शर्मी से आगे बढ़ कर अपने जवान बेटे ज़ाहिद के जिस्म को अपनी बाहों में काबू किया. और इस के साथ ही अपने मुँह को आगे बढ़ा कर अपने गुदाज होंठ अपने बेटे ज़ाहिद के होंठो पर रख दिए.
“ओह ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड, आज तुम्हारी सग़ी माँ खुद तुम्हारे साथ अपनी सुहाग रात मनाने आई है मेरे बच्चेययययययययी”रज़िया बीबी ने अपने दाँतों से अपने जवान बेटे के होंठो को काटते हुए कहा.
“हाईईईईई में शायद इस दुनिया का वाहिद खुश नसीब इंसान होउंगा, जिस ने अपने ही घर में अपनी बहन और माँ के साथ अपनी सुहाग रात मनाई हो गी, अम्मी जानंनणणन्” अपनी अम्मी की गरम गोशी देख कर ज़ाहिद भी मस्ती में आ गया.
ज़ाहिद ने थॉंग में कसी हुई अपनी अम्मी की आदि नंगी गान्ड को अपने हाथ में काबू किया.
और अपनी अम्मी की गान्ड की बड़ी बड़ी पहाड़ियों को अपने हाथों से दबोचाते हुए रज़िया बीबी के मोटे जिस्म को अपने तरफ खैंचा.
इस दौरान ज़ाहिद और रज़िया बीबी के मुँह एक दूसरे से जुड़ कर एक दूसरे के होंठो और ज़ुबान का ज़ायक़ा चेक करने में मसरूफ़ थे.
जब कि नीचे से ज़ाहिद का लंड उस की निक्कर में अब पूरी तरह तन कर ऐसे खड़ा हो कर अपनी अम्मी की चूत की तरफ इशारा कर रहा था.
जैसे लंड ना हुआ सड़क (रोड) के किनारे पर लगा हुआ तीर (आरो) का वो निशान हो गया. जो रास्ते में चलने वालों को सीधा या सामने जाने का रास्ता दिखाता है.
“ओह मेरे लिए इस से बढ़ कर खुश किस्मती और फक्र की बात हो गी, कि मेरी सग़ी अम्मी अब मेरी बीवी बन कर मेरे साथ हम बिस्तरी किया करे गी” अपनी बहन शाज़िया की इस ख्वाहिश को अपनी अम्मी के मुँह से सुन कर ज़ाहिद तो खुशी से पागल होने लगा था.
ज़ाहिद ने तो कभी ख्वाब में भी नही सोचा था. कि ना सिर्फ़ उस की सग़ी बहन शाज़िया. बल्कि उस के बाद उस की अपनी सग़ी अम्मी रज़िया बीबी भी उस की बीवी की हैसियत से कभी उस के बिस्तर की ज़ीनत बने गी.
इसीलिए अपनी बहन के बाद अब अपनी ही सग़ी अम्मी का शोहर बनने का सोच कर ज़ाहिद को अपनी किस्मत पर खुद ही रश्क आने लगा था.
इसे कहते हैं कि,
“नाले चोपडियाँ
नाले दो दो”
अपनी अम्मी की बात सुनते ही ज़ाहिद ने अपने एक हाथ को नीचे ला कर रज़िया बीबी की शलवार का नाडा खोल दिया. तो रज़िया बीबी की शलवार उस के जिस्म से ढीली हो कर कमरे के फर्श पर गिर पड़ी.
अपनी अम्मी की लंबी सुडौल रानों को शलवार की क़ैद से रिहाई दिलाते ही ज़ाहिद ने पैंटी में कसी हुई अपनी अम्मी की चूत पर हाथ रखा.
तो ज़ाहिद को अंदाज़ा हुआ कि ना सिर्फ़ उस की अम्मी की फुद्दि, अपनी ही चूत के अपने ही पानी से पूरी तरह तर हो चुकी है.
बल्कि चूत के साथ साथ रज़िया बीबी की पैंटी भी उस की फुद्दि के पानी से भीग भीग कर पूरी गीली हो चुकी है.
“ये आप की चूत क्यों इतनी गीली हो रही है अम्मिईीईईईईईईईई” ज़ाहिद ने पैंटी के उपर से अपनी अम्मी की चूत के फूले हुए होंठो पर अपने हाथ फिराते हुए रज़िया बीबी को छेड़ते हुए पूछा.
“जब एक जवान बेटा अपनी अम्मी की गान्ड पर अपने लंड को यूँ बे शर्मी के साथ रगडे गा,तो उस की माँ की फुद्दि गरम हो कर पानी नही छोड़े गी,तो और क्या करे गी बेटा?” रज़िया बीबी ने सिसकारते हुए ज़ाहिद की बात का जवाब दिया.
कुछ देर अपनी अम्मी की गरम फुद्दि से छेड़ खानी करने के बाद ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की कमीज़ को नीचे से पकड़ा. और फिर दूसरे ही लम्हे अपनी अम्मी को उस की कमीज़ के बोझ से भी निजात दिला दी.
अपने जवान बेटे के हाथों यूँ पहली बार नंगा होते ही रज़िया बीबी अपने होश-ओ-हवास खो बैठी.
अपने जिस्म से कपड़े उतर ते ही रज़िया बीबी ने एक झटके के साथ अपने आप को ज़ाहिद के हाथों की गिरफ़्त से छुड़ाया. और इस के साथ ही अपने पीछे खड़े हुए ज़ाहिद की तरफ मूड गई.
ज्यों ही पुश अप ब्रेज़ियर और थॉंग नुमा पैंटी में कसा हुआ रज़िया बीबी का वजूद उस के जवान बेटे की भूकि नज़रों के सामने आया.
तो अपनी अम्मी के मोटे जिस्म को सेक्सी किस्म के इन ब्रेजियर और पैंटी में मलबोस देख कर ज़ाहिद अपनी ज़ुबान को अपने होंठो पर रगड़ने लगा.
ज़ाहिद ने सर से पैर तक अपनी अम्मी के गरम वजूद का जायज़ा लिया. तो उस ने देखा कि उस की अम्मी के बड़े मम्मो के मोटे ब्राउन निपल्स उस की अम्मी के जाली दार ब्रेजियर में से सॉफ नज़र आ रहे थे.
जब कि नीचे से रज़िया बीबी की चूत के मोटे लिप्स को उस की पतली पैंटी, अपने अंदर छुपाने में मुकम्मल तौर पर नाकाम हो चुकी थी.
जिस की वजह से ज़ाहिद को अपनी अम्मी की फूली हुई फुद्दि भी रज़िया बीबी की गीली पैंटी में से वज़िया तौर पर नज़र आ रही थी.
“हाईईईईईईईईईईईईईई इस नये स्टाइल के ब्रेज़ियर और पैंटी में तो आप का मोटा जिस्म एक कयामत ही ढा रहा है अम्मी जान” अपनी अम्मी के नीम नंगे वजूद को अपने सामने पा कर ज़ाहिद अपनी अम्मी के जिस्म की तारीफ किए बना ना रह सका.
“ये वो ही ब्रेज़ियर और पैंटी हैं जो तुम ने अपने हाथों से मेरे लिए खुद खरीदे थे, मेरे बच्चे” अपने जवान बेटे के मुँह से अपने जिस्म की तारीफ सुन कर रज़िया बीबी किसी सोलह साला दोशेज़ा की तरह शरमाने का नाटक करते हुए ज़ाहिद से कहने लगी.
अपने बेटे से एक दफ़ा चुद जाने के बाद तो रज़िया बीबी की सारी शरम ख़तम हो चुकी थी.
इसीलिए अब ज़ाहिद के सामने यूँ अपने ब्रेज़ियर और पैंटी में मलबोस हो कर खड़े होने में रज़िया बीबी को कोई शरम महसूस नही हो रही थी.
रज़िया बीबी कुछ देर अपने जवान बेटे के सामने यूँ ही खड़े रह कर ज़ाहिद को अपने जिस्म को अच्छी तरह से सेकने का मोका देती रही.
ज्यूँ ज्यूँ ज़ाहिद की गरम नज़रें उस की अम्मी के वजूद के आर पर हो रही थी.
त्यु त्यू रज़िया बीबी के जिस्म में लगी आग के शोले मज़ीद बुलंद होते जा रहे थे.
जिस की वजह से रज़िया बीबी की चूत के मोटे लब अपने बेटे का लंबा लंड अपने अंदर लेने के लिए पूरी तरह से फूल चुके थे.
कुछ देर ज़ाहिद को अपने आधे नंगे जिस्म का दीदार करवाने के बाद रज़िया बीबी ने बे शर्मी से आगे बढ़ कर अपने जवान बेटे ज़ाहिद के जिस्म को अपनी बाहों में काबू किया. और इस के साथ ही अपने मुँह को आगे बढ़ा कर अपने गुदाज होंठ अपने बेटे ज़ाहिद के होंठो पर रख दिए.
“ओह ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड, आज तुम्हारी सग़ी माँ खुद तुम्हारे साथ अपनी सुहाग रात मनाने आई है मेरे बच्चेययययययययी”रज़िया बीबी ने अपने दाँतों से अपने जवान बेटे के होंठो को काटते हुए कहा.
“हाईईईईई में शायद इस दुनिया का वाहिद खुश नसीब इंसान होउंगा, जिस ने अपने ही घर में अपनी बहन और माँ के साथ अपनी सुहाग रात मनाई हो गी, अम्मी जानंनणणन्” अपनी अम्मी की गरम गोशी देख कर ज़ाहिद भी मस्ती में आ गया.
ज़ाहिद ने थॉंग में कसी हुई अपनी अम्मी की आदि नंगी गान्ड को अपने हाथ में काबू किया.
और अपनी अम्मी की गान्ड की बड़ी बड़ी पहाड़ियों को अपने हाथों से दबोचाते हुए रज़िया बीबी के मोटे जिस्म को अपने तरफ खैंचा.
इस दौरान ज़ाहिद और रज़िया बीबी के मुँह एक दूसरे से जुड़ कर एक दूसरे के होंठो और ज़ुबान का ज़ायक़ा चेक करने में मसरूफ़ थे.
जब कि नीचे से ज़ाहिद का लंड उस की निक्कर में अब पूरी तरह तन कर ऐसे खड़ा हो कर अपनी अम्मी की चूत की तरफ इशारा कर रहा था.
जैसे लंड ना हुआ सड़क (रोड) के किनारे पर लगा हुआ तीर (आरो) का वो निशान हो गया. जो रास्ते में चलने वालों को सीधा या सामने जाने का रास्ता दिखाता है.
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