एक नंबर के ठरकी complete

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Kamini
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Re: एक नंबर के ठरकी

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राहुल ने अपना आख़िरी पत्ता नीचे फेंका..वो 2 था.

सरदारजी ने शिट,शिट,शिट कहते हुए अपना आखिरी पत्ता बीच में दे मारा....उनके पास 3 था...वो गेम हार चुके थे...इतने करीबी मामले से हारने का दुख उनके चेहरे पर सॉफ देखा जा सकता था.

सबा और राहुल खुशी के मारे उछल पड़े...राहुल को भी शायद ये अंदाज़ा नही था की सरदारजी के पत्ते उसकी टक्कर के निकलेंगे..लेकिन आख़िर में मिली जीत के बाद उसका चेहरा देखने लायक था...सबा दूसरी तरफ से भागती हुई सी आई और झुक कर राहुल के गले से लग गयी...ऐसा उसने आज तक नही किया था...शायद थोड़ी बहुत बहक सी गयी थी..

और उसकी इस हरकत ने बाकी के ठर्कियों के लिए रात का इंतज़ाम कर दिया...वो जैसे ही झुकी ,उसके फूले हुए कूल्हे सभी की नज़रों के सामने फेल कर ऐसे दिखे जैसे कमरे में कमल का फूल खिल गया हो.

कपूर ने तो बड़ी मुश्किल से अपने हाथों को उनपर जाने से रोका...

सरदारजी तो इस खिले हुए कमल को देखकर अपनी हार का गम भी भुला चुके थे...

और शशांक की पेनी नज़रों ने ये तक जान लिया की सबा ने गाउन के नीचे डॉट वाली चड्डी पहनी हुई है...

एक पल के लिए तो शशांक को ऐसा लगा की सबा अपनी गांड झुकाये उसके सामने एकदम नंगी बैठी है…जैसे कह रही हो 'देख क्या रहे हो सर,आओ न, चाट लो मेरी चूत को..'



उसने अपने मुंह में आये पानी से अपने अपने सूख रहे होंठों को गीला किया और बुदबुदाया 'जरूर चाटूंगा मेरी जान , एक दिन जरूर चाटूंगा तेरी चूत को '

सबा ने राहुल को गले से लगाया और फिर वहीं बैठकर जीते हुए नोट समेटने में उसकी मदद करने लगी..

अब काफ़ी देर हो चुकी थी...सभी ने अपना-2 आख़िरी पेग लिया और डिनर टेबल पर जा बैठे...आज का खेल ख़त्म हो चुका था.

खाना खाने के बाद सभी एक-2 करके अपने घर चले गये.

आख़िर में राहुल और सबा गये...राहुल ने अपने बॉस को तहे दिल से धन्यवाद दिया..और दीवाली तक ऐसे ही खेलते रहने की बात भी कही.सबा ने भी इसमें पूरा साथ दिया.

जाते -२ एक अजीब सा वाक्या हुआ सबा के साथ..राहुल तो अपने बॉस को बाय बोलकर फ़्लैट से बाहर निकल गया, और बाद में सबा ने भी सुमन को गले से लगाकर बाय बोला और दोनो ने एक दूसरे के गालो पर एक छोटी सी पप्पी भी दी.. जो अक्सर वो लोग किया करते थे, और फिर जैसे ही सबा शशांक को बाय बोलकर बाहर जाने लगी, शशांक ने एकदम से उसे अपनी बाहों में भरकर ठीक अपनी बीबी की तरह उसे बाय बोला और उसके गालो पर एक पप्पी कर दी, ना चाहते हुए भी सबा को भी किस्स करनी पड़ी, ये बहुत जल्दी हुआ, सबा को तो रिएक्ट करने का मौका ही नही मिल सका, और सुमन तो ऐसे बिहेव कर रही थी की जैसे ये बहुत मामूली सी बात है..लेकिन सबा को छोड़ने से पहले शशांक ने उसके भरे हुए कुल्हो को जिस अंदाज में मसला था,उसे महसूस करके सबा के शरीर के सारे रोँये खड़े हो चुके थे, राहुल के अलावा उसके शरीर को इस तरह से किसी और मर्द ने पहली बार छुआ था, लेकिन नशे की खुमारी, जुए में जीते पैसो की खुशी और राहुल के बॉस होने की वजह से वो कुछ ना बोल पाई, और वो बिना कुछ कहे बाहर निकल आई.

अगले दिन की गेम सरदारजी के घर थी...वहां भी ऐसे ही जीतने की उम्मीद लिए राहुल अपने घर आ गया.

लेकिन वो अपनी जीत की खुशी में ये बात भूल चुका था की उसने सुमन और शशांक के द्वारा फेंका गया चारा निगल लिया है...और वो अब उनके अनुसार ही नाचेगा...शशांक ने तो अपनी अगली चाल भी तैयार कर ली थी...जिसमें उसे अपनी बीबी का भरपूर इस्तेमाल करके राहुल को पूरी तरह अपने जाल मे फंसाना था.

और वो काम उन्होने अगली सुबह करना था.

रात को काफ़ी देर बाद नींद आई थी राहुल को...इसलिए सुबह ऑफीस के लिए भी उसकी नींद नही खुल रही थी.

वो अभी नहा धोकर कपड़े पहन ही रहा था की उसके सेल पर शशांक का फोन आया...और उसने राहुल को एक ज़रूरी काम दिया,जिसमे वो शशांक के घर से एक फाइल लेता हुआ दफ़्तर पहुँचेगा...और वो फाइल 11 बजे तक शशांक के घर पहुँचनी थी..

ऑफीस की फाइल का घर पे क्या काम..ये पूछने की हिम्मत राहुल मे नही हुई...उसने बस यस बॉस कहकर उनकी बात सुनी और फाइल लेकर 12 बजे तक ऑफीस पहुँचने की बात बोली.

राहुल ने उसके बाद आराम से कपड़े पहने और बिना किसी जल्दी के नाश्ता भी किया...अभी तो सिर्फ़ 8 ही बजे थे...3 घंटे और थे उसके पास...वो आराम से बैठकर सबा से बात करने लगा , सबा ने बताया की आज वो और डिंपल मार्किट जाएंगे, उन्हें कुछ नए कपडे लेने थे,

डिंपल अब किसी भी कीमत पर सुमन से भी ज्यादा सेक्सी कपडे पहनना चाहती थी ,

कल की गेम के बाद वो एक बात तो समझ ही चुकी थी की ये सिर्फ़ एक गेम नही रह गयी है बल्कि एक दूसरे को अपने जलवे, सेक्सी शरीर और नये-2 कपड़े दिखाने का ज़रिया बन चुका है..कल की बाजी तो सुमन ने मार ली थी..आज वो बाजी मार लेना चाहती थी.

सबा को उसने इसलिए बोला क्योंकि उसकी सबा से काफ़ी अच्छी तरह से बनती थी...और लेटेस्ट फैशन के बारे में सबा का टेस्ट भी काफ़ी अच्छा था.

दोनो को करीब 1 बजे मार्केट के लिए निकलना था..राहुल ने सबा को भी अपने लिए कुछ शॉपिंग करने के लिए कहा...वैसे भी पैसों की कमी तो थी ही नही अब उसके पास...

करीब 10 बजे राहुल के मोबाइल पर सुमन का फोन आया...उसकी आवाज़ सुनकर एक पल के लिए तो राहुल का दिल धक्क से रह गया...उसे कल रात वाली बात याद आ गयी...लेकिन अब वो अपनी तरफ से कोई भी पहल नही करना चाहता था...उसे लग रहा था की शायद हो सकता है की सुमन कल नशे की हालत में वो सब कर गयी हो...लेकिन सबा को बाय बोलकर , सुमन के फ्लेट की तरफ जाते हुए वो मन ही मन दुआ मांग रहा था कि काश कल रात जो भी हुआ था,वो उसने नशे में नही बल्कि होश में किया हो...

उसे क्या मालूम था की उसकी ये दुआ कितनी बुरी तरह से कबूल होने वाली थी.



अपने बॉस के फ्लॅट के सामने पहुँचकर उसने देखा की दरवाजा तो पहले से ही खुला हुआ है...वो उसे धकेलकर अंदर घुस आया...ड्रॉयिंगरूम में कोई नही था..उसने सुमन को आवाज़ लगाई तो उसे बेडरूम से उसकी आवाज़ सुनाई दी.

''राहुल...मैं यहाँ हूँ ...बेडरूम में ....''

राहुल के तो पसीने छूट गये....उसे समझ नही आया की सुमन भाभी उसे ये बात बता रही है या उसे बेडरूम में आने का न्योता दे रही है..

सीधा बेडरूम....वाहह....वो धीरे-2 उसी तरफ चल दिया...उसके दिमाग़ में सुमन भाभी का नंगा जिस्म नाचने लगा...जो अपने बेड पर नंगी लेटी हुई उसकी तरफ बाहें फेला कर उसे बुला रही है...



लेकिन ऐसा कुछ नही होने वाला था...वो भी जानता था....लेकिन जो भी हुआ ,वो भी कम नहीं था.

उसने देखा की सुमन भाभी अपने नाइट गाउन में है....और बेड के नीचे झुक कर कोई चीज़ ढूंड रही है..

वो जिस अंदाज में झुकी हुई थी,राहुल को उसकी गांड पूरी तरह से फैली हुई दिखाई दे रही थी...ऐसा लग रहा था जैसे कोई मोरनी अपने पंख फेला कर बैठी है...इतनी गोल मटोल गांड के पीछे चिपकने का सुख क्या होता है, वो अच्छी तरह से जानता था.

उसके क़दमों की आहट सुनकर वो पलटी और बोली : "देखो ना राहुल ....मैं नहाने जा रही थी तो मेरा समाज नीचे गिर गया....निकल ही नही रहा...प्लीज़ मेरी हैल्प कर दो ना...''

राहुल बेचारा अपने बॉस की बीबी को कैसे मना कर सकता था...वो झट से नीचे झुक गया...झुकते हुए वो भी सोचने लगा की भला ऐसा क्या समान है जो वो नहाते हुए साथ लेकर जा रही थी , लेकिन जब उसकी नज़र उस ''सामान'' पर पड़ी तो उसके तो होश ही उढ़ गये, उसने देखा की बेड के नीचे की तरफ सुमन की ब्लॅक पेंटी पड़ी है...उसके तो लंड में उफान सा आ गया उसे देखकर...वो झिझकते हुए सुमन की तरफ पलटा...और झुकी हुई सुमन के बाहर की तरफ लटकते मुम्मे देखकर कुछ बोल ही नही पाया.

सुमन : "क्या हुआ....निकालो ना जल्दी...मुझे नहाने जाना है...''

राहुल : "जी....जी भाभी.....''

इतना कहकर उसने अपना लंबा हाथ आगे बढ़ाकर उसकी पेंटी को उठा लिया..

लेकिन ये क्या....उसकी पेंटी का बीच वाला हिस्सा गीला सा क्यो था...उसने गोर से देखा तो उसे वहां कुछ चिपचिपा सा दिखाई दिया...वो समझ गया की ये पेंटी सुमन ने अभी -2 उतार कर फेंकी है...शायद राहुल से अपनी पेंटी निकलवाने के लिए ही उसने ऐसा किया है.

राहुल को अपनी पेंटी का ऐसे मुआयना करते देखकर वो बोली : "तुम क्या इसकी जासूसी करने लगे...पहली बार देखी है क्या...सबा भी तो पहनती होगी ये सब....या उसे तुम पहनने का मौका ही नही देते...हा हा...''

बेचारा कुछ बोल ही नही पाया...

वैसे ये बात तो सुमन भी समझ ही चुकी थी की राहुल को ये बात पता चल चुकी है की उसने जान बूझकर अपनी पहनी हुई पेंटी नीचे फेंकी थी...इसलिए वो उसके करीब आई और बोली : "वैसे एक बात बताऊ ...ये मैने अभी 1 मिनट पहले ही उतार कर रखी थी...तुम्हे दिखाने के लिए...''

राहुल बेचारा सकपका सा गया...वो बोला : "मु...मु...मुझे दिखाने के लिए....भला क्यो...''

सुमन बड़े आराम से बोली : "ताकि तुम्हे मेरा साइज़ पता चल जाए...ताकि तुम मेरे लिए ऐसा कोई गिफ्ट लाने की सोचो तो तुम्हे मेरा साइज़ तो पता होना चाहिए ना....इसलिए....''

राहुल बेचारे की समझ में ये बिल्कुल नही आ रहा था की सुमन उसके साथ ऐसे पंगे क्यो ले रही है...

राहुल : "मैं ....मैं लाऊ गिफ्ट ...किस ...किसलिए...''

सुमन (मुस्कुराते हुए) : "क्यो ? नही ला सकते क्या...सबा के लिए भी तो लाए थे ना लास्ट वीक....उसने बताया था कल मुझे....''

राहुल की तो हालत खराब हो गयी....ये सबा की बच्ची ने अपने इनरवेयर वाली बात भी इन्हे बता दी है...

सुंना : "देखो ना...तुम्हारे बॉस को तो कोई शॉंक है ही नही...और मुझे मार्केट जाने का टाइम ही नही मिलता...अब तुम इसे देखकर इसी साइज़ की पेंटी लेकर आना मेरे लिए...''

राहुल बेचारा बेवकूफो की तरह उसकी पेंटी के पीछे लगा टेग देखने लगा...जिसे देखकर सुमन मंद-2 मुस्कुरा रही थी..

वो बोली : "और ...ये उपर वाली भी तो लानी होगी ना....''

इतना कहकर उसने दनदनाते हुए अपने गाउन के आगे लगी चैन को खोल दिया...और गाउन को अपने कंधे से सरका कर नीचे लटका दिया...उसने अपनी दोनो बाजू बाहर निकाल कर गाउन को हाथ से पकड़ लिया...एक दम से सुमन के पके हुए मुम्मे ब्रा में देखकर राहुल का मुँह सूख सा गया...सुमन ने घूम कर अपनी पीठ राहुल की तरफ कर दी, और बोली : देखो तो ज़रा...क्या साइज़ लिखा है इसपर...''

वो ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे उसे खुद का साइज़ पता ही नही था...

लेकिन राहुल को उसके इस खेल में भी मज़ा आ रहा था...अब तक वो भी समझ चुका था की आज यहाँ क्या होने वाला है...लेकिन अपने बॉस की बीबी को एकदम से कुछ कर भी तो नही सकता ना...इसलिए बड़ी मुश्किल से अपने हाथो को उसके मुम्मो पर जाने से रोका हुआ था..
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Kamini
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Re: एक नंबर के ठरकी

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लेकिन सुमन के कहने पर जब अपने काँपते हुए हाथ उसने उसकी ब्रा के स्ट्रेप्स पर रखे तो उसका हाथ सुमन के चिकने बदन से छू गया और उसे ऐसा महसूस हुआ की बर्फ के उपर गर्म सरिया रख दिया हो...उसने ब्रा के स्ट्रेप्स को घुमाकर उसके पीछे लिखे नंबर देखने चाहे तो वो खुल ही गयी...और एकदम से छिटककर वो ब्रा भी गाउन के साथ लटक गयी..

सुमन उसकी तरफ घूम गयी और ब्रा के स्त्रेप्स को देखते हुए बोली : "ओहो....तुमने तो इसे उतार ही दिया...कोई बात नही..मैं देखकर बताती हूँ ..''

सुमन तो अपना साइज़ देख रही थी...और राहुल अपनी आँखे फाड़े उसके विशालकाए पर्वतों को देख रहा था...इतनी करीब से उसे अपने बॉस की बीबी के मुम्मे देखने को मिल रहे थे और वो उसका पूरा लुत्फ़ उठा रहा था..

सुमन : "यहाँ देखो ना....वहां क्या देख रहे हो....सबा के भी तो देखते हो ना...वैसे ही तो है...''

और इस बार हिम्मत करके राहुल ने बोल ही दिया : "हा....हाँ .....प...पर ...थोड़े बड़े है ये....''

इतना सुनकर सुमन मुस्कुरा दी...और अपनी ब्रा एक साइड में फेंकती हुई अपनी नंगी छातियाँ अपने हाथ में लेकर उसे दिखाती हुई बोली : "अच्छा जी....तो बताओ...कैसे है ये...सबा से अच्छे ....या उनसे खराब..''



राहुल तुरंत बोला : "नही...नही....खराब क्यो...बहुत अच्छे है....इनफॅक्ट सबा के तो इनके सामने कुछ भी नही....मुझे तो बड़े ही अच्छे लगते है...''

सुमन : "आ...हान .....ओके .....तो बताओ.....अगर ये तुम्हे मिल जाए....तो क्या करोगे....''

राहुल भी बेचारा पजल हो गया 'मिल जाए क्या मतलब....अभी मिलने में वक़्त है क्या...'

पर बेचारा ये बात सोच कर ही रह गया...बोल ना पाया..

सुमन : "बोलो....ये अगर तुम्हे मिल जाए तो क्या -2 करोगे...''

राहुल भी समझ चुका था की सुमन उसे तरसाने के लिए ही ये सब कर रही है...वरना किसी पराए मर्द के सामने इस तरह से नंगी खड़ी होकर भला कोई ऐसी बात करता है क्या...वो भी उसके इस खेल में उतर आया...और उसी तरीके से जवाब देने लगा जिसमे वो पूछ रही थी...

राहुल : "वो तो मैं तब बता पाउँगा जब ये मिलेंगे...''

सुमन भी उसके चालाकी भरे जवाब को सुनकर मुस्कुरा दी...

वो बोली : "अच्छा ...सोच लो....अगर ये तुम्हे मिल चुके है...अब बताओ...क्या करोगे..''

राहुल : "सोचने और मिलने में काफ़ी अंतर होता है भाभी....मैं तो काफ़ी देर से सोच रहा था की ये मिल ही चुके है...लेकिन वो तो सिर्फ़ मेरी सोच थी...ये अभी तक मिले कहाँ है....''

उसकी आँखों में छुपी शरारत अब सुमन ने भी पड़ ली थी और इस बार सुमन ने अपनी हार मान ही ली...वो उसके करीब आकर खड़ी हो गयी...इतने करीब की उसकी छाती के उभरे हुए निप्पल राहुल के दिल के करीब चुभने लगे..

और बोली : "अच्छा बाबा....लो...ले लो इन्हे...और बताओ की क्या करोगे अब...''

राहुल के लिए इतना बहुत था...उसने आव देखा ना ताव और अपने दोनो हाथो से उसके मुम्मो को मसल डाला...

सुमन ने भी उसके सिर को पकड़कर अपनी छाती में दे मारा और ज़ोर से चिल्लाई...

''दिखाओ...मुझे.....क्या कर सकते हो तुम.....''


राहुल ने अपने दांतो से उसके मुम्मो को पकड़ा और ज़ोर-2 से सक्क करके उसका दूध पीने लगा...उसका गाउन भी नीचे गिर चुका था और वो पूरी तरह से नंगी होकर उसकी बाहों में मचल रही थी...राहुल ने बिना कोई देरी किए उसे वही बिस्तर पर लिटाया और उसके पुर जिस्म को बुरी तरह से चूमने लगा...और धीरे-2 करके वो जब उसकी चूत तक पहुँचा तो सुमन ने तड़पकर अपनी टांगे उसकी गर्दन के चारों तरफ लपेट दी और उसे अपनी गुफा के अंदर घुसा लिया...

''आआआआआआअहह ओह माय गॉड .....चूसो इसे.............ज़ोर से...........आआआआअहह....''



राहुल ने अपने बॉस की बीबी की चिकनी चूत से निकल रहे पानी की एक-2 बूँद पी डाली...ऐसा गज़ब का स्वाद तो उसे सबा भी नहीं दे पाई थी..वो भी पागल हुए जा रही थी...राहुल के चूसने के बाद जब वो झड़ी तो उसने राहुल को अपनी जगह लिटाकर उसकी पेंट उसके घुटनो तक खींच ली.

राहुल के लंड को बाहर निकालकर वो उसे किसी सॉफ्टी की तरह चूसने लगी...उसमे से निकल रही आइस्क्रीम अपनी जीभ से चाट-चाटकार खाने लगी...यहाँ तक की उसकी बॉल्स को भी वो अपनी जीभ से किसी बिल्ली की तरह चाट रही थी...आज तक सबा ने भी उसकी बॉल्स को नही चूमा था...

जब से ये सब शुरू हुआ था ,तब से वो सुमन की हर बात को सबा से कंपेयर करके देख रहा था...सबा वैसा करती है और सुमन ऐसा करती है...और हर बार वो सुमन को सबा से उपर ही आंक रहा था...ये शायद इसलिए भी क्योंकि सबा के लिए चुदाई एक रुटीन जैसा कार्य बन चुका था...हालाँकि उनकी शादी की ज़्यादा टाइम नही हुआ था..और वो अपनी चुदाई को एन्जॉय भी करते थे लेकिन दिन ब दिन कुछ कम सा महसूस हो रहा था राहुल को...

और दूसरी तरफ, सुमन का उसके साथ पहली बार था...और शायद इसलिए वो अपनी पूरी ताक़त से उसे खुश करने में लगी हुई थी...और शायद इसलिए भी राहुल को हर बात में सुमन सबा से उपर ही दिख रही थी.
राहुल से अब और बर्दाश्त नही हो रहा था...उसने सुमन को बेड पर धक्का दिया और अपने लंड को सीधा लेजाकर उसकी चूत पर गाड़ दिया...बाकी का काम सुमन ने खुद कर दिया...उसकी कमर के चारों तरफ अपनी टांगे लपेट कर उसने ऐसे अपने शिकंजे में लिया की राहुल का लंबा लंड एक ही बार में दनदनाता हुआ सा उसकी गद्देदार चूत में घुसता चला गया...

इतनी अंदर तक तो आज तक नही भरी थी वो...अपने पति से भी उसे इतनी गहरी चुदाई का सुख आज तक नही मिल पाया था...और ना ही अपने किसी और यार से, लंबे लंड के अपने ही मज़े होते है...और आज ये मज़ा वो जी भरकर लेना चाहती थी.



इसलिए वो राहुल के धक्के के साथ -2 अपनी कमर भी उसी टाइम उचका कर उसके लंड पर अपनी चूत की करारी चोट कर रही थी...ठप्प-2 की आवाज़ों के साथ पूरा घर गूँज रहा था...और आख़िरकार ज़ोर-2 से चिल्लाते हुए दोनो एक दूसरे को चूमते हुए झड़ने लगे..

''आआआआआआआआआआहह.............ओह गॉड .....आई एम कमिंग...........''

राहुल भी चिल्लाया : "आआआआआआआहह भाभी................... मैं भी आया............''

सुमन ने उसे उसका लॅंड बाहर निकालने का मौका ही नही दिया....और उसके लॅंड के गर्म पानी से अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों की सिंचाई करवा ली.

राहुल भी हांफ्ते-2 उसके ऊपर ढेर हो गया..

अचानक उसका मोबाइल बज उठा...उसने साइड में पड़े मोबाइल को उठाकर देखा तो उसके बॉस का फोन था...शशांक का नाम देखकर सुमन भी मुस्कुरा दी, उसने उसे फोन उठाने के लिए कहा

शशांक उससे पूछ रहा था की इतनी देर कहा लगा दी और राहुल उसे समझा रहा था की फाइल ही लेट आई....और इस बीच शरारती सुमन राहुल को चूमे जां रही थी...उसकी गर्दन पर जीभ फेराकार उसे गुदगुदी कर रही थी...राहुल ने बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज़ को बदलने से रोका..उसे डर लग रहा था कि कही बॉस को शक़ ना हो जाए

पर वो बेचारा ये नही जानता था की उसके बॉस ने ही ये सब प्लान किया है...और उसे सब मालूम है.

राहुल जल्दी से वहाँ से निकल कर ऑफीस चला गया.
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Re: एक नंबर के ठरकी

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शाम को वो जब घर आया तो सबा ने उसे शॉपिंग में लाई हुई चीज़े दिखाई...और आँख मारकर ये भी बताया की कुछ समान ऐसा है जो रात को सोते वक़्त दिखाएगी..

राहुल समझ गया की आज उसने अपने लिए अंडरगार्मेंट्स लिए है.

8 बजने वाले थे...डिंपल सरदारनी का फोन 2 बार आ चुका था सबा के पास...सभी लोग पहुँच चुके थे...वो सभी सबा और राहुल का वेट कर रहे थे.
आज सबा ने कल से कुछ ज़्यादा बड़िया कपड़े पहने हुए थे...कल तो वो नाइट सूट में ही चली गयी थी...आज उसने एक नयी और सेक्सी सी टी शर्ट पहनी हुई थी जो वो आज ही लेकर आई थी...जिसपर बड़े-2 शब्दो मे लिखा था ''सेक्सी'' और एक अंग्रेज लड़की आँख मारते हुए बनाई गयी थी...राहुल को वो थोड़ी अजीब सी लगी, पर कपड़ो के लिए वो सबा को कुछ कहकर पिछड़ा हुआ नही कहलाना चाहता था..

वो दोनो सरदारजी के घर की तरफ चल दिए..वो जैसे ही पहुँचे, तीन पत्ति की गेम स्टार्ट हो गयी.

राहुल ने तो नोट ही नही किया की आज किस-किसने कैसे कपड़े पहने है...

पत्ते बाँट जाने के बाद उसकी नज़र सबसे पहले सुमन पर पड़ी, जिसने आज एक ब्लैक ड्रेस पहनी हुई थी , और वो शॉर्ट ड्रेस इतनी सेक्सी थी की उसमे से सुमन की ब्रा के स्ट्रेप्स तक साफ़ चमक रहे थे, और उसका गला खुल्ला था कि उसके दोनों मुम्मे, जिन्हे आज सुबह ही राहुल भरकर चूसा था, बाहर निकलने के लिए मचल से रहे थे



राहुल ने आज सुबह ही उसे चोदा था इसलिए उसके गद्राये गदराये हुए बदन को देखकर उसका लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया...ये सोचकर की वो इन सेक्सी कपड़ो में जिस जिस्म को छुपा रही है, वो उसने आज सुबह ही नंगा देखा है.

अब उसका खेल में मन नही लग रहा था...उसने 2 ब्लाइंड के बाद ही अपने पत्ते देख लिए...गेम नॉर्मल वाली थी...और उसने पास सिर्फ़ इकके को छोड़कर कुछ ख़ास नही आया था...इसलिए उसने पेक कर दिया....और ये पेक उसने इसलिए भी किया ताकि वो आराम से कमरे में मोजूद हर हसीना को देख सके...

शशांक की नज़र भी खेल से ज़्यादा राहुल की नज़रों पर थी...वो देख पा रहा था की किस अंदाज से राहुल उसकी बीबी को देख रहा है...वैसे तो सुमन ने उसे दोपहर को फोन करके सब कुछ बता दिया था की आज राहुल के साथ उसने क्या-2 किया, लेकिन जिस अंदाज से वो अभी सुमन को देख रहा था,उसे अपनी आगे की योजना सही से बनती हुई दिखाई दे रही थी.

राहुल अभी सुमन को देखने मे बिज़ी था ही की उसकी नज़र डिंपल सरदारनी पर गयी....और उसकी तो आँखे फटी की फटी रह गयी..

उसकी तो समझ में नहीं आ रहा था की ये एक ही दिन में सब लेडीज़ को हो क्या गया है, अब तक तो वो सुमन को ही ऐसी समझ रहा था जो अपने बदन की नुमाईश करके खुश होती है, लेकिन आज तो महफ़िल की रंगत ही बदली हुई सी लग रही थी



डिंपल सरदारनी ने जिस तरह की ड्रेस पहनी हुई थी,वैसी तो फ़िल्मो की हीरोइन्स भी पहनने से कतराए...ऐसी जिस्म की नुमाइश करने वाली ड्रेस पहन कर वो घर वाली पार्टी में खड़ी थी जैसे ये नॉर्मल सी बात हो...

उसने पिंक कलर की ड्रेस पहनी हुई थी...जो उसकी जांघो तक ही आ रही थी, जिसमे साइड से और आगे-पीछे से उसका बदन कपड़े के कटे हुए डिज़ाइन में से सॉफ झलक रहा था...और उसके बदन के उन हिस्सो को देखकर सॉफ पता चल रहा था की उसने अंदर ना तो पेंटी पहन रखी है और ना ही ब्रा...



राहुल तो उसके कूल्हे के साइड के नंगे हिस्से को देखकर उसमे डूब सा गया..

हालाँकि पहले वो सुमन को देख रहा था, लेकिन जब से उसकी नज़र डिंपल पर पड़ी,उसने उसकी तरफ देखा ही नही..और ये बात सुमन को बिल्कुल भी अच्छी नही लगी...एक तो उसका पहले से ही डिंपल के साथ 36 का आँकड़ा था..वो दोनो एक दूसरे से ज़्यादा सेक्सी दिखने की होढ़ में कुछ ना कुछ करती ही रहती थी...हालाँकि दोनो एक दूसरे से काफ़ी अच्छी तरह से बाते करती थी..सबके सामने भी वो यही दिखाती थी की दोनों में अच्छी ख़ासी दोस्ती है...लेकिन दोनो अंदर ही अंदर अपनी ख़ास 'दुश्मनी' निभाने से कभी भी पीछे नही हटती थी..और यही कारण था की कल रात को सुमन की वो सेक्सी रेड ड्रेस देखने के बाद आज डिंपल मार्केट से उससे भी ज्यादा सेक्सी दिखने वाली ऐसी ड्रेस लेकर आई थी...सबा ने जब उसे उस ड्रेस में देखा तो उसे मना करना भी चाहा, लेकिन उसके मामले में वो ऐसे दखल नही देना चाहती थी..इसलिए कुछ ना बोल सकी.

डिंपल जब किचन से कुछ कोल्ड ड्रिंक्स लेने गयी तो सुमन भी उसके पीछे-2 चली गयी.

सुमन : "हाय ...कहना पड़ेगा डिंपल...आज तुम कमाल की लग रही हो...''

डिंपल (मुस्कुराते हुए) : ''थॅंक्स...तुम भी काफ़ी अच्छी लग रही हो...वैसे ये ड्रेस तुम्हारी कल वाली ड्रेस के सामने कुछ नही है...है ना...''

वो शायद अपनी और तारीफ सुनना चाहती थी..

सुमन ने उसके रसीले बदन से झाँक रहे माँस को देखा और मुस्कुरा कर बोली : "नही...ऐसा नही है...शायद पेंटी ब्रा ना पहनने की वजह से कुछ ज़्यादा ही हो गया....लेकिन इसका भी अपना मज़ा है...सभी लोग तुम्हे ही देख रहे है...''

डिंपल : "अच्छा जी...कौन देख रहा है मुझे...जरा मैन्नू वि तो दस्सो ''

सुमन : "वैसे तो सभी...लेकिन ख़ासकर राहुल...वो तो तुम्हे देखकर अपनी नज़र ही नही हटा रहा...''

राहुल का नाम सुनकर डिंपल के चेहरे के एक्सप्रेशन्स ही बदल गये...सोसायटी के सबसे सेक्सी मर्द पर तो सभी की नज़रे थी...शायद डिंपल की भी थी...और इसलिए उसका नाम सुनते ही उसके चेहरे पर अलग ही तरह का गुलाबीपन आ गया...सुमन को समझते देर नही लगी की सरदारनी के दिल में भी राहुल के लिए कैसी भावनाए है..

डिंपल : "अच्छा ...सच में ...वो देख रहा था...आज तक तो उसने देखा नही....अपनी बीबी के पीछे ही लगा रहता है...लल्लू कही का ''

अब तो सुमन पक्का समझ गयी की असली माजरा क्या है....वो राहुल के पीछे पड़ी थी....और इसलिए उसने सबा से ज़्यादा दोस्ती बड़ा रखी थी...ताकि राहुल को पता सके...लेकिन उसकी खुद की बीबी इतनी सुन्दर थी की वो डिंपल को भाव ही नही देता था...शायद इसलिए वो उसे मन ही मन कोसकर कुछ बुदबुदा रही थी , उसे लल्लू बोल रही थी जो उसके दिल की बाते नहीं समझ रहा था

और डिंपल ये बात नही जानती थी की जिस राहुल के पीछे वो पड़ी है, सुमन तो उसके साथ ऑलरेडी मज़े ले चुकी है..और बीबी के प्रति वफ़ादार पति को कैसे अपने जाल मे फँसाया जाता है, यही बताने के लिए शायद सुमन वहां आई थी..

और वैसे भी सुमन जानती थी की जिस महामज़े के बारे में वो और उसके पति प्लान बना रहे है ,उसके लिए डिंपल जैसे खिलाड़ी का बीच में कूदना बहुत ज़रूरी है...एक-2 करके ही वो आख़िर में जाकर सभी को अपने खेल में शामिल कर पाएँगे...और इसके लिए अभी कुछ करना पड़ेगा..

डिंपल : "अगर तुम चाहो तो वो तुम्हारे पीछे भी लग सकता है....इन्फेक्ट तुम उसके साथ वो सब मज़े ले सकती हो जिसके बारे में आजकल सोचा करती हो...मैं उसको बोलूँगी तो वो मेरी बात बिल्कुल नही टालेगा ...''
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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by 007 »

bahut hi mast update
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

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-- 007

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