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कमसिन बहन
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Re: कमसिन बहन
मेरी नशीली चितवन Running.....मेरी कामुकता का सफ़र Running.....गहरी साजिश Running.....काली घटा/ गुलशन नन्दा ..... तब से अब तक और आगे .....Chudasi (चुदासी ) ....पनौती (थ्रिलर) .....आशा (सामाजिक उपन्यास)complete .....लज़्ज़त का एहसास (मिसेस नादिरा ) चुदने को बेताब पड़ोसन .....आशा...(एक ड्रीमलेडी ).....Tu Hi Tu
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Re: कमसिन बहन
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Re: कमसिन बहन
कुल मिलाकर मंजू की समझ में ये परिस्थिति आ चुकी थी...
पर शायद नेहा अभी ये सब समझने की हालत में नही थी...
उसे तो बस यही लग रहा था की भाई उसका है तो सच्चा प्यार भी वही करेगी.
खैर, नेहा को इस वक़्त कुछ भी समझाना मुश्किल था इसलिए मंजू की ने ही हथियार डाल दिए, पर अंदर ही अंदर उसे भी पता था की आने वाले दिनों में नेहा का बर्ताव उसके प्रति कैसे होने वाला है...
ख़ासकर अब क्योंकि उसने उसके भाई के लिए अपने प्यार का इज़हार जो कर दिया था.
माहौल को ठंडा करने के लिए उसने नेहा से कहा : "चल छोड़ ये सब बातें , तुझे मेरे साथ आज एक शादी में चलना है रात को....''
नेहा को बचपन से बस एक ही शौंक था, सजने सँवारने का...
और शादी पर ये काम सबसे बढ़िया तरीके से हो पाता था..
शादी पर जाने की बात सुनकर, वो सब कुछ भूलकर, ऐसे चाहक उठी जैसे अभी कुछ देर पहले उनके बीच कुछ हुआ ही नही था..
नेहा : "शादी...वॉव ...पर किसकी....तेरे मम्मी पापा नही जाएँगे क्या..''
मंजू : "वो भी जाएँगे...मेरी माँ की मौसेरी बहन है, उसकी लड़की की शादी है...सबको बुलाया है...तू भी चल, मैं माँ से बात कर लूँगी...''
नेहा बड़ी खुश हुई....
अब उसके दिलो दिमाग़ से विक्की वाली बात निकल चुकी थी..
उसे तो अब ये चिंता हो रही थी की रात को वो पहनेगी क्या.
स्कूल की छुट्टी के बाद हमेशा की तरह विक्की उनका बाहर इंतजार कर रहा था..
पर इस बार मंजू ने जान बूझकर दौड़कर बाइक पर बैठने की जल्दी नही दिखाई...
वहीं दूसरी तरफ नेहा हिरनी की तरह उछलती हुई गयी और विक्की के पीछे चिपककर बैठ गयी...
मंजू को भागता ना देखकर विक्की को हैरानी ज़रूर हुई पर मंजू ने आँखो के इशारे से उसे चुप रहने को कहा,
विक्की समझ गया की ज़रूर दोनो के बीच कोई बात हुई है.
उसने भी चुप रहना सही समझा और दोनो को बिठा कर घर की तरफ चल दिया...
बाइक पर बैठते ही नेहा ने अपनी नन्ही छातियाँ विक्की की पीठ में गाड़ दी और अपने दोनो हाथों से उसकी छाती को ऐसे पकड़ लिया मानो वो उसकी प्रेमिका हो...
विक्की ने भी उसके हाथ पर हाथ रखकर उसे सहलाया, ये देखकर उसकी छातियाँ और बाहर निकल आई और विक्की को अच्छे से मसाज देने लगी.
वहीं दूसरी तरफ मंजू के दिमाग़ में सब प्लानिंग चल रही थी....
उसे कैसे विक्की से मज़े लेने है, कैसे नेहा को पटाकर रखना है,
ये सब उसके शातिर दिमाग़ में चल रहा था..
रास्ते में दोनों को आइसक्रीम खिलाकर वो घर की तरफ चल दिया , कुछ ही देर में नेहा का घर आ गया और वो बेमन से नीचे उतर गयी...
अब आगे विक्की ने मंजू को छोड़ने उसके घर जाना था, जो कुछ ही दूर था...
नेहा जानती थी की ऐसे मौके को पिंकी हाथ से जाने नही देगी, पर वो कुछ नही कर सकती थी...
बेचारी थके कदमो से अपने घर के अंदर आ गयी..
कुछ दूर आगे चलते ही मंजू ने उसी अंदाज से विक्की को पकड़ लिया जैसे कुछ देर पहले नेहा ने जकड़ा हुआ था उसे...
और अपने रसीले होंठो से उसके कान को टच करते हुए बोली : "मुझे तुम्हे किस्स करना है...अभी...''
ये एक ऐसी लाइन थी जिसे सुनने के लिए लड़के मरे जातें है...
उपर से इतनी हॉट लड़की जब खुद पहल करे तो उसका मज़ा दुगना हो जाता है...
विक्की के मन में भी सुबह से यही चल रहा था, और उसने तो जगह भी चुन ली थी,
इसलिए बिना कुछ कहे उसने बाइक को एक सुनसान सी जगह की तरफ मोड़ लिया...
ये एक टीला सा था, जहाँ उपर तक बाइक जा सकती थी, और उपर से ही दूर से कोई भी आता - जाता दिखाई भी दे सकता था..
उपर पहुँचते ही विक्की ने बाइक एक कोने में लगाई और एक मोटे से पेड़ के तने के पीछे मंजू को सटाकर खड़ा किया और उसके होंठो पर टूट सा पड़ा...
एक तूफान सा छिड़ गया दोनो के बीच,
एक जंग सी होने लगी दोनो के होंठो में ..
और दोनो ही वो जंग जीतना चाहते थे..
विक्की के हाथ उसके बूब्स पर थे...
वो उन्हे जोरों से मसल रहा था...
मंजू भी चाहती थी की विक्की उन्हे चूस डाले...अपने होंठ लगाकर उसके निप्पल्स को निचोड़ डाले.
मंजू ने एक ही झटके में अपनी शर्ट के बटन खोले और उसे निकाल फेंका, नीचे उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, घने पेड़ के नीचे वो विक्की के सामने टॉपलेस खड़ी थी, उसके नन्हे बूब्स और उनपर लगे कड़क निप्पल्स विक्की को अपने पास बुला रहे थे
विक्की ने उसके बूब्स को पकड़कर होले से दबाना शुरू कर दिया और अपने होंठों से उसकी गर्दन से लेकर नीचे तक का सफर चाटते हुए तय करना शुरू कर दिया
पर जैसे ही विक्की ने अपना मुंह नीचे करके उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसना चाहा , दूर से कुछ बच्चे उन्हे उपर टीले की तरफ आते दिखाई दिए...
ये जामुन का मौसम था, और वो जिस पेड़ के नीचे खड़े थे वो जामुन से लदा पड़ा था...
उन दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और वहाँ से जाने में ही भलाई समझी....
मंजू ने जल्दी से अपनी शर्ट पहन ली
शुक्र था की उन बच्चों में से कोई भी उन दोनो को नही जानता था, वरना जिस अंदाज से उन्हे वापिस जाते हुए बच्चे उन्हें घूर रहे थे वो पक्का वापिस जाकर उनकी चुगलखोरी कर देते..
पर शायद नेहा अभी ये सब समझने की हालत में नही थी...
उसे तो बस यही लग रहा था की भाई उसका है तो सच्चा प्यार भी वही करेगी.
खैर, नेहा को इस वक़्त कुछ भी समझाना मुश्किल था इसलिए मंजू की ने ही हथियार डाल दिए, पर अंदर ही अंदर उसे भी पता था की आने वाले दिनों में नेहा का बर्ताव उसके प्रति कैसे होने वाला है...
ख़ासकर अब क्योंकि उसने उसके भाई के लिए अपने प्यार का इज़हार जो कर दिया था.
माहौल को ठंडा करने के लिए उसने नेहा से कहा : "चल छोड़ ये सब बातें , तुझे मेरे साथ आज एक शादी में चलना है रात को....''
नेहा को बचपन से बस एक ही शौंक था, सजने सँवारने का...
और शादी पर ये काम सबसे बढ़िया तरीके से हो पाता था..
शादी पर जाने की बात सुनकर, वो सब कुछ भूलकर, ऐसे चाहक उठी जैसे अभी कुछ देर पहले उनके बीच कुछ हुआ ही नही था..
नेहा : "शादी...वॉव ...पर किसकी....तेरे मम्मी पापा नही जाएँगे क्या..''
मंजू : "वो भी जाएँगे...मेरी माँ की मौसेरी बहन है, उसकी लड़की की शादी है...सबको बुलाया है...तू भी चल, मैं माँ से बात कर लूँगी...''
नेहा बड़ी खुश हुई....
अब उसके दिलो दिमाग़ से विक्की वाली बात निकल चुकी थी..
उसे तो अब ये चिंता हो रही थी की रात को वो पहनेगी क्या.
स्कूल की छुट्टी के बाद हमेशा की तरह विक्की उनका बाहर इंतजार कर रहा था..
पर इस बार मंजू ने जान बूझकर दौड़कर बाइक पर बैठने की जल्दी नही दिखाई...
वहीं दूसरी तरफ नेहा हिरनी की तरह उछलती हुई गयी और विक्की के पीछे चिपककर बैठ गयी...
मंजू को भागता ना देखकर विक्की को हैरानी ज़रूर हुई पर मंजू ने आँखो के इशारे से उसे चुप रहने को कहा,
विक्की समझ गया की ज़रूर दोनो के बीच कोई बात हुई है.
उसने भी चुप रहना सही समझा और दोनो को बिठा कर घर की तरफ चल दिया...
बाइक पर बैठते ही नेहा ने अपनी नन्ही छातियाँ विक्की की पीठ में गाड़ दी और अपने दोनो हाथों से उसकी छाती को ऐसे पकड़ लिया मानो वो उसकी प्रेमिका हो...
विक्की ने भी उसके हाथ पर हाथ रखकर उसे सहलाया, ये देखकर उसकी छातियाँ और बाहर निकल आई और विक्की को अच्छे से मसाज देने लगी.
वहीं दूसरी तरफ मंजू के दिमाग़ में सब प्लानिंग चल रही थी....
उसे कैसे विक्की से मज़े लेने है, कैसे नेहा को पटाकर रखना है,
ये सब उसके शातिर दिमाग़ में चल रहा था..
रास्ते में दोनों को आइसक्रीम खिलाकर वो घर की तरफ चल दिया , कुछ ही देर में नेहा का घर आ गया और वो बेमन से नीचे उतर गयी...
अब आगे विक्की ने मंजू को छोड़ने उसके घर जाना था, जो कुछ ही दूर था...
नेहा जानती थी की ऐसे मौके को पिंकी हाथ से जाने नही देगी, पर वो कुछ नही कर सकती थी...
बेचारी थके कदमो से अपने घर के अंदर आ गयी..
कुछ दूर आगे चलते ही मंजू ने उसी अंदाज से विक्की को पकड़ लिया जैसे कुछ देर पहले नेहा ने जकड़ा हुआ था उसे...
और अपने रसीले होंठो से उसके कान को टच करते हुए बोली : "मुझे तुम्हे किस्स करना है...अभी...''
ये एक ऐसी लाइन थी जिसे सुनने के लिए लड़के मरे जातें है...
उपर से इतनी हॉट लड़की जब खुद पहल करे तो उसका मज़ा दुगना हो जाता है...
विक्की के मन में भी सुबह से यही चल रहा था, और उसने तो जगह भी चुन ली थी,
इसलिए बिना कुछ कहे उसने बाइक को एक सुनसान सी जगह की तरफ मोड़ लिया...
ये एक टीला सा था, जहाँ उपर तक बाइक जा सकती थी, और उपर से ही दूर से कोई भी आता - जाता दिखाई भी दे सकता था..
उपर पहुँचते ही विक्की ने बाइक एक कोने में लगाई और एक मोटे से पेड़ के तने के पीछे मंजू को सटाकर खड़ा किया और उसके होंठो पर टूट सा पड़ा...
एक तूफान सा छिड़ गया दोनो के बीच,
एक जंग सी होने लगी दोनो के होंठो में ..
और दोनो ही वो जंग जीतना चाहते थे..
विक्की के हाथ उसके बूब्स पर थे...
वो उन्हे जोरों से मसल रहा था...
मंजू भी चाहती थी की विक्की उन्हे चूस डाले...अपने होंठ लगाकर उसके निप्पल्स को निचोड़ डाले.
मंजू ने एक ही झटके में अपनी शर्ट के बटन खोले और उसे निकाल फेंका, नीचे उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, घने पेड़ के नीचे वो विक्की के सामने टॉपलेस खड़ी थी, उसके नन्हे बूब्स और उनपर लगे कड़क निप्पल्स विक्की को अपने पास बुला रहे थे
विक्की ने उसके बूब्स को पकड़कर होले से दबाना शुरू कर दिया और अपने होंठों से उसकी गर्दन से लेकर नीचे तक का सफर चाटते हुए तय करना शुरू कर दिया
पर जैसे ही विक्की ने अपना मुंह नीचे करके उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसना चाहा , दूर से कुछ बच्चे उन्हे उपर टीले की तरफ आते दिखाई दिए...
ये जामुन का मौसम था, और वो जिस पेड़ के नीचे खड़े थे वो जामुन से लदा पड़ा था...
उन दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और वहाँ से जाने में ही भलाई समझी....
मंजू ने जल्दी से अपनी शर्ट पहन ली
शुक्र था की उन बच्चों में से कोई भी उन दोनो को नही जानता था, वरना जिस अंदाज से उन्हे वापिस जाते हुए बच्चे उन्हें घूर रहे थे वो पक्का वापिस जाकर उनकी चुगलखोरी कर देते..
Thriller इंसाफ Running....बहुरुपिया शिकारी Running....
गुजारिश Running....वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना Running....वर्दी वाला गुण्डा / वेदप्रकाश शर्मा ....
प्रीत की ख्वाहिश ....अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म ) ....
कमसिन बहन .... साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ.... द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}by rocksanna .... अनौखी दुनियाँ चूत लंड की .......क़त्ल एक हसीना का
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Re: कमसिन बहन
रास्ते में मंजू ने विक्की को रात की शादी के बारे में बताया और ये भी कहा की नेहा भी आ रही है...
हो सके तो वो भी किसी तरह से वहां आ जाए ताकि बाकी का बचा हुआ काम वहां निपटाया जा सके.
आग दोनो में इतनी लगी हुई थी की विक्की ने बिना कुछ सोचे समझे हां कर दी...
अब तो बस सभी को रात की शादी का इंतजार था..
***************
शाम होते-2 नेहा ने तैयार होना शुरू कर दिया...
सजना संवरना तो उसका फ़ेवरेट काम था
इसलिए अपने कमरे में घुसकर उसने दरवाजा किया अंदर से बंद और शुरू हो गयी शादी में जाने की तैयारियों में.
सबसे पहले तो उसने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके...
और अपनी बाँहों और पैरों पर वीट क्रीम लगाकर उन्हे चिकना किया...
चेहरे पर भी उसने ढेरो क्रीम लगाई और उसे चमकदार बना दिया...
सुंदर तो वो थी ही, पिंक लिपस्टिक और उसी रंग की छोटी सी बिंदी लगाकर उसका चेहरा राजकुमारियों की तरह खिल उठा...
बालों की भी उसने अच्छे से प्रेस्सिंग की..
कुल मिलाकर नहा धोकर जब वो आईने के सामने आकर नंगी खड़ी हुई तो खुद को देखकर उसे खुद पर ही ढेर सारा प्यार आ गया...
उसने सोचा की काश इस वक़्त उसका भाई वहां होता तो उसे इस रूप में देखकर क्या हाल होता उसका...
अपने हुस्न पर इतराते हुए उसने घूम-घूमकर अपने जिस्म के हर अंग को अच्छे से देखा और हर बार उसकी आँखो की चमक बढ़ती ही चली गयी.
फिर उसने अपना फ़ेवरेट पिंक कलर का सूट निकाला जो उसे आज शादी में पहन कर जाना था...
इसका गला काफ़ी डीप था, जिसमे से उसकी नन्ही ब्रेस्ट का उभार सॉफ दिखाई देता था...
पर उस उभार को दिखाने के लिए वो उसे बिना ब्रा के ही पहनटी थी..
और ब्रा से तो वैसे भी नेहा को एलेर्जी थी..
इसलिए अक्सर स्कूल में भी वो बिना ब्रा के ही जाया करती थी.
पूरी तैयार होकर जब वो कमरे से बाहर निकली तो विक्की सामने ही दिख गया, उसकी आँखे एक पल के लिए फटी रह गयी...
इतना सैक्सी कोई कैसे हो सकता है यार....
और वो भी उसकी बहन...
पर जो भी था, उसके लंड ने खड़े होकर सलामी ठोकी नेहा के हुस्न को, जिसे नेहा ने सॉफ महसूस किया
वो मुस्कुराती हुई उसकी बगल से निकलकर अपनी माँ की तरफ चल दी...
जाते-2 उसने अपने नाज़ुक हाथों से उसके लंड के उभार को भी सहला दिया,
जिसे महसूस करके विक्की की आँखे मुंद सी गयी और उसके मुँह से आह निकल गयी..
माँ ने उसे अच्छे से समझाया बुझाया और विक्की को उसे मंजू के घर तक छोड़कर आने को कहा...
विक्की : "ठीक है माँ ...और हाँ, मैं भी घर पर बोर नही होना चाहता, मैं अपने दोस्त के घर चला जाऊंगा , वहां हमने घर पर मूवी देखने का प्रोग्राम बनाया है, वो ख़त्म होते ही मैं रात को नेहा को लेकर एक साथ ही वापिस आऊंगा ...''
उसकी माँ ने भी कुछ नही कहा...
क्योंकि वो जानती थी की उसे मना करने का कोई फायदा तो है नही...
जो काम उसे करना है वो उसे करके ही रहता है.
खैर, नेहा को बाइक पर बिठाकर वो मंजू के घर की तरफ चल दिया...
रास्ते में उसने नेहा को इस बात की भनक भी नही पड़ने दी की वो भी शादी में चुपके से पहुँच जाएगा, क्योंकि ऐसा करने के लिए मंजू ने ही उसे माना किया था
शायद नेहा के लिए वो विक्की के रूप में एक सर्प्राइज़ रखना चाहती थी...
मन तो नेहा का बहुत कर रहा था इस वक़्त की विक्की को कसकर दबोच ले..
उसे रास्ते में रोककर अच्छे से स्मूच करे पर शादी के कपड़े और मेकअप को वो खराब नही करना चाहती थी...
पर हाँ ,रात को आने के बाद वो रुकने वाली नही थी...
इसलिए शादी में जाकर क्या-2 करना है और वापिस आकर विक्की के रूम में जाकर क्या करना है ये सब सोचते हुए वो आख़िरकार मंजू के घर पहुँच ही गयी...
मंजू और उसके मम्मी पापा पहले से ही तैयार थे,
वो सब उनकी कार में बैठकर शादी वाली जगह की तरफ चल दिए..
और विक्की भी बीच के थोड़े बहुत टाइम को काटने के लिए अपने एक दोस्त के घर चला गया..
शादी में पहुँचकर दोनो सहेलिया अपने में मस्त हो गयी और मंजू के माँ बाप अपने रिश्तेदारों में ...
बारात आ चुकी थी, और उन दोनों को काफी भूख भी लगी थी इसलिए नेहा और मंजू ने जमकर स्नैक्स खाए...
और फिर DJ पर भी खूब डांस किया...
डांस करते हुए बरातीयों के साथ आए कुछ छिछोरे लड़के उनके पीछे ही पड़ गये...
पर उनसे पीछे छुड़वाने के बजाये उन्होंने भी जमकर उनसे मज़े लिए ,
कोई उनकी कमर पे तो कोई नितंबो पर हाथ मारकर दोनो के अंदर की आग को बड़ा रहा था,
शादी की भीड़-भाड़ में कोई ये सब बाते ज़्यादा नोट नही करता, इसलिए उन्हे भी भीड़ में ऐसा करवाने में कोई परेशानी नही हो रही थी...
पर उनके हर टच के साथ दोनो के शरीर मे एक अजीब तरह की आग भी लगती जा रही थी..
मस्ती का माहौल भी बन रहा था...
हो सके तो वो भी किसी तरह से वहां आ जाए ताकि बाकी का बचा हुआ काम वहां निपटाया जा सके.
आग दोनो में इतनी लगी हुई थी की विक्की ने बिना कुछ सोचे समझे हां कर दी...
अब तो बस सभी को रात की शादी का इंतजार था..
***************
शाम होते-2 नेहा ने तैयार होना शुरू कर दिया...
सजना संवरना तो उसका फ़ेवरेट काम था
इसलिए अपने कमरे में घुसकर उसने दरवाजा किया अंदर से बंद और शुरू हो गयी शादी में जाने की तैयारियों में.
सबसे पहले तो उसने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके...
और अपनी बाँहों और पैरों पर वीट क्रीम लगाकर उन्हे चिकना किया...
चेहरे पर भी उसने ढेरो क्रीम लगाई और उसे चमकदार बना दिया...
सुंदर तो वो थी ही, पिंक लिपस्टिक और उसी रंग की छोटी सी बिंदी लगाकर उसका चेहरा राजकुमारियों की तरह खिल उठा...
बालों की भी उसने अच्छे से प्रेस्सिंग की..
कुल मिलाकर नहा धोकर जब वो आईने के सामने आकर नंगी खड़ी हुई तो खुद को देखकर उसे खुद पर ही ढेर सारा प्यार आ गया...
उसने सोचा की काश इस वक़्त उसका भाई वहां होता तो उसे इस रूप में देखकर क्या हाल होता उसका...
अपने हुस्न पर इतराते हुए उसने घूम-घूमकर अपने जिस्म के हर अंग को अच्छे से देखा और हर बार उसकी आँखो की चमक बढ़ती ही चली गयी.
फिर उसने अपना फ़ेवरेट पिंक कलर का सूट निकाला जो उसे आज शादी में पहन कर जाना था...
इसका गला काफ़ी डीप था, जिसमे से उसकी नन्ही ब्रेस्ट का उभार सॉफ दिखाई देता था...
पर उस उभार को दिखाने के लिए वो उसे बिना ब्रा के ही पहनटी थी..
और ब्रा से तो वैसे भी नेहा को एलेर्जी थी..
इसलिए अक्सर स्कूल में भी वो बिना ब्रा के ही जाया करती थी.
पूरी तैयार होकर जब वो कमरे से बाहर निकली तो विक्की सामने ही दिख गया, उसकी आँखे एक पल के लिए फटी रह गयी...
इतना सैक्सी कोई कैसे हो सकता है यार....
और वो भी उसकी बहन...
पर जो भी था, उसके लंड ने खड़े होकर सलामी ठोकी नेहा के हुस्न को, जिसे नेहा ने सॉफ महसूस किया
वो मुस्कुराती हुई उसकी बगल से निकलकर अपनी माँ की तरफ चल दी...
जाते-2 उसने अपने नाज़ुक हाथों से उसके लंड के उभार को भी सहला दिया,
जिसे महसूस करके विक्की की आँखे मुंद सी गयी और उसके मुँह से आह निकल गयी..
माँ ने उसे अच्छे से समझाया बुझाया और विक्की को उसे मंजू के घर तक छोड़कर आने को कहा...
विक्की : "ठीक है माँ ...और हाँ, मैं भी घर पर बोर नही होना चाहता, मैं अपने दोस्त के घर चला जाऊंगा , वहां हमने घर पर मूवी देखने का प्रोग्राम बनाया है, वो ख़त्म होते ही मैं रात को नेहा को लेकर एक साथ ही वापिस आऊंगा ...''
उसकी माँ ने भी कुछ नही कहा...
क्योंकि वो जानती थी की उसे मना करने का कोई फायदा तो है नही...
जो काम उसे करना है वो उसे करके ही रहता है.
खैर, नेहा को बाइक पर बिठाकर वो मंजू के घर की तरफ चल दिया...
रास्ते में उसने नेहा को इस बात की भनक भी नही पड़ने दी की वो भी शादी में चुपके से पहुँच जाएगा, क्योंकि ऐसा करने के लिए मंजू ने ही उसे माना किया था
शायद नेहा के लिए वो विक्की के रूप में एक सर्प्राइज़ रखना चाहती थी...
मन तो नेहा का बहुत कर रहा था इस वक़्त की विक्की को कसकर दबोच ले..
उसे रास्ते में रोककर अच्छे से स्मूच करे पर शादी के कपड़े और मेकअप को वो खराब नही करना चाहती थी...
पर हाँ ,रात को आने के बाद वो रुकने वाली नही थी...
इसलिए शादी में जाकर क्या-2 करना है और वापिस आकर विक्की के रूम में जाकर क्या करना है ये सब सोचते हुए वो आख़िरकार मंजू के घर पहुँच ही गयी...
मंजू और उसके मम्मी पापा पहले से ही तैयार थे,
वो सब उनकी कार में बैठकर शादी वाली जगह की तरफ चल दिए..
और विक्की भी बीच के थोड़े बहुत टाइम को काटने के लिए अपने एक दोस्त के घर चला गया..
शादी में पहुँचकर दोनो सहेलिया अपने में मस्त हो गयी और मंजू के माँ बाप अपने रिश्तेदारों में ...
बारात आ चुकी थी, और उन दोनों को काफी भूख भी लगी थी इसलिए नेहा और मंजू ने जमकर स्नैक्स खाए...
और फिर DJ पर भी खूब डांस किया...
डांस करते हुए बरातीयों के साथ आए कुछ छिछोरे लड़के उनके पीछे ही पड़ गये...
पर उनसे पीछे छुड़वाने के बजाये उन्होंने भी जमकर उनसे मज़े लिए ,
कोई उनकी कमर पे तो कोई नितंबो पर हाथ मारकर दोनो के अंदर की आग को बड़ा रहा था,
शादी की भीड़-भाड़ में कोई ये सब बाते ज़्यादा नोट नही करता, इसलिए उन्हे भी भीड़ में ऐसा करवाने में कोई परेशानी नही हो रही थी...
पर उनके हर टच के साथ दोनो के शरीर मे एक अजीब तरह की आग भी लगती जा रही थी..
मस्ती का माहौल भी बन रहा था...
Thriller इंसाफ Running....बहुरुपिया शिकारी Running....
गुजारिश Running....वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना Running....वर्दी वाला गुण्डा / वेदप्रकाश शर्मा ....
प्रीत की ख्वाहिश ....अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म ) ....
कमसिन बहन .... साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ.... द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}by rocksanna .... अनौखी दुनियाँ चूत लंड की .......क़त्ल एक हसीना का
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गुजारिश Running....वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना Running....वर्दी वाला गुण्डा / वेदप्रकाश शर्मा ....
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