Incest परिवार बिना कुछ नहीं

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mastram
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Re: परिवार बिना कुछ नहीं

Post by mastram »

माही बोलते हुए उसकी जुबां लड़खड़ा रही थी लेकिन वो जैसे तैसे करके बोल देता है। माही को जैसे ही उसके मुंह से माही शब्द सुनाई देता है वो खुशी से झूम उठती है और उसके होंठ चूम लेती हैं और बोलती हैं: थैंक्स समर , अब बोलो क्या बोलना चाहते थे?
समर : आज आप बहुत सेक्सी लग रही हो माही ।
माही जैसे ही उसकी से अपने लिए सेक्सी शब्द सुनती हैं उसकी चूत तड़पने लगती हैं और चूचियां और ज्यादा टाईट होने लगती हैं। और वो उसका चेहरा चूमने लगती हैं । फिर माह समर को बोलती हैं कि चलो जल्दी से लेट जाओ तुम्हारी मालिश भी तो करनी हैं अभी। ये सुनते ही समर अपने आप ही अपने कपड़े निकाल देता हैं और सिर्फ अंडर वियर में बेड पर लेट जाता है तो माही की नजरे उसके अंडर वियर में बने हुए उभार पर पड़ती है तो मुंह से एक मस्त सिसकी निकल पड़ती हैं और वो आगे बढ़ते हुए टेबल से क्रीम और ऑयल की बॉटल उठाने के लिए झुकती हैं तो उसकी शर्ट उपर को खींचती चली जाती हैं और उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी हो जाती हैं । जैसे ही समर की नजर उसकी मस्त गांड़ पर पड़ती है तो उसे एहसास होता है कि माही की गांड़ पीछे की ओर कितनी उभरी हुई हैं और कितनी मस्त लग रही है । उसकी गांड़ के दोनो पाटो के बीच से उसकी चूत झांक रही थी जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
माही को पता था कि उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी हो चुकी है और पेंटी ना होने के कारण उसकी चूत भी समर को नजर आ रही होगी इसलिए वो आराम से झुकी रहती है और क्रीम और ऑयल की बॉटल को उठाने में देर लगा रही थी। समर तो जैसे पागल हो चुका था , वो जोश में आते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लेता है और जोर जोर से रगड़ने लगता है , माही धीरे से उसकी तरफ देखती हैं तो समर को अपनी चूत और गांड़ घूरते हुए पाती हैं और वो देखती हैं कि कैसे वो जोर जोर से अपना लंड रगड़ रहा है । फिर माही धीरे से खड़ी होती है और समर की तरफ बढ़ती हैं जो कि अब तक उत्तेजना के मारे पागल हो चुका था और अपना लंड हिला रहा था। माही आगे बढ़ते हुए उसके लंड से उसके हाथ हटा देती हैं और बोलती है कि मालिश करना मेरा काम है तेरा नहीं और उसके लंड को हाथ में थाम लेती हैं और दबाने लगती हैं। दोनो की आंखे मस्ती से बंद हो चुकी थी। तभी नीचे से करण की आवाज आती है जो बाहर से सा आ गया था । वो काम्या को आवाज देता हैं तो काम्या बाहर हॉल में आती हैं और देखती हैं कि करण के साथ एक लड़का आया था जो कि हॉस्पिटल मैं उसने देखा था।
करण: काम्या ये राजू हैं और मैं इसे डाक्टर साहब ने भेजा है ताकि ये अच्छे से समर की मालिश कर सके और आज से ये अगले एक हफ्ते तक रोज रात को समर के रूम में ही उसके साथ सोया करेगा ताकि उसका ध्यान अच्छे से रख सके।
करण के ये शब्द जैसे ही माही के कानो में पड़ते हैं तो उसकी जैसे जान ही निकल जाती हैं। उसकी आंखो में आंसू आ जाते हैं क्योंकि उसके सारे सपने टूट गए थे जो उसने आज रात के लिए देखे थे।समर का भी जोश ठंडा हो चुका था।
माही उसके ढीले हो चुके लंड को छोड़ देती है और बहुत दुखी मन से समर की तरफ देखती हुई अपने रूम में घुस जाती हैं। उधर समर भी अपने कपड़े पहन लेता हैं ।जैसे ही माही रूम में घुसती है तो उसके ठीक बाद करण राजू को लेकर उपर आता है और समर को बताता है कि ये राजू हैं। जो अब अगले एक हफ्ते तक रात को रोज तुम्हारी मालिश करेगा और तुम्हारे साथ ही सोएगा।
समर: जी ठीक हैं पापा।
करण: अपना ध्यान रखना बेटा । मैं अपने सोने जा रहा हूं गुड नाईट। और करण नीचे आ जाता हैं और काम्या को बांहों में लेकर से जाता है।
उधर माही जैसे ही कमरे में पहुंचती है गुस्से में गेट को जोर से बंद करती हैं और बेड पर बैठ जाती हैं ।
समर जैसे ही गेट की आवाज सुनता है वो समझ जाता है कि माही का मूड खराब हो गया है तो को राजू को बोलता हैं कि तुम आराम से बैठो तब तक मैं बाथरूम से होकर आता हूं"। और ऐसा कहकर रूम से बाहर आता हैं और धीरे से माही के गेट को खोलता है और अंदर घुस जाता है जैसे ही माही की नजर समर पर पड़ती है वो पागलों की तरह दौड़कर उसके गले लग जाती मानो ये उनका आखिरी मिलन हों और उसके चेहरे को पागलों की तरह से चूमने लगती हैं ।समर भी उसे अपने गले लगा लेता है और अपनी बांहों उसकी कमर पर बांधते हुए और जोर से कस लेता हैं ।
माही : आई लव यू समर, मैं तुम्हारे बिना नहीं जी पाऊंगी। "
समर जैसे ही माही के मुंह से आई लव यू सुनता हैं वो दीवानों कि तरह उसे चूमने लगता है।
समर: लव यू टू मेरी जान माही, मैं भी आपसे बहुत प्यार करता हूं खुद से भी ज्यादा।
माही जैसे ही समर का जवाब सुनती हैं वो अपने लिप्स उसके लिप्स से जोड़ देती हैं और जोर जोर से चूसने लगती हैं मानो आज उन्हें खा है जायेगी।"समर भी उसका साथ देते हुए उसके होंठ चूसने लगता है। काफी देर तक एक दूसरे के होंठो का रस चूसने के बाद वो अलग होते हैं।
समर: मुझे वापिस रूम में जाना होगा । राजू मेरा इंतजार कर रहा होगा, मैं बाथरूम का बहाना बनाकर आया हू।
माही: प्लीज़ मत जाओ मेरे सनम" और ऐसे बोलते हुए जोर से उससे चिपक जाती है।
समर: मन तो मेरा भी नहीं हैं माही लेकिन क्या करू मजबूरी है जाना पड़ेगा।
माही : ठीक है अच्छे से मालिश कराना उससे ताकि जल्दी बिल्कुल ठीक हो जाओ
और फिर एक आखरी किस उसके गालों पर करती हैं और उसे बाहों में लिए हुए बाहर तक छोड़ने आती हैं । समर अब अपने रूम में आ चुका था और राजू उसकी मालिश अच्छे से करता हैं । उधर माही उदास मन के साथ सो जाती हैं ।
अगला एक सप्ताह बहुत तेजी से बीत गया और समर अब बिल्कुल ठीक हो चुका था।


आज घर में खुशी का माहौल था क्योंकि समर पूरी तरह से ठीक हो चुका था और सबसे ज्यादा खुश तो माही लग रही थी। सुबह सभी नाश्ते की टेबल पर मिलते हैं और नाश्ता शुरू करते हैं और साथ ही साथ बातचीत भी शुरू हो जाती हैं।
करण: आज बहुत खुशी का दिन हैं समर बिल्कुल ठीक हो गया है पार्टी तो होनी ही चाहिए।
काम्या: हां जी पार्टी तो बनती हैं। और वैसे ही आज रविवार हैं तो आपकी छुट्टी भी हैं।
राम्या: पापा मेरा भूल भुलैया देखने का बड़ा मन हैं। मैं देखना चाहती हूं कि लोग वहां रास्ता कैसे भूल जाते हैं इसलिए हमें सबको आज वहीं जाना चाहिए "।
सभी को राम्या का प्रस्ताव पसंद आत है वो वो सब निकलने की तैयारी करने लगते हैं। कोई एक घंटे के बाद समर , करण और काम्या तैयार होकर माही और राम्या का नीचे इंतजार कर रहे होते हैं। तभी थोड़ी देर बाद राम्या और माही नीचे आती हैं तो समर की आंखे उन्हें देख कर चोड़ी हो जाती हैं। दोनो बहुत खूबसूरत लग रही थी जैसे जुड़वा बहने हो क्योंकि दोनो ने आज एक जैसी ड्रेस पहन रखी थी। माही ने आज एक काले रंग की जींस और लाइट ग्रीन रंग का टॉप पहना हुआ था जिसमें उसमे जिस्म का हर कटाव साफ नजर आ रहा था। बड़ी बड़ी आंखें, उनमें लगा गहरे काले रंग का काजल, और गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगे उसके रसीले लिप्स मानो चूसे जाने के लिए बेकरार हो, चूचियां आज कुछ ज्यादा ही तनी हुई थी मानो उन्हें झुकना पसंद ना हो और जीन्स उसकी गांड़ पर बहुत टाइट आ रही थी जिससे उसकी गांड़ की चौड़ाई का एहसास हो रहा था । उसकी गांड़ उसके चलने से उपर नीचे थिरक रही थी जिससे समर के दिल पर छुरी सी चल रही थी वो तो पलके तक झपकाना भूल चुका था और एक टक माही को प्यार से देख रहा था तभी माही भी उसकी आंखो में देखती हैं और दोनो एक साथ मुस्कुरा देते हैं। तभी उसे काम्या की आवाज आती हैं कि चलो जल्दी बाहर पापा इंतजार कर रहे हैं सबका ।
सभी बाहर आकर गाड़ी में बैठ जाते हैं और करण गाड़ी आगे बढ़ा देता है। करण और काम्या आगे बैठे थे जबकि पीछे खिड़की के पास समर और माही बीच में और दूसरी खिड़की के पास राम्या बैठी हुई थीं।
करण ने बहुत ही रोमांटिक गाने चला रखे थे जिसका असर काम्या के साथ साथ माही पर भी हो रहा था जबकि राम्या ने गाड़ी में बैठते ही अपना हेडफोन लगा लिया था और अपनी पसंद के आने सुनने में व्यस्त हो गई मानो उसे दुनिया को कोई खबर ही ना रही हो। माही एक बार राम्या की तरफ देखती हैं और अपना बैग उठाकर अपनी गोद में रख लेती हैं और बैग के अंदर अपना हाथ घुसा देती हैं मानो उसके के कुछ निकाल रही हो और बड़ी ही कामुक नजरो से समर की और देखती हैं । समर सब कुछ समझ जाता है और अपना एक हाथ माही की जांघ पर रख देता हैं । गाड़ी अपनी स्पीड से आगे चल रही थी उधर माही की धड़कन भी बढ़ने लगी थी। ना जाने कैसा जादू था समर के एहसास में कि वो सब कुछ भूल जाती थी। वो धीरे धीरे अपना हाथ से उसकी जांघ सहलाने लगता है तो माही का शरीर कांपने लगा । तभी गाड़ी एक सुरंग के अंदर घुसती हैं जिसमें अंधेरा था , मौके का फायदा उठाते हुए समर माही के होंठ चूसने लगता है और माही भी उसका साथ देते हुए उसके होठ चूसने लगती है। समर एक हाथ से माही के बूब्स दबा देता है जिससे माही को एक बहुत ही सुखद एहसास हुआ और उसने अपने बूब्स समर के हाथ में दबा दिए। समर जितनी जोर से उसके बूब्स दबाता वो उससे कहीं ज्यादा तेजी से उपर उभरकर कर आते मानो उन्हें झुकना पसंद नहीं था। जैसे ही गाड़ी सुरंग से बाहर निकलती हैं दोनों का किस टूट जाता है और दोनो सही से बैठ जाते हैं । माही एक हाथ बैग के साइड से निकलती हैं और समर की जांघ पर रख देती हैं और धीरे धीरे सहलाने लगती है और फिर अपनी सारी ताकत समेटकर अपने हाथ का दबाव उसके लंड पर बढ़ा देती हैं ।जैसे ही समर को लंड पर माही के हाथ का एहसास होता है हालत खराब होने लगी थी । वो एक बार करण और काम्या की और देखता हैं तो उसे पता चलता है कि वो दोनो अपनी बातो में मस्त हैं । फिर वो एक सरसरी नजर राम्या पर डालता हैं जो जिसकी आंखे बंद हो गई थी , शायद सो गई थी या आंखे बंद करके गाने सुन रही थी।समर अपना एक हाथ नीचे लाते हुए माही के हाथ पर रख देता हैं जिससे माही के हाथ का दबाव लंड पर बढ़ जाता है और माही का जिस्म सुलग उठा था। वो लंड पर हाथ आगे पीछे करने लगती हैं तो समर एक बार माही की तरफ देखता है जिसकी आंखे पूरी तरह से लाल हो चुकी थी और उसकी आंखे में देखते हुए वो का हाथ अपने लंड पर से उपर के और उठाता हैं और फिर धीरे से जैसे ही नीचे रखता हैं तो माही को उसके नंगे लंड का एहसास होता है क्योंकि समर इसी बीच पेंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल चुका था , जैसे ही माही की उंगलियां नंगे लंड पर पड़ती हैं तो उसका जिस्म लहराने लगता हैं और जोर जोर से लंड को दाबने लगती हैं। आज माही को लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और अकड़ा हुआ लग रहा था जिसके एहसा से उसकी चूत में नमी आने लगी थी।
समर से अभी अब बर्दाश्त नहीं होता और वो अपना एक हाथ बैग से पीछे से जाकर जांघ पर रख देता हैं और सहलाने लगता है जिससे माही को बहुत मजा आने लगा था और वो जोर जोर से उसका लंड दबाना शुरु कर देती हैं , समर अपने हाथ को जैसे ही उसकी जांघ से सरकाते हुए चूत की तरफ लेकर जाता है तो उसे पता चलता है कि माही अपनी जीन्स की ज़िप खोल चुकी थी और समर अपना हाथ उसकी जींस में घुसा देता है और पेंटी के उपर से उसकी चूत सहलाने लगता है जो की गीली हो गई थी । जैसे ही माही को पेंटी के ऊपर से समर की उंगलियां अपनी चूत पर महसूस होती है मजे के कारण उसकी एक सिसकी निकल पड़ती हैं जिसे समर के साथ साथ पास बैठी राम्या भी सुन लेती हैं तो पूछती हैं कि क्या हुआ बुआ ?
माही डर जाती हैं और अपना हाथ लंड से पीछे खींच लेती हैं जबकि समर भी उसकी चूत पर से हाथ हटा देता है ।
माही: कुछ नहीं राम्या ऐसे ही बैठे बैठ नस पर नस चढ गई थी पैर की । अभी ठीक है।
करण: बस और दो मिनट का रास्ता बचा है , पहुंचने वाले हैं।


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mastram
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Re: परिवार बिना कुछ नहीं

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माही और समर दोनो जैसे ही ये सुनते हैं तो अपनी हालत ठीक करने लगते हैं और आराम से बैठ जाते हैं । समर भी अपने खड़े हुए लंड को पेंट में डालता है मगर उभर साफ दिख रहा था उपर से ही । वो परेशान ही जाता है कि अब क्या होगा किसी ने देख लिया तो ।
तभी करण गाड़ी रोक देता हैं और पार्किंग में लगाने लगता हैं जबकि समर का लंड पहले की तरह ही टाइट था और उसकी पैंट में बम्बू बना रखा था। एक एक करके सभी लोग गाड़ी से बाहर निकल जाते हैं पर समर शर्म के कारण बाहर नहीं निकलता तो करण उसे आवाज लगाता हैं कि समर बाहर आ जाओ , हम आ चुके हैं।
समर को जब कुछ समझ नहीं आता तो वो ऐसे ड्रामा करता हैं जैसे नींद में हो और आंखे बंद कर लेता हैं।
काम्या: कितना सोता हैं समर भी। आप चलो में इसको जगाकर लाती हूं और वो फिर से गाड़ी के अंदर घुस जाती हैं तो समर की हालत डर के मारे खराब होने लगती हैं कि अब क्या होगा।
काम्या: चलो बेटा उठ जाओ सब इंतजार कर रहे है तुम्हारा ।
समर जैसे नींद से जागा हो ।
समर: हान मम्मी आप चलो में आता हूं , और धीरे धीरे बाहर आने लगता है ।
काम्या आगे आगे चल रही थी और पीछे पीछे समर जिसका लंड अभी भी खड़ा हुआ था।
चलते हुए काम्या की मस्त गांड़ उपर नीचे थिरक रही थी , जैसे ही उसकी नजर अपने मा कि गांड़ पर पड़ती है तो वो अपनी नजर शर्म से झुका लेता है कि ये सब ठीक नहीं है क्योंकि वो मेरी मां हैं । लेकिन लंड तो जैसे आज बगावत कर रहा था। मा हैं तो क्या हुआ गांड़ देख इसकी कितनी मस्त हैं , ऐसी गांड़ तो शायद ही किसी की हो , और समर को किम करदाशियां जी गांड़ याद आ जाती हैं कि मम्मी की गांड़ किसी भी तरह से उससे कम नहीं हैं। उधर काम्या देखती हैं कि समर कहां हैं , और जैसे ही वो पीछे देखती हैं तो उसे एक झटका सा लगता है क्योंकि समर उसकी गांड़ को घुर घुर कर देख रहा था। उसे अपनी आंखो पर यकीन नहीं होता और उसे लगता है कि ये उसके मन का वहम हैं और इससे ज्यादा कुछ नहीं । जैसे ही काम्या मुडी थी तो समर समझ गया था कि उसकी मम्मी को पता चल गया हैं की वो उसकी गांड़ देख रहा है तो उसकी डर के मारे हालत खराब हों जाती हैं कि पता नहीं मम्मी क्या सोचेगी मेरे बारे में और ये सोचते ही उसका लन्ड नीचे बैठ जाता है । समर एक सुकून की सांस लेता हैं और तेजी से चलते हुए सबके साथ आ जाता है। वो सब एक टेबल पर बैठ जाते हैं और सभी एक एक कप गर्मागर्म चाय पीते हैं और साथ में पनीर पकोड़े।
सभी के अंदर गर्मी आ जाती हैं और फिर वो अंदर घुस जाते हैं और करण उन सबके लिए टिकट लेने जाता हैं ।
करण: भाई मुझे 5 टिकट देना ।
वार्ड बॉय: सर कौन से लेवल के टिकट चाहिए आपको ?
करण: लेवल मलतब ?
वार्ड बॉय : सर यहां दो तरह की भूल भुलैया हैं , एक साधारण जिसमें बच्चे और वो आदमी जाते हैं जिन्हें अंदर खो जाने का डर ज्यादा होता है जबकि दूसरे में वो लोग जाते हैं को निडर होते हैं, यहां खोने के चांसेज ज्यादा होते हैं क्योंकि यहां अंधेरा काफी होता है इतना की आपको अपनी भी सिर्फ परछाई दिखाई देगी जो आपको और ज्यादा डराएगी। वैसे हमने हर गैलरी के गेट पर एक रेडियम लगा रखा है जो कि जलता रहता है और उसके बराबर में एक अलार्म हैं। अगर किसी को डर ज्यादा लगे और खो जाए तो वो 10 मिनट के बाद अलार्म बटन दबा सकता है जिससे सारी लाइट जल जाती हैं । अगर 10 मिनट से पहले कोई जलाता है तो उसे उस दिन का सबसे बड़ा कायर समझ जाता है और उसके नाम का एक बोर्ड बाहर लगा दिया जाता है ।"
करण को ये सुनकर काफी हैरानी होती है और वो सबको बताता है तो सभी लोग एक साथ दूसरे वाला लेवल चुनते हैं सिर्फ काम्या को छोड़कर । टिकट लेकर वो सभी लोग अंदर चले जाते है और अलग अलग गैलरी में घुस जाते हैं ।जाने से पहले एक बार माह समर को देखती हैं और स्माइल देती हैं ।
सभी लोग अंदर आ चुके थे जहां पूरी तरह से अंधेरा था , सिर्फ हर गैलरी के गेट पर रेडियम जल रहा था जहां से अगर कोई गुजरता था वो इसे देखकर ऐसा महसूस होता था कि मानो भूत देख लिया हो।
माही अंदर घुस तो गई थी लेकिन अंधेरे के कारण उसे डर बहुत लग रहा था । और जैसे ही एक साया जलते हुए रेडियम के सामने से गुज़रा माही के डर के मारे रोंगटे खड़े हो गए जैसे के उसने कोई भूत देख लिया हो । और वो जल्दी से समर को ढूंढने की कोशिश करने लगी तभी उसे एक साया अपने पास महसूस हुए जिसने उसे अपनी खींच लिया और उसे बांहों में भरकर अपने सीने से लगा लिया । माही भी उससे लिपट गई क्योंकि उसकी लम्बाई और शरीर देखने में बिल्कुल समर जैसा था। उस साए ने अपने जलते हुए होंठ माही के होंठो पर रख दिए और चूसने लगा । माही भी उसका साथ देते हुए उसके होंठ चूसने लगी । तो समर ने अपना हाथ नीचे लेट हुए उसकी टाईट जीन्स के अंदर घुसा दिया और उसकी चूत को कच्छी के उपर से दबा दिया जिससे माही का रोम रोम सुलग उठा और उसने समर का लंड पकड़ लिया। लेकिन लंड पकड़ते ही इसे एक तेज झटका लगा क्योंकि इस लंड में गांठे नहीं थी । इसका मतलब ये समर नहीं नहीं कोई और था, है भगवान कहीं ये करण तो नहीं हैं , जैसे ही माही को ये एहसास हुआ शर्म और डर के मारे उसकी हालत खराब हो गई और उसने अपना हाथ लंड से हटा लिया तो साए ने उसका हाथ फिर से लंड पर रख दिया और उसकी पेंटी में हाथ डालते हुए चूत को अच्छे से रगड़ने लगा।
माही अपनी पूरी ताकत लगाती हैं और इससे छूट जाती हैं और बाहर की तरफ भागती हैं । वो साया उसका पीछा करता है और जैसे ही वो साया रेडियम के पास से गुजरता है वो हल्की सी रोशनी में उसे मालूम हो जाता है कि ये तो सचमुच करण हैं । डर के मारे वो दाई तरफ मुड़ जाती है और एक साए से टकरा जाती है, जैसे ही माही गिरने को होती हैं वो साया उसे संभाल लेता है और अपने गले लगा लेता है । उसके हाथो के स्पर्श से माही को एहसास हो जाता है कि ये समर हैं और वो उससे लिपट जाती हैं।समर भी उसे अपने सीने से लगा लेता हैं
माही: आई लव यू मेरी जान ।
समर: लव यू टू माही। कहां खो गई थी मैंने तुम्हे ही धुंध रहा था।


माही को जैसे ही अपने साथ हुए हादसा याद आता है और कुछ बोल नहीं पाती है और जोर से समर से चिपक जाती हैं। फिर हिम्मत करके जवाब देती हैं: अंधेरे में कुछ पता ही नहीं चला था। "
और वो समर के होंठ चूसने लगती हैं तो समर भी इसके होंठ चूसते हुए अपने दोनो हाथों से उसकी गांड़ दबाने लगता है तो माही जोश में आते हुए उससे चिपक जाती है और उसके होंठ को जोर जोर से चूसने लगती हैं। फिर समर किस तोड़ते हुए अपने हाथ उसके बूब्स पर रखकर दबाने लगता है तो माही की बहुत मजा आने लगता हैं और वो उसके हाथ हटाते हुए अपनी टी शर्ट उपर उठा देती हैं और समर से चिपक जाती हैं । समर को उसके नंगे बूब्स का एहसास होता है क्योंकि माही ने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी । वो आ पूरी तैयारी के साथ अाई थी।जैसे ही समर को इसके कठोर निप्पल का एहसास होता है समर का लंड एक जोरदार झटके के साथ खड़ा हो जाता है और समर उसकी ठोस, सुडौल चूचियों को हाथो में भर लेता है, उफ्फ उस ऐसा लग रहा मानो उसके हाथो में रूई के नरम गोले हो , और वो जोश में उन्हें दबा देता हैं तो उसे इनकी कठोरता का एहसास होता है और वो जोर जोर से उन्हें दाबने लगता है। उफ्फ कितनी बड़ी बड़ी चूची हैं माही की, लेकिन एक दम ठोस। चूची इतनी बड़ी थी कि उसके पूरे हाथ में नहीं आ रही थी । आज उसे पहली बर बूब्स का कोमल एहसास हुआ था , जैसे ही समर का दबाव उसके बूब्स पर पड़ता है मजे के कारण माही का मुंह खुल जाता हैं और वो हल्की हल्की सिसकियां
लेने लगती हैं । और अपनी चूत को नीचे से उसके लंड पर रगड़ने लगती हैं । समर अब अपने होंठो को आगे बढ़ाते हुए उसके बूब्स पर रख देता है । उफ्फ माही जैसे ही समर की होंठो का एहसास अपनी चूची पर होता है उसका जिस्म हवा में उड़ने लगता हैं मजे के कारण और वो उसके मुंह से आह निकल जाती हैं: हाय उफ्फ , सी ई उफ़ हाय कितना अच्छा लग रहा है। "
और अपना हाथ उसके सिर के पीछे लाते हुए अपनी चूची पर उसका सिर दबा देती हैं और समर जोश में आते हुए उसके उसके निप्पल को जोर जोर से चूसने लगता है । माही के मजे की अब कोई सीमा नहीं थी । माही: आह आह उफ़ खा जाओ मेरी जान, पूरी मुंह में लेकर चूसो , जोर से चूसो , है भगवान ये कैसा अदभुत एहसास हैं एकदम आनंदमय। '
और माही नीचे हाथ लाते हुए उसके लंड को पेंट से बाहर निकाल लेती हैं और हाथ से दबाने लगती हैं। समर जैसे ही अपने होंठ उसकी चूची से हटाता हैं तो माही उसका सिर पकड़कर दूसरी चूची पर उसके मुंह झुका देती हैं।
माही: इसे भी चूसी मेरी जान। आज आह । मजे के कारण माही का पूरा शरीर लहरा रहा था , वो उत्तेंजना से एक दम पागल हो गई थी। तभी समर उसकी दूसरी चूची चूसते चूसते अपना हाथ उसकी पेंट के अंदर घुसा देता है और उसकी चूत को हाथ से दबा देता हैं । आज पहली बार उसकी चूत पर समर की उंगली लगी थी , उसके जिस्म उसके काबू से बाहर हो जाता है और वो जोश में आकर उसका लंड ऐसे दबा रही थी मानो उसे उखड़ ही देगी आज।
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समर जैसे ही उसके चूत को छूता हैं उसके उंगलियां गीली हो जाती हैं क्योंकि माही की चूत से रस निकल रहा था। अब समर उसकी चूत के होंठो को मसलते हुए खोलता हैं और जैसे ही उंगली अंदर घुसाने कि कोशिश करता हैं तो माही अपनी दोनो टांगे भीच लेती हैं ।
माही: प्लीज़ समर उंगली नहीं , आज तक मैंने उंगली नहीं घुसाई हैं। मैं चाहती ही की पहली बार इसमें मेरे पति का वो घुसे।
समर ये बात सुनकर हैरान हो जाता है और यकीन नहीं कर पाता कि माही सच बोल रही है क्योंकि जिस तरह से वो उसका हाथ लगते ही होश खो देती हैं उसे लगा था कि माही अब तक चुदाई का मजा ले चुकी होगी।
आज समर की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था वो उसके होठों को चूसने लगता है। जैसे ही उसे पता चला कि माही अनछुई हैं वो उसकी चूत को उपर से ही हल्के हल्के मसलने लगता हैं तो माही जैसे स्वर्ग में उड़ रही थी। वो मस्ती में पूरी डूब चुकी थी , उसका पूरा शरीर लहरा रहा था और वो अपनी चूत को जोर जोर से उसके हाथ पर रगड़ रही थी।


उधर करण जैसे ही गैलरी में आता है तो उसे अंधेरे में कुछ नहीं दिखाई देता और वो आगे बढ रहा था माही की तलाश में । तभी उसे एहसास होता हैं कि माही उसके सामने वाली गैलरी से निकल रही है।उसकी आंखों में चमक आ जाती हैं और वो भागकर उसे पकड़ लेता है और उसके मुंह पर हाथ रखकर उसे एक कमरे में खींच लेता हैं और उसे अपने सीने से चिपका लेता हैं तो माही उससे छूटने की कोशिश करती हैं जैसे कुछ बोलना चाह रही हो लेकिन मुंह पर करण का हाथ होने के कारण उसकी आवाज नहीं निकल रही थी । करण अपना दूसरा हाथ नीचे लेट हुए उसकी चूत को पेंटी के उपर से अपनी मुट्ठी में भर लेता है और जोर जोर से दबाने लगता है । दरसअल अंधेरे के कारण करण को पता नहीं चला था और वो गलती से राम्या को पकड़ लिया था माही सामझ कर ।
जैसे ही राम्या को हाथ चूत पर महसूस होता हैं इसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं और वो कांपने लगती हैं लेकिन उस कहीं ना कहीं ये सब गलत लग रहा था और अपने आपको छुड़ाने लगी । लेकिन करण तो आज उसे छोड़ने के मूड में नहीं था वो एक उंगली उसकी सुखी चूत में घुसाने लगता हैं तो राम्या को दर्द होने लगता जान क्योंकि उसकी चूत एक दम टाइट और अनछुई थी। करण सब समझ जाता है और फिर वो हाथ को उसकी पैंट से बाहर निकालता हैं और अपने मुंह में डालकर गीली करता हैं। जैसे ही उंगली राम्या की पेंट से बाहर आती हैं वो सुकून कि सांस लेती हैं लेकिन तभी करण अपनी गीली हो चुकी उंगली को फिर से नीचे लाते हुए उसकी पेंटें घुसा देता है और उसकी चूत पर रखकर जोर से अन्दर दबा देता हैं जिससे आधी उंगली अंदर चली जाती हैं और और राम्या के मुंह से एक घुटी घूटी आह निकल जाती हैं क्योंकि गीली उंगली घुसने से उसकी चूत में दर्द के साथ साथ को मजा आया था वो अदभुत था । उसकी आह सुनकर करण तेजी से उंगली अंडर बाहर करने लगता है और राम्या तो जैसे मजे से कूक रही थी। उसका जिस्म मस्त हो चुका था और उसके मजे कि कोई सीमा नहीं थी।


उसे एहसास नहीं था कि चूत इतना मजा दे सकती हैं और वो सोचती हैं कि ये पता नहीं कौन अजनबी है , अंधेरे में इसे पता भी नही चलेगा कि मैं कौन हू। ये खयाल मन में आए ही राम्या को और मजा आने लगता हैं
तभी करण उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख देता और राम्या के हाथ की उपर अपना हाथ रखते हुए लंड पर रगड़ने लगता है। जैसे ही राम्या के मुंह पर से करण का हाथ हट जाता है तो उसकी सिसकी बाहर निकलने लगती हैं। करण उसकी सिसकी सुनी कर जोश में आते हुए उंगली की स्पीड और बढ़ा देता है और तेजी से उसकी चूत उंगली से चोदने लगता है। राम्या की आहेऊ और तेज होने लगती है और वो पानी कमर नीचे से उठा कर उसकी उंगली पर मारने लगती हैं और अपने हाथ को पहली बार उसके लंड पर दबा देती है और उसे मसलने लगती हैं।
करण उसे दीवार से लगा देता हैं और एक हाथ को उसकी टी शर्ट के अंदर घुसा कर उसकी चूची को पकड़ा लेता है और जोर जोर से दाबने लगता हैं। राम्या की चूची एक दम मस्त साइज़ की थी और उसके शरीर का सबसे सवेंदेंशील हिस्सा थी । चूची पर हाथ पड़ते ही वो उत्तेजना से पागल हो जाती हैं और जोश में आते हुए उसके उपर लंड को पकड़ लेती है तो उसे एहसास हुआ को उसका लन्ड बहुत लंबा और मोटा था जिसे वो जोर जोर से हिलाने लगती हैं मानो उसकी मुट्ठी मार रही हो। दोनो ही अपने चरम पर पहुंचने वाले थे। तभी राम्या का शरीर बुरी तरह से कांपने लगा था। चूत पूरी गीली हो जाने के कारण उगली पूरी स्पीड से अन्दर बाहर हो रही थी। राम्या नीचे से अपनी गांड़ उठाते हुए उसे और अंदर लेने की कोशिश कर रही थी। तभी उसका पुर शरीर कांपने लगता है और उसकी चूत में जोरदार कम्पन होता है और वो जोर से सिसकी लेते हुए झड़ने लगती हैं और करण पूरी ताकत से उंगली को उसकी चूत में अंदर तक घुसा देता हैं तो राम्या भी उसके लंड को जोर से दबाती हैं जिससे करण के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकलती हैं और वो वीर्य की बौछारें राम्या के हाथ में मारने लगता हैं।
उधर समर माही की चूत को रगड़ रहा था। माही भी अपनी चूत उठाकर उसके हाथ पर जोर जोर से मार रही थी । माही का पानी बाद निकलने ही वाला था कि किसी ने डर जाने कि वजह से अलार्म बजा दिया था जिससे लाइट ऑन हो जाती हैं और माही को ऐसा लगता हैं कि उसके उपर फिर से जुल्म हो गया और वो एक बार झड़ते झड़ते रह जाती हैं। दोनो अपने आप को ठीक करते हुए बाहर निकालने लगते हैं।
दूसरी तरफ लाइट ऑन होते ही पूरा कमरा जगमगा जाता है और जैसे ही करण की नजर राम्या पर पड़ती है उसका आंखे फटी की फटी रह जाती हैं। उफ्फ वो अपनी सगी बेटी के साथ ये सब कर रहा था। राम्या की हालत तो जैसे काटो तो खून नहीं।उसका चूत में उंगली डालने वाला कोई और नहीं उसका सगा बाप था। उफ्फ वो अनजाने में अपने सगे बाप के साथ ही मजे कर रही थी ये सोचकर उसका सिर नीचे झुक जाता हूं तो उसकी आंखे अपने हाथ पर पड़ती है जिसे करण के वीर्य भरा हुए था। उधर करण के हाथ में भी राम्या का चूत रस भरा हुआ था। राम्या भरी हुई आंखो से करनी की तरफ देखती हैं और रोने लगती हैं। करण का तो जैसे आज दिल ही टूट गया था। वो नजरे नीचे किए हुए आगे बढता हैं और राम्या को अपने गले लगाकर रोने लगता हैं । दोनो बाप बेटी एक दूसरे के गले लगकर रो रहे थे। राम्या को अपनी हालत का कुछ भी होश नहीं था। करण अपना हाथ नीचे लेट हुए उसकी पैंट की जिप बंद करता है और उससे चिपक कर रोने लगता है। राम्या को एहसास होता हैं कि उसकी पैंट बंद हो चुकी हैं जबकि करण का लंड अभी भी बाहर हैं और कोई भी आ सकता है तो वो तेजी से लंड को हाथ से पकड़ती हैं और उसके पेंट में डालकर उसकी जिप बन्द कर देती हैं। और फिर तेजी से बाहर निकल जाती हैं।
चारो लोग बाहर आ चुके थे । करण और राम्या एक दूसरे से आंख नहीं मिला पा रहे थे तो माही की गीली चूत उसे फिर से परेशान कर रही थी । आज दूसरी बार वो झड़ते झड़ते रह गई थी। इसकी चूत में पूरी तरह से हलचल मचिय हुई थी। चूत का रोम रोम सुलग रहा था।
काम्या भी आ जाती हैं और सभी साथ में घूमने लगते हैं । फिर दोपहर के बाद सब लोग खाना खाने के लिए जाते हैं। माही टेबल पर समर के पास ही बैठी हुई थी जबकि करण और राम्या एक दूसरे के ठीक सामने। आज राम्या के आवाज नहीं निकाल रही थी।
काम्या: आज राम्या मुझे लगता है डर गई हैं अंदर अंधेरे में। देखो कैसे चुपचाप बैठी हैं
समर उसका मजा लेते हुए: घर में शेर बनी रहती हैं और यहां आवाज नहीं निकाल रही
काम्या: ऐसा क्या देख लिया जो इतनी डर गई हैं।
अब राम्या क्या बताती हैं उसने लंड देख लिया हैं और वो भी अपने सगे बाप का।
समर धीरे से अपना एक हाथ माही की जांघ पर रख कर सहलाने लगता हैं तो माही को एक झटका सा लगता है उसे समर से ये उम्मीद नहीं थी कि वो सबके बीच ऐसा कर सकता हैं ।
काम्या: क्या हुआ माही ?
माही बहाना बनाते हुए: कुछ नहीं खाना अटक गया है गले में" और ऐसा बोलकर पानी का गिलास उठाती हैं और पीने लगती हैं।
काम्या: ध्यान से खा माही। आप पता नहीं तुम्हारा भी ध्यान कहां हैं , गाड़ी मैं तुम्हारी नस पर नस आ गई थी।
ये सुनकर समर और माही दोनो के चेहरे पर एक स्माइल आ जाती हैं। अब माही क्या बताती कि मेरी चूत सुबह से गीली हैं जिसकी वजह से ये सब हो रहा है।
समर उसकी जहंगी को सहलाते सहलाते हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत को पेंट के उपर से ही पकड़ लेता है।
माही के हाथ से चम्मच छुट जाती हैं और सब उसकी तरफ देखते हैं कि अब क्या हुआ ,?
माही: आज सुबह से ही मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है। इसलिए ऐसा हो रहा है और फिर से खाना खाने लग जाती हैं।
अब समर उसके चूत को फिर से रगड़ने लगता हूं जिससे उसकी चूत फिर से गीली होने लगी थी। माही से बर्दाश्त नहीं हो रहा था। समर उसे आज सुबह से ही छेड़ रहा था जिस वजह से उसका रोम रोम जल रहा था। कच्छी पूरी गीली हो चुकी थी।

जैसे ही सब खाना खा लेते हैं तो करण बिल चुकाने चला जाता हैं काम्या और माही उसका उसका इंतजार करने लगते हैं।


जैसे ही करण बाहर आता हैं तो माही बोलती हैं कि भाई मुझे शॉपिंग करनी हैं ।
Jemsbond
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Re: परिवार बिना कुछ नहीं

Post by Jemsbond »

Excellent story bro, waiting for next update
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naik
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Re: परिवार बिना कुछ नहीं

Post by naik »

(^^^-1$i7) (#%j&((7) (^@@^-1rs7)
excellent update brother keep posting
waiting for the next update 😪
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