Adultery ऋतू दीदी
- kunal
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Re: Incest ऋतू दीदी
thanks mitro
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- kunal
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Re: Incest ऋतू दीदी
मैने निरु को लेटाया और उसकी दोनों टांगो को चौड़ा कर थोड़ा उठाया और अपना लण्ड निरु की चूत में डाल दिया। मेरे लण्ड को चूत की गर्मी में भी थोड़ी ठंडक मिली। एक बार लण्ड अन्दर गया तो मैं बिना धक्के मारे रुक नहीं पाया। मेरे लण्ड के धक्के अपनी चूत में सहते सहते निरु अब सिसकिया भर रही थी।
थोड़ी थोड़ी देर में मैं एक गहरा झटका निरु की चूत में मारता और वो तेज चीख के साथ अपनी हालत बयान करति। लगभग १०-१५ मिनट्स तक मैंने निरु को इसी तरह धक्के मारते हुए चोदा। उसका असर जल्दी ही दीखने लगा। शुरुआत में निरु रह रह कर सिसकिया भर रही थी मगर अब वो लगातार सिसकिया मारते हुए अपने बदन को बिस्तर पर रगड़ कर मजे ले रही थी।
प्रशांत: "निरु, मैंने प्रोटेक्शन नहीं पहना हैं"
नीरु: "हम्म . . कोई बात नहीं ...उह्ह्ह्हह्ह चोद दो मुझे . . जीजाजी"
प्रशांत: "बच्चा हो गया तो?"
नीरु: "उम्म्म्म . . मैं इमरजेंसी पिल ले लुंगी ... हाआअह ... चोदते रहो"
प्रशांत: "परसो रात चुदाई के बाद तुम पिल लेना तो नहीं भूल गयी न निरु?"
नीरु: "अह्ह्ह . . परसो कहाँ चुदवाया . . आआआह . . मेरा पीरियड था ..."
प्रशांत: "और कल रात चुदवाया तब?"
नीरु: "उह्ह्ह ... उम्म्म . . नहीं ली . . "
प्रशांत: "कल चुदवाया था या परसो चुदवाया था?"
नीरु: "कल ... उम्म्म्म ... कल चुदवाया था . . ऊऊह्ह्ह"
प्रशांत: "पक्का कल चुदवाया था?"
नीरु: "हाआआ. ."
प्रशांत: "कैसा चोदा?"
नीरु: "अच्छा ... वाला ... चोदा ..."
प्रशांत: "कितना अच्छा?"
नीरु: "हम्म्म्म जोर का . . चोदा . . मजा आ गया ... डॉगी वाला ...आईई . . मुझे कुतिया बना कर ... हाहाहा . . चोदा ... अआपने . . बहुत जोर से मारा ... उम्म्म "
प्रशांत: "तुम्हे तो पीरियड था न? कैसे चुदवाया"
नीरु: "झूठ था . . "
प्रशांत: "तो फिर अपने जीजाजी से परसो रात क्यों नहीं चुदवाया तुमने निरु?"
नीरु: "अह्ह्ह्हह . . आप तो ... मेरे मुँह में ही ... झड गए थे न जीजाजी ...उहःहःहः ... भूल गए ...आह ... मेरे कपडे गंदे किये ...ओहः . . उम्म्म . . जीजाजी ... चोदते रहो ..."
प्रशांत: "तुम तो मुझसे नहीं चुदवाना चाहती थी न?"
नीरु: "हआ . . चाहती थी . . चुदवाना . . पर डारति थी आप थपप्पड़ मार दोगे ... "
प्रशांत: "तो फिर तुम तैयार कैसे हुयी?"
नीरु: "हम्म्म ... उम्म्म . . आपका ... लण्ड कड़क था ... मुझे पीछे मेरी गांड में चुभ रहा था ... आआईए ... लण्ड तभी कड़क होता हैं ...ओहहह ... जब चोदने की इच्छा हो ... मैं समझ गयी ... और पकड़ लिया आपका लण्ड ... "
एक बार तो मैंने शॉक के मारे अपनी आँखें बंद कर ली पर मेरे लण्ड के निरु की चूत पर पड़ते धक्को से उसका पूरा बदन हील रहा था और उसके बूब्स जिस तेजी से हिलते हुए नाच रहे थे मैं वो नजारा देखना चाहता था इसलिए आँखें फिर खोल दि।
मै गुस्से में भर गया। मैं अपने शरीर का पूरा जोर लगा दिया और निरु की चूत में अब तक का सबसे तेज झटके मारे। झटका पड़ते ही निरु की जोर की चीख निकलती और फिर वो सिसकिया मारने लगती। मै नहीं रुका, और तेज झटके के साथ निरु को चोदते हुए अपने चरम की तरफ बढ़ने लगा। निरु की भी हालत खराब थी और वो क्लाइमेक्स की तरफ बढ़ रही थी।
थोड़ी थोड़ी देर में मैं एक गहरा झटका निरु की चूत में मारता और वो तेज चीख के साथ अपनी हालत बयान करति। लगभग १०-१५ मिनट्स तक मैंने निरु को इसी तरह धक्के मारते हुए चोदा। उसका असर जल्दी ही दीखने लगा। शुरुआत में निरु रह रह कर सिसकिया भर रही थी मगर अब वो लगातार सिसकिया मारते हुए अपने बदन को बिस्तर पर रगड़ कर मजे ले रही थी।
प्रशांत: "निरु, मैंने प्रोटेक्शन नहीं पहना हैं"
नीरु: "हम्म . . कोई बात नहीं ...उह्ह्ह्हह्ह चोद दो मुझे . . जीजाजी"
प्रशांत: "बच्चा हो गया तो?"
नीरु: "उम्म्म्म . . मैं इमरजेंसी पिल ले लुंगी ... हाआअह ... चोदते रहो"
प्रशांत: "परसो रात चुदाई के बाद तुम पिल लेना तो नहीं भूल गयी न निरु?"
नीरु: "अह्ह्ह . . परसो कहाँ चुदवाया . . आआआह . . मेरा पीरियड था ..."
प्रशांत: "और कल रात चुदवाया तब?"
नीरु: "उह्ह्ह ... उम्म्म . . नहीं ली . . "
प्रशांत: "कल चुदवाया था या परसो चुदवाया था?"
नीरु: "कल ... उम्म्म्म ... कल चुदवाया था . . ऊऊह्ह्ह"
प्रशांत: "पक्का कल चुदवाया था?"
नीरु: "हाआआ. ."
प्रशांत: "कैसा चोदा?"
नीरु: "अच्छा ... वाला ... चोदा ..."
प्रशांत: "कितना अच्छा?"
नीरु: "हम्म्म्म जोर का . . चोदा . . मजा आ गया ... डॉगी वाला ...आईई . . मुझे कुतिया बना कर ... हाहाहा . . चोदा ... अआपने . . बहुत जोर से मारा ... उम्म्म "
प्रशांत: "तुम्हे तो पीरियड था न? कैसे चुदवाया"
नीरु: "झूठ था . . "
प्रशांत: "तो फिर अपने जीजाजी से परसो रात क्यों नहीं चुदवाया तुमने निरु?"
नीरु: "अह्ह्ह्हह . . आप तो ... मेरे मुँह में ही ... झड गए थे न जीजाजी ...उहःहःहः ... भूल गए ...आह ... मेरे कपडे गंदे किये ...ओहः . . उम्म्म . . जीजाजी ... चोदते रहो ..."
प्रशांत: "तुम तो मुझसे नहीं चुदवाना चाहती थी न?"
नीरु: "हआ . . चाहती थी . . चुदवाना . . पर डारति थी आप थपप्पड़ मार दोगे ... "
प्रशांत: "तो फिर तुम तैयार कैसे हुयी?"
नीरु: "हम्म्म ... उम्म्म . . आपका ... लण्ड कड़क था ... मुझे पीछे मेरी गांड में चुभ रहा था ... आआईए ... लण्ड तभी कड़क होता हैं ...ओहहह ... जब चोदने की इच्छा हो ... मैं समझ गयी ... और पकड़ लिया आपका लण्ड ... "
एक बार तो मैंने शॉक के मारे अपनी आँखें बंद कर ली पर मेरे लण्ड के निरु की चूत पर पड़ते धक्को से उसका पूरा बदन हील रहा था और उसके बूब्स जिस तेजी से हिलते हुए नाच रहे थे मैं वो नजारा देखना चाहता था इसलिए आँखें फिर खोल दि।
मै गुस्से में भर गया। मैं अपने शरीर का पूरा जोर लगा दिया और निरु की चूत में अब तक का सबसे तेज झटके मारे। झटका पड़ते ही निरु की जोर की चीख निकलती और फिर वो सिसकिया मारने लगती। मै नहीं रुका, और तेज झटके के साथ निरु को चोदते हुए अपने चरम की तरफ बढ़ने लगा। निरु की भी हालत खराब थी और वो क्लाइमेक्स की तरफ बढ़ रही थी।
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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Re: Incest ऋतू दीदी
प्रशांत: "दूसरा बच्चा भी मुझसे चुदवा कर ही पैदा करोगी तुम निरु"
नीरु: "एआई . . हां जीजा जी . ."
प्रशांत: "पहला बच्चा मेरा हैं या प्रशांत का हैं?"
नीरु: "आ आह . . आपका ...ओययी. . जीजाजी आपका ही हैं . ."
प्रशांत: "चल झूठि, मैंने कब चोदा तुम्हे ... तुम्हे तो प्रशांत ने माँ बनाया न?"
नीरु: "आ आह. . जीजाजी ... नहीं ... आपने ही चोदा था. . भूल गए ... एक बार आपने चोदा ...ओअयी. . और दूसरी बार ... ओअईई मा"
प्रशांत: "दूसरी बार क्या?"
नीरु: "अह्ह्ह्ह ... दूसरी बार ...मैं ...आ. . आपके ऊपर चढ़ कर ...हम्म्म्म. . मैंने चोदा था ..."
प्रशांत: "तुम्हारे जीजा ने ही तुम्हे चोद कर पहला बच्चा दिया न निरु?"
नीरु: "हां. . जीजाजी ... हूऊऊऊ. . उउउऊँन. . चोदो. . मेरा होने वाला हैं ... दे दो. . दे दो दूसरा बच्चा मुझे जीजा जी. .अ . .अआह्ह्ह"
मैने अब अब लण्ड का सारा जूस निरु की चूत में छोडना शुरू कर दिया था। अगले ८-१० झटके में मेरे लण्ड के टैंक का पानी ख़त्म हो गया और मैं रुक गया। निरु भी अपना सर पकड़ कर लेटी थी और आहें अब धीमी पड़ गयी थी। मैने अपने लण्ड को निरु की चूत से बाहर निकला। मैंने इतना जबरदस्त चोदा था की निरु की चूत पूरी गन्दी हो चुकी थी। उसका शरीर लाल पड़ चुका था। हम दोनों पीठ के बल लेटे हुए तेज तेज साँसें ले रहे थे। मैंने देखा की निरु के मोटे मम्मे साँस लेने के साथ ऊपर नीचे तेजी से ही रहे थे और बहुत मादक लग रहे थे।
प्रशांत: "तुमने जो बताया उसमे कितना परसेंट सच था, ८०, ९० या १००% सच!"
नीरु ने लेटे लेटे ही मेरी तरफ नजरे घुमायी और मुझे घूरते हुए देख।
नीरु: "तुम मुझ पर अभी भी शक़ कर रहे हो!"
प्रशांत: "तुमने जो चुदाई के दौरान कहा उसके बारे में सच पुछ रहा हूँ"
नीरु अब बिस्तर पर उठकर बैठ गयी और मुझे देखने लगी।
नीरु: "पहले तुमने खेल की आड़ में मेरी मज़बूरी का फायदा उठा कर मुझसे हर कुछ बुलवाने की कोशिश कि, और अब उसका सहारा लेकर मेरे चरित्र पर ऊँगली उठा रहे हो?"
प्रशांत: "कैसी मज़बूरी?"
नीरु: "मैंने इतने टाइम से नहीं चुदवाया और क्लाइमेक्स के करीब आ गयी थी, इसका फायदा उठा कर तुम मुझे ऐसी वैसी चीजें बुलवा रहे थे"
प्रशांत: "मैंने थोड़े ही मजबूर क्या था? तुम खुद बोल रही थी"
नीरु: "पुछ तो तुम ही रहे थे"
प्रशांत: "तो तुम चुप रहती"
नीरु: "अगर मैं ऐसी चीजें नहीं बोलति तो तुम मुझे अच्छे से नहीं चोदते इसलिए मैं जो मुँह में आया वो हर कुछ बोलति गयी। क्यों की तुमने ही चुदाई से पहले बोला था जो मन में आये वो बोलो जिस से तुम उत्तेजित हो"
उसके मुँह से गन्दी बातें सुनकर मुझे दुगुना जोश चढ़ता हैं और मैं जोर से चोदता हूँ, यह बात उसकी सच थी। मगर क्या वो सिर्फ मजे के लिए यह सब बातें बोल रही थी या वो सब सच था?
नीरु: "मैं तो पहले ही इस खेल के लिए ना बोलने वाली थी। पर फिर सोचा तुम अब सुधर गए होगे। कैसे इतने दिन तक मेरे लिए फूल लाकर मेरे ऑफिस के बाहर वेट करते थे। तुम्हे मुझ पर अभी भी शक़ हैं न?"
मैं चुप हो गया। मुझे शक़ तो था, पर निरु को यह सुनकर बुरा भी लगेग। मुझे लगता था की निरु भोलि हैं और जीजाजी उसको बेवकूफ बना कर चोद चुके होंगे। मेरी चुप्पी देख कर निरु को बुरा लगा।
नीरु: "सब समझ गयी मैं, तुम्हे मुझ पर अभी भी शक़ है। मैं हमारे तलाक की अरजी वापिस नहीं लुंगी। अगर तुम इस तरह मुझ पर शक़ करते रहोगे तो साथ रहने का कोई मतलब नहीं हैं"
प्रशांत: "तुमने भले ही नशे की हालत में यह सब कहा हो लेकिन मुझे यही सच लग रहा है। नशे में ही इंसान सच बोलते है। नशे के बाहर आकर तो कोई भी झूठ बोल सकता हैं"
नीरु: "मतलब, मैं जो तुमसे डायरेक्ट बात कर रही हूँ उसकी कोई वैल्यू नहीं हैं और यह सब झूठ है। जब की हमारी चुदाई का मजा बढ़ाने के लिए जो झूठ मैंने बोला वो तुम्हे सच लग रहा हैं! पहले तुम खुद मुझे इन सब में झौंकते हो और फिर उसका गलत मतलब निकालते हो!"
प्रशांत: "मैं अब और बेवकुफ नहीं बनुंगा। पहले मुझे लगा सिर्फ जीजाजी की नीयत गन्दी है। पर अब लगता हैं तुम खुद इसके लिए ज़िम्मेदार हो"
नीरु: "एआई . . हां जीजा जी . ."
प्रशांत: "पहला बच्चा मेरा हैं या प्रशांत का हैं?"
नीरु: "आ आह . . आपका ...ओययी. . जीजाजी आपका ही हैं . ."
प्रशांत: "चल झूठि, मैंने कब चोदा तुम्हे ... तुम्हे तो प्रशांत ने माँ बनाया न?"
नीरु: "आ आह. . जीजाजी ... नहीं ... आपने ही चोदा था. . भूल गए ... एक बार आपने चोदा ...ओअयी. . और दूसरी बार ... ओअईई मा"
प्रशांत: "दूसरी बार क्या?"
नीरु: "अह्ह्ह्ह ... दूसरी बार ...मैं ...आ. . आपके ऊपर चढ़ कर ...हम्म्म्म. . मैंने चोदा था ..."
प्रशांत: "तुम्हारे जीजा ने ही तुम्हे चोद कर पहला बच्चा दिया न निरु?"
नीरु: "हां. . जीजाजी ... हूऊऊऊ. . उउउऊँन. . चोदो. . मेरा होने वाला हैं ... दे दो. . दे दो दूसरा बच्चा मुझे जीजा जी. .अ . .अआह्ह्ह"
मैने अब अब लण्ड का सारा जूस निरु की चूत में छोडना शुरू कर दिया था। अगले ८-१० झटके में मेरे लण्ड के टैंक का पानी ख़त्म हो गया और मैं रुक गया। निरु भी अपना सर पकड़ कर लेटी थी और आहें अब धीमी पड़ गयी थी। मैने अपने लण्ड को निरु की चूत से बाहर निकला। मैंने इतना जबरदस्त चोदा था की निरु की चूत पूरी गन्दी हो चुकी थी। उसका शरीर लाल पड़ चुका था। हम दोनों पीठ के बल लेटे हुए तेज तेज साँसें ले रहे थे। मैंने देखा की निरु के मोटे मम्मे साँस लेने के साथ ऊपर नीचे तेजी से ही रहे थे और बहुत मादक लग रहे थे।
प्रशांत: "तुमने जो बताया उसमे कितना परसेंट सच था, ८०, ९० या १००% सच!"
नीरु ने लेटे लेटे ही मेरी तरफ नजरे घुमायी और मुझे घूरते हुए देख।
नीरु: "तुम मुझ पर अभी भी शक़ कर रहे हो!"
प्रशांत: "तुमने जो चुदाई के दौरान कहा उसके बारे में सच पुछ रहा हूँ"
नीरु अब बिस्तर पर उठकर बैठ गयी और मुझे देखने लगी।
नीरु: "पहले तुमने खेल की आड़ में मेरी मज़बूरी का फायदा उठा कर मुझसे हर कुछ बुलवाने की कोशिश कि, और अब उसका सहारा लेकर मेरे चरित्र पर ऊँगली उठा रहे हो?"
प्रशांत: "कैसी मज़बूरी?"
नीरु: "मैंने इतने टाइम से नहीं चुदवाया और क्लाइमेक्स के करीब आ गयी थी, इसका फायदा उठा कर तुम मुझे ऐसी वैसी चीजें बुलवा रहे थे"
प्रशांत: "मैंने थोड़े ही मजबूर क्या था? तुम खुद बोल रही थी"
नीरु: "पुछ तो तुम ही रहे थे"
प्रशांत: "तो तुम चुप रहती"
नीरु: "अगर मैं ऐसी चीजें नहीं बोलति तो तुम मुझे अच्छे से नहीं चोदते इसलिए मैं जो मुँह में आया वो हर कुछ बोलति गयी। क्यों की तुमने ही चुदाई से पहले बोला था जो मन में आये वो बोलो जिस से तुम उत्तेजित हो"
उसके मुँह से गन्दी बातें सुनकर मुझे दुगुना जोश चढ़ता हैं और मैं जोर से चोदता हूँ, यह बात उसकी सच थी। मगर क्या वो सिर्फ मजे के लिए यह सब बातें बोल रही थी या वो सब सच था?
नीरु: "मैं तो पहले ही इस खेल के लिए ना बोलने वाली थी। पर फिर सोचा तुम अब सुधर गए होगे। कैसे इतने दिन तक मेरे लिए फूल लाकर मेरे ऑफिस के बाहर वेट करते थे। तुम्हे मुझ पर अभी भी शक़ हैं न?"
मैं चुप हो गया। मुझे शक़ तो था, पर निरु को यह सुनकर बुरा भी लगेग। मुझे लगता था की निरु भोलि हैं और जीजाजी उसको बेवकूफ बना कर चोद चुके होंगे। मेरी चुप्पी देख कर निरु को बुरा लगा।
नीरु: "सब समझ गयी मैं, तुम्हे मुझ पर अभी भी शक़ है। मैं हमारे तलाक की अरजी वापिस नहीं लुंगी। अगर तुम इस तरह मुझ पर शक़ करते रहोगे तो साथ रहने का कोई मतलब नहीं हैं"
प्रशांत: "तुमने भले ही नशे की हालत में यह सब कहा हो लेकिन मुझे यही सच लग रहा है। नशे में ही इंसान सच बोलते है। नशे के बाहर आकर तो कोई भी झूठ बोल सकता हैं"
नीरु: "मतलब, मैं जो तुमसे डायरेक्ट बात कर रही हूँ उसकी कोई वैल्यू नहीं हैं और यह सब झूठ है। जब की हमारी चुदाई का मजा बढ़ाने के लिए जो झूठ मैंने बोला वो तुम्हे सच लग रहा हैं! पहले तुम खुद मुझे इन सब में झौंकते हो और फिर उसका गलत मतलब निकालते हो!"
प्रशांत: "मैं अब और बेवकुफ नहीं बनुंगा। पहले मुझे लगा सिर्फ जीजाजी की नीयत गन्दी है। पर अब लगता हैं तुम खुद इसके लिए ज़िम्मेदार हो"
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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Re: Incest ऋतू दीदी
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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- Joined: 13 Aug 2018 14:31
Re: Incest ऋतू दीदी
Yes, now Prashant has acted wisely,cant wait for further development, please give a very big update. Thank you.