माँ बेटा और नौकरानी

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abpunjabi
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Re: माँ बेटा और नौकरानी

Post by abpunjabi »

मुझे मज़ा आने लगा और मैंने छूटने की कोशिश करना बंद कर दिया | घोटू का चूमना भी मुझे अच्छा लग रहा था | उसके कुछ खुरदरे होंठ मुझे बहुत उत्तेजित कर रहे थे | मैंने अचानक पूरा समर्पण कर दिया और आँखें बंद करके उसके प्यार का मजा लेने लगा | मेरे ढीले पड़े बदन को और ज़ोरों से बाँहों में भींचकर वो अब मेरे होंठों को जोर से चूसने लगा | साथ ही उसने मेरी हाफ पेंट की ज़िप खोलकर उसमें से मेरा लंड निकाल लिया और उसे कस कर पकड़ लिया |

कुछ देर बाद मुझे चूमना बंद करके घोटू बोला, “मजा आ रहा है मुन्ना?”

मैंने मुंडी हिलाई तो खुश होकर बोला,” मैंने कह रहा था मुन्ना, घबरा मत, अपने राजा मुन्ना को मैं बहुत प्यार करूँगा, खूब सुख दूंगा, अब देख और मजा आएगा, बस चुपचाप बैठे रहो” |

मुझे निचे चादर पर लिटा कर वो मेरे लंड को हाथ में लेकर मुठीयाने लगा | उसकी आँखें ऐसे उस पर लगी थी कि जैसे लंड नहीं, कोई मिठाई हो | अचनाक वो झुका और उंगली से मेरे सुपाड़े की ऊपरी चमड़ी निचे कर दी |

“हाए मुन्ना, सुपाड़ा है या रेशमी अंगूर का दाना है रे? क्या चीज़ है मेरे मालिक!” कहकर वो उसे चाटने लगा |

मुझे बड़ा अच्छा लगा | पर उसकी खुरदरी जीभ का स्पर्श मुझे अपने नंगे सुपाड़े पर सहन नहीं हो रहा था |

“घोटू छोड़” उसके सर के बाल पकड़कर हटाने की कोशिश करता हुआ मैं बोला |

घोटू ने सर उठाया और हंस कर बोला, “अब तो तेरा लंड चूसकर ही उठूंगा मैं, मुन्ना राजा, ऐसी चीज़ कोई छोड़ता है? मलाई है, मलाई!” फिर अपना मुंह खोल कर उसने मेरा पूरा लंड निगल लिया और चूसने लगा |

मैं सिहर उठा इतना सुख मुझे कभी नहीं मिला था | माँ की ब्रेसियर में मूठ मारते हुए भी नहीं |

एक दो बार घोटू के बाल पकड़कर मैंने उसका सर हटाने की कोशिश की और फिर आखिर अपने चूतड़ उछाल कर उसका मूंह चोदने की कोशिश करने लगा |

मेरी जाँघों को सहलाते हुए घोटू ने मेरा लंड चूसना जारी रखा | अपनी जीभ से वो इतने प्यार से मेरा शिश्न रगड़ रहा था कि मैं कसमसा कर झड गया |

घोटू ने मेरा लंड ऐसे चूसा जैसे कुल्फी चूस रहा हो | आँखें बंद करके उसने चटखारे ले लेकर मेरा वीर्य निगला |

जब आखरी बूँद मेरे लंड से निचुड़ गयी तो वो उठ बैठा | मैं पस्त हो गया था | बहुत मजा आया था |

“अच्छा लगा ना मुन्ना? सच बता, मूठ मारने में ज्यादा मजा आता है या मेरे चूसने में आया?” उसने पुछा |

मैंने शर्माते हुए कहा कि उसके चूसने में मुझे ऐसा मजा आया था जो पहले कभी नहीं आया | वो फिर से मेरे लंड को चूमने लगा |

“बहुत प्यारा लंड है, तेरा मुन्ना, एक दम गोरा और चिकना, बहुत दिन से ऐसे मिठाई मिली है खाने को, मेरा लौड़ा देखेगा राजा? तेरे जैसा खूबसूरत तो नहीं है, पर एकदम जानदार है” घोटू ने बड़े लाड से पुछा |

मैं शर्मा रहा था पर मन में बहुत उत्सुकता थी | मुंडी हिलाकर हाँ कर दी | घोटू ने अपनी धोती एक तरफ से उठाई और अपना लौड़ा बाहर निकाल कर हाथ में ले लिया |

“मुन्ना, मस्त मलाई थी तेरी, अब रोज खिलायेगा ना? ले , मैं भी अब तुझे गाढ़ी रबड़ी खिलाता हूँ , ऐसा स्वाद तुझे कभी नहीं मिला होगा, तेरी माँ तो दीवानी है इसकी” |

मैं उस हल्लबी लंड को देखकर कांप उठा | मन में भय और कामना की एक मिली जुली टीस उठने लगी |

कल माँ की चूत में घोटू का लौड़ा अन्दर बाहर होता मैंने देखा था पर आज पास से उसका साइज़ देखा तो मानो लकवा मार गया |

बहुत अच्छा भी लगा, गोरा गोरा लंड, एकदम मांसल और खड़ा था, बड़ी बड़ी नसें उभरी हुई थीं | सुपाड़ा नंगा था और उसकी गुलाबी चमड़ी तनकर रेशम की तरह पतली और चिकनी लग रही थी | मुझे लगा था कि लंड की जड़ में घनी काली झांटें होंगी पर उसका पेट एकदम चिकना और सपाट था , गोटीयां भी चिकनी थीं |

“अरे काटेगा नहीं , हाथ में तो ले! ज़रा खेल उससे, खुद के लौड़े से खेलता है कि नहीं मूठ मारने के पहले”? घोटू ने मुझे पुचकार कर कहा |

अब तक मैं अपना डर भूलाकर तैश में आ गया था | मैंने धीरे से उस थिरकते लंड को हथेली में पकड़ा और हिलाया, फिर दुसरे हाथ की हथेली भी उस डंडे के इर्द गिर्द जकड़ ली | दोनों हाथों की मुठियों से भी वो आधा भी नहीं ढका था |

“बाप रे घोटू भैया , कितना मोटा और लम्बा है? माँ और झुमरी भाई कैसे लेती हैं इसे अपनी चूत में? और झांटें भी नहीं हैं”, मेरे मुंह से निकल गया |

“तूने देखा है क्या अपनी माँ को मुझसे चुदते?” घोटू बोला |

मेरे चेहरे पर उमड़ आए शर्म के भाव देखकर मेरे गाल दबाता हुआ बोला, “अच्छा हुआ जो देख लिया, मजा आया? मेरी माँ और तुम्हारी माँ, दोनों महां चुदैल रंडियां हैं मुन्ना, अरे ऐसे लंड लेती हैं अपने भोसड़ों में कि जैसे साली जनम जन्म की प्यासी हों , मैं तो घंटों चोदता हूँ दोनों छिनालों को, साली मेरा ही क्या, घोड़े का भी लंड ले लें, इतनी गहरी चूत है उनकी” |

मैं अब मस्ती में घोटू का लंड दबा और हिला रहा था |

“कितना प्यारा और चिकना लगता है तेरा लंड, एकदम साफ़ भी है! कितना लम्बा है, बता ना?” कहते हुए ना रहकर मैंने उसे चूम लिया फिर शर्मा गया |

घोटू खुश होकर बोला, “यह बात है मुन्ना, अरे तेरे लिए यह लंड कब से खड़ा है, आठ इंच का है पूरा, नाप ले तेरी स्केल से” |

उसके कहने पर मैंने बसते से स्केल निकाली और नापा | सच में आठ साढे आठ इंच लम्बा और दो इंच मोटा था, सुपाड़ा तो ढाई तीन इंच मोटा था!

घोटू आगे बोला, “तेरा भी तो पेट चिकना है मुन्ना, तेरी झांटें कहाँ उगी है अभी, मेरे बहुत घनी है साली, पर मैं रोज शेब करता हूँ, माँ को ऐसा चिकना बिना बाल का लंड बहुत अच्छा लगता है, पर उसकी खुद की फुद्दी पर लम्बी झांटें हैं, साली छिनाल है, कहती है कि चूत चूसते समय झांटें मुंह में जायें तो ज्यादा मजा आता है पर मेरा लौड़ा चूसते हुए एक भी बाल मुंह में जाए , उसे अच्छा नही लगता, चल..... तू अब नखरा ना कर, तुझे मेरा लौड़ा पसंद आया, यह मुझे मालूम है, अब चूस डाल” |

कहते हुए उसे मुझे अपने पास खींचा और मेरा सर अपनी गोद में दबा दिया | लंड में से सौंधी सौंधी मद जैसी खुशबू आ रही थी |

“मुंह खोल और ले सुपाड़ा मुंह में, लड्डू जैसा” | उसके कहने पर मैंने उसका सुपाड़ा मुंह में ले लिया और चूसने लगा | मुझे पूरा मुंह खोलना पड़ा तब जाकर वो छोटे सेब जैसा सुपाड़ा मुंह में आया | मुंह ऐसा भर गया था जैसे बड़े साइज़ का लड्डू एक साथ मुंह में भर लिया हो | मेरा सारा डर गायब हो गया था | बहुत मज़ा आ रहा था |
मैं उस नर्म चमड़ी पर जीभ फेरते हुए मज़ा ले लेकर घोटू का लौड़ा चूसने लगा |

घोटू मरे बालों में उँगलियाँ चलाते हुए बोला, “हाए मुन्ना, मस्त चूसता है रे तू राजा, बाद में तुझे पूरा लौड़ा जड़ तक निगलना सिखा दूंगा, बहुत मज़ा आएगा, तू मेरा लौड़ा लेना भी सीख लेना , बहुत प्यार से दूंगा तुझे लौड़ा, देने और लेने में मुझे मज़ा आता है, मेरी माँ तो रोज़ मेरा लेती है, आगे से भी और पीछे से भी, मालकिन ने पिछले दरवाज़े से नहीं लिया अब तक, डरती है, शायद तू ले ले एक बार तो मैं कहूँगा कि लो, आपके कमसिन छोकरे ने भी मेरा ले लिया , अब क्यों डरती हैं? पहले वो तेरा छोटा लौड़ा ले ले , फिर मैं उन्हें प्यार से बड़ा दे दूंगा पिछवाड़े से” |

मुझे लौड़ा देने की बात से मैं थोडा घबराया | उसका इशारा मेरी गांड में लंड देने का था | यह मैं समझ गया पर लंड चूसने में इतना मज़ा आ रहा था कि मैं चुपचाप चूसता रहा | आधा घंटा हमने खूब मज़ा किया | बीच में घोटू ने मेरे मुंह से लंड निकाल लिया और मुझे गोद में लेकर खूब चूमा | मेरी जीभ चुसी और अपनी चुस्वायी मेरा लंड भी फिर खड़ा हो गया था और घोटू उसे प्यार से सहला सहला कर मस्त कर रहा था |

“अपनी चिकनी गांड तो दिखा मुन्ना”, कहकर घोटू ने एकाएक मेरी पेंट उतार दी |

मैं घबरा गया | मुझे लग रहा था कि शायद वो वहीँ मेरी गांड मारेगा | मेरी आँखों में उतर आए डर को देखकर उसने मुझे समझाया |

“डर मत राजा , ऐसे थोड़े मारूंगा तेरी जल्दी में, मज़े ले लेकर मारूंगा , माखन भी लगाना पड़ेगा, जिससे सट से घुस जाए तेरे चूतडों के बीच, कुंवारी नाज़ुक गांड है तेरी, बहुत प्यार से लेने पड़ेगी, मेरी माँ के सामने मारूंगा, वो रहेगी तो तुझे संभाल लेगी, उसे बड़ी आस है अपने मालकिन के छोरे की गांड अपने बेटे से चुदते देखने की, अभी बस मुझे तेरी गांड देखनी है रे राजा , मेरी पेंट उतार कर उसने मेरे चूतडों पर हाथ फेरा और उन्हें ऐसे दबाया जैसे गेंदें हों, आहा क्या गांड हे रे तेरी कुनाल राजा! एकदम माखन , साली छोकरियों की भी इतनी प्यारी नहीं होती” , कहकर वो झुक कर मेरा नितम्ब चूमने लगा | फिर आवेश में आकर वो उन्हें बेतहाशा चाटने लगा और सीधे मेरी गांड के छेद में नाक डालकर सूंघने लगा जैसे उसमें इत्र भरा हो, सूंघ कर फिर मेरी गांड में उसने जीभ डाल दी | मुझे गुदगुदी हुई तो मैं हंसने लगा |

“छोड़ घोटू , गुदगुदी होती है” , मैंने उसका सर हटाने की कोशिश की पर उसकी ताकत के आगे मेरी क्या चलने वाली थी | जोर जोर से वो मेरी गांड चूसता रहा | मुझे मज़ा आ रहा था इसीलिए ज़रा सा नखरा करके छूटने की दिखाऊ कोशिश करके मैं गांड चुसवाता रहा | गीली जीभ मेरी गांड के अन्दर इधर उधर होती थी तो बहुत अच्छा लगता था आखिर अपने आप पर घोटू ने किसी तरह काबू किया और उठ बैठा |

“क्या माल है राजा, मैं तो कच्चा चबा जाऊं तुझे! तेरा गुलाम हो कर रहूँ पर चल बहुत हो गया, स्कूल भी जाना है” , कहकर वो टांग लम्बी करके बैठ गया और मुझे खींच कर मेरा सर अपनी जांघ पर लेकर अपना तन्नाया लौड़ा मेरे होंठों और गालों पर फेरता हुआ बोला |

“अब चूस ले मुन्ना , और देख, मैं झडूंगा तो मुंह से गिराना नहीं, सब निगल लेना, वीर्य में बड़ी ताकत होती है तो खा के देख, स्वाद भी झकास लगेगा तुझे , फिर मेरे आगे पीछे घूमा करेगा हमेशा” |
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