ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का ) complete

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kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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पहले सोनू ने बोल तो दिया था , पर सोनिया के पूछने पर उसकी तो गिग्घी बंद गयी...
पर फिर उसे रात वाली घटना एक बार फिर से याद आ गयी...
उसने मन में सोचा की इस वक़्त अगर चुप रह गया तो वो उससे कभी नही उगलवा सकेगा ...
इसलिए यही वक़्त है..

वो बोला : "ये ... ये मोटर वाला नकली ''वो'' है... और इसे लड़कियाँ ... अपनी... अपनी .. टाँगो के बीच..यानी अंदर .... रखकर ... मज़ा करती है...''

सोनिया ने जब ये सुना तो हंस-2 कर लोट-पोट हो गयी.... और वो अपने बेड पर गिरकर और अपना पेट पकड़कर हँसती रही...और फिर 2 मिनट बाद जब अपने उपर कंट्रोल हुआ तो बोली : "ओ मेरे भोले भाई.... क्या डेफिनिशन दी है तूने इसकी... कमाल है यार तू भी..... और तू कहता है की तू जवान हो गया है..... हा हा ..... पता नही साक्षी के सामने तू क्या करेगा.... ''

अपनी बहन के सामने चुतिया बनकर इस वक़्त सोनू को गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर वो उसे सब सॉफ-2 बताकर ये नही जताना चाहता था की उसे अच्छी तरह से पता है की इस डिलडो को चूत में डालकर मास्टरबेट किया जाता है...

अपनी बहन के सामने उसने इतने गंदे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया वो भी सिर्फ़ इसलिए ताकि अपनी मर्यादा का उलंघन ना करे वो... वरना अभी उसे बता देता की क्या-2 पता है उसे...

पर सोनिया की अगली बात सुनकर उसे खुद की कही हुई बात पर काफ़ी खुशी हुई....

वो बोली : "भाई, लगता है तुझे अभी बहुत कुछ सीखना पड़ेगा... वरना बाहर जाकर तू ऐसी बातें करेगा तो दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर कैसे चल पाएगा... हा हा''

उसकी हँसी अब तक नही रुक रही थी...

पर उसकी बात सुनकर सोनू का दिमाग़ कहीं और ही चलने लगा.... अब उसे लग रहा था की अपनी बहन के सामने ऐसे ही बुढ़ू सा बनकर रहे और देखे की उसकी बहन को सैक्स के बारे में क्या-2 पता है... और वो सब बताने के बहाने शायद वो उसके करीब भी आ जाए और कुछ मज़े करने को मिल जाएँ..

और आज ये सब सोचते हुए पहली बार हुआ था की उसके अंदर के ''भाई'' ने ये नही कहा की ''ये ग़लत है''

शायद उसकी वासना ने उसके रिश्ते की रही सही भावना को कुचल दिया था...पर शायद अभी के लिए.

पर जो अभी हो रहा था, उसे सोनू बहुत एंजाय कर रहा था.
और उसकी सोच के अनुसार वही हुआ , सोनिया ने उसे अपने बेड पर बिठाया और बड़े ही प्यार से उसे सैक्स का पाठ पड़ना शुरू किया..

''देखो सोनू... आई नो की हम दोनो भाई बहन है और हमें ये सब बातें एक दूसरे से नही करनी चाहिए... पर कल जो हम दोनो के बीच डिसाईड हुआ था, उसके बाद मुझे लगता है की हम दोनो को एक दूसरे से कुछ भी छिपाना नही चाहिए...''

सोनू किसी लंगूर की तरह सोनिया को एकटक देखता रहा ...

वो आगे बोली : "आई डोंट नो की तुम्हे पता है या तुम नासमझी का नाटक कर रहे हो.. पर जितना तुमने बताया है वो इन्फर्मेशन थोड़ी अधूरी सी है... इसलिए मैं उसको पूरा कर देती हूँ ...इसे डिल्डो कहते हैं... और इसका इस्तेमाल करके लड़कियाँ मास्टरबेट करती है... और ऑर्गॅज़म का मज़ा लेकर ही उन्हे चैन मिलता है...''

सोनू : "तो इसका मतलब.... कल रात को तुम .... म.. मास्टर .... बेट... कर रही थी .....''

सोनिया का चेहरा गुलाबी सा हो उठा.... और पहली बार सोनू ने उसे शर्माकर अपनी आँखे चुराते हुए देखा...

वो धीरे से बोली : "हम्म्म...''

और फिर अचानक उसने अपनी आँखे गोल कर ली, जैसे उसे कुछ याद आ गया हो या उसने सोनू की चोरी पकड़ ली हो..

सोनिया : "तुम कल रात जाग रहे थे ना.... जब मैं मास्टरबेट कर रही थी....बोलो .... ''

सोनू कुछ नही बोला.... उसने सिर झुका लिया... यानी उसने कबूल कर लिया की वो जाग रहा था..

सोनिया ने अपने दोनो हाथ अपने चेहरे पर रख लिए और ज़ोर से चिल्लाई : " ओह्ह्ह गॉडsssss ....... मुझे पता था.... कल रात ही पता चल गया था की तुम जाग रहे हो......इट मीन्स..... तुमने.... वो सब होते हुए देख लिया.....''

अब वो खिसिया सी रही थी.... और उसे थोड़ा बहुत गुस्सा भी आ रहा था...

सोनू ने बात संभाली : "नही दी.... वो मैने जान बूझकर नही किया.... मेरी आँख जब खुली तो ... तो... शायद तुम सब कर चुकी थी.... पर...''

वो गुरराती हुई उसके करीब आई : "पर.... पर क्या ?''

सोनू सकपका सा गया उसके गुस्से से भरे चेहरे को देखकर...

सोनू : "मैने वो आपको..... लास्ट में .. मेरा नाम लेते हुए सुना...''

सोनिया ने अपना माथा पीट लिया... शायद जिस बात का उसे डर था, वही हुआ था उसके साथ .

अभी तक जो सोनिया मज़े ले रही थी, एकदम से चुप हो चुकी थी..

सोनू : "दी, आपने ही तो कहा था की हम अब दोस्त हैं.... तो आप इस बात पर इतना नाराज़ क्यों हो रही हो.... ''

सोनिया धीरे से बोली : "नही.... नाराज़ नही हूँ मैं.... बट जो कल रात हुआ वो..... वो मेरे बस में नही था...''

सोनू : "देखो दी, मुझे नही पता की आप उस वक़्त क्या सोच रही थी... बट डोंट फील बेड की आपने मेरा नाम लिया था उस वक़्त... या फिर मैने वो सब सुन लिया था....''

वो कुछ नही बोल रही थी.... शायद उसके दिमाग़ में कुछ चल रहा था..

सोनू अपनी तरफ से उसे कॉन्फिडेंस फील कराने के लिए कुछ ना कुछ बोले ही जा रहा था..

''देखो दी, वो सब कई बार मेरे साथ भी होता है.... कभी साक्षी के बारे में तो कभी किसी और लड़की के बारे में सोचकर मैने भी कई बार मास्टरबेट किया है... एक बार तो अपनी मेम के बारे में सोचकर भी किया था... ऐंड आई नो की वो सब करते हुए किसी का नाम लेने में कितना मज़ा आता है...''

सोनिया ने उसकी तरफ देखा... और बोली : "पर कभी एक भाई को बहन के बारे में या बहन को भाई के बारे में सोचकर करते हुए नही देखा होगा ना... पर पता नही क्या चल रहा था मेरे मन में उस वक़्त... मैने लाख कोशिश करी की अपनी क्लास के किसी फ्रेंड के बारे में सोचू , या किसी हेंडसम टीचर के बारे में ... या फिर कोई और... पर पता नही कैसे लास्ट में सिर्फ़ तुम्हारे बारे में ही सोचकर मुझे कुछ हो गया ...और.. और ''

इतना कहकर वो चुप हो गयी....
सोनू समझ गया की शायद उसने ये सब जान बूझकर नही किया है...
कल से दोनो के बीच जो चल रहा था, कहीं ना कहीं सोनिया के दिमाग़ में वही सब रह गया होगा,
इसलिए आख़िरी वक़्त में झड़ते हुए सोनू का नाम निकल गया था उसके मुँह से...

सोनू ने माहौल को हल्का करते हुए कहा : "ओके दी... चलो छोड़ो ये सब... जो हुआ सो हुआ... अब इसके बारे में बात नही करते.... मुझे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ता... सो भूल जाओ कल रात की बात.... एन्ड मेरे साथ बाहर चलो, और ये भी बताता हूँ की कल साक्षी के साथ मैंने क्या किया ''

सोनिया एकदम से खुश हो गयी.... वो भी साक्षी के बारे में जानना चाहती थी, उसे शायद इस बात की भी खुशी थी की उसके भाई को इतना सब होने के बाद भी कोई फ़र्क नही पड़ रहा था... पर ये सिर्फ़ सोनू ही जानता था की उसे कितना फ़र्क पड़ रहा है... कितना पड़ चुका है....और आगे कितना पड़ने वाला है.
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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दोनो नीचे आ गये... घर में उनके अलावा कोई नही था..

सोनिया किचन में जाकर दोनो के लिए नाश्ता बनाने लगी, सोनू किचन काउंटर के बाहर पड़ी चेयर पर बैठा था.

सोनिया : "चल बता जल्दी से... क्या-2 हुआ कल ...''

सोनू के दिमाग़ में अभी तक कल रात वाला डिल्डो घूम रहा था...
और कुछ देर पहले हुई खुल्ली बातचीत से उसके अंदर की झिझक काफ़ी हद तक ख़त्म हो चुकी थी.

सोनू : "वैसे तुम्हे इतना इंटेरेस्ट क्यो है मेरे और साक्षी के बारे में जानने के लिए...''

सोनिया : "बस...ऐसे ही...''

वो आँखे चुरा रही थी...
और सोनू अच्छी तरह से जानता था की वो ऐसा तभी करती है जब वो झूट बोल रही होती है..

सोनू : "ओके ... तो सुनो.... कल हमने किस्स किया..''

उसने एक ही बार में वो बोल दिया, जो कल तक उसने किसी को भी ना बताने की अंदर ही अंदर कसम खाई थी.

वो आमलेट बनाती-2 पलट कर उसे हैरानी से देखने लगी..

और बोली : "वाव.... नोट बेड.... पहले ही दिन.... सही है....''

वो अपनी आँखे बंद करके एक पल के लिए अपने भाई को किस्स करते हुए इमैजिन करने लगी



और एक बार फिर से घूम कर नाश्ता बनाने में जुट गयी.

उसने कुछ और पूछा ही नही...
अभी कुछ देर पहले तक तो वो साक्षी का नाम सुनकर काफ़ी एक्साईटीड हो रही थी...अब एकदम से क्या हो गया उसे..

सोनू को अंदर ही अंदर कुछ महसूस हुआ
उसे लगा शायद सोनिया को ये बात सुनकर ज़्यादा अच्छा नही लगा है,
कही .... उसे... अंदर ही अंदर....
जलन तो नही हो रही...
साक्षी से.......

और इस बात की पुष्टि करने का सिर्फ़ एक ही तरीका था...

उसे और जलाया जाए..

सोनू : "पता है सोनी, हमारे स्कूल में एक लड़की है.... एंड शी इस बोम्बशेल... उसे देखकर हर लड़के का यही मन करता है की बस एक बार ये मिल जाए...''

उसने अपनी बात अधूरी छोड़ दी...
सोनू ने नोट किया की वो उसकी बात को कान लगाकर सुन रही है..
सोनू आगे बोला : "वो अपने बी एफ के साथ बिल्डिंग के पीछे की तरफ गयी...और वहां जाकर उसके साथ मस्ती करने लगी...''

ये कहकर वो रुक गया.

जब कुछ देर तक सोनू नही बोला तो वो झल्ला कर बोली : "अब आगे भी बोलेगा की क्या हुआ..''

सोनू को इस वक़्त बहुत मज़ा आ रहा था.

सोनू : "हाँ , बता तो रहा हूँ ...साक्षी उस वक़्त मेरे साथ ही थी...हम दोनो भी उनके पीछे-2 गये...और वो सब करते हुए उन्हे देखने लगे...''

सोनिया ने ऐसी नज़रों से उसे देखा जैसे पूछ रही हो की 'क्या देखा, ये भी तो बता'

सोनू (मंद-2 मुस्कुराते हुए) : "हमने देखा की वो ना... वो दोनो.... एक पेड़ के नीचे जाते ही.... एक दूसरे को.... उम्म्म... लिपट गये.... और .... और लीप तो लीप किस्स करने लगे...''

वो कुछ ज़्यादा ही आराम से और डीटेल में सब बातें बता रहा था....
सोनिया भी अपना काम छोड़कर उसकी तरफ घूम गयी और आँखे फाड़कर अपने भाई के मुँह से पहली बार ऐसी बाते निकलते हुए देखने लगी....
आज तक यही सोनू इस तरह की बातों से बचता फिरता था...
एक ही दिन में वो उससे इतना ओपन हो गया था की अब खुलकर अपने स्कूल की बातें उसे मज़े लेकर सुना रहा था.

वो फ्रूट्स छिल रही थी, और तिरछी नजरों से अपने भाई को भी देख रही थी




सोनिया : "फिर....?''

सोनू : "फिर उसके बी एफ ने उसकी शर्ट के बटन खोले... और उसकी..... बूबी को चूसने लगा...''

बूबी सुनकर सोनिया की हँसी निकल गयी.... और बोली : "ओ पागल, वो बूबी नही बूब्स होते हैं....''
सोनू : "हाँ , पता है.... पर उसके बिल्कुल छोटे-2 से थे.... बिल्कुल इतने से....''



सोनू ने उंगलियों को मोड़कर गोल सी शेप बनाई...उसे देखकर एक बार फिर से वो हंस दी

और बोली : "चाहे वो इतने हो या मेरे जितने , वो बूब्स हि कहलाएँगे... समझा....आगे बोल..''

सोनू ने हाँ में सिर हिलाया...कल स्टार्ट हुई सैक्स क्लास आज फिर से शुरू हो चुकी थी..

सोनू : "फिर....साक्षी ने भी मुझे पकड़ लिया... शायद उन्हे देखकर उसे भी जोश चढ़ गया था... और कल रात जो मैसेज था वो भी उसे याद आ गया.... और.... आई लव यू बोलकर उसने मुझे ज़ोर से किस्स कर लिया...''

सोनिया : "वाउ.... सो रोमांटिक .....''

उसकी आँखो में चमक थी.... पर सोनू उसमें ये देखने की कोशिश कर रहा था की वो पहले जो उसे फील हुआ था, वैसा कुछ है या नही... पर उसे कुछ महसूस नही हुआ... वो नॉर्मल सी ही लगी... शायद उसका ही वहम था पहले..

और इतनी सारी बातें उसने खुलकर अपनी बहन से कर ली थी, जिसके बारे में उसने सोचा तक नही था....
बूब्स, किस्स और ना जाने क्या-2...
ऐसा तो कोई भाई अपनी बहन को नही बताता...और ना ही कोई बहन अपने भाई को
पर वो सब उसे बताते हुए सोनू को मज़ा बहुत आया था...
और उसे खुद ही अंदर से बहुत फ्री-2 सा फील हो रहा था...
जैसे उसने ये बात अपनी बहन को नही बल्कि किसी लंगोटिया यार को बताई हो..

वो ये सब सोचता हुआ मंद-2 मुस्कुरा रहा था.

और उसे ऐसा करते देखकर सोनिया ने उससे पूछा : "क्या बात है... आजकल बड़ा मुस्कुराता रहता है... क्या चल रहा है तेरे दिमाग़ में इस वक़्त...''

उसने अपने हाथ में लिया चाकू उसकी तरफ लहरा कर पुछा, जैसे ना बताने पर उसे मार ही डालेगी


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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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सोनू : "कुछ नही दी... बस यही सोचकर मुस्कुरा रहा था की आपसे ये सब शेयर करके कितना अच्छा लग रहा है... आई थिंक मुझे आपमें एक अच्छा दोस्त मिल गया है...''

सोनिया ने ये सुना और घूमकर बाहर आई और उसे ज़ोर से हग कर लिया....

और बोली : "मैं तो हमेशा से तेरी दोस्त थी, बस तूने ही कभी दिल खोलकर बातें नहीं की.. ''
दोनो काफ़ी देर तक एक दूसरे को पकड़कर एक दूसरे की पीठ सहलाते रहे...
वैसे भी सोनू को उसकी बिना ब्रा की पीठ पर हाथ फेरने में बहुत मज़ा आ रहा था..



उसने उसकी पीठ पर दबाव डालकर उसे और ज़ोर से अपनी तरफ खींचा, और तब उसे उसके बूब्स अपनी छाती पर महसूस हुए... और उसके निप्पल्स की चुभन को महसूस करके उसे एक ही पल में पता चल गया को वो तन कर खड़े हैं... और उनका एहसास होते ही उसका दिमाग़ घूमने सा लगा... वो कल साक्षी और आज सोनिया वाली हग को कंपेयर करने लगा... और उसे जवाब भी एक पल में मिल गया..

उसकी बहन की हग उसे ज़्यादा उत्तेजित कर रही थी.

एक तरफ तो वो भाई बनकर ऐसी बातों की निंदा करने में कभी पीछे नही हटता था, पर उसके अंदर का शैतान जब उसके भाई पर भारी पड़ जाता है तो वो बेचारा कुछ कर ही नही पाता..

कुछ सोचकर वो तुरंत उससे अलग हो गया...
और उसने सोनिया की आँखो में देखने की कोशिश की... पर वो एक बार फिर से शरमा रही थी अब...
एक बार फिर से उसे ये लगने लगा की जो कुछ देर पहले तक वो सोच रहा था , कहीं वो सही तो नही था.

ये सब उसे आने वाले दिनों में पता चलने वाला था... अभी तो पूरा महीना पड़ा था.

पर सबसे पहले तो उसे आज की रात का इन्तजार था, क्योंकि वो देखना चाहता था की सब बातें जानने के बाद आज रात वो मास्टरबेट करेगी या नही.
दोपहर के समय सोनिया मार्केट चली गयी, और शाम को सीधा मम्मी के साथ ही वापिस आई... दोनो ने मिलकर डिनर बनाया, उनके पापा भी आ चुके थे, सबने मिलकर खाना खाया... पूरा दिन कैसे निकल गया, पता ही नही चला..

पर सोनू को तो सुबह से ही रात का इंतजार था,
उसने एक बात नोट की थी की जब भी सोनिया मॉम के साथ होती थी तो उसके साथ बिल्कुल नॉर्मल सी रहती थी... और ना ही ऐसी कोई बात करती थी जो उसके ''छोटे सिपाही'' को खड़ा कर दे...
पर अकेले होते ही ना जाने उसे क्या हो जाता था, इसलिए भी सोनू रात का इंतजार कर रहा था ताकि वो अपने रूम में जाकर खुल कर एटलीस्ट बात तो कर सकें..

और वही हुआ जैसा सोनू ने सोचा था..

डिनर के बाद जब वो अपने रूम में पहुँचे तो उसके रंग ढंग ही बदल गये..

रंग इसलिए की बाथरूम में जाकर उसने नाइट ड्रेस पहन ली जो कल से ज़्यादा सैक्सी थी

उसने एक स्लीवलेस टी शर्ट और एक नन्ही सी निक्कर पहनी हुई थी..जिसमें उसकी मांसल पिंडलिया और मोटी जाँघे सॉफ चमक रही थी



और ढंग इसलिए बदल गये की अब वो कुछ ज़्यादा ही कमर मटका कर और सीना उभार कर चल रही थी..

सोनू ने उसे छेड़ते हुए कहा : "क्या बात है दी ...रूम में आते ही एकदम बदल जाती हो तुम...''

सोनिया : "यार, तुझे पता तो है, मॉम के सामने ये सब करके मुझे उनका भाषण नही सुनना, एंड इन फ्रंट ऑफ यू आई केन डू वॉटेवर आई वॉंट टू डू ....''

इतना कहकर वो सोनू को आँख मारती हुई अपने बिस्तर पर जाकर बैठ गयी...

सोनू तो उसकी इस कातिलाना अदा को देखकर आँखे फाड़कर उसे देखता रह गया..

वो भी बाथरूम में गया और चेंज करके वापिस आ गया....

पर बाहर निकलते ही उसके होश उड़ गये..

उसका मोबाइल सोनिया के पास था..
वो देखते ही समझ गया की वो उसके व्हाटसऐप के मैसेज देख रही होगी..

वैसे तो ऐसा कुछ नही था उसमे... साक्षी के साथ नॉर्मल सी चैट थी... एक दो किस्सेस और आई लव यू वगेरह था..

पर

उसके नॉटी बाय्स वाले ग्रुप में आज काफ़ी माल आया था..
उसके एक फ्रेंड आकर्षण ने आज करीब 15-20 वीडियोस भेजे थे....
जिसमें कई तो इंडियन गर्ल्स के थे, ऐसी लड़कियों के जो मोबाइल पर अपना वीडियो बनाकर अपने बी एफ को भेजती है, पर उनके वो हरामी बी एफ वो वीडियो नेट पर डालकर उनकी ऐसी तेसी कर देते हैं...

अब कल से अब तक सोनिया के साथ इतनी बातें हो चुकी थी की उसे वो अपना फोन देखने से मना भी नही कर सकता था...

वो चुपचाप जाकर अपने बेड पर लाइट गया... और सोनिया से इधर उधर की बातें करने लगा..
तिरछी नज़रों से वो देख रहा था की वो बड़े ही गोर से उसके मोबाइल को चेक कर रही है... और उसके लाल होते चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की वो वही वीडियोस देख रही है जो वो नही चाहता था की वो देखे..

उसका हाथ अपने ही पेट को सहला रहा था.... सोनू के भी कान लाल होने लगे ये सोचकर की उसकी बहन उसी के सामने गंदे वीडियो देख रही है...

कुछ देर बाद उसने बोल ही दिया : "दी, ऐसा क्या देख रही हो इतने गोर से मेरे मोबाइल में ... कहीं साक्षी वाले मैसेज तो नही पढ़ रही ....''

उसने नज़रें सोनू की तरफ की और शरारती मुस्कान के साथ बोली : "उसमें था ही क्या जो पढ़ती ... बेकार की नॉर्मल सी बातें थी... माल तो इसमें है... तुम्हारे नॉटी बॉयज वाले ग्रुप में ..''

वो एक बार फिर से शरारती टोन में हंस दी.

सोनू ने हिम्मत करके अपनी आवाज़ में थोड़ा सख्ती लाते हुए कहा : "देखो दी... आप उन्हे नही देख सकती... वो ...वो.... आपके मतलब के नही है....''

वो तपाक से बोली : "मेरे मतलब के नही है , बट तुम्हारे मतलब के हैं.... ये कैसे... हम तो एक ही एज के है... जब तुम देख सकते हो तो मैं क्यो नही....और वैसे भी अब हमारे बीच ये सब फॉरमॅलिटीस वाली बातें बंद हो चुकी है...सो प्लीस...चुपचाप बैठो और देखने दो मुझे...''

सोनू अपना सिर खुजाने लगा.... उसे पता था की अपनी बहन से वो बहस में कभी नही जीत सकता...

सोने ने आख़िरी कोशिश की

''दी, लड़को और लड़कियो में फ़र्क होता है.... हमे ये अलाव है... ''

ये बात सुनकर वो भी उठकर बैठ गयी : "क्यों , ऐसा क्या है तुम लड़को में .... क्या कोई सुरखाब के पर लगे हैं तुम्हारे बदन पर... या फिर उपर से टपके हो...''

सोनू : "नही दी.... वो... आई मीन्स.... लड़कियों को ये सब करना शोभा नही देता... ये सब अडल्ट क्लिप्स देखना, गंदी मूवीस देखना... वो ऐसा करते हुए अच्छी नही लगती.... ये गलत है ''

अब तो सोनिया एकदम से भड़क गयी... बात आख़िरकार औरतजात पर जो आ चुकी थी.

''बंद करो ये बकवास.... और मेरी एक बात कान खोलकर सुन लो, ये आग जो तुम्हारे तन को जलाती है, उतना ही हमारे तन को भी जलाती है... ये तो लड़कियों का शर्मीला स्वाभाव उन्हे खुलकर अपने मन की बातें बोलने नही देता, वरना हम लड़कियों के दिल में भी सैक्स के प्रति उतना ही आकर्षण है जितना तुम लड़कों में ... और इसका जीता जागता सबूत ये सारे वीडियोस है... इन सभी में लड़कियाँ ही है... जिन्हे देखकर तुम साले लड़के लोग मास्टरबेट करते फिरते हो... ये लड़किया ऐसा ना करे तो तुम क्या करोगे... सोचा भी है कभी...''

सोनिया ने तो उसे अच्छा ख़ासा भाषण दे डाला था..लेकिन बात वो सही कह रही थी
वो वहीँ नही रुकी, वो आगे बोली : "तुम लड़के सिर्फ़ अपने नज़रिए से देखते हो, आपस में बातें करके लड़कियों को फुद्दू बना कर रखा है... पर ऐसा है नही मिस्टर.... हम लड़कियाँ किसी भी मुक़ाबले में तुम लड़कों से कम नही है....''
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

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इतना कहकर उसने मोबाइल में चल रहा एक वीडियो सोनू के सामने कर दिया... जिसमे एक लड़का अपनी जी एफ के पैरों की उंगलियों को किसी नौकर की तरह चूस रहा था... वो आराम से नंगी होकर एक कुर्सी पर बैठी थी और अपने बाय्फ्रेंड को डोमिनेट कर रही थी...

सोनू का सिर चकरा गया वो देखकर.... सुबह ये वीडियो देखकर तो उसके मन में भी इच्छा हुई थी की काश वो भी किसी का नौकर बन पाता, कम से कम उसके नंगे शरीर को चाटने का तो मौका मिलता...

पर इस वक़्त उसी वीडियो को दोबारा अपनी बहन के दिखाने पर देखकर वो शर्मिंदा होने के सिवाए कुछ कर ही नही पाया...

सोनू को सिर झुकाता देखकर सोनिया को एहसास हुआ की उसने शायद आवेश में आकर कुछ ज़्यादा ही बोल दिया है अपने भाई को... वो उठकर उसके करीब आई और उसके बेड पर आकर बैठ गयी.

और उसके हाथों को अपने हाथ में लेकर बड़े ही प्यार से, उसे समझाने के अंदाज में बोली : "देखो भाई... होस्टल में रहकर शायद मेरी बातें, मेरा स्वभाव थोड़ा बदल गया है... और देखा जाए तो हर लड़की को ऐसा ही होना चाहिए...मेरी तरह... जिसे हर बात की जानकारी होनी ज़रूरी है... वरना इस मेन डोमिनेटिंग वर्ल्ड में वो बेचारी पीस कर रह जाए..... जो छूट लड़को को मिली हुई है, वो लड़कियो के लिए भी होती है... बस वो अपने समाज की बंदिशों की वजह से खुलकर उनको एंजाय नही कर पाती है... पर अब टाइम बदल रहा है... अब सभी को पता है की क्या सही है और क्या ग़लत''

ये बात उसने सोनू की आँखो में देखते हुए कही थी... जो हर बात में उसे 'ये ग़लत है - ये ग़लत है' बोलता रहता है.

सोनू ने तो सिर्फ़ एक कोशिश की थी की वो उसके मोबाइल के वीडियोस ना देखे...
उसके बदले में उसे अच्छा ख़ासा भाषण सुनने को मिल गया...
पर एक और बात उसे पता चल चुकी थी की उसकी बहन खुलकर जीने में विश्वास रखती है...
और उसे अगर टोका जाए तो वो उसे कतई पसंद नही है... शायद इसी टोका टाकी की वजह से , उसकी हर बात मनवाने की जिद्द की वजह से, उसे होस्टल भेजा गया था... पर वहां जाकर तो वो और भी ज़्यादा बिगड़ चुकी थी... होस्टल में ना तो माँ -बाप का डर रहता है और ना ही उनकी नज़रें...और वो खुलापन उसे बहुत पसंद आया था. जिसका परिणाम ये था की सोनू को हर बात का जवाब उसी की भाषा में मिल रहा था... और वो बेचारा अपनी बहन को ये कहने की सिचुएशन में भी नही रह गया था की बहना, जो तूँ ये सब बोल रही है 'ये ग़लत है' ....
उसकी बहन ने तो रिश्तों के, संस्कारों के, औरत मर्द के बीच के फ़र्क के सारे मायने ही बदल दिए थे....
और अंदर ही अंदर ये सब बदलाव सोनू को बहुत भा रहे थे...

सोनू को चुप देखकर वो समझ गयी की जो बात वो उसे समझना चाहती थी वो समझ चुका है...
और उसके हाथ पर दबाव डालकर वो एक बार फिर से अपनी गांड मटकाती हुई अपने बेड पर जाकर लेट गयी...

पर मोबाइल अभी भी उसी के पास था.

कुछ देर तक इधर-उधर की बाते करने के बाद वो बोली : "चलो ना भाई ,अब सोते हैं... काफ़ी देर हो गयी है...''
अभी तो सिर्फ़ साढ़े दस ही बजे थे...
ये 12 बजे तक जागने वाली सोनिया को एकदम से कैसे नींद आ रही है...
पर फिर भी सोनू ने कुछ नही कहा और लाइट बुझा कर वो अपने बिस्तर पर आकर सो गया..

उसने देखा की लेटने के बाद एक बार फिर से सोनिया उसके मोबाइल को देखने लगी है...
अंधेरे कमरे में मोबाइल की रोशनी से उसका चेहरा अलग ही चमक रहा था...
और उसके चेहरे पर आ रही होली सी मुस्कान को देखकर वो फिर समझ गया की वो वीडियोस फिर से देख रही है...

सोनू भी उसी की तरफ मुँह करके बड़ी ही बेशर्मी से उसे देखने लगा...
वो उसके हाथों को भी गोर से देख रहा था, जो धीरे-2 सरक कर कभी उसके पेट पर जाते, और कभी उसके बूब्स पर... अपनी बहन को अपने ही बूब्स मसलता देखकर एक अजीब सा एहसास हो रहा था... अंदर ही अंदर उसे गंदा तो लग रहा था पर पूरी दुनिया में ये बात इस वक़्त किसी को नही पता, ये सोचकर वो निश्चिन्त होकर वो देख भी रहा था...

एक अजीब से दोराहे पर पहुँच चुकी थी सोनू की जिंदगी.....
सोनिया ने रिश्ते की परवाह किए बिना उसे एक औरत - मर्द के शारीरिक आकर्षण के मापदंड से नापकर अपनी ही परिभाषा सीखा डाली थी.. जिसपर चलकर कुछ भी हो सकता था..
सोनिया का पूरा शरीर पानी की लहर की तरह बिस्तर पर उफान मार रहा था...
उसके सीने से उठकर एक लहर नीचे तक जाती और ऐसा करते-2 उसकी चादर कब उतर गयी शायद उसे भी पता नही चला...
अब उसकी गोरी-2 टांगे सोनू को साफ़ दिख रही थी..

सोनिया भी जानती थी की अभी तक सोनू सोया नही है फिर भी शायद वो अपने उपर कंट्रोल नही रख पाई और उसका हाथ धीरे-2 खिसक कर उसकी शॉर्ट्स में घुस गया.

ये पहला मौका नही था जब सोनू ने अपनी बहन को अपनी चूत मसलते हुए देखा था पर उसके ऐसा करते ही एक अजीब सा एहसास हुआ उसे अंदर तक..

सोनिया अपने हाथ की उंगलियों से अपनी चूत के मुहाने को रगड़ रही थी और बीच-2 में अपनी जांघों से अपने हाथ को भींच कर हल्की फुल्की सिसकारी भी मार रही थी.

भले ही कमरे में अंधेरा हो चुका था पर कल की तरह आज भी सोनिया के बेड पर सोनू से ज़्यादा रोशनी थी... कारण था खिड़की से आ रही चाँद की रोशनी का वहां पड़ना..

अचानक सोनू बोल पड़ा : "दी.... क्या तुम ये रोज करती हो....''

वो एकदम से हड़बड़ा सी गयी...

और बोली : "तु ...तुम अभी तक सोए नही...''

सोनू : "नही....नींद नही आ रही....बोलो ना..... क्या तुम रोज रात को मास्टरबेट करती हो...''

अपने भाई से शायद इस तरह के सीधे सवाल की उम्मीद नही थी उसे...
पर फिर भी वो बड़े ही शांत स्वर में बोली : ''हम्म ...... ऑलमोस्ट डेली...''

सोनू : "और क्या सोचकर करती हो.... आई मीन आप किसी के बारे में सोचकर करती हो क्या...''

सोनिया : "मैने पहले भी बताया था ना... आई डोंट हेव एनी बाय्फ्रेंड... सो जो मन में आता है,उसके बारे में सोच लेती हूँ ...''

सोनू अब असली बात पर आया, और बोला : "तो कल मेरा नाम क्यो लिया.... क्या तुम मेरे..... बारे में ..... सोच कर..... मा.... मास्टरबेट कर रही थी ??....''

वो चुप रही... सोनू का दिल धड़-2 बज रहा था उसका जवाब सुनने के लिए..
सोनिया : "सच कहूं .....जब शुरू किया था तो ऐसा कुछ नही था... बट .... पता नही कैसे.... वो करते-2 जब तुमपर नज़र पड़ी तो.... तो... सोच बैठी...''

सोनू का लंड ये सुनते ही पूरा खड़ा हो गया.... यानी उसकी बहन ने उसके बारे में सोचकर मास्टरबेट किया....

वो अंदाज़ा लगाने लगा की क्या सोचा होगा ....
क्या उसके लंड के बारे में ....
उसे सक्क करने के बारे में ...
या फिर....
या फिर
उसने सोनू का लंड अपनी चूत में लेने की सोची होगी....
और वही सोचते-2 झड़ गयी होगी...

छी .... कितना गंदा हूँ मैं.....

क्या-2 सोचने लग गया....
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kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )

Post by kunal »


भले ही उसकी बहन ने उसके बारे में सोचकर मुठ मारी थी, इसका मतलब ये नही की वो अपनी बहन के बारे में इतना गंदा सोचेगा... उसे अपनी मर्यादा में रहना चाहिए... सोनिया ने तो सिर्फ़ सोचा है, कुछ किया थोड़े ही ना है... सोचने और करने में काफ़ी अंतर है... सोच पर तो किसी का ज़ोर ही नही चलता, उसकी बहन अलग थोड़े ही है.... उसने अगर कुछ सोच भी लिया होगा तो उसका क्या गया.... एक तरह से देखा जाए तो वो अपनी बहन के काम ही आया..भले ही मुठ मारने में मदद की पर कुछ तो किया ना...

अपनी बातो को तर्क-वितर्क के तराजू में तोलकर वो खुद ही अपनी अदालत में चल रहे केस में जीत गया...

पर फिर भी वो अपनी बहन के मुँह से सुनना चाहता था.... और उसने पूछा ही लिया

"वैसे दी, तुम बुरा ना मानो तो प्लीज़ बताओगी ... की ... क्या सोचा था मेरे बारे में ...''

इतना सुनते ही सोनिया के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी....
वो अपने नीचे वाले होंठों को दाँत के नीचे दबा कर हँसने लगी और बोली : "तू बड़ा शरारती हो गया है.... एक तरफ तो बड़ा संत बना फिरता है... भाई-बहन के रिश्ते की दुहाई देता रहता है.... और ये गलत है-वो गलत है कहता है, और अब अपनी बहन से सुनना चाहता है की क्या सोचकर वो मास्टरबेट कर रही थी.... सही जा रहा है घुन्ने ...''

वो अक्सर सोनू को घुन्ना कहा करती थी...
घुन्ना यानी ऐसा इंसान जो उपर से तो शरीफ दिखता है पर अंदर से पूरा घाग किस्म का होता है...

सोनू ने कोई जवाब नही दिया.... और फिर से पूछा : "बताओ ना दी.... क्या सोच रही थी....''

अब सोनिया को सच में शर्म आ रही थी.... हर बात को खुल कर बोलने वाली सोनिया की बोलती अब बंद हो गयी थी.... सवाल ही ऐसा किया था उसके भाई ने...

वो धीरे से बोली : "नही..... अभी मैं नही बता सकती....''

सोनू ने भी सोचा की वो भी ना जाने क्यों ऐसी डीटेल निकलवाने निकल पड़ा है,जिसका जवाब देने में उसकी बहन को इतनी परेशानी हो रही है वो उसे पूछना ही नही चाहिए था...

पर उसने सोनिया के चेहरे को देखा तो उसने आँखे बंद कर ली थी...
भले ही वो सोनू को बता पाने में आनाकानी कर रही थी पर शायद सोनू के ज़ोर देने पर वो कल रात वाली बात को एक बार फिर से याद कर बैठी थी... और उसी को याद करके उसका हाथ एक बार फिर से हिलने लगा... जो अभी तक उसने अपनी शॉर्ट्स में से निकाला नही था...

सोनू अब एक बार फिर से उसे अपलक निहारने लगा..
लड़कियाँ मुठ मारती हुई कितनी क्यूट लगती है, ये उसे आज ही पता चला था...
इस वक़्त उसे अपनी बहन का चेहरा इतना प्यारा लग रहा था की एक बार तो उसका मन किया की उसे जाकर चूम ले... ऐसी हालत में वो ज़्यादा विरोध भी नही करेगी...




पर अपनी मर्यादा की दीवार का उलंघन करने की सोच उसे एक बार फिर से भाई बहन के रिश्ते की तरफ ले गयी...और उसने सोचना बंद कर दिया.... और पलटकर सो जाने की सोची...

पर तभी

सोनिया का हाथ सरककर अपने पिल्लो की तरफ गया और उसने अपना हथियार बाहर निकाल लिया... यानी अपना डिल्डो..

ना चाहते हुए भी सोनू का हाथ अपने लंड की तरफ चला गया और उसने उसे ज़ोर से भींच दिया..

सोनिया ने अपनी जीन्स की निक्कर के दो बटन खोले और उसे थोड़ा नीचे खिसका दिया...अंधेरे में सोनू को उसकी टाँगो के बीच का हिस्सा सॉफ नही दिख रहा था... इसलिए वो देख ही नही पाया अपनी बहन की चूत को.. पर वहां से आ रही सोंधी - २ महक पूरे कमरे में फ़ैल गयी थी

उसकी उस खुशबु को सूंघ कर और इस एहसास से की वो नीचे से नंगी है, सोनू के मुँह से एक सिसकारी सी निकल गयी.

सोनिया ने बटन दबाकर डिल्डो की मोटर स्टार्ट कर दी....
हल्की घुं की आवाज़ के साथ वो नकली लंड एक बार फिर से थरथराने लगा...
और सोनिया ने उसे अपनी टाँगो के बीच रख कर दबा दिया...

और ज़ोर से सिसकारी मारी..

''आआआआआआआआआआआहह ...... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....''

ये चीख तो इतनी ज़ोर से मारी थी उसने की उसे डर लगने लगा की कहीं उसके मॉम डेड तक ना पहुँच गयी हो... पर ऐसा कुछ नही हुआ... सोनिया ये बात अच्छी तरह से जानती थी की उसका भाई जाग रहा है, उसके बावजूद उसने अपनी ठरक को रोका नही और मास्टरबेट करना चालू कर दिया... और इतनी तेज आवाज़ भी निकाली... कहीं ये पागल तो नही हो गयी...
पर अगले ही पल उसके दिमाग़ में एक और विचार कौंधा की कहीं ये सब जानबूझकर तो नही कर रही वो...
कहीं उसे उकसाने के लिए तो ये सब इतना खुलकर नही कर रही वो...
पर अपनी बहन को वो अच्छी तरह से जानता था, वो भला ऐसा क्यो करेगी...
उसने ये विचार भी निकालकर बाहर फेंक दिया और गोर से उसकी सिसकारियों में अपना नाम तलाशने लगा...
उसे लगा की शायद कल की तरह आज भी वो उसी के बारे में सोचकर मास्टरबेट कर रही होगी...
और शायद आज भी वो उसी का नाम लेकर झड़ेगी...
पर काफ़ी देर तक कान लगाए रखने के बाद भी उसे सिर्फ़ उम्म्म्म अहह के सिवाए कुछ सुनाई ही नही दिया..

पर उन सिसकारियों को सुनकर उसके अंदर कुछ-2 होने लगा था..
उसने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे मसलने लगा...

अब एक ही कमरे में दोनो भाई-बहन अलग-2 बेड पर लेटकर मुठ मार रहे थे..

सोनू ने देखा की वो डिल्डो को चूत पर रखकर ज़ोर-2 से रगड़ रही है...
उसकी वाइब्रेशन का आनंद लेती हुई वो सिसकारियाँ मार रही है....
ऊsssss ओsssssss की आवाज निकालते हुए उसके होंठों की गोलाई उसे दूर से दिखाई दे रही थी...और अपने लंड को एक पल के लिए उन होंठों के बीच डालने की सोचकर सोनू की आँखे बंद होती चली गयी और उसी पल में ही वो यथार्थ के धरातल से उड़कर मस्ती भरी सिसकारियाँ लेता हुआ कल्पना की दुनियाँ में पहुँच गया..

उस कल्पना में सोनिया उसके सामने नंगी बैठी थी , सोनू ने बड़ी ही बेशर्मी से अपना लंड सोनिया के मुँह में डाल दिया जिसे वो भी उतने ही भूखेपन से चूसने लगी...

और एक मिनट में ही सोनू के लंड से पिचकारियाँ निकलकर बाहर आने लगी...



और झड़ते-2 दबी आवाज़ में उसके मुँह से भी सोनियाआआssssss निकल ही गया

और बाद में उसने जब मुस्कुराते हुए अपनी आँखे खोली तो सकपका कर रह गया.

सोनिया ठीक उसके सामने खड़ी थी.
सोनू की तो फट्ट कर हाथ में आ गयी...

सोनिया के चेहरे पर गुस्से वाले एक्शप्रेशन थे....

वो कुछ बोलने ही वाला था की सोनिया की हँसी निकल गयी... और वो बहुत देर तक हँसती रही..

सोनू बेचारा फुद्दू सा बनकर उसे देखता रहा...



सोनू के हाथ अभी तक अपने माल से सने हुए थे....

सोनिया की निक्कर के बटन भी अभी तक खुले थे और उसकी नाभि के नीचे का करीब 5 इंच तक का हिस्सा उसे सॉफ नज़र आ रहा था... बस चूत को छोड़कर.

उसकी टी शर्ट भी अस्तव्यस्त ही थी...जिसके नीचे छुपे बूब्स की नोकें सोनू सॉफ देख पा रहा था.

सोनिया जब हंसकर चुप हुई तो बोली : "देखा.... तुमने भी मेरा नाम लिया ना... अब बोलो... ये किसलिए...??''

बेचारा कुछ बोल ही नही पाया... बस अपराध भाव से भरकर इधर उधर देखता रहा...
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