अभी कल ही तो वो ये बात बोल रही थी की उसका कोई बी एफ नही है, फिर ये एकदम से कहां से आ गया...
उसे लगने लगा की शायद वो उसे बताना नही चाहती थी, इसलिए उससे झूट बोला.
तन्वी चीख सी पड़ी : "साली....एक नंबर की चालू है तू तो....कल तक तो कुछ बताया नही..ये एकदम से कहां से टपक गया....कौन है ये... कहाँ रहता है.... तेरे होस्टल में है क्या.... स्टूडेंट है या टीचर....बोल ना....बता ना...''
सोनिया ने हंसते हुए अपना पैर नीचे किया और दूसरा उठा कर सामने रख लिया और उसपर पॉलिश लगाने लगी और बोली : "अरे....सब्र कर....सब बताउंगी ...पर प्रोमिस कर ...तू किसी को नही बोलेगी....''
तन्वी : "यार...ड्रामे ना कर...तेरे-मेरे बीच की बात मैने आज तक किसी को बोली है जो आज बोलूँगी...बता ना यार...मेरे तो पेट में दर्द सा हो रहा है.... जल्दी बोल...कौन है वो...''
सोनिया कुछ देर चुप सी हो गयी....उसके चेहरे पर वही कल रात वाली हँसी आ गयी.... और बोली :"तू उसे जानती है.... वो यहीं रहता है....''
तन्वी : "मैं जानती हू....वो वही रहता है, तेरे मोहल्ले में ....ओह माय गॉड .... कहीं वो रजत तो नही....वो तेरे पीछे काफ़ी दिनों से था....वो है क्या..... या फिर वो राहुल....जो तेरे घर के सामने रहता है...सक्सैना आंटी का लड़का , वो है ना..''
सोनिया के साथ-2 अब तो सोनू को भी काफ़ी उत्सुकतता हो रही थी....
अपनी बहन के बी ऍफ़ का नाम जानने के लिए...
अंदर से उसे अजीब सी फीलिंग हो रही थी....
जलन वाली...
कुछ जल सा रहा था उसके दिल में.
सोनिया : "वो.....वो......सोनू है.....मेरा भाई...''
जब उसने ये कहा तो तन्वी का तो मुँह ही बंद हो गया.....
और
सोनू के दिल ने तो इतनी ज़ोर से धड़कना शुरू कर दिया जैसे उसके अंदर कोई मशीन लगा दी हो....
धड़-धड़ की आवाज़ें उसके कानो तक आ रही थी....
ये क्या कह दिया सोनिया ने...
वो उसे प्यार करती है...
ये कैसे हुआ..
कब हुआ...
कोई अपने भाई से कैसे प्यार कर सकता है...हालाँकि जो कुछ उनके बीच चल रहा था वो सब इसी तरफ इशारा कर रहा था, पर सोनू ने तो उस नजरिये से अपनी बहन को कभी देखा ही नहीं था
ये तो ग़लत है.
बिल्कुल ग़लत .
और यही बात कुछ देर चुप रहकर तन्वी ने भी कही..
''ओह्ह माय गॉड ..... आर यू मेड ... तुझे सोनू से प्यार हो गया है... अपने सगे भाई से.... तू पागल है क्या... पता भी है की तू क्या बोल रही है.... ये बहुत ग़लत है...बिल्कुल ग़लत.''
सोनू ने भी मन ही मन में तन्वी की बात पर हामी भरी...
आज जिंदगी में उसे पहली बार तन्वी की बात सही लग रही थी...
वरना वो उसे एकदम झल्ली समझता था.
सोनिया : "आई नो यार.... ये ग़लत है... बट मुझे अपने आप पर कुछ कंट्रोल ही नही रह गया... जब से वापिस आई हूँ ...कुछ ना कुछ ऐसा होता चला गया जो मेरे साथ लाइफ में पहली बार हो रहा था... वो सब जिनके लिए मैने ना जाने कितने सपने देखे थे.....''
तन्वी की परेशान सी आवाज़ गूँजी फोन पर : "है भगवान...ऐसा क्या कर लिया तूने.... कुछ ग़लत काम तो नही कर बैठी भाई के साथ ...''
सोनिया : "अरे नहीं पागल.... .वैसा कुछ नही है.... बस .... जो मैने कहा वो है.... तू ज़्यादा दिमाग़ पर ज़ोर ना दे... और वैसे भी, प्यार तो किसी से भी हो सकता है.... तूने भी तो मुझे लास्ट टाइम कहा था ना की तुझे अपने पापा बहुत अच्छे लगते हैं... उनके जैसा कोई शादी के लिए मिल जाए तो तू दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की होगी...''
तन्वी : "अरे पागल.... वो तो मेरी एक फीलिंग थी.... तुझे तो पता है की मेरे पापा कितने हेंडसम है... उन्हे देखकर अक्सर मेरे दिल में ऐसे ख़याल आते हैं... और वही मैने तेरे साथ शेयर कर लिया... अब इसका मतलब ये नही है की जो मैने सोचा वो मैं कर ही डालूंगी... वो मेरे पापा है पागल... उनके बारे में सोचना एक बात है, उनसे शादी करना दूसरी बात , ऐसे मन में सोचना अलग बात है... और इस तरह से बोलना दूसरी बात...''
सोनिया : "तो मैने कौन सा बोल दिया है उसको... मेरे भी मन में ये बात आई और मैने तेरे साथ शेयर कर ली...मैं कौन सा सोनू को बोलने जा रही हूँ की आई लव यू सोनू...''
उसने आई लव यू सोनू इतने प्यार से कहा था जैसे उसे बोलने की प्रैक्टिस कर रही हो....
और बाहर खड़े सोनू का दिल नम सा हो गया अपनी बहन के मुँह से ये सुनकर...
भले ही उसने सामने नही कहा था...
पर उसके दिल की बात सोनू को पता चल ही चुकी थी.
तन्वी : "चल मान ली तेरी बात... पर ये क्या था,जो तूने अभी बोला की जब से आई है कुछ ना कुछ ऐसा हो रहा है.... मुझे बता तो ज़रा...की ऐसा क्या चल रहा है तेरे और सोनू के बीच जो बात प्यार तक पहुँच गयी...''
वो तो किसी इंस्पेक्टर की तरह सवाल कर रही थी सोनिया से...
सोनू सोचने लगा की अगर उसकी बहन ने सब बता दिया की पिछले 2 दिनों से उनके बीच क्या चल रहा है तो वो तन्वी से कैसे नज़रें मिला सकेगा...
पर ऐसा कुछ हुआ नही.
सोनिया : "अरे इडियट ... वो जो कुछ भी हो रहा है, मेरी सोच का ही फल है...वरना उसकी तरफ से कुछ नही है...वैसे एक बात बता...तुझे सोनू की बड़ी फ़िक्र हो रही है....कही तुझे वो पसंद तो नही है...''
तनवी : "वो....अकड़ू....हुंह ...वो साला तो मेरी तरफ देखता भी नही है...हाँ ये सच है की शुरू में वो मुझे अच्छा लगता था..पर औरों की तरह वो भी बड़े बूब्स वाली लड़कियों का दीवाना है...पता है मुझे...उसकी क्लास में मेरी भी एक फ्रेंड है...उसने काफ़ी कुछ बताया है उसके बारे में मुझे...''
अब चौंकने की बारी सोनिया की थी...
और साथ-2 सोनू की भी...
यानी उसके और साक्षी के बीच की बात तन्वी तक भी पहुँच चुकी है....
कितनी छोटी दुनिया है ये..
सोनिया : "बता ना यार....जल्दी से...क्या पता है तुझे...''
तन्वी अब ऐंठने लगी और बोली : "ओहो....अपनी बाते तो छुपा रही है, और मुझसे निकलवाने में लगी है...पहले तू बोल, फिर मैं बताउंगी ...''
सोनिया : "एक काम कर...तू घर आ जा ... यहीं बैठकर बातें करेंगे...''
तन्वी : "सॉरी....अभी मैं नही आ सकती...शाम को आउंगी ... ओके...''
सोनिया : "ओके ...आई विल वेट फॉर यू .... बाइ....''
इतना कहकर उसने फोन काट दिया.
उसकी नाइल पोलिश भी लग चुकी थी...
उसने अपना समान समेटना शुरू कर दिया.
सोनू भी दबे पाँव नीचे उतर आया...
बेग लेकर वो बाहर गया और लॉक लगाकर उसने बाहर की बेल बजाई...
करीब 2 मिनट बाद दरवाजा खुला....
सोनिया ने एक टी शर्ट और निक्कर पहन ली थी...
उसे देखकर वो थोड़ा शॉक सी हुई, अंदर आकर उसने सवालों की झड़ी सी लगा दी....
पर सोनू को जैसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था....
वो बड़े ही प्यार से सोनिया की आँखों को और हिलते हुए होंठों को देखता रहा...
उसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था..बस दिखाई दे रहा था.
सोनिया की बातें सुनने के बाद सोनू का नज़रिया कुछ बदल सा चुका था.
उसे अंदर ही अंदर डर सा लग रहा था की अब वो कैसे अपने आप पर कंट्रोल रख पाएगा.
ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का ) complete
- kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
बहुत सही भाई
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- kunal
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनिया : "ओये हेल्लो ....कितनी देर से बोल रही हूँ .... क्या बात हो गयी....तू तो साक्षी के साथ डेट पर गया था ना.... क्या हुआ.... झगड़ा हुआ क्या... इतनी जल्दी क्यों वापिस आ गया....''
सोनू : "अर्रे....दी, ऐसा कुछ नही हुआ... हम तो जा ही रहे थे की उसकी मॉम का फोन आ गया... और वो घर चली गयी..''
सोनिया : "तो वो घर कुछ बोलकर नही जा रही थी क्या..?''
सोनू : "नही...मैं तो तुम्हे बोल सकता हूँ , पर वो अपनी मॉम से इतनी फ्रेंक नही हुई अभी...समझी...''
सोनिया : "वो तो समझ गयी....और साथ में ये भी की तुम्हारा क्या हाल हो रहा होगा इस वक़्त...''
सोनू : "मेरा !!! मतलब ? "
सोनिया : "अरे भाई, जिसकी गर्लफ्रेंड के साथ डेट हो और वो एंड टाइम पर कैंसिल हो जाए तो सारे अरमानो पर तो पानी फिर ही जाता है ना..... अब तो खुद ही करना पड़ेगा...''
उसका इशारा मास्टरबेशन की तरफ था....
ये पहली बार था जब उसकी बहन ने इतनी बेशर्मी से ऐसी गंदी बात अपने भाई से की थी..
सोनू :" वेरी फन्नी.... मेरी हालत पर इतना ही तरस आ रहा है तो... तो...''
वो कहते-2 बीच में ही रुक गया.....
हे भगवान, वो भी भावनाओ में बहकर क्या बोलने जा रहा था...
अपनी बहन को वो बोलने वाला था की वो कर दे उसका मास्टरबेशन ...
या जो भी था...
जो वो समझ रही थी...
सोनिया : "तो....तो क्या....?? बोलो.... ''
वो दबी हँसी से ये बात बोल रही थी...
जैसे वो सुनना चाहती हो अपना नाम उसके मुँह से.
पर सोनू ने बात घुमा दी...
और बोला : "तो अपनी किसी फ्रेंड को बोलो मेरी हेल्प करने को....''
सोनिया : "जब तेरी जी एफ तेरी हेल्प नही कर रही तो मेरी फ्रेंड से क्यों करवाना चाहता है.... और वैसे भी, मेरी सारी बदमाश फ्रेंड्स तो मंसूरी में है, यहाँ ऐसी कोई नही है...''
सोनू ने थोड़ा हिम्मत की और बोल दिया
"क्यो, वो तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड तन्वी को क्या हुआ...वो तो यहीं है ना... उसे बोलो...''
वो एकदम आश्चर्य से उसे देखने लगी...
सोनिया का मुँह खुल सा गया...
एक पल के लिए तो उसे लगा की कहीं सोनू ने उसकी और तन्वी की बाते तो नही सुन ली..
सोनिया : "तुझे उसमे इतना इंटेरेस्ट कब से हो गया... मुझे तो लगा था की तुझे वो पसंद नही है....''
सोनू : "किसने कहा ??''
सोनिया अपनी झेंप मिटाते हुए बोली : "कहा तो किसी ने नही.... पर ..... वो.... उसे लगा.... आई मीन मुझे लगा की वो थोड़ी दुबली है ना... शायद इसलिए ....तूने उसे अवाय्ड किया...''
सोनू (हैरान होने का नाटक करते हुए) : "अरे दी... मैने कब अवाय्ड किया.... तुम जब से होस्टल गयी हो, तब से तो उसने आना ही बंद कर दिया.... बाद में वो कहीं और शिफ्ट हो गये.... अब मिलना ही नही होता पहले जैसा तो कैसे कह सकते हो की अवाय्ड किया... इनफॅक्ट मुझे तो वो काफ़ी पसंद थी....''
सोनू की बाते सुनकर सोनिया हैरान हुए जा रही थी..
"देख रही हूँ मैं ....आजकल काफ़ी ऑप्शन्स एक्सप्लोर किए जा रहे हैं..... स्कूल में साक्षी.... और अब मेरी फ्रेंड भी....''
सोनू (मुस्कुराते हुए) : "अरे दी... यही तो उम्र है ये सब करने की... अभी मस्ती नही करेंगे तो कब करेंगे...''
सोनिया : "अच्छा ... तो आजकल बड़ी मस्ती करने की सूझ रही है...''
सोनू बस मुस्कुरा कर रह गया.
सोनिया : "वैसे एक खुशख़बरी है...वो आज शाम को आ रही है...''
सोनू चोंकने का नाटक करता हुआ बोला : "कौन....तन्वी ??''
सोनिया : "ओये होये बड़ा खुश हो रहा है उसका नाम सुनकर ...हाँ वही...आ रही है शाम को.... कहो तो बात करू उसके साथ... वैसे भी वो आजकल अपने लिए कोई बाय्फ्रेंड ढूँढ रही है...''
सोनू : "ठीक है...कर लेना..''
सोनिया : "और वो साक्षी का क्या होगा....''
सोनू : "वो तो स्कूल में है ना...ये बाहर हो जाएगी...''
सोनिया : "वाह जी वाह ... एक स्कूल वाली...एक बाहर वाली...घर पर भी रख ले कोई...''
सोनू : "घर पर तो तुम हो ना...''
सोनिया ने हंसते हुए अपनी खुशी दबाई और सोनू की ही तरह भाषण देने के अंदाज कहा : "पर ये तो ग़लत है ना.... मैं तो तुम्हारी बहन हूँ ....''
सोनू : "पर जो भी कल रात हुआ उसके बाद तो हमारे रिश्ते के मायने ही बदल चुके है....''
सोनिया की आँखे गुलाबी हो उठी ये सुनकर....
वो शायद अपने दिल की बात यानी उसे प्यार करने की बात उसे बोलना चाह रही थी...
पर हिम्मत नही कर पाई वो...
सोनिया : "चल ठीक है.... आने दे उसको... बात कर लूँगी... पर तू शरमाना मत उसके सामने... वरना सब गड़बड़ हो जाएगा....''
फिर कुछ देर रुककर वो बोली : "पर उसके साथ सेट्टिंग करवाने में मेरा क्या फायदा.... ऐसे तो वो तुझे मुझसे अलग कर देगी....''
सोनू : "अर्रे....दी, ऐसा कुछ नही हुआ... हम तो जा ही रहे थे की उसकी मॉम का फोन आ गया... और वो घर चली गयी..''
सोनिया : "तो वो घर कुछ बोलकर नही जा रही थी क्या..?''
सोनू : "नही...मैं तो तुम्हे बोल सकता हूँ , पर वो अपनी मॉम से इतनी फ्रेंक नही हुई अभी...समझी...''
सोनिया : "वो तो समझ गयी....और साथ में ये भी की तुम्हारा क्या हाल हो रहा होगा इस वक़्त...''
सोनू : "मेरा !!! मतलब ? "
सोनिया : "अरे भाई, जिसकी गर्लफ्रेंड के साथ डेट हो और वो एंड टाइम पर कैंसिल हो जाए तो सारे अरमानो पर तो पानी फिर ही जाता है ना..... अब तो खुद ही करना पड़ेगा...''
उसका इशारा मास्टरबेशन की तरफ था....
ये पहली बार था जब उसकी बहन ने इतनी बेशर्मी से ऐसी गंदी बात अपने भाई से की थी..
सोनू :" वेरी फन्नी.... मेरी हालत पर इतना ही तरस आ रहा है तो... तो...''
वो कहते-2 बीच में ही रुक गया.....
हे भगवान, वो भी भावनाओ में बहकर क्या बोलने जा रहा था...
अपनी बहन को वो बोलने वाला था की वो कर दे उसका मास्टरबेशन ...
या जो भी था...
जो वो समझ रही थी...
सोनिया : "तो....तो क्या....?? बोलो.... ''
वो दबी हँसी से ये बात बोल रही थी...
जैसे वो सुनना चाहती हो अपना नाम उसके मुँह से.
पर सोनू ने बात घुमा दी...
और बोला : "तो अपनी किसी फ्रेंड को बोलो मेरी हेल्प करने को....''
सोनिया : "जब तेरी जी एफ तेरी हेल्प नही कर रही तो मेरी फ्रेंड से क्यों करवाना चाहता है.... और वैसे भी, मेरी सारी बदमाश फ्रेंड्स तो मंसूरी में है, यहाँ ऐसी कोई नही है...''
सोनू ने थोड़ा हिम्मत की और बोल दिया
"क्यो, वो तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड तन्वी को क्या हुआ...वो तो यहीं है ना... उसे बोलो...''
वो एकदम आश्चर्य से उसे देखने लगी...
सोनिया का मुँह खुल सा गया...
एक पल के लिए तो उसे लगा की कहीं सोनू ने उसकी और तन्वी की बाते तो नही सुन ली..
सोनिया : "तुझे उसमे इतना इंटेरेस्ट कब से हो गया... मुझे तो लगा था की तुझे वो पसंद नही है....''
सोनू : "किसने कहा ??''
सोनिया अपनी झेंप मिटाते हुए बोली : "कहा तो किसी ने नही.... पर ..... वो.... उसे लगा.... आई मीन मुझे लगा की वो थोड़ी दुबली है ना... शायद इसलिए ....तूने उसे अवाय्ड किया...''
सोनू (हैरान होने का नाटक करते हुए) : "अरे दी... मैने कब अवाय्ड किया.... तुम जब से होस्टल गयी हो, तब से तो उसने आना ही बंद कर दिया.... बाद में वो कहीं और शिफ्ट हो गये.... अब मिलना ही नही होता पहले जैसा तो कैसे कह सकते हो की अवाय्ड किया... इनफॅक्ट मुझे तो वो काफ़ी पसंद थी....''
सोनू की बाते सुनकर सोनिया हैरान हुए जा रही थी..
"देख रही हूँ मैं ....आजकल काफ़ी ऑप्शन्स एक्सप्लोर किए जा रहे हैं..... स्कूल में साक्षी.... और अब मेरी फ्रेंड भी....''
सोनू (मुस्कुराते हुए) : "अरे दी... यही तो उम्र है ये सब करने की... अभी मस्ती नही करेंगे तो कब करेंगे...''
सोनिया : "अच्छा ... तो आजकल बड़ी मस्ती करने की सूझ रही है...''
सोनू बस मुस्कुरा कर रह गया.
सोनिया : "वैसे एक खुशख़बरी है...वो आज शाम को आ रही है...''
सोनू चोंकने का नाटक करता हुआ बोला : "कौन....तन्वी ??''
सोनिया : "ओये होये बड़ा खुश हो रहा है उसका नाम सुनकर ...हाँ वही...आ रही है शाम को.... कहो तो बात करू उसके साथ... वैसे भी वो आजकल अपने लिए कोई बाय्फ्रेंड ढूँढ रही है...''
सोनू : "ठीक है...कर लेना..''
सोनिया : "और वो साक्षी का क्या होगा....''
सोनू : "वो तो स्कूल में है ना...ये बाहर हो जाएगी...''
सोनिया : "वाह जी वाह ... एक स्कूल वाली...एक बाहर वाली...घर पर भी रख ले कोई...''
सोनू : "घर पर तो तुम हो ना...''
सोनिया ने हंसते हुए अपनी खुशी दबाई और सोनू की ही तरह भाषण देने के अंदाज कहा : "पर ये तो ग़लत है ना.... मैं तो तुम्हारी बहन हूँ ....''
सोनू : "पर जो भी कल रात हुआ उसके बाद तो हमारे रिश्ते के मायने ही बदल चुके है....''
सोनिया की आँखे गुलाबी हो उठी ये सुनकर....
वो शायद अपने दिल की बात यानी उसे प्यार करने की बात उसे बोलना चाह रही थी...
पर हिम्मत नही कर पाई वो...
सोनिया : "चल ठीक है.... आने दे उसको... बात कर लूँगी... पर तू शरमाना मत उसके सामने... वरना सब गड़बड़ हो जाएगा....''
फिर कुछ देर रुककर वो बोली : "पर उसके साथ सेट्टिंग करवाने में मेरा क्या फायदा.... ऐसे तो वो तुझे मुझसे अलग कर देगी....''
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू उसके करीब आया...
और उसके दोनो हाथों को पकड़ कर बोला : "दी, हमे कोई अलग नही कर सकता.... कभी नही...''
दोनो एक दूसरे की आँखो मे देखकर एक पल के लिए कहीं गुम से हो गये...
दोनो के दिल धड़क उठे....
सोनिया के लब लरज उठे...
और वो थोड़ा आगे खिसक आई....
अपने भाई के बिल्कुल करीब...
इतने करीब की उसकी साँसे वो अपने चेहरे पर महसूस कर पा रही थी...
सोनू के हाथ सोनिया ने अपनी छाती के बिल्कुल सामने पकड़े हुए थे...
सोनू की छोटी उंगली उसकी ब्रेस्ट को टच कर रही थी...
उसका मन तो कर रहा था की अपने हाथ और अंदर दबा दे, पर ऐसा करना उसके सिद्धांतो में नही था, इसलिए उसने अपने हाथ छुड़ाए और अपनी भावनाओ को काबू करने के लिए बाथरूम में घुस गया..
अंदर जाकर उसने वाश्बेसन पर अपना चेहरा धोया ...
सोनिया उसके करीब आकर खड़ी हो गयी.
और बोली : "वैसे मुझे भी एक बात बोलनी थी तुमसे... ''
सोनू समझ गया की वो अपने प्यार का इज़हार करना चाहती है..
वो उसके चेहरे की तरफ देखने लगा....
पर वो असमंजस मे थी, की बोले या नही..
सोनिया : "वैसे कहना तो नही चाहिए, पर मेरा क्या फायदा होगा ये सब कराने में ...?''
सोनू समझ गया की वो बातें गोल कर रही है...
उसकी हिम्मत ही नही हुई अपने भाई को आई लव यू बोलने की...
इसलिए बीच में ये दूसरी बात छेड़ दी.
सोनू : "तू बोल दी, क्या चाहिए.... आइस्क्रीम.... मूवी .... मेरी पॉकेट मनी में तो यही सब आ सकता है...''
सोनिया : "अर्रे ये सब नही पागल....कुछ और... जिसमें तेरे पैसे खर्च नही होंगे...''
अब तो सोनू भी उत्सुक सा हो गया...
ये जानने के लिए की उसकी कामुक बहन के मन में क्या चल रहा है...
सोनू : "बोलो फिर, क्या चाहिए ?"
सोनिया ने शरमाते हुए कहा : "वही....कल रात जैसे...नाम लेकर....करने की परमिशन....''
सोनू हैरानी से उसे देखने लगा....
यानी उसकी बहन एक बार फिर से आज रात को मास्टरबेट करते हुए उसका नाम लेना चाहती थी...
जैसे कल रात लिया था...
सो एक्साइटिंग .... वो और उसका लण्ड फूल कर कुप्पा हो गये...
सोनू ने कुछ देर तो परेशान से होने का नाटक किया फिर दबी ज़ुबान से बोला : "ओके .... ठीक है.... कर लेना...''
वो तो ऐसे खुश हुई जैसे उसे मिस यूनिवर्स का खिताब मिल गया हो...
उछलते हुए उसने ताली बजाई और सोनू के गले से लग गयी....
उफफफफ्फ़.... क्या फीलिंग थी उसके बूब्स की......
आज तो सोनू से भी सब्र नही हुआ.....
उसने उसकी पीठ पर हाथ रखकर उसे और ज़ोर से गले लगा लिया...
और उसके नन्हे बूब्स को पीस डाला अपनी कठोर छाती से...
वो तो खुद चाहता था अब की जो खेल उन भाई बहन के बीच रात को चल रहा है, वो थोड़ा और आगे बड़े...
सोनिया ने खुद पहल करके अपनी सहमति तो दे ही डाली थी....
अब सोनू के उपर था की वो इस खेल को किस दिशा में ले जाता है..
पर
ये सब करने के पीछे सोनू की मंशा एकदम सॉफ थी...
उसे पता था की स्कूल में साक्षी के साथ वो ज़्यादा मज़े ले नही सकता...
और अपनी बहन के साथ वो सब करना नही चाहता जिसके लिए उसका दिल गवाही नही देता...
इसलिए..
इस तन्वी को उसने चुना जो साक्षी और सोनिया द्वारा उठाए गये लण्ड की अकड़ को ठीक करने का काम करेगी..
इसलिए अब उसे तन्वी का इंतजार था....
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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Re: ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
वो देखना चाहता था की उसकी बहन कैसे उसे तैयार करती है और वो तन्वी किस हद तक उसके साथ मज़े लेने के लिए तैयार हो सकती है....
अभी तन्वी को आने में 1 घंटे का समय था... और सोनू को भूख भी लगी थी... तो उसने एक काम किया .. डोमिनोस से पिज़्ज़ा ऑर्डर कर दिया.. अपने और सोनिया के लिए और साथ में तन्वी के लिए भी... उसे पता था की तन्वी को पिज़्ज़ा बहुत पसंद है.
आधे घंटे में पिज़्ज़ा आ गया और सोनू फ्रेश होने चला गया.
नहाकर उसने एक टाइट सी शॉर्ट और कूल सी टी शर्ट पहन ली... जिसमें वो काफ़ी स्मार्ट लग रहा था... सोनिया बार-2 उसे तन्वी का नाम लेकर छेड़ रही थी..
तभी बेल बजी और सोनिया ने अपने भाई को कहा : "तुम जाओगे या मैं खोलूँ....''
सोनू द्विअर्थी शब्दो में बोला : "अभी तुम खोल दो....बाद में मैं खोलूँगा...''
उसकी बात का मतलब समझकर वो अपने दाँत कटकाटाते हुए बोली : "बदमाश होते जा रहे हो तुम....''
फिर मुस्कुराती हुई वो दरवाजा खोलने दौड़ पड़ी..
उसे दौड़ते देखकर , पीछे से उसके हिलते चूतड़ देखकर एक पल के लिए तो सोनू का दिल ही धड़कना भूल गया...
आज पहली बात उसने अपनी बहन के हिप्स को गोर से देखा था....
टाइट जीन्स में उसके हिलते चूतड़ बहुत सेक्सी लग रहे थे...
आज तक तो उसकी नज़रें हमेशा उसके बूब्स को ही घूरती रही थी...
पर आज सोनू को पता चला की उसकी बहन पीछे से भी माल है.
सोनिया ने दरवाजा खोला और तन्वी को अंदर ले आई...
अंदर आकर तन्वी ने सोनू को देखा और हाय बोली
सोनू ने आगे बढ़कर अपना हाथ बढ़ाकर उसे हेलो कहा...
वो फटी आँखो से सोनिया को देखने लगी जैसे कहना चाहती हो की आज ये तेरे भाई को क्या हो गया है..
वो ये सोचने मे लगी थी और सोनू उसे ताड़ने में.
उपर से नीचे तक वो एक सैक्स बॉम्ब थी.. बस बूब्स नही थे उसके पास... पर बड़े ही नुकीले निप्पल्स थे... जो उसकी टी शर्ट में दूर से ही चमक रहे थे... शायद बिना ब्रा के पहनी हुई थी वो टी शर्ट...
तन्वी ने हाथ मिलाया और सोनू ने उसका हाथ होले से दबा दिया...
जैसे कोई इशारा कर रहा हो...
एक बार फिर से वो चोंक गयी...
ये पहली बार था जब उसे सोनू की तरफ से कोई सिग्नल मिल रहा था...
और अपनी खुशी और शर्म को छिपाने में उसे बड़ी मुश्किल हो रही थी....
उसने सोनिया का हाथ पकड़ा और उसे उसके बेडरूम में घसीटती ले गयी.
जाते-2 एक बार फिर से वो दोनो हिरणियाँ अपनी-2 गांड सोनू की भूखी नज़रों के सामने परोस गयी
सोनू, जो अभी तक अपनी बहन की हिलती गांड के मोह्पाश से निकल नही पाया था, तन्वी की गांड के हिचकोलो ने उसे सांतवे आसमान पर पहुँचा दिया...
भले ही तन्वी के बूब्स नही थे पर उसकी गांड ने शकिरा को भी मात दे रखी थी...
ऐसी सैक्सी गांड तो परिपक्व औरतों की होती है...
शायद छाती की सारी चर्बी उसकी गांड में पहुँच गयी थी ग़लती से.
पर जो भी था, उसे तन्वी की गांड बड़ी सैक्सी लगी.
पर अभी के लिए वो उनकी बातों को मिस नही करना चाहता था, वो भी भागकर उपर गया, और ऐसे ही मौके के लिए उसने ख़ास इंतज़ाम किया था आज...
उनके बेडरूम से लगा हुआ एक स्टोर था उपर... जिसमें जाकर सोनू ने पहले से ही उपर के रोशनदान से अंदर झाँकने का रास्ता खोज निकाला था.
वो जानता था की बाहर खड़े रहना ख़तरे से खाली नही है, वैसे भी तन्वी ने अंदर जाकर दरवाजा बंद कर लिया था...वो स्टोर में गया, और एक प्लास्टिक के ड्रम के उपर खड़ा होकर एक छोटे से रोशनदान से बेडरूम में झाँकने लगा... वो जाली वाला रोशनदान था, जिसमे दूर से तो कुछ नही पर पास जाकर दूसरी तरफ का सॉफ दिखाई दे सकता था.
इसलिए सोनू को पकड़े जाने का डर नही था.
वो उन्हे बात करते हुए देखने लगा.
तन्वी बोले जा रही थी
''ओह्ह माय गॉड ... आज उसने मुझे हेल्लो कहा.... मेरा हाथ पकड़ा... मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा ..... ''
वो बोले जा रही थी और सोनिया हँसे जा रही थी उसकी एक्साइटमेंट देखकर...
सोनिया : "जब वो देखता नही था तो बोलती थी.... अब देख रहा है तो बोल रही है... पहले सोच ले की तुझे क्या पसंद है....''
वो शर्म से लाल हो उठी....
एक नवयोवना के चेहरे पर आई इस खुशी को सोनू पहले भी अपनी बहन के चेहरे पर देख चुका था...
इसलिए अच्छी तरह से समझ पा रहा था की उसके दिल में इस वक़्त क्या चल रहा होगा.
तन्वी : "यार.... ही इस सो क्यूट.... मेरा तो मन कर रहा था की उसे पकड़ कर चूम लू... तू सामने ना होती तो मैने उसका हाथ छोड़ना ही नही था... वही दबोच लेती साले को...''
सोनिया : "अच्छा जी ....तेरी खुद की ही सिट्टी पिटी गुम हो गयी थी.... और मेरे होने से तुझे प्राब्लम है तो अकेले में मिल कर अपनी प्यास बुझा ले तू... बोल भेजूं उसको अंदर....''
उसने इस अंदाज में कहा जैसे उसे चेलेंज कर रही हो...
उसके चेहरे पर चालाकी वाले भाव थे...
और सोनू को पता था की इस चालाकी से वो अपना ही रात वाला काम निकलवा रही है....
जब तक वो तन्वी को नही पटाएगी उसके लिए, रात को वो अपनी इच्छा पूरी नही कर पाएगी..
तन्वी भी तेश में आ गयी : "हाँ तो भेज ना... मैं कौनसा डरती हू... मेरे लिए तो अच्छा ही है... देखती हूँ उस लल्लू में कितनी हिम्मत है..''
सोनिया को जैसे यही मौका चाहिए था...
वो जल्दी से बाहर की तरफ चल दी.
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