Adultery Chudasi (चुदासी )

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MAHADEV
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Re: Adultery Chudasi (चुदासी )

Post by MAHADEV »

सर आप दो कहानियो को मिक्स कर दिये हो 😔😔😔 इसलिये समझ नही आ रही है कहानी,,,please be careful ✌✌
adeswal
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Re: Adultery Chudasi (चुदासी )

Post by adeswal »

रामू उसका मुरझाया लण्ड पकड़कर जमीन पर बैठा था। उसने अभी तक अपनी शर्त नहीं बताई थी। वो शायद ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहता था।

मैं- “जल्दी से शर्त बताओ रामू..” मैंने कहा।

रामू- “पाँच मिनट अपन जो बोले वो करेगी ना तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाएगा, मेमसाब.." रामू ने कहा।

मैं- “तू मुझसे कुछ उल्टा-सुल्टा तो नहीं कराएगा ना? मैंने तेरी शर्त मान ली है उसका मतलब ये मत निकालना की तुम मुझसे कुछ भी करवा सकते हो...” मैंने सोचते हुये कहा।।

रामू- “उल्टा सुल्टा? हेहेहे... मेमसाब वो तो हम कर ही रहे हैं...” रामू ने हँसते हुये कहा।

जो सुनना मुझे अच्छा नहीं लगा और मेरा मुँह उतर गया।


रामू- “क्या मेमसाब आप भी बुरा मान गई? हम आज तक जो कर चुके हैं वही कराएगा अपुन...” रामू समझ गया की मुझे बुरा लगा है तो उसने हँसना बंद करके कहा।


मैं भी बात को खींचकर समय बिगाड़ना नहीं चाहती थी- “बताओ क्या करना पड़ेगा मुझे?” मैंने कहा।

रामू- “आपको अपुन का लण्ड फिर से मुँह में लेना पड़ेगा मेमसाब..” रामू ने कहा।

मैं- “पर ये तो...” मुझे अल्फ़ाज नहीं मिले मेरी बात करने के लिए।

रामू- “जल्दी करो, इस वक़्त आपके मुँह में पूरा आ जाएगा, बाकी तो आप आधा भी नहीं ले सकती...”

मैं रामू के पास बैठ गई और उसके लण्ड को पकड़कर सहलाने लगी।

रामू- “सो जाओ मेमसाब जमीन पर ही...” रामू ने कहा।
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