Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )

Post Reply
Baba Devil
Rookie
Posts: 135
Joined: 23 Sep 2019 15:23

Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )

Post by Baba Devil »



अपडेट - 108


वो बेड पर सहारा लेकर बैठ गये. और बोले - हमारे पास बैठो. हमे तुमसे कुछ बात करनी हैं.
मैं उनके पास बैठ गया...

आगे -

मैं - हाँ ताउजी कहिए...
ठाकुर - हम जो तुम्हें कहने वाले हैं वो सुनकर तुम हमे गलत मत समझना. पहले हमारी पूरी बात सुनना..

मैं - ऐसी क्या बात है...
ठाकुर - कुछ ऐसी ही बात हैं. हमने कभी सोचा भी नहीं था लेकिन परिस्थिति और हालात कुछ ऐसे हैं.

मैं - ताउजी बताइए तो क्या बात हैं...
ठाकुर - राहुल.. बेटा हम तुमसे कुछ मांगना चाहते हैं.

मैं - मुझसे..! मैं आपको क्या दे सकता हूँ ताऊजी...
ठाकुर - राहुल तुम दे सकते हो. तुम इस खानदान को एक उम्मीद एक नई आशा दे सकते हो...

मैं - मैं समझा नहीं, ताउजी प्लीज आप साफ साफ बताइए...

ठाकुर - हम चाहते हैं कि तुम हमें हमारा वारिस, इस खानदान का कुल दीपक दो...

( उनकी बात सुनकर मैं चौंक गया. मुझे कुछ समझ नहीं आया. मुझे लगा कि मैंने गलत सुना )
मैं - क्ययया...
ठाकुर - राहुल तुम...

मैं - ये आप क्या बोल रहे हैं ताउजी... रणजीत......

ठाकुर - हम सही बोल रहे हैं राहुल. हम मजबूर हैं...

मैं - मजबूर..! क्यों...?
ठाकुर - तुम्हें पता है कि हमले मे रणजीत बुरी तरह घायल हुआ है. उसकी रीढ़ की हड्डी मे चोट लगी हैं...

मैं - हाँ, ताऊजी पता है पर...
ठाकुर - हमारी बात सुनो पहले...

मैं चुप हो गया...

ठाकुर - उसकी रीढ़ की हड्डी बुरी तरह डैमेज हो गई हैं वो अब पहले जैसा नहीं हो सकता,और रणजीत के गुप्त अंग भी बुरी तरह जख्मी हो गये हैं. जिस कारण वो कभी पिता नहीं बन सकता...
मैं - क्या.....

ठाकुर - हां राहुल वो कभी.....
मैं - पर ताउजी...

ठाकुर - बेटा तुम बहुत अच्छे और नेकदील इंसान हो. तुम ही हो जो हमारी मदद कर सकते हो... तुम जो चाहो वो हम दे सकते हैं...
मैं - अच्छा.. मतलब वो सब जो आपने मुझे दिया वो सब इसलिए... ताउजी मैं ऐसा इंसान नहीं हूं कि पैसे के लिए कुछ भी...
बात को पूरी किये बिना ही मैं खड़ा हो गया...

तभी ठकुराइन की आवाज आई - राहुल ऐसी बात नहीं हैं..

और वो अंदर आ गई, जिस तरह वो आई ऐसा लगा कि वो गेट के पास खड़ी थी और हमारी बातें सुन रही थी...

मैं - तो ताईजी कैसी बात है...

मुझे खड़ा देखकर ताऊजी भी खड़े होने लगे, जिससे उनको तकलीफ होने लगी तो मैंने उन्हें रोक दिया और कहा - आप ऐसे ही बैठे रहिये...

ठाकुर - तुम हमारे पास बैठो...
मैं वापिस बैठ गया...

फिर ठकुराइन बोली - राहुल ऐसी कोई बात नहीं हैं. वो गिफ्ट तो इन्होंने तुम्हें प्यार से दिया हैं. इस बात से कोई संबंध नहीं हैं...
मैं - ताईजी आप भी...
ठकुराइन - पहले इनकी तो बात सुन लो...

मैं ठाकुर की बात सुनने लगा...
ठाकुर - राहुल पीढियों से हमारे खानदान का बहुत नाम हैं. हमारी बहुत इज्जत, मान सम्मान है. पर अब ये सब आगे नहीं बढ़ पायेगा. हमारे खानदान का नाम खत्म हो जायेगा.

जब हमें रणजीत के बारे मे पता चला तब हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब हम क्या करें. हमने कोशिश की कई डॉक्टरों से बातचीत की पर सबने एक ही बात कही कि कुछ नहीं हो सकता.
तब हमें लगा कि आगे सब खत्म हो जायेगा.
पर जिस दिन तुम हमसे मिलने आये थे, उसके बाद हमें ये ही ख्याल आ रहा था कि काश तुम हमारे बेटे होते. पर ये तो मुमकिन नहीं हैं लेकिन तुम हमें वारिस दे सकते हो...

मैं - ताऊजी मैं आपकी बात समझ रहा हूं. मुझे पता है आप पर क्या बीत रही हैं. लेकिन मैं कैसे...

ठाकुर - बेटा आजतक ठाकुर सज्जन सिंह किसी के आगे नहीं झुका पर आज हम तुमसे हाथ जोड़कर विनती करते हैं... हम सिर्फ तुम पर विश्वास कर सकते हैं. और किसी पर भी नहीं...
वो मेरे आगे हाथ जोड़ने लगे, उनकी आँखों मे आंसू थे... मैंने उनके हाथों को पकड़कर बोला - ताऊजी प्लीज ऐसा मत करिये...

ठाकुर - हम बहुत लाचार और बेबस हैं, हम पर एक और अहसान कर दो...

अब मेरी समझ मे कुछ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ. आज मैंने ठाकुर ताऊजी को पहली बार ऐसे देखा था. जिस इंसान के रोब से पूरा जिला डरता था आज वो मेरे आगे हाथ जोड़ रहा है.

मैंने दो मिनट तक सोचा,फिर मैंने कहा - ठीक है ताऊजी मैं आपकी बात मानने के लिए तैयार हूँ
( अब मैंने क्या सोचा,और मैं क्यों तैयार हो गया.ये सब थोड़ी देर बाद बतांऊगा )


मैं - पर ये सब कैसे होगा......

ठकुराइन - तुम और बहू इस परिवार को आगे बढ़ाओगे...

ताईजी की बात सुनकर बता नहीं सकता मुझे कितनी खुशी हुई. पर मैं जाहिर तो नहीं कर सकता था.
मैं बोला - पर ताईजी...
ᎠᎬᏙᏆᏞ 😈😈😈...
Baba Devil
Rookie
Posts: 135
Joined: 23 Sep 2019 15:23

Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )

Post by Baba Devil »




अपडेट - 109


ताईजी की बात सुनकर बता नहीं सकता मुझे कितनी खुशी हुई. पर मैं जाहिर तो नहीं कर सकता था.
मैं बोला - पर ताईजी...

ठाकुर - राहुल पूरी दुनिया को यही लगे कि ये रणजीत का बच्चा हैं. और हमें तुम्हारे और बहु के बीच जो होगा उससे कोई दिक्कत नहीं है...

ताऊजी की बात सुनकर मेरा मन नाचने को करने लगा...

ठाकुर - तुम्हारा अंश होगा

मैं - पायल को ये सब पता हैं...
ठकुराइन - हां बहू को सब पता हैं. बहू से बात करने के बाद ही ये सब तय किया है...

मैं - उसकी रजामंदी तो है ना, कहीं वो दबाव मे...
ठकुराइन - ऐसी बात नहीं हैं, वो इस फैसले मे हमारे साथ हैं. अभी हम तुमसे बात करने वाले हैं ये पता हैं उसे...

मैं - मैं एक बार पहले पायल से बात करना चाहता हूँ.
ठाकुर - कर लो बात...
ठकुराइन - वो ऊपर कमरे मे है...
मैं - ताऊजी अभी आता हूँ...

मैं पायल के रूम की तरफ चल पड़ा. वैसे तो मैं बहुत खुश था इस बात से. लेकिन पायल से बात करना जरूरी था. ये जानना था कि वो इसके लिए राजी हैं. कहीं वो ताऊजी, ताईजी के दबाव मे तो नहीं.

क्योंकि अपना एक ऊसुल है, चुत एकदम रगड़ के मारो लेकिन अगली की मर्जी से, जबरदस्ती नहीं...

मैं रूम का दरवाजा खोलकर अंदर गया. पायल बेड पर बैठी हुई थी, मुझे देखकर वो खड़ी हो गई. मैं उसके नजदीक चला गया. हमारे बीच 3-4 फीट की दूरी थी.

मैंने उससे पूछा - आज ताऊजी ने मुझसे कुछ कहा, क्या तुम्हें वो पता है.
वो मुझसे नजरे नहीं मिला रही थी, मिलाती भी कैसे बात ही ऐसी थी...

मैं - पायल क्या तुम्हें उससे प्रॉब्लम हैं या तुम्हारी मर्जी नहीं हैं.
वो कुछ नहीं बोली...
तो मैं बोला - देखो पायल तुम मुझे सच बताओ. क्या तुम्हें कोई एतराज़ नहीं है. तुम्हारी मर्जी है इसमें...

अब भी वो कुछ नहीं बोली...
मैं - पायल बोलो... मेरा तुम्हारी मर्जी जानना जरूरी है, कि तुम क्या चाहती हो...

वो चुपचाप नजरे नीची किये हुए खड़ी थी... उसके ना बोलने से मुझे गुस्सा आ रहा था.
तो मैं बोला - तुम कुछ नहीं बोल रही मतलब तुम नहीं चाहती. ठीक हैं मैं ताऊजी ताईजी को बोल देता हूं कि कुछ नहीं होगा..

मैं मुड़कर जाने लगा तो पायल की आवाज आई - इसमें मेरी मर्जी है...

मैं उसके पास गया और बोला - फिर से कहना...
वो मेरी तरफ देखने लगी और बोली - मेरी मर्जी हैं, मुझे प्रॉब्लम नहीं हैं...

मैं - कहीं तुम ताऊजी, ताईजी की वजह से तो नहीं...
पायल - नहीं, मैं चाहती हूं...

मुझे पता था कि पायल की हां ही होगी,क्योंकि मैंने उसमें मेरे लिए एक अलग फिलिंग देखी हैं.
अब मैं उसके थोड़े मजे लेना चाहता था...

मैं - क्या चाहती हो...
मेरी बात सुनकर वो शरमा गई...

मैं - हम दोस्त हैं ना तो मुझसे क्या शरमाना...
पायल चुप ही रही कुछ नहीं बोली...

मैं - पायल प्लीज बोलो ना...
पायल - मुझे तुम पंसद हो. पहली ही बार मे मैं तुम्हारी दीवानी हो गई. राहुल तुम हमेशा मेरी जिंदगी मे खुशी लाते हो. जब भी तुम्हें देखती हूँ तो...

मैं - तो क्या...
पायल - कुछ नहीं...

मैंने पायल का चेहरा हाथ मे लिया... और कहा - बोलो ना

पायल - जब भी तुम आते हो तो बस तुम्हें देखने का मन करता हैं. रणजीत ने मुझे कोई सुख नहीं दिया. उसने कभी मुझे इज्जत, प्यार नहीं दिया...
तुम्हें देखती हूँ तो लगता हैं तुम ही मेरे ड्रीम बॉय हो... क्या तुम मुझे प्यार दोगे...

मैं - तुम बहुत खुबसूरत हो... पायल सच बताऊ तो जब तुम्हें पहली बार देखा था मैं तो तब से तुम्हें पंसद करने लगा था...
मैं तुमसे वादा करता हूँ, मैं तुम्हें बहुत प्यार दुंगा. तुम्हें वो सारी खुशियाँ मिलेगी जो तुम्हें मिलनी चाहिए

मेरे अलफाज सुनकर वो मुझसे लिपट गई. और बोली - राहुल.. थैंक्यू... थैंक्यू वैरी मच......

मैंने भी उसे गले लगा लिया... फिर हम अलग हो गये....

मैं बोला - हमारे मिलने की खुशी मे मुंह मीठा नहीं कराओगी...
पायल - हां करांऊगी ना, अभी मीठा लाती हूँ...

वो जाने लगी तो मैंने उसे पकड़ लिया और उसे अपने पास खींच लिया. मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे...

मैं उसके होंठों को देखते हुए बोला - मुझे तो इनसे मुंह मीठा करना है...
पायल कुछ नहीं बोली. उसने अपनी ऐडियो को ऊपर किया और मेरे होंठों से अपनी रसीले होंठ मिला दिये.

अब मुझे ओर क्या चाहिए था. मैं पायल के रसीले होंठों का रस पीने लगा... वो भी मेरे होठ को चुमने लगी. हम दोनों जोश मे किस कर रहे थे.

ये किस मेरे बेस्ट किस मे से हैं. क्योंकि पहली बार मेरी पार्टनर मेरा पूरा साथ दे रही थी.
पायल की कोमल बाहों ने मेरी पीठ पर अपना घेरा बना लिया.



ᎠᎬᏙᏆᏞ 😈😈😈...
badlraj
Novice User
Posts: 268
Joined: 19 Apr 2019 09:48

Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )

Post by badlraj »

मस्त अपडेट है।
Post Reply