इधर रूबी अपने आपसे लड़ रही थी की वो राम के बारे में ना सोचे। उसे यह नहीं पता था की रामू खुद भी उसमें दिलचश्पी ले रहा है।
आखीरकार, वो टाइम भी आ गया जब रूबी को राम से काम करवाना था। कमलजीत बाहर धूप में बैठ गई और रूबी और रामू दोनों अंदर अकेले थे। रूबी इन्स्ट्रक्सन देने लगी और राम वैसे ही काम करने लगा। रामू अपनी तरफ से काफी अच्छे से सफाई कर रहा था। पर फिर भी रूबी को लगा की अभी भी वो उसकी इन्स्ट्रक्सन ठीक से नहीं फालो कर रहा।
रूबी- राम ऐसे नहीं। नीचे झुक कर बेड के नीचे लगाओ।
रामू- बीवीजी मैंने लगा दिया था, और धूल भी बेड के नीचे से निकली थी।
रूबी- "अरे नहीं झाडू दो मुझे, मैं तुम्हें दिखाती हूँ..."
कहकर रूबी ने झाड़ पकड़ लिया और खुद झुक कर झाड़ लगाने लगी। रूबी ने उस टाइम सलवार कमीज पहनी थी और कमीज के ऊपर स्वीट-शर्ट थी जो की रूबी ने खुली रखी थी। उसके झुकने से उभारों के बीच की लाइन और दोनों उभारों के हिस्से दिखने लगे और रामू की आँखें उनपर टिक गई।
उभार राम को ललचा रहे थे। उधर रूबी इस सबसे अंजान थी की राम को उसके उभारों के बीच की दरार की झलक मिल रही है। वो नीचे झुकी झाडू लगती अपनी इन्स्ट्रक्सन देती जा रही थी। रामू की हालत पतली हो रही थी। उसे पशीना आने लगा था। उसके लण्ड में हलचल होने लगी थी।
इन्स्ट्रक्सन देती देती रूबी थोड़ा झुक गई। अब रामू को उसका पेट भी दिखाई देने लगा था। राम का लण्ड अपनी पैंट में टाइट हो गया था। तभी रूबी ने झाड़ लगाना बंद किया और उठ गई। उसने रामू को अपने उभारों को घूरते नोट नहीं किया था।
रूबी- ठीक है रामू समझ गये ना?
रामू को कुछ पता नहीं रूबी ने क्या समझाया था, पर उसने वैसे ही सिर हिला दिया।
रूबी-अभी आप इस रूम को साफ करो, मैं अभी आती हूँ
रूबी ने झाडू रामू की तरफ किया और रामू ने अपना हाथ झाडू लेने के लिए आगे बढ़ाया तो उसकी उंगलियां रूबी की उंगलियों से टकराई। रूबी ने जल्दी से झाड़ छोड़ दिया और अखबार पढ़ने लाबी में चली गई।
राम कछ देर बाद लाबी में आया और बोला- “रूम साफ हो गया है..."
अब रूबी उसे अपने कमरे में सफाई के लिए ले गई और इन्स्ट्रक्षन्स देने लगी। इस बार भी उसने अपने बेड के नीचे झाड़ लगाने का डेमो दिया तो राम को उसके उभारों के दर्शन होने लगे। वो फिर से उनमें खो गया। उसके अंदर रूबी को पाने की आशा हो गई थी। वैसे तो राम ने अपने गाँव में कई लड़कियां और भाभियां चोदी थी और वो काम-क्रीड़ा में ग था। उसे इतना तो पता था की रूबी मर्द के लिए तो जरूर तड़प रही होगी। आखीरकार, इतना टाइम मालिक बाहर रहते हैं। रूबी के गोरे गोल-गोल उभार उसे कामाग्नि में जला रहे थे। उसका दिल कर रहा था की वो इन्हे खूब चूमे चूसे।
Adultery प्यास बुझाई नौकर से
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Re: प्यास बुझाई नौकर से
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यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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Re: प्यास बुझाई नौकर से
तभी रूबी का ध्यान ऊपर हो हुआ तो उसने रामू को अपने उभारों को घूरता देख लिया। वो घबरा गई और रामू को झाड़ पकड़ाने लगी। रामू ने इस बार फिर अपना हाथ रूबी की उंगलियों से टाकराया। रूबी को लगा की रामू ने जानबूझ कर उसकी उंगलियों को टच किया है। उसने पूरे घर की सफाई का बोला और जल्दी से अपनी सास के पास गई।
इधर रामू समझ गया की उसकी चोरी पकड़ी गई है। कहीं रूबी मालेकिन को ना बता दे? उसने झाड़ लगाना चालू रखा और साथ उसका ध्यान बाहर की तरफ था कि कहीं मालेकिन गुस्से में अंदर तो नहीं आ रही।
रूबी सोच रही थी की उसने दो बार झाडू रामू को पकड़ाया था, और दोनों बार रामू ने उसकी उंगलियों को टच किया था, और एक बार तो उसने उसे अपने उभार को घूरते भी देख लिया था, तो क्या जब वो पहले झुकी थी
तब भी राम उसके गोलाईयों को घूर रहा था? इधर राम ने जैसे तैसे करके काम खतम किया और बाहर आ गया।
कमलजीत- हो गया सारा काम?
राम- जी बीवीजी।
कमलजीत- अच्छे से करना सफाई। तुम्हारी छोटी मालेकिन को गंदगी नहीं पसंद। सीमा से भी खुद पास में खड़े होकर सफाई करवाती थी। तुमसे से पूरी सफाई का काम लेगी।
रामू रूबी की तरफ देखते हुए- “जी बीवीजी। मैं छोटी मालेकिन को शिकायत का मौका नहीं दूंगा.."
रूबी ने अपनी आँखें ऊपर की तो रामू उसकी तरफ ही देख रहा था। रूबी ने झट से अपनी आँखें नीचे कर ली। कुछ देर बाद रामू ने ट्यूबवेल चलाया और गाय को नहलाने लगा। रूबी बीच-बीच में उसकी तरफ देख भी लेती थी और रामू की आँखें भी रूबी की तरफ घूम जाती थी। कुछ देर बाद रामू खुद नहाने लगता है और रूबी की नजरें उसके मर्दाने जिश्म का जायजा लेती हैं।
इधर रामू समझ गया की उसकी चोरी पकड़ी गई है। कहीं रूबी मालेकिन को ना बता दे? उसने झाड़ लगाना चालू रखा और साथ उसका ध्यान बाहर की तरफ था कि कहीं मालेकिन गुस्से में अंदर तो नहीं आ रही।
रूबी सोच रही थी की उसने दो बार झाडू रामू को पकड़ाया था, और दोनों बार रामू ने उसकी उंगलियों को टच किया था, और एक बार तो उसने उसे अपने उभार को घूरते भी देख लिया था, तो क्या जब वो पहले झुकी थी
तब भी राम उसके गोलाईयों को घूर रहा था? इधर राम ने जैसे तैसे करके काम खतम किया और बाहर आ गया।
कमलजीत- हो गया सारा काम?
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कमलजीत- अच्छे से करना सफाई। तुम्हारी छोटी मालेकिन को गंदगी नहीं पसंद। सीमा से भी खुद पास में खड़े होकर सफाई करवाती थी। तुमसे से पूरी सफाई का काम लेगी।
रामू रूबी की तरफ देखते हुए- “जी बीवीजी। मैं छोटी मालेकिन को शिकायत का मौका नहीं दूंगा.."
रूबी ने अपनी आँखें ऊपर की तो रामू उसकी तरफ ही देख रहा था। रूबी ने झट से अपनी आँखें नीचे कर ली। कुछ देर बाद रामू ने ट्यूबवेल चलाया और गाय को नहलाने लगा। रूबी बीच-बीच में उसकी तरफ देख भी लेती थी और रामू की आँखें भी रूबी की तरफ घूम जाती थी। कुछ देर बाद रामू खुद नहाने लगता है और रूबी की नजरें उसके मर्दाने जिश्म का जायजा लेती हैं।
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Re: प्यास बुझाई नौकर से
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Re: प्यास बुझाई नौकर से
fantastic update brother keep posting
waiting for the next update
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Re: प्यास बुझाई नौकर से
Thanks for Support
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