आखिरी शिकार complete
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Re: आखिरी शिकार
मेरी नशीली चितवन Running.....मेरी कामुकता का सफ़र Running.....गहरी साजिश Running.....काली घटा/ गुलशन नन्दा ..... तब से अब तक और आगे .....Chudasi (चुदासी ) ....पनौती (थ्रिलर) .....आशा (सामाजिक उपन्यास)complete .....लज़्ज़त का एहसास (मिसेस नादिरा ) चुदने को बेताब पड़ोसन .....आशा...(एक ड्रीमलेडी ).....Tu Hi Tu
- rajaarkey
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Re: आखिरी शिकार
साथ बने रहने के लिए शुक्रिया दोस्तो
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- rajaarkey
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Re: आखिरी शिकार
राज ने रिवाल्वर को अपनी पतलून की जेब में रख लिया ।
“आप ठहरे कहां हैं ?" - रोशनी ने पूछा।
"कैलवर्ली गैस्ट हाउस में ।" - राज ने बताया ।
"आप चाहें तो यहां आकर हमारे साथ रह सकते हैं ।" - जान फ्रेडरिक बोला |
"मैं इस बारे में सोचूंगा ।" - राज बोला और उठ खड़ा हुआ - "मैं अब इजाजत चाहूंगा ।"
अनिल साहनी ने एक कागज उसकी ओर बढा लिया । '
"इस पर मिसेज टेलर और मेरी शरमन का पता लिखा हुआ है ।" - वह बोला ।
राज ने कागज ले लिया और उसे तह करके अपनी जेब में रख लिया ।
"और मिस्टर राज" - जान फ्रेडरिक बोला - "मुझे बताने की जरूरत नहीं कि आपने जार्ज टेलर से ज्यादा सावधान उस आदमी से रहना है जिसने अपना नाम इन्स्पेक्टर क्राफोर्ड बताया था क्योंकि कथित इन्स्पेक्टर क्राफोर्ड आपको सूरत से जानता है लेकिन जार्ज टेलर एक बार मिलर के घर में आमना-सामना हो जाने के बावजूद आपको सूरत से नहीं जानता ।"
"मैं सावधान रहूंगा।"
"हम लोग गॉड आलमाइटी से आपकी कामयाबी की दुआ करेंगे ।" - जान फ्रेडरिक अपनी इकलौती बांह ऊपर की ओर उठाता हुआ बोला
राज चुप रहा।
जार्ज एण्ड ड्रैगन लन्दन के नगरवधुओं के इलाके सोहो का एक बड़ा आधुनिक और विशाल रेस्टोरेंट था।
जिस समय राज वहां पहुंचा उस समय रात के दस बजे थे और वहां बहुत भीड़ थी।
राज बड़ी कठिनाई से अपने लिये एक छोटी सी टेबल तलाश कर पाया ।
एक वेटर उसके समीप आ खड़ा हुआ ।
राज ने उसे सिर से पैर तक देखा और फिर बड़े सन्तुलित किन्तु धीमे स्वर से बोला - "अगर मैं तुम्हें एक पाउन्ड टिप दूं तो क्या तुम ऐसा इन्तजाम कर सकते हो कि मुझे मेरी शेरमन सर्व करे?"
जितनी सावधानी से राज ने वेटर का मुआयना किया था उतनी ही सावधानी से वेटर ने राज का मुआयना किया।
"सीरियस ?" - वेटर बोला ।
"वन हन्ड्रेड परसैन्ट ।"
“बिजनेस ?"
"यस ।"
“आप उसे पहले से जानते हैं?"
"नहीं । सिर्फ जिक्र सुना है । एक दोस्त ने बताया था ।"
"मैं कोशिश करूंगा।" “एक लार्ज गिमलेट लाओ।" - राज ने ऑर्डर दिया।
वेटर वहां से विदा हो गया। राज ने एक सिगरेट सुलगा लिया और प्रतीक्षा करने लगा।
उसने आसपास दृष्टि दौड़ाई । रेस्टोरेन्ट में वेट्रेस कई थीं और सभी खूबसूरत थीं । केवल अनुमान से यह जान पाना सम्भव नहीं
था कि उनमें से मेरी शेरमन कौन थी ।
पांच मिनट बाद वेटर उसका ऑर्डर ले आया । उसने बिल राज के सामने रख दिया ।
“आप ठहरे कहां हैं ?" - रोशनी ने पूछा।
"कैलवर्ली गैस्ट हाउस में ।" - राज ने बताया ।
"आप चाहें तो यहां आकर हमारे साथ रह सकते हैं ।" - जान फ्रेडरिक बोला |
"मैं इस बारे में सोचूंगा ।" - राज बोला और उठ खड़ा हुआ - "मैं अब इजाजत चाहूंगा ।"
अनिल साहनी ने एक कागज उसकी ओर बढा लिया । '
"इस पर मिसेज टेलर और मेरी शरमन का पता लिखा हुआ है ।" - वह बोला ।
राज ने कागज ले लिया और उसे तह करके अपनी जेब में रख लिया ।
"और मिस्टर राज" - जान फ्रेडरिक बोला - "मुझे बताने की जरूरत नहीं कि आपने जार्ज टेलर से ज्यादा सावधान उस आदमी से रहना है जिसने अपना नाम इन्स्पेक्टर क्राफोर्ड बताया था क्योंकि कथित इन्स्पेक्टर क्राफोर्ड आपको सूरत से जानता है लेकिन जार्ज टेलर एक बार मिलर के घर में आमना-सामना हो जाने के बावजूद आपको सूरत से नहीं जानता ।"
"मैं सावधान रहूंगा।"
"हम लोग गॉड आलमाइटी से आपकी कामयाबी की दुआ करेंगे ।" - जान फ्रेडरिक अपनी इकलौती बांह ऊपर की ओर उठाता हुआ बोला
राज चुप रहा।
जार्ज एण्ड ड्रैगन लन्दन के नगरवधुओं के इलाके सोहो का एक बड़ा आधुनिक और विशाल रेस्टोरेंट था।
जिस समय राज वहां पहुंचा उस समय रात के दस बजे थे और वहां बहुत भीड़ थी।
राज बड़ी कठिनाई से अपने लिये एक छोटी सी टेबल तलाश कर पाया ।
एक वेटर उसके समीप आ खड़ा हुआ ।
राज ने उसे सिर से पैर तक देखा और फिर बड़े सन्तुलित किन्तु धीमे स्वर से बोला - "अगर मैं तुम्हें एक पाउन्ड टिप दूं तो क्या तुम ऐसा इन्तजाम कर सकते हो कि मुझे मेरी शेरमन सर्व करे?"
जितनी सावधानी से राज ने वेटर का मुआयना किया था उतनी ही सावधानी से वेटर ने राज का मुआयना किया।
"सीरियस ?" - वेटर बोला ।
"वन हन्ड्रेड परसैन्ट ।"
“बिजनेस ?"
"यस ।"
“आप उसे पहले से जानते हैं?"
"नहीं । सिर्फ जिक्र सुना है । एक दोस्त ने बताया था ।"
"मैं कोशिश करूंगा।" “एक लार्ज गिमलेट लाओ।" - राज ने ऑर्डर दिया।
वेटर वहां से विदा हो गया। राज ने एक सिगरेट सुलगा लिया और प्रतीक्षा करने लगा।
उसने आसपास दृष्टि दौड़ाई । रेस्टोरेन्ट में वेट्रेस कई थीं और सभी खूबसूरत थीं । केवल अनुमान से यह जान पाना सम्भव नहीं
था कि उनमें से मेरी शेरमन कौन थी ।
पांच मिनट बाद वेटर उसका ऑर्डर ले आया । उसने बिल राज के सामने रख दिया ।
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Re: आखिरी शिकार
राज ने बिल की रकम में एक पाउन्ड टिप जमा करके बिल अदा कर दिया ।
वेटर वहां से विदा हो गया । राज शराब की चुस्कियां लेने लगा। कुछ मिनट बाद एक वेट्रेस उसके समीप पहुंची ।
राज ने सिर उठाकर उसे देखा ।
वह एक लगभग पच्चीस साल की बेहद सुन्दर और सुडौल लड़की थी और उसके नेत्रों में शराफत की चमक थी।
"मेरी?" - राज ने धीरे से पूछा ।
"एट योर सर्विस, सर ।" - मेरी तनिक सिर नवाकर बोली।
राज ने गिमलेट की ओर संकेत किया और बोला - "दूसरा ।"
पांच मिनट बाद मेरी राज का आर्डर ले आई। वह साथ बिल नहीं लाई थी।
"खाने का ऑर्डर ?" - उसने पूछा ।
"खाना तो मैं तुम्हें चाहता हूं ।" - राज बोला ।
"लेकिन मैं तो बहुत महंगी आइटम हूं।"
"कोई बात नहीं । मेरे पास बहुत धन है । और मैं बिल्कुल अकेला हूं।"
“यह डिश आपको रात के एक बजे से पहले सर्व नहीं हो सकती ।"
“मैं इन्तजार करूगा ?"
"लेकिन मैं ही क्यों ?"
"किसी ने सिर्फ तुम्हारी तारीफ की है ।" "ओके । एक बजे से पहले खाने के लिये क्या लाऊं?"
“जो तुम ठीक समझो ।"
मेरी उसके लिये तीसरा गिमलेट और तली हुई मछली ले आई।
राज धीरे-धीरे शराब पीता रहा और मछली खाता रहा।
ग्यारह बज गये।
मेरी उसके लिये रशियन सलाद ले आई । “मैं इन्तजार के लिये यहां से बेहतर जगह बता सकती हूं।"
"बताओ।"
"मेरे घर चले जाओ।"
"ओके ।"
मेरी वहां से हट गई। राज खाने में जुट गया ।
साढे ग्यारह बजे मेरी बिल ले आई । बिल ट्रे में रखा था । राज ने बिल की ओर हाथ बढाया । उसकी उंगलियां बिल के नीचे पड़ी किसी चीज से टकराई।
राज ने बिल के साथ उसके नीचे रखी चीज भी उठा ली।
वह एक चाबी थी।
राज ने चाबी जेब में रख ली ।
"दस पाउन्ड एडवांस ।" - मेरी धीरे से बोली ।
बिल लगभग सात पाउन्ड का था ।
राज ने दस-दस पाउन्ड के दो बिल ट्रे में डाल दिये।
मेरी वहां से विदा हो गयी।
कुछ क्षण बाद वह वापिस लौटी । उसने ट्रे राज के आगे कर दी । ट्रे में तीन पाउन्ड और कुछ चेंज पड़ी थी और बिल पड़ा था जिस पर पेड की मोहर लगी हुई थी।
राज ने ट्रे में से केवल बिल उठाया और अपने स्थान से उठ खड़ा हुआ । वह रेस्टोरेंट से बाहर निकल आया ।
बाहर आकर उसने बिल को उलटकर देखा ।
बिल के दूसरी और मेरी के विम्बलडन स्थित निवास स्थान का पता लिखा हुआ था । और वहां की चाबी पहले ही राज की जेब में थी।
राज ने एक शैम्पेन की बोतल खरीदी, टैक्सी में सवार हुआ और मेरी के बताये पते पर पहुंच गया
उसने इमारत के मुख्य द्वार में मेरी द्वारा दी हुई चाबी लगाई।
द्वार खुल गया।
राज द्वार धकेल कर भीतर प्रविष्ट हो गया । उसने द्वार को भीतर से बन्द किया और बिजली का स्विच ऑन कर दिया ।
वह एक विशाल कमरा था और उसकी हर चीज से अमीरी टपक रही थी । कमरे की साज-सज्जा और सामान एक वेट्रेस की हैसियत से बहुत ऊंचा था ।
राज ने शैम्पेन की बोतल रेफ्रीजरेटर में रख दी और दीवान पर बैठ गया ।
उसने एक सिगरेट सुलगाया और प्रतीक्षा करने लगा।
वह सोच रहा था।
क्या जे सिंहाकुल भी इसी प्रकार विम्बलडन में मेरी शेरमन के निवास स्थान पर पहुंचने के सफल हो गया होगा।
उसने अपनी पतलून की जेब में रखी रिवाल्वर को निकाला और उसे अपने कोट की जेब में डाल लिया।
वह जार्ज टेलर के लिये तैयार था । वह उसके हाथों आसानी से मरने वाला नहीं था |
राज प्रतीक्षा करता रहा।
वक्त कटता रहा।
लगभग सवा एक बजे बाहर सड़क पर टैक्सी रुकने की आवाज उसके कानों में पड़ी ।
राज ने खिड़की के समीप जाकर परदे के पीछे से बाहर झांका ।
मेरी शेरमन इमारत की ओर बढ़ रही थी ।
राज खिड़की से हट गया ।
वेटर वहां से विदा हो गया । राज शराब की चुस्कियां लेने लगा। कुछ मिनट बाद एक वेट्रेस उसके समीप पहुंची ।
राज ने सिर उठाकर उसे देखा ।
वह एक लगभग पच्चीस साल की बेहद सुन्दर और सुडौल लड़की थी और उसके नेत्रों में शराफत की चमक थी।
"मेरी?" - राज ने धीरे से पूछा ।
"एट योर सर्विस, सर ।" - मेरी तनिक सिर नवाकर बोली।
राज ने गिमलेट की ओर संकेत किया और बोला - "दूसरा ।"
पांच मिनट बाद मेरी राज का आर्डर ले आई। वह साथ बिल नहीं लाई थी।
"खाने का ऑर्डर ?" - उसने पूछा ।
"खाना तो मैं तुम्हें चाहता हूं ।" - राज बोला ।
"लेकिन मैं तो बहुत महंगी आइटम हूं।"
"कोई बात नहीं । मेरे पास बहुत धन है । और मैं बिल्कुल अकेला हूं।"
“यह डिश आपको रात के एक बजे से पहले सर्व नहीं हो सकती ।"
“मैं इन्तजार करूगा ?"
"लेकिन मैं ही क्यों ?"
"किसी ने सिर्फ तुम्हारी तारीफ की है ।" "ओके । एक बजे से पहले खाने के लिये क्या लाऊं?"
“जो तुम ठीक समझो ।"
मेरी उसके लिये तीसरा गिमलेट और तली हुई मछली ले आई।
राज धीरे-धीरे शराब पीता रहा और मछली खाता रहा।
ग्यारह बज गये।
मेरी उसके लिये रशियन सलाद ले आई । “मैं इन्तजार के लिये यहां से बेहतर जगह बता सकती हूं।"
"बताओ।"
"मेरे घर चले जाओ।"
"ओके ।"
मेरी वहां से हट गई। राज खाने में जुट गया ।
साढे ग्यारह बजे मेरी बिल ले आई । बिल ट्रे में रखा था । राज ने बिल की ओर हाथ बढाया । उसकी उंगलियां बिल के नीचे पड़ी किसी चीज से टकराई।
राज ने बिल के साथ उसके नीचे रखी चीज भी उठा ली।
वह एक चाबी थी।
राज ने चाबी जेब में रख ली ।
"दस पाउन्ड एडवांस ।" - मेरी धीरे से बोली ।
बिल लगभग सात पाउन्ड का था ।
राज ने दस-दस पाउन्ड के दो बिल ट्रे में डाल दिये।
मेरी वहां से विदा हो गयी।
कुछ क्षण बाद वह वापिस लौटी । उसने ट्रे राज के आगे कर दी । ट्रे में तीन पाउन्ड और कुछ चेंज पड़ी थी और बिल पड़ा था जिस पर पेड की मोहर लगी हुई थी।
राज ने ट्रे में से केवल बिल उठाया और अपने स्थान से उठ खड़ा हुआ । वह रेस्टोरेंट से बाहर निकल आया ।
बाहर आकर उसने बिल को उलटकर देखा ।
बिल के दूसरी और मेरी के विम्बलडन स्थित निवास स्थान का पता लिखा हुआ था । और वहां की चाबी पहले ही राज की जेब में थी।
राज ने एक शैम्पेन की बोतल खरीदी, टैक्सी में सवार हुआ और मेरी के बताये पते पर पहुंच गया
उसने इमारत के मुख्य द्वार में मेरी द्वारा दी हुई चाबी लगाई।
द्वार खुल गया।
राज द्वार धकेल कर भीतर प्रविष्ट हो गया । उसने द्वार को भीतर से बन्द किया और बिजली का स्विच ऑन कर दिया ।
वह एक विशाल कमरा था और उसकी हर चीज से अमीरी टपक रही थी । कमरे की साज-सज्जा और सामान एक वेट्रेस की हैसियत से बहुत ऊंचा था ।
राज ने शैम्पेन की बोतल रेफ्रीजरेटर में रख दी और दीवान पर बैठ गया ।
उसने एक सिगरेट सुलगाया और प्रतीक्षा करने लगा।
वह सोच रहा था।
क्या जे सिंहाकुल भी इसी प्रकार विम्बलडन में मेरी शेरमन के निवास स्थान पर पहुंचने के सफल हो गया होगा।
उसने अपनी पतलून की जेब में रखी रिवाल्वर को निकाला और उसे अपने कोट की जेब में डाल लिया।
वह जार्ज टेलर के लिये तैयार था । वह उसके हाथों आसानी से मरने वाला नहीं था |
राज प्रतीक्षा करता रहा।
वक्त कटता रहा।
लगभग सवा एक बजे बाहर सड़क पर टैक्सी रुकने की आवाज उसके कानों में पड़ी ।
राज ने खिड़की के समीप जाकर परदे के पीछे से बाहर झांका ।
मेरी शेरमन इमारत की ओर बढ़ रही थी ।
राज खिड़की से हट गया ।
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Re: आखिरी शिकार
कालबैल बजी। राज ने द्वार खोला। "वैलकम होम ।" - राज अपनी बांहें फैलाता हुआ बोला।
मेरी शेरमन तत्काल उसकी बाहों में आ गई। राज ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये ।
कुछ क्षण वे यूं ही आलिंगन में बन्धे खड़े रहे, फिर मेरी ने उसे परे धकेल दिया ।
राज ने आगे बढकर द्वार को भीतर से बन्द कर दिया।
मेरी एक सोफे पर जा बैठी।
“शैम्पेन !" - राज बोला । मेरी ने प्रश्नसूचक नेत्रों से उसकी ओर देखा । राज ने रेफ्रीजरेजर में से शैम्पेन की बातल निकाल ली।
"ओह !" - मेरी बोली - "व्हाई नॉट !"
राज ने बगल की शीशे की आलमारी में से दो गिलास निकाले । वह बोतल और गिलास लेकर मेरी की बगल में आ बैठा ।
मेरी उसके साथ सट गई।
राज ने बड़ी दक्षता से शैम्पेन की बोतल का कार्क उड़ाया और दोनों गिलास शैम्पेन से भर दिये।
उसने एक गिलास मेरी को थमा दिया और दूसरा खुद ले लिया ।
“चियर्स !" - राज उसके गिलास से गिलास टकराता हुआ बोला।
“चियर्स !" - मेरी बोली।
दोनों शैम्पेन पीने लगे।
"इतनी बड़ी इमारत में तुम अकेली रहती हो?" - राज ने पूछा।
"हां ।" - मेरी बोली।
"तुम्हें डर नहीं लगता?"
"कभी-कभी लगता है । लेकिन अक्सर डर लगने के वक्त मैं इस इमारत में अकेली नहीं होती
"जैसे आज?"
"जैसे आज।
"यह कमरा बहुत शानदार ढंग से सजा हुआ है
“इस इमारत का केवल यही कमरा शानदार ढंग से सजा हुआ है । बाकी इमारत क्योंकि इस्तेमाल नहीं होती इसलिये धूल से भरी पड़ी है।"
"इस कमरे पर इतनी मेहरबानी क्यों ?"
"क्योंकि यहां तुम्हारे जैसे दोस्त आते हैं ।"
"ओह !" दोनों चुपचाप शैम्पेन पीने लगे।
"तुम्हारे इस कमरे को देखकर मुझे अपने एक दोस्त की याद आ गई ।" - राज शैम्पेन की चुस्कियां लेता हुआ बोला।
मेरी ने प्रश्नसूचक नेत्रों से उसकी ओर देखा । "वह अपनी एक गर्ल फ्रेंड के बारे में बताया करता था ।"
"क्या ?"
"उसकी गर्ल फ्रेंड भी तुम्हारी ही तरह एक बड़ी सी इमारत में रहती थी लेकिन उस इमारत का एक ही कमरा आधुनिक ढंग से सुसज्जित था जबकि बाकी इमारत खाली पड़ी थी । और कैसा संयोग है कि मेरे उस दोस्त की गर्ल फ्रेंड का नाम भी मेरी था ।"
मेरी तनिक विचलित दिखाई देने लगी ।
राज ने अपना शैम्पेन का गिलास खाली कर दिया ।
मेरी ने भी अपना गिलास खाली करके मेज पर रख दिया।
राज ने बोतल की ओर हाथ बढाया ।
"वेट ।" - मेरी उठती हुई बोली - "मैं जरा कपड़े बदल आऊं।"
"वैरी वैल ।" - राज बोला । मेरी अपने स्थान से उठी और कमरे के पृष्ठभाग में बने एक द्वार की ओर बढी ।
उसने अपने हैण्डबैग में से एक चाबी निकालकर पिछला द्वार खोला और फिर भीतर प्रविष्ट हो गई । अपने पीछे वह द्वार बन्द करती गई ।
राज अपने स्थान से उठा । वह दबे कदमों से द्वार के पास पहुंचा । उसने धीरे से द्वार खोलकर भीतर झांका ।
वह एक छोटा-सा गलियारा था जिसमें एक जीरो वाट का बल्ब जल रहा था । उसके दायें-बायें दो दो दरवाजे थे और विपरीत सिरे पर ऊपर को जाती हुई सीढियां थीं।
मेरी कहीं दिखाई नहीं दे रही थी और न ही दायें बायें के किसी कमरे में प्रकाश था ।
राज गलियारे में आ गया । उसने दायीं ओर के द्वार को तनिक धेकल कर भीतर झांका ।
धूल मिट्टी की गन्ध से उसके नथुने भर गये । भीतर पुराना फर्नीचर भरा पड़ा था |
उसी क्षण उसे सीढियों पर किसी की आहट सुनाई दी।
राज ने जल्दी से वह द्वार बन्द किया और वापिस सजे हुये कमरे में आ गया । अपने पीछे वह द्वार बन्द करना नहीं भूला ।
वह अपने स्थान पर आकर बैठा ही था कि पिछला दरवाजा खुला और मेरी भीतर प्रविष्ट हुई
वह एक लम्बा लगभग पारदर्शक गाउन पहने हुये थी । गाउन में से उसके पुष्ट और युवा शरीर का एक-एक अंग स्पष्ट झलक रहा था ।
मेरी कुछ क्षण द्वार पर खड़ी रही और फिर इठलाती, मुस्कुराती राज की ओर बढी ।
राज ने अपनी बांहें फैलायी ।
मेरी उसकी गोद में आ बैठी ।
राज ने उसकी अपनी बांहों में जकड़ लिया । कुछ क्षण बाद मेरी उसकी बाहों से फिसल गई। वह उसकी बगल में उसके साथ सट कर बैठ गई
राज का चेहरा प्रसन्नता और आनन्द के आवेग से उत्तेजित दिखाई देने लगा । वह तेजी से अपने दोनों हाथों की हथेलियां एक-दूसरी से रगड़ने लगा।
राज ने देखा मेरी बड़े गौर से उसके हाथों के एक्शन को देख रही थी।
"यह क्या कर रहे हो ?" - एकाएक वह बोली ।
मेरी शेरमन तत्काल उसकी बाहों में आ गई। राज ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये ।
कुछ क्षण वे यूं ही आलिंगन में बन्धे खड़े रहे, फिर मेरी ने उसे परे धकेल दिया ।
राज ने आगे बढकर द्वार को भीतर से बन्द कर दिया।
मेरी एक सोफे पर जा बैठी।
“शैम्पेन !" - राज बोला । मेरी ने प्रश्नसूचक नेत्रों से उसकी ओर देखा । राज ने रेफ्रीजरेजर में से शैम्पेन की बातल निकाल ली।
"ओह !" - मेरी बोली - "व्हाई नॉट !"
राज ने बगल की शीशे की आलमारी में से दो गिलास निकाले । वह बोतल और गिलास लेकर मेरी की बगल में आ बैठा ।
मेरी उसके साथ सट गई।
राज ने बड़ी दक्षता से शैम्पेन की बोतल का कार्क उड़ाया और दोनों गिलास शैम्पेन से भर दिये।
उसने एक गिलास मेरी को थमा दिया और दूसरा खुद ले लिया ।
“चियर्स !" - राज उसके गिलास से गिलास टकराता हुआ बोला।
“चियर्स !" - मेरी बोली।
दोनों शैम्पेन पीने लगे।
"इतनी बड़ी इमारत में तुम अकेली रहती हो?" - राज ने पूछा।
"हां ।" - मेरी बोली।
"तुम्हें डर नहीं लगता?"
"कभी-कभी लगता है । लेकिन अक्सर डर लगने के वक्त मैं इस इमारत में अकेली नहीं होती
"जैसे आज?"
"जैसे आज।
"यह कमरा बहुत शानदार ढंग से सजा हुआ है
“इस इमारत का केवल यही कमरा शानदार ढंग से सजा हुआ है । बाकी इमारत क्योंकि इस्तेमाल नहीं होती इसलिये धूल से भरी पड़ी है।"
"इस कमरे पर इतनी मेहरबानी क्यों ?"
"क्योंकि यहां तुम्हारे जैसे दोस्त आते हैं ।"
"ओह !" दोनों चुपचाप शैम्पेन पीने लगे।
"तुम्हारे इस कमरे को देखकर मुझे अपने एक दोस्त की याद आ गई ।" - राज शैम्पेन की चुस्कियां लेता हुआ बोला।
मेरी ने प्रश्नसूचक नेत्रों से उसकी ओर देखा । "वह अपनी एक गर्ल फ्रेंड के बारे में बताया करता था ।"
"क्या ?"
"उसकी गर्ल फ्रेंड भी तुम्हारी ही तरह एक बड़ी सी इमारत में रहती थी लेकिन उस इमारत का एक ही कमरा आधुनिक ढंग से सुसज्जित था जबकि बाकी इमारत खाली पड़ी थी । और कैसा संयोग है कि मेरे उस दोस्त की गर्ल फ्रेंड का नाम भी मेरी था ।"
मेरी तनिक विचलित दिखाई देने लगी ।
राज ने अपना शैम्पेन का गिलास खाली कर दिया ।
मेरी ने भी अपना गिलास खाली करके मेज पर रख दिया।
राज ने बोतल की ओर हाथ बढाया ।
"वेट ।" - मेरी उठती हुई बोली - "मैं जरा कपड़े बदल आऊं।"
"वैरी वैल ।" - राज बोला । मेरी अपने स्थान से उठी और कमरे के पृष्ठभाग में बने एक द्वार की ओर बढी ।
उसने अपने हैण्डबैग में से एक चाबी निकालकर पिछला द्वार खोला और फिर भीतर प्रविष्ट हो गई । अपने पीछे वह द्वार बन्द करती गई ।
राज अपने स्थान से उठा । वह दबे कदमों से द्वार के पास पहुंचा । उसने धीरे से द्वार खोलकर भीतर झांका ।
वह एक छोटा-सा गलियारा था जिसमें एक जीरो वाट का बल्ब जल रहा था । उसके दायें-बायें दो दो दरवाजे थे और विपरीत सिरे पर ऊपर को जाती हुई सीढियां थीं।
मेरी कहीं दिखाई नहीं दे रही थी और न ही दायें बायें के किसी कमरे में प्रकाश था ।
राज गलियारे में आ गया । उसने दायीं ओर के द्वार को तनिक धेकल कर भीतर झांका ।
धूल मिट्टी की गन्ध से उसके नथुने भर गये । भीतर पुराना फर्नीचर भरा पड़ा था |
उसी क्षण उसे सीढियों पर किसी की आहट सुनाई दी।
राज ने जल्दी से वह द्वार बन्द किया और वापिस सजे हुये कमरे में आ गया । अपने पीछे वह द्वार बन्द करना नहीं भूला ।
वह अपने स्थान पर आकर बैठा ही था कि पिछला दरवाजा खुला और मेरी भीतर प्रविष्ट हुई
वह एक लम्बा लगभग पारदर्शक गाउन पहने हुये थी । गाउन में से उसके पुष्ट और युवा शरीर का एक-एक अंग स्पष्ट झलक रहा था ।
मेरी कुछ क्षण द्वार पर खड़ी रही और फिर इठलाती, मुस्कुराती राज की ओर बढी ।
राज ने अपनी बांहें फैलायी ।
मेरी उसकी गोद में आ बैठी ।
राज ने उसकी अपनी बांहों में जकड़ लिया । कुछ क्षण बाद मेरी उसकी बाहों से फिसल गई। वह उसकी बगल में उसके साथ सट कर बैठ गई
राज का चेहरा प्रसन्नता और आनन्द के आवेग से उत्तेजित दिखाई देने लगा । वह तेजी से अपने दोनों हाथों की हथेलियां एक-दूसरी से रगड़ने लगा।
राज ने देखा मेरी बड़े गौर से उसके हाथों के एक्शन को देख रही थी।
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