Adultery ऋतू दीदी

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kunal
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Re: Adultery ऋतू दीदी

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लीजिये पेश है भाग 3 Update 40. ) ( New-4)



नीरू को इस समय प्रशांत पर बहुत गुस्सा आ रहा था। नीरू के आंखों में लगातार आंसू बह रहे थे और साथ में वो बडबड़ा रही थी। ये आदमी जिंदगी में कभी भी सुधर नहीं सकता। इसके शक के कारण ही मुझे इससे दूर होने का फैसला करना पड़ा। ये प्रशांत बार बार माफ़ी मांग रहा था लेकिन प्रशांत की आदत आज भी सुधरी नहीं है। यदि मैं आज भी इसके पास होती तो ये आज भी मेरे उपर शक ही करता है। दूसरी ओर प्रशांत भी बेचैन था। लेकिन फिर वो अपने आफिस के काम में जुट जाता है। वैसे भी इंडिया में मध्य रात्रि का समय चल रहा था लेकिन कनाडा में दिन चढा हुआ था।

दो दिन से ऋतु नीरू का फोन ट्राई कर रही थी लेकिन फोन लगातार स्विच ऑफ बता रहा था। जिससे ऋतु की चिंता बढ रही थी और फिर वो नीरज से कहती है।

ऋतु : सुना दो दिन से नीरू का फोन नहीं लग रहा है।

नीरज : यार नेटवर्क बगैरह की प्रोबलम होगी।

ऋतु : नहीं इस समय उसके पास किसी का होना जरूरी है। एक काम करो आप जब काम पर जााओ तो मुझे नीरू के घर छोडते हुए चले जाना।

नीरज : अरे उस समय तुम जाकर क्या करोगी मेरे काम पर जाने और नीरू के आफिस जाने का समय लगभग सेम है। मैं वहां पहुँचूगा तो वो आफिस जाने के लिए तैयार मिलेगी।

ऋतु : तो ऐसा करते है,हम एक घंटे पहले चलते है उसके बाद तुम आफिस चले जाना मैं कैब से घर लौट आउंगी।

नीरज : मन ही मन चलो इस बहाने नीरू के साथ कुछ मौका तो मिलेगा। साली हाथ ही नहीं रखने दे रही है। और ये भी पता करना है इन दोनों के बीच बात क्या हुई। क्योंकि प्रशांत भी फोन नहीं उठा रहा। नीरू तो मुझसे बात करने को भी तैयार नहीं है। और फिर नीरज और ऋतु तैयार होकर नीरू के फ्लैट पर पहुंच जाते हैं। ऋतु को देखकर नीरू को जितनी खुशी मिलती है नीरज को देख कर उतनी ही निराश भी होती है।

ऋतु : अरे यार तुम्हारा फोन क्यो नहीं लगता कहीं प्रशांत की तरह तुमने भी तो मुझे ब्लॉक नहीं कर दिया है।

नीरू : नहीं दीदी मैं ऐसा कभी भी नहीं करूंगी। आज सिर्फ आप ही तो हो जो मेरे साथ खडी हो।

नीरज : अरे सिर्फ ऋतु ही क्यो मैं भी हर समय तुम्हारे साथ ही हूं।

नीरू : फीकी मुस्कान के साथ हां वो तो है।

ऋतु : अरे आपको जाना नहीं है।

नीरज : हां मैं निकलता हूं और नीरज खडा होता है और घर से बाहर निकल जाता है लेकिन फिर कुछ सोच कर वापस आता है और नीरू के घर के पीछे पहुंच जाता है जहां से उसका ड्रांइग रूम साफ साफ दिख रहा था। नीरज ये सुनना चाहता था कि प्रशांत और नीरू के बीच क्या बात हुई है।

ऋतु : हां अब बता तुम दोनों के बीच क्या बात हुई, तूने प्रशांत को फोन किया था या उसकी का फोन आ गया था।

ऋतु की बात सुनकर नीरू की रुलाई फूट पडती है।

ऋतु घबराते हुए: क्या हुआ कुछ गडबड हो गइ।

नीरू : हां दीदी वो आज भी मुझ पर शक करता है। मैंने फोन लगाया था लेकिन उसने जो जवाब दिया उसे आप भी नहीं सुन पाएगी और नीरू प्रशांत से हुई पूरी बात बताती। ऋतु को भी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर माजरा क्या है। एक और प्रशांत नीरू से मिलने के लिए पागल हुआ जा रहा था। उसके आफिस के चक्कर लगा रहा था और अब इस तरह की बातें कर रहा है। कहीं इसी का चक्कर तो किसी और लडकी से नहीं चलने लगा है। लेकिन फिर ये सोचकर कि नहीं प्रशांत नीरू से बहुत प्यार करता है वो ऐसा नहीं कर सकता।

ऋतु : लेकिन तेरा फोन कहा है

नीरू : प्रशांत की बातों से मुझे इतना गुस्सा आया कि मैंने अपना फोन जमीन पर पटक दिया जिससे वो टूट गया उसका पूरा डिस्प्ले बर्वाद हो गया।

ऋतु : यार तू अपने आप पर कंट्रोल रखा कर। फालतू में ही नुकसान हो गया। अब जल्दी से अपने लिए फोन ले लेना। या फिर इसी को सही करवा ले। मैं नीरज से बोल दूंगी वो तेरे फोन का डिस्प्ले बदलवा देगा।

नीरू : ठीक है दीदी

इन दोनों की बातें सुनकर नीरज बहुत खुश होता है। और सोचता है कि प्रशांत को चुतिया बनाने का एक मौका और हाथ लग गया है। अब तो इसके मन में शक को और मजबूत कर दूंगा। ये अब खुद नीरू को कभी फोन लगाने की हिम्मत नहीं करेगा। इसके बाद नीरज अपने काम पर चला जाता है और नीरू भी अपने आफिस के लिए निकलती है। ऋतु भी वापस घर लौट आती है।

शाम को ऋतु नीरज से कहती है : सुनो वो नीरू का फोन खराब हो गया है उसका डिस्प्ले पूरी तरह से टूट गया है। कोई पहचान का हो तो फोन का डिस्प्ले बदलवा दो।

नीरज : अरे कैसे टूट गया, इतना महंगा फोन है।

ऋतु : नीरू छत पर बात कर रही थी किसी से कि अचानक फोन नीचे गिर गया।

ऋतु नीरज से झूठ बोल देती है। लेकिन नीरज को सबकुछ पहले ही पता था। लेकिन वो कुछ बोलता नहीं है।

नीरज : ठीक है मैं आज नीरू के अफिस से फोन कलेक्ट कर लूँगा और एक दो दिन बाद उसे वापस कर दूंगा।

ऋतु : एक दो दिन लेकिन ये काम तो कुछ घंटों का है।

नीरज : यार देखों पहले तो कंपनी में उसे ठीक करवाना होगा। दूसरा पांच सात घंटे भी लग सकते हैं। इतना समय किसी के पास नहीं है एक दिन उसे संभलने के लिए दे दूंगा और दूसरे दिन उसे उठा लूंगा और नीरू तक पहुंचा भी दूंगा।

ऋतु : ठीक है तो कल ही नीरू का फोन आप उससे आफिस से लेते हुए चले जाना मैं। या एक काम कीजिए सुबह आप नीरू के घर ही चले जाना मालूम पडा आप उसके आफिस जाए और वो फोन लेकर भी न जाए क्योंकि खराब फोन ले जाने का कोई फायदा भी तो नहीं है। और आप नीरू को उसके आफिस भी छोड देना।

नीरज को मालूम था कि यदि वो घर की बात करेगा तो ऋतु अफिस की बोलेगी इसलिए उसने आफिस जाने की बात की थी। और ऋतु उससे कह रही थी कि नीरू के घर ही चले जाना और उसे आफिस छोड़ देना वैसे आफिस का रास्ता सिर्फ दस मिनिट का था। लेकिन नीरज के लिए दस मिनिट बहुत थे। दूसरी दिन नीरज सुबह नीरू के घर पहुंचता है ऋतु आफिस निकलने की तैयारी में थी। लेकिन अचानक नीरज को देखकर चौंक जाती है।

नीरू फीकी मुस्कुकान के साथ : अरे जीजाजी आप दीदी नहीं आईं।

नीरज : नहीं वो ऋतु बता रही थी कि तुम्हारे फोन के डिस्प्ले में कुछ गडबडी है। उसे चेंज कराना है। इसलिए में यहां आया था। एक काम करो अपना फोन मुझे दे दो मैं उसे आज ठीक करवा दूंगा और कल शाम तक तुम्हें लौटा दूंगा।

नीरू : तुरंत ही सेफ में से फोन निकाल नीरज को दे देती है। नीरू जल्दी से जल्दी नीरज को विदा करना चाहती थी इसलिए वो फोन में से न तो सिम निकाल पाती है और न ही कार्ड।

नीरज : चलो मैं तुम्हें तुम्हारे आफिस तक छोड देता हूं।

नीरू : नहीं जीजाजी मैं रिक्शे से चली जाउगी।

नीरज : यार अब गुस्सा थूक दो मैं तुमसे कई बार माफी मांग चुका हूं।

नीरू : देखिए उसके लिए मैं आपको माफ कर चुकी हूं। लेकिन आप परेशान मत होईए मैं रिक्शे से चली जाउंगी।

नीरज नीरू को बहुत मनाता है और आखिरकार नीरू नीरज के साथ चलने को तैयार हो जाती है। रास्ते में नीरज नीरू से बात करने की बहुत कोशिश करता है लेकिन नीरू हा और ना इससे आगे कोई जवाब नहीं देती। नीरज प्रशांत का मामला भी उठाता है और पूछता है कि प्रशांत को कोई फोन आया था। लेकिन नीरू साफ साफ कह देती है कि प्रशांत के मुद्दे पर उसे कोई बात नहीं करनी है। इस बीच नीरू का आफिस आ जाता है और वो नीरज की गाडी से उतरती है और बिना पीछे मुडे आफिस में चली जाती है।

नीरज : मुस्कुराते हुए नीरू मुझे कोई जल्दी नहीं हैं लेकिन हमारे बीच जो एक बार हो चुका है वो फिर शुरू होगा। तुम मुझसे कितना भी बचने की कोशिश कर लो। और प्रशांत आज तू तो गया। आज के बाद तू नीरू से सिर्फ नफरत करेगा। तूने नीरू को बहुत फोन कर लिए। अब तू नीरू को फोन करना भूल जाएगा। इसके बाद नीरज एक आदमी को फोन लगाता है। दूसरी ओर से

सुंदर: हैलो नीरज जी आज कैसे याद किया

नीरज : एक काम है अर्जेंट

सुंदर : हां बोलो भाई

नीरज : मुझे आज रात के लिए काजल चाहिए।

सुंदर : यार पता करना होगा काजल आज रात फ्री है या नहीं।

नीरज : यार जल्दी पता करके बता मुझे किसी भी हाल में वो चाहिए।

सुंदर : ठीक है तू दस मिनिट रूक लेकिन वो एक रात का पांच हजार चार्ज करेगी।

नीरज : ठीक है तू उसे ठीक सात बजे मेरे पास भेज देना।

सुंदर : पहले पता तो कर लूं कि वो खाली है या नहीं

काजल एक कालगर्ल थी जिसे आज रात नीरज ने बुलाया था। काजल को कुछ महीने पहले नीरज ने अपने तीन दोस्तों के साथ चोदा था। नीरज के तीन दोस्त उसके शहर आए थे वो लोग एक एमएनसी कंपनी में अच्छी पोस्ट पर थे। उसके से एक यूरोप का मार्केटिंग हेड था। लेकिन यहां नीरज के साथ उनकी दोस्ती हो गई थी। नीरज उनके साथ कई बार पार्टी कर चुका था। और उसमें रात को लडकियां भी बुलाई जाती थी। ऐसे ही एक दिन काजल भी बुलाई गई थी। जहां नीरज ने काजल की चुदाई की थी। काजल वैसे तो नीरू के आगे कुछ भी नहीं थी लेकिन नीरू से उसकी कोई चीज मिलती थी तो वो थी उसकी आवाज। और आज नीरज को इसी की जरूरत थी। नीरज मन ही मन दुआ कर रहा था कि काजल आज फ्री हो। तभी सुंदर का फोन उसकेे पास आता है।

सुंदर : हैलो नीरज जी आपका काम हो गया है। काजल ठीक सात बजे आपको जीडी चौक पर मिल जाएगी मैने आपका फोन नम्बर उसे भेज दिया है। आप ठीक सात बजे वहां पहुंच जाना। पैसे मेरा आदमी आपके ऑफिस से दोपहर को ले लेगा।

नीरज : ठीक है सुंदर जी।

सुंदर : वैसे आपने इस बार बहुत दिनों बाद हमें याद किया। पहले तो हफ्ते में तीन चार दिन आपको लडकियों की जरूरत पडती थी।

नीरज : अरे भाई थोडा काम में बिजी हो गया था। सुंदर से बात करने के बाद नीरज ऋतु को फोन करता है।

ऋतु : हैलो नीरू से फोन ले लिया।

नीरज : हा फोन ले लिया है और उसे ठीक करवाने केे लिए देने जा रहा हूं। लेकिन यार मुझे आज रात को जरूरी काम से बाहर जाना है। मैं कल सुबह ही लौट पाउंगा।

ऋतु : कब तक वापस आओगे ।

नीरज : सुबह छह सात बजे तक आ जाउंगा। रात को तुम मेरा इंतजार मत करना वैसे यदि काम हो गया तो रात में भी आ सकता हूं।

ऋतु : नहीं कुछ भी जरूरी काम नहीं है, ठीक है अपना ख्याल रखना ।
इसके बाद नीरज पहले नीरू का फोन रिपेयर के लिए देता है और नीरू की सिम और एचडी कार्ड निकाल लेता है। सबसे पहले नीरज नीरू के कार्ड को अपने फोन में लगाता है और सभी फोल्डर चैक करता है उसमेंं उसे कुछ खास नहीं मिलता सिर्फ नीरू की कुछ फोटो थी। नीरू की शादी के भी फोटो थे कार्ड में सबसे ज्यादा फोटो प्रशांत के थे। जिसे सोचकर नीरज समझ जाता है कि अभी भी नीरू के मन में प्रशांत ही बसा हुआ है। वो थोडा निराश तो होता है लेकिन फिर ये सोचकर मुस्कुराने लगता है कि उसके पास अभी एक साल से भी ज्यादा का वक्त है। इस दौरान वो प्रशांत और नीरू को इतना दूर कर देगा कि वो कभी आपस में मिल भी न सकें।

शाम को ठीक सात बजे नीरज काजल को लेकर एक होटल में पहुंचता है।

नीरज : काजल यार आज मेरी इच्छा है कि तून काजल नहीं नीरू बनकर मुझसे चुदे।

काजल : अरे इसमें क्या बात है आप नीरू समझकर मुझे चोदे या ऐश्वर्या मुझे कोई फर्क नहीं पडता मुझे सिर्फ अपने पैसे से मतलब है जो आप दे चुके हैं।

नीरज : ठीक है तो फिर तुझे एक रोल प्ले करना है। और नीरज काजल को पूरी स्क्रिप्ट समझा देता है।

काजल : देखों सेठ कोई लफड़ा तो नहीं है ना

नीरज : यार कुछ भी नहीं है और तू मेरा नाम तो जानती ही है तू मुझे मेरे नाम से ही बुलाना। दरअसल में अपनी बीबी को जलाना चाहता हूं। उसका किसी और से लफडा चल रहा है। मैंने उसे बहुत समझाया लेकिन वो मानने को तैयार नहीं है। अब जब उसे पता चलेगा कि मैं भी उसी के रास्ते पर चल पड़ा हंू तो शायद उसका दिमाग ठीक हो जाए।

काजल : ठीक है सेठ लेकिन इस काम का मैं दो हजार रुपए एक्सट्रा चार्ज करूंगी और ये बात आप सुंदर को नहीं बनाएंग नहीं तो वो इसमें से भी अपना कमिशन मांग लेगा।

नीरज : ठीक है और अपनी जेब से दो हजार रुपए निकालकर काजल को दे देता है।

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भाग 3 Update 41. ) ( New-5)


2000 हजार रुपए देखकर काजल खुश हो जाती है। और कहती है कि बताओ क्या करना है। नीरज काजल को उसका रोल समझा देता है और काजल को वॉशरूम भेज देता है दूसरी ओर नीरज प्रशांत को नीरू के नम्बर से फोन लगता है।

नीरू का फोन देखकर प्रशांत की दिल की धडकने बढ़ जाती है। उसे नीरू के साथ उसने जो सलूक किया था उसका अफसोस भी हो रहा था;

प्रशांत : हैलो नीरू, वो जो तुमसे कहा था उसके लिए सॉरी

नीरज : यार मैं नीरज बोल रहा हूं वो नीरू ने कहा था कि तुमसे बात कर ले;

प्रशांत : क्या नीरू आपके घर पर है।

नीरज : हां नीरू मेरे ही साथ है। ऋतु की तबियत आज सही नहीं थी बडी मुश्किल से वो सोई है। इसलिए मैंने नीरू को रोक लिया था। वैसे नीरू ने खुद ही मुझसे कहा था रूकने के लिए। मुझे मालूम है कि तू मेरी बात पर भरोसा नहीं करेगा। इसलिए इसीलिए नीरू के फोन से तुझसे बात कर रहा हूं। अब तुझे कुछ और सुनाता हूं तो फोन पर ही बने रहना। इसके बाद नीरज नीरू हकीकत में जो काजल थी उसे आवाज लगता है। नीरू नीरू यार कितना टाइम लगाओगी जल्दी आओ।

काजल : जी आई जीजाजी काजल की आवाज नीरू से बहुत मिलती थी जिसे सुनकर प्रशांत भी चौक जाता है।

नीरज : यार जल्दी आ मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा है।

काजल : लो आ गई, यहां से काजल को नीरू ही लिखूंगा क्योंकि इस समय प्रशांत नीरज को नीरू के साथ इमेजिन कर रहा है प्रशांत सोचता हैै कि इस समय नीरज और नीरू रूम में अकेले हैं। ऋतु दूसरे कमरे में सो रही है।

नीरज: यार नीरू अब सहन नहीं होता एक बार तेरी चुदाई की थी अब मन नहीं मान रहा आज तो तेरी चुदाई करने का बहुत मन हो रहा है।

नीरू : जीजाजी मन तो मेरा भी हो रहा है लेकिन क्या करूं पेट में बच्चा है और यदि हमारी चुदाई के चलते उसे कुछ हो गया तो बहुत गडबड हो जाएगी।

नीरज : यार बच्चा बच्चा एक काम कर तू ये बच्चा गिरा दे मैं तुझे फिर पेट से कर दूंगा।

नीरू : नहीं जीजाजी ये प्रशांत के प्यार की निशानी है और फिर मेरा सातवां महीना चल रहा है अब तो इसे गिरा भी नहीं सकते।

नीरज : यानी अभी दो तीन महीने मुझे और रूकना पडेगा। तब तक क्या करूं?

नीरू : जीजाजी आपका काम मैं जैसे चला रही हूं वैसे ही चला देती हूं।

नीरज : यार खाली लंड चुसाई से मजा नहीं आता;

नीरू : तो क्या करूं जीजाजी जिससे आपको मजा आए और आपकी तस्सली हो जाए ?

नीरज एक काम कर तो अपने पूरे कपडे उतार कर नंगी हो जा उसके बाद तू मेरा लंड चूसकर उसका पानी निकाल दे।

नीरू : अरे कपडे उतारने की क्या जरूरत है मैं आपका लंड वैसे ही चूस देती हूं।

नीरज : नहीं यार तुझे नंगा कर तुझसे लंड चुसवाने में मजा ही अलग है।

नीरू : आप भी ना जीजाजी अपनी ही चलाते हैं।

नीरज : यार अपनी कहां चला पाया। यदि अपनी चलाता तो तेरे पेट में प्रशांत का नहीं मेरा बच्चा होता।

नीरू : ये तो किस्मत वाली बात है। जिसने मुझे धोखा दिया और जो मेरे चरित्र पर शक करता है आज मेरे पेट में उसी का बच्चा है। और जो मुझे प्यार करता है वो बेचारा मुंह लटकाए बैठा है।

नीरज : चिंता मत कर प्रशांत का बच्चा तू पैदा कर लें उसके बाद मैं तुझे फिर से प्रेंगनेंट कर दूंगा। मेरा बच्चा पैदा करेगी ना।

नीरू : जीजाजी आप मुझे चाहे जब प्रेगनेंट कर देना लेकिन बच्चा तभी पैदा करूंगी जब किसी से शादी हो जाएगी।

नीरज : तो बता कब शादी करनी है।

नीरू : नहीं जीजाजी एक बार शादी करके देख लिया है अभी कुछ साल तो आजादी की जिंदगी जिउंगी उसके बाद देखूंगी;

नीरज : इसका मतलब मैं तुझे तभी प्रेंगनेट कर पांउंगा।

नीरू : जीजाजी प्रेगनेंट तो आप मुझे चाहें जब कर देना लेकिन मैं बच्चा पैदा तभी करूंगा जब मेरी किसी से शादी होगी यदि आप प्रेगनेंट कर भी देते हैं तभी भी मैंअबॉर्शन करवा लूंगी।

नीरज : चल अब बात बहुत हो गई अपनी साडी उतार

नीरू सबसे पहले अपनी साडी उतारती है, फिर अपने ब्लाउज के बटन खोलती है और ब्लाउज उतार देती है। फिर वो अपने पेटेकोट का नाडा खींचकर खेाल देती है और पेटीकोट जमीन पर गिर जाता है।

नीरज : यार प्रेग्नेट होने से तेरा पेट फूला हुआ है और तू इसमें और भी सेक्सी लग रही है और तू ब्रा पेंटी में भी बहुत खूबसूरत लगती है।

नीरू : ठीक है तो इसे रहने देते हैं;

नीरज : नहीं जल्दी से इसे भी उतार

नीरू : आप मानेंगे नहीं लो मैंने ब्रा उतार दी . और हुक खुलने की आवाज आती है और नीरू फिर अपना हाथ लेकर जाकर ब्रा की हुक खेाल देती है और ब्रा आगे से निकाल देती है। अब नीरू की चूचियां हवा में उछलने लगती है।

नीरज : यार तेरे बूब्स तो अब पहले से बहुत बड़े हो गए हैं ..

नीरू : हाँ बेबी के लिए दूध त्यार हो रहा है

नीरज : और मुझे कब मिलेगा

नीरू : आप को मैंने कब रोका है ,, जब तक बेबी नहीं आता तब तक आप ही पी लो

और नीरज उसकी बूब सहलाने लगता है और साथ साथ नीरू कराहती है . आह पफ ''आआआआअहहssssssssssssssssssssssssssssss .......... उम्म्म्मममममम...''

उसकी सुलगती हुई सी आवाज़ ने प्रशांत पागल हो गया .. उसका मन किया वो फोन बंद कर दे पर वो फिर भी चुप चाप सुनता रहा ..और उधर नीरज ने अपना मुँह सीधा उसके मुम्मों पर रख दिया और उसकी निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.. और चपड़ चपड़ की आवाजे आने लगती हैं

''ऊऊऊऊऊऊओह मैं ................ माई डार्लिंग .................. उम्म्म्मममममममम......''

उसकी जीभ जैसे चुभ सी रही थी नीरू को....उसने ज़बरदस्ती अपना एक मुम्मा नीरज के मुँह में ठूसा और ज़ोर से चिल्लाई .. : आअह्हह्ह्ह्ह .... जीजा जी बाईट मत करो ...... चूसो इनको ...............'' कुछ देर ऐसे ही नीरू की कराहे फ़ोन पर गूंजती रही और फिर नीरज की आवाज आयी


नीरज: नीरू तुम्हारी पेंटी कौन उतारेगा .. काहलो मैं ही आगे आ में ही उतार देता हूँ और नीरज नीरू की पेंटी में दोनों तरह अपनी उंगली डालता है और उसे उतार देता है। और जोर से योनि के ऊपर चूमता है ।

नीरू : आराम से उतारो जीजा जी मैं कहीं गिर न जाऊ जीजाजी आप बहुत बदमाश हो। मुझे नंगा कर दिया और अभी आप नंगे नहीं हुए हैं;

नीरज : अरे सिर्फ अंडरवियर ही तो है वो भी उतार देता हूं लो उतार दिया। ठीक है अब जरा पहले अपने होठों का जाम तो पिला दो

फिर नीरज अपने होठ नीरू के होठ पर रख देता है दोनों के बीच होठ किसिंग शुरू हो जाती है। नीरज जान भूझ कर जोर से आवाज करते हुए चूमता है ताकि ये आवाजे प्रशांत सुन सके .. पांच मिनिट बाद दोनों अलग होते है।

नीरज: नीरू तुम अलग क्यों हो गयी ,, अभी तो मजा आना शुरू ही हुआ था .. तेरी किस बहुत मीठी है .. नीरू अब तू सोफे पर ले जा पहले तुझे प्यार करूंगा

फिर नीरज नीरू के पूरे बदल को चूमने चाटने लगता है और फिर नीरू की चूचियों को हाथों में भरकर दबाने लगा है

नीरू : जीजाजी धीमे दबाईयें वैसे भी इसमें अभी दूध नहीं आएगा।

नीरज नीरू की चूचियां धीरे धीरे दबाना शुरू कर देता है। नीरू कसमसाने लगती हैं और ऊऊऊऊऊऊओह की सिसकारियां भरने लगी।

नीरू : प्लीज जीजाजी इसे चूसो खा जाओ इन्हें जीजू चूसो ना आज आप अपनी साली को अपनी बीबी बना लो।

नीरज भी भी जोश में आ गया और मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में भर कर दम से उसे चूसने लगा। और नीरू कामुकता से 'उम्म्ह अहह हय याह की आवाजें निकालने लगी। चूचियों में अभी दूध नहीं आ रहा था। लेकिन नीरज एक लेफ्ट चूची को चूसता तो कभी राइट चूची को।

इसी बीच नीरू बोले जा रही थी-

नीरू: आह जीजू इन्हें चूसो, नोंचो इन्हें आह मज़ा आ रहा है। इन्हें निचोड डलो। कुछ दिन बाद इनमं से दूध भी आएगा।

नीरज नीरू के मम्मों को पीता रहा। करीब 15 मिनट बाद वो झड़ गई।

नीरज : तुम्हारा काम हो गया अब मेरा काम शुरू करो।

नीरू : बिल्कुल जीजाजी आपका पानी दस मिनिट में निकाल दूँगी ।

उसके बाद नीरू ने नीरज का लंड पकड़ लिया लंड खड़ा था और इस अवस्था में वो काफ़ी बड़ा हो गया था।

नीरज : क्यों साली साहिबा अब क्या इरादा है इसे देखती ही रहोगी कि प्यार भी करोगी।

नीरू : इसी के लिए तो आज अपके घर पर रूकी हंू जीजूजी मेरे जानू.

नीरज: तो फिर देर क्यो कर रही है : चूसो ना!

नीरू : इतना बड़ा लंड मेरे मुंह में नहीं जाएगा।

नीरज : क्यों प्रशांत का लंड चूसती नहीं थी क्या

नीरू : नहीं उसका लंड कभी नहीं चूसा, आप जबरदस्ती करते हैं इसलिए आपसे मना नहीं कर पाती।

नीरज : अच्छा जी तो आपको अच्छा नहीं लगता।

नीरू : मुस्कराकर अच्छा लगता है इसलिए तो मना नहीं करती। वैसे ये हैं भी बहुत बड़ा आसानी से मुंह में नहीं जाता।

नीरज : चूसो तो, जितना आएगा उतना चूसो फिर तो ये अपनी जगह अपने आप बना लेगा।

नीरू घुटनों के बल बैठ जाती है और नीरज का लंड चूसने लगती है। वो नीरज का लंड ऐसे चूस रही थी जैसे कोई रंडी हो।

नीरज : हां ऐसे ही नीरू और अंदर लो उम्म्ह अहह हय याह, उम्म्ह अहह हय याह, नीरू ऐसे ही और तेज, और नीरज अपना हाथ नीरू के सिर के पीछे ले जाता है और लंड को मुंह के ओर अंदर डाल देता है और तेजी से नीरू का मुंह चोदने लगता है। थेाडी देर बाद नीरज का पानी निकाल जाता है और वो अपना लंड नीरू के मुंह से बाहर खींच लेता है। नीरू जमीन पर बैठकर खांसने लगती हैं।

नीरू : जीजाजी आप भी पूरा जानवर बन जाते हैं।

नीरज : याद सब्र नहीं रहा, एक लाम क्र तू अपना मुंह साफ कर ले और आराम कर तेरे पेट में अभी बच्चा हैं।

नीरू : ठीक है आप भी दीदी के कमरे में जाईये

नीरज: दीदी के कमरे में नहीं आज तेरे साथ ही साउंगाँ

नीरू : नेवर आप अभी मेरे साथ नहीं सोएंगे

नीरज : तो कब मुझे अपने साथ सुला रही हो

नीरू : जब वक्त आएगा, लेकिन अभी आप जाइए।

नीरज : यार मैं बेडरूम में नहीं ड्राइंगरूम में हूं।

नीरू : ठीक है तो में बेडरूम में जा रही हूं। और नीरू चली जाती है।

नीरज : हैलो प्रशांत फोन पर हो

दूसरी ओर प्रशांत भी अपने सपनों की दुनिया से बाहर आता है उसकी रुलाई फूट पडती है।

प्रशांत : नीरज जी आप नीरू को क्यो बर्वाद कर रहे हैं।

नीरज : बर्वाद कहां कर रहा हूं मैं तो सिर्फ उसे प्यार कर रहा हूं। बहुत जल्दी ही उसकी चुदाई भी करूंगा। जब तक तू यहां आएंगा नीरू की किसी और से शादी भी करवा दूंगा और उसके पेट में मेरा बच्चा पल रहा होगा। उस दिन मेरा सपना पूरा हो जाएगा।



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भाग 3 Update 42. ) ( New-6)

नीरज मन ही मन खुश हो रहा था और सोचता है कि प्रशांत अब तू शायद अब नीरू को फोन भी न करें। और करेगा भी तो तेरा फोन लगेगा भी नहीं। क्योंकि अब नीरू का ये नम्बर हमेशा मेरा पास ही रहेगा। दूसरी ओर प्रशांत जो आफिस जाने की तैयारी कर रहा था उसका मूढ खराब हो चुका था। वो समझ गया था कि अब नीरू का उसकी जिंदगी में आना बहुत मुश्किल है। और यदि नीरज की बात मानकर वो नीरू को अपना भी ले तो भी नीरू उसकी नहीं नीरज की होकर रहेगी। दूसरी ओर सुबह नीरज अपने घर पहुंचता है और ऋतु को फोन दे देता है। लेकिन फोन में एक खराब सिम कार्ड उसमें लगा नीरू का सिम कार्ड बदल देता है ।

ऋतु : अरे ये फोन आप मुझे क्यो दे रहे हैं नीरू को ही पहुंचा दें।

नीरज: ठीक है उसके ऑफिस ही पहुंचा दूंगा और फिर नीरज कुछ देर आराम करता है और फिर करीब 11 बजे वो घर से निकल जाता है और सीधा नीरू के आफिस पहुंचता है।

नीरज : ये लो नीरू तुम्हारा फोन ठीक हो गया।

नीरू : थैक्स जीजाजी

नीरज : अच्छा अब मैं चलता है लेकिन एक बार तुम फोन चैक कर लो।

नीरू : फोन देखती है उसे सभी फंक्शन सही करती से काम करते हुए दिखाई देते हैं। वो कहती है जीजाजी फोन ठीक तरह से काम कर रहा है। इसके बाद नीरज वहां से चला जाता है। करीब तीन घंटे बाद नीरू का फोन नीरज के पास आता है नया नम्बर था इसलिए पहले नीरज समझ नहीं पाया किसका फोन है। लेकिन आठ दस घंटी बजने के बाद वो फोन उठता है।

नीरज : हैलो कौन

नीरू : जीजाजी वो फोन सिम काम नहीं कर रही है।

नीरज : क्या सिम निकाल कर दुबारा इसर्ट करके देखा।

नीरू : जीजाजी लगता है सिम में दिक्कत है क्योंकि मैंने अपनी दोस्त की सिम इस्तेमाल की तो वो फोन में काम कर रही है लेकिन मेरी सिम काम नहीं कर रही।

नीरज : लगता है सिम में ही कोई दिक्कत होगी एक काम कीजिए आपके घर के पास में ही कोई शॉप होगी आप वहां से सिम चेंज करवा लें।

नीरू : ठीक है देखती हूं और नीरू सिम चेंज करवाने के लिए पास में ही बने कंपनी के सर्विस सेंटर पर जाती है.

सेल्समैंन : मैडम ये सिम तो खराब है।

नीरू : जी ये फोन मेंं काम नहीं कर रहा है।

सेल्समैन : मैडम आपको अपना आईडी देना होगा। वैसे इस सिम पर लिखा कोड भी नहीं दिख रहा है आप इसका नम्बर बताएंगी

नीरू : जी इसका नम्बर है 9XXXXX....

सेल्समैन अपने सिस्टम में चैक करता है और कहता है कि मैडम ये नम्बर तो कोई प्रशांत के नाम से है। उनका ही आईडी कार्ड देना होगा।

नीरू : जी वो तो अभी मेरे पास में नहीं है।

सेल्समैन : सॉरी मैम आपको ऐसे ये सिम नहीं मिल पाएगी।

नीरू वहां से वापस आती है और नीरज को अपनी प्रोब्लम बताती है।

नीरज : एक काम करो अभी कोई दूसरा नम्बर शुरू करवा लो में इस नम्बर की कोई जुगाड लगाता हूं।

नीरू तो नीरज से बात ही नहीं करना चाहती थी लेकिन मजबूरी में कभी कभी उसे बात करना पड़ रही थी। और नीरज इसका फायदा उठाने की सोच रहा था। लेकिन उसे मालूम था कि नीरू अब इतनी आसानी से उसके हाथ नहीं आएगी। नीरू नया नम्बर एक्टीवेट करवा लेती है।

नीरज अपनी साजिश में कामयाब हो चूका है, अब प्रशांत के लिए नीरू से बात करना भी बेहद मुश्किल हो गया था। पहला तो वो उस दिन फ़ोन ार हुई बात से ये मान चुका था कि नीरू और नीरज के सेक्स सम्बंध बन चुके हैं। दूसरा नीरू का नम्बर अब बदल गया था जो प्रशांत के पास नहीं था। इसका फायदा नीरज उठता भी है उसने नीरू का पुराना नम्बर बंद नहीं किया था बल्कि एक नया फोन लेकर उसमें उस सिम को चालू रखा था। और अब ज्यादातर नीरज उसी नम्बर से प्रशांत से बात करता था और बात करने के बाद फोन स्विच आफ कर देता था। जिससे प्रशांत के मन में नीरज और नीरू को लेकर शक और मजबूत होता चला जाता है।

वक्त बीतता जा रहा था। कनाडा में प्रशांत परेशान था जिस कारण अब वो शाम को रोज शराब पीने लगा था। दूसरी ओर नीरज की तमाम कोशिशों के बावजूद नीरू उससे ज्यादा बात करने को तैयार नहीं होती थी। सिर्फ काम की ही बात करती थी। बाकी का नीरज के सवालों का जवाब हां और ना में ही देती थी। नीरू की डिलेवरी का समय धीरे धीरे नजदीक आता जा रहा था। दूसरी ओर ऋतु परेशान थी कि इस बात को लेकर कि प्रशांत को पता है कि नीरू की डिलेवरी का समय आ चुका है वो न तो मिलने के लिए आ रहा है और ना ही फोन कर रहा है। फोन करता भी है तो नीरू के चरित्र पर शक ही करता है। जबकि नीरू उस घटना के बाद से खुद को भी कसूरवार मानने लगी थी। तय वक्त पर नीरू को अस्पताल में एडमिट होना पड़ता है और वो एक लडके को जन्म देती है।

ऋतु : मुबारक हो नीरू लडका हुआ है और इसकी शक्ल बिल्कुल प्रशांत से मिलती है।

नीरू : फीकी मुस्कान से थैक्स दीदी

ऋतु : वैसे प्रशांत को पता है कि तुम कभी भी मां बन सकती है।

नीरू : पता नहीं दीदी ढाई महीने से तो उसका फोन भी नहीं आया है और न ही वो कभी मिलने के लिए आया। आफिस के पास जो घटना घटी थी उसके बाद मैंने प्रशांत को फिर कभी अपने आफिस के इर्दगिर्द नहीं देखा।

ऋत : हां वैसे उस दिन प्रशांत के साथ गलत हुआ था किसी को उस पर हाथ उठाने का क्या अधिकार था।

नीरू : दीदी मैं भी नहीं चाहती थी कि बात इतनी आगे बढ़े मैं तो खुद सन्न रह गई थी। मैं समझ ही नहीं पाई थी कि हुआ क्या है।

ऋतु : चलो अब पुरानी बातें भूलों और अपने बच्चे को अपनी गोद में लो।

नीरू बच्चों को देखती है और उसकी में खो जाती हैं। नीरू आफिस के बाद अब अपने बच्चे में ही डूबी रहती थी।

दूसरी ओर प्रशांत को कनाडा गए अब एक साल हो चुका था। प्रशांत के चेहरे में इन एक साल में बहुत बदलाव आ गया था। हमेशा क्लीन सेव रहने वाले प्रशांत के चेहरे पर घनी और बडी दाढ़ी और मूछे उग आई थी। आंखों में चश्मा भी लग गया था। लगातार जिम जाने से उसकी बॉडी भी अच्छी बन गई थी। वो किसी बॉडी बिल्डर जैसा दिखाई देने लगा था। कोई यदि उसे देखे तो पहली नजर में पहचान भी न सके।

प्रशांत ने कई बार नीरू को फोन लगाया था। लेकिन हमेशा नीरू का फोन स्विच ऑफ ही मिलता था। उसका मन बैचेन हो रहा था। उसे पता था कि नीरू अब उसके बच्चे की मां बन चुकी होगी। लेकिन क्या नीरज और नीरू के बीच में अब संबंध पूरी तरह से बन चुके होंगे। ये वो सवाल था जो प्रशांत को बेचैन किए हुए था।

प्रशांत ने एक बार नीरू को फोन लगाया तो नीरज ने ही उठाया क्योंकि नंबर उसे के पास ही था और उसे बताया नीरू को बेटा हुआ है और नीरज ने प्रशांत को बेटा होने पर बधाई दी.

नीरज : प्रशांत बधाई हो तुम्हे बेटा हुआ है

प्रशांत : थैंक यू जीजा जी ओह ! सॉरी नीरज जी

नीरज: कोई बात नहीं और बोलो कैसे फ़ोन किया आज बहुत दिनों बाद

प्रशांत : नहीं मैंने तो बहुत बार फ़ोन लगाया था पर लगता ही नहीं है

नीरज : हाँ पीछे फ़ोन ख़राब हो गया था नीरू का .. और फिर उसे फ़ोन की कोई ख़ास जरूरत भी नहीं थी सो उसने ठीक भी नहीं करवाया क्योंकि अब वो हमारे ही पास रहती है और ऑफिस से भी प्रेगनेंसी की छुट्टी ले रखी है ,,

प्रशांत : अरे नीरज जी वो बेटा कब हुआ मुझे अंदाजा है अब वो महीने से ऊपर का हो गया होगा

नीरज : बिलकुल ठीक अंदाजा है तुम्हारा एक महीने से ऊपर लगभग 40 दिन का हो गया है .

और फिर नीरज प्रशांत को बच्चे के जन्म की सही डेट बता देता है, प्रशांत सोचता है आज अच्छा मौका है वो नीरू से बात कर माफ़ी भी मांग लेगा और शायद नीरू ख़ुशी के इस मौके पर उसे माफ़ भी कर दे.

प्रशांत : नीरज जी नीरू से बात हो सकती है

नीरज : एक तो नीरू तुम से बात नहीं करना चाहती दूसरा आज वो इस समय घर पर नहीं है और ऋतू के साथ डॉक्टर के पास गयी है बच्चे को टीके लगवाने है

प्रशांत : अच्छा ये तो बता दीजिये बेटे का क्या नाम रखा है नीरू ने

नीरज : उसका नाम तो निशंक रखा है वैसे उसे सब छोटू कह कर बुलाते है .

प्रशांत : प्लीज जीजा जी उसकी फोटो ही भेज दीजिये

नीरज : नहीं भेज सकता .. नीरू ने साफ़ मना किया है. नीरज प्रशांत को और तड़पाना चाहता है

प्रशांत : अच्छा ये ही बता दीजिये कैसा दीखता है ..

नीरज : झूठ बोलते हुए बिलकुल नीरू जैसा गोरा और सुन्दर है .. और नीरू बोलती है .. अच्छा है इसकी शक्ल प्रशांत पर नहीं गयी नहीं तो मुझे उसकी याद दिलाता .. अब मुझे प्रशांत से नफरत हो गयी है .. भगवान करे इसकी आदते भी प्रशांत जैसी न हो और शक करने की आदत तो बिलकुल न ही हो .. इसीलिए उसका नाम निशंक रखा है .. जानते हो इसका मतलब होता है जिसे किसी प्रकार की शंका या डर न हो.. उसे अब तुमसे इतनी नफरत है

प्रशांत : अच्छा जीजा जी एक काम कर दीजियेगा .. कुछ सामान भेज दूंगा निशंक के लिए प्लीज आप उसे दे देना ..

नीरज : नहीं दे सकता ..अगर उसे पता चाहेगा तुमने भेजा है तो वो मुझे भी सामान के साथ बाहर निकाल देगी और हमे भी छोड़ कर चली जायेगी ..

प्रशांत : अच्छा फिर आप कुछ और कह कर दे देना .. आपके किसी दोस्त ने भेजा है .. और जीजा जी अगर कभी उसका मूड ठीक हो तो उससे प्लीज मेरी बात करवा देना और मेरी तरफ से बधाई दे देना

नीरज : ठीक है कोशिश करूँगा अच्छा बंद करो लगता है नीरू और ऋतू वापिस आ रहे है अगर उन्हें पता लगा की मैं तुमसे बात कर रहा था तो मुझ पर नीरू गुस्सा हो जायेगी ..

उसके बाद नीरज फ़ोन काट देता है ..




कहानी जारी रहेगी
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Re: Adultery ऋतू दीदी

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भाग 3 Update 43. ) ( New-7)


उसके बाद प्रशांत कई बार नीरज को नीरू के फोन पर फ़ोन करता है जिसे नीरज ही उठाता है और प्रशांत नीरज को बच्चे की फोटो भेजने के लिए कहता है पर हर बार नीरज प्रशांत को टाल देता है .. उधर नीरू ने जीजा जी और ऋतू से मिलना जुलना बहुत कम कर दिया था और अपना ज्यादा से ज्यादा समय अपने बेटे निशंक को देने लग गयी थी क्योंकि उसके पास ६ महीने की छुट्टिया थी .

फिर एक दिन नीरज सोचता है अब इस प्रशांत के कांटे को हमेशा के लिए निकालने का वक़्त आ गया है .. वो ऋतू की एल्बम से नीरू की बचपन की एक फोटो निकालता है और उसे थोड़ा फोटो शॉप कर के छोटे बच्चे की फोटो एडिटिंग कर देता है

उसके कुछ दिन बाद नीरज सुन्दर से बोल कर काजल को पूरी रात के लिए बुलवाता है और उसे वही पुराना रोले प्ले करने के लिए बोलता है एक्स्ट्रा पैसे भी दे देता है और ऑफिस के काम का बहाना कर होटल में चला जाता है

नीरज काजल को उसका पार्ट अच्छी तरह से समझाता है और फ़ोन में ऑडियो रिकॉर्डिंग चालू कर देता है और काजल की चुदाई उसे नीरू बोल कर करता है और काजल उसे जीजा जी जीजा कह कर चुदवाती है और अगले दिन वो प्रशांत को फ़ोन नीरू के फोन से फोन मिलाता है

नीरू का फ़ोन आया है ये देख प्रशांत झट से फ़ोन उठा लेता है

प्रशांत : हेलो नीरू बधाई हो , हमारा बेटा कैसा निशंक कैसा है ।

नीरज : प्रशांत मैं नीरज बोल रहा हूँ ।

प्रशांत उनकी आवाज सुन कर मायूस हो जाता है और बोलता है

प्रशांत : नीरज जी कैसी है नीरू और मेरा बेटा निशंक .. क्या नीरू मुझे याद करती है कभी ..

नीरज : देख मुझे अब तुझपे बहुत तरस आने लगा है, मैं तो तेरी मदद पहले भी कर रह था पर तूने सब गड़बड़ कर दी थी मैं तो अब भी तेरी मदद करने के लिए तैयार हूं

प्रशांत : खुश होते हुए कैसी मदद नीरज जी

नीरज: सुन तेरे लिए एक अच्छी खबर है .. आज तुझे तेरे बेटे की फोटो भेजूंगा बस तू भी मेरी थोड़ी मदद कर दे ।

प्रशांत: थैंक्स जीजा जी . आप ही हो जो मेरे बारे में सोचते हो , मुझे क्या करना होगा

नीरज : नीरू के साथ कल उसका मूड बहुत अच्छा था उसे ऑफिस में प्रमोशन मिलने वाली है तो मैंने तेरे बारे में भी बात की थी ।

प्रशांत : थैंक यू जीजा जी ..

नीरज : मैंने उसे कहा की वो तुझे माफ कर दे। लेकिन अब तो वो बिलकुल तैयार नहीं हो रही।

प्रशांत : तो क्या बोली नीरू हां वो तो है आपको भी तो मालूम है वो कितनी जिद्दी है।

नीरज : लेकिन वो कहती है अब मुझे प्रशांत की कोई जरूरत नहीं है और अब तो उसने साफ़ कह दिया है जो ख़ुशी मुझे प्रशांत ने नहीं दी वो आपने दी है .. उसने तो मुझे तकलीफ ही दी है .. मुझ पर शक भी करता था और फिर उसने मुझे तलाक भी दे दिया और जब मुझे डिलीवरी के समय उसकी जरूरत थी तब भी वो नहीं आया और आप मेरे साथ रहे और अब भी मेरा साथ दे रहे हो.

तो मैंने नीरू को कहा नीरू कुछ और जरूरते भी तो होती है तो वो बोली जीजा जी वो भी आप अब पूरी कर दो आप मुझे एक बार तो चोद ही चुके हो और उसके बाद मैंने कितनी ही बार आपका लंड चुसा है जिसकी गिनती भी मुझे याद नहीं है।


और अब तो मेरी डिलीवरी को हुए भी टाइम हो गया है तो अब आप क्यों नहीं मुझे पूरा सुख दे देते . तो उसके बाद मैंने उसके साथ सुहागरात मनाई है जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग भेज रहा हूँ

प्रशांत : नहीं नीरज जी उसकी कोई जरूरत नहीं है

नीरज : क्यों नहीं है पहले तो तुम्हे बहुत शौंक था छुप छुप कर सुनने का और देखने का .. अब रिकॉर्डिंग सुन कर बताना कैसे लगी मेरी और नीरी की सुहागरात तभी तेरे बेटे की फोटो तुझे भेजूंगा .

प्रशांत : नीरज जी आप ये सब क्यों कर रहे हो

नीरज : तुझे पता तो है मैं चाहता हूँ अपना बच्चा .. ऋतू तो मुझे बच्चा दे नहीं पायी जल्द ही मैं नीरू को प्रेग्नेंट कर दूंगा. अब नीरू मुझे मेरा बच्चा देगी और वो इसके लिए त्यार है . सुहागरात की रिकॉर्डिंग सुन कर बताना हनीमून कैसे करना है क्योंकि तू दो बच्चे पैदा कर चूका है ताकि वो जल्दी से प्रेग्नेंट हो जाए .. .. तुम मुझे और टिप्स देना ..

प्रशांत : और ऋतू दीदी

नीरज : ये उसी का तो आईडिया है चल अब मेरी और नीरू की सुहागरात का किस्सा सुन
जब मैं सुहागरात वाले कमरे में अंदर गया, ऋतू ने नीरू और कमरे को बहुत सुन्दर सजाया हुआ था और नीरू तो श्रृंगार करने के बाद दुल्हन के लाल लिबास में क्यामत ही लग रही थी ऊपर से गहनों और फूलो से लदी हुई थी . तुम्हे तो पता ही है , माल तो है ही वो जबरदस्त, दो बच्चे पैदा करने के बाद भी आज भी चूचियां एकदम टाइट टाइट है उसकी उपोयर से बड़ी और हो गयी हैं, बड़ी बड़ी गोल गोल गांड, नाभि देख कर तो ऐसे लगता था की चूत के जगह पे नहीं नाभि में ही लौड़ा पेल दू, गोरी लंबी चौड़ी, जंघे गोलगोल, मैं खुश था वो दिन आज आ गया था उसकी पूरी रात चुदाई करूंगा , मैं अंदर गया, दरवाजा बंद किया, वो खड़ी हो गई, अब आगे रिकॉर्डिंग आराम से सुन .. रखता हूँ बाद में फ़ोन करता हूँ

प्रशांत ने फ़ोन चेक किया तो कुछ देर बाद देखा ऑडियो फाइल आगयी थी
उसे फाइल खोली तो रिकॉर्डिंग में काजल नीरू बन कर बात कर रही है

नीरू ( काजल ): जीजा जी प्रणाम और अब से आप ही मेरे पति हो

नीरज: नीरू तुमसे मैंने कितनी बार कहा है मेरे पैर मत छुआ करो तुम मेरे दिल की रानी हो ,आओ मेरे गले लग जाओ आज तुम्हे दुल्हन के वेश में गले लगा कर मुझे बहूत अच्छा एहसास हो रहा है और तुम्हारी चूचिया तो मुझे पागल बना रही है

नीरू: जीजा जी सब कुछ यही खड़े खड़े करना है क्या चलो बिस्तर पर चलते हैं
नीरज : अच्छा बैठो .. लो तुम्हारे लिए ये हार मैंने कबका बनवा कर रखा हुआ था कब तुम मेरे पास दुल्हन बन कर आओगी और तुम्हे मुँह दिखाई में ये हार दूंगा .. ..

नीरू : जीजा जी आप ही पहना दो और उसके हार के खड़कने और चुडिया खड़कने की आवाज सुनाई देती है

नीरज : नीरू अब मैं तुम्हारा घूंघट उठा रहा हूँ तुम तो दुल्हन के श्रृंगार में बहुत जच रही हो और ये हार तुम पर बहुत जच रहा है और पता नहीं उस प्रशांत ने इतनी खूबसूरत बीवी को कैसे छोड़ दिया

नीरू : जीजाजी आप भी आज इस ख़ुशी के मौके पर किसका जिक्र ले आये .. मैं कब से इस रात का इन्तजार कर रही थी ..

और रिकॉर्डिंग वही खत्म हो गयी

तभी प्रशांत का फ़ोन बज उठा और फिर नीरू के नम्बर से फ़ोन था ..

उधर नीरज था

नीरज .. प्रशांत रिकॉर्डिंग सुनी

प्रशांत : वो तो अधूरी थी

नीरज ;; हाँ यही चेक कर रहा था की तुम पूरी सुनो.

नीरज: मैंने नीरू का घूंघट उठाया तो मुझे मजा आ गया, घुघंट उठा कर उसका चेहरा देखा उसकी आँख बंद थी मैंने उसके लाल लाल होठ पर अपनी होठ रख उसे किश किया तो वो सिहर गई. मैं भी खुद सिहर गया. मैंने उसके हाथ थाम लिए , अब आगे की रिकॉर्डिंग भेजूंगा .. पूरी सुन और मुझे कुछ टिप्स भी देना .. तभी निशंक की फोटो मिलेगी ..

प्रशांत : तड़पते हुए नीरज जी प्लीज ऐसा मत करो ..

नीरज : अरे यार प्रशांत सुन ले ., कौन सा वो अब तेरी बीबी है जो तुझे बुरा लग रहा है मैं तेरी मदद ही कर रहा हूँ तो तू भी तो कुछ कर मेरे लिए

..

जारी रहेगी
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Re: Adultery ऋतू दीदी

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भाग 3 Update 44. ( New-8) -

प्रशांत नीरज द्वारा भेजी गयी रिकॉर्डिंग को फिर सुनता है जिसमे असल में काजल नीरू का रोल प्ले कर रही है -

नीरज : "वाह निरु (काजल) , आज तो बड़ी कमाल की लग रही हो"

नीरज ने नीरू की तारीफ करनी शुरू की

नीरु: "आपके लिए ही तैयार हुयी हूँ जीजा जी ..."

नीरज : मैंने उसको लिटाया, और मैंने भी उसके साथ लेट गया गया, लगा सहलाने . और उसका पल्लू खींचने लगा

नीरू: जीजा जी आराम से इतनी जल्दी क्या है,

नीरज: क्यों नहीं जल्दी है मैं तो इस दिन का इंतज़ार तो मैं तब से कर रहा हूँ जब से तुम जवान हुई हो
और तुम कहती हो की क्या जल्दी है. निरु आज भी और तुम बचपन में भी जब मुझसे गले लगती हो तो सच में मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं भी चाहता हूँ की तुम मुझसे बार बार चिपको । वो तो मुझे तुम्हारे साथ कभी कुछ करने का मौका नहीं मिला वार्ना अब तक तो मैं तुम्हे कितनी बार चोद चुका होता""

उस दिन पहली बार निरु तुम्हे अन्दर के कपड़ो में देखकर मैं पागल हो गया था। उसी दिन सोच लिया था की एक बार तुम्हे जरूर चोदना है। मैं तो तैयार था, पर बेडरूम के खुले दरवाजे के बाहर दूर से मुझे ऋतू किचन के दरवाजे पर खड़ी दिख गयी थी। वो हमें ही देख रही थी। अगर उस दिन घर में ऋतू नहीं होती तो मेरे दिल के अरमान उसी दिन पुरे हो जाते.

उस दिन गुस्से गुस्से में निरु तुमने मेरे कपडे खोल कर मेरा लंड पकड़ा था। तुम्हे बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आया था। और फिर तुम्हारी चुदाई मे मेरी मदद खुद प्रशांत ने ही कर दी .. और अब आगे से जीजा जी नहीं नीरज बोला करो

ये बात सुन कर प्रशांत को कुछ भी अजीब नहीं लगा क्योंकि ये बात तो वो नीरज के मुँह से खुद ही सुन चूका था और अब नीरज ने ये बात खुद हो बाते करते हुए बता रहा था ..

नीरू : जीजाजी मैं आपको नाम से नहीं बुला पाऊँगी किसी के भी सामने ..अब इतने साल की आदत जो है मुझे और दीदी के सामने तो बिलकुल भी नहीं

नीरज : अच्छा ऋतू के सामने मत बोलना पर अकेले में तो नाम लो

नीरू : अच्छा नीरज जी .. और .. ये ...............

कुछ देर रिकॉर्डिंग में शान्ति हो गयी .. .. वो इतना दुखी था की इस और उसका ज्यादा ध्यान नहीं गया ...

नीरू : अच्छा जीजा जी जो मर्जी कर लो, मैं तो तुम्हारी हु,

नीरज : फिर जीजा जी

नीरू : अब भी अच्छा नीरज जी

नीरज : नहीं सिर्फ नीरज बोलो

नीरू : नीरज

फिर ऑडियो में किसिंग की आवाज आती है

और रिकॉर्डिंग खत्म हो जाती है

तभी प्रशांत सोचने लगता है बीच में रिकॉर्डिंग में घर्रर की आवाज क्यों आयी .. तभी उसका फ़ोन बज उठा और फिर से नीरू के नम्बर से फ़ोन था ..

उधर नीरज था


नीरज .. प्रशांत रिकॉर्डिंग सुनी


प्रशांत : नीरज जी ये भी तो अधूरी थी


नीरज ;; हाँ मैं तुम्हे छोटे छोटे हिस्सों में भेज रहा हूँ . मैं कोई प्रोफेशनल तो हूँ नहीं .. छुपे हुए रिकॉर्डर से रिकॉर्ड की है ..

कुछ खराबी आ गयी है रिकॉर्डिंग में इस लिए अब सुन ले आगे क्या हुआ

नीरज : मैंने नीरू से कहाः मेरी जान अब मुझे कौन रोकेगा, मैंने उसे अपने बाहों में भर गले लगा लिया थोड़ी देर तक मैं उसे अपनी बांहों में भरकर उसकी पीठ को अपने हाथों से सहलाता रहा. वो भी मेरी पीठ की सहलाती रही. फिर मैंने उसके चेहरे को अपने हाथ से ऊपर उठाया.

नीरज: यार प्रशांत कसम से … उसके लाल लाल होंठों को देखकर मैं अपने होश खोने लगा और इच्छा तो ऐसी हुई कि अभी ही उसके सुर्ख और जबरदस्त सेक्सी होंठों को खा ही जाऊ बस किसी तरह से ,मैंने अपने ऊपर काबू किया और मैं धीरे से अपने होंठों को उसके तपते होंठों के पास लाया और उसके होंठों से हल्का सा छुआ और मैं आराम से उसके नरम गुलाब से सुर्ख होंठों को आराम से चूस रहा था. नीरू ने भी अब अपने होंठों से मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया था. धीरे धीरे अब नीरू के होंठ भी खुलने लगे और हम दोनों एक दूसरे से और ज्यादा चिपक गए .

दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे. मैंने अपनी जीभ नीरू के मुँह में डाल दी, उसने मेरी जीभ को चूसना शुरू कर दिया. मैंने उसे जोर से अपनी बांहों में भींचा

अब तो कभी मैं उसकी जीभ को अपने होंठों से चूसता … तो कभी वो मेरी जुबान का स्वाद लेती.

हम दोनों ही आंखें बंद करके एक दूसरे के होंठों को खा सा रहे थे और जोर जोर से चूस रहे थे. पसीने से शरीर गीले होने लगे थे. फिर हम डीप किसिंग करने लगे और लगभग १५ मिनट किश करते रहे ..इस तरह हमारे होंठ मिलते ही नीरू के बदन में चुदाई की प्यास जाग उठी

नीरू के होंठो को अपने होंठो में काबू करते हुए और किस तोड़ कर उसके माथे . आँखों गालो की किश करता और चाटता हुआ उसकी गर्दन और कंधो पर किश करने लगा

मैंने नीरू की चोली की ऊपरी डोरी खोल दी उसके कंधे और उसकी पीठ मेरी छुअन से कम्पन करने लगी और पीछे से पीठ का हिस्सा, जो खुला हुआ था, उसकी थिरकन को मैं आराम से महसूस करने लगा . मैंने उसे थोड़ा सा घुमाया और अपने होंठों को उसकी नंगी पीठ पर चिपका दिया और उसके कंधों को पकड़ लिया नीरू का शरीर बल खाकर मचलने लगा और मैं उसकी चिकनी और गोरी पीठ पर जोर जोर से अपने होंठ रगड़ने लगा. उसके तपते और गर्म होंठों से मादक सिसकारियां निकलने लगी.

फिर मैंने उसकी चोली की नीचे की डोरी भी खींच दी उसके बाद मैंने धीरे से उसको अपनी तरफ खींच कर अपने सीने से चिपका लिया. नीरू मेरी बांहों में सिमट गई. उसकी मांसल छातियां मेरे सीने से चिपक गयी थीं. इससे मुझे कामुक और नर्म स्तनों का अहसास हो रहा था. मैंने जोर से उसको अपनी बांहों में भींच लिया था, जिससे उसके बोबे पिचक कर मेरे सीने से पिसने लगे थे.

इधर मेरा लंड पायजामे में अंगड़ाईयाँ ले कर तन गया था .

जिस तरह शादी के कुछ टाइम बाद तुम्हे भी नीरू के बदन के संवेदनशील हिस्सों का पता लग जाता है बिलकुल उसी तरह नीरू ( काजल) के साथ कई बार सेक्स करने के बाद मुझे भी इसका पूरा अंदाज़ा हो चुका था. कि नीरू के शरीर के वो कौन से हिस्से हैं जिन को छेड़ने पर उस का बदन गरम होने लगता है. उसके ओंठो को अपने ओंठो में कैद करते हुए मैं अपना हाथ नीरू के स्तनों पर फेरता हुआ उसके लहंगे के ऊपर से उस की फूली हुई गरम चूत पर ले गया .

मेरा हाथ को अपनी चुत के ऊपर महसूस करते ही नीरू सिसकी “ अहह”

जब मेरे हाथ नीरू की चूत को छेड़ने लगे तो नीरू ने भी मेरे पायजामे में मचलते लंड को अपने हाथ में लिया और उस को प्यार से सहलाने लगी.

मेरा दूसरा हाथ उसके स्तनों पर चला गया और मैंने उन्हें पहले प्यार से सहलाया और फिर थोड़ा दबाया तो वो कराहने लगी .. उसकी चोली पर उसका दूध लगा था मैंने उसकी चोली को उस के जिस्म से अलग कर दिया. मैं निरु की छाती को घूरने लगा जो दूध से गीली थी। मांसल और कामुक चूचियां उसकी चलती हुई तेज सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रही थीं. उसका दिल बहुत ही तेज गति के साथ धड़क रहा था. वो सच में काफी भर गए थे और ज्यादा गोल मटोल हो चुके थे। पतली कमर के ऊपर इतने भारी मम्मे बहुत ज्यादा सेक्सी लग रहे थे।

नीरू की बड़ी बड़ी दूध से भरी गोल गोल चूचियां देखते ही मैं पगला गया और मैं झपट पड़ा, ओह्ह्ह क्या बताऊँ प्रशांत मजा आ गया था, निरु के निप्पल जो एक किसमिस की तरह थे अब फूल कर अंगूर बन गए थे. मैं निप्पल को ऊँगली से दबाना शुरू कर दिया, वो अंगड़ाई ले रही थी, नीरू के बूब्स अब और भारी हो गए हैं, मैं उनको देख उन्हें दबाने और चुसने के लिए तड़प उठा. मैं टूट पड़ा था उसके बूब्स पे. मैं तुरन्त उसके पास गया और बिना देर किये झुक कर उसके निप्पल को चुसने लगा। पहली बार में ही उसके निप्पल से गुनगुना दूध निकल कर मेरे मुँह में आ गया। मैंने गटक लिया। फिर मैं उसके मुम्मो को चुसता ही रहा और दोनों हाथों से दबाते रहा। इस बीच निरु सिसकिया मार रही थी, शायद उसको दर्द हो रहा था। मैं अब पीछे हटा तो उसके बूब्स थोड़े गीले हो चुके थे। निरु के निप्पल गीले थे।

मेरा मुँह उसके दूध से भर गया और जो मैंने मुँह में भर कर उसके ओंठो पर मुँह लगा कर उसे उसका दूध पिलाया जो बहुत मीठा था ..

नीरू आगे को झुक गयी निरु के मम्मे झुकने पर भी अपनी गोल शेप कायम रखते हैं और प्रशानत तुम्हे तो ये अच्छे से ध्यान होगा की नीरू के स्तन कितने शानंदार है जबकि ऋतू के मम्मे लटकने के बाद गोल की बजाय तोतापुरी आम जैसे लंबे हो गए

और फिर एक एक कर के अपने और नीरू के कपड़े उतारने लगा. और मैंने धीरे धीरे उसके सारे गहने भी उतार दिए और जो भी गहन उतारता वहां किस कर देता .. मा बनने के बाद उसका शरीर भी अब और गुदगुदेदार हो गया था.. उसके मम्मे बढ़ गए थे। हालाँकि उसको देखने पर कोई फ़र्क़ महसूस नहीं होता, अभी भी वो वैसे ही पतली कमर वाली फिट लड़की थी। नीरु की चिकनी गोरी गोल गांड मेरे सामने थी। मैंने उसकी गांड पर हाथ फेर सहलाने लगा। मैंने अपनी ऊँगली निरु की गांड की दरार में फिरा दी और मै अपनी ऊँगली और नीचे ले गया और मेरी ऊँगली निरु की चूत के छेद के ऊपर के बालो को लगी और थोड़ा गीला हो गयी।

अच्छा प्रशांत अब आगे रिकॉर्डिंग भेज रहा हूँ..


प्रशांत एक बार फिर नीरज द्वारा भेजी गयी रिकॉर्डिंग को फिर सुनता है जिसमे असल में काजल नीरू का रोल प्ले कर रही है -

नीरज : नीरू आज मैं तुम्हे बिना प्रोटेक्शन के पूरा चोदूंगा और तुम्हे पूरा मजा दूंगा और तुम भी मुझे पूरा मजा दो और ताकि तुम जल्दी से प्रेग्नेंट हो कर मेरे बच्चे की माँ बन जाओ और "हां यार, बिना प्रोटेक्शन के बिना डरे हुए पूरा चोदने में कितना मजा आता हैं, क्या बताऊ!"

अब ऋतू को तो मैं हमेशा बिना प्रोटेक्शन के ही चोदता हूँ .. मुझे ये प्रोटेक्शन लगाना या फिर ऍन मौके पर लंड चूत से बाहर निकालना बिलकुल अच्छा नहीं लगता , आज तो तुम्हे अपनी चूत में ही मेरा सारा जूस मिलेंगा। "

नीरु: "जीजा जी चलो न, आज की चुदाई को स्पेशल बनाओ । आपने कहा था की जिस दिन हमारा पहला मिलान होगा उस दिन २४ घन्टे में मेरी स्पेशल चुदाई होगी अब पाना वादा निभाऔ और मेरी स्पेशल चुदाई करो ताकि ये चुदाई मुझे हमेशा याद रहे . "

जारी रहेगी
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