Incest परिवार में सबके साथ धुंआधार चुदाई।

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rajveerarora
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Re: Incest परिवार में सबके साथ धुंआधार चुदाई।

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पार्ट- 51
दीदी की चुत सीधा मेरे होंठो पर आ गई, दीदी की चुत से बहुत अच्छी महक आ रही थी, जिसे सूंघ कर मैं मदहोश हो गया, मैंने अपनी जीभ बाहर निकली और दीदी की चुत पर लगा दी, और चुत चाटने लगा। दीदी भी मदहोश होने लगी, दीदी अपनी चुत मेरे मुँह पर रगड़ने लगी। फिर मैंने अपनी जीभ दीदी की चुत में डाल दी और चाटने लगा। दीदी की चुत बहुत टाइट थी, जैसे कुंवारी हो, दीदी की चुत में 2 साल से कुछ नही गया था, इसलिए दीदी की चुत इतनी टाइट थी। मुझे दीदी की चुत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था। दीदी के मुँह से सिसिकियाँ निकलने लगी। आ आ आ आ ह ह ह ह भाई जीभ ओर अंदर डाल, आ आ आ आ भाई बहुत मजा आ रहा है। मैंने पूरी जीभ दीदी की चुत में डाल दी, दीदी अपनी गाँड़ ऊपर नीचे करने लगी और मेरी जीभ से अपनी चुत मरवाने लगी। दीदी बहुत सिसिकियाँ ले रही थी।
दीदी ऐसे ही मेरी जीभ से अपनी चुत मरवाते हुए नीचे झुकी, मेरे लन्ड को पकड़ा और अपनी जीभ मेरे लन्ड पर लगाई और चाटने लगी। फिर दीदी ने मेरे लन्ड का मास खींच कर नीचे किया और अपनी जीभ लन्ड के टोपे पर लगा दी, और मेरे लन्ड के टोपे पर अपनी जीभ चलाने लगी। फिर दीदी ने मेरे लन्ड का
टोपा अपने मुँह में भर लिया, और अपना मुँह आगे पीछे करने लगी। दीदी ने लन्ड और अपने मुँह में भर लिया, और तेजी तेजी से चूसने लगी। क्या मस्त लन्ड चूस रही थी दीदी, इतना मस्त लन्ड तो आज तक मेरा किसी ने नही चूसा था। दीदी बहुत अच्छे से लन्ड चूस रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरे लन्ड में बेचैनी जी हो रही थी। दीदी ने मेरा आधे से ज्यादा लन्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। दीदी कभी मेरे लन्ड को चाटती, कभी आने मुँह में भर लेती, फिर मुह से लन्ड निकाल कर टोपे पर जीभ फेरने लगती। कभी पूरा लन्ड अपने मुँह में लेने की कोशिश करती। जब दीदी मुँह में पूरा लेने की कोशिश करती तो मैं अपनी कमर उठा कर दीदी के मुँह में पूरा लन्ड डालने की कोशिश करता, जिस से मेरा लन्ड सीधा दीदी के गले तक पहुंच जाता। 2-3 बार दीदी को खांसी भी आ गयी। पर फिर भी दीदी मेरे लन्ड को चुसती रही। मैं साथ साथ दीदी की चुत भी चाट रहा था। मैंने दीदी की चुत में अपनी जीभ तेजी से चलने शुरू कर दी। जिस से दीदी हवस में पागल होने लगी।
दीदी ने मेरा लन्ड अपने मुँह से निकाला और थोड़ा झुकी, फिर मेरी मोटी गोटियां चाटने लगी। दीदी एक एक करके मेरी गोटियां चूसने लगी। दीदी ने मेरी गोटिया पूरी अपने मुह में भर ली। दीदी कभी लन्ड चूसने लगती तो कभी मेरी गोटियां, ओर मैं अपनी जीभ जितनी दीदी की चुत में डाल सकता था, उतनी डाल कर दीदी की चुत जीभ से चोदने लगा। 15 मिनट दीदी की चुत मैं ऐसे ही जीभ से चोदता रहा, फिर दीदी जोश में आ गई और अपने मुँह से लन्ड निकाल कर सीधी हुई और अपनी चुत पूरी तरह मेरे मुँह पर दबाने लगी। दीदी के मुँह से आ आ आ आ ह ह ह ह निकलने लगी। मैं समझ गया कि दीदी झड़ने वाली है, मैंने दीदी को कस कर पकड़ कर पूरा अपने मुँह पर दबाया। फिर दीदी का शरीर एक दम ढीला पड़ने लगा और दीदी की चुत मेरे मुँह पर पानी छोड़ने लगी। मैं वो सारा पानी चाटने लगा, दीदी भी अपनी चुत मेरे मुह पर दबा कर मुझे अपना चुत रस चाटने लगी। क्या मस्त स्वाद था दीदी की चुत के पानी का। मैं दीदी की चुत के अंदर जीभ डाल डाल कर दीदी का सारा चुत रस चाट गया।
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rajveerarora
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पार्ट- 52
मैंने दीदी को फिर झुक कर लन्ड चूसने का इशारा किया। दीदी झुक कर वापिस मेरा लन्ड चूसने लगी। जब दीदी झुकी तो दीदी की चुत वापिस मेरे मुह पर थी, मेरी आँखों के सामने दीदी की मोटी गाँड़ और गाँड़ का छेद बिल्कुल सामने था। दीदी की गाँड़ का छेद पूरा खुला हुआ था, जैसे अभी अभी लन्ड गाँड़ में लेकर आई हो, दीदी की गाँड़ का छेद केले जितना मोटा खुला हुआ था। मैंने दीदी से पूछा।
मैं- दीदी आपकी गाँड़ का छेद इतना बड़ा कैसे?
दीदी- भाई, तेरे जीजाजी 2 साल से रोज रात को मेरी गाँड़ पूरी पूरी रात मारते है, इसलिए भाई ये छेद इतना खुल गया।
राज- दीदी थोड़ा गाँड़ उठा कर पीछे करो, मुझे आपकी गाँड़ का छेद चाटना है।
दीदी थोड़ा पीछे हुई और दीदी की गाँड़ का छेद मेरे होंठो पर आ गया। मैंने दीदी के गाँड़ के छेद पर अपने होंठ रखे और जीभ निकाल कर गाँड़ के छेद के बाहर फेरने लगा। दीदी वापिस मेरा लन्ड चूसने लगी।
फिर मैंने दीदी की गाँड़ अपनी तीन उंगलियां डाल दी। और अंदर बाहर करने लगा। फिर मैंने उंगलियां निकाल कर जीभ डाल दी, दीदी की चुत जितनी टाइट थी, गाँड़ उठी ही खुली हुई थी। मैंने अपनी पूरी जीभ दीदी की गाँड़ में डाल कर, दीदी की कमर पकड़ कर दीदी को पूरा दबा लिया। वाह! दीदी की गाँड़ कर छेद बहुत मस्त था, मैं दीदी की गाँड़ के छेद में अपनी जीभ चलाने लगा। दीदी मेरा लन्ड मस्त चूस रही थी और मै दीदी की गाँड़।
5 मिनट बाद मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है, मैंने नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर दीदी के मुँह में लन्ड पूरा घुसाने की कोशिश करने लगा। दीदी समझ गयी, दीदी भी मेरा पूरा लन्ड अपने मुँह में लेने की कोशिश करने लगी। मेरा लन्ड दीदी के गले तक पहुंच रहा था। मैंने अपना हाथ नीचे कर दीदी का सिर मेरे पण्ड पर दबा दिया, जिससे मेरा लन्ड दीदी के गले मे चला गया, दीदी छूटने की कोशीश करने लगी, पर मैंने दीदी का सिर कस कर पकड़ा हुआ था। 2 मिनट बाद मेरा पानी दीदी के गले में निकल गया, दीदी मेरा सारा पानी पी गयी। फिर दीदी मैंने दीदी का सिर छोड़ दिया तो दीदी ने मेरा लन्ड आने मुँह से बाहर निकाल और मुझे गालिया देने लगी।
दीदी- बहनचोद, कुत्ते, मादरचोद रण्डी की औलाद।
मैं चुपचाप दीदी की गालियां सुनता रहा और दीदी की गाँड़ चाटता रहा। गाँड़ चटाई से दीदी फिर मूड में आने लगी।
दीदी ने फिर मेरी गोटियां पकड़ी और जोर से दबा दी। मुझे बहुत दर्द हुआ और मेरे मुँह से चीख निकल गयी।
दीदी- बहनचोद अब पता लगा दर्द का। अब मेरा सिर मत दबाना नही तो तेरी गोटियां नही छोडूंगी मैं।
मैं- ठीक है दीदी।
फिर दीदी ने 5 मिनट मेरा लन्ड चूसा और लन्ड वापिस खड़ा हो गया, तो दीदी खड़ी हुई और बोली।
दीदी- भाई, अब मेरी चुत मार।
मैं- नही दीदी, पहले मैं आपकी गाँड़ मारूँगा।
दीदी- नही भाई पहले मेरी चुत मार, 2 साल से प्यासी हुँ मेरे भाई आज मेरी प्यास बुझा दे। मैं तेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हुँ। मुझे अपनी रण्डी बना ले।
फिर मैंने दीदी को घोड़ी बनने के लिए कहा, जब दीदी घोड़ी बनी तो दीदी की गाँड़ का छेद ओर भी खुल गया, तो मेरा मन दीदी की गाँड़ पहले मारने का करने लगा। मैंने अपना लन्ड दीदी की गाँड़ के छेद पर रखा और एक झटके में अंदर घुसे दिया। मेरा आधे से ज्यादा लन्ड दीदी की गाँड़ में घुस गया।
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पार्ट - 53
दीदी के मुँह से हल्की से चीख निकल गई, क्योकि मेरा लन्ड दीदी के गाँड़ के छेद से भी मोटा है। मैंने दीदी के मुँह पर हाथ रख और मैंने झटके मारने शुरू किए। 10-12 झटकों में मेरे पूरा लन्ड दीदी की गाँड़ में घुस गया और दीदी को ज्यादा दर्द भी नही हुआ। रण्डी दीपिका दीदी की मोटी चौड़ी फूली हुई गाँड़ मारने का मेरा सपना आज सच हो गया, मैं अपनी कमर तेजी से हिलाने लगा। दीदी भी अपनी गाँड़ हिला हिला कर मजे से गाँड़ मरवाने लगी, वैसे भी दीदी गाँड़ मरवाने में पूरी एक्सपर्ट थी। पूरे कमरे में पट पट की आवाजें आने लगी, तो मैंने अपनी स्पीड घटा दी।
दीदी बोली- भाई तेज तेज मार मेरी गाँड़।
मैं- दीदी आवाज़ में मम्मी जाग जाएगी, इसलिए धीरे हुआ हुँ।
दीदी- जागने दे साली कुतिया को, जाग गयी तो उसको भी चोद देना मेरे बहनचोद भाई, अब तू बहनचोद तो बन ही गया, मादरचोद भी बन जाना।
मैं दीदी की गाँड़ मारने की स्पीड बढ़ाता हुआ- नही दीदी वो अपनी मम्मी है, उसको नही चोद सकता।
दीदी- जब अपनी बहन को चोद दिया, तो मम्मी को चोदने में क्या हर्ज है। ऐसे ही मम्मी किसी ओर से चुद कर बदनाम होगी, उस से अच्छा है, जैसे मुझे चोद रहा है, ऐसे ही मम्मी को चोद देना, घर की बात घर मे रहेगी।
मैं- ठीक है दीदी । मैं दीदी की गाँड़ मारने की स्पीड ओर बढ़ा दी और पूरा 10 इंच का लन्ड दीदी की गाँड़ में पूरा पेलने लगा। दीदी के मुँह से आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह आ आ आ आ आ द ह द ह ह ह ह ह निकलने लगी। 20 मिनट दीदी ने मजे से मुझसे गाँड़ मरवाई। फिर दीदी ने मुझे रुकने का कहा, तो मैं रुका और दीदी की गाँड़ से लन्ड बाहर निकाला तो घप्प की आवाज़ से लन्ड बाहर आ गया। फिर दीदी सीधी लेट गयी और अपनी टांगे चौड़ी कर ली दीदी ने।
दीदी- राज, भाई मेरी चुत बहुत तड़प रही है, इसमे अपना लन्ड डाल।
मैं- ठीक है दीदी।
मैंने दीदी की जाँघे पकड़ी और दीदी की जांघों को ऊपर कर के और चौड़ा किया। फिर अपना लन्ड दीदी की चुत पर रगड़ने लगा। दीदी पूरी तड़पने लगी। मैंने अपने लन्ड का टोपा निकाला और दीदी की चुत पर उसको जोर जोर से रगड़ने लगा।
दीदी- भाई डाल दे लन्ड मेरी 2 साल से प्यासी चुत में।
मैंने दीदी की चुत पर लन्ड रखा थोड़ा सा दबाव बनाया, फिर मैं लन्ड पीछे कर वापिस दीदी की चुत पर लन्ड रगड़ने लगा।
मैं दीदी को तड़पा तड़पा कर चोदना चाहता था, मैं दीदी को रण्डी बना कर चोदना चाहता था, मैं चाहता था की वो हवस से भर जाए और चुदने के लिए पागल होने लगे।
दीदी- डाल दे, क्यों तड़पा रहा है।
मैं(दीदी की चुत पर लन्ड रगड़ता हुआ)- ऐसे नही दीदी पहले मेरी बात माननी पड़ेगी।
दीदी- बोल भाई, क्या बात मनवानी है? मुझे तेरी हर बात मंजूर है। बस मुझे चोद दे।
मैं- दीदी मेरी कसम खाओ की मेरी बात मानोगी।
दीदी- हाँ तेरी कसम तेरी सब बातें मानूँगी।
मैं- दीदी बोलो मैं रण्डी हुँ और मैं अपने भाई के बच्चे की माँ बनूँगी। मेरा बहनचोद भाई ही मेरा पति है।
दीदी- हाँ मेरे बहनचोद भाई तू ही मेरा पति है, मैं तेरे बच्चे की माँ बनूँगी, मैं रण्डी हुँ, मेरी माँ रण्डी है, मैं हमेशा अपने भाई की रण्डी बन कर रहूँगी। मैं मेरे बहनचोद भाई की गुलाम हुँ। अब तो चोद दे मुझे मेरे भाई, मैं तड़प नही हूँ।
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पार्ट-54
फिर मैंने दीदी की चुत पर अपना लन्ड सेट किया और लन्ड को चुत में डालने के लिए दबाया। लन्ड फिसल कर साइड में हो गया। मैंने 3 बार ट्राय किया, पर लन्ड बार बार फिसल रहा था। दीदी की चुत सच मे बहुत टाइट थी। फिर दीदी ने मेरा लन्ड पकड़ कर अपनी चुत सेट किया और मुझे थोड़ा ज्यादा जोर लगाने के लिए बोला। मैंने एक जोरदार झटका मारा। मेरे लन्ड का टोपा दीदी की चुत में घुस गया, दीदी की चुत सच मे बहुत ज्यादा टाइट थी, टीना दीदी की चुत की तरह। दीदी के मुँह से जोरदार चीख निकल गयी, जैसे अभी कुंवारी हो। आ आ आ आ आ आ आ आ मर गई, आ आ आ आ
मैंने दीदी के होंठो को अपने होंठो में दबा लिया, फिर एक और जोरदार झटका मारा, जिस से मेरा आधे से ज्यादा लन्ड दीदी की चुत में चला गया। दीदी दर्द से तड़पने लगी और मुझसे झूठने के लिए हिलने लगी, पर मैंने दीदी को कस के पकड़ा हुआ था, दीदी के होंठों को मैने अपने होंठों में कैद ना किया होता तो दीदी की जोरदार चीख वपिस निकल जानी थी। दीदी को बहुत दर्द हो रहा था, दीदी की आँखों मे आँसू आ गए थे।
मैं दीदी के होंठ अपने होठों में कैद कर और अपना लन्ड ऐसे ही दीदी की चुत में डाले दीदी को कस कर दबा कर ऐसे ही दीदी के ऊपर पड़ा रहा। दीदी की आंखों से लगातार आंसू निकलते रहे।
10 मिनट बाद दीदी को दर्द कम हुआ तो दीदी ने अपनी कमर हिलानी शुरू की, फिर मैंने भी दीदी पर अपना दबाव कम कर दिया और धीरे धीरे दीदी की चुत में धक्के देने लगा।
मैं- मेरी रण्डी दीदी क्या हुआ? आपने तो गाँड़ में लन्ड आराम से ले लिया था, जैसे कोई बहुत बड़ी रण्डी हो, पर अब चुत में तो ऐसे कर रही हो जैसे कुंवारी चुत हो।
दीदी(रोते हुए)- भाई क्या करूँ, बहुत दर्द हो रहा है, 2 साल से कुछ भी नही गया मेरी चुत में।
मैं- तभी आपकी चुत एक दम कुँवारी जैसी है।
दीदी- अच्छा तुझे बहुत पता है कुंवारी चुत के बारे में। कभी ली है क्या कुंवारी चुत बहनचोद।
मैं(दीदी की चुत में जोर जोर की झटके मारते हुए)- हाँ रण्डी ली है, ओर तेरी चुत उस से भी मजेदार है।
दीदी- आ आ आ आ ह ह ह ह । चोद मेरे बहनचोद भाई, रण्डी के बच्चे, आ आ आ ह ह ह। किसकी ली है।
मैं- जिसकी ली है उस से शादी करनी है मुझे।
फिर मैंने दीदी को चोदने की स्पीड बढ़ा दी।
दीदी के मुँह से आ आ आ आ की आवाजें आने लगी।
पूरे कमरे में जोर जोर से पट पट की आवाजें आने लगी, पर मैं और दीदी बिना मम्मी की परवाह किये चुदाई करते रहे।
दीदी- आ आ आ आ और जोर से, आ आ आ आज फाड़ दे मेरी चुत, आ आ आ मर गई, ऊ माँ चोद भाई बहुत मजा आ रहा है, ऊ आ आ हा आ हा करते करते 15 मिनट बाद दीदी ने मुझे जोर से जकड़ लिया और जोर जोर से चोदने को बोली, मैं दीदी को चोदता रहा,
दीदी आ आ हा जोर से करते करते 2 मिनट बाद झड़ गयी।
दीदी की चुत से पानी निकलने लगा, जो मुझे मेरे लन्ड पर महसूस हो रहा था, फिर दीदी एक दम ढीली पड़ गयी, पर मैं दीदी की चुत में धीरे धीरे झटके मारता रहा और दीदी के बड़े बड़े मुम्मे चूसने लगा।
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