कर्नल मन ही मन खुश होकर वहां से निकल जाता है. उधर स्कूल में दिव्या का दिन तो नार्मल है लेकिन मदन के दिल पर सांप लोट रहे है. दिव्या के थप्पड़ ने उसकी हवस की आग को और भड़का दिया है. उसको और कुछ नहीं समझ आता तो वो सलमान को अपने ऑफिस में बुलाता है.
सलमान: सर आपने बुलाया था.
मदन: आजकल तुम्हारी बहुत शिकायत आ रही है. लगता है तुम्हारी जगह किसी और को रखना पड़ेगा.
सलमान: सर मैंने ऐसा क्या कर दिया. मैं तो आपका गुलाम हूँ.
मदन: हाँ ऐसा गुलाम कभी भी मालिक की पीठ में खंजर भोंक सकता है. तू जानता है की मैं दिव्या के पीछे कैसे पागल हूँ. उसकी लेने के लिए तड़प रहा हूँ और तू उसे चोद चुका है और मुझे बताया तक नहीं.
सलमान समझ जाता है की ये रश्मि की करतूत है. पर वो भी कच्चा खिलाडी नहीं था.
सलमान: सर अभी मछली ने चारा नहीं गटका है. वो मेरे जाल में फंस तो गयी है लेकिन आप तो जानते है की मैं जब तक उसको पूरी तरह आईने में न उतार लूं आपके पास नहीं भेज सकता. अगर बिदक गयी तो आप मुसीबत में आ जायेंगे. आप यकीन कीजिये की जैसे बाकी टीचर्स को आपके नीचे लाया हूँ दिव्या भी जल्द ही आपके नीचे होगी.
मदन थोडा संतुष्ट होता है. उसे पता है की थप्पड़ उसकी जल्दबाजी का नतीजा था.
मदन: ठीक है लेकिन मैं तुमको ज्यादा टाइम नहीं दे सकता. मुझे दिव्या जल्द से जल्द चाहिए.
सलमान: मैं पूरी कोशिश करूंगा की आपका काम जल्द से जल्द ही हो जाए लेकिन मेरी एक दरख्वास्त है.
मदन: क्या?
सलमान: सर आजकल रश्मि मैडम के नखरे बहुत बढ़ गए है और आपकी वजह से मैं उसे कुछ कह नहीं पाता. उसकी वजह से दिव्या एक दिन मेरे हाथ से निकल गयी वरना आज आप उसकी ले रहे होते. मैं रश्मि को उसकी असली जगह दिखाना चाहता हूँ.
मदन: बस. अभी ही रश्मि को तुम्हारे रूम में भेज दूंगा. अपनी हसरतें पूरी कर लेना लेकिन याद रखो की दिव्या मुझे इसी महीने में चाहिए.
सलमान: हो जायेगा सर. आप बेफिक्र रहिये.
ये कह कर सलमान वहां से चला जाता है और रश्मि के रूम में आने का इंतज़ार करने लगता है. उधर दिव्या क्लास के बाद स्टाफ रूम में बैठी है की मनीष वहां पहुँच जाता है. मनीष को देख कर दिव्या को याद आता है की कैसे उसने मनीष को अपनी नंगी चून्चियो के दर्शन ऑनलाइन करवाए थे. वो थोडा असहज हो जाती है. दिव्या अपने हाव भाव को कण्ट्रोल में रखने की कोशिश करती है. स्टाफ रूम में एक टीचर और भी होती है लेकिन वो दिव्या से दूर बैठी थी.
इसी का फायदा उठा कर मनीष एक किताब लेकर दिव्या के पास जाता है.
Adultery दिव्या का सफ़र
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
मनीष: सॉरी टू डिस्टर्ब यू मैम लेकिन मुझे एक चीज समझ नहीं आ रही है. अगर आप हेल्प कर दें तो...
दिव्या: ह्म्म्म कोई बात नहीं, बताओ कहाँ प्रॉब्लम है मनीष?
मनीष दिव्या के साथ वाली कुर्सी पर बैठ जाता है.
मनीष: ये वाला क्वेश्चन देखिये मैम.
मनीष किताब हाथ में पकड़ कर दिव्या की गोद में रख देता है जिससे मनीष का हाथ दिव्या की जांघ और किताब के बीच में रहता है. दिव्या दूसरी टीचर के सामने कुछ कह नहीं पाती और क्वेश्चन देखने लगती है. वो क्वेश्चन रेप्रोडकशन के बारे में था. दिव्या मनीष की बदमाशी देख कर हैरान हो जाती है तभी मनीष धीरे से अपना हाथ पलट कर दिव्या की जांघ पर रगड़ने लगता है. दिव्या अचानक से गर्म हो जाती है.
मनीष (धीरे से दिव्या के कान में): मैम मुझे समझ नहीं आ रहा की कैसे मैं आपका शुक्रिया अदा करूं.
दिव्या: किसलिए?
मनीष: आपने अपने बूब्स जो मुझे दिखाए थे.
दिव्या: मनीष ये बात यहाँ मत करो. फिलहाल तुम जाओ.
मनीष: मैम मैं खड़ा नहीं हो सकता.
दिव्या की नज़र मनीष की पेंट की तरफ जाती है. मनीष के पेंट में टेंट बना है. दिव्या के माथे पर पसीना आ जाता है.
मनीष दिव्या का हाथ पकड़ कर उसे अपने लंड पर रखने की कोशिश करता है लेकिन दिव्या हाथ छुड़ा लेती है. उसे पता है की लास्ट पीरियड चल रहा है और अभी कुछ ही देर में और टीचर्स भी वहां आ जायेंगे. वो मनीष की बुक पर लिखती है की अगर तुम मुझे कुछ समझते हो तो कैसे भी करके फ़ौरन यहाँ से जाओ.
मनीष को लगता है की दिव्या का विश्वास जीतने का ये अच्छा मौका है. दिव्या को अपने नीचे लाने के लिए उसका विश्वास जीतना जरूरी था. वो बुक से अपने खड़े लंड को ढक कर वहां से बाहर निकल जाता है.
छुट्टी होने पर मदन रश्मि को अपने ऑफिस बुलाता है.
रश्मि: आपने बुलाया सर?
मदन: हाँ आज तुम्हे मेरा काम करना है.
रश्मि: मैं तो हमेशा आपकी सेवा में हाजिर हूँ.
मदन: लेकिन आज तुम्हे सलमान की सेवा करनी है.
रश्मि: लेकिन सर जब से मैं आपसे मिली हूँ मैंने उसे कभी हाथ भी नहीं लगाने दिया है.
मदन: मैं जानता हूँ जानेमन की तुम स्कूल के कितने स्टूडेंट्स और टीचर्स से चुद रही हो तो ये नाटक मत करो क्योंकि मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है की तुम किस किससे चुदवाती हो बस तुम मेरी बात मानो. अगर जरूरी न होता तो मैं तुमसे नहीं कहता. बहस मत करो और फ़ौरन चली जाओ.
रश्मि उदास हो जाती है लेकिन मदन की बात ताल नहीं सकती तो वो मुंह लटका कर सलमान के रूम की तरफ़ चल देती है. सलमान तो इसी घडी का इंतज़ार कर रहा था. रश्मि जैसे ही रूम के डोर पर आती है सलमान उसे अन्दर खींच लेता है.
दिव्या: ह्म्म्म कोई बात नहीं, बताओ कहाँ प्रॉब्लम है मनीष?
मनीष दिव्या के साथ वाली कुर्सी पर बैठ जाता है.
मनीष: ये वाला क्वेश्चन देखिये मैम.
मनीष किताब हाथ में पकड़ कर दिव्या की गोद में रख देता है जिससे मनीष का हाथ दिव्या की जांघ और किताब के बीच में रहता है. दिव्या दूसरी टीचर के सामने कुछ कह नहीं पाती और क्वेश्चन देखने लगती है. वो क्वेश्चन रेप्रोडकशन के बारे में था. दिव्या मनीष की बदमाशी देख कर हैरान हो जाती है तभी मनीष धीरे से अपना हाथ पलट कर दिव्या की जांघ पर रगड़ने लगता है. दिव्या अचानक से गर्म हो जाती है.
मनीष (धीरे से दिव्या के कान में): मैम मुझे समझ नहीं आ रहा की कैसे मैं आपका शुक्रिया अदा करूं.
दिव्या: किसलिए?
मनीष: आपने अपने बूब्स जो मुझे दिखाए थे.
दिव्या: मनीष ये बात यहाँ मत करो. फिलहाल तुम जाओ.
मनीष: मैम मैं खड़ा नहीं हो सकता.
दिव्या की नज़र मनीष की पेंट की तरफ जाती है. मनीष के पेंट में टेंट बना है. दिव्या के माथे पर पसीना आ जाता है.
मनीष दिव्या का हाथ पकड़ कर उसे अपने लंड पर रखने की कोशिश करता है लेकिन दिव्या हाथ छुड़ा लेती है. उसे पता है की लास्ट पीरियड चल रहा है और अभी कुछ ही देर में और टीचर्स भी वहां आ जायेंगे. वो मनीष की बुक पर लिखती है की अगर तुम मुझे कुछ समझते हो तो कैसे भी करके फ़ौरन यहाँ से जाओ.
मनीष को लगता है की दिव्या का विश्वास जीतने का ये अच्छा मौका है. दिव्या को अपने नीचे लाने के लिए उसका विश्वास जीतना जरूरी था. वो बुक से अपने खड़े लंड को ढक कर वहां से बाहर निकल जाता है.
छुट्टी होने पर मदन रश्मि को अपने ऑफिस बुलाता है.
रश्मि: आपने बुलाया सर?
मदन: हाँ आज तुम्हे मेरा काम करना है.
रश्मि: मैं तो हमेशा आपकी सेवा में हाजिर हूँ.
मदन: लेकिन आज तुम्हे सलमान की सेवा करनी है.
रश्मि: लेकिन सर जब से मैं आपसे मिली हूँ मैंने उसे कभी हाथ भी नहीं लगाने दिया है.
मदन: मैं जानता हूँ जानेमन की तुम स्कूल के कितने स्टूडेंट्स और टीचर्स से चुद रही हो तो ये नाटक मत करो क्योंकि मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है की तुम किस किससे चुदवाती हो बस तुम मेरी बात मानो. अगर जरूरी न होता तो मैं तुमसे नहीं कहता. बहस मत करो और फ़ौरन चली जाओ.
रश्मि उदास हो जाती है लेकिन मदन की बात ताल नहीं सकती तो वो मुंह लटका कर सलमान के रूम की तरफ़ चल देती है. सलमान तो इसी घडी का इंतज़ार कर रहा था. रश्मि जैसे ही रूम के डोर पर आती है सलमान उसे अन्दर खींच लेता है.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
सलमान: आने में शर्मा क्यों रही हो जान. पहली बार तो नहीं आई हो मेरे रूम में
सलमान रश्मि को अपनी बाँहों में लेकर दीवार से सटा देता है और उसे किस करने की कोशिश करता है लेकिन रश्मि अपना मुंह घुमा लेती है.
सलमान: तू जितने नखरे करेगी मुझे उतना ही मजा आयेगा.
सलमान रश्मि की ड्रेस को ऊपर कर अपना लंड उसकी चूत पर लगा देता है लेकिन रश्मि का मन न होने की वजह से उसकी चूत एकदम सूखी थी. सलमान को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और वो ऐसे ही अपना लंड रश्मि की चूत में ठूंस कर झटके मारने लगता है.
सूखा लंड लेने से रश्मि को लगता है की जैसे उसकी चूत अन्दर से छिल गयी है लेकिन जल्द ही वो न चाहते हुए भी गरम हो जाती है और उसकी चूत गीली हो जाती है. अब लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगता है लेकिन सलमान ने तो रश्मि को बदला लेने के लिए बुलाया था. जैसे ही उसे लगता है की रश्मि गरम हो गयी तो वो चुदाई रोक देता है. रश्मि सलमान को देखने लगती है की वो रुका क्यों.
सलमान: देख क्या रही है साली, बहुत दिन से नाटक कर रही थी न.
रश्मि: अगर बस की नहीं थी तो मुझे बुलाया क्यों?
सलमान: तुझे सबक सिखाने के लिए.
रश्मि: कैसा सबक?
सलमान: तूने मदन को मेरे और दिव्या के बारे में बोला है न.
रश्मि: सामने तो सर सर करता है और यहाँ मदन बोल रहा है.
सलमान: जो पुछा है वो बोल कुतिया. मैं तेरे मुंह से सुनना चाहता हूं.
रश्मि: हाँ बोला है तो क्या हुआ? वो साली मुझे उल्टा सीधा बोल रही थी.
सलमान: तेरी वजह से मुझे दिव्या को प्रिंसिपल से चुदवाना पड़ेगा जबकि अभी मैंने मन भर के दिव्या को नहीं चोदा है. इसी का सबक मैं तुझे सिखाऊंगा.
ये बोल कर सलमान रश्मि को नंगा करके बेड पर उल्टा डाल देता है और अपना लंड उसकी गांड के छेद पर लगा देता है. रश्मि को फ़ौरन समझ में आ जाता है की सलमान क्या करने वाला है पर जब तक वो सलमान को रोकती तब तक सलमान अपना लंड उसकी गांड में घुसेड देता है.
रश्मि की चीख निकल जाती है लेकिन यहाँ कोई सुनने वाला नहीं था. सलमान रश्मि की गांड बहुत तबियत से मारता है. बिना किसी लुब्रिकेंट के गांड मरवाने से रश्मि को बहुत दर्द होता है लेकिन सलमान उसको तब तक नहीं छोड़ता जब तक वो झड नहीं जाता.
झड़ने के बाद सलमान उठ कर खड़ा होता है और रश्मि बेड पर ढेर हो जाती है.
सलमान: आज के बाद याद रखना की यही तेरी औकात है और कभी अपनी हद पार करने की कोशिश मत करना.
रश्मि अपनी आँखों से आंसू पोछती है और खड़ी होकर अपने कपडे पहन कर रूम से निकल जाती है.
सलमान रश्मि को अपनी बाँहों में लेकर दीवार से सटा देता है और उसे किस करने की कोशिश करता है लेकिन रश्मि अपना मुंह घुमा लेती है.
सलमान: तू जितने नखरे करेगी मुझे उतना ही मजा आयेगा.
सलमान रश्मि की ड्रेस को ऊपर कर अपना लंड उसकी चूत पर लगा देता है लेकिन रश्मि का मन न होने की वजह से उसकी चूत एकदम सूखी थी. सलमान को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और वो ऐसे ही अपना लंड रश्मि की चूत में ठूंस कर झटके मारने लगता है.
सूखा लंड लेने से रश्मि को लगता है की जैसे उसकी चूत अन्दर से छिल गयी है लेकिन जल्द ही वो न चाहते हुए भी गरम हो जाती है और उसकी चूत गीली हो जाती है. अब लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगता है लेकिन सलमान ने तो रश्मि को बदला लेने के लिए बुलाया था. जैसे ही उसे लगता है की रश्मि गरम हो गयी तो वो चुदाई रोक देता है. रश्मि सलमान को देखने लगती है की वो रुका क्यों.
सलमान: देख क्या रही है साली, बहुत दिन से नाटक कर रही थी न.
रश्मि: अगर बस की नहीं थी तो मुझे बुलाया क्यों?
सलमान: तुझे सबक सिखाने के लिए.
रश्मि: कैसा सबक?
सलमान: तूने मदन को मेरे और दिव्या के बारे में बोला है न.
रश्मि: सामने तो सर सर करता है और यहाँ मदन बोल रहा है.
सलमान: जो पुछा है वो बोल कुतिया. मैं तेरे मुंह से सुनना चाहता हूं.
रश्मि: हाँ बोला है तो क्या हुआ? वो साली मुझे उल्टा सीधा बोल रही थी.
सलमान: तेरी वजह से मुझे दिव्या को प्रिंसिपल से चुदवाना पड़ेगा जबकि अभी मैंने मन भर के दिव्या को नहीं चोदा है. इसी का सबक मैं तुझे सिखाऊंगा.
ये बोल कर सलमान रश्मि को नंगा करके बेड पर उल्टा डाल देता है और अपना लंड उसकी गांड के छेद पर लगा देता है. रश्मि को फ़ौरन समझ में आ जाता है की सलमान क्या करने वाला है पर जब तक वो सलमान को रोकती तब तक सलमान अपना लंड उसकी गांड में घुसेड देता है.
रश्मि की चीख निकल जाती है लेकिन यहाँ कोई सुनने वाला नहीं था. सलमान रश्मि की गांड बहुत तबियत से मारता है. बिना किसी लुब्रिकेंट के गांड मरवाने से रश्मि को बहुत दर्द होता है लेकिन सलमान उसको तब तक नहीं छोड़ता जब तक वो झड नहीं जाता.
झड़ने के बाद सलमान उठ कर खड़ा होता है और रश्मि बेड पर ढेर हो जाती है.
सलमान: आज के बाद याद रखना की यही तेरी औकात है और कभी अपनी हद पार करने की कोशिश मत करना.
रश्मि अपनी आँखों से आंसू पोछती है और खड़ी होकर अपने कपडे पहन कर रूम से निकल जाती है.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
शानदार अपडेट है भाई
मांगलिक बहन....एक अधूरी प्यास- 2....Incest सपना-या-हकीकत.... Thriller कागज की किश्ती....फोरेस्ट आफिसर....रंगीन रातों की कहानियाँ....The Innocent Wife ( मासूम बीवी )....Nakhara chadhti jawani da (नखरा चढती जवानी दा ).....फिर बाजी पाजेब Running.....जंगल में लाश Running.....Jalan (जलन ).....Do Sage MadarChod (दो सगे मादरचोद ).....अँधा प्यार या अंधी वासना ek Family ki Kahani...A family Incest Saga- Sarjoo ki incest story).... धड़कन...
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
वही दूसरी तरफ दिव्या घर पहुचती है तो देखती है की राजेश उसका वेट कर रहा है.
दिव्या: आज डिनर के लिए कहीं बाहर चलें?
राजेश: जान तुम भूल गयी क्या? कर्नल लाला ने हमें आज डिनर पर बुलाया था.
दिव्या: हाँ ध्यान से उतर गया. क्या पहनूं बताओ.
राजेश: कुछ भी पहन लो जान. तुम तो इंडियन वेस्टर्न सबमें अच्छी लगती हो और न पहनो तो और भी अच्छी लगती हो.
दिव्या: तुम भी न. चलो साड़ी ही पहन लूंगी.
राजेश: अच्छा सुनो न. मैं एक नाईटी लाया हूँ. एक बार वो भी पहन कर दिखाओ न.
राजेश दिव्या को पैकेट देता है. दिव्या खोल कर देखती है. नाईटी काफी सेक्सी और एकदम ट्रांसपेरेंट थी.
दिव्या: ये क्या ले आये, मैं ऐसे कपडे कब पहनती हूँ?
राजेश: तो अब पहन लो न. कल मुझको वापस जाना है तो एक बार पहन कर दिखा दो न.
दिव्या: ओफ्फो कल क्यों जाना है?
राजेश: फोन आ गया है यार. कुछ दिन के लिए जाना होगा लेकिन जल्दी ही आ जाऊंगा. अब तो पहन लो.
दिव्या: अरे यार. चलो अभी नहीं रात में डिनर के बाद पहन लूंगी. ओके .
राजेश: ओके जान.
दिव्या थोडा आराम करके डिनर के लिए तैयार होने लगती है. हालाँकि वो एक ड्रेस पहनती है फिर भी वो काफी हॉट लग रही थी.
राजेश: किस पर बिजली गिराने का इरादा है मेरी जान.
दिव्या: तुम पर और किस पर?
राजेश: हम तो पहले दिन ही मर मिटे थे लेकिन तुम तो दिन पर दिन और खूबसूरत होती जा रही हो दिव्या.
दिव्या: बस बस ज्यादा मक्खनबाजी नहीं. जल्दी चलो तो जल्दी फ्री हो जायेंगे.
राजेश: हाँ हाँ चलो.
दिव्या: आज डिनर के लिए कहीं बाहर चलें?
राजेश: जान तुम भूल गयी क्या? कर्नल लाला ने हमें आज डिनर पर बुलाया था.
दिव्या: हाँ ध्यान से उतर गया. क्या पहनूं बताओ.
राजेश: कुछ भी पहन लो जान. तुम तो इंडियन वेस्टर्न सबमें अच्छी लगती हो और न पहनो तो और भी अच्छी लगती हो.
दिव्या: तुम भी न. चलो साड़ी ही पहन लूंगी.
राजेश: अच्छा सुनो न. मैं एक नाईटी लाया हूँ. एक बार वो भी पहन कर दिखाओ न.
राजेश दिव्या को पैकेट देता है. दिव्या खोल कर देखती है. नाईटी काफी सेक्सी और एकदम ट्रांसपेरेंट थी.
दिव्या: ये क्या ले आये, मैं ऐसे कपडे कब पहनती हूँ?
राजेश: तो अब पहन लो न. कल मुझको वापस जाना है तो एक बार पहन कर दिखा दो न.
दिव्या: ओफ्फो कल क्यों जाना है?
राजेश: फोन आ गया है यार. कुछ दिन के लिए जाना होगा लेकिन जल्दी ही आ जाऊंगा. अब तो पहन लो.
दिव्या: अरे यार. चलो अभी नहीं रात में डिनर के बाद पहन लूंगी. ओके .
राजेश: ओके जान.
दिव्या थोडा आराम करके डिनर के लिए तैयार होने लगती है. हालाँकि वो एक ड्रेस पहनती है फिर भी वो काफी हॉट लग रही थी.
राजेश: किस पर बिजली गिराने का इरादा है मेरी जान.
दिव्या: तुम पर और किस पर?
राजेश: हम तो पहले दिन ही मर मिटे थे लेकिन तुम तो दिन पर दिन और खूबसूरत होती जा रही हो दिव्या.
दिव्या: बस बस ज्यादा मक्खनबाजी नहीं. जल्दी चलो तो जल्दी फ्री हो जायेंगे.
राजेश: हाँ हाँ चलो.