Incest सपना-या-हकीकत

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rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

Post by rajan »

जैसे जैसे मै मामी की चुत की तरफ जाता वो उनकी सिस्क बढ़ती जाती
फिर वो पल आया जब पहली बार मैने मामी के चुत की खुस्बु ली और लपालप से जीभ को उनकी झाटो मे चुत के दाने खोजते हुए फेरने लगा

मामी - सीई अह्ह्ह्ह मेरे राजा उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ्फ खा जाओ मेरी चुत को उम्म्ंम
मामी गाड़ पटकने लगी थी

कुछ ही पलो मे मामी के बुर के होठ मेरे होठो के गिरफ्त मे आ गये और मैने दोनो हाथो से मामी की झाटो को साइड करके मामी के चुत के होठो को अपने मुह मे चुबलाना शुरु किया

मामी गाड़ पटक रही थी - अह्ह्ह्ज उह्ह्ह हाअय्य्य मा मर गयीईईई खा जा मेरे बुर को मेरे राजा ,,, कहा था तू अब तक रे अह्ह्ह्ह और चुस मेरे हीरो अह्ह्ह्ह खा जा अपनी रानी की चुत

मै लपालप मामी की चुत मे जीभ डालकर अंदर घुमाये जा रहा था ,,कुछ ही पलो मे खट्टे मीठे पानी का सैलाब मेरे मुह मे आया

मामी - अह्ह्ह्ह अह्ह्ह मै झड़ रही हू मेरे राजा अह्ह्ह बचा ले मुझे अह्ह्ह मा उफ्फ़ हाय्य दईया ये दर्द उम्म्ंम मा उफ्फ्फ चाट ले मेरे चुत को मेरे हीरो
जैसे ही मै मामी की चुत से हटा , मामी झट से उठी और ग्प्प से वापस मेरे लण्ड को मुह मे भर कर चूसते हुए अपनी चुचिया मिजने लगी

मै -ओह्ह्ह मेरी रानी इतनी प्यासी हो लण्ड के लिए अह्ह्ह और चुसो अभी तो आपके इस गुलाबी भोस्दे मे भी तो घुसना है अह्ह्ह लोगी ना मामी मेरा लण्ड अपनी बुर मे
मामी - अह्ह्ह हा मेरे राजा क्यू नही गुउउउऊ गुउउऊ गुउऊ सुउउर्रृऊऊऊऊपपपपप अह्ह्ह्ज कितना मोता लौडा है मेरे राजा ,,,बहुत मज़ा आ रहा है
मै - चुस लो मेरी जान अह्ह्ह इह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्ंम इसस और और हा अह्ह्ह

फिर मै मामी को अलग किया और घोड़ी ब्ना कर उन्के गाड़ को चूम्ने लगा

मै - आह्ह मामी सच मे इत्नी गोरी गाड़ मैने किसी की नही देखी
मामी - अच्छे से देख लो मेरे राजा और चोदो मुझे

मै झट से अपना गिला लण्ड मामी की चुत मे सेट किया और एक जोरदार धक्के से अंदर पेल दिया

मामी - अह्ह्ह्ह मा उह्ह्ह साले सच मे भोस्डा समझा है क्या ,,,आराम से चोद ना हाय्य्य मा,,, अह्ह्ह सीई उम्म्ं उफ्फ्च हा ऐसे ही अह्ह्ह हा हल्का हल्का अभी करो मेरे राजा अह्ह्ह उह्ह्ह्ह हम्म्म्म्ं

मै - क्या हुआ रानी ज्यादा तेज लण्ड डाल दिया क्या
मामी - हा मेरे राजा लेकिब भी मज़ा आ गया था हा ऐसे ही और चोदो मुझे अह्ह्ह बहुत मज़ा आ रहा है उफ्फ्फ्फ कितना गर्म लौडा है मेरे हीरो का उह्ह्ह अह्ह्ह
मैं मामी की गाड़ को मस्ल्ते हुए चोद रहा था ,,, बहुत ही मज़ा आ रहा था
फिर मैने पोजिसन बदली और मामी के जांघो को अपने कन्धों पर डाल कर लण्ड को वापस मामी की चुत मे उतार दिया

मामी - ओह्ह्ह मा उफ्फ्फ ये तो पेट तक जा रहा है हा थोडा तेज अह्ह्ह हा हा हा ऐसे ही ऐसे ही अह्ह्ह्ह मा ओह्ह्ह मा रुकना मत मेरे राजा और चोदो और और तेजज़्ज़्ज़ अह्ह्ह

मै थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप करके धक्के मामी की बुर मे लगाये जा रहा और खुद चरम सीमा पर पहुंच गया था

मै - अह्ह्ह मामी मेरा आयेगा
मामी - अंदर नही मेरे मुह मे डाल दो आह्ह जल्दी जल्दी
मै झट से उठा और लण्ड मामी के मुह पर ले जाकर हिलाने लगा और कुछ ही बार मे मेरा माल मामी के मुह पर गिरने ,, फिर मामी के मुह मे लण्ड डाल दिया जिसे वो चुस कर छोड दी औए अपने चेहरे पर ल्गे मेरे वीर्य को चाटते हुए मुस्कुरा रही थी

मै झुक कर उन्की एक चुची को मुह मे लेके चूसा और छोडदिया

मामी - ले लिया बदला न अब हू
मै - हा ले तो लिया लेकिन अभी और लेना है

मामी हस्ते हुए - बदमाश मै जान्ती थी अगर तुम्को मौका मिला तो तुम मुझे नही छोडने वाले
मै - फिर भी मुझे मौका दिया
मामी मुस्कुरा कर - आपने राजा बाबू को उदास कैसे कर सकती थी
मै - मुझे उदास नही देख सकती थी की मेरे लण्ड ने बेकाबू किया था सुबह से हीहीहि

मामी - नही तो ऐसा कुछ नही है
मै - आपका प्ता नही लेकिन मुझे आपकी मोटी तरबूजे जैसी गाड़ ने बहका दिया और आपकी ये दूधिया चुचे और झाटो से भरी चुत के क्या कहने

मामी शर्मा गयी - अब ब्स भी करो ये सब हमेशा अच्छा नही लगता है
मै झट से घुटनो के बल हुआ और आधे सोये लण्ड को मामी के मुह पे रख के उनकी चूची को मसलते हुए बोला - तो चलो ना मामी फिर से एक बार सेक्सी बाते करते है ।

मामी मेरा मतलब समझ गयी और मेरे लण्ड को चुस कर खड़ा किया ,,वापस से मैने मामी को एक बार और चोदा फिर हम लोग फ्रेश होकर करीब 2:30 बजे खाना खाने किचन मे चले गये ।


देखते है दोस्तो आने वाले अपडेट मे अब क्या कुछ नया होने वाला


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rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

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Update 48

मामी की दो बार जोरदार चुदाई करने के बाद हम दोनो किचन मे खाना खाने चले गये जहा मौसी बर्तन खाली कर रही थी ।

मामी - अरे दीदी रहने दो अभी मै कर दूँगी
मौसी - कोई बात नही है भाभी ये मेरा भी घर तो है
मामी - हा दीदी , वो मै इसलिये कह रही थी कि अभी मैने और राज ने खाना नही खाया ,,, कबसे काम कर रहे थे ।

मौसी - हा पता है छोटी ने बताया मुझे थोडी देर पहले इसलिये तुम दोनो का खाना मैने टेबल पर लगा कर ढक दिया है और गीता बबिता के लिए भी थोडा खाना रख दिया है ।

मामी - हा वो लोग भी आती होगी स्कूल से
मै - चलो मामी खाते है बहुत भूख लगी है ।

फिर हम लोग खाना खाने के लिए बैठ गये , बीच बीच मे मै मामी को छेड़ता और मामी मौसी की तरफ इशारा करते हुए चुप रहने को कहती ।
फिर मै खाना खा कर अपने रूम मे चला गया क्योकि थकान बहुत थी ।

कमरे मे कोई नही था शायद मा उठ गयी हो , फिर मै आराम से बिस्तर पर लेट गया और जेब से मोबाइल निकाल लिया ।

मोबाइल का लॉक खोला था मामी की खीची हुई तस्वीर सामने आ गई, मै मुस्कराया और फ़ोटो को एक सेफ़ जगह सेव कर दिया ।
इस समय तक मेरे मोबाईल पर दीदी के 14 मिस्काल और 6 मैसेज थे जिसमे 4 मसेज मे सिफ गुस्से वाली एमोजी थी ।
बाकी 3 मिस्काल कोमल के थे और 2 मैसेज भी थे । जिसमे वो बता रही थी कि आज 3 बजे के बस से वो घर वापस जा रही है ।

मै झट से समय देखा तो अभी 5 मिंट कम थे । मै फुर्ती से उठा और चप्पल पहना तुरंत घर से निकल गया ।
जैसे ही गेट क्रॉस करके आगे हुआ तो तेज़ी से गाव के बाहर के सरकारी स्कूल की तरफ दौड़ते हुए जाने लगा ।
कारिब 3 मिंट मे मै स्कूल से करीब 20 मीटर पहले तक पहूच गया लेकिन आस पास कोई नही था । ना कोई बस ना कोमल और उसकी मा सिर्फ सन्नाटा
मैने घड़ी देखी तो तीन बजकर दो मिंट हो गये थे ।
मै निराश होकर पलट कर घर जाने लगा । तभी मेरे कानो मे स्कूल के छुट्टी वाली घंटी की आवाज आई और दुसरी तरफ एक बस होर्न बजाते हुए मेन रोड पर आ गई ।

बस की होर्न सुनते ही मै पल्टा तो देखा उससे कुछ लोग उतर रहे थे और वही स्कूल के पास सड़क के किनारे लगे पीपल के पेड़ के निचे से उठ कर कोमल और उसकी मा बस की तरफ जाने लगे ।
जैसे ही मेरी नजर उन दोनो पर गयी मै खुशी से पागल हो गया ।
इधर मै उन दोनो की तरफ बढ़ता उससे पहले स्कूल के बच्चे तेज़ी से बाहर आने लगे कुछ ही पलो मे पुरा रास्ता और ग्राउंड बच्चो से भर गया । कोमल वापस मेरे आँखो से ओझल होने लगी
मै बेचैन होकर बस की तरफ भागा ये बीस मीटर की दुरी जैसे 100 मीटर की हो गयी ।
ना आगे बढ़ने का दाव ना कोई रास्ता दिख रहा था
जब तक मै मेन सड़क तक पहूच पाता बस निकलने लगी और काफी ज्यादा स्कूली बच्चे भी उसी बस मे चढ़ गये जिससे बस पूरी भर गयी। मै खिडकी दर खिडकी दिवानो की तरह कोमल को खोजता रहा लेकिन वो नही दिखी और आखिरकार बस निकल गयी।
मै एक बार फिर से निराश हताश होकर वापस घूम गया गाव की तरफ तभी एक स्कूल गाड़ी होर्न बजाते हुए तेज़ी से मेरे बगल से गुजरी । मुझे तेज होर्न से इतना गुस्सा आया और मै झट से एक पत्थर उठाया और मारने के लिए बस की तरफ हाथ फेरा ही था की सामने करिब 50 मीटर दुरी पर मुझे कोमल बैग लेकर वापस गाव की तरफ अपनी मा के साथ जाते हुए दिखी ,, और वो गाड़ी उन दोनो को भी होर्न देते हुए आगे बढ़ गयी । तेज होर्न से कोमल मे झट से अपने कान ढक लिये थे ।

और मै कोमल को देख कर तेज़ी से भागा कुछ ही पलो मे उसके बगल मे खड़ा उनको निहारे जा रहा था । हरे रंग की चूड़ीदार सूट सलवार मे गजब की लग रही थी ।

विमला - अरे राज बेटा तुम यहा
मै चौका अब इन्हे क्या बोलू की मै किस लिये आया था और वही कोमल मुह पर हाथ रखे मुस्कुरा रही थी ।
विमला - बताओ बेटा क्या हुआ ,,तुम यहा कैसे

मै - मै वो ,,,,वो वो ,,,,,हा वो नाना की तबीयत नही ठीक है ना तो नाना के एक दोस्त आने वाले थे उनको देखने , 3 बजे के बस से उन्ही को लेने आया था
विमला - अच्छा तो वो कहा है
मै - अरे वो दुसरी बस से आयेंगे जो अभी लेट है ।
विमला - हा बेटा लेट हो गयी हम लोगो से खुद
मै - हा मौसी आप लोग वापस क्यू आ गये

विमला - अरे बेटा स्कूल से छुट्टी हुई तो बच्चे जल्दी जल्दी बस मे चढ़ गये और हमे जगह ही नही मिली , और तो और अब कोई बस भी नही है तो चमनपुरा तक जाये

मै - फिर तब
विमला - अब क्या करूगी बेटा वापस घर जा रही थी , आज घर पर भी कोई नही है , इसका मामा भी चला गया है अपनी मेहरारू को लेने
मै - हा चलिये मै भी उधर ही चलता हू
विमला - वैसे चाचा जी को क्या हुआ है
मै - अब उम्र है मौसी तो बीपी की समस्या है ,
विमला - अच्छा
मै - चलो मौसी आप भी हमारे यहा ही चलो ,,इसी बहाने आप मेरे नाना से हाल चाल भी ले लेना और मै तो कहता हू आज हमारे यहा ही रुको कल हम सब साथ मे चलेंगे घर हिहिहिही
मै ये बोल कर एक नजर कोमल की तरफ देखा तो वो बस मुस्कुराये जा रही थी ।
विमला - अरे नही नही बेटा ऐसे कैसे रुक जायेंगे
मै - आप चल रहे हो या मा को फोन लगाऊ हिहिहिही
विमला - ठीक है बेटा चल वैसे भी घर की चाभी इसका मामा लेके चला गया है ।
मै - हमम ठीक है आओ च्लते है ,,चलो कोमल

फिर विमला मौसी आगे आगे चलने लगी और मै कोमल से

मै - लाओ ये बैग मुझे देदो
कोमल - नही ठीक है ज्यादा भारी नही है
मै - क्यू भारी भरकम रहेगा तभी उठाने दोगी हा ,,, मजदूर थोडी हू हिहिहिही
कोमल - ठीक है बाबा लेलो
फिर मै कोमल के हाथ से बैग लिया और हम घर की तरफ जाने लगे ।

हम तीनो लोग घर पहुचे और मै उनहे गेस्ट रूम मे ले गया ।
मैने उन्हे सोफे पर बिथाया और बोला अभी आता हू जैसे ही मै बाहर की तरफ का रुख करता की मौसी और मामी कमरे मे पानी लेके आ गयी ।

अरे मौसी मामी आप लोग मै भी पानी लेने ही आ रहा था ।
विमला - अरे इसकी क्या जरुरत है राज बेटा हम लोग बाहरी थोडी है
मौसी - घर की होकर भी एक बार मिलने नही आई महारानी

मामी ने मीठा और पानी का ट्रे टेबल पर रखा और सामने बेड पर बैठ गयी और उनके एक बगल मे मौसी बैठ गयी दुसरे बगल मे मै खुद

विमला मौसी के बातो का जवाब देते हुए - ऐसे ना कहिये दीदी मै तो जब भी आती हू सुनीता भाभी से जरुर मिलती हू आप ही नही होती है ।

इधर ये लोग बाते करने मे लगे थे और मै कोमल को बार बार इशारे से बाहर आने को बोल रहा था , बदले मे वो ना ना करके इशारे मे ये कहती की कैसे सबके सामने जाऊ ।

उसकी भी बात ठीक थी क्योकि मामी और मौसी ने तो जैसे सवालो की लड़ी लगायी थी उसपे , क्या कर रही थी ,कैसे पढाई हो रही है , उसके साथ क्या सिख रही हो , आगे क्या करना है ।

मै सोचा ऐसे नही काम चलेगा
मै झट से उठा - मामी मै मा को बुला कर लाता हू
और मै कमरे से बाहर निकल कर अपने रूम की तरफ जाते हुए मोबाइल से कोमल को मैसेज किया कि वो बाथरूम का बहाना बनाकर बाहर आये ।
ना जाने क्यू मै इतना तडप रहा था कोमल के लिए उसकी तरफ एक अजिब सा खिचाव मह्सूस होता मुझे
मै जल्द ही अपने कमरे की तरफ गया तो मा अपने सुबह धुले कपडे स्त्री कर रही थी । मैने मा को बताया की विमला मौसी आई है और उनके साथ गेस्ट रूम की तरफ वापस आने लगा तभी बरामदे मे मौसी के साथ कोमल आती दिखी
जब हमारी मुलाकात हुई तो मौसी मुझसे बोली

मौसी - राज बेटा , जरा कोमल को बाथरूम की तरफ लिवा के चले जाओ
मौसी के पहल से मै और कोमल मुस्कुराये
मै - ठीक है मौसी , आओ चलो कोमल

फिर हम दोनो बाथरूम के तरफ निकल गये और मौसी मा के साथ गेस्ट रूम मे चली गयी ।

कोमल - क्या हुआ राज मुझे बाहर क्यू बुलाया
मै - बस ऐसे ही बात करने के लिए
कोमल - हा लेकिन सब लोग क्या सोचेंगे
मै हस्ते हुए - यही की तुम बाथरुम गयी हो हिहिहिही
कोमल मुस्करा कर- तुम बाज नही आओगे अपनी हरकतो से ,,,और इतना ही मन था तो तब फोन क्यू नही उठाया जब मै बार बार फोन किये जा रही थी।
मै - सॉरी यार वो मै मामी के साथ काम करने मे लगा था , लेकिन समय से आ गया था बस स्टैंड पर , और मुझे लगा
कोमल - क्या लगा
मै - मुझे लगा कि तुम चली गई
कोमल - कैसे जा सकती थी मै मेरा दोस्त जब उछल उछल कर खिडकी दर खिडकी मुझे खोज रहा था हिहिहिही

मै - मतलब तुम मुझे देख रही थी और बताया भी नही ।
कोमल - देख रही थी मेरा दोस्त मेरे लिए कितना तडप सकता है
मै - मै टुट गया था यार की बिना मिले तुम चली गयी
कोमल - ओहो ये तडप , कही प्यार तो नही
मै - नही यार तुम भी ना , मै तो बस ये सोच कर दुखी हुआ की कही तुम्हे बुरा ना लगे
कोमल - नही मै जानती थी कि तुम कही बिजी होगे तभी फोन नही उठाए हो ।
इधर हम दोनो बाते करते हुए बाथरूम तक पहुच गये

मै - जाओ मंजिल आ गई तुम्हारी
कोमल - अरे मुझे नही जाना तुम बोले इसिलिए मै आ गई
मै - अरे अब आई हो तो कर लो जो भी थोडा बहुत हो हिहिहिही
कोमल - तुम पागल हो , तुम ऐसी बाते कैसे कर लेटे हो यार कुछ तो लिहाज करो मै एक लड्की हू
मै - मैने पहले भी बोला था न कि मै दोस्तो से एकदम फ्रैंक होता हू
कोमल - ओह्ह्ह ऐसा क्या जी
मै - बिल्कुल जी , तो चले वापस या फिर
कोमल - नही नही चलो वापस
फिर हम लोग वापस गेस्ट रूम की तरफ जाने लगे कि तभी गीता बबिता भागते हुए मेरे पास आने लगी।

गीता - हाय भैया
बबिता - हेलो भैया
मै - हैलो मेरी गुडिया और मीठी , तुम दोनो कब आये
बबिता - हम तो उसी गाड़ी से आये जिसे मारने के लिए आप पत्थर उठा लिये थे हीहीहि
मै - उस गाड़ी मे आये तुम लोग , कितना तेज चला रहा था
बबिता - हिहिहिही हमे तो मज़ा आता है ना
गीता - भैया आप सादी कर रहे हो क्या
मै - नही तो किसने कहा
बबिता - तो फिर इनको लेके अकेले मे बात करने क्यू आये
मेरी और कोमल दोनो की हसी छूट गई

मै - अरे ये मेरी दोस्त है गुडिया और इनकी मम्मी का घर भी इसी गाव में है
गीता - अच्छा मतलब गर्लफ्रेंड है ना , हेलो भाभी मै गीता और ये बबिता

कोमल खिलखिला कर हँस पड़ी
मै - अरे नही मीठी ये सिर्फ दोस्त है मेरे साथ पढ़ती हैं और इनका नाम कोमल है
कोमल - और तुम दोनो मुझे दीदी बुलाओ भाभी नही हिहिहिहिही

बबिता - सॉरी भाभी ,,,अह मतलब दीदी हीहीहि
गीता - हा सॉरी कोमल दिदी
कोमल मुस्कराकर - कोई बात नहीं तुम दोनो मेरी छोटी बहन जैसी हो तो सॉरी कहने की जरूरत नही है ।

मै - समझ गये ना अब चलो और ध्यान रहे भाभी मत बुलाना चाहे कोमल आंटी बुला लेना
दोनो मेरी बाते सुन कर खिलखिला कर हँस पड़ी वही कोमल ने एक कोहनी से मेरे बाजू पर जोर से मारा की मेरी आह्ह निकल गयी ।

गीता - कोमल दिदी आप भी चलो ना आज हमारे साथ घुमने
कोमल - मै लेकिन कहा
बबिता - हमारे ट्यूबवेल पर , हम रोज जाते
गीता - आप भी चलो ना दीदी मज़ा आयेगा

कोमल - ठीक है बाबा पहले मा से पुछ लू तब ना
वो दोनो खुशी से कूदते फादते निकल गये छत की तरफ

कोमल - कितनी प्यारी बहने है तुम्हारी
मै - हा दोनो बहुत भोली है
कोमल - हा देखो ना मुझे तो अपनी भाभी बनाने का पुरा मन बना लिया था हिहिहिही
मै - हा और तुमने बेचारियो का दिल तोड़ दिया हहाहाहा
कोमल - छीई गंदे , अच्छा ये बताओ वहा ट्यूबवेल की तरफ क्या है

मै - कुछ नही हम वहा बस नहाने जाते है , एक बड़ा सा हाता है उसी मे
कोमल - फिर मै क्या करूंगी जाकर
मै - तुम भी नहा लेना यार इसमे क्या है
कोमल - धत्त मै नही नहाने वाली बाहर वहा
मै - अरे वहा कोई नहीं होता है बस हम 4 लोग ही होगे
कोमल - हा तो तुम भी होगे वहा न , तो मै कैसे नहा सकती हू
मै - क्यू मेरे सामने नहाने मे शर्म आयेगी क्या हिहिहिही
कोमल - और नही तो क्या , और तुम्हे नही आयेगी जैसे मेरे सामने नहाते
मै - मै क्यू शर्माने लगा भला तुमसे , तुम ने तो सब कुछ देख रखा है पहले से ही मेरा अब बचा ही क्या जो छिपा सकू हाहाहाहाहा

कोमल मुस्कुरा कर गुस्सा दिखाते हुए - बदमाश बहुत पिटूंगि तुम्हे
कोमल - यार तुम हमेशा वही सब बाते क्यू करते हो बार बार
मै - मुझे मेरा दोस्त शर्माता हुआ बहुत अच्छा लगता है ना इसिलिए हिहिहिही
कोमल - धत्त अब चलो कमरे मे मा से परमिशन लेलू

फिर हम लोग कोमल की मा को बोलकर चारो साथ मे निकल गये ट्यूबवेल के लिए ।


अब देखते हैं कि आगे क्या होने वाला है

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rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

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शाम करीब 4 बजे हम चारो घर से ट्यूबवेल के लिए निकल गये । गीता बबिता कल की तरह ही टीशर्ट कैफ्री मे थी वही कोमल ने अपने कपडे बदल कर एक ढीला प्लाजो और कुर्ती पहने हुए थी साथ मे गले मे एक हल्का दुपट्टा लपेटे थी ।
रास्ते मे गीता बबिता दोनो कोमल को वही बाते बता रही थी जो मै कल सुन चुका था ।
मै उन सब की बाते सुनते हुए सबसे पीछे चल रहा था ।
तभी मेरा मोबाइल रिंग हुआ और जब मैने फोन देखा तो मेरी फट गई
क्योकि सोनल दीदी फोन कर रही थी
अब तो मुझे समझ नही आ रहा था कि क्या बोलू और फोन कटने से पहले उठाना नही तो क्या होता मुझे भी नही प्ता
खैर हिम्मत करके मै फोन उठा कर हेल्लो कहा ही था
उधर से तेज आवाज मे गाली के साथ दीदी का भाषण शुरू हो गया और जब वो शांत हुई तब
दीदी - अब बोल बोलता क्यू नही
मै - सॉरी दीदी लेकिन आप बोलने दो तब ना ,,मै मामी के साथ काम करवा रहा था और मोबाइल चार्ज मे लगा था ।
अभी को गीता ने मुझे लाकर दिया है

दीदी - हा ठीक है और सुन कल आ रहा है ना
मै - हा दीदी पक्का अब रखु
दिदी - कुछ काम है बात नही कर सकता क्या थोडी देर भाई
मै - वो मै थोडा बाहर खेतों की तरफ आया था ना

इसिबिच कोमल ने मुझे फोन पर बात करते देखा तो बोली - क्या हुआ राज चलो ना जल्दी
लेकिन कोमल की आवाज सुनते ही दीदी वापस से भडक गयी
दीदी - वो कौन थी जरा बता तो , मिल गई ना कोई तुझे वहा , मेरा शक सही था मतलब , तू भी सबकी तरह है बस मज़े लेना जानता है , जा अब उसी के साथ रह मुझसे बात मत करना
मै - अरे अरे रुको यार वो कोमल है तुम्हारी क्लासमेट
दिदी चौक कर - कोमल , वो वहा कैसे
मै - तुम खुद बात कर लो और मेरा पिछा छोडो

फिर मैने कोमल को फोन दिया और वो दोनो बाते करने लगी और तब तक बात खतम नही हुई तब तक हम ट्यूबवेल पहुंच नही गये । फिर कोमल ने वापस मुझे फोन दिया

फोन पर
मै - हो गया बात , हो गयी तसल्ली
दीदी - सॉरी ना भाई नाराज न हो आई लव यू ना
मै - मक्खन ना लगाओ , कल आता हू तब देखता हू कि कितना याद आ रही है
मै - अब रखो फोन बाय
दीदी - बस बाय और कुछ नहीं
मै मुस्कुरा कर- ठीक है आई लव यू टू
दीदी - और चुम्मा
मै - सब मै ही दू कुछ अपने होने वाले पति से भी माग लिया करो
दीदी - वो आया था और लेके गया भी हीहीहि
मै - मै भी कल आकर हिसाब बराबर कर लेता हूं उम्म्म्म्म्म्म्माआआआह्ह्ह अब बाय
दीदी ह्स्ते हुए - हा बाय

इधर हम तीनो ट्यूबवेल पहुच गये थे । ट्यूबवेल पहूच कर बबिता ने झोले से चाभी निकाला और मोटर चालू कर दिया । कुछ ही समय मे हाते मे पानी भरना शुरू हो गया ।

कोमल - अरे वाह ये सच मे बहुत मज़ेदार जगह है , कितना शांत है यहा और कोई आता जाता भी नही है
गीता - आप भी आओ नहा लो दिदी
कोमल एक नजर मुझे देखी क्योकि मै एक कातिल मुस्कान से उसे देखे जा रहा था
कोमल - अरे नही नही तुम लोग नहाओ मुझे नही नहाना है
गीता - ठीक है दीदी अगर मन हो तो आजाना
बबिता - अरे भैया आप तो आओ
मै - तुम लोग चलो मै आता हू

फिर बबिता गीता वैसे ही कपड़े पहने हाते मे कूद गये । मुझे तो डर था कही ये लोग कल की तरह आज भी कपडा ना निकाल दे
उधर गीता बबिता पानी मे मस्ती करने लगी जिसे देख कर कोमल खिलखिला कर हस रही थी
मै अपने कन्धे से उसके कंधे पर हल्का धक्का देकर बोला - क्यू चल रही हो ना फिर नहाने

कोमल शर्मा कर - तुम पागल हो क्या जी , मै कैसे यहा पर वो भी तुम्हारे सामने
मै - ठीक है फिर मै जा रहा हू
कोमल मुस्कुराते हुए - हा जाओ

मै झट से अपना लोवर टीशर्त निकाल कर अंडरवियर मे आ गया , मुझे देख कर कोमल ने मुह फेर कर मुस्कुराने लगी ।

मै धीरे से बोला - अब क्या शर्मा रही हो सब देखा हुआ है तुमने
उससे पहले वो कुछ रियक्ट कर पाती मै छपाक से पानी मे कूद गया और गीता बबिता के साथ पानी मे मस्ती करने लगा । थोडी देर बाद कोमल ने बबिता को आवाज दी

कोमल - बबिता सुनो जरा
और बबिता हाते के किनारे पर जाकर खड़ी होकर कोमल की बात सुनने लगी
कोमल बहुत धीरे धीरे बबिता से कुछ कह रही थी बदले मे बबिता इशारे से एक तरफ हाथ कर के कुछ बता रही थी । फिर ना जाने क्या हुआ की बबिता ने मुझे आवाज दी

मै - हा गुडिया बोलो
बबिता - भैया आप दीदी के साथ वहा लिपस्टिक वाले बाग मे चले जाओ
मै - वहा क्यू जाना है कोमल
बबिता - वो दिदी को बाथरूम जाना है और उतना दुर हम लोग ऐसे कैसे जाये

मै एक नजर कोमल को देखा तो वो दुसरे तरफ मुह किये खड़ी थी
पीछे से उसकी उभरी हुई गाड़ की गोलाई कुर्ती के उपर से भी दिख रही थी । मै खुश हुआ और झट से बाहर निकल गया । मै पुरा भीग हुआ था साथ मेरा अंडरवियर भी मेरे आधे खडे लण्ड से चिपका हुआ था ।

कोमल ने एक नजर मुझे देखा और बोली - ऐसे ही च्लोगे क्या

मै - मुझे कोई दिक्कत नही है चलो
फिर हम दोनो मुस्कुराकर आगे बढ़ गये ।
थोडी दुर आगे आने के बाद
मै - तुमको बाथरूम जाना था तो मुझे भी बोल सकती थी ना
कोमल कुछ नही बोली ब्स मुस्कुराती रही
फिर हम लिपस्टिक के बाग मे आ गये जो करीब 5 6 बीघे मे फैल हुआ था । ये बाग भी मेरे नाना का था ।

मै - जाओ जल्दी से आओ मै यही हू
कोमल मे एक नजर उस घने बाग को देखा तो उसकी हिम्मत नहीं हुई की वो अन्दर जाये
कोमल - राज मै अन्दर कैसे जाऊ कितना डरावना है
मै - तो फिर यही बाहर कर लो मै दुसरी तरफ देख रहा हू

कोमल के पास कोई चारा नही था सिवाय मेरी बात मानने का
कोमल थोडा झिझक कर - ठीक है तुम थोडा उधर देखो और मेरे तरफ मत घुमना
मै - ठीक है लेकिन जल्दी करना , एक तरफ ज्यादा देखने से मेरी गरदन मे दर्द होने लगता है
कोमल हस्ते हुए - हा ठीक है पहले उधर घूमो
फिर मै कोमल की तरफ पीठ करके घूम गया
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