Incest सपना-या-हकीकत

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rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

Post by rajan »

इस बीच मुझे घासो की खस खस सुनाई दी और फिर एक मधुर संगीत, जिससे पता चलने लगा की कोमल मुत रही थी । ये सोच कर की कोमल अपनी मुलायम गोरी गाड़ फैलाये मेरे पीछे ही मुत रही है, इस उत्तेजना ने मेरे लण्ड मे नयी हलचल भर दी और मेरा लण्ड तन गया ।
करीब तीन मिंट होने को आये और अब तक कोमल के मुतने की आवाज भी बन्द हो चुकी थी ।
मै - अरे कितना समय लगेगा जी मेरा गरदन दर्द हो रहा हो
कोमल थोदा परेसान आवाज मे - राज मेरा प्लाजो ये एक झाड़ मे फस गया है , तुम घुमना मत प्लीज ,,बस एक मिंट थोडा रुको ना
मै खुश हो गया चलो इसी बहाने कुछ दर्शन हो जायेगा
मै - थोडा जल्दी करो कोमल देखो कोई आये ना इस तरफ
मेरी बात सुन कर कोमल और हडबड़ा गयी
कोमल - ये निकल नही रहा है राज ,
मै थोडा सा गरदन घुमा कर - मै कुछ मदद करु
कोमल चौक कर - नही , ब्स एक मिंट रुको ना
मै - कोमल समझो मुझे हैल्प करने दो ,, अगर कोई हम दोनो कोई ऐसे देख लिया तो बहुत गड़बड हो जायेगी ।
कोमल डर से मजबुर होकर - ठीक है ,,,आओ
मै एक शैतानी मुस्कान से घुमा तो देखा कि कोमल सीधा खड़ी है और उसने फुल वाली काले रंग की लॉन्ग पैंटी पहनी हुई थी , और उसने ब्लैक प्लाजो का दाहिना हिस्सा पकड़ा हुआ जो उसके घुटनो तक टगा हुआ था और बाया साइड जो बगल के एक झाड़ से फसा हुआ था
उसकी गोरी गोरी जान्घे और पिंडलियों पर हल्के बाल थे ।
कोमल मुझे खुद को ऐसा घुरता देख बोली - जल्दी करो राज प्लीज
मै झट से कोमल के बाई तरफ गया जिस तरफ का प्लाजो झाड़ में फसा हुआ था । मै कोमल के प्लाजो को पकड कर हल्का हल्का निकालने लगा
कोमल - जरा आराम से राज फटे नही ,
मै बडे आराम से उसका प्लाजो निकाला - हो गया अब पहन लो
कोमल ने झट से घूम कर प्लाजो उपर चढा लिया
कोमल - चलो राज अब
मै - क्या चलो कोई थैंक्स वैंकस नही मिलेगा क्या
कोमल इतरा कर- हा थैंक यू
मै सोचा इससे बात कैसे आगे बढ़ाऊ कुछ तो ऐसा करू जिस्से ये मुझसे सेक्स वाली बाते करे
मै - रुको थोडा मै भी फ्रेश हो लू
ये बोलकर मै जहा था वही खड़ा होकर झट से अपना लण्ड बाहर निकाला और एक तेज धार से मूतने लगा
कोमल इससे पहले कुछ बोल समझ पाती उसकी नजरे मेरे धार देते मोटे टोपेदार लण्ड पर रुक गयी और आवाज गले मे ही ।
कोमल को चौकन्ना देख मै उसकी खिचाई करने के मूड मे बोला - अरे अरे क्या कर रही हो उधर देखो
कोमल जैसे ही मेरी आवाज सुनी शर्मा गयी और पलट गयी ।
कोमल मुस्कुरा कर - तुम बता नही सकते थे क्या
मै मुत कर लण्ड झाड़ कर अंडरवियर मे रख दिया और बोला - अरे तुम को भी तो चाहिये ना की देख ली तो घूम जाना चाहिए,,,तुम तो नजरे गडाये ऐसे देख रही थी कि जैसे कितना पसंद हो गया हो
rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

Post by rajan »

कोमल मुस्कुरा कर - भक्क पागल , ऐसी बात नही है वो तो बस
मै - क्या बताओ ना
कोमल मुस्कुरा कर - कुछ नही
मै - बताओ ना, तुम भी इतना शर्माती हो ना
कोमल - वो मै इतना बड़ा नही देखा था कभी इसलिये , और लड्की हू मै शर्माना हक है मेरा
मै बात उधेरते हुए - क्या सच मे तुमको बड़ा दिखता है मेरा
कोमल थोडा झिझक कर - हा मैने ऐसा पहले नहीं देखा था
मै थोडा मजाक मे - तो मुझसे पहले किसका देखा था हाह्हाह्हा
कोमल हस्ते हुए मुझे मारने आती है मै थोडा सा दौड़ आगे हुआ
कोमल खीझ कर - तुमको सच मे पीट दूँगी मै
मै हसते हुए - अभी तुम्ही तो बोली ना की इससे बड़ा नही देखी ,,इसका मतलब इससे पहले किसी का देखी हो

कोमल - हा तो राह चलते नजर पड़ जाती है , तुम लोगो की तो आदत है खड़ा होकर कहो भी शुरू हो जाने की

मै थोडा उसकी खिचाई करते हुए - वैसे मै कभी ध्यान नही दिया कि तुम भी सुन्दर हो यार
कोमल हस्ते हुए - अच्छा जी बड़ी मेहरबानी जो हमे इस काबिल समझा
मै - हा सच मे असली खुबसूरती अंदर ही छिपी होती है हिहिहिही
कोमल समझ गई की मै क्या बात कर रहा हू - तुम मेरी खीचाई कर रहे हो या तारिफ
मै - अभी तक देखा ही क्या जो तारिफ करू , कोमल के सामने उसको ताड़ते हुए कहा
कोमल शर्मा कर - तुम ना पिटोगे मुझसे और ये तुम्हारा ऐसे ही रहता है क्या
कोमल मेरे अंडरवियर मे लण्ड से बने टेन्ट को देख कर बोली
मै - हा कभी कभी क्यू
कोमल थोडा अजीब सा मुह बना कर - दर्द नही होता
मै ह्स्ते हुए - होता है तो तेल से मालिश कर लेता हू ना आराम हो जाता है
कोमल - हम्म्म ये बात
मै - वैसे दर्द तो अभी भी हो रहा है
कोमल थोडा फ़िकर के भाव मे - तो मालिश कर लो
मै - लेकिन यहा तेल कहा मिलेगा
कोमल थोडा उत्सुकता से मानो वो मेरे लण्ड को देखने को बेचैन हो - तो वैसे ही सहला लो ना निकाल कर ,, इतना कसा हुआ पहनते भी तो ये
मै सोचा कोमल क्या सच मे इंटरेस्ट ले रही है
मै थोडा सा मुह बना कर - लेकिन कहा , वहा तो गीता बबिता होगी ना
कोमल थोडा उत्सुकता से - ऐसा करो यही खडे होकर कर लो यहा कोई है नही और वो लोग भी दुर ही है अभी
मै भी मौके का फायदा उठा कर झट से वापस लण्ड निकाला सच मे बहुत आराम मिला क्योकि कोमल के साथ कामुक बाते करने से मै बहुत उत्तेजित मह्सुस कर रहा था ।

एक बार फिर से कोमल के सामने लण्ड को थामा और इस बार चमडी आगे पीछे कर हिलाने लगा
मै जानबुझ कर ऐसे आवाजे करने लगा जिससे कोमल को लगे की मुझे थोडी राहत मिल रही है
कोमल को मानो सच मे मेरी फ़िकर महसूस हो रही थी
कोमल - क्या हुआ राज दर्द ज्यादा तो नही है ना
मै - हा वो काफी समय से अंदर था ना बाहर निकालने से अचानक दर्द बढ़ गया है अह्ह्ह ,,,मैं लगातार लण्ड की चमडी आगे पीछे किये जा रहा था
कोमल - तब क्या करोगे राज ऐसा करो घरो चलते है वही मालिश कर लेना
मुझे भी खुले मे कुछ करने मे डर लग रहा था तो मै बोला - हा सही कह रही हो कोमल ,,
कोमल - हा चलो
मै थोडा सा परेसानी का भाव लाते हुए - कोमल क्या तुम इसे अंदर कर दोगी ,,, मै दोनो हाथ से अपने अंडरवियर की लास्टीक को फैलाये हुए था और मेरा लण्ड का सुपादा उसी लास्टीक पर टिका हुआ था
rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

Post by rajan »

कोमल थोडा हिचकी लेकिन मुझे परेसान देख वो थोडा सा हिम्मत करके मेरे लण्ड के सुपाडे को दो उंगलियो से पकड कर उठाना चाहा तो गिर गया
और मै जान बुझ कर आह्ह निकाला
कोमल - सॉरी सॉरी
फिर इस बार कोमल ने बीच से मेरे लण्ड को थामा
कोमल - ओह गॉड, ये तो कितना तप रहा है राज
मै - हा अब डालो इसे इस्स्स्स
कोमल ने जल्दी से लण्ड को मेरे अंडरवियर मे डाला और फिर हम ट्यूबवेल की तरफ निकल गये ।
कोमल को सच मे मेरे लिए फ़िकर देख कर मुझे थोडा अजीब सा लगा कि क्या इतनी अच्छी लडकी का फायदा उठाना सही होगा ।
वही कोमल के मन मे काफी सवाल थे जो वो मुझे पुछ रही थी और मै उसको घर पर बात करने का बोल कर टाल दिया क्योकि बातो ही बातो मे हम ट्यूबवेल तक आ चुके थे ।
जहा गिता बबिता नहा कर कपडे बदल लिये थे और हमारा इन्तेजार कर रहे थे ।

गीता - क्या भैया हम कबसे यहा इंतजार कर रहे है
कोमल - सॉरी गीता
बबिता - भैया चलो आप कपड़े पहन लो बुआ ने आपके मोबाईल पर फोन किया था घर बुला रही है ।

मेरा अंडरवियर लगभग सुख चूका था तो मैने झटपट मे अपने कपड़े पहन लिये और फिर हम लोग निकल गये घर की तरफ ।


देखते है दोस्तो आगे क्या होने वाला है।
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rajan
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Post by rajan »

हम चारो खेत से घर के लिए निकल गये ।
रास्ते मे कोमल बार बार मेरे तरफ देखती और मुस्कुराती , जब मै इशारे से पछता क्या हुआ तो वो ना मे सर हिला देती और आगे चलने लगती ।
शाम करीब 6 बजे तक हम सब घर पहुचे तो आगन मे खटिये पर सारे लोग बैठे चाय नास्ता कर रहे थे ।
मामी और मामा एक खाट पर बैठे हुए थे ।
नाना एक खाट पर लेटे हुए थे उनके बगल मे मौसी बैठी उनका पैर दबा रही थी । वही विमला मौसी , मामी के बगल वाली खाट पर बैठी थी । मा कही नजर नही आ रही थी ।

हमे एक साथ आता देख कर नाना बोले - आजाओ बच्चो तुम भी बैठो
मामी - हा बच्चो बैठो मै तुम लोगो के लिए चाय लाती हू ।

फिर मै और गीता एक खाट बिछा कर बैठ गये कोमल और बबिता , विमला मौसी के साथ बैठ गयी ।
नाना बबिता - कहा घुमाने ले गयी थी गुडिया सबको
बबिता - वो बाबा हम लोग ट्यूबवेल पर गये थे घुमाने
नाना - अच्छा , फिर तो तुम दोनो नहाए होगे , मस्ती किये होगे हाहाहाहाहा
बबिता - हा बाबा , और भैया भी नहाए थे हम लोगो के साथ

नाना कोमल की तरफ - और तुम बिटिया तुम नही की मस्ती
कोमल - नानू वो मै दोपहर को ही नहा ली थी तो मन नही था लेकिन मस्ती हम सबने की ।
फिर नाना ने मेरी तरफ देखा - और मेरे शेर क्यू गुमशुम से क्यू हो यहा आ मेरे पास

मै उठा तो एक नजर कोमल को देखा तो वो बडे उदार नजरो से मुझे देख रही थी , मानो उसकी नजर मे कितना असहाय हो गया हू ।
मै नाना के पास उनकी जांघ के बगल मे बैठ गया ।
नाना मेरे हाथ पकड कर - बेटा कोई दिक्कत तकलीफ तो नही है ना यहा तुझे
मै मुस्कुरा कर - नही नाना जी ,,मुझे क्या तकलीफ होगी ।
नाना - बिलकुल यहा सब कुछ तेरा ही तो है और हमारे बाद सब कुछ मेरे नतीयो का ही होने वाला है हाहाहाहहा

मै मुस्कुरा रहा था इतने मा और मामी चाय का ट्रे लिये आ गयी ।
मामी - चलो बच्चो नास्ता कर लो तुम भी
फिर मामी और मा ने वापस से सबको चाय दी और हम सब बाते करते हुए चाय का मज़ा लेने लगे ।
इस दौरान मै विमला मौसी को नोटिस किया की वो बार बार को देख कर मुस्कुरा रही है ।

और मेरी नजर जब मामा पर गयी तो पता चला कि वो तो विमला मौसी को ताड़ रहे थे ।
अब ताडते ही क्यो नही एक तो कसे बदन वाली विमला मौसी और वही मामा का मिजाज ठरक से भरा हुआ

एक तरफ जहा मामा और विमला मौसी के बीच नैन मट्क्का चल रहा था वही कोमल थोडी उदास दिख रही थी , मैने उसे इशारे से पुछा की क्या हुआ वो फिर ना मे सर हिला दी ।

ऐसे ही 7 बजने को आये तो मै उठा और कमरे में जाने लगा ।
मा - कहा जा रहा है बेटा
मै - मा थोडा आराम करने का सोच रहा हू , खाना का टाईम हो तो बुला लेना

मामी - हा बेटा तुम आराम कर लो वैसे भी आज बहुत किये हो ,,ये बात मामी मुस्कुरा कर बोली
मै समझ उनका तंज और मुस्कुरा कर उठने लगा

मौसी - चलो भाभी हम लोग रात के खाने की तैयारी कर ले
मामी - हा दीदी चलिये
विमला - चलिये मै भी चल्ती हू

मामी - अरे दीदी आप आराम करिये बात चित करिये
मामा - हा विमला बैठो थोडा बहुत दिन बाद तो आई हो ।

फिर मै उथा और जाने लगा
गीता बबिता भी मेरे साथ ही जाने लगी अपने कमरे मे उनके होमवर्क बाकी थे ।
तो कोमल अकेले क्या करती वो भी गीता बबिता के कमरे मे चल गयी ।

बाहर अब खाट पर नाना सोये थे ।
मा उनको हवा करते हुए विमला से बात कर रही थी और वही मामा विमला मौसी को ताड़ रहे थे ।

मै अपने कमरे मे पहुचा और झट से अपने कपडे निकाले और अंडरवियर बदल कर वैसे ही लेट कर मोबाईल खोल कर चलाने लगा ।

अभी ज्यादा समय नही हुआ था कि किसी ने दरवाजा खटखटाया

मै - खुला है आजाओ अन्दर
दरवाजा खुला तो देखा कि कोमल थी और उसके हाथ मे नारियल के तेल की शिशि थी।
और उसने दुपट्टा भी नही लिया था ,,,जिससे उसकी चुचियो का उभार साफ दिख रहा था ।

मै - अरे कोमल तुम , आजाओ और दरवाजा बंद कर देना

कोमल चुपचाप से दरवाजा बंद की और मेरे बिस्तर पर बैठ गयी ।
मै - क्या हुआ कोमल तू ऐसे चुप क्यू हो

कोमल शर्मा कर - वो मै तुम्हारे लिए ये तेल लाई थी मालिश के लिए
मै कोमल की बाते सुन कर सोचने लगा अरे वाह कोमल ने खुद से मेरा ख्याल रखते हुए मेरे लण्ड के लिए तेल लेके आई है ।
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