सैलाब दर्द का

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koushal
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सैलाब दर्द का

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सैलाब दर्द का

दोनों का तलाक मंजूर किया जाता है।आज से आप दोनों का कोई रिश्ता नहीं।
जनवरी का महीना था, ठंड बढ़ गई थी, शॉल में खुद को लपेटे शिल्पा ने गहरी साँस ली।
जज साहब के फैसला देते ही नमी तैरने लगी थी, शिल्पा की आँखों में। कोर्ट का समय समाप्त हो गया था।
मयंक ने मुड़कर भी न देखा, इतनी नफ़रत,अब तो तलाक भी मंजूर हो गया है मयंक,कम से कम प्यार भरे लम्हों को याद कर एक बार तो मुड़कर देख लेते।
मयंक ने तो मुड़कर नहीं देखा,पर मयंक की दोस्त पारूल ने जाते-जाते शिल्पा से कहा।शिल्पा बहुत बुरा लगा तुम्हारे लिए,पर मयंक के लिए खुश हूँ।फायनली उसको दिखावे की ज़िंदगी से मुक्ति मिल गई।
पारुल के कटाक्ष पर शिल्पा के आँसू गिरने ही वाले थे..घर चल बेटा!! पापा की आवाज़ सुन आँसुओं को पी गई शिल्पा।
चलो पापा.. पापा का हाथ पकड़कर घर की ओर चल रही शिल्पा आज़ फिर पापा के सहारे की मोहताज हो गई थी।आज शिल्पा को,दो साल पहले का पापा का खुशी से मुस्कुराता चेहरा याद आ रहा था।
अरे जतिन आपने गाड़ी क्यों रोक दी..? शिल्पा की माँ रेवती गाड़ी रुकते ही बोल पड़ी। सामने देखो रेवती मिठाई की दुकान,आज इतना खुशी का मौका है।मीठा खाना तो बनता है।
पापा मुझे हाँ लाता हूँ, मेरी गुड़िया को क्या खाना है। अनमने मन से शिल्पा बोली मुझे तो घर जाना है।
बस चलते हैं गुड़िया.. जतिन ने मिठाई लाकर रेवती को दी।थोड़ी देर में सब घर पर थे।
राघव!! राघव सो गए क्या बेटा..?राघव जतिन के घर के एक कमरे में बतौर पेइंग गेस्ट रहता था।
जी अंकल जी!! कुछ काम था क्या...? नहीं-नहीं बेटा एक बहुत बड़ी खुशखबरी देनी थी।आज शादी के फंक्शन में दूर के रिश्तेदार मिल गए थे।
उन्हें अपने बेटे के लिए हमारी शिल्पा पसंद आ गई, खुद सामने से आकर उन्होंने शिल्पा का हाथ माँगा।
हमारी बिटिया रानी है ही इतनी खूबसूरत, रेवती बीच में बोल पड़ी।
बहुत अच्छे लोग हैं, दिल्ली में रहते हैं। रुपए-पैसे की कोई कमी नहीं, लड़के का खुद का बिजनेस है।
खानदानी रईस हैं वो लोग। शिल्पा को लिखते ही पसंद कर लिया।
लो मिठाई खाओ..जी...जी बहुत-बहुत बधाई। राघव ने तिरछी नज़र से शिल्पा को देखा। शिल्पा उठकर अंदर चली गई।
शिल्पा और राघव एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। बैचलर होने के कारण घर ढूँढने में तकलीफ़ हो रही थी। जतिन ने एक कमरा किराए पर दे दिया था।
पर अंकल शिल्पा की पढ़ाई..? अरे बेटा अब क्या करेगी पढ़कर...?इतने बड़े घर के एकलौते बेटे की बहू बनकर जाएगी,राज करेगी..राज!!
अच्छा राघव सुनो... लड़के वाले कल आ रहें हैं। थोड़ी मदद करवा देना, सब-कुछ सही रहा तो जल्द ही शादी भी कर देंगे।
अंकल जी मेरे ख्याल से शिल्पा का ग्रेजुएशन पूरा हो जाने दीजिए .....कल किसने देखा है, ऐसा मेरा सोचना है। फिर जैसा आपको उचित लगे, कहकर राघव अपने कमरे में चला गया।सुबह कॉलेज में राघव, शिल्पा तुम रिश्ते से खुश हो..? मेरी खुशी का क्या..? पापा खुश हैं, पापा की खुशी में ही मेरी खुशी है।
तुम्हारी खुशी का क्या..? तुम इंग्लिश में पीएचडी करना चाहती थी ना..? तुम्हें प्रोफेसर बनना था, तुम्हारे सपनों का क्या..?
छोड़ो ना राघव.. कुछ और बात करते हैं।मुझे मालूम है, एक बार पापा ने जो ठान लिया,वह करके ही रहते हैं। मेरे विरोध करने पर शादी तो नहीं होगी,पर साथ में पापा का दिल भी टूटेगा,जो मैं नहीं तोड़ सकती।
तुम किस ज़माने की लड़की हो यार, तुम अपनों की खुशी के लिए खुद को बर्बाद करने जा रही हो।मत करो ऐसा, कहीं बाद में पछताना न पड़े।
अब जो भी हो,पापा की हाँ में मेरी हाँ है। मैं मेरे माँ-बाप की खुशियों को नहीं मार सकती।
तो तुम चुपचाप बलि का बकरा बन जाओगी। और एक बार शादी हो गई तो क्या तुम अपने सपने पूरे कर पाओगी। इस तरह अपने सपनों को मारना मुझे तो उचित नहीं लग रहा।
ठीक है ना राघव,मेरी जिंदगी में यही लिखा है तो यही सही।किसी की जिंदगी में कुछ लिखकर नहीं आता शिल्पा।हम लोग खुद को मजबूर करके अपनी जिंदगी में तकलीफें पैदा कर लेते हैं।
अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है..? बीस साल । मयंक तुमसे पाँच साल बड़ा है, मेरे ख्याल से एक बार पापा से बात करना चाहिए तुम्हें।
शिल्पा कोई जवाब नहीं देती है, चुपचाप उठकर चली जाती है। राघव अपनी क्लास में चला जाता है, वह समझ गया है कि शिल्पा खुलकर विरोध करने वालों में से नहीं है।
शाम ढलने लगी थी,आज परी लग रही है मेरी बिटिया रानी.. किसी की नजर ना लग जाए।
शिल्पा को तैयार करते हुए रेवती, शिल्पा को काजल लगाते हुए बोली।
लड़के वाले शिल्पा को देखने आ गए थे।औपचारिक बातचीत के बाद शिल्पा को मयंक के संग छत पर भेज दिया गया।
मयंक से बात करने के बाद शिल्पा भी प्रभावित हो गई थी।उसे भी पापा की पसंद, पसंद आ गई थी।
सब-कुछ तय हो गया था। बधाई हो यशवंत जी.. जतिन ने मयंक के पापा को गले लगा लिया।एक महीने बाद सगाई और तीन महीने बाद शादी।
जतिन खुशी से झूम उठे, मेरी बिटिया अब बस कुछ दिन की मेहमान है। भावुक होकर उन्होंने शिल्पा को गले लगा लिया।
अब बेटा कल से घर पर रह, वैसे भी तेरी पढ़ाई तो छूटने वाली है।माँ के साथ घर के काम-काज सीख,काम आएंगे। एक पुराने विचारों वाले पिता की तरह हिदायत दे रहे थे जतिन।
घर में शादी की तैयारियां होने लगी।राघव बेटा कुछ दिनों के लिए अपने रहने की कहीं व्यवस्था कर लो।
मेहमानों के लिए कमरों की जरूरत पड़ेगी इसलिए तुम्हें कमरा खाली करना पड़ेगा। राघव चुपचाप सिर हिला देता है।
जाते-जाते राघव शिल्पा से..शिल्पा मेरी बात पर एक बार और गौर कर लो।यह सब इतनी जल्दी सही नहीं है, ऐसे पढ़ाई छोड़कर कोई शादी करता है क्या...?
तुम्हारे सामने तुम्हारी पूरी जिंदगी पड़ी है,कल किसी ने नहीं देखा।तो क्या करूँ पापा का सपना तोड़ दूँ,शिल्पा आँखो में आँसू भरकर जवाब देती है, तो राघव वहाँ से चला जाता है।
koushal
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Re: सैलाब दर्द का

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राघव ने शिल्पा को समझाने का भरसक प्रयास किया।पर शिल्पा भी पापा की बातों से सहमत हो चुकी थी।
जतिन का शिल्पा की शादी का सपना पूरा हो गया। बेटी खुशी-खुशी विदा हो गई।
राघव हतप्रभ रह गया, कैसे पिता की इच्छा का मान रखने के लिए शिल्पा ने पढ़ाई का सपना तोड़ दिया।
शिल्पा ने जितना मयंक को समझा था और मयंक उससे कहीं अच्छा पति साबित हुआ।
खुशी-खुशी दिन बीतने लगे शिल्पा को अब पापा का निर्णय सही लगने लगा था। एक दिन कुछ ऐसा कुछ हुआ, उसके बाद से शिल्पा की ज़िंदगी बदलने लगी।
एक दिन सुबह नाश्ते के वक्त शिल्पा और मयंक और माँ नाश्ता कर रहे थे उसी समय मयंक की पुरानी दोस्त पारुल उससे मिलने आती है।
हाय मयंक!!ओह माई गॉड पारुल!!यार कहाँ चली गई थीं..? इतने दिनों से कोई खबर नहीं। मयंक ने दौड़कर पारुल को गले लगा लिया।
सच बता नहीं सकता, आज़ दुनिया भर की खुशी मिल गई। पारुल और मयंक बातों में इतने मगन हो गए कि उन्हें शिल्पा का ध्यान नहीं रहा।
शिल्पा को मयंक का पारुल को गले लगाना अच्छा नहीं लगा था। मयंक की माँ शिल्पा के हाव-भाव देखकर मयंक को टोकती हैं।
मयंक बातों में ही लगे रहोगे, पारुल को शिल्पा से नहीं मिलवाओगे। शिल्पा..? पारुल ने पूछा। अरे मैं बातों में भूल गया। पारुल यह शिल्पा.. मेरी वाइफ और मेरी लाइफ।
यह सुनकर शिल्पा खुश हो गई, पर पारुल थोड़ी बुझ-सी गई।वाइफ..? तूने शादी कर ली मयंक..?मेरा इंतज़ार भी नहीं किया।
पारुल ने शिल्पा को दुखी करने के उद्देश्य से यह बात कही। जिसे शिल्पा समझ गई पर मयंक नहीं समझा।क्यों नहीं करता, तेरे इंतज़ार में सन्यासी बनना था क्या मुझे।तेरा पता-ठिकाना तो रहता नहीं है।
अच्छा चलती हूँ। बहुत बड़ा सरप्राइज मिल गया मयंक मुझे.. मुझे लगा था, तुम मुझे याद करते होगे।पर यहाँ तो उल्टा हो गया। पारुल वहाँ से चली जाती है।
माँ यह लड़की भी अजीब है,कब क्या कहती है, और क्योंसमझना मुश्किल है। शिल्पा बेटा चाय पिला दो.. जी माँजी अभी लाई।
शिल्पा के जाते ही, संध्या जी मयंक से बोली। तुझे नहीं समझ आया,पर मैं अच्छे से समझ गई।अब तुम शादीशुदा हो। पारुल से दूर रहने में तुम्हारी भलाई है।
माँ मैं आपका आशय नहीं समझा..? तब-तक शिल्पा चाय बना लाई।माँजी चाय... मयंक आप भी लेलो।
नहीं अब मुझे निकलना है, वैसे भी बहुत देर हो चुकी है।बाय माँ,बाय शिल्पा। मयंक चला गया।
अब तो पारुल का रोज किसी न किसी बहाने घर पर आना-जाना शुरू हो गया उसका बात-बात पर मयंक से लिपटना शिल्पा को बिल्कुल पसंद नहीं आता था।
अरे मयंक!! सुनो मयंक आज़ शाम मैंने तुम्हारी शादी की खुशी में अपने घर पर पार्टी रखी है। तुम शिल्पा को लेकर आओगे तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा।
पार्टी..? अरे यार पार्टी किसलिए..? अब तो शादी को एक साल हो गई है। थैंक यू माई डियर तूने मेरे बारे में इतना सोचा।पर यह पार्टी तो तू रहने दे।
अरे यार मुझे अभी तक मौका ही कहाँ मिला है कि मैं शिल्पा को करीब से जान सकूँ। पार्टी के बहाने हम एक दूसरे को अच्छे से जान तो लेंगे।
मयंक देख मना मत करना यार। मैंने अपने पुराने दोस्तों को भी बुलाया है। एक बार फिर कॉलेज के दिनों को याद कर धमाल मचाएंगे
ठीक है बाबा.. जैसा तू कहे। मयंक से मंजूरी मिलते ही खुशी से झूम उठी पारुल।ओह थैंक्स मयंक, गले से लग गई पारुल।
शाम को पार्टी में जाना है शिल्पा,वहाँ मेरे कॉलेज के सभी दोस्त आएंगे।जय,नेहा,राहुल,रिया,तान्या वगैरह..देखो शिल्पा मेरे किसी दोस्त को नहीं पता, तुम ग्रेजुएट नहीं हो। मैंने सबको बता रखा है तुम पोस्ट ग्रेजुएट हो।
शिल्पा मयंक के मुँह से यह सुनकर दंग रह गई। मयंक लोगों के कारण ही छूटी है।
अरे यार थोड़ा बहुत तो झूठ बोलना पड़ता है, तो तुम भी बोल देना।क्यों बाल की खाल निकाल रही हो। वैसे भी मुझे कौनसी तुमसे कोई नौकरी करवानी थी,जो तुम्हारी पढ़ाई पूरी होने तक शादी के लिए रुकता।
तो फिर यह शरम कैसी,बता देते सबको मैं ग्रेजुएट नहीं हूँ, अब शिल्पा भी चिढ़ गई। मयंक खीजकर बोला,कर दी न अनपढ़-गंवार वाली बात।
कहा था पापा से.. पढ़ी-लिखी लड़की से शादी करूँगा,पर माँ-पापा तो पागल हो गए थे तुम्हें देखकर।
और तुम..? मयंक तुम्हारी बातों से तो कभी नहीं लगा कि तुम इस रिश्ते से सहमत नहीं थे।हाँ पर अब जब से पारुल आई है,तब से असहमत लगते हो।
शिल्पा!! मयंक गुस्से में चिल्लाया। शिल्पा की आँखों से आँसू गिरने लगे, शादी को एक साल होने आया था। इतने दिनों में शिल्पा को याद नहीं कभी मयंक उससे जोर से भी बोला हो।
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Re: सैलाब दर्द का

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शिल्पा रोते हुए बेडरूम में चली गई।संध्या मयंक और शिल्पा का झगड़ा देखकर दुखी हो गई। मयंक!!आया माँ.. जी माँ..? बेटा अब समझ आया,क्यों पारुल से दूर रहने के लिए कहा था।
माँ आप भी पारुल को ग़लत समझ रही हो।वो बेचारी तो सिर्फ मेरे और शिल्पा की खुशी के लिए यह पार्टी रख रही है।
ऐसा तुझे लग रहा है बेटा,पर मुझे तो तेरी गृहस्थी उजड़ते दिख रही है।यह क्यों भूलते हो शिल्पा तुम्हें एक नज़र में मां गई थी,और तुमने ही उसे नहीं पढ़ने दिया था।
तुम्हारे पापा तो शिल्पा के ग्रेजुएट होने तक, दो साल रुकने वाले थे‌।पर तुमने ही कहा न कौन-सी नौकरी कराना है।फिर अब अचानक क्या हुआ..?
माँ आप न बेवजह ही मुझ पर गुस्सा कर रही हो।क्या ग़लत कहा मैंने..? यही न वहाँ कोई एजूकेशन के बारे में पूछे.. तो खुद को माँ आप ही बताओ..? कैसा लगेगा जब सबको पता चलेगा शिल्पा बारहवीं पास है। मुझे शिल्पा की पढ़ाई से कोई परेशानी नहीं है।पर कोई उस पर या मुझ पर हँसे वो मुझे पसंद नहीं।
जय की वाइफ डॉक्टर है, राहुल की वाइफ तो सीईओ है,तान्या, रिया इंजीनियर है। पारुल तो सबसे सुपर, उसने तो तीन-तीन जिम खोल रखे हैं।अब आप बताओ,क्या ग़लत कहा मैंने।
ठीक है न बेटा.. इससे अच्छा तू अकेला चला जा। कोई पूछे तो कह देना मेरी तबियत खराब हो गई थी। शिल्पा को मेरे पास रुकना पड़ा। मुझे उस पारुल पर बिल्कुल भरोसा नहीं है।
मेरी बहू मेरे लिए दुनिया की सबसे अच्छी बहू है।बस उसे परेशान मत कर..!जैसी आपकी मर्जी। मयंक अकेले ही पार्टी में शामिल होने के लिए निकल गया।
यह देख शिल्पा और दुखी हो गई। मयंक तुम बदल गए हो अभी तक तुम मुझे छोड़कर कहीं नहीं जाते थे। जहाँ जाते मुझे ले जाते तब तो तुम्हें शर्म नहीं लगी।
पारुल के आते ही अचानक ऐसा क्या हुआ..? जो तुम्हें मुझसे और मेरी पढ़ाई से प्रॉब्लम होने लगी। रोते-रोते आँखें सूज गई शिल्पा की।
पार्टी में मयंक को अकेले आते देख, पारुल थोड़ी उदास हो गई । मयंक तुम अकेले शिल्पा कहाँ है..? मैंने तो यह पार्टी तुम्हारे और शिल्पा के लिए रखी थी।
माँ की थोड़ी तबीयत खराब हो गई थी,इसके लिए शिल्पा को रुकना पड़ा।क्यों मेरे आने से खुशी नहीं हुई क्या..? अरे नहीं-नहीं मयंक, तुम भी कैसी बात करते हो..?
हाँ शिल्पा आती, तो और ज्यादा खुशी होती। पारुल तुम कितनी अच्छी हो,कितना सोचती हो मेरे बारे में, मेरी खुशी के बारे में थैंक यू सो मच डियर।
पारुल मयंक से गले मिलते हुए, "लव यू डियर" तुम तो मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो, तुम्हारी खुशी के लिए तो मैं कुछ भी कर सकती हूँ।
, ।पार्टी शुरू हो जाती है, सभी बहुत एंजॉय कर रहे थे।डीजे की धुन पर सब थिरक रहे थे।सबको भूख लग आई थी, डिनर का समय भी हो गया था।
पारुल मयंक के लिए और अपने लिए जूस लेकर आती है। जिसे पीने के बाद मयंक का सिर भारी हो गया था।क्या हुआ मयंक तुम ठीक हो..?
हाँ बस थोड़ा सिरदर्द करने लगा, शायद बहुत दिनों बाद ये
नाच-गाना,मस्ती की तो थोड़ी थकान हो गई है बस।
पारुल ने राहुल को इशारा किया।यार मयंक!! राहुल बोला हम तो बड़े मन से पार्टी में आए थे।यह सोचकर कि शिल्पा भाभी से मिलेंगे।तूने उन्हें साथ न लाकर सब मजा खराब कर दिया।
और बता भाभी क्या करती हैं। कुछ नहीं हाउस वाइफ है।माँ-पापा की देखरेख के लिए उसने जॉब छोड़ दी।
हाँ यार!जय बोला।क्या कहते हो सब,हम भाभी से मिलने अभी चले घर,क्यों मयंक मिलाओगे हमें..?
सॉरी यार रात बहुत हो गई है, और यह क्या भाभी जी-भाभी जी लगा रखा है।यार छोटी है तुम लोगों से शिल्पा बोलो बस।
छोटी..?तू तो ऐसे कह रहा है जैसे कोई बच्ची हो। वैसे कितने साल की होगी शिल्पा जय ने पूछा।
अरे जय सीधी सी बात है मयंक छब्बीस का तो वो भी सेम ऐज की ही होगी है न मयंक..? पारुल बोली।
मयंक को नशा-सा चढ़ गया था। नहीं यार बहुत छोटी है वो मुझसे। अभी इक्कीस साल की है।
क्या...?इक्कीस..? तो पढ़ाई कैसे पूरी हो चुकी है शिल्पा की..? और जॉब कहाँ और कौनसा जॉब..?यार सीधे-सीधे बोल न शिल्पा पढ़ी नहीं है।
जय बस भी करो..इतनी जल्दी शादी हो गई तो भला कैसे पढ़ पाई होगी शिल्पा..? तुम लोग मयंक की शादी की पार्टी में आए हो तो एंजॉय करो पारुल बोली।
मयंक की क्या गलती, घरवालों को शिल्पा पसंद आई शादी। मयंक तुम इन सब की बातों पर ध्यान मत देना।
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Re: सैलाब दर्द का

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शिल्पा अनपढ़ नहीं है,बस कम पढ़ी-लिखी है। हमारे बीच कंफर्टेबल फील नहीं करती इसलिए नहीं आई है। मैं सही कह रही हूँ न मयंक..?
हम्म, तुम सही कह रही हो पारुल। मयंक को नशा हुआ था,पर इतना भी नहीं कि वो राहुल और जय के कमेंट न समझ पाए।
जय की बातों पे सबको हँसता देखकर, चिढ़ गया मयंक तुम लोगों ने यहाँ मेरी हँसी उड़ाने के लिए बुलाया था क्या, मैं घर जा रहा हूँ।
अरे अरे भाई नाराज हो गए, पहले ही सच बता देना था न..? हमें क्या प्राब्लम था, तेरी वाइफ पढ़ी-लिखी हो या अनपढ़ हो।
बस करो जय निकल जाओ तुम सब मेरे घर से अभी इसी वक़्त, पारुल जय को आँख मारते हुए बोली।
मयंक मुझे माफ़ कर देना।यार सही में नहीं पता था,यह लोग शिल्पा को लेकर तेरा मजाक बनाएंगे।
छोड़ पारुल तेरे अलावा मुझे कोई नहीं समझता है। मैंने तो तुझे शिल्पा के बारे में सब सच बता दिया था। फिर भी तू शिल्पा की तारीफ करती रही।
वो बात अब छोड़ दो मयंक,दुख तो मुझे भी इस बात का है कि तुझे जैसा लाइफ पार्टनर चाहिए था वैसा मिला नहीं।
खैर छोड़ो, कोई फायदा नहीं है अब इन बातों का,चल मयंक तुम्हें घर छोड़ दूँ। पारुल को मयंक ने सारी बातें बता दी थी।
पारुल को मौका मिल गया था, शिल्पा को मयंक की नजरों में गिराने का। एक बज रहा था, शिल्पा मयंक के लिए जाग रही थी।
गाड़ी की आवाज सुनकर बालकनी में देखने आई। पारुल और मयंक गाड़ी के पास खड़े बातें कर रहे थे। अच्छा चलता हूँ, तुम जाओ बहुत रात हो गई।
पारुल ने शिल्पा को देख लिया, उसने मयंक के पैर में अपना पैर टकरा दिया। मयंक लड़खड़ाकर गिरने लगा तो लपककर , संभाल लिया।
इससे मयंक और शिल्पा बेहद करीब हो गए।यह देखकर तो शिल्पा के होश उड़ गए। पारुल के जाने के बाद मयंक चुपचाप अपने कमरे में चला आया।
शिल्पा कुछ कहती उससे पहले ही,लाइट बंद करो शिल्पा मुझे नींद आ रही है। मयंक शिल्पा को देखें बिना करवट लेकर सो गया।
शिल्पा को बार-बार मयंक और पारुल का मिलना इतना अखर गया था। सुबह उठते ही शिल्पा और मयंक में रात की बात को लेकर कहासुनी शुरू हो गई।
मैं कह रहा हूं शिल्पा चुप हो जाओ। पारुल के बारे में मैं कुछ नहीं सुनना चाहता। क्यों चुप हो जाऊँ तू आप रात में पार्टी करने गए थे।
क्या आप अकेले नहीं आ सकते थे..? पारुल के साथ आए,इतनी रात में गले मिल रहे थे उसके साथ क्या पार्टी में गले नहीं मिल पाए थे।
शिल्पा तुम्हारे जैसे अनपढ़ गवार लोग ही ऐसी बातें करते हैं।पारुल को देखो कितना सोचती है तुम्हारे बारे में,वहाँ सब तुम्हारे एजुकेशन को लेकर बात कर रहे थे।
एक पारुल थी,जो तुम्हारे लिए सबसे झगड़ा कर गई।और एक तुम, उसके बारे में इतना उल्टा सीधा बोल रही हो। वैसे तुमसे उम्मीद ही क्या की जा सकती है।
उम्मीद की तो अब मेरी टूटने लगी है मयंक,जब से पारुल हमारी ज़िंदगी में आई है। तुम्हें हर वक़्त पारुल की बातें याद रहती है। तुम जो कभी मुझसे ऊँची आवाज़ में नहीं बोलते थे। एक साल हँसी-खुशी से बीता।
पारुल के आते ही तीन महीने में तुम्हारा प्यार गायब हो गया,रो पड़ी शिल्पा। मुझसे क्या भूल हो गई,जो कुछ हुआ सबमें तुम शामिल थे मयंक।
शिल्पा को रोते देख मयंक थोड़ा नरम होकर बोला। कुछ भी , हो गई , नहीं बदला है शिल्पा,बस तुम ग़लत देख रही हो।
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Re: सैलाब दर्द का

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मयंक का नरम स्वर सुनकर, शिल्पा मयंक से रोते हुए लिपट गई। मयंक मुझे बहुत बुरा लगता है जब पारुल तुम्हें गले लगाती है।
बस इतनी-सी बात के लिए तुम अपने कीमती आँसू बहा रही हो..? शिल्पा हाँ में सिर हिला देती है।
मयंक प्यार से गाल थपथपा कर,अच्छा बाबा आगे से ऐसा कुछ नहीं हो,इस बात का ध्यान रखूँगा।अब खुश.. बहुत भूख लगी है यार, कुछ खाने को मिलेगा..?
जी अभी लाई.. शिल्पा मुस्कुराते हुए किचन में चली गई। मयंक ऑफिस के लिए तैयार होने लगा।
मयंक!!आया पापा.. अरे पापा आप कब आए..?फोन कर देते तो मैं लेने आ जाता।
हम्म...आते तो तब-जब झगड़े से फुर्सत मिले।मैंने सब सुना..?यह चल क्या रहा है तुम दोनों के बीच...?किस बात के लिए शिल्पा पर चिल्ला रहे थे..?
और यह पारुल कौन है..? कहीं वह लड़की तो नहीं, जो तुम्हारे साथ कॉलेज में पढ़ती थी।अमीर बाप के बिगड़ैल बेटी..? बोलो वहीं है ना।
हाँ पापा वही है,अब पारुल पहले जैसी नहीं है पापा।वह बहुत बदल गई है।शिल्पा को तो बहुत पसंद करती है,बस शिल्पा को कुछ गलतफहमी हो गई है।
जो कुछ भी हो,पर पारुल अब इस घर में नहीं आएगी ।परतीन महीने के लिए गाँव क्या चला गया,तुमने बहू का जीना मुश्किल कर दिया।
यशवंत जी अपने कमरे में चले गए। पापा की डाँट खाकर मयंक का मूड खराब हो गया। मयंक आइए नाश्ता तैयार है। मयंक चुपचाप नाश्ता करने लगा।तभी उसके फोन पर पारुल का फोन आता है।
हाय मयंक मैं यहाँ से निकल रही थी तो सोचा आँटी बीमार हैं तो उनसे मिल लूँ। मैं आ जाऊँ ना..?घर में सब ठीक है ना..?
क्यों तुम्हें ऐसा क्यों लगा,यहाँ कुछ गड़बड़ हुई है मयंक ने
पारुल से पूछा। अरे नहीं-नहीं..रात देर हो गई इसलिए..? और कुछ नहीं, मैं आती हूँ।
अरे नहीं पारुल.. वहीं रुको... हैलो.हैलो..तब-तक पारुल अंदर आ जाती है। मयंक को पापा के गुस्से का बहुत डर था।
अरे यार तुमको यहाँ नहीं आना चाहिए था।क्यों क्या हुआ? अरे हुआ कुछ नहीं.. मेरे देर से आने के कारण मेरी और शिल्पा की बहस हो गई। पापा के आने की मुझे कोई खबर नहीं थी।
पापा ने सब सुन लिया है। और यह भी कि तू मुझे रात को घर छोड़ने आई थी। बहुत नाराज़ हो गए हैं.. तुम्हें तो उनका गुस्सा मालूम है, और यह भी पापा से बहुत डरता हूँ।
तो इसमें मेरा क्या कसूर..? मैंने तो यह पार्टी तुम दोनों के लिए ही रखी थी। शिल्पा साथ होती तो भी देर रात तक आ पाते.. तभी यशवंत जी के आने की आहट सुनकर मयंक घबरा गया।
अरे यार तुमने मरवाया मुझे,जल्दी इधर आओ। मयंक पारुल को शिल्पा के पास ले जाता है।प्लीज थोड़ी देर के लिए मेरे बेडरूम में चली जाओ।
साथ में यह भी कहता है, थोड़ी देर में पापा ऑफिस के लिए निकल जाएंगे। फिर तुम भी निकल जाना,प्लीज शिल्पा से कुछ भी ऐसा-वैसा मत कह देना।
ओके माई डियर जैसा कहो,, मुस्कुराती पारुल की आँखों में अजीब-सी चमक दिखाई देने लगी थी।पारुल आकर शिल्पा को गले लगा लेती है।यार कल पार्टी में क्यों नहीं आई..? मैंने कितना मिस किया तुम्हें। शिल्पा जवाब में मुस्कुरा देती है।
शिल्पा.. पारुल को अपने रूम में ले जाओ, यशवंत जी को आते देख मयंक बोला। शिल्पा पारुल को अपने रूम में ले जाती है।
अरे वाह शिल्पा!!रूम तो तुमने बहुत सजाकर रखा है। तुम्हें पता है..? मैं पहले जब भी इस रूम में आती थी।तो जनाब का कमरा बुरी तरह बिखरा रहता था।
मयंक किसी को भी अंदर नहीं आने देता था। मैं ही रोज उससे मिलने आती तो उसका रूम साफ करती थी। अरे यह किस रंग के कर्टन लगाए हैं।
मयंक को पिंक कलर से बहुत चिढ़ थी,कमाल है यार पिंक पर्दे। मैंने तो उसके लिए पिंक कलर पहनना बंद कर दिया था।
तब उसकी पसंद कुछ और थी।अब उसे मैं और मेरी पसंद ज्यादा पसंद है शिल्पा मन ही मन चिढ़कर बोली।
वो तो दिखाई दे रहा है शिल्पा। अच्छा छोड़ो यह सब बातें यार.. और बताओ तुम्हारी फैमिली में कौन-कौन है..? घर कहाँ है तुम्हारा..?
तभी मयंक आता है,इशारे से शिल्पा को बुलाकर कहता है।यार थोड़ी देर और झेल लेना इसे, पापा चले जाएँ, फिर यह निकल जाएगी।
मैं इसे भी समझा दूँगा,कल से घर आना बंद कर दे। तुम जानती हो न पापा को.. मुझे घर से निकाल बाहर कर देंगे। शिल्पा हाँ में सिर हिला देती है।
पारुल में जा रहा हूँ.. तुम बैठो।मैं भी साथ चलती हूँ न, वैसे भी मुझे तुम्हारे अलावा यहाँ कोई पसंद नहीं करता है। नहीं यार ऐसा नहीं है।
थोड़ा रुको.. शिल्पा है न.. बहुत स्वीट है मेरी वाइफ आते ही सबका मन मोह लिया इसने।पापा की लाडली बेटी.. शिल्पा को गले लगाकर मयंक ने कहा।यह देख पारुल के चेहरे के तेजी से भाव बदल गए। वह दूसरी ओर देखने लगी। शिल्पा इसे हमारे शादी के पिक्स दिखाओ।
शिल्पा बेमन से एल्बम दिखाने लगी।यह कौन है..?यह..? यह मेरा दोस्त राघव है ,मेरे साथ ही कॉलेज में पढ़ता था। ओह मुझे लगा कोई रिश्तेदार है,हर जगह दिखाई दे रहा है न इसलिए।
हम्म.. हमारे यहाँ किराये से रूम लेकर रहता है।हम्म तभी हर जगह नजर आ रहा है।अच्छे दोस्त नसीब से मिलते हैं, शिल्पा बोली।
हम्म..माँ के यहाँ कब से नहीं गई..?माँ के पास.. अरे वहाँ जाने के लिए क्या सोचना।दो घंटे ही तो लगते हैं जब जाने का मन करता है मयंक छोड़ देता है।वहाँ से पापा या राघव छोड़ जाते हैं।
यह सुनकर मुस्कुरा उठी पारुल, जैसे कोई खजाना मिल गया हो। शिल्पा नहीं समझ पाई, पारुल के मुस्कान की वजह पर पारुल को नया दाँव खेलने के लिए बहाना मिल गया।
अच्छा चलती हूँ स्वीट हार्ट...यशवंत जी चले गए थे।शिल्पा तो पारुल के जाने का ही इंतज़ार कर रही थी।
पारुल, शिल्पा को देखकर मन ही मन बोली।
अब देखना शिल्पा... मैं मयंक की पसंद को फिर से अपनी पसंद कैसे बनाती हूँ।
पारुल चली गई, शिल्पा ने राहत की साँस ली। थैंक गॉड पीछा छूटा। अच्छा हुआ पापा के कारण इसका घर आना तो बंद हुआ। और ऑफिस में पापा रहते ही हैं।
पर सोचा हुआ क्या कभी पूरा होता है।सब कुछ ठीक होने लगा था, पारुल का घर आना बंद हो गया था।
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