आजाद पंछी जम के चूस complete

Post Reply
josef
Platinum Member
Posts: 5372
Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: आजाद पंछी जम के चूस

Post by josef »

“भाभी, क्यो तड़पा रही हैं ! जम कर चुदाई करो न ! और जोर से पेलो ! हां हां ! ऐसे ही … वाह क्या लंड पाई है भाभी आप ने ! इतना बड़ा ! बड़ा मजा आ रहा है ! करो करो ! और जोर से करो न ।” सोनल निचे से गांड उछालते हुए बडबडाने लगी ।
रश्मी भी अब पूरी रफ़्तार से लंड पेले जा रही थी । सोनल निचे से रश्मि की चुचियोँ को मुंह मेँ भर कर चुसने लगी और दोनोँ हाथोँ से भाभी की भारी चुतड को अपनी चुत पर दबाने लगी । इससे रश्मी की मुंह से सिसकारीयां निकलने लगी और व जोर से चिल्लाए जा रही थी । तभी अचानक सोनल का बदन काम्पने लगा और व झड़ गई ।
रश्मि वैसे ही अपना लंड चुत मेँ पेलती रही, चोदती रही … फ़िर उसने अपना लंड सोनल की चुत से बाहर निकाल लिया । रश्मी का लंड अब भी वैसे ही तन कर खड़ा था । पुरे 8 इंच का तगडा लंड था रश्मी का, सोनल की चुत रस से लपलपा गया था ।
“सोनल, चल अपना गांड इधर कर, बहुत मस्त गांड है तेरी ! चाट खा जाने को मन करता है ।” रष्मि सोनल की उभरी हुई मस्त चुतडोँ को सहलाते हुए बोली ।
“मैँने कभी मना किया है आपको भाभी? पर पहले तेल लगा लेना अच्छी तरीके से और धीरे धीरे घुसाना ! आपका बहुत बड़ा मूसल जैसे लंड है ।”
“तु बस देखती जा !” कह कर रश्मी ने सोनल को बांई और लेट जाने को कहा और व भी उसिके पिछे उसी पोजिसन पे लेट कर अपने लंड को सोनल की गांड के दरार मेँ रगडने लगी । तभी रश्मि ने अपने दांए हाथ के एक उंगली को सोनल के मुंह मेँ घुसा दिया, सोनल ने उंगली को चाट चाट कर गिला कर दिया । अब रश्मि ने गिली उंगली को मुंह से सिधे सोनल की गांड के छेद मेँ अंदर पेल कर घुमाने लगी।
फिर रश्मी अपनी दोनों उंगली एक साथ उसकी गांड में अंदर-बाहर करने लगी । थोड़ी देर तक अंदर-बाहर करने के बाद रश्मी ने उसी अवस्था में पर्स से एक कंडोम निकाल कर अपने लंड पे चढा लिया और थोडा ऑलिव-ऑयल लंड पर डाल दिया । फिर रश्मि अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर टिका दिया और सोनल के होँठ को एक बार फिर चुमते हुए हल्के से धक्का दिया । रश्मी के लंड का सुपाडा सोनल की गांड में अंदर चला गया । सोनल ने अपने होंठ भींच लिये, उसे थोड़ा दर्द हो रहा था । रश्मी ने फिर से एक हल्का सा धक्का दिया तो उसका पुरा लंड अब सोनल की गांड मेँ चला गया । रश्मि वैसे ही अपने लंड को सोनल की गांड में घुसाए रखा । और धिरे से लंड को पुरा बाहर निकाल कर फिर से जड तक पेल दिया । अब रश्मि कोई दस-ग्यारह बार इस प्रकार लंड को अंदर-बाहर करने लगी । फिर उसने हाथ बढ़ाकर सोनल की चूचियों को मसलना शुरु कर दिया । थोड़ी देर तक यही सब चलता रहा, फिर रश्मी ने अपने लंड को हौले-हौले अन्दर-बाहर करने लगी । अब रश्मी ने सोनल की गाण्ड मारनी शुरु की और धीरे धीरे रफ़्तार पकड़ती चली गयी । अब सोनल भी मजा लेने लगी थी, उसकी गांड की कसावट से रश्मि को भी मजा आने लगा था। रश्मी अब अपनी पूरी रफ़्तार में आ चुकि थी और वो सोनल की गांड जोरदार तरीके से चोद रही थी । थोड़ी देर तक चुदाई करने के बाद रश्मी का शरीऱ अकड़ने लगा और वो सोनल के गांड में तेज धक्के लगाती हुई झड़ गई । सोनल ने अब अपनी आंखें खोली और देखा कि रश्मी बुरी तरह से हांफ रही है । रश्मि ने अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला । कंडोम में रश्मि के लंड से निकले ढेर सारे सफेद वीर्य दिख रहे थे । फिर रश्मि और सोनल एक-दुसरे को बाहोँ मेँ भर कर चुमती रहीँ । थोड़ी देर वैसे ही चुम्मा-चाटी के बाद सोनल ने रश्मि के लंड से कंडोम निकाल दिया और अपने जीभ से उसकी लंड को अच्छी तरह से चाट कर साफ किया । फिर रश्मि ने भी एक भिगे हुए तौलिए से सोनल की गांड की सफाई की । रश्मि अब उठने लगी और वहीं पड़े गाउन को पहन लिया फिर पास खड़ी सोनल के सर पर हाथ फेरते हुए वहां से अपने कमरे की ओर चली गई । सोनल सीधे बाथरूम में घुस गई और भीतर से अपने आपको अच्छी तरह साफ करके कपड़े पहनकर बाहर आ गयी थी । रश्मि जब बाहर निकली तो उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी,
लेकिन मन उदास था क्योंकि अब उसे सोनल को बस स्टैंड छोड़कर आना था, रश्मी और सोनल ने एक दूसरे को उदासी भरी नजरों से देखा और एक दूसरे से लिपट गयी, रश्मी ने सोनल को किसी तरह अपने से दूर किया और उसका एक बैग उठा कर गाड़ी की तरफ चल पड़ी, सोनल ने भी दूसरा बेग उठाया और रश्मी के पीछे पीछे गाड़ी तक आ गयी और पीछे बेग रख कर आगे रश्मि के पास बैठ गयी।
भारी मन से रश्मी ने सोनल को बस स्टंड ड्राप किया और घर वापिश आ गयी।

सोनल के वापस आने के एक दिन पहले आरती को अपने भाई के घर जाना पड़ा।
जाने से पहले कमल को समझा के गयीं कि देख कल सुबह सोनल आ जायेगी और मैं परसों से पहले नहीं आ पाऊँगी। अपने मस्ताने पर काबू रखना और यह मत सोचना कि मैंने सोनल को चोदने कि इजाज़त दे दी है तो तू उसे अकेले में पा कर चोद लेगा। मैं बड़े तरीके से उसे समझा कर तेरे साथ चुदवाऊँगी। डार्लिंग मज़ा चुदाई में तब आता है जब मर्द और औरत मिल के संभोग करें!
इतना समझा कर आरती चली गयीं। अगले दिन सुबह ही सोनल को आना था। कमल ड्राइवर के साथ कार में उसे कॉलेज से चार बजे जाकर ले आया। अबकी बार सोनल को देखने का कमल का नज़रिया ही कुछ और था। कमल रास्ते भर उसे अपनी आँखों से नंगा करता रहा, और सोनल उसे भाव नही दे रही थी। उसे क्या मालूम था कि उसकी मम्मी और कमल में फिर से क्या संबंध बन चूके थे जिस के कारण कमल को उसके बदन की नशीली शराब पीने को मिलने वाली थी।
घर आ कर सोनल बोली, कमल मैं तो नहा धो कर एक कोक पीयूँगी और सोऊँगी। मैं इतने नहा कर आती हूँ, तुम मेरे लिये एक गिलास में कोक और बर्फ निकाल दो!
कमल ने कहा, कोई बात नहीं सोनल आराम से नहा लो!

कमल के दिमाग में तो सिर्फ़ सोनल को चोदने का नज़ारा घूम रहा था। एका एक उसे एक आइडिया सुझा जो उसने एक किताब में पढ़ा था। सोचा क्यों ना ट्राई मार के देखे।
यही सोच के कमल चुप-चाप आरती के कमरे में गया और नींद की चार-पाँच टेबलेट ला कर सोनल की कोक में मिला दी। कमल को आरती ने कल ही बताया था कि जब कईं बार वो रात को चुदाई के लिये बहुत परेशान हो जाती थीं और सो नहीं पाती थीं तो वो नींद की गोली लेकर सो जाती थीं।
इतने में सोनल भी नहा-धो कर बाहर आ गयी थी। कमल को आज तक पता नहीं चल पाया है कि लड़कियाँ और औरतें,
बहन की लौड़ियाँ इतने सैक्सी कपड़े क्यों पहनती हैं कि जिससे मर्द बे-काबू हो जाये। क्या हर औरत मन ही मन यह चाहती है कि कोई उसे चोदे?
सोनल ने भी ऐसी नाइटी पहनी हुई थी जो फ़्रंट ओपेन थी और जिस से सिर्फ उसके चूत्तड़ और आधी जाँघें छिप रही थी और स्लीवलेस होने के कारण उसकी साफ चिकनी बगलें दिख रही थीं।
नाइटी का कपड़ा इतना मोटा नहीं था,
जिसके कारण उसकी छाती पर उठ रही नोकों से मालूम पड़ रहा था कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी, और जब वोह चौंकड़ी मार कर कमल के सामने पलंग पर बैठी तो उसका तो बुरा हाल हो गया। उसकी चिकनी जाँघें और पैंटी में कसे हुए उसके चूत्तड़ और चूत की मछलियों को देख कर उसका लंड तन गया। कमल ने बड़ी मुश्किल से अपने ऊपर चद्दर डाल कर खुद को शरमिन्दा होने से बचाया। कोक पीते समय सोनल ने बताया कि अबकी बार उसे चाचा के घर में बहुत मज़ा आया और उसने अपनी भाभी के साथ खूब मस्ती करी।
थोड़ी देर में वो बोली, कमल मुझे बहुत जोर से नींद आ रही है, मैं तो अपने कमरे में सोने जा रही हूँ!

कमल ने करीब आधा घंटा वेट करा और अपने कमरे में बिस्तर पर लेट कर अपने लंड को आरती के हाई हील के सैंडल से सहलाता रहा। उसके बाद कमल उठा और सोनल के कमरे कि तरफ गया। सोनल ए.सी. चला के आराम से दरवाज़ा बंद करके सो रही थी। कमल ने चुप-चाप दरवाज़ा खोला और कमरे में घुस गया। सोनल बड़े आराम से बिस्तर पे पीठ के बल सो रही थी और उसकी नाइटी जो पहले से ही छोटी थी, और उठ कर उसकी नाभी तक चढ़ गयी थी, जिससे कमर के नीचे का सब कुछ दिख रहा था। उसकी पैंटी में छुपी हुई चूत के उभार साफ-साफ दिखाई दे रहे थे। उसका मादरचोद लंड साला हरामी ये देख कर ही खड़ा हो गया।
कमल सोनल के पास जा कर उसके कँधे पकड़ कर थोड़ा जोर से हिलाया और बोला,
सोनल देखो आपकी सहेली का फोन आया है!
सोनल को कुछ फरक नहीं पड़ा। वो तो बस बे-खबर हो कर सोती रही। कमल ने फिर भी अपने को पक्का करने के लिये फिर से उसे जोर से आवाज़ दी और हिलाया पर उसको नींद की गोली के कारण कोई असर नहीं हुआ। कमल ने सबसे पहले अपने कपड़े उतारे और पूरा नंगा हो कर सोनल की नाइटी के आगे के बटन खोलने लगा और एक-एक करके सारे बटन खोल दिये। उस समय उसके हाथ काँप रहे थे क्योंकि आज कमल इतनी हिम्मत करके सोनल का सावला बदन फिर से देखने जा रहा था जिसकी पैंटी और ब्रा सूंघ-सूंघ कर खूब याद करके मुठ मारा करता था। सोनल एक दम मस्त बदन की मालकिन थी और आज से पहले कमल बहुत तड़पा था उसका नंगा बदन देखने के लिये।
नाइटी के सारे बटन खुलते ही उसके मस्त खिलौने नंगे हो गये और कमल ने देखा कि सोनल के निप्पल पिंक नहीं बल्कि भूरे से थे। सोनल अब सिर्फ उसके सामने एक पैंटी में लेट कर बे-खबर सो रही थी। कमल ने झुक के अपने होंठ खोल के सोनल के भूरे निप्पल अपने होंठों में दबा लिये और उसकी जवान, मस्त बत्तीस साईज़ की चूँची अपने हाथ में भर ली। आरती की बड़ी-बड़ी गदरायी हुई चूचियों को दबाने के बाद जब उसने सोनल की चूचियाँ दबाईं,
तब मालूम पड़ा कि साली लौंडिया कि चूँची क्या चीज़ होती है। ऐसा लग रहा था जैसे किसी सख्त अनार को पकड़ लिया हो। दूसरा हाथ कमल ने सोनल की पैंटी में डाल दिया और उसकी चुत को अपने हाथों से फील करने लगा। सोनल की चूत पर मेरा हाथ टच होते ही मैं तो ऐसा गनगनाया कि उसने सोनल के मस्त अनार छोड़ कर दोनों हाथों से उसकी पैंटी उतारने लगा।
क्या साली सावली चूत थी उसकी आँखों के सामने। कमल की
इच्छा तो यह करी कि उसकी टाँगें खोल के अपना लौड़ा सरका दे उसकी कसी चूत में,
पर आरती की इन्सट्रक्शन याद आ गयी। सोनल की चूत ज्यादा चुदी न होने के कारण उसकी चुत के लिप्स अभी तक ज्यादा खुले नहीं थे, बल्कि बड़े कायदे से एक लाईन में थे और उसने भी आरती की तरह अपनी चूत से झाँटें साफ कर रखी थीं। कमल का तो लौड़ा बुरी तरह से अकड़ गया था। कमल भी बिना समय गँवाये मौके का पूरा लाभ उठाना चाहता था और कमल पूरा नंगा सोनल के ऊपर चढ़ गया। उसका लंड एकदम सोनल की चिकनी मखमली चूत पर लग गया था। कमल ने मारे मस्ती के सोनल के पूरे नंगे बदन को अपनी बाहों में कस कर भर लिया और उसके नरम रस भरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये और तबियत से उन्हें चूसने लगा। सोनल की चूचियाँ इतनी सख्त थीं कि उसकी छाती में उसके निप्पल चुभ रहे थे और वो कसे हुए अनार जो उसके सीने से लग कर थोड़े से दब गये थे, बहुत ही प्यारा सुख दे रहे थे। कमल का बदन तो मारे मस्ती के काँप रहा था, और कमल ने अपने आप को थोड़ा सम्भालने के लिये एक सिगरेट जलाई और उसके ऊपर अपना लंड घिसने लगा।
josef
Platinum Member
Posts: 5372
Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: आजाद पंछी जम के चूस

Post by josef »

शुरू में तो उसकी यह हालत थी कि बस अभी रस निकला, पर बड़ा कँट्रोल करने के बाद कमल अब बड़े आराम से उसकी चिकनी मखमली चूत पर अपना लंड घिस रहा था। उसे इतना मज़ा आ रहा था कि कलपना करना भी मुशकिल है। सिगरेट खतम होने के बाद कमल ने अपने मुँह में उसकी चूँची भर ली और जोर-जोर से चूसना चालू कर दिया। चूचियों का टेस्ट इतना नशीला था कि इतनी देर से रोका हुआ उसके लंड का लावा पूरा सोनल के पेट पर निकल गया और कमल भी परवाह किये बिना सोनल कि तन्नाई हुई चूचियाँ चुसने में लगा रहा। कमल ने किताबों में सिर्फ पढ़ा था कि जवान चूँची चूसने से लंड तन्ना जाता है पर उसने तो उस समय खुद अनुभव किया कि मादरचोद मुश्किल से तीन या चार मिनट में फिर से गन्ना बन गया। कमल ने उठ कर कपड़े से सोनिया का पेट साफ करा और एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर सोनल के होंठों पर घिसने लगा। क्या सनसनाहट हो रही थी कि उसका लंड और कस गया।
करीब पाँच-दस मिनट बाद उसने सोनल कि टाँगें खोलीं और उसकी जाँघों को चूसता हुआ अपनी जीभ उसकी चुत पर ले गया। कमल ने भी अपनी जीभ की धार सोनल के चुत की दरार पर खूब घीसी। बाद में जब मस्ती बढ़ गयी तब उसने अपने होंठ पूरे चौड़े किये और सोनल की मस्तानी चूत अपने मुँह में भर ली और चूसाई चालू कर दी। क्या मादक सुगँध आ रही थी। कमल तो जन्नत में था। करीब आधा घंटा चुत का मज़ा अपनी ज़ुबां से लूटने के बाद कमल उसकी खुली टाँगों के बीच बैठ गया और अपने लंड को एक हाथ से पकड़ कर दूसरे हाथ से अपना सुपाड़ा सोनल की चूत के लिप्स खोल कर घिसने लगा। थोड़ी ही देर में लौड़ा इतना उबाल खा गया कि इससे पहले कमल रोक पाता सोनल के खुले लिप्स के उपर ही उसका लंड झड़ गया। कमल ने करीब दो घँटे सोनल के शरीर के साथ जी भर के खेला, और बाद में फिर से उसे पैंटी पहना कर और नाइटी ढँग से बंद कर के कमल बाहर आ गया और टी.वी. देखने लग गया।
सोनल करीब शाम को 7 बजे उठी और उन ही कपड़ों में उसके पास आ कर बैठ गयी और बोली कमल शरीर बहुत दुख रहा है!
कमल ने कहा, कोई नहीं सोनल थोड़ा सा सुस्ता लो अभी आप बस से आयी हो इसके लिये थकान ज्यादा हो गयी है!
सोनल वहीं पर उसकी जाँघों का सहारा ले कर लेट गयी और सुस्ताने लगी। थोड़ी देर बाद वो उठी और फ़्रैश होने के लिये चली गयी। शाम के साढ़े सात बज चुके थे। कमल आरती के कमरे से व्हिस्की की बोत्तल ले आया और अपने लिये एक पैग बनाया और टी. वी. देखने लगा। इतने में सोनल बाहर आयी और उसे व्हिस्की पीते देख बोली, कमल तुम कब से पीने लग गये, मैं अंकल से तुम्हारी शिकायत कर दूँगी।
कमल ने कहा, सोनल जी आपकी मम्मी को मालूम है। मैं कभी-कभी उनके साथ छुप कर पी लेता हूँ।
कमल ने सोनल को नहीं बताया कि उसकी मम्मी ने ही उसे हफ़ते भर पहले पीना सिखाया है। और मेरी प्यारी सोनल आप क्या मेरी शिकायत करोगी!
सच में? रियली? तब सोनल बड़े ही शरारती मूड में उससे बोली, एक शर्त है! तुम्हें मुझे भी टेस्ट करानी पड़ेगी।
कमल को तो जैसे मन माँगी मुराद मिल गयी। उसने कहा चलो आप बैठो। मैं आपके लिये एक पैग बना कर लाता हूँ।
कमल ने अंदर जा कर तीन पैग के बराबर एक पैग बनाया और बाहर आ कर सोनल को दे दिया। सोनल एक दम कमल के बगल में बैठी और पहला घूँट उसने ऐसे पीया जैसे कोई कोका कोला हो। पूरा आधा ग्लास एक झटके में पी गयी। फिर बोली, क्या कमल यह तो बहुत स्ट्राँग है!
कमल ने कहा, कोई नहीं, आराम से एक-एक घूँट भर के पियो, तब आपको मज़ा आयेगा!
टी.वी. पर रोमाँटिक फिल्म चल रही थी। कमल आरती के रूम से जा कर सिगरेट ले कर आ गया। सोनल पर अब खुमारी चढ़नी चालू हो गयी थी। कमल ने जब अपने लिये एक सिगरेट जलाई तो वो बोली, कमल ये तुम्हें को क्या हो गया है, पहले शराब, फिर सिगरेट!
कमल ने कहा, सोनल शराब का मज़ा दुगना हो जाता है स्मोक करने से!
सोनल ने कमल के हाथों से सिगरेट छीन कर एक जोरदार कश लगाया। पहली बार पीने के कारण उसको खाँसी लग गयी। कमल एकदम घबरा उठा और उसकी पीठ सहलाने लगा और पेट के ऊपर हाथ ले जा कर उसे पीछे आराम से सोफे पर बैठाने की कोशिश करने लगा। नाइटी का कपड़ा चिकना होने के कारण उसके हाथ फिसल गये और उसकी पूरी लैफ्ट साइड की चूँची कमल के हाथ में आ गयी। सोनल ने उसका कुछ बूरा नहीं माना और कमल भी उसकी चूँची दबाये हुए सोफे पर पीछे खींच लाया और बोला, सोनल!
ऐसे थोड़ी पी जाती है! देखो मैं बताता हूँ कि कश लिया जाता है!
सोनल शायद खाँसी से थोड़ा घबरा गयी थी। इस कारण वो कमल की बाहों का सहारा ले कर उसके आगोश में बैठ गयी। पहले तो कमक ने उसे उसका पैग दिया और बोला,
लो एक घूँट लगा लो, थोड़ा सा आराम मिलेगा और फिर एक कश लगाओ।
दो-तीन बार कश लगाने के बाद सोनल को मज़ा आने लगा और बोली, कमल मुझे एक पैग और दो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है!
कमल ने फिर से पहले जैसा पैग बना कर सोनल को दे दिया। अब वो पैग और सिगरेट तो ऐसे पी रही थी जैसे कब से उसकी आदत हो और अब वो थोड़ा मस्ती में भी आ गयी थी। अचानक उसने कमल से पूछा, कमल! क्या तुम्है मेरी चुत की याद नही आई, मेरी चुत इतनी बुरी थी कि तुमने उसकी कदर नही करी और छोड़ कर चले गए थे ?
कमल तो सोनल के मुँह से यह सुन कर हक्का बक्का रह गया। उसे उम्मीद ही नही थी कि सोनल खुद उसके लिए इतना सोच रही है।
कमल ने कहा, नही सोनल मैं बेवकूफ था जो तुमसे दूर चला गया, यहा से जाने के बाद तुम्हारी कीमत मालूम चली, प्लीज् मुझे माफ़ कर दो। लेकिन अभी अचानक ये सब क्यो पूछ रही हो।
सोनल बोली, इसलिये पूछ रही हूँ कि मुझे पता है! कि तुम और मम्मी फिर से साथ हो और मुझे शामिल नही किया अभी तक। मुझे अपनी चुत में लण्ड लेने में बड़ा मज़ा आता है। बताओ ना कमल ये लंड फिर दोगे मुझे?
कमल को सोनल के इस बात पर हँसी आ गयी।

कमल ने भी सोचा कि मौका अच्छा है और सोनल को बोला कि, मैं आपको अपना लंड दूँगा लेकिन आरती चाची को अभी मालूम नही चलना चाइए?

सोनल फट से बोल पड़ी, जो तुम कहो वैसा ही करुँगी।

कमल ने कहा, जो मैं बोलूँगा आपको मेरी बात माननी पड़ेगी और जैसे-जैसे मैं कहूँ वैसे ही आपको करना पड़ेगा। बोलो तैयार हो तो मैं अपना लंड दिखाऊँ।

सोनल तो एकदम उतावली हो रही थी। कमल
ने उसे अपने सामने खड़ा करा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और अपने दोनों हाथ उसकी पैंटी में डाल कर उसके मस्त चूत्तड़ों को दबाने लगा। सोनल ने भी अपना मुँह खोल दिया था और कमल बड़े आराम से उसकी जीभ चूसने लगा। थोड़ी देर बाद कमल ने अपने हाथ उसकी पैंटी पर से हटाये और उसकी नाइटी खोल दी और उसको सिर्फ पैंटी पहने रहने दिया। कमल ने भी उसको छोड़ के अपने बदन पर अंडरवीयर के अलावा सारे कपड़े उतार दिये।
सोनल को शराब के नशे में होश भी नहीं था कि कमल उसको नंगा कर चुका है। बाद में कमल ने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी दरार पर अपना हाथ फेरने लगा। जैसे ही कमल ने उसकी दरार पर हाथ फेरा तो सोनल का थोड़ा सा नशा टूटा और वोह बोली, क्या कमल तुमने मुझे तो नंगा कर दिया पर अभी तक अपना लंड नहीं दिखाया। यह बात गलत है!
कमल ने जल्दी से अपना अंडरवीयर उतारा और अपना मोटा तगड़ा तंदुरूस्त लंड उसके हाथों में दे दिया। सोनल को तो मानो लकवा मार गया। वो बोली, कमल यह इतना सख्त बड़ा और मोटा कैसे हो गया!

तब कमल ने सोनल को बड़े प्यार से अपनी जाँघों पर बिठाया और उसकी पुश्त चूचियों को अपने हाथों में भर कर बोला,
मेरी प्यारी बहना! य़े तो आपको नंगा देख कर इतना बड़ा हो गया है। मर्दों को जब चूत नहीं मिलती और बहुत जोश में होते हैं
सोनल हंसते हुए बोली, कमल मैं बच्ची नहीं हूँ तुमसे पहले भी चुद चुकी हूँ और में जानती हूँ ये लण्ड ऐसे नही बड़ा हुआ है
कमल ने कहा, आप अभी यह मत सोचो, समय आने मालूम चल जाएगा पर आप अभी बड़े प्यार से अपने अंदर लो इसको, या अभी और तरसोगी। पर अभी आप वक्त मत खराब करो। अभी आप इसे लॉलीपॉप की तरह अपने मुँह में लेकर चूसो और जब तक मेरा जूस नहीं निकल जाता, आप इसे चूसती रहना और मेरा पूरा जूस पी जाना और मेरे मुँह पर अपनी चूत रख दो। मैं भी आपकी चूत का पानी पीना चाहता हूँ।

सोनल को मुँह में लेने में थोड़ी सी तकलीफ हुई क्योंकि उसका लंड मोटा था और अभी उसका मुँह छोटा था पर धीरे-धीरे सरकाने पर वो बड़े आराम से अपना मुँह ऊपर नीचे करते हुए चूसने लगी। कमल ने भी सोनल के दोनों चूत्तड़ अपने हाथों में ले लिये और उनको मसलते हुए उसकी ताज़ी जवान खुशबूदार चूत पर अपने होंठ चिपका दिये और सोनल की तरह कमल भी उसकी चूत तबियत से चूसने लगा। करीब आधा घँटा एक दूसरे की चूसाई के बाद कमल का लंड अपनी धार उसके ताजे मुँह में देने को तैयार था और इधर सोनल का भी मस्ती के मारे बुरा हाल था। वो अब आगे-पीछे होते हुए उसके मुँह पर अपनी बूर जोर से घिस रही थी। कमल ने उसका सिर अपने हाथ ले जा कर लंड पर दबा दिया और पिचकारी छोड़ दी। सोनल ने भी लंड बाहर नहीं निकाला और उसका पूरा जूस पी गयी। कमल ने भी अपनी जीभ की स्पीड और बूर की चूसाई तेज़ कर दी और तभी सोनल ने अपने मुँह से उसका लंड निकाला और जोर से किलकारी मारते हुए उसके मुँह में अपना जूस निकाल दिया। फिर दोनों थोड़ी देर इस अवस्था में पड़े रहे और फिर बाद में नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सोफे पर बैठ गये और स्मोक करने लगे।
josef
Platinum Member
Posts: 5372
Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: आजाद पंछी जम के चूस

Post by josef »

कमल ने बड़े प्यार से सोनल का चेहरा उठा कर पूछा, कैसा लगा अपने भाई का लंड और चूसाई? मज़ा आया कि नहीं?
वोह शरमाते हुए बोली, कमल तुम बड़े बदमाश हो, पर सच में इतना आनंद तो मैंने आज तक महसूस ही नहीं किया। कमल मैं तो अब रोज़ चूसूँगी और अपनी तुमसे चुसवाऊँगी!
कमल ने भी अंजान बनते हुए कहा, क्या सोनल ?
तो वो बोली, धत्त कमल! तुम्हारा लंड और अपनी चूत!

सोनल कमल के आगोश में लेट कर बड़े ही प्यार से उसके लंड से खेल रही थी जो अब फिर से खड़ा हो गया था।
सोनल बोली,
कमल तुम मेरी चूत में नहीं डालोगे क्या...? मेरी बहुत इच्छा हो रही है काफी दिनों बाद तुम्हारा लेकर तो देखूँ कैसा लगता है।
कमल तुमने मम्मी को दोबारा चोद लिया है ना?�
तब कमक ने उसे सच-सच बताना ठीक समझा और बोला, �सोनल ! मैं मन ही मन में आपको और आपकी मम्मी से बहुत प्यार करता हूँ और रात को आप दोनो के ख्वाब देख कर मुठ मारा करता था...और फिर कमल ने उसे पूरी कहानी बता दी।
सोनल बड़े आश्चर्य के साथ बोली,
क्या??? कमल तुम मम्मी को चोदते हो?
मैं नहीं मानती कि मम्मी ने इतनी आसानी से तुम्हे माफ कर दिया और मेरे लिए भी तैयार हो गयी है।

तब कमल ने कहा, चलो ठीक है, कल जब आपकी मम्मी घर पर आयेंगी और मुझे जब अंदर बूलायेंगी तब आप बालकोनी से देखना... आपकी मम्मी कितने प्यार से मुझसे चुदवाती है। हमने तो प्लैन भी बनाया है कि आपकी मम्मी आपके साथ मेरी चुदाई करवायेंगी।

सोनल इतना सब सुन कर थोड़ी सी गरम हो गयी थी और अपनी चूत उसने कमल की टाँगों पर घिसनी चालू कर दी थी।
कमल ने कहा,
सोनल ! मैं आपको बड़े प्यार से चाची के प्लैन वाले दिन ही भोगना चाहता हूँ। इस लिये आज सिर्फ एक दूसरे की चूसाई करेंगे...और इतना कह कर फिर से दोनो लोग ६९ के आसन में हो कर एक दूसरे को चूसने लगे। उस रात उन दोनों एक ही कमरे में एक दूसरे को बाहों में भर कर सोये। अगली सुबह कमल को आरती को लेने जाना था तो कमल सोती हुई नंगी सोनल को प्यारी से पप्पी दे कर आरती को लाने के लिये एयरपोर्ट चला गया।

कार में बैठते ही आरती ने कमल को किस करा और बोली, कमल मैं तो बूरी तरह से मचल रही हूँ चुदाई के लिये। सोनल जब तक सो कर उठेगी तब तक तू मेरी जम कर चुदाई कर दे।
कमल ने कहा, आरती डार्लिंग! मैं भी तो तड़प रहा हूँ तुम्हें चोदने के लिये और तुम अब सोनल की चिंता छोड़ दो! और कमल ने आरती को सारी कहानी बता दी।
आरती ने आगे बढ़ कर उसे किस कर लिया और बोली, मैं तो सोनल के साथ तेरी चुदाई कल करवाऊँगी। आज तो तू दिन भर सिर्फ मुझे चोद कस कर। मेरा तो पूरा बदन तरस रहा है तेरे हाथों से मसलवाने के लिये।

दोनो जब घर पहुँचे तो सोनल उठ गयी थी। थोड़ी देर इधर-उधर की बातें करने के बाद आरती बोलीं, सोनल देख मैं सुनील के साथ सोने जा रही हूँ, तो कोई भी फोन या कोई घर पर आये तो उसे मना कर देना और मुझे डिस्टर्ब मत करना।
सोनल कमल की तरफ देख कर मुस्कराई और समझ गयी कि उसकी मम्मी कमरे में जा कर कमल से चुदवायेंगी।
आरती ने उसे देख लिया और बोली सोनल बेटा! मुझे कमल ने सब बता दिया है। तू घबरा मत... कल मैं तुझे ज़िंदगी का वो सुख दिलवाऊँगी जिसकी तूने कल्पना भी नहीं करी होगी।

इतना बोल कर आरती ने कमल को अपनी बाहों में ले लिया और कमल ने उनको। फिर वो दोनों कमरे में घुस गये और घुसते ही एक दूसरे पर ऐसे टूट पड़े जैसे कितने दिनों के भूखे हों। कमल आरती को अपनी बाहों में भर कर बुरी तरह से मसलते हुए चूस रहा था और आरती उसकी पैंट खोल रही थी। कमल ने देखा कि सोनल बालकोनी में खड़ी हो कर उन दोनों को देख रही थी। इस ख्याल से कि सोनल अपनी मम्मी को उस से चुदाते हुए देखेगी, उसका लंड कुछ ज्यादा ही अकड़ गया और उसने आरती के कँधे दबा कर उन्हें वहीं बिस्तर पर बिठा दिया और सिर को पकड़ कर अपना लंड आरति के मुँह में उतार दिया और सोनल को देखते हुए आरती का मुँह चोदने लगा और अपना पूरा लंड उनके मुँह में फँसा कर झड़ गया।
फिर कमल ने आरती कि साड़ी, ब्लाऊज़,
पेटीकोट उतारे और सोनल को दिखाते हुए उनकी चूचियाँ ब्रा के ऊपर से पहले खूब मसलीं और बाद में उनकी ब्रा उतार के उनके दोनों निप्पल अपनी उँगलियों के बीच में मसले। आरती तो सितकार उठी और बोली
मादरचोद इतना क्यों भड़का रहा है मेरी चूत की आग? पहले से ही चूत में आग भड़की हुई है।
कमल ने आरती को खड़ी कर के उनके चूत्तड़ बालकोनी की तरफ कर दिये ताकि सोनल आराम से देख सके। आरती के हाई हील सैण्डलों में कसे पैर जमीन पर थे और उसने उन्हें चूचियों के सहारे बिस्तर पर टिका दिया जिससे उनकी चूत और गाँड के छेद खुल कर सामने आ गये। कमल ने सोनल की तरफ़ देखते हुए आरती की चूत और गाँड के छेद पर उँगली फेरनी चालू कर दी और एक हाथ से अपना लंड सहलाने लगा। उसके बाद कमल ने झुक कर आरती के सैण्डलों में कसे पैर चाटने लगा और फिर धीरे-धीरे उनकी टाँगों और जाँघों को चाटते हुए ऊपर बढ़ा और फिर उनकी उभरी हुई चूत को अपनी जीभ से चटना शुरू कर दिया जिससे आरती की सितकारियाँ निकलनी चलू हो गयी और वोह अपनी गाँड के धक्के उसके मुँह पर देने लगी।
आरती की चूत अपने मुँह में झड़वाने के बाद कमल ने खड़े-खड़े ही अपना लंड सोनल को दिखाते हुए आरती की चूत पर रखा और झुक कर उनकी मदमस्त लटकती हुई चूचियों को पकड़ कर मसलते हुए जोर से धक्का मारा जिससे उसका पूरा लंड आरती की चूत में समा गया। आरती इस पोज़ में अपने चूत्तड़ मटकाती हुई उसका लंड ले रही थी और कमल भी पूरे जोश में उनकी चूत चोद रहा था। थोड़ी देर बाद कमल ने अपना लंड निकाल कर आरती की टाँगें फैला कर बिस्तर पर लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर दना-दन चोदने लगा। करीब आधा घँटा चुदाई के बाद वो दोनों एक साथ झड़े और आरती ने अपनी जाँघें बंद करके कमल का लंड अपनी चूत में ही रहने दिया और बोली, डार्लिंग! ऐसे ही मेरे ऊपर सो जा ताकि जब तेरा दोबारा खड़ा हो तो बिना वक्त गंवाये मुझे चोदना चलू कर देना। मेरी चूत को इतनी ठंडक मिली है कि मैं तो एक सिगरेट पी कर सोऊँगी।
कमल तो मस्ती में था और आरती कि गुदाज़ चूचियों पर लेट कर सुस्ताने लगा। दिन भर उन दोनों ने जी भर के एक दूसरे के साथ चुदाई की और अपने बदन की हवस को पूरा शाँत की।
शाम को आरती बिस्तर पर सिर्फ हाई हील वाले काले और चमचमाते सैण्डल पहने, नंगी पसरे हुए ड्रिंक पी रही थीं और कमल अपने होंठ और जीभ उनके सैण्डलों और पैरों पर फिरा रहा था। कमल को उनके सैण्डलों और पैरों की महक और टेस्ट बहुत अच्छा और उत्तेजक लग रहा था, जिसकी वजह से उसका लौड़ा तन कर सीधा खड़ा था।
आरती बोली, डार्लिंग अब और चूदाई नहीं करेंगे ताकि तेरा लंड कल सोनल की चूत के लिये एकदम तैयार और बे-करार रहे। मैं चाहती हूँ कि जब उसे तेरा लंड मिले तो एक दम ताज़ा और मस्त मिले। कल दिन में सोनल के साथ अपना हनीमून मना लेना।

कमल ने उनकी सैण्डल चाटते हुए कहा, चाची! दिदी मेरे लिये एकदम तैयार कर देना और हनीमून मैं उनके साथ मॉडर्न ड्रैस में मनाऊँगा।
आरती बोली, तू चिंता मत कर! मैं उसे कल सुबह बाज़ार से सैक्सी काली ब्रा-पैंटी, मॉडर्न ड्रैस और सैक्सी हाई हील सैंडल दिला कर लाऊँगी जिसे देख कर तेरा लंड और तन जाये। मैं उसे बिलकुल मॉडर्न तरह से तैयार करूँगी और ध्यान रहे कल बारह-एक बजे तक तू घर पर मत रहना। मैं अपनी बेटी को बड़े प्यार से तैयार करना चाहती हूँ ताकि उसे अपनी ये चूदाई हमेशा याद रहे!
कमल ने कहा, पर अभी अपने इस तने हुए लंड का क्या करूँ?
आरती बोलीं, तुझे मेरे सैंडल पहने हुए पैर बहुत सैक्सी लगते हैं ना! तो तू अभी अपना लंड इन्हीं पर घिस कर क्यों नहीं ठंडा कर लेता। सच, तुझे मेरे हाई हील सैंडल पहने पैरों को चोदने में जरूर मज़ा आयेगा।
आरती का यह आईडिया सुन कर उसका लंड और भी अकड़ गया। कमल ने झट से उनके सैंडल पहने पैरों को अपने दोनों हाथों में लिया और अपना लंड दोनों सैंडलों के बीच में आगे-पीछे करने लगा। सैंडल के तलुवों और लैदर का फील बहुत मस्त लग रहा था और चार-पाँच मिनट में ही उसकी पिचकारी आरती के सैंडल, पैरों और टखनों पर छूट गयी। उसके बाद आरती को नंगा बिस्तर पर छोड़ के बाहर आ गया और सीधा सोनल के कमरे में गया। सोनल सिगरेट पीते हुए पूरी नंगी हो कर अपनी चूत के दाने को घिस रही थी और मस्ती में अपने चूत्तड़ ऊपर नीचे उछाल रही थी। कमल को आया देख कर शरमा गयी और बोली, कमल ये क्या... तुम बिना नॉक करे ही आ गये।
कमल ने प्यार से उसका किस लिया और बोला,
मेरी प्यारी दीदी! बस आज-आज मुठ मार लो, कल के बाद तो आपकी जब भी इच्छा होगी, मैं आपको खूब चोदूँगा। बताओ आपको कैसा लगा अपनी मम्मी की चूदाई देख कर?
सोनल बोली, कमल! मम्मी बहुत ही सैक्सी दिखती है नंगी हो कर। मैंने तो मम्मी के साथ तुम्हें नंगा देख कर ही अपनी जाँघें कस ली थीं और जब तुम मम्मी के चूत्तड़ फैला कर उनकी चूत चाट रहे थे, मैंने अपना एक हाथ अपनी पैंटी में डाल कर अपने दाने को खुब घिसा था। कमल, इतने दिनों बाद मम्मी को चुदते देख मज़ा आ गया।
कमल बोला, बस मेरी डार्लिंग दीदी! कल के लिये आप तैयार हो जाओ। कल आपको दोबारा चोद कर पूरा फूल बना दूँगा। फ़िलहाल अभी थोड़ा मेरे लंड को चूसते हुए अपनी मुठ मारो। देखो कितना मज़ा आयेगा।
सोनल ने लपक के कमल का लौड़ा मुँह में ले लिया और अपनी चूत घिसते हुए सका-सक उसका लौड़ा चूसने लगी और पँद्रह-बीस मिनट बाद तबियत से चूसते हुए अपनी चूत का और उसके लंड का पानी निकाला। कमल ने भी झुक के उसकी चूत का पानी अपनी जीभ से चाट-चाट कर पीया।

थोड़ी देर बाद आरति नहा-धो कर सिर्फ़ पैंटी-ब्रा और सैण्डलों में ही अपने रूम से निकली और अपने मोटे-मोटे चूत्तड़ कमल की गोदी में रख कर बैठ गयी और तीनों ने एक साथ ड्रिंक की और स्मोक किया। आरती उसके बाद उठीं और सोफ़े पर बैठ कर सोनल को अपनी गोद में बिठाया और बोली, मॉय डीयर! तू तैयार है ना चुदने के लिये?
सोनल ने शरमा कर अपना मुँह आरती की ब्रा में कैद उन्नत चूचियों में छुपा लिया। आरती ने उसका सिर उठा कर कहा, सोनल तू बड़ी किस्मत वाली है जो तुझे घर बैठे इतना तगड़ा मर्द और मस्त लंड मिलेगा। मैं नहीं चाहती कि तू भी मेरी तरह चुदाई के लिये तड़पे और बाहर चुदे। तेरे पापा मुझे एक दम ठंडा नहीं कर पाते हैं, जिससे मेरा दिमाग खराब रहता था। पर अब मुझे कमल का लंड मिल गया है जो मुझे पोर-पोर तक चुदाई का सुख देता है। मेरी इच्छा यही है सोनल बेटी कि तू भी भरपूर चुदाई का मज़ा ले ले शादी से पहले। पता नहीं शादी के बाद ये सुख तुझे मिले ना मिले।

उसके बाद उन्होंने खाना खाया और अपने-अपने कमरे में चले गये। अगले दिन कमल सुबह नहा-धो कर बाहर चला गया ऐसे ही घूमने के लिये और करीब साढ़े बारह बजे वापस आया। आरती ने कमल को पहले तो बाहों में लेकर किस करा और बोली, तेरी रानी अंदर बैठी है सज-सँवर के। जा पहले तू नहा-धो ले और फ़्रैश हो जा। अब कल सुबह तक तुझे उसकी जम कर चुदाई करनी है। मैं सब कुछ रूम में ही पहूँचा दूँगी।
कमल भी बेसब्री के साथ नहा-धो कर तैयार हुआ और सिर्फ़ अपनी सबसे सैक्सी दिखने वाली अंडरवियर पहनी और आरती का चुम्बन लेकर कमरे में घुस गया। मज़ा आ गया था। अंदर आरती ने पूरा डिस्को बनाया हुआ था और सोनल को बहुत ही सैक्सी टॉप-स्कर्ट में तैयार करा हुआ था।
सोनल की टॉप के उपर के चार बटन खोल कर नीचे से गाँठ बन्धी हुई थी और गज़ब का मेक-अप करा हुआ था। सोनल भी हाई हील्स पहन कर एक डाँस पर अपने चूत्तड़ थिरकाते हुए नाच रही थी। कमल ने चुपचाप पीछे से जा कर उसकी मचलती हुई चूचियों को पकड़ लिया और सोनल को हवा में घूमा दिया। फिर सीधा कर के दोनो ने एक दूसरे को बाहों में कस लिया और तड़ातड़ एक दूसरे को चूमने और चाटने लगे। आरती ने सही कहा था। वाकय में सोनल बहुत ही सैक्सी लग रही थी और अगर वोह ऐसे रूप में कहीं सड़क पर चली जाती तो जरूर उसकी चूत का आज भोंसड़ा बन जाता।
सोनल ने झूक कर ड्रिंक बनाना चालू किया तो कमल ने भी पीछे से उसकी स्कर्ट नीचे खिस्का दी और झुक कर कुत्ते कि तरह उसके चूत्तड़ों में अपना मुँह लगा दिया और चाटने लगा। आरती ने सोनल को काले रंग की नेट की बहुत ही टाईट रेशमी पैंटी पहनायी थी जिससे वो उसकी गाँड की दरार में घुस गयी थी और उसके गोरे फूले हुए छोटे-छोटे मस्त चूत्तड़ों को और मादक बना रही थी। क्या महक आ रही थी उसके पिछवाड़े से। कमल तो मस्ती के आलम में आ गया था।
सोनल ने उसे एक ड्रिंक दी और अपने लिये एक सिगरेट जलाई और कमल की गर्दन में अपनी बाहें डाल कर बोली, कमल... कमल... आज जी भर के अपनी चचेरी बहन को चोद लो!
और कमल को बिस्तर पर बिठाकर उसकी अंडरवियर में तन्नाए हुए लंड पर अपने चूत्तड़ घिसते हुए बैठ कर ड्रिंक और स्मोक करने लगी। कमल ने उसकी टॉप के बटन और बंधी हुई गाँठ को खोला और उसकी स्टॉप उतार दी। आरती ने सोनल को क्या मस्त काले रंग की रेशमी ब्रा पहनायी थी। एकदम पतले स्ट्रैप थे और ब्रा के कप सिर्फ़ उसके आधे निप्पल और नीचे की गोलाइयाँ छुपाये हुए थे। रेशमी नेट के अंदर से उसकी दूधिया चूचियों की बड़ी साफ झलक मिल रही थी। कमल ने उसे खड़ा होने को कहा और कुर्सी पर टाँगें फैला कर बैठ गया और सोनल को बोला कि वो अपनी टाँगें उसकी टाँगों के दोनों तरफ करके अपनी पैंटी में कसी हुई चुत उसके लंड पर रखे और आराम से बैठ कर ड्रिंक करे। तब तक कमल उसकी कसी हुई मस्त जवानी जम कर चूसना और दबाना चाहता था।
सोनल बड़े ही कायदे से उसके लंड के उठान पर बैठ गयी और बहुत हल्के-हल्के ढँग से अपनी पैंटी उसके लंड से उठी हुई उसकी अंडरवियर पर घिसते हुए कमल की गर्दन में बाहें डाल कर ड्रिंक और स्मोक करते हुए बोली, कमल डार्लिंग मसल डालो मेरी इन जवानियों को। देखो तो सही कैसे तन कर खड़ी है तुमसे चुसाने के लिये। मेरे मस्ताने सेबों का मज़ा ले लो मेरी जान।
कमल भी अपने हाथ उसकी पीठ पर ले गया और उसकी ब्रा के हूक खोल दिये और बड़े प्यार से उसकी चूचियाँ नंगी करी। उसकी बत्तीस साइज़ की कसी हुई मस्तियाँ उसके सामने तन कर खड़ी हुई थीं और कमल ने भी बिना वक्त गँवाये दोनों चूचियों पर अपना मुँह मारना शूरू कर दिया। कमल बहुत ही बेसब्रा हो कर उसकी चूचियाँ मसल और चूस रहा था जिससे उसको थोड़ा सा दर्द हो रहा था। पर फिर भी कमल के सिर को अपनी चूचियों पर दबाते हुए कह रही थी, डार्लिंग आराम से मज़ा लो,
इतने उतावले क्यों हो रहे हो। आज तो हमारा हनीमून है। कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ। जम के चूसवाऊँगी और मसलवाऊँगी। इनको इतना मसलो कि स्कूल में मेरी चूचियाँ सबसे बड़ी हो जायें।
करीब आधा घँटा इस चूसाई के बाद कमल ने कहा,
सोनल दीदी! अब तो आप तैयार हो जाओ चुदने के लिये।
कमल ने उसे अपनी बाहों में उठाया और फूलों से सजे पलंग पर लिटा दिया। लाल गुलाब से सजे पलंग पर काले रंग की पैंटी से ढका सोनल का गोरा बदन ऐसा लग रहा था जैसे कोई अपसरा अपने कपड़े उतार के सो रही हो और काला भँवरा उसकी ताज़ी चूत का रस चूस रहा हो। कमल करीब पाँच मिनट तक सोनल के नंगे बदन की शराब अपनी आँखों से पीता रहा, और फिर बिस्तर पर चढ़ कर कमल ने सोनल की कमर चूसनी चालू करी और चूसते हुए अपना मुँह उसकी पैंटी पर लाया और पैंटी का इलास्टिक अपने दाँतों में दबा कर अपने मुँह से उसकी पैंटी उतारने लगा। सोनल ने भी अपने चूत्तड़ हवा में उठा दिये थे ताकि पैंटी उतारने में परेशानी ना हो। पर आरति ने इतनी टाइट पैंटी पहनाई थी कि कमल को अपने हाथ भी लगाने ही पड़े उतारने में। पैंटी उतार के जो नज़ारा कमल के सामने था,
आरती ने बड़े ही प्यार से सोनल की चूत के बाल साफ़ करे थे। सोनल चूत चुदने के लिये इतनी बेकरार थी कि चूत के लिप्स गीले थे। सोनल बोली,
डार्लिंग! मम्मी ने मेरी पूसी क्रीम से साफ करी है और मुझे बोला है कि मैं कभी भी अपनी पूसी शेव नहीं करूँ नहीं तो खराब हो जायेगी।
कमल का लंड तो सोनल की चिकनी नंगी मस्ताई हुई, चुदने के लिये तैयार चूत को देख कर ही उसकी अंडरवियर को फाड़ कर बाहर आने के लिये बेकरार था और उछल-कूद मचा रहा था। कमल ने अपने दोनों हाथों से अपनी अंडरवियर उतार दी और अपना मुँह उसके सामने लेटी हुई नशे की बोतल के खज़ाने के मुँह पर लगा दिया। सोनल तो मस्त हो गयी और उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी। कमल भी चाहता था कि सोनल थोड़ा पानी छोद दे ताकि उसकी ताज़ी चूत थोड़ी चिकनी हो जाये और तकलीफ कम हो। कमल उसकी चूत का दाना चूसते हुए अपनी जीभ से उसकी चुदाई चालू कर दी और करीब पाँच मिनट बाद ही सोनल ने उसका सिर अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और कस कर अपनी पूरी ताकत से उसका मुँह अपनी चूत पर दबा लिया और जोश में काँपते हुए चूत्तड़ों के धक्के देती हुई कमल के मुँह में अपना रस देने लगी। कमल ने भी मन से उसकी जवान चूत चूसी और चूत के लाल होंठों को अपने होंठों से चूसा।
फिर कमल घूटने के बल सोनल के सामने बैठ गया और बूरी तरह अकड़ा हुआ अपना लंड उसके सामने कर दिया और सोनल की गर्दन में हाथ डाल कर उसका मुँह अपने लंड के पास लाया और बोला, मेरी प्यारी सोनल दीदी, मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर अपनी चूत बजाने के लिये तो इनवाइट करो।

सोनल ने तपाक से अपना मुँह खोला और उसका सुपाड़ा अपने होंठों के बीच ले लिया और जीभ फेरने लगी। कमल के लंड पर सोनल के जीभ फेरने ने वो काम किया जो आग में घी करता है। कमल से रहा नहीं गया और दोनों हाथों से सोनल का सर पकड़ कर उसके मुँह में ही उसने आठ-दस शॉट लगा दिये। लौड़े का तो मारे गुस्से के बूरा हाल था। एक तो उसे कल से चूत नहीं मिली थी और दूसरा उसके सामने ऐसी मलाईदार चूत थी और कमल चूतिया की तरह उसकी भूख मिटाने की बजाये चुम्मा चाटी कर रहा था।
अपना लंड सोनल के मुँह से बाहर निकाल
कर के कमल बिस्तर पर से उतरा औरआरति ने पहले से ही इम्पोर्टेड बड़ी ही खुशबू वाली चिकनाहट की क्रीम मेज पर रखी हुई थी। कमल ने उसे उठा कर थोड़ी ज्यादा ले कर सोनल की चूत पर और चूत के अंदर की दीवारों पर लगा दी और फिर अपने लंड पर लगाने लगा। सोनल बोली, ये तुम क्या कर रहे हो?
कमल ने उसे समझाया और बोला, आज मैं आपकी चूत को भोंसड़ा बनाने जा रहा हूँ तो मुझे अपना लंड आपकी चूत में घूसेड़ना पड़ेगा और आपको तकलीफ ना हो इस लिये मैं आपकी चूत को और अपने लंड को चिकना कर रहा हूँ।
कमल ने बिस्तर पर चढ़ कर सोनल की जाँघों को अपने हाथों से पूरा फैला दिया और एक हाथ से लंड पकड़ कर दूसरे हाथ से सोनल की चूत के लिप्स खोल कर अपना गुस्साया हुआ लाल सुपड़ा उसकी गुलाबी चूत से सटा दिया और बहुत हल्के-हल्के घिसते हुए बोला,
देख लो सोनल दीदी! अपने लंड की आपकी चूत से मुलाकात करा रहा हूँ।
सोनल को भी अपनी चूत पर लंड घिसाई बहुत अच्छी लग रही थी। वोह सिर्फ़ मस्ती में ऊँमम ऊँमम कर सकी। एक दो मिनट बाद कमल ने देखा कि सोनल पर मस्ती पूरी तरह से सवार हो चूकी है तो उसने अपने लंड का एक हल्का सा शॉट दिया जिससे उसका लंड सोनल की चूत बहुत ज्यादा कसी होने के कारण से फिसल कर बाहर आ गया। इससे पहले कि सोनल कुछ समझ पाती, उसने एक हाथ से अपना लंड सोनल के चूत के लिप्स खोल के उसके छेद पर रखा और अपने चूत्तड़ों से कस के धक्का दिया जिससे उसका मोटा तगड़ा लंड दो इंच सोनल की चूत में घुस गया। सोनिया की गाँड में तो जैसे भूचाल आ गया। वोह जोर से चीखी, कमल मार डाला! ये क्या डाला है मेरे अंदर। बहुत मजा आ रहा है। कमल प्लीज़ पूरा डालो।
josef
Platinum Member
Posts: 5372
Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: आजाद पंछी जम के चूस

Post by josef »

कमल ने कुछ परवाह ना करते हुए दूसरा शॉट और कस के लगाया और अब उसका पाँच इंच लंड सोनल की चूत में समा चुका था। ऐसा लग रहा था जैसे किसी बोत्तल के छोटे छेद में अपना लंड घुसा दिया हो और बोत्तल के मुँह ने कस कर उसके लंड को पकड़ लिया हो। कमल ने उसके दोनों हाथ पकड़ कर फैला दिये और अपने पूरे शरीर का भार देते हुए उसके ऊपर लेट कर अपना पाँच इंच लंड अंदर-बाहर करने लगा। करीब पाँच-दस मिनट तक सिर्फ पाँच इंच से ही संतोष करने के बाद कमल ने सोनल से पूछा, दीदी अब कैसा लग रहा है?
तो बोली, जब तुमने घुसेड़ा था उस समय तो मेरी जान ही निकल गयी थी पर अब तुम्हारी लंड घिसाई से थोड़ा मजा आ रहा है।
कमल ने मौका अच्छा देख और अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और उसे पूरा दबोच कर एक ज़ोरदार कड़कड़ाता हुआ शॉट दिया जिससे उसका पूरा साढ़े आठ इंच लौड़ा सोनल की चूत में समा गया। कमल के होंठ उसके होंठों पर रखे हुए थे इस कारण वो ज्यादा जोर से नहीं चीख पायी। उसका पूरा लंड जो उसकी चूत में समा गया था उससे सोनल को दर्द इतना हो रहा था कि अगले पाँच मिनट तक कमक तो शाँत अपना लंड उसकी चूत में डाल कर उसके रसीले होंठ चूसता रहा और सोनल नीचे से दर्द के मारे लगातार अपने चूत्तड़ उछालती रही। जब पाँच मिनट बाद उसने अपने चूत्तड़ उछालना बँद किया तब कमक ने अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी चूत में सरकाना चालू किया।
पँद्रह-बीस धक्के अपनी चूत में ले लेने के बाद उसका दर्द भी कम हो गया था और उसका कसमसाना भी। कमल ने सोनल के होंठों के ऊपर से अपने होंठ हटा लिये और बोला,
क्यों मेरी प्यारी दीदी! अब बताओ कैसा महसूस हुआ जब मैंने अपना मस्त लौड़ा आपकी चूत में डाल कर पूरी फूल बना दिया और अब कैसा लग रहा है दर्द खतम होने पर।
सोनल बोली, क्या डार्लिंग तुमने तो मेरी जान ही निकल दी। जब तुमने अपना लंड मेरी चूत में पेला था उस समय तो मुझे ऐसा लगा था कि शायद आज तुम मुझे मेरी चूत से लेकर दो हिस्सों में फ़ाड़ के रख दोगे। बहुत दर्द हुआ था कमल पर तुमने इतने प्यार से मुझे सम्भाला और बाद में जो प्यार से मेरी चूत बजा रहे हो तो ऐसा लग रहा है कि मैं ज़न्नत में हूँ। मेरे बदन से ऐसी मस्ती छूट रही है कि क्या बताऊँ। कमल अब बहुत मज़ा आ रहा है। अब तुम जी भर के मुझे चोदो।
कमल सोनल की दोनों जाँघें चौड़ी कर दीं और अपने हाथों से उसकी दोनों सैंडल की हील पकड़ लीं और खुद घूटने के बल बैठ कर अपनी गाँड के दनादन धक्के मारने लगा। सोनल को अब भी तकलीफ हो रही थी पर वो भी अब चुदाई में पूरा साथ दे रही थी। इतने दिन बाद मर्द की चुदाई के कारण वो और ज्यादा मस्ती सहन नहीं कर पायी और सितकारी भरती हुए अपनी चूत का पानी कमल के लंड पर गिराने लगी और बड़बड़ा रही थी, आह आँह कमल मज़ा आ गया। मुझे क्या मालूम था इतनी तकलीफ के बाद इतना सुख मिलेगा। इस सुख के लिये तो मैं अपनी चूत बार-बार तुमसे फड़वाऊँगी।
कमल ने भी लगातार आठ-दस शॉट लगाये और बलबला कर उसकी चूत में जड़ तक अपना लंड उतार के झड़ गया। कमल सोनल की चूत को चोद कर मस्त हो गया था और आराम से उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को चूस रहा था। थोड़ी देर बाद कमल उसके ऊपर से हटा और और उसका मुँह पकड़ कर अपने लंड पर लगा दिया और कहा, बहन की लौड़ी
दीदी! जब तक मैं न कहूँ मेरा लंड चूसती रहना नहीं तो गाँड मार मार के लाल कर दूँगा!
और आराम से सिगरेट सुलगाकर अपनी पीठ टिका कर पीने लगा।
सोनल ने भी पूरी हिम्मत दिखायी और बिना वक्त बर्बाद करे उसका लंड चूसना चालू कर दिया। करीब दस- पँद्रह मिनट की लगातार चूसाई से उसका लंड फ़िर से तन्ना गया, पर के ने अपने आप पर पूरा कंट्रोल रख कर सोनल के मुँह में अपना लंड तबियत से चूसाता रहा। दस मिनट बाद कमल ने सोनल को बोला, चलो आज आपको घोड़े की सवारी करना भी सिखा दूँ। मेरी प्यारी दीदी! करोगी ना मेरे लंड पर घोड़े की सवारी? सोनिया ने बड़े आश्चर्य से पूछा,
तुम्हारा मतलब है कि मैं तुम्हारे लौड़े पर बैठ और उसे
अपनी चूत में अंदर लूँ और अपने चूत्तड़ ऊपर-नीचे उछाल-उछाल कर लंड को अपनी चूत में चोदूँ?
कमल ने कहा, हाँ दीदी! आपको तो सब पता है... पर ध्यान रहे लंड बाहर नहीं निकलना चाहिए।
सोनल उसके लंड के दोनों तरफ़ पैर करके खड़ी हो गयी और धीरे-धीरे नीचे बैठने लगी और एक हाथ से उसका तन्नाया हुआ लंड पकड़ा और एक हाथ की उंगलियों से अपनी चूत के लिप्स खोले। जब कमल का लंड उसकी चूत से टकराया तो थोड़ा सा वो घबरायी पर कमल ने उसकी घबराहट देख कर उसके चूत्तड़ कमर के पास से कस कर पकड़ लिये और इससे पहले वो कुछ समझ पाती कमल ने नीचे से अपने चूत्तड़ एक झटके से उछाले और पूरा लंड गप से उसकी चूत में उतार दिया। सोनल बहुत छटपटाई पर कमल ने भी उसकी कमर कस कर पकड़ी हुई थी।
दो तीन मिनट बाद जब उसक दर्द कम हुआ तो कमल ने उसको अपने ऊपर झुका लिया और बोला, सोनल दीदी! अब आप अपने चूत्तड़ उछाल-उछाल कर ऊपर नीचे करो और लंड सवारी का मज़ा लो।
इतना कह कर उसने उसका सिर दबा कर उसके होंठ अपने होंठों में ले लिये और चूसते हुए अपने दोनो हाथों से उसके पीछे से फैले हुए चूत्तड़ पकड़ लिये और मसलने लगा। सोनल की हिम्मत कमल को माननी पड़ी कि दर्द होने के बावजूद भी बड़े प्यार से उछलते हुए उसे चोद रही थी, और दूसरी बार करीब आधे घंटे तक उन्होंने इसी पोज़ में चूदाई करी और कमल ने अपने लंड का फाऊँटेन उसकी चूत में गिरा दिया और सोनल को दबोच कर अपने ऊपर ही लिटा कर रखा और लगातार दो बार चुदाई करने के कारण दोनो थोड़ा सुस्ताने लगे।
करीब एक घण्टे बाद कमल की जब आँख खूली तो देखा सोनल सिगरेट पीते हुए उसके लंड से खेल और चूस रही थी। जब कमल को उसने अपनी और घूरते पाया तो थोड़ा शरमा उठी। कमल ने भी कहा, दीदी! चूसो इसे... मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।
इस समय मेर गन्ना पूरी तरह से तन्नाया हुआ था। उसे एक शरारत सूझी और उसने सोनल से कहा, सोनिया दीदी! आपको ये तो मानना पड़ेगा कि आज भी और आगे भी मैं जब आपको चोद कर ये सुख दूँगा, ये सब आपकी मम्मी की वजह से ही मुमकीन हुआ है।
सोनल तपाक से बोली, यू आर राइट कमल! ऑल थैंक्स टू मम्मी! अगर मम्मी नहीं मानतीं तो पता नहीं तुम इस घर मे वापिश घुस पाते भी या नही।
कमल ने कहा, फिर तो दीदी ये गलत बात है कि हम दोनों अंदर इतना मज़ा ले रहे हैं और आपकी मम्मी बाहर अपनी चूत अपनी उँगली से ठंडी कर रही है। मेरी बड़ी इच्छा है कि आप दोनों को मैं एक ही पलंग पर एक साथ नंगा करके चोदूँ।
सोनल फ़ोरन ही तैयार हो गयी और बोली, मैं अभी जा कर मम्मी को बुला कर लाती हूँ।
कमल ने कहा, नहीं! आप बैठ कर एक ड्रिंक और सिगरेट पियो। मैं आपकी मम्मी को लाता हूँ।
कमल नंगा ही बाहर गया तो देखा कि आरति अपना ब्लाऊज़ उतार कर ब्रा और पेटीकोट में लेटी हुई थी और अपना पेटीकोट कमर तक उठा कर स्मोक करते हुए अपनी उंगली से मुठ मार रही थीं। कमल को देख कर बोली, क्या बात है कमल! सोनल ठीक तो है ना? आरती की ज़ुबान नशे में बहुत लड़खड़ा रही थी और आँखें भी नशे में भारी थीं।

कमल ने कहा, डार्लिंग घबराओ नहीं! मेरा लंड ले कर एक दम मस्त चूत हो गयी है साली की। अभी तक दो बार लंड का पानी पी चूकी है, और तीसरी बार चुदाने को मचल रही है। चुदाने के मामले में एक दम तुम्हारी बेटी है! साली की बहुत गरम चूत है। इसको अगर दमदार मर्द नहीं मिला तो ये तो दूसरे मर्दों से खूब चुदवायेगी। तुम्हारी तरह उंगली से ठंडी नहीं होगी।
आरती बोली, फिर क्या बात है (हुच्च)
तू बाहर कैसे आ गया?
कमल ने कहा, आरती मेरी बड़ी इच्छा है कि तुम्हारी बेटी के सामने तुम्हें चोदूँ और तुम्हारी चूत बजाऊँ।
आरती बोली, व्हॉट? ऑर यू क्रेज़ी? (हुच्च) मुझे अपनी बेटी (हुच्च) के सामने चुदाने में शरम आती है।
सोनल जो शायद दरवाजे पर खड़ी हो कर उनकी बातें सुन रही थी, सिर्फ़ सैंडल पहने नंगी ही एक दम बाहर आ गयी और बोली,
मम्मी आज से तुम मेरी सबसे बेस्ट फ़्रैंड हो और चुदवाने में क्या शरमाना। मैं भी तो देखूँ कि चुदाई का असली मज़ा कैसे लिया जाता है।
आरती उठ कर खड़ी हुईं तो गिरते-गिरते बचीं। उन्होंने काफ़ी ड्रिंक कर रखी थी और नशे और हाई पेन्सिल हील की सैण्डलों की वजह से उनका बैलेंस बिगड़ गया पर सोनल ने उनको अपनी बाहों में भर लिया। कमल ने भी पीछे से जा कर आरती की दोनों चूचियों को अपने हाथों से दबा लिया और आरती को बीच में दबाये हुए बेडरूम में ले कर आ गये क्योंकि वो नशे में अपने आप चलने की सूरत में नहीं थीं।
कमल ने सोनल को कहा, चलो दीदी! अपनी मम्मी का पेटीकोट उतारो और अपनी मम्मी की चूत नंगी कर के मुझे दिखाओ।
कमल ने आरती की ब्रा खोल कर उनकी चूचियाँ नंगी कर दीं। सोनल ने भी आरती के सारे कपड़े उतार दिये और बोली, लो कमल अबकी बार मेरी मम्मी की चूत की सिकाई करो।
अब दोनों माँ बेटी एक साथ बिल्कूल नंगी, सिर्फ़ हाई हील सैण्डलों में, कमल के सामने थीं। उसने भी नंगी आरती को अपनी बाहों में ले लिया और किस करने के बाद बोला, आरती डार्लिंग! आज तुम्हारी बेटी की चूत खोली है तो आज मैं तुम्हारे साथ भी हनीमून मनाऊँगा और जैसे तुमने उस दिन कहा था कि कोरी चूत तो नहीं दे सकी पर अपनी गाँड मरवाऊँगी, तो डार्लिंग तुम्हारी बेटी मेरा लंड चूस कर मोटा करेगी और आज मैं तुम्हारी गाँड का उद्घाटन करूँगा। अपनी गाँड मरवाओगी ना आरती डार्लिंग।
आरती नशे के कारण बहकी हुई आवाज़ में बोलीं, मेरे गाँडू राजा! मैं तुझे अपना सब कुछ सौंप चुकी हूँ। साले (हुच्च) तू... तूने... मेरी चूत मारी... मेरे मुँह, गले में मादरचोद अपना लंड चोदा और मेरी चूचियों के बीच में भी लंड घिस के चोदा और.... और... यहाँ तक की साले चूतिये तूने मेरे सैण्डलों और पैरों को भी नहीं छोड़ा.... बोल साले भोसड़ी के... (हुच्च) तुझे कभी मैंने ना कहा क्या... हैं? तो इसके बाद क्या पूछता है... जैसे तू मुझे चोदना चाहता है वैसे चोद, अब गाँड मारनी है... तो साले गाँड मार ले, पर मेरी गाँड जरा प्यार से मारना, मैंने आज तक (हुच्च) तेरे चाचा को उँगली तक नहीं लगाने दी।
कमल ने कहा, डार्लिंग तुम बस आराम से एक और ड्रिंक लगा कर कुत्तिया बन कर अपनी गाँड हवा में उठाओ... मैं अपना लंड सोनल से तबियत से चुसवाकर तुम्हारी मस्त गाँड के लिये तैयार करता हूँ।

आरती ने ड्रिंक बनाने की बजाये व्हिस्की की बोत्तल ही मुँह से लगा कर पीने लगी। कमल को पहले तो चिंता हुई कि कहीं इतना पीने से बिल्कुल ही पस्त हो कर सो ना हो जायें और उसका सब प्लैन चोपट हो जाये पर फिर ख्याल आया कि चाची पीने की आदी हैं। वैसे तो आम-तौर से वो लिमिट में ही पीती हैं पर पहले भी उसने उन्हें ज्यादा पी कर नशे में धुत्त देखा है और जब भी आरती नशे में कंट्रोल के बहार हुई हैं तब वो पस्त या शाँत होने की बजाय हमेशा काफ़ी बेकाबू और ज्यादा उत्तेजित ही हुई हैं। यही सोच कर कमल ने सोनल को बुला कर अपने सामने घुटने बर बैठा कर लंड चूसने के लिये बोला और कहा, लो सोनल दीदी! चूस के तैयार करो अपनी मम्मी के लिये। देखो आज आपकी मम्मी कैसे नशे में धुत्त होकर मेरा लंड अपनी गाँड में लेगी।
आरती! देख तेरी बेटी क्या तबियत से मेरा लंड चूसे के मोटा कर रही है तेरी गाँड के लिये। ये तो आज अपनी मम्मी की गाँड फड़वाकर ही मानेगी। देख तो सही साली क्या रंडी की तरह चूसने लग गयी है।
कमल सोनल का मुँह पकड़ कर हलके-हलके शॉट लगाने लगा। इतनी देर में आरती भी एक हाथ में बोत्तल पकड़ कर पलंग पर जैसे कमल ने कहा था वैसे ही कुत्तिया बन गयी। कमल ने सोनल के मुँह से अपना लंड निकाला और बोला, दीदी चलो ज़रा अपनी मम्मी कि गाँड के छेद को तैयार करो मेरे लंड के लिये... अच्छे से क्रीम लगाओ ताकि आपकी मम्मी को ज्यादा तकलीफ न हो।
सोनल ने अपने हाथ में खूब सारी क्रीम भरी और आरती की गाँड के छेद पर लगाने लगी और बोली, कमल! मम्मी की गाँड का छेद तो बहुत टाईट है। मेरी उँगली भी बड़ी मुशकिल से अंदर जा रही है।
कमल ने कहा, आराम से खूब क्रीम मलो। थोड़ी देर बाद जब गाँड का छेद रीलैक्स हो जायेगा तब बड़े आराम से मेरा लंड अंदर जायेगा... और कमल स्मोक करने लग गया। क्या सीन था कि एक बेटी अपनी माँ की गाँड पर पूरी लगन से क्रीम मल रही थी और अपनी माँ को गाँड मरवाने के लिये तैयार कर रही थी। सिगरेट खतम होने के बाद कमल पलंग पर चढ़ा और अपना तन्नाया हुआ लंड आरती के चूत्तड़ों पर फेरने लगा और सोनल को बोला, अब ज़रा मेरे लंड के ऊपर भी क्रीम लगाओ! अब मैं आपकी मम्मी के भूरे रंग के गाँड के छेद को खोलूँगा।
सोनल ने बड़े ही प्यार से उसके लंड पर क्रीम लगायी और एकदम चिकना कर दिया। कमल ने सोनल को कहा कि वो अपने दोनों हाथों से अपनी मम्मी के चूत्तड़ पकड़ ले और खींच कर चौड़े करे ताकि आरती की गाँड का छेद थोड़ा सा खुल जाये। सोनल ने कमल के कहे अनुसार अपनी मम्मी के दोनों विशाल चूत्तड़ों को पकड़ लिया और चौड़े कर दिये जिससे आरति की गाँड का छेद थोड़ा सा खुल गया। कमल ने अपने हाथ से लंड पकड़ा और गाँड के भूरे छेद पर टिका दिया और दूसरे हाथ की उँगलियों से गाँड के छेद को और चौड़ा किया और लंड का सुपाड़ा टिका कर हल्के से झटका दे कर आरती की गाँड में सरका दिया। क्रीम की चिकनाहट के कारण उसका एक इंच लंड आरती की गाँड के छल्ले में जा कर फँस गया।
आरति बोलीं, कमल बहुत दर्द कर रहा है बाहर निकाल ले।
कमल ने कहा, आरती घबराओ नहीं। आराम-आराम से दूँगा। बस तुम हिम्मत कर के लंड लेती रहो।
इतना बोल कर कमल ने सोनल को इशारा किया कि वो अपनी माँ की गाँड एक दम कस कर पकड़ ले। सोनल ने भी उसका कहना माना और कमल ने अपने दोनों हाथों से आरति की कमर पकड़ ली और ज़ोरदार झटका मारा जिससे चिकनाहट होने के कारण उसका लंड सरकते हुए पूरा सात इंच आरती की गाँड में समा गया। आरती को तो जैसे बिजली का शॉक लग गया हो। अगर सोनल ने उनके चूत्तड़ और कमल ने उनकी कमर कस कर नहीं पकड़ी होती तो शायद आरती उसका लंड निकाल देतीं पर बेचारी मजबूर थी... सिवाये कसमसाने के और गालियाँ देने के अलावा वो कुछ भी नहीं कर सकती थीं।
कमल ने भी बिना कुछ परवाह किये बिना अपना पूर लंड आरती की गाँड में उतार कर ही दम लिया और हल्के-हल्के शॉट देने लगा। आरती तो दर्द के मारे पागल हो गयी थी और बोले जा रही थीं, अरे मादरचोद,
भोसड़ी वाले मार डाला रे। तेरी माँ का भोंसड़ा मादरचोद! अगर मुझे मालूम होता कि गाँड मरवाने में इतना दर्द होता है तो बहन के लंड तुझे छूने भी ना देती। बहनचोद मैं ज़िंदगी भर तुझे जैसे कहेगा वैसे ही चुदवाऊँगी और चूसूँगी। तू जिसको बोलेगा मैं उसको चुदवा दूँगी तेरे से। मुझे छोड़ दे माँ के लौड़े। हाय मेरी माँ! फट गयी मेरी गाँड। मादरचोद सत्यानाश कर दिया तूने आज मेरी गाँड का। आज तक मैंने बड़े प्यार से बचा कर रखी थी।

आरती बोलती रहीं पर अब कमल ताव में आ चुका था और हुमच-हुमच कर अपना लंड गाँड में पेल रहा था। आरती को भी अब अच्छा लगने लगा था क्योंकि अब वो कह रही थीं, मार ले मेरे डार्लिंग! मार ले अपनी चाची की गाँड। हाय हाय! शूरू-शूरू में तो बहुत दर्द हुआ डार्लिंग पर वाकय में अब बहुत मज़ा आ रहा है। सोनल तू भी कमल से अपनी गाँड जरूर मरवाना।
करीब बीस पच्चीस मिनट तक आरती की गाँड मारने के बाद कमल ने अपना रस आरती की गाँड में ही निकाल दिया।
उस दिन के बाद महीने भर जब तक रवि नहीं आया कमल ने उन दोनों माँ-बेटी को एक ही बिस्तर पर एक साथ नंगा करके खूब चोदा। रवि के आने के बाद, आरती को दिन में जब भी समय मिलता, एक बार तो चुदवा ही लेती थी। और कमल हर रोज़ सोनल के साथ सोता था और वो दोनों जम कर चुदाई करते थे। कमल ने अपनी चुदाई से दोनो मा बेटी को अपने काबू में कर लिया था, आरती और सोनल भी खुश थी कि उन्हें घर मे ही एक मोटा तगड़ा लण्ड चुदाई के लिए मिल रहा है।
एक दिन कमल ने चुदाई करते हुए आरती से अपना एक आईडिया शेयर किया जिसके अनुसार अगर आरती कमल की शादी सोनल से करवा देती है तो वो लोग जिंगदी भर ऐसे ही चुदाई का मजा ले सकते है।
पहले आरती इस बात के लिए राजी नही हुई लेकिन फिर काफी सोचने और कमल के समझाने पर वो तैयार हो गयी।
फिर आरती ने इस बारे में सोनल से बात की तो उसे कमल पहले ही मना चुका था तो सोनल ने झट हा कर दी शादी के लिए।
अब दोनो मा बेटी ने मिलकर रवि को भी इस शादी के लिए रेडी कर लिया हालांकि रवि इस शादी से खुश नही था लकिन आरती और सोनल की जिद के आगे उसे झुकना पड़ा।
रवि ने ज्यादा तामझाम न करके उनकी शादी कोर्ट में करवा दी और रिस्तेदारो के लिए एक छोटी सी पार्टी रख ली।
शादी के बाद अब कमल सोनल और आरती अपनी रंगरलिया खुलकर मनाने लगे। कमल रवि के साथ फैक्टरी का काम भी देखने लगा। कमल ने काम बढ़ाने के लिए शहर के बाहर दूसरे शहर में भी एक फक्टरी डालने का प्लान किया जिसके लिए उसे और सोनल को वहा शिफ्ट होना पड़ा।
सोनल कमल के साथ इस शहर में आने को इसलिए मान गयी क्योकि रश्मी यही इसी शहर में रहती थी। सोनल उस शहर आकर रश्मी के साथ फिर से सम्बन्ध बनाने लगी।
उनकी जिंगदी हंसी ख़ुशी कट रही थी पर फिर किस्मत ने भी ऐसा खेल खेला कि सोनल को पता चला कि वो माँ नहीं बन सकती है. डॉक्टर ने उसे बताया था कि कमल में ही कुछ कमी है. पर ये बात वो कमल को बताती तो वो तो बिलकुल टूट जाता. इसलिए उसने अपनी प्यारी रश्मि भाभी के साथ मिलकर तय किया कि वो रश्मि के अंश से अपनी कोख में बच्चा पैदा करेगी. और आखिर में उन दोनों की कोशिश रंग लायी और रष्मि ने अपने लंड के रस से सोनल को गर्भवती कर दिया था. रश्मि और सोनल को छोड़ कर इस राज़ को कोई भी नहीं जानता था.

और जब ९ महीने बाद सोनल ने जब एक प्यारे से बच्चे को जन्म दिया तो रश्मी ही उसके बगल में थी. बच्चे के जन्मते ही डॉक्टर ने बच्चे को पहले रश्मी की गोद में दिया तो रश्मी की आँखें भर आई. उसने सोनल के पास उस बच्चे को ले जाकर कहा, “आज तुम माँ बन गयी और मैं मामी!” आखिर रिश्ते में तो रश्मी उस बच्चे की मामी ही थी. दोनों औरतों की आँखों में ख़ुशी थी. तभी सोनल ने रश्मी को अपने और पास बुलाकर उसके कान में कहा, “तुम गलत कह रही हो भाभी. आज मैं माँ बन गयी और तुम मामी नहीं मम्मी बन गयी हो!”

आखिर सच तो यही था कि उस बच्चे में रश्मी का खून दौड़ रहा था. और एक औरत होने की खातिर वो बच्चे की मम्मी ही तो थी. रश्मी ने तो सपने में भी नहीं सोची थी कि वो कभी एक माँ बन सकेगी, उसका अपना अंश उसकी गोद में खेलेगा. पर शायद किस्मत ने उसके और सोनल के बीच रिश्ता इसी वजह से बनाया था कि रश्मी एक औरत के साथ साथ एक माँ भी बन सके. कितनी भाग्यशाली थी रश्मी और कितना भाग्यशाली था वो बच्चा जिसकी दो मांएं थी!

समाप्त
User avatar
naik
Gold Member
Posts: 5023
Joined: 05 Dec 2017 04:33

Re: आजाद पंछी जम के चूस

Post by naik »

(^^^-1$i7)
very nice update mitr
Post Reply