दिल मे एक अजीब सा नया विचार लेकर मैं यहाँ से जा रहा था ..
शायद इस कुदरत के नियम ऐसे है की जो जैसा करेगा वो वैसा भरेगा …
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“अरे उठो ना ये क्या घोड़ा बेचकर सो रहे हो “
नेहा मुझे जोरो से उठा रही थी ,
जब नींद टूटी तो शराब के नशे का आभास होने लगा, रात काअभी भी अच्छे से नही उतरा था ..
“सोने दे ना “
“दोपहर हो गयी है और साहब को सोना है , यहाँ काम से आए हो या दारू पीने , अभी तक पूरे शरीर से दारू की बदबू आ रही है , चलो उठो.. यहाँ कांड हो गया है और तुम्हे कोई फ़िक्र ही नही है “
कांड????
“क्या हुआ ?”
“फ्रेश हो कर आ जाओ भाभी जल्दी बुला रही है ,अब की नही उठे ना तो पूरा बाल्टी तुम्हारे ऊपर डाल दूँगी “
नेहा ने थोड़ा ज़ोर दे कर कहा, ऐसा लग रहा था जैसे कोई अपने पति को उठा रही हो , ये ख़याल आते ही मेरे होंठो मे एक मुस्कान आ गयी ..
“ओके जानू “
माने थोड़ी शुरुआत से कहा था जिससे उसके होंठो मे भी मुस्कान आ गयी
“बड़े आए जानू वाले जल्दी आओ”
वो वहाँ से निकल गयी थी , मैं भी तैयार होकर तुरंत भाभी के कमरे मे पहुचा , टीवी ऑन था और लगभग सभी वही बैठे थे..
“तू पागल हो गये हो क्या कहा थे रात भर …(फिर अपना नाक बंद करती है ) देसी शराब पी कर घूम रहे हो यानी गाँव गये थे “भाभी ने मुझे घूरा तो मैं झूठ नही बोल पाया
“हा भाभी वो दोस्तो के साथ ..”
“तुम पागल हो गये हो क्या .. ये देखो ये क्या हो गया है गाँव मे “
मैने टीवी की ओर देखा न्यूज़ चल रही थी ..
“शिवा के नाम से कत्ल करने वाली शक्ति गेंग की सदाशी आज पकड़ी गयी , पुलिस ने उसे उसके घर से तब गिरफ्तार किया जब उसने 3 नये खून किए वो भी अपने ही आशिक़ो के , गाँव वालो के अनुसार इस कातिल का नाम चंचल है और ये अपने पति का घर छोड़कर गाँव मे रहा करती थी , वही इसने एक शादी शुदा मर्द से संबंध बनाया और फिर उसके घर मे रहने लगी लेकिन चंचल के संबंध तिवारी गैंग के 3 गुंडों से भी था , जिसके कारण उस व्यक्ति को उसी के घर से निकाल कर वो उन गुंडों के साथ रहने लगी थी , लेकिन कल रात उसी शैली मे 3नो का कतल कर दिया जिसे कतल शहर मे हो रहे है …इससे पुलिस ने ये मान लिया है की शहर मे तिवारी गैंग से जुड़े हुए लोगो को मारने वाली भी यही औरत है …”
न्यूज सुनकर मैने भाभी, महिमा, नेहा और डॉक्टर की ओर देखा जो की वही बैठे थे ..
“तो तुम्हे क्या लगता है शिवा की ये शिवा के नाम पर खून किसने किया होगा , क्या तुम्हे लगता है की ये इसी औरत ने किया है जो तुम्हारे भाई की रखैल थी ..??”
डॉक्टर ने मुझे अंकित या सोनू ना कहकर शिवा कहा था जिससे मैं थोड़ा झेप गया ..
“मुझे क्या पता डॉक्टर साहब , ऐसे भी काजल और पूर्वी दोनो ने ही एक चीज़ कही थी वो था की कातिल कोई औरत है “
डॉक्टर ना जाने क्यो मेरी बात सुनकर हसने लगा ..
“औरत हा हा औरत ही तो है , और शायद अब मुझे समझ आने लगा है की वो औरत कौन है “
उसने हम सभी को घूरा और भाभी ,मेरे और महिमा के चेहरे का भाव एक साथ बदलने लगा ……..
Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
शाम होते ही मेरे दोस्त गाँव पहुच चुके थे , हमे आश्रम से निकलने की सख्त मनाही थी क्योकि बाहर की हालत सही नही चल रही थी , गाँव मे एक कत्ल हो गया था शहर से पुलिस और क्राइम ब्रांच के अलावा स्पेशल इनवेस्टिगटेर्स की टीम भी आई थी जिसमे पूर्वी और विजय भी थे , तिवारी के गैंग के साथ साथ जीवा गैंग वाले भी कुत्तों की तरह हमे ढूँढनेमे लगे थे और इस कांड के बाद तो सभी का ध्यान गाँव पर चला गया था …
लेकिन मेरे दोस्तो को कौन समझाए ऐसे भी गाँव के कई लोग आश्रम आते रहते थे तो ये लोग भी आ ही गये ..
साथ मे एक देसी दारू की बोतल भी थी , हम जंगल के अंदर एक झरने के किनारे बैठे थे ..
“सालो इतने ख़तरे मे क्यो आ गये क्या पता तुम्हारा भी पिच्छा हो रहा होगा “
“अबे टेन्षन नही लेने का हम लोगो ने पूरा सेफ्टी रखा है, लेकिन साला ये भी कमाल हो गया कैसे , उस छूतियो को मार कर किसीने उस रंडी को फँसा दिया , मुझे तो लगा था की ये तेरा काम होगा साले दारू के नशे मे उन लोगो को पेल दिया होगा लेकिन फिर पता चला की कोई लौंडिया ये कत्ल कर रही है … बाप रे भाई साली क्या ख़तरनाक चीज़ होगी यार वो “
“हा खतरनाक तो होगी तभी ये सब कर रही है “
मैने अपना पैग हिलाते हुए कहा
तभी मुझे मेरी मारलो (सेक्रेटरी ओर डॉक्टर चूतिया ), और नेहा आते हुए दिखे , मेरी हमेशा की तरफ़ बस एक सारी मे थी जो उसके जिस्म से पूरी तरह से चिपका हुआ था , सफेद रंग की सारी मे उसका यौवन जैसे झलक कर बाहर की ओर आने को बेताब था , ऐसे भी उसके जिस्म का सबसे आकर्षक अंग उसके सीने मे उठे हुए वो पर्वत ही थे जिसपर कोई भी इंसान चढ़ने की चाह करने लगता ..
वही नेहा एक सादे सलवार कमीज़ मे थी , माथे मे छोटी सी बिंदी उसके चेहरे को और ही खूबसूरत बना रही थी , बाल खुले हुए लहरा रहे थे और दोनो के पायलो की ख़न ख़न से पूरा महॉल घुंज रहा था ..
दोनो एक दूजे से एक दम अलग लग रहे थे एक तरफ़ मेरी काम की देवी लग रही थी तो नेहा प्रेम की देवी ..
“मादरचोद ये कौन है..”
करिया के मूह से ये निकलना स्वाभाविक भी था ..
“ओह हा तुम अपनी भाभी से मिलना चाह रहे थे ना ये आ गयी “
हरिया का तो जैसे मूह ही खुला का खुला रह गया
“ये मेरे दोस्त है , और ये मेरी जी है और ये नेहा है मेरी दोस्त “
मैने दोस्त पर थोड़ा ज़ोर दिया था , जहाँ सोहन नेहा को देखकर अपने हाथ जोड़ दिया वही हरिया अपना सर गड़ाए खड़ा था ..
“अबे नज़र उठा के देख भी ले अपनी भाभी को “
इस बार मैने सीधे ही भाभी कहा
“नही भाई हमारी नज़र भाभी के चरनो पर ही रहेगी भाई मैं भाभी को नही देख सकता “
मॅरी और नेहा ने मुझे अजीब निगाहो से देखा
“अरे वो क्या है ना की गाँव मे भाभी का इतना सम्मान किया जाता है की उनका चेहरा नही देखा जाता “ सोहन ने मुश्किल से अपनी हँसी च्छूपाते हुए कहा था
लेकिन मेरे दोस्तो को कौन समझाए ऐसे भी गाँव के कई लोग आश्रम आते रहते थे तो ये लोग भी आ ही गये ..
साथ मे एक देसी दारू की बोतल भी थी , हम जंगल के अंदर एक झरने के किनारे बैठे थे ..
“सालो इतने ख़तरे मे क्यो आ गये क्या पता तुम्हारा भी पिच्छा हो रहा होगा “
“अबे टेन्षन नही लेने का हम लोगो ने पूरा सेफ्टी रखा है, लेकिन साला ये भी कमाल हो गया कैसे , उस छूतियो को मार कर किसीने उस रंडी को फँसा दिया , मुझे तो लगा था की ये तेरा काम होगा साले दारू के नशे मे उन लोगो को पेल दिया होगा लेकिन फिर पता चला की कोई लौंडिया ये कत्ल कर रही है … बाप रे भाई साली क्या ख़तरनाक चीज़ होगी यार वो “
“हा खतरनाक तो होगी तभी ये सब कर रही है “
मैने अपना पैग हिलाते हुए कहा
तभी मुझे मेरी मारलो (सेक्रेटरी ओर डॉक्टर चूतिया ), और नेहा आते हुए दिखे , मेरी हमेशा की तरफ़ बस एक सारी मे थी जो उसके जिस्म से पूरी तरह से चिपका हुआ था , सफेद रंग की सारी मे उसका यौवन जैसे झलक कर बाहर की ओर आने को बेताब था , ऐसे भी उसके जिस्म का सबसे आकर्षक अंग उसके सीने मे उठे हुए वो पर्वत ही थे जिसपर कोई भी इंसान चढ़ने की चाह करने लगता ..
वही नेहा एक सादे सलवार कमीज़ मे थी , माथे मे छोटी सी बिंदी उसके चेहरे को और ही खूबसूरत बना रही थी , बाल खुले हुए लहरा रहे थे और दोनो के पायलो की ख़न ख़न से पूरा महॉल घुंज रहा था ..
दोनो एक दूजे से एक दम अलग लग रहे थे एक तरफ़ मेरी काम की देवी लग रही थी तो नेहा प्रेम की देवी ..
“मादरचोद ये कौन है..”
करिया के मूह से ये निकलना स्वाभाविक भी था ..
“ओह हा तुम अपनी भाभी से मिलना चाह रहे थे ना ये आ गयी “
हरिया का तो जैसे मूह ही खुला का खुला रह गया
“ये मेरे दोस्त है , और ये मेरी जी है और ये नेहा है मेरी दोस्त “
मैने दोस्त पर थोड़ा ज़ोर दिया था , जहाँ सोहन नेहा को देखकर अपने हाथ जोड़ दिया वही हरिया अपना सर गड़ाए खड़ा था ..
“अबे नज़र उठा के देख भी ले अपनी भाभी को “
इस बार मैने सीधे ही भाभी कहा
“नही भाई हमारी नज़र भाभी के चरनो पर ही रहेगी भाई मैं भाभी को नही देख सकता “
मॅरी और नेहा ने मुझे अजीब निगाहो से देखा
“अरे वो क्या है ना की गाँव मे भाभी का इतना सम्मान किया जाता है की उनका चेहरा नही देखा जाता “ सोहन ने मुश्किल से अपनी हँसी च्छूपाते हुए कहा था
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
“श सो क्यूट ,तुम बहुत ही शरीफ हो हरिया “
मॅरी ने उसके बालो को सहलाया , और हरिया जैसे कांप ही गया
“नही भाभी आप ऐसा मत कीजिए मैं आपसे दूर रहु तभी ठीक है “
अब तब मुझे भी समझ आ चुका था की हरिया ने मॅरी को अपनी भाभी समझ लिया है और इसीलिए उसको नही देख रहा है क्योकि मॅरी ने पारदर्शी कपड़े पहन रखे थे ..
लेकिन हमने थोड़ा और मज़ा लेनी की सोची
“तो क्या हुआ हरिया देख तेरी भाभी इनाम मे तुझे कुच्छ दिखाना चाहती है”
“अरे भाई इतना तो सब दिखा रही है और क्या दिखाएगी , मुझसे ये पाप नही होगा भाई “
“अरे देख ले कुच्छ नही होता शहर मे सब चलता है “
हरिया ने इस बार मुझे घूरा
“अबे मुझे पता था की शहर जाकर तू बदल गया है लेकिन इतना बदल जाएगा ये नही सोचा था यार , अरे वो हमारी भाभी है उनके जिस्म के ऐसे अंगो को तू खुद ही देखने के लिए कह रहा है .. तू पगला गया रे सोनू , चलो सोहन चले यार यहाँ से ये साला तो पाप करवाएगा रे “
हम सभी जोरो से हंस पड़े थे
“अरे देवर जी एक बार सर उठा कर देख तो लीजिए की आपकी भाभी है कौन “
इस बार नेहा ने कहा था , नेहा की आवाज़ सुनते ही जैसे हरिया को होश आया उसने सर उठा कर देखा और बस थोड़ी देर तक नेहा के चेहरे को देखता ही रहा
“वाह आप तो स्वक्षता देवी है ,,इतनी सुंदर “
उसने सीधा नेहा के चरणों मे अपने सर को रख दिया था
“अरे ये क्या कर रहे हो “ नेहा जैसे हड़बड़ा गयी , वही मेरे होंठो मे मुस्कान आ गयी ..
ये साला इतना मासूम और देसी तो सिर्फ़ अपना हरिया ही हो सकता है ऐसे मासूम से मुझे अपने अक्की की भी याद आ गयी पता नही वो क्या कर रहा होगा , अब मैं और नेहा तो ट्यूशन नही जाने वाले थे और उसे सुस के साथ जाना था या फिर अकेले :ओ
यहाँ हरिया को देखकर मॅरी खुश हो गयी
“तुम बहुत ही क्यूट हो , आओ मैं तुझे कुछ दिखाती हू”
उसने हरिया के गालो को सहलाते हुए कहा , इस बात तो जैसे हरिया बिल्कुल कूद ही गया , क्योकि अब तक सोहन ने तो गाँव की दो तीन ओरतो की ले ली थी लेकिन हरिया का धागा अभी तक नही टूटा था ..
मॅरी ने उसे झाड़ियो के तरफ़ इशारा किया , हरिया ने बड़ी ही उम्मीद से मुझे देखा और मैने बस उसे आँख मार दिया..
मॅरी ने उसके बालो को सहलाया , और हरिया जैसे कांप ही गया
“नही भाभी आप ऐसा मत कीजिए मैं आपसे दूर रहु तभी ठीक है “
अब तब मुझे भी समझ आ चुका था की हरिया ने मॅरी को अपनी भाभी समझ लिया है और इसीलिए उसको नही देख रहा है क्योकि मॅरी ने पारदर्शी कपड़े पहन रखे थे ..
लेकिन हमने थोड़ा और मज़ा लेनी की सोची
“तो क्या हुआ हरिया देख तेरी भाभी इनाम मे तुझे कुच्छ दिखाना चाहती है”
“अरे भाई इतना तो सब दिखा रही है और क्या दिखाएगी , मुझसे ये पाप नही होगा भाई “
“अरे देख ले कुच्छ नही होता शहर मे सब चलता है “
हरिया ने इस बार मुझे घूरा
“अबे मुझे पता था की शहर जाकर तू बदल गया है लेकिन इतना बदल जाएगा ये नही सोचा था यार , अरे वो हमारी भाभी है उनके जिस्म के ऐसे अंगो को तू खुद ही देखने के लिए कह रहा है .. तू पगला गया रे सोनू , चलो सोहन चले यार यहाँ से ये साला तो पाप करवाएगा रे “
हम सभी जोरो से हंस पड़े थे
“अरे देवर जी एक बार सर उठा कर देख तो लीजिए की आपकी भाभी है कौन “
इस बार नेहा ने कहा था , नेहा की आवाज़ सुनते ही जैसे हरिया को होश आया उसने सर उठा कर देखा और बस थोड़ी देर तक नेहा के चेहरे को देखता ही रहा
“वाह आप तो स्वक्षता देवी है ,,इतनी सुंदर “
उसने सीधा नेहा के चरणों मे अपने सर को रख दिया था
“अरे ये क्या कर रहे हो “ नेहा जैसे हड़बड़ा गयी , वही मेरे होंठो मे मुस्कान आ गयी ..
ये साला इतना मासूम और देसी तो सिर्फ़ अपना हरिया ही हो सकता है ऐसे मासूम से मुझे अपने अक्की की भी याद आ गयी पता नही वो क्या कर रहा होगा , अब मैं और नेहा तो ट्यूशन नही जाने वाले थे और उसे सुस के साथ जाना था या फिर अकेले :ओ
यहाँ हरिया को देखकर मॅरी खुश हो गयी
“तुम बहुत ही क्यूट हो , आओ मैं तुझे कुछ दिखाती हू”
उसने हरिया के गालो को सहलाते हुए कहा , इस बात तो जैसे हरिया बिल्कुल कूद ही गया , क्योकि अब तक सोहन ने तो गाँव की दो तीन ओरतो की ले ली थी लेकिन हरिया का धागा अभी तक नही टूटा था ..
मॅरी ने उसे झाड़ियो के तरफ़ इशारा किया , हरिया ने बड़ी ही उम्मीद से मुझे देखा और मैने बस उसे आँख मार दिया..
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
भाभी मेरे मोबाइल मे रखा वो वीडियो ध्यान से देख रही थी जो मैने कल रात मे बनाया था ..
मैं अभी नशे मे था और अपने कमरे मे आकर बैठा था, भाभी भी मेरे कमरे मे आ गयी थी साथ ही नेहा भी बैठी थी, किसी भाभी ने ऐसे ही मोबाइल उठाया और भैया का वो वीडियो उनके सामने था ..
“ये सब क्या है सोनू ?“
“कल रात जब उनकी ये हालत देखी तो मुझे बहुत बुरा लगा भाभी , लेकिन एक खुशी भी हुई , इस आदमी ने आपको ना सिर्फ़ गाँव से बाहर निकाला बल्कि आज पूरे गाँव वाले यही समझते है की हम दोनो एक साथ भागे थे, इसने हमे और हमारे रिश्ते को भी बदनाम कर दिया है भाभी , इसे तो सज़ा मिलनी ही थी “
अब ये खुशी था या दुख मादरचोद कुच्छ भी समझ नही आ रहा था , भाभी की आँखो से भी नीर(पानी) बह रहे थे, नेहा ने उन्हे संभाला
“जैसा भी है मेरा पति है ये, मैने प्यार किया था इससे ..”
वो फफक कर रो पड़ी थी ..
“जिसने आपके साथ ऐसा किया उसे भी भगवान ने सज़ा दे ही दी , और जिसने इनके साथ ऐसा किया उसे भी “
नेहा ने सांत्वना भरे शब्दो मे कहा ..
“हा ये तो है लेकिन एक सवाल अब मेरे दिमाग़ मे और जोरो से गूंजने लगा है नेहा , आख़िर कौन है जिसने चंचल को फसाया है?? “
नेहा उसकी बात से थोड़ी हड़बड़ाई
“आपको ऐसा क्यो लगता है भाभी “
नेहा की बात सुनकर भाभी बस हल्के से मुस्कुराइ और मुझे देखने लगी
“ये बात क्या तुम्हे थोड़ी अजीब नही लगती की एक दिन अचानक सोनू को उसके भाई इस हालत मे मिलते है, और उसी रात चंचल ये कत्ल कर देती है .. अगर मारना ही था तो उसी रात क्यो ??”
“तो आप क्या बोल रही हो की मैने उसे मारा है “
मैने भी भाभी की निगाहो से अपनी निगाहो को मिला लिया
“मारा नही लेकिन मरवाया तो ज़रूर है , ये कोई इत्तफाक नही हो सकता की जिस दिन तुम्हे दुख होता की तुम्हारे भाई की हालत ऐसी हो गयी है उसी दिन वो औरत फँस जाती है …”
उनकी बात सुनकर मैं थोड़ा हंस पड़ा
“क्या भाभी आप भी “
लेकिन भाभी गंभीर थी
“सोनू …. मेरी ओर देख … बता दे .. कम से हम दोनो से तो मत छुपा रे ..”
तभी कमरे मे महिमा (नेहा की मा) भी आ गई ..
“कौन किससे क्या छुपा रहा है है भाई ..”
हम सभी के चेहरे गंभीर हो चुके थे जिसे देखकर वो भी थोड़ा गंभीर हो गयी
“क्या हुआ ..??”
“वही हुआ जो बहुत पहले हो जाना था , एक दूसरे पर पूरा विश्वास ..” इस बार ये बात डॉक्टर ने कही थी वो भी कमरे मे आ गये थे ..
“एक दूसरे पर पूरा विश्वास करो और सब कुछ साफ साफ बता दो , हम सभी को पता है की ये किसने किया है लेकिन बोल कोई नही रहा है , जिससे भी कोमल का जो भी रिश्ता है वो बोल दे …”
हम सभी एक दूसरे के चेहरे को देखने लगे थे वही नेहा बेचारी बड़े ही आश्चर्य से हमे देख रही थी ..
“देखो मैं कोमल को सालो से जानता हू जब वो सकती हुआ करती थी तब से , उसके काम करने का तरीका बड़ा ही पेचीदा है , सोनू तुम्हे नही पता लेकिन तुम्हारी भाभी को ज़रूर उसका गेम समझ आ गया होगा , वो है भी तो उसकी ही बेटी ना …
मैं अभी नशे मे था और अपने कमरे मे आकर बैठा था, भाभी भी मेरे कमरे मे आ गयी थी साथ ही नेहा भी बैठी थी, किसी भाभी ने ऐसे ही मोबाइल उठाया और भैया का वो वीडियो उनके सामने था ..
“ये सब क्या है सोनू ?“
“कल रात जब उनकी ये हालत देखी तो मुझे बहुत बुरा लगा भाभी , लेकिन एक खुशी भी हुई , इस आदमी ने आपको ना सिर्फ़ गाँव से बाहर निकाला बल्कि आज पूरे गाँव वाले यही समझते है की हम दोनो एक साथ भागे थे, इसने हमे और हमारे रिश्ते को भी बदनाम कर दिया है भाभी , इसे तो सज़ा मिलनी ही थी “
अब ये खुशी था या दुख मादरचोद कुच्छ भी समझ नही आ रहा था , भाभी की आँखो से भी नीर(पानी) बह रहे थे, नेहा ने उन्हे संभाला
“जैसा भी है मेरा पति है ये, मैने प्यार किया था इससे ..”
वो फफक कर रो पड़ी थी ..
“जिसने आपके साथ ऐसा किया उसे भी भगवान ने सज़ा दे ही दी , और जिसने इनके साथ ऐसा किया उसे भी “
नेहा ने सांत्वना भरे शब्दो मे कहा ..
“हा ये तो है लेकिन एक सवाल अब मेरे दिमाग़ मे और जोरो से गूंजने लगा है नेहा , आख़िर कौन है जिसने चंचल को फसाया है?? “
नेहा उसकी बात से थोड़ी हड़बड़ाई
“आपको ऐसा क्यो लगता है भाभी “
नेहा की बात सुनकर भाभी बस हल्के से मुस्कुराइ और मुझे देखने लगी
“ये बात क्या तुम्हे थोड़ी अजीब नही लगती की एक दिन अचानक सोनू को उसके भाई इस हालत मे मिलते है, और उसी रात चंचल ये कत्ल कर देती है .. अगर मारना ही था तो उसी रात क्यो ??”
“तो आप क्या बोल रही हो की मैने उसे मारा है “
मैने भी भाभी की निगाहो से अपनी निगाहो को मिला लिया
“मारा नही लेकिन मरवाया तो ज़रूर है , ये कोई इत्तफाक नही हो सकता की जिस दिन तुम्हे दुख होता की तुम्हारे भाई की हालत ऐसी हो गयी है उसी दिन वो औरत फँस जाती है …”
उनकी बात सुनकर मैं थोड़ा हंस पड़ा
“क्या भाभी आप भी “
लेकिन भाभी गंभीर थी
“सोनू …. मेरी ओर देख … बता दे .. कम से हम दोनो से तो मत छुपा रे ..”
तभी कमरे मे महिमा (नेहा की मा) भी आ गई ..
“कौन किससे क्या छुपा रहा है है भाई ..”
हम सभी के चेहरे गंभीर हो चुके थे जिसे देखकर वो भी थोड़ा गंभीर हो गयी
“क्या हुआ ..??”
“वही हुआ जो बहुत पहले हो जाना था , एक दूसरे पर पूरा विश्वास ..” इस बार ये बात डॉक्टर ने कही थी वो भी कमरे मे आ गये थे ..
“एक दूसरे पर पूरा विश्वास करो और सब कुछ साफ साफ बता दो , हम सभी को पता है की ये किसने किया है लेकिन बोल कोई नही रहा है , जिससे भी कोमल का जो भी रिश्ता है वो बोल दे …”
हम सभी एक दूसरे के चेहरे को देखने लगे थे वही नेहा बेचारी बड़े ही आश्चर्य से हमे देख रही थी ..
“देखो मैं कोमल को सालो से जानता हू जब वो सकती हुआ करती थी तब से , उसके काम करने का तरीका बड़ा ही पेचीदा है , सोनू तुम्हे नही पता लेकिन तुम्हारी भाभी को ज़रूर उसका गेम समझ आ गया होगा , वो है भी तो उसकी ही बेटी ना …
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)