कैसे कैसे परिवार
पात्र परिचय
पहला घर: अदिति और अजीत बजाज.
अजीत बजाज: व्यवसायी. अच्छी कद काठी है, लंड काफी भारी भरकम, मोटा और लम्बा. बहुत रंगीन स्वभाव है.
अदिति बजाज: ग्रहणी, अजीत की पत्नी। अलोक और अनन्या की माँ। बेहद सुन्दर और कामुक स्त्री.
गौतम बजाज: घर का बेटा, चतुर और सबको प्रेम करने वाला. शारीरिक रूप से अपने पिता पर गया है. चुदाई का नया नया खिलाडी है.
अनन्या बजाज: घर की सबसे छोटी सदस्य. अल्हड़ और चंचल. माँ से उसे खूबसूरती मिली है. जानने वाले इसे देखकर अदिति की जवानी की याद करते हैं. गौतम से १.५ वर्ष छोटी है.
शालिनी देवी बजाज: अजीत की माँ. ३ वर्ष पहले पति का देहांत हो गया. एक वर्ष से यहाँ अपने बच्चों के साथ रहती हैं. जब तक पति जीवित थे, इनका सेक्स जीवन भरपूर था. आज भी इन्हें देखकर हर उम्र का आदमी एक बार तो चोदने की इच्छा करता ही है.
गोकुल: रसोइया और राधा: नौकरानी, जो पीछे के सर्वेंट क्वाटर में रहते हैं.
दूसरा घर: सुनीति और आशीष राणा
आशीष राणा: घर के मुखिया। हरियाणा के जाट और कसरत प्रेमी. शरीर एकदम गठा हुआ. चुदाई में मानो स्नातकोत्तर हैं.
सुनीति राणा: आशीष की पत्नी और उसके बचपन की साथी. दोनों बचपन से एक ही मोहल्ले में पले बढ़े. दोनों के परिवारों में घनिष्ट मित्रता थी. दोनों का विवाह कालेज से निकलते ही हो गया था. अब २४ वर्ष बाद भी दोनों का प्यार कम नहीं हुआ है. इसकी प्यास बुझाना बिरलों के ही बस में है. असीम सुंदरता और अनंत वासना का संगम.
अग्रिमा राणा: पहली संतान. माँ बाप की आँखों का तारा. क्या नहीं जो सुनीति और आशीष इसके लिये न कर दें. माँ की सुंदरता विरासत में मिली है तो सेक्स की भूख भी.
असीम राणा: पहला बेटा, अपने पिता की तरह मजबूत और कसरती. इसे थोड़ा कठोर सेक्स पसंद है. फिर भी लड़कियाँ और महिलाएं इसका साथ पाने को तड़पती हैं. अग्रिमा से १ साल छोटा.
कुमार राणा: दूसरा बेटा। असीम से लगभग २ साल छोटा है. दोनों भाई उम्र के सिवाय लगभग एक जैसे हैं. रुचियाँ भी लगभग एक हैं. असीम के साथ लगा रहता और इसका भरपूर लाभ भी उठाता है. जब अपने किसी कॉलेज के साथी की माँ लाइन पर आती है, तो तीन चार बार के बाद अधिकतर दोनों भाई उसको जुगलबंदी में बजाते हैं.
जीवन राणा: आशीष का पिता. पत्नी का देहांत होने के कुछ महीनों बाद यहाँ रहने आ गए हैं. परन्तु अपने गाँव के चक्कर लगाते रहते हैं, जहाँ इनके मित्र इनके आने की राह देखते हैं. देखकर ही पता लगता ही की आशीष का बीज कितना प्रबल था.
सलोनी: घर की सहायक. सांवला गठा शरीर. सुनीति के बचपन से उसके साथ है. इसकी पढ़ाई और विवाह का सारा खर्चा सुनीति के पिता ने ही किया था. सुनीति के साथ ही वो भी आ गई थी. घर की सदस्य ही मानी जाती है. तीनों राणा संतानें इसे मौसी पुकारती हैं. जब बंगला बना था तो उसके परिवार को भी एक सटा हुआ दो बैडरूम का आउट हाउस बनवाया था.
बिरजू: सलोनी का पति. शुरू में इसे यहाँ आना रास नहीं आया था. पर राणा परिवार के व्यव्हार ने इसे जीत लिया.
भाग्या: सलोनी और शंकर की बेटी. साल भर पहले विवाह हुआ है. अभी गर्भवती है. पास ही के गांव में विवाह हुआ है, फिर आशीष ने पति की नौकरी इसी नगर में लगा दी. अब जब मन हो चली आती है. पहले सास बहुत परेशान करती थी, फिर एक दिन अदिति ने बुला कर उसे समझाया और कुछ पैसे दिए. ये बता दिया की ये तब तक मिलते रहेंगे जब तक भाग्या सुख से रहेगी। ये भी चेताया कि अगर कुछ ऊँच नीच हुई तो सूद समेत वापिस लेंगी और सूद इतना भरी पड़ेगा कि जीवन भर कष्ट रहेगा. तब से सास उसे सर पर बैठाती है. सप्ताह में एक दो दिन तो यहीं रहती है. पति भी कुछ नहीं कहता क्योंकि वो उसे बहुत चाहता है.
सूरज: भाग्या का पति.
बलवंत मान: जीवन के बचपन का मित्र. सुनीति के पिता. अभी गांव में ही रहते हैं और अपनी और जीवन के खेती की देखभाल करते हैं.
गीता मान: बलवंत की पत्नी और सुनीति की माँ.
तीसरा घर: शीला और समर्थ सिंह
समर्थ सिंह: एक बड़ी सिक्यूरिटी कंपनी के मालिक हैं. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से वे बहुत बड़े बड़े व्यवसायों में हर तरह की सुरक्षा का इंतजाम करते हैं. हालाँकि अब अर्ध रिटायरमेंट में हैं. संभ्रांत नगर की सुरक्षा का भी यही ध्यान रखते हैं. उम्र अब ६५ पार कर चुकी होगी.
शीला सिंह: समर्थ की पत्नी. जिस प्रकार से अपने आप को बनाये रखना चाहिए, ये कोई इनसे सीखे। दोनों की शादी को लगभग ४० साल हो चुके हैं. आज भी बेहद चुस्त और सक्रिय। इनका एक शौक है जिसे हम आगे जान पाएंगे.
सुप्रिया: समर्थ और शीला की बड़ी बेटी. शादी के पांच साल बाद तलाक हो गया. कारण हम आगे जान पाएंगे. अपने दोनों बेटों को पलने और बड़ा करने में उसने अपना जीवन लगा दिया. समर्थ की कंपनी में MD के पद पर है, और संभवतः समर्थ के पूर्ण रिटायरमेंट के बाद चेयरमैन भी बनेगी. ये शहर में अपने घर में रहता है, पर अक्सर सप्ताहांत अपने माता पिता के घर ही बिताती है.
सुरेखा : दूसरी बेटी. अपने पति से अब बहुत दुखी है. एक बेटा और एक बेटी है. समर्थ की कंपनी में डायरेक्टर है. दोनों बहनों में कोई द्वेष नहीं है कंपनी में अपने पद को लेकर. ऑफिस कम ही जाती है. सुप्रिया के निकट ही अपने घर में रहती है.
निखिल: सुप्रिया का बड़ा बेटा। बिलकुल हीरो जैसा लम्बा चौड़ा. इसका हथियार भी इसके शरीर से मेल खाता है. तेज तर्रार और आक्रामक.
नितिन: सुप्रिया का दूसरा बेटा। निखिल की कार्बन कॉपी. हालाँकि स्वाभाव में दोनों बहुत अलग हैं. तीव्र बुद्धि और सौम्य स्वभाव। पर इसका औजार निखिल से भी भारी है.
सजल: सुरेखा का बड़ा बेटा. इसके बारे में बाद में जानेंगे।
संजना: सुरेखा की बेटी. इसके बारे में बाद में जानेंगे।
नागेश: सुरेखा का पति. इसका कोई खास रोल नहीं है.
चौथा घर: मिशेल और रिचर्ड डिसूज़ा
रिचर्ड डिसूज़ा: इनका इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक्स का बिज़नेस है. काफी साल साउथ अफ्रीका भी रहे है. वैसे केरल से हैं, पर अफ्रीका से लौटकर इसी शहर में बस गए. समर्थ के अच्छे दोस्त हैं और उनके कहने पर ही साथ में यहाँ घर लिया था.
मिशेल डिसूज़ा: रिचर्ड की पत्नी. ये भारतीय नस्ल की अफ्रीकन महिला हैं. रंग थोड़ा हल्का है, पर नैन नक्श और जिस्म बिलकुल कटावदार. रिचर्ड से शादी के ७ साल बाद वो भारत आ गए थे. पहले इन्हें बड़ी मुश्किल हुई, पर अंततः अच्छा लगने लगा. इनके लगभग सारे रिश्तेदार अफ्रिका में ही है.
शैली डिसूज़ा: बड़ी बेटी, ये शादी के एक साल बाद पैदा हुई थी. रंग रूप और सुंदरता में एकदम माँ पर गई है. अब कॉलेज के लास्ट ईयर में है. संभवतः आगे की पढाई के लिए विदेश जाये.
डेविड डिसूज़ा: बेटा , शैली से दो साल छोटा. फूटबाल का खिलाडी और शानदार शरीर का मालिक. कसरत और तैराकी का शौक़ीन. अपनी क्लास की लड़कियों और उनकी मम्मियों का चहेता।
जैसन वार्ड: मिशेल का बड़ा भाई. अफ्रीका में अपना बिज़नेस है. रिचर्ड और जैसन ट्रेडिंग पार्टनर्स हैं. दोनों में अब अच्छी घनिष्ठता है. हालाँकि आरम्भ में जैसन उसे पसंद नहीं करता था, पर जानने के बाद ठीक हो गया.
ईव वार्ड: जैसन की पत्नी. मिशेल की अंतरंग मित्र.
ऐलिस वार्ड: जैसन और ईव की बेटी. ये मॉडलिंग करती है. और बहुत प्रख्यात है अफ्रीका के देशों में.
मार्क वार्ड: जैसन और ईव का बेटा।
बोरिस, रिकी, मार्टिन और डॉन: ये जैसन के बिज़नेस पार्टनर्स है.