“सेक्यूरिटी कॅमरा से सॉफ सॉफ पता चल रहा है की बुर्क़े वाली तुम्हारी भाभी ही है , लेकिन मैने सब फुटेज मिटा दिए है “
काजल ने मेरे कानो मे कहा ,
“लेकिन वो लोग है कहा “
ना ही भाभी और ना ही नेहा की मा दिखाई दे रही थी ,तिवारी भी पहले इधर उधर की चीज़ो मे लगा फिर उन दोनो को ढूँढने लगा ..
“नेता जी वो दोनो तो चले गये ..”
सेक्यूरिटी के एक आदमी ने कहा और तिवारी ने बस एक गहरी सांस छोड़ी ..
पूरा महॉल ही बदल चुका था , नेहा बहुत ही अपस्टेट दिखाई दे रही थी , वही बाकी लोग भी खामोशी ही थे, उनमे से अभी तक किसी को ये नही पता था की दो महिलाओ मे एक मेरी भाभी है लेकिन वो इसलिए दुखी और परेशान थे क्योकि दूसरी महिला नेहा की मा थी …
“तुम दोनो मेरे साथ चलो मैं तुम्हे छोड़ देती हू”
काजल ने मुझे और नेहा से कहा , उसने मेरी आँखो मे देखते हुए ये कहा था , मुझे समझ आ चुका था की इसके पास कोई अलग ही प्लान होगा ..
मैने नेहा के कंधे पर हाथ रखा
“चलो चलते है, अक्की तुम अज्जु के साथ आ जाना “
अक्की ने भी हामी भर दी थी
“मुझे अभी भी यकीन नही हो पा रहा है अंकित की मेरी मों.. वो तो एक सीधी साधी सी इंसान है वो इन सब मे .. नही इन गोलियो के चलने से उनका कोई भी कनेक्षन नही हो सकता , लेकिन वो यहाँ आई क्यो थी “
नेहा मेरे गले से लग कर रोने लगी थी , मैने उसकी पीठ को सहलाया
“अभी घर चलो नेहा , इन सब के बारे मे बाद मे सोचेंगे “
उसने हा मे सर हिलाया और आँखो से आँसू को पोछते हुए मेरे और काजल के साथ बाहर आई ..
काजल ने एक गाड़ी की तरफ़ इशारा किया, वो काले काँच वाली एक suv थी ..
दरवाजा खुलते ही नेहा थोड़ी हड़बड़ाई .
“कुछ मत बोलो चुपचाप बैठ जाओ “ मैने उसके कानो मे कहा था ..
“लेकिन ये लोग “
नेहा ने अंदर देखते हुए कहा , मैने उसके कंधे को पकड़कर हल्के से दबा दिया
“बस बैठ जाओ “
काजल और मैं भी उसमे बैठ गये और कार चल पड़ी..
“आपने ये क्यो किया मा और ये कौन है “
कार के चलने पर नेहा ने कार मे बैठी हुई अपनी मा से कहा ..
उसने भाभी की तरफ़ इशारा किया ..
“अभी इन सब सवालो का समय नही है नेहा .. पहले हम किसी सुरक्षित जगह पर पहुच जाए “
काजल ने गाड़ी चलाते हुए नेहा को जवाब दिया ..
सभी चुप थे , कोई भी किसी से कुछ नही बोल रहा था ,,
काजल ने ही नेहा की मा और मेरी भाभी को वहाँ से सबकी नज़रो से बचाकर निकाला था ..
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Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
“ये आख़िर हो क्या रहा है आप वहाँ क्या कर रही थी और आपके साथ वो आदमी कौन था “
हम अभी शहर से दूर एक घर के एक कमरे मे थे , मैं अभी भाभी के सामने खड़ा हुआ था , उनके चेहरे मे चिंता के भाव घूम रहे थे..
“मैं संपत मामा के साथ ही सोनू …”
अभी तक नेहा को समझ आ गया था की ये औरत मेरी भाभी है , वो जैसे अब चुप ही हो गयी थी ..
“लेकिन आप उनके साथ वहाँ .. क्या आप तिवारी को मारने गयी थी ??”
“नही .. मुझे तो कहा गया था की सागर को बेहोश करना है , इसके लिए उसके मोबाइल मे एक मेसेज डालकर उसका ध्यान मेरी तरफ आकर्षित कराया जाता फिर मुझे बस उसे ये कहना था की वो बंगले के मुख्य मकान से लगे स्टोरी रूम की तरफ मुझे मिले … वहाँ मुझे एक सुई चुभनी थी ताकि वो बेहोश हो जाए और हम उसे उठा कर ले जाए …”
“लेकिन वो मेसेज देख कर क्यो..??”
काजल भाभी की बातों को बड़े ही ध्यान से सुन रही थी
“क्योकि तिवारी के हेड ऑफ सेक्यूरिटी संपत मामा से मिला हुआ था , उसने सागर को पार्टी मे लड़की सप्लाइ करने के लिए कहा था ..”
“और आप वो लड़की थी “उनका बात सुनकर मेरा मानो खून खौल गया ये संपत भाभी से ये सब करवा रहा था..
“हा .. मैं बस एक चारा थी , हेड ऑफ सेक्यूरिटी ही हमारा आदमी था इसलिए प्राब्लम नही होती लेकिन फिर पता चला की और भी कई लोग को सेक्यूरिटी की ज़िम्मेदारी मिली है और सब साथ मिलकर काम करेंगे , फिर भी हमारा प्लान तो एकदम बढ़िया था, इसी तरह की कोई प्राब्लम नही थी ,, फिर पता नही मामा ने गोलिया क्यो चलाई ये तो प्लान मे था ही नही … “
सभी सोच मे पड़ गये थे ..काजल अचानक से ही बोल पड़ी
“कुछ तो गड़बड़ ज़रूर है .. जीवा कहा था ..”
“मुझे नही पता शायद कालिया बनकर अपनी बस्ती मे ..”
काजल बहुत देर तक सोचती रही फिर बोल उठी
“जिस तरह से गोलिया चलाई गयी थी और जैसे गोली चलाने वाला गायब हो गया था इससे दो चीज़े तो सॉफ है ..पहली ये गोलिया किसी को मरने के लिए नही बल्कि बस डरने के लिए चलाई गयी थी , वरना ऐसी जगह से गोली चलाने पर तिवारी और उसके साथ के सभी लोग आराम से मारे जा सकते थे , और दूसरा जैसा तुमने बताया कोई अंदर का आदमी उनसे मिला हुआ था इसलिए गोली चलाने वाला आराम से निकल गया , तुम सागर की ओर जा रही थी फिर अंकित को देखकर तुमने अपनी दिशा बदल ली थी , क्या उससे प्लान चेंज हुआ होगा ..”
“मुश्किल है क्योकि बात तो बस सागर को उस कमरे तक लाने की थी , मेसेज मिलने के बाद तो वो वहाँ आता ही आता ऐसे भी उसने मुझे देख लिया था, भले ही मैं दिशा बदल दी हो लेकिन इससे प्लान तो चेंज नही हो जाता “
“मतलब संपत पहले से ही गोली चलाने के लिए वहाँ आया था “
“हा शायद इसलिए मैं और भी घबरा गयी , मुझे तो सब पर से भरोशा ही उठ सा गया है , क्या सही है क्या ग़लत कुछ समझ ही नही आ रहा .. संपत और जीवा मामा ने मुझसे कहा था की तिवारी ने मेरी मा की जिंदगी बर्बाद कर दी , और जीवा गैंग को भी धोखा दे कर बर्बाद कर दिया..
उन्होने मुझे तिवारी के बारे ऐसे ऐसे चीज़े बताई की मुझे लगा की तिवारी एक दरिन्दा है , मुझे लड़ना सिखाया गया , और गैंग को फिर से चालू करने की बात कही गयी लेकिन …….
लेकिन जो हुआ उससे वो मैं भी हस्टप्रद हू, और तिवारी की वो आँखे …….. वो किसी दरिंदे की आँखे तो नही लगी मुझे , जैसे उसने मा का नाम लिया और जैसे वो मेरे चेहरे कोई देख रहा था ………और जैसा उसने मेरे साथ व्यवहार किया ..”
भाभी की ये बात तो सही थी , तिवारी की आँखो मे नफ़रत तो नही थी , ना ही डर था जब उसने भाभी को देखा तो उसके चेहरे के भाव कुछ अलग ही थे , बात सोचने वाली थी की उसके घर मे हमला हुआ था और जो मेजर सस्पेक्ट थी उसे तिवारी ने बचा लिया ..
लेकिन तिवारी भाभी से कुछ बोल पाए उससे पहले ही काजल ने उन्हे और नेहा की मा को वहाँ से बाहर निकाल दिया ..
हम अभी शहर से दूर एक घर के एक कमरे मे थे , मैं अभी भाभी के सामने खड़ा हुआ था , उनके चेहरे मे चिंता के भाव घूम रहे थे..
“मैं संपत मामा के साथ ही सोनू …”
अभी तक नेहा को समझ आ गया था की ये औरत मेरी भाभी है , वो जैसे अब चुप ही हो गयी थी ..
“लेकिन आप उनके साथ वहाँ .. क्या आप तिवारी को मारने गयी थी ??”
“नही .. मुझे तो कहा गया था की सागर को बेहोश करना है , इसके लिए उसके मोबाइल मे एक मेसेज डालकर उसका ध्यान मेरी तरफ आकर्षित कराया जाता फिर मुझे बस उसे ये कहना था की वो बंगले के मुख्य मकान से लगे स्टोरी रूम की तरफ मुझे मिले … वहाँ मुझे एक सुई चुभनी थी ताकि वो बेहोश हो जाए और हम उसे उठा कर ले जाए …”
“लेकिन वो मेसेज देख कर क्यो..??”
काजल भाभी की बातों को बड़े ही ध्यान से सुन रही थी
“क्योकि तिवारी के हेड ऑफ सेक्यूरिटी संपत मामा से मिला हुआ था , उसने सागर को पार्टी मे लड़की सप्लाइ करने के लिए कहा था ..”
“और आप वो लड़की थी “उनका बात सुनकर मेरा मानो खून खौल गया ये संपत भाभी से ये सब करवा रहा था..
“हा .. मैं बस एक चारा थी , हेड ऑफ सेक्यूरिटी ही हमारा आदमी था इसलिए प्राब्लम नही होती लेकिन फिर पता चला की और भी कई लोग को सेक्यूरिटी की ज़िम्मेदारी मिली है और सब साथ मिलकर काम करेंगे , फिर भी हमारा प्लान तो एकदम बढ़िया था, इसी तरह की कोई प्राब्लम नही थी ,, फिर पता नही मामा ने गोलिया क्यो चलाई ये तो प्लान मे था ही नही … “
सभी सोच मे पड़ गये थे ..काजल अचानक से ही बोल पड़ी
“कुछ तो गड़बड़ ज़रूर है .. जीवा कहा था ..”
“मुझे नही पता शायद कालिया बनकर अपनी बस्ती मे ..”
काजल बहुत देर तक सोचती रही फिर बोल उठी
“जिस तरह से गोलिया चलाई गयी थी और जैसे गोली चलाने वाला गायब हो गया था इससे दो चीज़े तो सॉफ है ..पहली ये गोलिया किसी को मरने के लिए नही बल्कि बस डरने के लिए चलाई गयी थी , वरना ऐसी जगह से गोली चलाने पर तिवारी और उसके साथ के सभी लोग आराम से मारे जा सकते थे , और दूसरा जैसा तुमने बताया कोई अंदर का आदमी उनसे मिला हुआ था इसलिए गोली चलाने वाला आराम से निकल गया , तुम सागर की ओर जा रही थी फिर अंकित को देखकर तुमने अपनी दिशा बदल ली थी , क्या उससे प्लान चेंज हुआ होगा ..”
“मुश्किल है क्योकि बात तो बस सागर को उस कमरे तक लाने की थी , मेसेज मिलने के बाद तो वो वहाँ आता ही आता ऐसे भी उसने मुझे देख लिया था, भले ही मैं दिशा बदल दी हो लेकिन इससे प्लान तो चेंज नही हो जाता “
“मतलब संपत पहले से ही गोली चलाने के लिए वहाँ आया था “
“हा शायद इसलिए मैं और भी घबरा गयी , मुझे तो सब पर से भरोशा ही उठ सा गया है , क्या सही है क्या ग़लत कुछ समझ ही नही आ रहा .. संपत और जीवा मामा ने मुझसे कहा था की तिवारी ने मेरी मा की जिंदगी बर्बाद कर दी , और जीवा गैंग को भी धोखा दे कर बर्बाद कर दिया..
उन्होने मुझे तिवारी के बारे ऐसे ऐसे चीज़े बताई की मुझे लगा की तिवारी एक दरिन्दा है , मुझे लड़ना सिखाया गया , और गैंग को फिर से चालू करने की बात कही गयी लेकिन …….
लेकिन जो हुआ उससे वो मैं भी हस्टप्रद हू, और तिवारी की वो आँखे …….. वो किसी दरिंदे की आँखे तो नही लगी मुझे , जैसे उसने मा का नाम लिया और जैसे वो मेरे चेहरे कोई देख रहा था ………और जैसा उसने मेरे साथ व्यवहार किया ..”
भाभी की ये बात तो सही थी , तिवारी की आँखो मे नफ़रत तो नही थी , ना ही डर था जब उसने भाभी को देखा तो उसके चेहरे के भाव कुछ अलग ही थे , बात सोचने वाली थी की उसके घर मे हमला हुआ था और जो मेजर सस्पेक्ट थी उसे तिवारी ने बचा लिया ..
लेकिन तिवारी भाभी से कुछ बोल पाए उससे पहले ही काजल ने उन्हे और नेहा की मा को वहाँ से बाहर निकाल दिया ..
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
लेकिन तिवारी भाभी से कुछ बोल पाए उससे पहले ही काजल ने उन्हे और नेहा की मा को वहाँ से बाहर निकाल दिया ..
“शायद जीवा गैंग को तुम्हारी नही तुम्हारे चेहरे की ज़रूरत थी जो तुम्हारे मा से मिलती है “
काजल ने एक सिगरेट सुलगा ली थी , और वो नेहा की मा की ओर मूडी
“और महिमा जी आप वहाँ क्यो गयी थी “
महिमा ने एक गहरी सांस छोड़ी
“मेरी कहानी तो सभी जानते है , जब नेहा छोटी ही थी तो तिवारी और जीवा ने मिलकर मेरे पति इनस्पेक्टर सत्यप्रकास की हत्या कर दी थी , उस समय मेरी बच्ची छोटी थी इसलिए मैने जहर का घूट पी लिया और शहर आकर इसकी परवरिश करने लगी , नेहा को हमेशा इस बदले की आग से दूर रखा ताकि वो सलामत रह सके , लेकिन मैं उसे कैसे भूल सकती थी , इसलिए मैने अपने तरीके से काम करना शुरू किया .. दिन भर जॉब करती अपनी बेटी को पलटी लेकिन जीवा और तिवारी के बारे मे जानकारी इकठ्ठा करते रहती थी , इसी उम्मीद मे की एक दिन कुद्रट मुझे भी मौका देगी और सही मौका आने पर मैं अपने पति की मौत का बदला ले सकूँगी …. मैं वहाँ भी जानकारी जुपटाने ही गयी थी लेकिन मुझे नही पता था की वहाँ ये सब हो जाएगा , और मेरी बेटी भी वहाँ मौजूद होगी ..”
नेहा ने अपनी मा को कस कर जकड़ लिया
“नही मा अब तो हर लड़ाई हम साथ मिलकर ही लड़ेंगे ..”
“नही बेटी इन सबसे दूर रहना ही सही है..”
“नही मा .. पापा के कातीलो को तो सज़ा मिलेगी .. ज़रूर मिलेगी “
मैं कमरे से बाहर आ चुका था काजल मेरे बाजू मे खड़ी हुई थी , हम दोनो ही सिगरेट की गहरी गहरी कस लगा रहे थे ..
“तुम्हे क्या लगता है तुम्हारी भाभी सही बोल रही है ??”
काजल की बात सुनकर मेरे माथे मे बाल आ गयी
“क्या पता ?? अब तो किसी की बात पर भरोशा ही नही होता “
मैने एक गहरा कस लगाया ..
“तो अब .. अगर भाभी सही कह रही होगी तो समझ लो की वापस जीवा के पास जाना भी कहट्रे से खाली नही है , पता नही की उनका प्लान क्या था जिसमे इसे घुसा दिया गया था , और अगर वो झूठ बोल रही है अगर वो संपत के साथ इस प्लान मे शामिल थी तो भी उनको जीवा के पास ले जाना सही नही होगा, पता नही वो फिर इससे क्या करवाए ..”
“तो… कहा ले जाऊ भाभी को , कितने दिन लोगो की नज़रो से छुपा कर रख पाउन्गा ..”
काजल सोच मे पढ़ गयी
“आख़िर ये सब चल क्या रहा है वो तब ही पता चल पाएगा जब हमे ये पता चलेगा की आख़िर पस्त मे हुआ क्या था , क्यो की सबकी अपनी अपनी कहानी मिलेगी .. लेकिन एक शख्स है जो तुम्हे सही कहानी बता सकती है ..”
काजल की बात सुनकर मेरी आँखे सिकुड गयी
“कौन..??”
“कोमल .. आरती की मा.. आख़िर सब कुछ उससे ही तो जुड़ा हुआ है “
मैने भी हा मे सर हिलाया …
“शायद जीवा गैंग को तुम्हारी नही तुम्हारे चेहरे की ज़रूरत थी जो तुम्हारे मा से मिलती है “
काजल ने एक सिगरेट सुलगा ली थी , और वो नेहा की मा की ओर मूडी
“और महिमा जी आप वहाँ क्यो गयी थी “
महिमा ने एक गहरी सांस छोड़ी
“मेरी कहानी तो सभी जानते है , जब नेहा छोटी ही थी तो तिवारी और जीवा ने मिलकर मेरे पति इनस्पेक्टर सत्यप्रकास की हत्या कर दी थी , उस समय मेरी बच्ची छोटी थी इसलिए मैने जहर का घूट पी लिया और शहर आकर इसकी परवरिश करने लगी , नेहा को हमेशा इस बदले की आग से दूर रखा ताकि वो सलामत रह सके , लेकिन मैं उसे कैसे भूल सकती थी , इसलिए मैने अपने तरीके से काम करना शुरू किया .. दिन भर जॉब करती अपनी बेटी को पलटी लेकिन जीवा और तिवारी के बारे मे जानकारी इकठ्ठा करते रहती थी , इसी उम्मीद मे की एक दिन कुद्रट मुझे भी मौका देगी और सही मौका आने पर मैं अपने पति की मौत का बदला ले सकूँगी …. मैं वहाँ भी जानकारी जुपटाने ही गयी थी लेकिन मुझे नही पता था की वहाँ ये सब हो जाएगा , और मेरी बेटी भी वहाँ मौजूद होगी ..”
नेहा ने अपनी मा को कस कर जकड़ लिया
“नही मा अब तो हर लड़ाई हम साथ मिलकर ही लड़ेंगे ..”
“नही बेटी इन सबसे दूर रहना ही सही है..”
“नही मा .. पापा के कातीलो को तो सज़ा मिलेगी .. ज़रूर मिलेगी “
मैं कमरे से बाहर आ चुका था काजल मेरे बाजू मे खड़ी हुई थी , हम दोनो ही सिगरेट की गहरी गहरी कस लगा रहे थे ..
“तुम्हे क्या लगता है तुम्हारी भाभी सही बोल रही है ??”
काजल की बात सुनकर मेरे माथे मे बाल आ गयी
“क्या पता ?? अब तो किसी की बात पर भरोशा ही नही होता “
मैने एक गहरा कस लगाया ..
“तो अब .. अगर भाभी सही कह रही होगी तो समझ लो की वापस जीवा के पास जाना भी कहट्रे से खाली नही है , पता नही की उनका प्लान क्या था जिसमे इसे घुसा दिया गया था , और अगर वो झूठ बोल रही है अगर वो संपत के साथ इस प्लान मे शामिल थी तो भी उनको जीवा के पास ले जाना सही नही होगा, पता नही वो फिर इससे क्या करवाए ..”
“तो… कहा ले जाऊ भाभी को , कितने दिन लोगो की नज़रो से छुपा कर रख पाउन्गा ..”
काजल सोच मे पढ़ गयी
“आख़िर ये सब चल क्या रहा है वो तब ही पता चल पाएगा जब हमे ये पता चलेगा की आख़िर पस्त मे हुआ क्या था , क्यो की सबकी अपनी अपनी कहानी मिलेगी .. लेकिन एक शख्स है जो तुम्हे सही कहानी बता सकती है ..”
काजल की बात सुनकर मेरी आँखे सिकुड गयी
“कौन..??”
“कोमल .. आरती की मा.. आख़िर सब कुछ उससे ही तो जुड़ा हुआ है “
मैने भी हा मे सर हिलाया …
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
हम वही खड़े थे जहाँ से चले थे , मेरा गाँव ..
काजल किसी काम की वजह से हमारे साथ नही आई थी , नेहा , महिमा(नेहा की मा ) , भाभी और मैं एक गाड़ी से रातो रात यहाँ पहुच गये थे ..
वही कॉलेज के बाहर की छोटी सी चाय की तपरी जो की अभी बंद थी ..
उसे देखकर भाभी एक बार के लिए एमोशनल हो गयी ..
भाभी ने अपने घर का पता बताया , घर क्या था 2 कमरो की झो ही कहिए ..
लेकिन उसमे भी ताला लगा था ,
पढ़ोस की महिला ने जैसे ही भाभी को देखा वो उन्हे गला लगाकर रोने लगी ..
“आरती तू कहा थी , और ये क्या सुनने मे आया की तू अपने देवर के साथ भाग गयी .. ऐसा क्यो किया बेटी तूने .. तेरे मा बाप तो जैसे टूट ही गये ये सब सुनकर “
उस महिला की बात से भाभी पर क्या असर हुआ ये तो मुझे नही पता लेकिन हा मुझे अपने भाई पर ज़रूर जोरो का गुस्सा आया , जो गुस्सा उस समय हालत की वजह से मैने अपने अंदर दबा लिया था .. उसने ना सिर्फ़ हमे हमारे ही घर और जिंदगी से निकाल दिया बल्कि हमारे पवित्र रिश्ते को भी बदनाम किया था ..
“मा बाबू जी कहा है काकी “
भाभी ने अपने आप को संभालाते हुए कहा
“क्या पता बेटी जब से वो खबर आई कुछ दिन तक तो उन्होने तुम्हारा रास्ता देखा लेकिन फिर अचानक से गायब हो गये किसी को कुछ भी नही बताया की कहा जा रहे है कब आएँगे ..”
उनकी बात सुनकर सभी के माथे मे बाल पड़ गये थे ..
अब आख़िर ये लोग कहा गायब हो गये थे ..
मैने सबसे दूर हटकर काजल को फोन लगा दिया ..
“ सच को सामने लाने के लिए कोमल का मिलना बहुत ज़रूरी है सोनू , अगर वो नही मिली तो … हमारा तो कुछ नही जाएगा लेकिन रीडर्स का ज़रूर भेजा ख़त्म हो जाएगा :हहे:”
(जस्ट जोकिंग)
“हा आप सही कह रही हो लेकिन .. लेकिन आख़िर वो गयी कहा होगी ..”
“हुम्म एक काम करो एक अड्रेस देती हू वहाँ चले जाओ , शायद वहाँ तुम्हे कोई हेल्प मिल जाए “
काजल ने मुझे मेरे गाँव से 20 किमी दूर जंगल की तरफ़ एक आश्रम का पता दिया ..
मैं सभी को लेकर उस आश्रम की तरफ़ निकल पड़ा..
“हमे कोमल जी को ढूँढना है और तुम ये हमे कहा बाबा वबा के पास ले जा रहे हो “
नेहा ने मुझे गुस्से से कहा
“यार जब कही से कोई उम्मीद नही दिखती ना तो एक ही सहारा बचता है… “
काजल किसी काम की वजह से हमारे साथ नही आई थी , नेहा , महिमा(नेहा की मा ) , भाभी और मैं एक गाड़ी से रातो रात यहाँ पहुच गये थे ..
वही कॉलेज के बाहर की छोटी सी चाय की तपरी जो की अभी बंद थी ..
उसे देखकर भाभी एक बार के लिए एमोशनल हो गयी ..
भाभी ने अपने घर का पता बताया , घर क्या था 2 कमरो की झो ही कहिए ..
लेकिन उसमे भी ताला लगा था ,
पढ़ोस की महिला ने जैसे ही भाभी को देखा वो उन्हे गला लगाकर रोने लगी ..
“आरती तू कहा थी , और ये क्या सुनने मे आया की तू अपने देवर के साथ भाग गयी .. ऐसा क्यो किया बेटी तूने .. तेरे मा बाप तो जैसे टूट ही गये ये सब सुनकर “
उस महिला की बात से भाभी पर क्या असर हुआ ये तो मुझे नही पता लेकिन हा मुझे अपने भाई पर ज़रूर जोरो का गुस्सा आया , जो गुस्सा उस समय हालत की वजह से मैने अपने अंदर दबा लिया था .. उसने ना सिर्फ़ हमे हमारे ही घर और जिंदगी से निकाल दिया बल्कि हमारे पवित्र रिश्ते को भी बदनाम किया था ..
“मा बाबू जी कहा है काकी “
भाभी ने अपने आप को संभालाते हुए कहा
“क्या पता बेटी जब से वो खबर आई कुछ दिन तक तो उन्होने तुम्हारा रास्ता देखा लेकिन फिर अचानक से गायब हो गये किसी को कुछ भी नही बताया की कहा जा रहे है कब आएँगे ..”
उनकी बात सुनकर सभी के माथे मे बाल पड़ गये थे ..
अब आख़िर ये लोग कहा गायब हो गये थे ..
मैने सबसे दूर हटकर काजल को फोन लगा दिया ..
“ सच को सामने लाने के लिए कोमल का मिलना बहुत ज़रूरी है सोनू , अगर वो नही मिली तो … हमारा तो कुछ नही जाएगा लेकिन रीडर्स का ज़रूर भेजा ख़त्म हो जाएगा :हहे:”
(जस्ट जोकिंग)
“हा आप सही कह रही हो लेकिन .. लेकिन आख़िर वो गयी कहा होगी ..”
“हुम्म एक काम करो एक अड्रेस देती हू वहाँ चले जाओ , शायद वहाँ तुम्हे कोई हेल्प मिल जाए “
काजल ने मुझे मेरे गाँव से 20 किमी दूर जंगल की तरफ़ एक आश्रम का पता दिया ..
मैं सभी को लेकर उस आश्रम की तरफ़ निकल पड़ा..
“हमे कोमल जी को ढूँढना है और तुम ये हमे कहा बाबा वबा के पास ले जा रहे हो “
नेहा ने मुझे गुस्से से कहा
“यार जब कही से कोई उम्मीद नही दिखती ना तो एक ही सहारा बचता है… “
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