अच्छी शुरुआत है मित्र ।
नई कहानी को शुरू करने के लिए आपको बधाई ।
Incest मर्द का बच्चा
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Re: मर्द का बच्चा
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Re: Incest मर्द का बच्चा
अपडेट 3.
अनिल काका- लल्लू बेटा, आज अपने पड़ोस में शादी है तो नाई के यहाँ चला जा और अपना हुलिया सही करवा ले. देख कितने बड़े बाल हो गये है.
लल्लू- काका ये तो कुछ भी नही है में तो और भी बड़ा करने का सोच रहा था.
पापा- चुप चाप जा कर बाल कटवा. जानवर जैसा लगता है.
लल्लू- पापा, गधा तो जानवर ही है ना.
पापा- हा क्यू.
लल्लू- आप ही तो बार बार मुझे गधा कहते है. जब जानवर जैसा दिखता हू तभी तो कहते है.
अनिल- तुम्हे मैने क्या कहा है. जा कर वो कर.
लल्लू मूह लटका कर वहाँ से जाने लगा.
सुनील- इधर आ.
लल्लू मूह लटकाए हुए सुनील काका के पास गया.
सुनील- ये कुछ पैसे रख ले. नाई के पास जा और उसे कहना की बाल ना काटे बस इसे अच्छे से सेट कर दे. और कही किसी से उलझ मत जाना. चुप चाप जाना और फिर बाल बनवा कर आ जाना.
लल्लू अब खुश हो गया. पैसा ले कर वो गाँव के बाहर जो चौक है वहाँ छोटा सा बाजार लगता है तो उस और चल दिया.
आज तो नदी की तरफ भी नही गया. नादिया रानी आज इंतजार ही करती रह गई आज.
लल्लू गाँव की गलियो से होता हुआ आगे बढ़ रहा था.
एक लड़का- अरे वो देख लल्लू आ रहा है. चल उसके साथ थोड़ा मज़े लेते है.
दूसरा लड़का- बेटा उस पर कब पागलपन सवार हो जाये उसका पता नही. गान्ड मार लेगा बिना थूक लगाए
अगर एक बार उसका सर घूम गया तो.
तीसरा लड़का- तू तो फट्टू है साला. जा बहन की चड्डी में जा कर घुस जा.
पहला लड़का- बहन के या मा के. ( तीनो हँसते हुआ)
तीसरा- आबे बहन का इस लिए कहा है की कही मा की चड्डी में घुसेगा और वहाँ से कही अंदर ही घुस गया तो हमें भी निकालने में गंदा होना पड़ेगा लेकिन बहन वाली तो अभी खुली नही होगी तो वहाँ अभी अंदर नही जा पायगा और मान लो अगर खुल भी गया होगा तो ज़्यादा बड़ा रास्ता नही होगा तो भी ये सेफ है क़्की ये ज़्यादा दूर नही जा पायगा तो हमें भी निकालने में ज़्यादा मेहनत नही करना पड़ेगा.
दूसरा लड़का-( जो अभी इतने देर से बेजात्ती करवा रहा था.)
बेहन छोड़ो जब वो लल्लू तुम दोनो की मा और बहन की चड्डी उतरेगा ना तब मेरे पास ना आना मेरा लंड पकड़ने.
पहला लड़का- तेरा लंड पकड़ने क्यू आउन्गा. में अपना खुद पकड़ लूँगा.
फिर दोनो हुसने लगे.
लल्लू उनके पास आ गया था.
दूसरा लड़का- नमस्ते लल्लू भैया.
लल्लू- क्यू रे चिरकूट. यहाँ क्या अपनी मा चुदवा रहा है. गाँव में ब्याह है तो उस आँगन जा वहाँ कुछ काम धाम कर. अभी थोड़ी देर में आ रहा हू अगर यहाँ दिखा तो सब की बहन की चड्डी खोल कर लुल्ली डाल कर देखूँगा की कौन चुदी है और कौन बिंचुदी.
तीनो लड़के वहाँ से चुपचाप भाग गये.
लल्लू थोड़ा आगे बढ़ा तो पड़ोस की एक चाची मिल गई.
चाची- कहा जा रहे हो लल्लू.
लल्लू- चॉक जा रहा हू. कोई काम था क्या चाची.
चाची- देख ना तेरे चाचा कब के डॉक्टर के पास गये है दवाई लाने. लगता है बातें बनाने ही लगे.
लल्लू- क्यू क्या हुआ. तबीयत सही नही है क्या.
चाची- बच्चे को दस्त आ रहा है बेटा.
लल्लू- ज़्यादा दूध पिला दिए क्या चाची.
चाची- पता नही बेटा. ज़रा जा रहे हो तो चाचा को जल्दी से भेज देना.
लल्लू- ठीक है चाची.
लल्लू वहाँ से निकल कर लंबे दग भरता हुआ चॉक की और चल दिया.
चॉक पहुच कर पहले डॉक्टर के क्लिनिक पर गया तो वहाँ क्लिनिक बंद था.
लल्लू पड़ोसी चाचा को ढूँढने लगा.
वो एक चाय दुकान पर बैठ कर वहाँ राजनीति पर बहस करने में लगे थे.
लल्लू दवाई दुकान ढूँढने लगा तो वो भी बंद था अभी.
दोपहर को अमूमन गाँव में दुकाने बंद कर देते है सब फिर सब 3-4 के करीब खोलते है.
लल्लू आस पास देखा तो एक बाइसिकल दिख गया.
वो ले कर डॉक्टर के घर चला गया. वहाँ डॉक्टर से दवाई ले कर वो चाची के घर आया.
यहाँ चाची घर के बाहर ही इंतजार कर रही थी.
लल्लू आ कर बाइसिकल से उतरा.
लल्लू- लो चाची डॉक्टर का क्लिनिक बंद था. और चाचा वही इंतजार कर रहे है. में उसके घर से ले आया हू.
चाची- आ लल्लू. बेटा तुझे मेरी भी उमर लग जाये. आ बेटा बैठ थोड़ा पानी पी आराम कर फिर जाना.
लल्लू- नही चाची. मुझे और भी काम है. अभी चलता हू फिर आउन्गा.
चाची- चुप चाप बैठ यहाँ. थोड़ी देर से कुछ नही हो जायगा.
अनिल काका- लल्लू बेटा, आज अपने पड़ोस में शादी है तो नाई के यहाँ चला जा और अपना हुलिया सही करवा ले. देख कितने बड़े बाल हो गये है.
लल्लू- काका ये तो कुछ भी नही है में तो और भी बड़ा करने का सोच रहा था.
पापा- चुप चाप जा कर बाल कटवा. जानवर जैसा लगता है.
लल्लू- पापा, गधा तो जानवर ही है ना.
पापा- हा क्यू.
लल्लू- आप ही तो बार बार मुझे गधा कहते है. जब जानवर जैसा दिखता हू तभी तो कहते है.
अनिल- तुम्हे मैने क्या कहा है. जा कर वो कर.
लल्लू मूह लटका कर वहाँ से जाने लगा.
सुनील- इधर आ.
लल्लू मूह लटकाए हुए सुनील काका के पास गया.
सुनील- ये कुछ पैसे रख ले. नाई के पास जा और उसे कहना की बाल ना काटे बस इसे अच्छे से सेट कर दे. और कही किसी से उलझ मत जाना. चुप चाप जाना और फिर बाल बनवा कर आ जाना.
लल्लू अब खुश हो गया. पैसा ले कर वो गाँव के बाहर जो चौक है वहाँ छोटा सा बाजार लगता है तो उस और चल दिया.
आज तो नदी की तरफ भी नही गया. नादिया रानी आज इंतजार ही करती रह गई आज.
लल्लू गाँव की गलियो से होता हुआ आगे बढ़ रहा था.
एक लड़का- अरे वो देख लल्लू आ रहा है. चल उसके साथ थोड़ा मज़े लेते है.
दूसरा लड़का- बेटा उस पर कब पागलपन सवार हो जाये उसका पता नही. गान्ड मार लेगा बिना थूक लगाए
अगर एक बार उसका सर घूम गया तो.
तीसरा लड़का- तू तो फट्टू है साला. जा बहन की चड्डी में जा कर घुस जा.
पहला लड़का- बहन के या मा के. ( तीनो हँसते हुआ)
तीसरा- आबे बहन का इस लिए कहा है की कही मा की चड्डी में घुसेगा और वहाँ से कही अंदर ही घुस गया तो हमें भी निकालने में गंदा होना पड़ेगा लेकिन बहन वाली तो अभी खुली नही होगी तो वहाँ अभी अंदर नही जा पायगा और मान लो अगर खुल भी गया होगा तो ज़्यादा बड़ा रास्ता नही होगा तो भी ये सेफ है क़्की ये ज़्यादा दूर नही जा पायगा तो हमें भी निकालने में ज़्यादा मेहनत नही करना पड़ेगा.
दूसरा लड़का-( जो अभी इतने देर से बेजात्ती करवा रहा था.)
बेहन छोड़ो जब वो लल्लू तुम दोनो की मा और बहन की चड्डी उतरेगा ना तब मेरे पास ना आना मेरा लंड पकड़ने.
पहला लड़का- तेरा लंड पकड़ने क्यू आउन्गा. में अपना खुद पकड़ लूँगा.
फिर दोनो हुसने लगे.
लल्लू उनके पास आ गया था.
दूसरा लड़का- नमस्ते लल्लू भैया.
लल्लू- क्यू रे चिरकूट. यहाँ क्या अपनी मा चुदवा रहा है. गाँव में ब्याह है तो उस आँगन जा वहाँ कुछ काम धाम कर. अभी थोड़ी देर में आ रहा हू अगर यहाँ दिखा तो सब की बहन की चड्डी खोल कर लुल्ली डाल कर देखूँगा की कौन चुदी है और कौन बिंचुदी.
तीनो लड़के वहाँ से चुपचाप भाग गये.
लल्लू थोड़ा आगे बढ़ा तो पड़ोस की एक चाची मिल गई.
चाची- कहा जा रहे हो लल्लू.
लल्लू- चॉक जा रहा हू. कोई काम था क्या चाची.
चाची- देख ना तेरे चाचा कब के डॉक्टर के पास गये है दवाई लाने. लगता है बातें बनाने ही लगे.
लल्लू- क्यू क्या हुआ. तबीयत सही नही है क्या.
चाची- बच्चे को दस्त आ रहा है बेटा.
लल्लू- ज़्यादा दूध पिला दिए क्या चाची.
चाची- पता नही बेटा. ज़रा जा रहे हो तो चाचा को जल्दी से भेज देना.
लल्लू- ठीक है चाची.
लल्लू वहाँ से निकल कर लंबे दग भरता हुआ चॉक की और चल दिया.
चॉक पहुच कर पहले डॉक्टर के क्लिनिक पर गया तो वहाँ क्लिनिक बंद था.
लल्लू पड़ोसी चाचा को ढूँढने लगा.
वो एक चाय दुकान पर बैठ कर वहाँ राजनीति पर बहस करने में लगे थे.
लल्लू दवाई दुकान ढूँढने लगा तो वो भी बंद था अभी.
दोपहर को अमूमन गाँव में दुकाने बंद कर देते है सब फिर सब 3-4 के करीब खोलते है.
लल्लू आस पास देखा तो एक बाइसिकल दिख गया.
वो ले कर डॉक्टर के घर चला गया. वहाँ डॉक्टर से दवाई ले कर वो चाची के घर आया.
यहाँ चाची घर के बाहर ही इंतजार कर रही थी.
लल्लू आ कर बाइसिकल से उतरा.
लल्लू- लो चाची डॉक्टर का क्लिनिक बंद था. और चाचा वही इंतजार कर रहे है. में उसके घर से ले आया हू.
चाची- आ लल्लू. बेटा तुझे मेरी भी उमर लग जाये. आ बेटा बैठ थोड़ा पानी पी आराम कर फिर जाना.
लल्लू- नही चाची. मुझे और भी काम है. अभी चलता हू फिर आउन्गा.
चाची- चुप चाप बैठ यहाँ. थोड़ी देर से कुछ नही हो जायगा.
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Re: Incest मर्द का बच्चा
लल्लू घर के अंदर जा कर बैठ गया.
चाची का बच्चा अभी 2 साल का था.
चाची पहले उसे दवाई पिलाई और फिर पानी ला कर लल्लू को दी.
चाची- क्या कर रहा था तेरा चाचा.
लल्लू- चाय दुकान पर चाय वाले की घरवाली घरवाली से बात कर रहे थे.
लल्लू- चाची ये क्या है. ( बेड पर चाची का ब्रा रखा हुआ था वो उठा कर बोला.
चाची- ये..ये. तू रहने दे. ( लल्लू के हाथ से ब्रा झपट कर लेती हुई बोली.
लल्लू- चाची इसका क्या होता है.
चाची- ये तेरे काम का नही है.
लल्लू- तो किस के काम का है ये चाची.
चाची- ये औरते पहनती है.( कितना भोला है ये.)
चाची को नही पता की आग का गोला है ये.
लल्लू- चाची औरते तो सारी पहनती है. ये छोटा सा कैसे पहनती है.
चाची- जब तेरा ब्याह होगा तब अपनी घर वाली से पूछ लेना.
लल्लू- क्या ये बात सिर्फ़ घर वाली ही बताती है.
चाची- हा ये सिर्फ़ घरवाली ही बताती है.
लल्लू- चाची तो फिर आप ही बता दो ना. आप भी तो घर वाली ही हो कौन सा बाहर वाली हो.
चाची- (सर पर हाथ मारती हुई अपने मन में.) कहा फ़स गई में. क्यू इसे साथ ले कर आ गई. भला होता जो बाहर से ही भेज देती. लेकिन कितना भोला है. कुछ भी नही पता इसे.
चाची- इसे अंदर पहनते है.
लल्लू- अंदर मतलब चाची. घर के अंदर पहनते है. (होंठ पर उंगली रख कर सोचता हुआ.)
चाची- नही रे बुढ़ू. सारी क नीचे पहनते है इसे.
लल्लू- क्या चाची. सारी क नीचे तो पेटीकोत होता है.
चाची- ( खीझ कर) में दिखती हू.
चाची खड़ी हुई और दरवाजा बंद कर दिया जा कर बाहर का फिर अंदर आ कर वो दरवाजा भी बंद कर दिया.
लल्लू का लुल्ली खड़ा होने लगा.
चाची अपने छाती से सारी हटा कर ब्लाउस खोल दी.
ब्लाउस खुलते ही चाची की दूध से भरी दोनो टंकी कुद कर बाहर आ गई.
गोरे गोरे उस दूध से भरे बड़े बड़े गुब्बारे को देख कर लल्लू का लुल्ली तो खड़ा हो ही गया साथ ही खुद भी खड़ा हो गया वो.
गुब्बारे के ऊपर एक इंच का चूचुक गुलाबी घेरा अया,
लल्लू ये देख कर काँपते कदमो से आगे चाची के पास जा पहुचा.
चाची तो ब्लाउस निकालने में मस्त थी.
लल्लू देखा की उन एक इंच बड़े चूचुक से बूँद बूँद कर क दूध निकल रहा है.
लल्लू- चाची इस में से दूध निकल रहा है.
चाची- हा बच्चे का तबीयत खराब है तो अभी ये पी नही रहा है ना इस लिए भरा हुआ है. बहुत दर्द करता है.
लल्लू- चाची म.आ.ई में ख..आ..ली कर दूं.( काँपते हुए बोला.)
चाची- नही नही. किसी को पता चल गया तो में कही की नही रहूंगी.
लल्लू- किसी को कौन बताएगा. क्या आप बताओगे. और आप को दर्द भी कर रहा है ना.
चाची- नही में खाली कर लूँगी.
लल्लू- कैसे. आप कैसे करोगे.
चाची- अपने हाथ से और कैसे.
लल्लू- चाची फिर तो वो बर्बाद हो जायगा. में खाली कर देता हू ज़रा सा भी बर्बाद नही होगा.( लल्लू अपने होंठ पर जीभ फिराता बोला जो इस दृश्य को देख कर सूख गया था.)
चाची- तुम कैसे करोगे.
लल्लू- जैसे अपना मुन्ना करता है.
चाची- क्या.. तू..तुम पियोगे.
लल्लू- हा. आप मेरी मा के जैसी ही तो हो. जैसे मुन्ना है वैसा में भी तो ही आप का.
चाची- नही नही किसी को पता चल गया तो.
लल्लू- किसी को पता नही चलेगा.( लल्लू बोलते बोलते एक चूचुक को मूह में भर चुका था.
चाची घबरा कर हटना चाहती थी लेकिन लल्लू के होंठो में तो एक अंगूर जा चुका था.
लल्लू आँखे बंद किए उस आनंद को अनुभव करता हुआ एक हाथ से दूसरे गुब्बारे को पकड़ कर सहलाने लगा.
चाची की मज़े से आँखे बंद हो गई.
लल्लू थोड़ा आगे हो कर दूसरे हाथ से चाची को पीछे से अपने से चिपका लिया.
चाची आँखे बंद किए हुए लल्लू का सर सहला रही थी.
लल्लू गतगत टंकी से दूध खाली किए जा रहा था और दूसरे को हौले हौले सहला रहा था की उस का दूध ना छलके.
चाची- बेटा, ये खाली हो गया. अब दूसरा भी कर दे.
लल्लू अब इस को मूह से निकाल कर इस को हाथ में ले लिया और उस वाले को मूह में.
लल्लू मूह खोल कर जितना उसके मूह में जा सकता था उतना डाल कर चुस रहा था.
चाची- ईीइसस्स… आराम से बेटा. दर्द करता है.
लल्लू अब जो खाली हो गया था उसे दबाते हुए दूसरे हाथ को चाची क पीछे उसके पीठ पर ले जा कर उसे सहलाने लगा.
लल्लू पीठ सहलाता सहलाता अपना दूसरा हाथ नीचे करने लगा और एक समय आया की उसका हाथ नीचे कमर पर आ गया जहा चाची सारी बाँध रखी थी.
चाची का बच्चा अभी 2 साल का था.
चाची पहले उसे दवाई पिलाई और फिर पानी ला कर लल्लू को दी.
चाची- क्या कर रहा था तेरा चाचा.
लल्लू- चाय दुकान पर चाय वाले की घरवाली घरवाली से बात कर रहे थे.
लल्लू- चाची ये क्या है. ( बेड पर चाची का ब्रा रखा हुआ था वो उठा कर बोला.
चाची- ये..ये. तू रहने दे. ( लल्लू के हाथ से ब्रा झपट कर लेती हुई बोली.
लल्लू- चाची इसका क्या होता है.
चाची- ये तेरे काम का नही है.
लल्लू- तो किस के काम का है ये चाची.
चाची- ये औरते पहनती है.( कितना भोला है ये.)
चाची को नही पता की आग का गोला है ये.
लल्लू- चाची औरते तो सारी पहनती है. ये छोटा सा कैसे पहनती है.
चाची- जब तेरा ब्याह होगा तब अपनी घर वाली से पूछ लेना.
लल्लू- क्या ये बात सिर्फ़ घर वाली ही बताती है.
चाची- हा ये सिर्फ़ घरवाली ही बताती है.
लल्लू- चाची तो फिर आप ही बता दो ना. आप भी तो घर वाली ही हो कौन सा बाहर वाली हो.
चाची- (सर पर हाथ मारती हुई अपने मन में.) कहा फ़स गई में. क्यू इसे साथ ले कर आ गई. भला होता जो बाहर से ही भेज देती. लेकिन कितना भोला है. कुछ भी नही पता इसे.
चाची- इसे अंदर पहनते है.
लल्लू- अंदर मतलब चाची. घर के अंदर पहनते है. (होंठ पर उंगली रख कर सोचता हुआ.)
चाची- नही रे बुढ़ू. सारी क नीचे पहनते है इसे.
लल्लू- क्या चाची. सारी क नीचे तो पेटीकोत होता है.
चाची- ( खीझ कर) में दिखती हू.
चाची खड़ी हुई और दरवाजा बंद कर दिया जा कर बाहर का फिर अंदर आ कर वो दरवाजा भी बंद कर दिया.
लल्लू का लुल्ली खड़ा होने लगा.
चाची अपने छाती से सारी हटा कर ब्लाउस खोल दी.
ब्लाउस खुलते ही चाची की दूध से भरी दोनो टंकी कुद कर बाहर आ गई.
गोरे गोरे उस दूध से भरे बड़े बड़े गुब्बारे को देख कर लल्लू का लुल्ली तो खड़ा हो ही गया साथ ही खुद भी खड़ा हो गया वो.
गुब्बारे के ऊपर एक इंच का चूचुक गुलाबी घेरा अया,
लल्लू ये देख कर काँपते कदमो से आगे चाची के पास जा पहुचा.
चाची तो ब्लाउस निकालने में मस्त थी.
लल्लू देखा की उन एक इंच बड़े चूचुक से बूँद बूँद कर क दूध निकल रहा है.
लल्लू- चाची इस में से दूध निकल रहा है.
चाची- हा बच्चे का तबीयत खराब है तो अभी ये पी नही रहा है ना इस लिए भरा हुआ है. बहुत दर्द करता है.
लल्लू- चाची म.आ.ई में ख..आ..ली कर दूं.( काँपते हुए बोला.)
चाची- नही नही. किसी को पता चल गया तो में कही की नही रहूंगी.
लल्लू- किसी को कौन बताएगा. क्या आप बताओगे. और आप को दर्द भी कर रहा है ना.
चाची- नही में खाली कर लूँगी.
लल्लू- कैसे. आप कैसे करोगे.
चाची- अपने हाथ से और कैसे.
लल्लू- चाची फिर तो वो बर्बाद हो जायगा. में खाली कर देता हू ज़रा सा भी बर्बाद नही होगा.( लल्लू अपने होंठ पर जीभ फिराता बोला जो इस दृश्य को देख कर सूख गया था.)
चाची- तुम कैसे करोगे.
लल्लू- जैसे अपना मुन्ना करता है.
चाची- क्या.. तू..तुम पियोगे.
लल्लू- हा. आप मेरी मा के जैसी ही तो हो. जैसे मुन्ना है वैसा में भी तो ही आप का.
चाची- नही नही किसी को पता चल गया तो.
लल्लू- किसी को पता नही चलेगा.( लल्लू बोलते बोलते एक चूचुक को मूह में भर चुका था.
चाची घबरा कर हटना चाहती थी लेकिन लल्लू के होंठो में तो एक अंगूर जा चुका था.
लल्लू आँखे बंद किए उस आनंद को अनुभव करता हुआ एक हाथ से दूसरे गुब्बारे को पकड़ कर सहलाने लगा.
चाची की मज़े से आँखे बंद हो गई.
लल्लू थोड़ा आगे हो कर दूसरे हाथ से चाची को पीछे से अपने से चिपका लिया.
चाची आँखे बंद किए हुए लल्लू का सर सहला रही थी.
लल्लू गतगत टंकी से दूध खाली किए जा रहा था और दूसरे को हौले हौले सहला रहा था की उस का दूध ना छलके.
चाची- बेटा, ये खाली हो गया. अब दूसरा भी कर दे.
लल्लू अब इस को मूह से निकाल कर इस को हाथ में ले लिया और उस वाले को मूह में.
लल्लू मूह खोल कर जितना उसके मूह में जा सकता था उतना डाल कर चुस रहा था.
चाची- ईीइसस्स… आराम से बेटा. दर्द करता है.
लल्लू अब जो खाली हो गया था उसे दबाते हुए दूसरे हाथ को चाची क पीछे उसके पीठ पर ले जा कर उसे सहलाने लगा.
लल्लू पीठ सहलाता सहलाता अपना दूसरा हाथ नीचे करने लगा और एक समय आया की उसका हाथ नीचे कमर पर आ गया जहा चाची सारी बाँध रखी थी.
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Re: Incest मर्द का बच्चा
चाची लल्लू के सिर को अपने छाती में अब घुसाए जा रही थी सहलाते सहलाते.
चाची की मज़े से आँखे बंद थी.
लल्लू अपना हाथ अब चाची क कमर से फिर ऊपर ला कर पूरे पीठ पर सहलाने लगा.
चाची मज़े से सिसकी लिए जा रही थी.
अब मज़े से चाची का पैर काँपने लगा.
लल्लू का हाथ एक बार फिर नीचे का सफ़र कर रहा था.
अब उस से भी सबर नही हुआ और उसका हाथ कमर से नीचे चाची क नितंब पर जा पहुचा.
चाची मज़े में लल्लू के बालो को कस कर पकड़ कर मूह उठा दी और उसके होंठो पर अपना होंठ लगा दी.
लल्लू अब दूध पीना छोड़ कर चाची के मूह का सहद चखने लगा.
लल्लू का हाथ अब चाची क नितंब पर फिशल रहा था.
लल्लू से बर्दास्त नही हुआ और उसका पहला हाथ ज़रा ज़ोर से एक चूचुक को दबा दिया और दूसरा हाथ चाची के नितंब का एक फाँक मुट्ठी में भर कर मसल दिया.
चाची लल्लू के होंठो को अपने दाँतों से कुचलती हुई झरने लगी.
मदहोशी में झरते हुए चाची पूरा लल्लू के सीने पर ढेर हो गई.
लल्लू उन्हे आगोश में लिए हुए अभी भी उनके होंठो का रस पी रहा था.
चाची की जब खुमारी हटी तो वो एक झटके में लल्लू को परे धकेल दिया.
लल्लू जा कर बेड पर गिरा.
चाची तुरंत अपना ब्लाउस पहन ली और सारी सही कर ली.
चाची- लल्लू बेटा. तुम्हे काम था चॉक पर. लेट हो जायगा तुम्हे. अपना काम कर लो जा कर.
लल्लू चुप चाप वहाँ से निकल लिया.
लल्लू बाइसिकल उठाया और चॉक चला गया.
चाची की मज़े से आँखे बंद थी.
लल्लू अपना हाथ अब चाची क कमर से फिर ऊपर ला कर पूरे पीठ पर सहलाने लगा.
चाची मज़े से सिसकी लिए जा रही थी.
अब मज़े से चाची का पैर काँपने लगा.
लल्लू का हाथ एक बार फिर नीचे का सफ़र कर रहा था.
अब उस से भी सबर नही हुआ और उसका हाथ कमर से नीचे चाची क नितंब पर जा पहुचा.
चाची मज़े में लल्लू के बालो को कस कर पकड़ कर मूह उठा दी और उसके होंठो पर अपना होंठ लगा दी.
लल्लू अब दूध पीना छोड़ कर चाची के मूह का सहद चखने लगा.
लल्लू का हाथ अब चाची क नितंब पर फिशल रहा था.
लल्लू से बर्दास्त नही हुआ और उसका पहला हाथ ज़रा ज़ोर से एक चूचुक को दबा दिया और दूसरा हाथ चाची के नितंब का एक फाँक मुट्ठी में भर कर मसल दिया.
चाची लल्लू के होंठो को अपने दाँतों से कुचलती हुई झरने लगी.
मदहोशी में झरते हुए चाची पूरा लल्लू के सीने पर ढेर हो गई.
लल्लू उन्हे आगोश में लिए हुए अभी भी उनके होंठो का रस पी रहा था.
चाची की जब खुमारी हटी तो वो एक झटके में लल्लू को परे धकेल दिया.
लल्लू जा कर बेड पर गिरा.
चाची तुरंत अपना ब्लाउस पहन ली और सारी सही कर ली.
चाची- लल्लू बेटा. तुम्हे काम था चॉक पर. लेट हो जायगा तुम्हे. अपना काम कर लो जा कर.
लल्लू चुप चाप वहाँ से निकल लिया.
लल्लू बाइसिकल उठाया और चॉक चला गया.
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