Incest मर्द का बच्चा

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josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

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लल्लू सोनम को देख कर वो भी जा कर पैर च्छू लिया.
ज्योति- इस बच्चे को नही पहचाना.

रिधि- ये सोनम का भाई ललित है.

ज्योति लल्लू को देखती हुई- बहुत प्यारा बचा है.

दोनो को रिधि सोफा पर बैठैई ड्रॉयिंग रूम में.

लल्लू यहाँ पहली बार आया था लेकिन सोनम दो तीन बार आ चुकी है.

लल्लू नज़र घुमा कर चारो और देख रहा था.

लल्लू- नाइस बंगलो रिधि दी.

रिधि- कितनी बार बोला है मुझे दीदी मत बोल. समझ नही आता क्या.

लल्लू छोटा सा मूह कर की गर्दन झुका लिया.

सोनम बेटा बहुत दिनों बाद आई है यहाँ. सब कैसे है घर पर.
सीढ़ियो से नीचे उतरता पोलीस की वर्दी पहने एक आदमी बोला.

सोनम खड़ी हो गई और जा कर पैर च्छू कर प्रणाम किया.
सोनम- कभी मौका ही नही मिला अंकल. और घर में सब बढ़िया है.

सोनम को देख कर लल्लू भी जा कर प्रणाम किया

वो आदमी- ये बच्चा कौन है.

सोनम- मेरा भाई है अंकल.

रिधि के पापा- क्या करते हो तुम बेटा.

लल्लू- कुछ नही करता.

रिधि के पापा सोनम की और देखने लगे.

सोनम- वो अंकल, भाई का तबीयत खराब रहता है इस लिए पढ़ाई छूट गई है. घर पर ही पढ़ता है और पापा और काका के साथ खेती बाड़ी में भी मदद कर देता है.


रिधि के पापा- कोई बात नही. सब ठीक हो जायगा.
तुम लोग खाना खा लिए.

रिधि- नही पापा अभी अभी आए है.

रिधि पापा- खाना खा कर ही जाना. और कभी कभी यहाँ भी आते रहा करो. ये भी तुम्हारा ही घर है. में थोड़ा जल्दी में हूँ. बाद में मिलता हूँ.
रिधि के पापा घर से निकल गये.

तभी ज्योति रसोई से बाहर आई.
ज्योति- तीनो हाथ मूह धो लो. खाना बन गया है.

रिधि- आओ तुम लोग मेरे साथ.
रिधि दोनो को ले कर अपने कमरे में आ गई.

रिधि- ये मेरा कमरा है. सोनम तुम पहले फ्रेश हो जाओ.
सोनम फ्रेश होने चली गई.

रिधि आगे बढ़ कर लल्लू के सामने उस से चिपक कर.
रिधि- तो क्या सोचा है. तुम ने मेरे बारे में.

लल्लू- गले से थूक गटकते हुए. क..क्या मा.मतलब.

रिधि- अरे हमारी शादी के बारे में.

लल्लू- आरीए ये...ये कब हुआ.

रिधि- में तुम्हे पसंद करने लगी हूँ और तुम से शादी करना चाहती हूँ. (लल्लू की आँखो में देखते हुए बोली)

लल्लू- प्लीज़ दी मज़ाक मत करो.

रिधि- फिर दीदी बोला. रुक्क तू ऐसे नही समझेगा.

रिधि झटके से लल्लू के सर को पीछे से दोनो हाथो से पकड़ कर उसके होंठो पर अपना होंठ लगा दिया और आँख बंद कर उसे चूसने लगी.

लल्लू भौचक्का सा स्टॅच्यू बन कर खड़ा रह गया.
तभी सोनम फ्रेश हो कर बाहर आ गई.
josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

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सोनम- ये क्या कर रहे हो तुम दोनो. कुछ शरम हया है की नही.

रिधि लल्लू को छोड़ कर हट गई.
लल्लू नज़रे झुकाए वहाँ से बाथरूम में चला गया.

फ्रेश हो कर लल्लू बाहर आ गया तो रिधि अंदर चली गई.

सोनम- भाई ये क्या था.

लल्लू- आप को क्या लगता है.


सोनम- में तुम्हारे से जानना चाहती हूँ.

लल्लू- वो आप के सामने कई बार बोल चुकी है की मुझे दीदी मत बोल. जब आप फ्रेश होने गई तो वो मुझे पकड़ ली और कहने लगी की में तुम से शादी करना चाहती हूँ.

मैने कहा भी की दी मज़ाक मत करो.तो फिर भड़क गई की दीदी क्यू बोला और फिर आगे बढ़ कर वो सब करने गई तब तक तो आप निकल ही गई थी.

सोनम- ठीक है हम अब बाद में बात करेंगे.

तभी रिधि बाहर आ गई फ्रेश हो कर.
फिर तीनो वहाँ से नीचे आ गये ड्रॉयिंग रूम में. जहा ज्योति सब के लिए खाना लगा रही थी.

आते ही तीनो खाने पर बैठ गये.

रिधि- मा, दादू और दादी कहा है.

ज्योति- वो पड़ोस में पूजा में गये है.

रिधि- छोटी और भाई नही आए है क्या.

ज्योति- आने वाले ही होंगे.

फिर ये तीनो खाना खा कर उठ गये.

ज्योति- सोनम बेटा घर में सब कैसे है.

सोनम- सब बढ़िया है आंटी.

ज्योति- बेटा मैने ऋतु बहन को एक लड़की का बताया था तेरे भाई के लिए उसका बहन कुछ जवाब ही नही दी.

सोनम- आप पूछे नही फिर.

ज्योति- नही फिर बात ही नही हुई बेटा. ज़रा तुम पूछना वो अभी दो दिन में यहाँ आने वाली है अगर बहन देखना चाहे तो देख भी लेगी.


सोनम- ठीक है आंटी. में बात करूँगी मा से. अच्छा अब इजाज़त दीजिए हमें.
सोनम सोफा से खड़ी होती बोली.

लल्लू भी उठ खड़ा हुआ.

ज्योति- आती रहा करना कभी कभी.और अपने इस भाई को भी साथ लाना. तुम तो हमें भूल ही जाती हो.

सोनम- जी आंटी आती रहूंगी.

ज्योति को प्रणाम कर दोनो फिर बाइक से अपने घर की ओर चल दिए.

सोनम लल्लू की पीठ पर चिपकी हुई बोली- कही आगे एकांत में रोकना भाई.

लल्लू गाँव से पहले एक आम क बाग देख कर बुलेट उधर बाग में ले लिया.

थोड़ा अंदर जा कर बाइक रोक दी.
लल्लू- लो दीदी. बताओ क्या हुआ.

सोनम- अब दाता क्या हुआ वहाँ रिधि क यहाँ.

लल्लू- क्या बताऊं दीदी. बिना मतलब वो गले पड़ रही है. जब आप बाथरूम फ्रेश होने गई थी तब तो उस ने हद ही कर दी. आ कर मुझ से चिपकने लगी और बोलने लगी की वो मुझ से शादी करना चाहती है.

में जब मना किया तब वो झपट कर मुझे चूमने लगी. और फिर आप आ गई थी तब वो मुझ से अलग हुई.

सोनम- लेकिन वो तो कह रही थी की तुम उसे पलट कर चूमने की कोशिश कर रहे थे.

लल्लू- आप तो आ कर देखी ही थी. आप को क्या दिखा था. ज़रा याद कीजिए.

सोनम याद करते हुए.
मुझे जहा तक याद है वो तुम्हारे सर को पकड़े हुए थी और तुम्हारा हाथ दोनो साइड उठा हुआ था.
हा सही कह रहे हो तुम वो कलमूहि तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती कर रही थी.
अब कभी उसके यहाँ हम नही जाएँगे. कभी उस बेशरम कलमूहि से नही मिलूंगी.


सोनम लल्लू को अपने बाहों में ले कर उसके गालो को चूमती बोली.
चल भाई अब घर चले बहुत समय हो गया है.
सोनम जल्दी से लल्लू के होंठो को हल्का सा चूम कर अलग हो गई और बाइक की और जाती बोली.

फिर दोनो वहाँ से घर आ गये.

घर आ कर एक और झटका लगा इन दोनो को
राघव आया था घर.

लल्लू दौड़ कर राघव को गले से लगा लिया.

राघव लल्लू दोनो एक दूसरे के कमर से पकड़ कर एक दूसरे को एक एक कर उठा लेते बारी बारी से और अजीब से नाच रहे थे जिसे घर के सभी खड़े हो कर हँसते हुए देख रहे थे.

लल्लू- भैया ये तो आप सरप्राइज दे दिए.

राघव- हा बहुत दिन हो गया था घर आए हुए. और सब की बहुत याद आ रही थी तो छुट्टी का अप्लाइ किया और छुट्टी मिल भी गई तो आ गये.

रोमा- बहुत अच्छा किए भाई. हमें भी आप की बहुत याद आ रही थी.

फिर सब बैठ कर बाते करने लगे.
josef
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Post by josef »

सोनम- मा भैया आ गये है तो अबकी इनकी शादी कर ही दो. आज रिधि के घर गयी थी तो उसकी मा भी कह रही थी की एक लड़की है जिस के बारे में आप को बताए थे लेकिन आप ने कोई जबाब नही दिया अभी तक. और मा वो लड़की अभी दो दिन बाद आने वाली है.

लल्लू- भैया कितने दिन की छुट्टी है.

राघव-1 महीने की छुट्टी मिला है भाई.

लल्लू- फिर तो बहुत मज़ा आने वाला है.
यू ही बातों में शाम हो गया.

रात में खाना खाने सब आँगन में बैठे थे.
खाना खाने के बाद सब वही बैठ कर हसी मज़ाक कर रहे थे.
गौरी- भैया हमारे लिए कुछ लाए नही आप.

राघव- लाया हूँ गुड़िया सुबह निकालूँगा.

सोनम- अभी में लाई हूँ वो देती हूँ.
फिर सोनम अपनी लाई हुई कपड़े सब उठा कर ले आई.

रोमा रानी और गौरी के लिए जींस और टीशर्ट सोनम उनको दे दी.
वो तीनो ले कर उछलती हुई अपने कमरे में चली गई पहन कर देखने.

कोमल मीनू के लिए सौटस का कपड़ा लाई थी सोनम तो वो दे दी.

कोमल- दीदी ये सिलवाएँगे कैसे.

सोनम लल्लू की ओर देखने लगी.
लल्लू सोनम का इशारा समझ गया.

लल्लू- मेरे साथ चलना दीदी. में सिल्वा दूँगा.

कोमल खुश हो कर लल्लू के गाल को आ कर चूम ली.

बॅग खाली देख कर रागिनी बोली सोनम से.
रागिनी- अपनी बहनो का याद था और हम मा तुम्हे याद नही रहे.

फिर लल्लू उठ कर काजल के कमरे से बॅग लाया और उस में से सारी निकाल कर तीनो काकी को दे दिया.

शालिनी- देखो आख़िर बेटे को ही मा की याद रही. बेटी तो भूल गई.
लल्लू- नही काकी ये भी दीदी ने ही खरीदा है.

ऋतु- बहुत सुंदर सारी है बेटी. में तो समझती थी की मेरी बेटी को सिर्फ़ लड़को वाले कपड़े ही पसंद करने आते है.

सोनम- नही मा ये सारी का तो मुझे पता भी नही था. ये तो भाई की ही पसंद का है. लगता है में जब अपने सूट्स का नाप देने गई थी तभी भाई ने खरीदा है और मुझे बताया भी नही.


लल्लू हँसने लगा.

काजल- तू सारी खरीदना कब से सीख गया रे. लगता है तेरे भैया के साथ साथ तेरा भी ब्याह करना पड़ेगा.

लल्लू- मा में तो अभी बच्चा हूँ. अभी तो सब दीदी की शादी होगी फिर कही मेरा नंबर आएगा. कम से कम 10 साल तो अभी भूल जाओ.

राघव- तू कहे तो में काका से बात करू की तेरी शादी ही पहले कर दे.

लल्लू- भाई मुझे पता है आप के मन में लड्डू फुट रहे होंगे.
घबराओ मत आप की शादी इस बार करा कर ही भेजेंगे.

सब हँसने लगे.

फिर रात बहुत हो रहा था और राघव थका हुआ था तो वो सोने चला गया.
josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

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ऋतु- लल्लू बेटा आज तुम मेरे पास सो जाना.

राघव के सोने चले जाने के बाद ऋतु लल्लू से बोली.

लल्लू एक बार मा को देखा तो काजल सर हिला कर स्वीकृति दे दी.

काजल- हा बेटा, आज तू अपने प्यारी काकी के पास ही सोना.

लल्लू- अब तुम ठीक हो ना मा.

काजल- हा मुझे क्या हुआ था जो ठीक होना था.

रागिनी- कभी मेरे पास भी सो जाया कर. मैं भी तेरी मा हूँ.

लल्लू उठ कर रागिनी के गालो को चूम लिया.
लल्लू- कल में आप के पास सो जाउन्गा और फिर अगले दिन छोटी काकी के पास .

शालिनी मुस्कुरा कर बोली- ठीक है तो चलो अब रात बहुत हो गई है.

फिर सब अपने कमरे में चले गये.

ऋतु- लल्लू बेटा तू चल में आती हूँ.

लल्लू ऋतु के कमरे में जा कर बेड पर लेट गया.

थोड़ी देर में ऋतु आ गई. आ कर कमरे का दरवाजा बंद कर दी फिर अपना सारी खोल कर एक ओर रख दी और ब्लाउस पेटिकोट पहन कर सोने आ गई.

लल्लू- इसे कौन खोलेगा. ये सब भी खोल लेती.

ऋतु- ये सब मेरे पति देव खोलेंगे.

लल्लू- अच्छा. और ऋतु को पकड़ कर उसके चुचे को दबाने लगा और ऋतु के पतले सहद से मीठे होंठो को चूसने लगा अपने मूह में ले कर.

थोड़ी देर चूसने के बाद लल्लू ऋतु के ब्लाउसके हुक्स खोल दिया फिर उसके ब्रो को खोल कर निकाल दिया.
ऋतु के मोटे दो दो किलो के चुचे ब्रा खुलते ही उछल कर बाहर आ गये.

फिर लल्लू उन सुंदर चुचो को मूह में ले कर प्यार करते हुए अपना हाथ नीचे ले जा कर पेटिकोट के नाडे को पकड़ कर खिच दिया.

ऋतु गान्ड उठा कर पेटिकोट के साथ कच्छी भी निकाल कर अलग कर दी

ऋतु की कच्छी उसके अमृत रस से भींग गया था.

लल्लू ऋतु के मम्मे को दबाता निचोड़ता हुआ एक हाथ नीचे ला कर उसके स्वर्ग के द्वार को कुरादने लगा फिर एक उंगली उस में घुसा दिया.

ऋतु चिहुक पड़ी.

ऋतु लल्लू के होंठो पर टूट पड़ी लल्लू के होंठो को मूह में ले कर उसे चूसने लगी.

लल्लू ऋतु की चूत में उंगली करता हुआ एक हाथ से ऋतु के मम्मे को दबाता रहा.

ऋतु आहे भरते हुए बेड पर इधर से उधर करवट बदल रही थी.

फिर लल्लू उठ कर ऋतु के पैरो के बीच आ कर उसे फैला कर उस में अपना मूह घुसा दिया और ऋतु के पानी छोड़ती चूत को जीभ निकाल कर चाटने लगा.

ऋतु आहें भरती हुई लल्लू के सर को अपने चूत पर दबाने लगी.

ऋतु- कितना अच्छा करता है. कितना मज़ा आ रहा है. ऐसे ही करता रह. बहुत अच्छा लग रहा है.

लल्लू दो उंगली ऋतु की चूत में घुसा कर उसे चोदता हुआ ऋतु की चूत को चाटने लगा.

लल्लू अपने उंगली में ऋतु की चूत रस निकल कर उसे ऋतु के मूह में डाल दिया.

ऋतु मज़े से आँखे बंद किए हुए मूह में लल्लू के उंगलियो को डाले उसे चूस रही थी किसी लोली पोप की तरह.

लल्लू अपने जीभ को निकोला बना कर ऋतु की चूत में घुसा कर उसे चोदने लगा.
ऋतु मज़े की अधिकता से बड़बड़ाती हुई झरने की तरह अपना पानी बहा दी.
लल्लू ऋतु की चूत में अपना मूह घुसाए ऋतु के सारा पानी चाट कर गया.
ऋतु झड़ कर बेजान हो कर बेड पर लुढ़क गई.
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