Incest मर्द का बच्चा

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josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by josef »

थोड़ी देर बाद सभी लड़किया फॉर्म जमा कर आ गई.

लल्लू सोनम को देख खड़ा हो गया.

लल्लू- चले क्या.

सोनम- हा भाई चलते है.

तीसरी लड़की- लेकिन ये तो अब मेरा बाय्फ्रेंड है तो तुम लोग जाओ. में अपने बाय्फ्रेंड के साथ बाज़ार घूमने जा रही हूँ.
सभी लड़किया हँसने लगी.


सोनम - मेरे भाई को तंग मत करो.
चलो भाई चलते है.

फिर सब वहाँ से निकल कर कॉलेज से बाहर आ गये.

वो तीनो लड़किया दूसरे गाँव की थी तो बस पकड़ कर उधर चली गई.

लल्लू पार्किंग से अपना बुलेट ले कर आ गया सोनम और रिधि बैठ गई.

लल्लू बाइक आगे बढ़ा दिया.

सोनम- भाई पहले बाज़ार में चलना.

वो तीनो बाज़ार पहुच गये.

लल्लू- क्या लेना है दी.
रिधि- ललित पहले किसी कपड़े के शॉप पर चलना. मुझे अपने भाई के लिए कुछ कपड़े लेने है.

लल्लू इन लोगो को उसी शॉप पर ले गया जहा वो सुनील के साथ अपना कपड़ा लेने आया था.

तीनो दुकान के अंदर गये.

दुकान वाला- हा बेटा क्या चाहिए.

लल्लू- रिधि से. किस एज का है आप का भाई.

रिधि- काका दस साल के लड़के के लिए पेंट टी शर्ट दिखना.

दुकानदार उन को कुछ अलग अलग डिज़ाइन और कलर के कपड़े दिखाए.
रिधि इन में से दो सेट ले लिए.

सोनम- भाई क्या यहाँ लॅडीस का भी रखते है कपड़े.

लल्लू- बाहर में बोर्ड देखा था जिस पर लॅडीस जेंट्स दोनो लिखा था.
हा दीदी आप को क्या लेना है.

सोनम- भाई मुझे भी सब के लिए कुछ जींस पेंट्स और टीशर्ट लेने है.

लल्लू- काका क्या आप के पास गर्ल्स के भी जींस और टीशर्ट होंगे.

दुकानदार- सब मिलेगा बेटा. अभी दिखाता हूँ.

फिर वो कई तरह के पेंट्स दिखाए जिन में से सोनम टीन जींस ले ली और फिर तीन टी शर्ट भी ले लिए.
बिल पे कर वो लोग वहाँ से बाहर आ गये.

लल्लू- दी अब कहाँ चलना है.

सोनम- अब भाई जहा सूट का कपड़ा मिलेगा उस दुकान पर.

फिर ये लोग एक शोरुम में गये जहा सारी सूट सब लॅडीस का कपड़ा मिलता है

दुकान वाला- हा भैया क्या लेंगे. आइए बैठिए.

तीनो जा कर सोफा पर बैठ गये.

लल्लू सोनम को देख कर- क्या लेना है दी बताओ इन को.

सोनम- अंकल मुझे कुछ सूट्स का कपड़ा चाहिए.

वो दुकान वाला वहाँ काम करने वाली एक लेडी को बोला कपड़ा दिखाने को.
वो लेडी दीदी को अपने पास बुलाई.
सोनम और रिधि उठ कर वहाँ चले गये.

दुकान वाला- बेटा कहाँ से आए हो आप.

लल्लू- जी में तरुवर पूर से आया हूँ.

दुकान वाला- पिता जी का क्या नाम है आप के.

लल्लू- राम सिंग.

दुकान वाला- हूंम्म. चेहरा देख कर ही लगा था मुझे की तुम राम के ही बेटे हो. क्योंकि तुम्हारा चेहरा बहुत मिलता है राम से.

लल्लू- धन्यवाद अंकल.

तब तक सोनम और रिधि आ गई.
लल्लू- क्या हुआ पसंद नही आया क्या.

सोनम- नही नही. ले लिया है कपड़ा. आ रहा है पॅकिंग कर रहे है.

दुकान वाला- बेटा अगर सिलाई करवाना हो तो दे दो यहाँ सिलाई भी होता है.

सोनम- सॉरी अंकल वो में अपने बहनो के लिए खरीदा है.

लल्लू- एक अपने लिए भी ले लो दी. यही सिलाने दे दो.

सोनम उसे देखने लगी.
लल्लू उठ कर उस तरफ चला गया जहा वो लड़की कपड़ा दिखाई थी सोनम और रिधि को.
chusu
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Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by chusu »

sahi......................................
josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by josef »

लल्लू वहाँ जा कर दो कलर का कपड़ा पसंद किया और सोनम और रिधि को पकड़ा दिया.
चलो दोनो अपना अपना नाप दे कर आओ.

दुकान वाला एक लादिए के साथ दोनो को दुकान के पीछे क रूम में भेज दिया जहा टेलरिंग का काम होता था.

दुकान वाला- बेटा अगर सारी या और कुछ लेना हो तो ले लो. तुम्हारे परिवार के साथ हमारा पुराना परिवारिक रिश्ता है.
तुम्हारे अनिल और सुनील काका भी यहाँ आते रहते है.

लल्लू तो सुरपरिसे हो गया की सच में इसे सब का पता है.
लल्लू को मान किया की कुछ सारी ले ले अपने काकी और मा के लिए भी तो वो उठ कर सारी सेलेक्ट करने चला गया.

थोड़ी देर मग़ाजमारी करने के बाद वो चार सारी सेलेक्ट कर लिया.

फिर काउंटर पर आ कर सब का बिल बनवा लिया.

जेब से कार्ड निकाल कर सब का पेमेंट कर वापस आ कर सोफे पर बैठ गया सब पॅकेट ले कर.

तब तक वो दोनो भी आ गये.

लल्लू- तो चले अब.
दुकान वाला- बेटा दो मिनिट्स रुक जाओ. जूस आ रहा है. वो पी कर जाना. पहली बार आए हो तुम लोग मेरे यहाँ.

लल्लू- अंकल मुझे पता नही था यहाँ का. अब आते रहेंगे.
तब तक एक लड़का टीन ग्लास जूस ले आया.

दुकान वाला - लो आ ही गया बेटा.

फिर तीनो बैठ कर जूस पिए और वहाँ से बीड़ा ले कर चल दिए.

सोनम- भाई उन्हे पैसा तो दे लेने दो.

लल्लू- दी पैसा में दे दिया.

सोनम- इतने पैसे तुम्हारे पास कहाँ से आए.
लल्लू- क्यू में कमाता नही तो क्या हुआ. आज तक जो सब पैसे दिए थे वो रखा ही तो था मेरे पास. किसी ने कभी खर्च ही नही करने दिया. और सुनील काका सुबह मुझे दिए थे पैसे.

फिर वहाँ से लल्लू एक रेस्तरो में गाड़ी ले जा कर रोका.

रिधि- अब यहाँ क्या करना है.

लल्लू- बहुत भूख लगा है कुछ खा लेते है ना.

रिधि- नही, मेरे घर चलो. में कॉल कर दिया है. वहाँ खाना बन गया है.

लल्लू- क्या..

रिधि- ऐसे क्यू रिक्ट कर रहा है. वहाँ में पकड़ कर तेरे से शादी नही कर लूँगी.

सोनम- हा भाई इस ने घर कॉल कर दिया है.

फिर सब वहाँ से वापस घर की ओर चल दिए.
बरगद के पेड़ के पास से रिधि अपने घर का रास्ता बताती गई.

बहुत सुंदर घर था रिधि का.

दो मंज़िल का एक बड़ा सा बांग्ला था. जिस के आगे बहुत सुंदर दोनो और बगीचा बना था जिस में तरह तरह की छोटे छोटे फूल खिले थे.
उसके बीच से अंदर बंगले में जाने का रास्ता था.
पोर्च में दो कार खड़ी थी साथ में एक पोलीस की जीप्सी भी थी.

गेट से अंदर आ कर लल्लू बाइक पॉर्चे में खड़ा कर दिया.

दोनो भाई बहन रिधि के साथ अंदर घर में एंटर किए.

रिधि- मा. मा कहाँ हो .

रसोई से निकलती एक महिला आई.
क्या है क्यू चिल्ला रही है.

रिधि- मा मेहमान आए है और आप ऐसे बोल रही हो.
रिधि की मा ज्योति सोनम को देख कर अच्छा आज फ़ुर्सत मिला है तुम्हे.
सोनम जा कर ज्योति क पैर च्छू का प्रणाम की.
लल्लू सोनम को देख कर वो भी जा कर पैर च्छू लिया.
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