राज- अपने बायफ्रेंड को ना करेंगी क्या?
नेहा- मैं नहीं देने वाली, समझे तुम।
राज- दे रही हैं या मैं खुद ले लें बोल?
नेहा- "मैं लेने नहीं देंगी..' बोलकर नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है।
राज अब अपने काले होंठ नेहा की रेड लिपस्टिक लगाए हुए होंठों की तरफ बढ़ा देता है। नेहा को पहली की तरह राज से घिन नहीं आ रही थी। राज के होठ नेहा के होंठों को छु जाते हैं। होठ ते ही नेहा के जिश्म में एक बिजली सी दौड़ जाती है। दोनों के होंठों लाक हो जाते हैं।
राज अब नेहा को किस करने लगता है, अनाड़ी जैसा। नेहा को तकलीफ हो रही थी राज के अजीब किस से। हवस में तो वो कैसे भी राज का किस सह लेती औ। लेकिन आज वो बिलकुल होश में भी। नेहा को राज का किस करने का तरीका बिलकुल पसंद नहीं आ रहा था। नेहा जोर से राज को पीछे धकेलती है।
राज नेहा को देखने लगता है- "क्या हुआ?"
नेहा- मुझ तकलीफ हो रही है।
राज- "किससे तकलीफ हो रही है?"
नेहा किस शब्द इस्तेमाल करना नहीं चाहती थी। इसलिये कहा- "तुम जो कर रहे थे उससे...
राज- क्या कर रहा था मैं?
नेहा राज की तरफ हैरानी से देखती हैं।
राज- बोल?
नेहा- किस से।
राज- क्यों?
नेहा- तुमको किसने सिखाया किस करना?
राज- किसी ने नहीं। अस नंगी वीडियोस देखकर सीखा है।
नेहा पार्न वीडियोस का नाम सुनकर शर्म से लाल हो जाती हैं. और कहती हैं- "चुप करो कमीने। मेरे सामने इतनी गंदी बातें कर रहे हो?"
राज- तुझे मेरी ये बातें गंदी लगी तो तेरी चुदाई जब किया था तब गंदा नहीं लगा ?
नेहा- छोः... कमीने चुप रह।
राज- मेरी जान... मुझे नहीं आता चमने, तो तू ही सिखा दे। मैंने देखा त खुद से कितना मस्त चूमती है। उस दिन कैसे पागलों की तरह मुझे चूम रही थी।
नेहा फिर से शर्मा जाती है। वो कुछ बोलने की हालत में नहीं औ। राज की बातें उसे गरम कर रही थी। उसको ये भी पता था कि अगर राज फिर से शुरू हो गया तो वो खुद को रोक नहीं पाएगी।
राज- सिखा जा?
नेहा कुछ नहीं बोलती। उसे बहुत शर्म आ रही थी एक काले गंदे बूढ़े को किस करना सिखाने की बात से।
राज- चल शुरू हो जा।
नेहा को न जाने क्या सूझता है की वो राज का चेहरा धीरे से अपने दोनों गोरे हाथों से पकड़ती हैं और अपने लाल लिपस्टिक वाले होंठ उसके काले होंठों की तरफ बढ़ाती हैं। हालांकी उसे अजीब लग रहा था एक बदसूरत काले आदमी को मैं किस करने से। लेकिन उसकी हवस अब उसके सिर चढ़ चुकी थी। नेहा अब अपने होंठ उसके काले होठों पर रख देती हैं। नेहा पहले राज का काला ऊपरी होंठ चूसती है, और फिर निचला। ऐसा आराम से नेहा उसे किस कर रही थी। राज को भी मजा आ रहा था नेहा की किस में।
बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत
नेहा को न जाने क्या सूझता है की वो राज का चेहरा धीरे से अपने दोनों गोरे हाथों से पकड़ती हैं और अपने लाल लिपस्टिक वाले होंठ उसके काले होंठों की तरफ बढ़ाती हैं। हालांकी उसे अजीब लग रहा था एक बदसूरत काले आदमी को मैं किस करने से। लेकिन उसकी हवस अब उसके सिर चढ़ चुकी थी। नेहा अब अपने होंठ उसके काले होठों पर रख देती हैं। नेहा पहले राज का काला ऊपरी होंठ चूसती है, और फिर निचला। ऐसा आराम से नेहा उसे किस कर रही थी। राज को भी मजा आ रहा था नेहा की किस में।
अब राज भी उसे किस करने लगता है। दोनों ही अब गरम हो चुके थे। दोनों की जुबान एकदूसरे से खेल रही औं। दोनों का किस वाइल्ड ही हो रहा था की तभी बाहर से वो वर्कर आवाज देता है।
वर्कर- मेडम ।
नेहा उसकी आवाज सुनकर किस तोड़ती है और बाहर जाने लगती है।
राज- "उस कुत्ते की तो मैं... मेरी गर्लफ्रेंड क्यों हिस्टर्ब कर रहा है?"
नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है।
राज- जल्दी वापस आ।
नेहा कुछ नहीं बोलती और चली जाती है। नेहा बाहर जाकर- "क्या है?"
वर्कर- मेडम वो इधर भी घास कट करनी है क्या?
नेहा- नहीं नहीं उधर से करना।
वर्कर को नेहा की हालत देखकर ताज्जब होता है। कुछ देर पहले तो वो ठीक-ठाक थी लेकिन अब उसके बाल थोड़े बिखरे हुए थे, लिपस्टिक थोड़ी फैली हुई थी।
नेहा- और जल्दी-जल्दी करो काम।
वर्कर- जी मेडम।
नेहा शोड़ी देर वहाँ खड़ी रहती हैं। लेकिन फिर उसके कदम नौकर क्वार्टर्स की तरफ चले जाते हैं। वो राज को नजरअंदाज नहीं कर पा रही थी। नेहा दरवाजा के करीब जाकर अंदर देखती है, तो राज बीड़ी पी रहा था। उसकी पीठ नेहा की तरफ भी। नेहा मुश्करा रही थी। नेहा के लिए ये सब करना अब एक अइवेंचर की तरह लग रहा था। राज की केयरिंग से सब कुछ उसे अच्छा लगने लगा था। नेहा दरवाजे से अंदर जाती है। लेकिन राज वैसे ही खड़ा था। नेहा खुद भी नहीं जानती थी कि वो फिर से क्यों आई इस बढ़े के पास? नेहा थोड़ा
आगे बढ़ती है।
राज अब इधर मुड़ता है- "आ गई?"
नेहा- क्या लग रहा है?
राज नेहा के करीब जाकर उसे कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींचता है। नेहा राज की बाहों में थी अब आगे से। उसकी चूचियां राज की छाती से चिपकी हुई, दोनों के चेहरे आमने सामने। राज अब पीछे से नेहा की गाण्ड साड़ी के ऊपर से दबाने लगता है।
नेहा- "अहह... राज..."
राज के हाथ नेहा की गाण्ड को मसल रहे थे। बहुत ही सेक्सी दृश्य चल रहा था। एक खूबसूरत बड़े घर की बहू और उसी घर के बड़े ड्राइवर के बीच। नेहा अपने हाथ राज के सीने पर रखे हुए थी। राज नेहा के गले को चूमने में लगा हुआ था।
नेहा- "अहह.." और उसकी सिसकारियां गूंजने लगती है कमरे में।
राज थोड़ी देर बाद नेहा की साड़ी ऊपर करता है।
नेहा की पेटी अब नजर आ रही थी।
राज- "मेरी जान पेंटी तो मस्त लग रही है। अंदर का माल देखते हैं कैसा है?"
नेहा शर्मा जाती है। अगले ही पल राज नेहा की पैंटी नीचे कर देता है ऑड़ा। नेहा अपनी चूत छुपाने में लग जाती है। कटीम अब अपनी पैंट की जिप खोलता है, जिसकी आवाज से नेहा का चेहरा लाल पड़ जाता है। उसे पता चल जाता है की राज आगे क्या करने वाला है।
नेहा- नहीं राज नहीं।
राज- "क्या नहीं? तू बस चुप रह.. और राज अब अपना काला लण्ड बाहर निकालता है, और नेहा के हाथ उसकी चत से हटाकर अपना लौड़ा सेट करता है वहीं।
नेहा लण्ड पाते ही पागल सी हो जाती हैं। एक तगड़े लण्ड का अहसास, जो लण्ड उसकी चूत को पहले नाप चुका है। राज अब लण्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगता है।
नेहा- "अहह... आहह... करती है।
तभी राज को किसी का काल आता है। वो मोबाइल उठाने के लिए नेहा से दूर हट जाता है। नेहा एक बार के लिए तड़प उठती है। वो आलमोस्ट राज को जाने से रोकती है, लेकिन किसी तरह वो खुद को रोक लेती हैं।
राज अपना लण्ड अंदर डाले बिना ही मोबाइल पर बात करने लगता है। नेहा भी उसी हालत में खड़ी रहती है। फोन पर बात करके राज इधर नेहा की तरफ घूमता है।
राज- मेरी जान मुझे कुछ काम हैं, में जा रहा हूँ।
नेहा कुछ नहीं बोलती। उसको गुस्सा तो बहुत आ रहा था राज पर, उसे अधूरा छोड़ने पर। लेकिन वो चुप रहती है। नेहा के लिए ये बहुत शर्मनाक था। इधर एक बड़ा उसको इस हालत में ऐसे छोड़कर जा रहा था, जैसे वो उसका पति हो। राज अब उधर से निकल जाता है। नेहा अब अपनी साड़ी ठीक करती है।
नेहा- "कमीना कहीं का। छोड़ूँगी नहीं मैं उसे." और नेहा भी उधर से चली जाती है।
उधर रिया अपने रूम में बैठी मोबाइल पर कुछ कर रही थी। उसके दिमाग में अभी भी जय वाली बात चल रही थी। फिर वो कल की बात जब उस अंजान आदमी ने उसके साथ जो किया था। उसका हाथ अचानक ही साड़ी के ऊपर से अपनी चूत पर चला जाता है। वो अपने होश खो रही थी। उसने कभी नहीं सोचा था की कोई गंदा आदमी उसके साथ ऐसी हरकत करेगा। अब जो वैसी हरकत हो चुकी है तो रिया को उतना बुरा भी नहीं लग रहा था। रिया वैसे नेचर से बहुत दृध भी। लेकिन उसका जिश्म उसकी दृढ़ता का बिल्कुल साथ नहीं दे रहा
था।
रिया अपनी चूत सहला रही थी। उसकी चूत उसके साथ हुई हरकतों को सोचकर गीली हो रही थी। वो झड़ने के करीब औ की उसे उसके पति का काल आता है और वो उसमें बिजी हो जाती है।
उधर नेहा अपने रूम में आई हुई थी। वो बहुत गुस्से में लग रही थी। गुस्सा राज के ऊपर था- "उसने मुझे समझ क्या रखा है। कमीना बूढ़ा?" फिर नेहा फ्रेश होने चली जाती है।
बाहर आकर वो बेड पर लेट जाती है तभी उसे विशाल का काल आता है।
नेहा- हाँ बोलो।
विशाल- नेहा, मैं आज नहीं आ पाऊँगा। वो एक दोस्त ने उसके घर इन्वाइट किया है। कल तक आ जाऊँगा।
नेहा- लेकिन विशाल?
विशाल- "नेहा में अभी थोड़ा बिजी हैं। कल मिलते हैं बाइ... और विशाल काल खतम कर देता है।
नेहा- "ये विशाल भी ना मेरी एक बात नहीं सुनते। आजकल मेरे लिए टाइम ही नहीं हैं उनके पास। और एक वो कमाना है हमेशा मेरे आस-पास रहने की कोशिश करता है..."
राज का प्लान नेहा पर बखूबी काम कर रहा था। राज नेहा को उसके पति से दूर करने में कामयाब हो रहा था। और नेहा को राज की गंदी ही सही लेकिन हरकतें अच्छी लगने लगी थी। ऐसे ही शाम हो जाती है। डिनर के बाद सब अपने रूम में चले जाते हैं।
अब राज भी उसे किस करने लगता है। दोनों ही अब गरम हो चुके थे। दोनों की जुबान एकदूसरे से खेल रही औं। दोनों का किस वाइल्ड ही हो रहा था की तभी बाहर से वो वर्कर आवाज देता है।
वर्कर- मेडम ।
नेहा उसकी आवाज सुनकर किस तोड़ती है और बाहर जाने लगती है।
राज- "उस कुत्ते की तो मैं... मेरी गर्लफ्रेंड क्यों हिस्टर्ब कर रहा है?"
नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है।
राज- जल्दी वापस आ।
नेहा कुछ नहीं बोलती और चली जाती है। नेहा बाहर जाकर- "क्या है?"
वर्कर- मेडम वो इधर भी घास कट करनी है क्या?
नेहा- नहीं नहीं उधर से करना।
वर्कर को नेहा की हालत देखकर ताज्जब होता है। कुछ देर पहले तो वो ठीक-ठाक थी लेकिन अब उसके बाल थोड़े बिखरे हुए थे, लिपस्टिक थोड़ी फैली हुई थी।
नेहा- और जल्दी-जल्दी करो काम।
वर्कर- जी मेडम।
नेहा शोड़ी देर वहाँ खड़ी रहती हैं। लेकिन फिर उसके कदम नौकर क्वार्टर्स की तरफ चले जाते हैं। वो राज को नजरअंदाज नहीं कर पा रही थी। नेहा दरवाजा के करीब जाकर अंदर देखती है, तो राज बीड़ी पी रहा था। उसकी पीठ नेहा की तरफ भी। नेहा मुश्करा रही थी। नेहा के लिए ये सब करना अब एक अइवेंचर की तरह लग रहा था। राज की केयरिंग से सब कुछ उसे अच्छा लगने लगा था। नेहा दरवाजे से अंदर जाती है। लेकिन राज वैसे ही खड़ा था। नेहा खुद भी नहीं जानती थी कि वो फिर से क्यों आई इस बढ़े के पास? नेहा थोड़ा
आगे बढ़ती है।
राज अब इधर मुड़ता है- "आ गई?"
नेहा- क्या लग रहा है?
राज नेहा के करीब जाकर उसे कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींचता है। नेहा राज की बाहों में थी अब आगे से। उसकी चूचियां राज की छाती से चिपकी हुई, दोनों के चेहरे आमने सामने। राज अब पीछे से नेहा की गाण्ड साड़ी के ऊपर से दबाने लगता है।
नेहा- "अहह... राज..."
राज के हाथ नेहा की गाण्ड को मसल रहे थे। बहुत ही सेक्सी दृश्य चल रहा था। एक खूबसूरत बड़े घर की बहू और उसी घर के बड़े ड्राइवर के बीच। नेहा अपने हाथ राज के सीने पर रखे हुए थी। राज नेहा के गले को चूमने में लगा हुआ था।
नेहा- "अहह.." और उसकी सिसकारियां गूंजने लगती है कमरे में।
राज थोड़ी देर बाद नेहा की साड़ी ऊपर करता है।
नेहा की पेटी अब नजर आ रही थी।
राज- "मेरी जान पेंटी तो मस्त लग रही है। अंदर का माल देखते हैं कैसा है?"
नेहा शर्मा जाती है। अगले ही पल राज नेहा की पैंटी नीचे कर देता है ऑड़ा। नेहा अपनी चूत छुपाने में लग जाती है। कटीम अब अपनी पैंट की जिप खोलता है, जिसकी आवाज से नेहा का चेहरा लाल पड़ जाता है। उसे पता चल जाता है की राज आगे क्या करने वाला है।
नेहा- नहीं राज नहीं।
राज- "क्या नहीं? तू बस चुप रह.. और राज अब अपना काला लण्ड बाहर निकालता है, और नेहा के हाथ उसकी चत से हटाकर अपना लौड़ा सेट करता है वहीं।
नेहा लण्ड पाते ही पागल सी हो जाती हैं। एक तगड़े लण्ड का अहसास, जो लण्ड उसकी चूत को पहले नाप चुका है। राज अब लण्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगता है।
नेहा- "अहह... आहह... करती है।
तभी राज को किसी का काल आता है। वो मोबाइल उठाने के लिए नेहा से दूर हट जाता है। नेहा एक बार के लिए तड़प उठती है। वो आलमोस्ट राज को जाने से रोकती है, लेकिन किसी तरह वो खुद को रोक लेती हैं।
राज अपना लण्ड अंदर डाले बिना ही मोबाइल पर बात करने लगता है। नेहा भी उसी हालत में खड़ी रहती है। फोन पर बात करके राज इधर नेहा की तरफ घूमता है।
राज- मेरी जान मुझे कुछ काम हैं, में जा रहा हूँ।
नेहा कुछ नहीं बोलती। उसको गुस्सा तो बहुत आ रहा था राज पर, उसे अधूरा छोड़ने पर। लेकिन वो चुप रहती है। नेहा के लिए ये बहुत शर्मनाक था। इधर एक बड़ा उसको इस हालत में ऐसे छोड़कर जा रहा था, जैसे वो उसका पति हो। राज अब उधर से निकल जाता है। नेहा अब अपनी साड़ी ठीक करती है।
नेहा- "कमीना कहीं का। छोड़ूँगी नहीं मैं उसे." और नेहा भी उधर से चली जाती है।
उधर रिया अपने रूम में बैठी मोबाइल पर कुछ कर रही थी। उसके दिमाग में अभी भी जय वाली बात चल रही थी। फिर वो कल की बात जब उस अंजान आदमी ने उसके साथ जो किया था। उसका हाथ अचानक ही साड़ी के ऊपर से अपनी चूत पर चला जाता है। वो अपने होश खो रही थी। उसने कभी नहीं सोचा था की कोई गंदा आदमी उसके साथ ऐसी हरकत करेगा। अब जो वैसी हरकत हो चुकी है तो रिया को उतना बुरा भी नहीं लग रहा था। रिया वैसे नेचर से बहुत दृध भी। लेकिन उसका जिश्म उसकी दृढ़ता का बिल्कुल साथ नहीं दे रहा
था।
रिया अपनी चूत सहला रही थी। उसकी चूत उसके साथ हुई हरकतों को सोचकर गीली हो रही थी। वो झड़ने के करीब औ की उसे उसके पति का काल आता है और वो उसमें बिजी हो जाती है।
उधर नेहा अपने रूम में आई हुई थी। वो बहुत गुस्से में लग रही थी। गुस्सा राज के ऊपर था- "उसने मुझे समझ क्या रखा है। कमीना बूढ़ा?" फिर नेहा फ्रेश होने चली जाती है।
बाहर आकर वो बेड पर लेट जाती है तभी उसे विशाल का काल आता है।
नेहा- हाँ बोलो।
विशाल- नेहा, मैं आज नहीं आ पाऊँगा। वो एक दोस्त ने उसके घर इन्वाइट किया है। कल तक आ जाऊँगा।
नेहा- लेकिन विशाल?
विशाल- "नेहा में अभी थोड़ा बिजी हैं। कल मिलते हैं बाइ... और विशाल काल खतम कर देता है।
नेहा- "ये विशाल भी ना मेरी एक बात नहीं सुनते। आजकल मेरे लिए टाइम ही नहीं हैं उनके पास। और एक वो कमाना है हमेशा मेरे आस-पास रहने की कोशिश करता है..."
राज का प्लान नेहा पर बखूबी काम कर रहा था। राज नेहा को उसके पति से दूर करने में कामयाब हो रहा था। और नेहा को राज की गंदी ही सही लेकिन हरकतें अच्छी लगने लगी थी। ऐसे ही शाम हो जाती है। डिनर के बाद सब अपने रूम में चले जाते हैं।
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत
जय भी आज किसी काम से गया हुआ आ। सिर्फ राज ही बचा था उधर। आज राज ने कुछ सोच कर रखा था। रात में 11:00 बजे बो मेनगेट से होते हुए अंदर जाता है, और सीधा किचेन में जाता है। वहाँ पर नीलू किचेन का काम फिनिश कर रही थी। राज उसे पीछे से जाकर पकड़ लेता है।
राज- है नीलू क्या कर रही है? कितने दिन हो गये तेरी चूत मारे हुए।
नीलू - हाँ हाँ । तुम तो मुझे भूल ही गये हो। नेहा मालकिन से मिलने के बाद।
राज- क्या करें नीलू तेरी नेहा मालकिन हैं ही इतनी मस्ता साली को चोदकर मन ही नहीं भरता।
नीलू- "राज संभाल के... कहीं मालिक को पता चल गया तो तेरी खैर नहीं.." और नीलू हँसती है।
राज- मालिक को कैसे पता चलेगा? नेहा मालकिन मेरे से चुदने के लिए तैयार रहती हैं।
नीलू- "क्या बात है राज, नेहा मालकिन को अपनी रंडी बना रहे हो?" और दोनों हँसते हैं।
राज- चल मैं जा रहा है उसके पास।
नीलू- ओहो क्या बात है। रहा नहीं जा रहा क्या हमारी मालकिन के बिना? जरा संभल कर करना। हमारी मालकिन बहुत नाजुक हैं।
राज. वो साली संभाल कर करने की चीज नहीं हैं।
दोनों फिर से हँसते हैं। राज फिर वहाँ से सादियां चढ़ते हए ऊपर चला जाता है। राज नेहा के रूम के बाहर नहुँच चुका था। दरवाजा लाक था।
नेहा ने विशाल नहीं आएगा आज रात, इसीलिए उसने दरवाजा लाक किया हुआ था। अब राज थोड़ा टेन्शन में
आता है। लेकिन उसे पता आ क्या करना है। वो अब दरवाजा लाक करता है।
नेहा दरवाजे की आवाज सुनकर अंदर से- "कौन है?
राज कुछ जवाब नहीं देता। वो दरवाजा नाक करते रहता है।
नेहा- कौन हैं? क्यों डिस्टर्ब कर रहे हो?
राज फिर भी जवाब नहीं देता। नेहा अन निराश होकर दरवाजा खोलती है, और राज को यहाँ देखकर हैरान रह जाती है।
नेहा- तुम्म।
राज- है नीलू क्या कर रही है? कितने दिन हो गये तेरी चूत मारे हुए।
नीलू - हाँ हाँ । तुम तो मुझे भूल ही गये हो। नेहा मालकिन से मिलने के बाद।
राज- क्या करें नीलू तेरी नेहा मालकिन हैं ही इतनी मस्ता साली को चोदकर मन ही नहीं भरता।
नीलू- "राज संभाल के... कहीं मालिक को पता चल गया तो तेरी खैर नहीं.." और नीलू हँसती है।
राज- मालिक को कैसे पता चलेगा? नेहा मालकिन मेरे से चुदने के लिए तैयार रहती हैं।
नीलू- "क्या बात है राज, नेहा मालकिन को अपनी रंडी बना रहे हो?" और दोनों हँसते हैं।
राज- चल मैं जा रहा है उसके पास।
नीलू- ओहो क्या बात है। रहा नहीं जा रहा क्या हमारी मालकिन के बिना? जरा संभल कर करना। हमारी मालकिन बहुत नाजुक हैं।
राज. वो साली संभाल कर करने की चीज नहीं हैं।
दोनों फिर से हँसते हैं। राज फिर वहाँ से सादियां चढ़ते हए ऊपर चला जाता है। राज नेहा के रूम के बाहर नहुँच चुका था। दरवाजा लाक था।
नेहा ने विशाल नहीं आएगा आज रात, इसीलिए उसने दरवाजा लाक किया हुआ था। अब राज थोड़ा टेन्शन में
आता है। लेकिन उसे पता आ क्या करना है। वो अब दरवाजा लाक करता है।
नेहा दरवाजे की आवाज सुनकर अंदर से- "कौन है?
राज कुछ जवाब नहीं देता। वो दरवाजा नाक करते रहता है।
नेहा- कौन हैं? क्यों डिस्टर्ब कर रहे हो?
राज फिर भी जवाब नहीं देता। नेहा अन निराश होकर दरवाजा खोलती है, और राज को यहाँ देखकर हैरान रह जाती है।
नेहा- तुम्म।
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत
राज- हाँ में मेरी जान और कौन होगा?
नेहा- तुम यहां क्या कर रहे हो?
राज. अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आया हूँ।
नेहा- तुम पागल हो क्या? अगर किसी ने देख लिया ना तो पता है ना क्या होगा?
राज- "उसकी नौबत नहीं आएगी.." ऐसा बोलकर राज दरवाजा बंद कर देता है।
नेहा- ये क्या कर रहे हो? दरवाज़ा क्यों बंद किया?
राज- "जानेमन तुझसे मस्ती। सबके सामने तो कर नहीं सकता ना..."
नेहा शर्मा जाती है- "मुझे नहीं करनी तुम्हारे साथ मस्ती समझे तुम। तुम निकलो इधर से.."
राज- क्यों अपने बायफ्रेंड को नाराज़ करने पर तुली हई है।
नेहा- तुम यहाँ से प्लीज जाओ।
राज- मैं नहीं जानेवाला, और मुझे ये भी पता है के तेरा पति आज रात नहीं आने वाला।
नेहा हैरान थी की राज को कैसे पता इस बारे में, तो पूछा- "क्या। तुमको कैसे पता?"
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राज तू वो सब छोड़ मेरी जान। हम दोनों के तो मजे हैं ना।
नेहा- "देखो मुझे कोई मजे नहीं करने। तुम बस जाओ.."
राज नेहा की करीब जाकर- "मैं जाऊं क्या?"
नेहा राज के करीब आने से अजीब महसूस कर रही थी, कहा- "हो तुम जाओ.."
राज अब अपने दोनों हाथ नेहा की कमर के आस-पास डालता है। जिससे नेहा मदहोश हो जाती है। राज के हाथ का अहसास उसे पागल बना रहा था।
राज-अब जाऊं?
नेहा बड़े ही मदहोश अंदाज में बोलती है- "जाओ....
राज नेहा को बेड तक ले जाता है और बेड पर धकेल देता है।
नेहा बेड पर गिरती हैं, और राज को देखती हैं।
राज- मेरी जान आज मौका भी है और दस्तूर भी। मजा आएगा आज रात तेरे साथ।
नेहा राज की तरफ भौचक देख रही थी। राज अपनी शर्ट निकालने लगता है। जिसे देखकर नेहा शर्मा जाती है। उसे पता था की राज क्या करना चाहता है: शर्ट निकलते ही राज की बालों भरी गंदी दिखने वाली छाती सामने आ जाती है। नेहा लेटी हुई ये सब देख रही थी। राज अब अपनी पेंट उतारने लगता है। जिसे देखकर नेहा अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है। राज पैंट निकालकर अपनी बड़ी सी अंडरवेर में आ जाता है। अब राज बेड पर चढ़ जाता है।
राज- "मेरी बुलबुल आज खूब मजा करेंगे. और वो नेहा के ऊपर आ जाता हैं।
नेहा- राज प्लीज़... ऐसा मत करो।
राज- क्यों क्या हुआ मेरी जान?
नेहा- मैं शादीशुदा हूँ।
राज- क्यों शादीशुदा औरतें चुदवाती नहीं क्या। और तू तो मुझसे कई बार चुदवा चुकी हैं।
-
नेहा- चुप रहो बेशरंऽम कहीं के।
राज अब नेहा के दोनों हाथ बेड से सटा देता है, और उसके ऊपर आ जाता है। राज झुक कर नेहा के गले को चूमने लगता है।
नेहा- "अहह.. राज..."
राज नेहा के गले को बेतहाशा चूम रहा था। जिससे नेहा की सिसकारियां वहाँ सेक्सी माहौल बना रही थी। एक काले बूढ़े और जवान औरत के बीच हाट दृश्य चल रहा था। राज का चूमना उसको पागल बना रहा था। नेहा खुद पर से कंट्रोल खो रही थी। अब राज गले को चूमते हए थोड़ा नीचे आता है, और उसका पल्लू हटाता है। बलाउज़ के ऊपर से नेहा की चूचियां मस्त लग रही थीं। राज के हाथ नेहा की चुचियों पर पहुँच जाते हैं, और
वो मसलने लगते हैं।
नेहा- "अहह.."
राज चूचियां मसलते हुए निपल दबाता है।
नेहा को एक बार के लिए दर्द होता है- "हाय कमीने दर्द होता है। छोड़ मुझे.."
राज- थोड़ा सह ले मेरी जान। आगे मजे ही मजे हैं।
नेहा- तुम यहां क्या कर रहे हो?
राज. अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आया हूँ।
नेहा- तुम पागल हो क्या? अगर किसी ने देख लिया ना तो पता है ना क्या होगा?
राज- "उसकी नौबत नहीं आएगी.." ऐसा बोलकर राज दरवाजा बंद कर देता है।
नेहा- ये क्या कर रहे हो? दरवाज़ा क्यों बंद किया?
राज- "जानेमन तुझसे मस्ती। सबके सामने तो कर नहीं सकता ना..."
नेहा शर्मा जाती है- "मुझे नहीं करनी तुम्हारे साथ मस्ती समझे तुम। तुम निकलो इधर से.."
राज- क्यों अपने बायफ्रेंड को नाराज़ करने पर तुली हई है।
नेहा- तुम यहाँ से प्लीज जाओ।
राज- मैं नहीं जानेवाला, और मुझे ये भी पता है के तेरा पति आज रात नहीं आने वाला।
नेहा हैरान थी की राज को कैसे पता इस बारे में, तो पूछा- "क्या। तुमको कैसे पता?"
-
राज तू वो सब छोड़ मेरी जान। हम दोनों के तो मजे हैं ना।
नेहा- "देखो मुझे कोई मजे नहीं करने। तुम बस जाओ.."
राज नेहा की करीब जाकर- "मैं जाऊं क्या?"
नेहा राज के करीब आने से अजीब महसूस कर रही थी, कहा- "हो तुम जाओ.."
राज अब अपने दोनों हाथ नेहा की कमर के आस-पास डालता है। जिससे नेहा मदहोश हो जाती है। राज के हाथ का अहसास उसे पागल बना रहा था।
राज-अब जाऊं?
नेहा बड़े ही मदहोश अंदाज में बोलती है- "जाओ....
राज नेहा को बेड तक ले जाता है और बेड पर धकेल देता है।
नेहा बेड पर गिरती हैं, और राज को देखती हैं।
राज- मेरी जान आज मौका भी है और दस्तूर भी। मजा आएगा आज रात तेरे साथ।
नेहा राज की तरफ भौचक देख रही थी। राज अपनी शर्ट निकालने लगता है। जिसे देखकर नेहा शर्मा जाती है। उसे पता था की राज क्या करना चाहता है: शर्ट निकलते ही राज की बालों भरी गंदी दिखने वाली छाती सामने आ जाती है। नेहा लेटी हुई ये सब देख रही थी। राज अब अपनी पेंट उतारने लगता है। जिसे देखकर नेहा अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है। राज पैंट निकालकर अपनी बड़ी सी अंडरवेर में आ जाता है। अब राज बेड पर चढ़ जाता है।
राज- "मेरी बुलबुल आज खूब मजा करेंगे. और वो नेहा के ऊपर आ जाता हैं।
नेहा- राज प्लीज़... ऐसा मत करो।
राज- क्यों क्या हुआ मेरी जान?
नेहा- मैं शादीशुदा हूँ।
राज- क्यों शादीशुदा औरतें चुदवाती नहीं क्या। और तू तो मुझसे कई बार चुदवा चुकी हैं।
-
नेहा- चुप रहो बेशरंऽम कहीं के।
राज अब नेहा के दोनों हाथ बेड से सटा देता है, और उसके ऊपर आ जाता है। राज झुक कर नेहा के गले को चूमने लगता है।
नेहा- "अहह.. राज..."
राज नेहा के गले को बेतहाशा चूम रहा था। जिससे नेहा की सिसकारियां वहाँ सेक्सी माहौल बना रही थी। एक काले बूढ़े और जवान औरत के बीच हाट दृश्य चल रहा था। राज का चूमना उसको पागल बना रहा था। नेहा खुद पर से कंट्रोल खो रही थी। अब राज गले को चूमते हए थोड़ा नीचे आता है, और उसका पल्लू हटाता है। बलाउज़ के ऊपर से नेहा की चूचियां मस्त लग रही थीं। राज के हाथ नेहा की चुचियों पर पहुँच जाते हैं, और
वो मसलने लगते हैं।
नेहा- "अहह.."
राज चूचियां मसलते हुए निपल दबाता है।
नेहा को एक बार के लिए दर्द होता है- "हाय कमीने दर्द होता है। छोड़ मुझे.."
राज- थोड़ा सह ले मेरी जान। आगे मजे ही मजे हैं।
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