मैं और मेरा परिवार

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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

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नेहा 3

मीना ने कुछ बड़ा सोच रखा था

कुछ ऐसा जिस से सब कुछ ठीक हो जाएगा

वरना मीना को पता था कि पिताजी को देख कर नेहा की क्या हालत होंगी

फिर भी मीना रिस्क ले रही थी

वो पिताजी को लेकर नेहा के सामने जाने वाली थी

मीना ने अवी के लिए भी कुछ सोचा होगा

मीना सच और झूठ के साथ गेम खेलने को तय्यार थी

मीना ने डिसाइड कर लिया कि उसे कब क्या करना है ,

मीना ने सुमन को सब कुछ बताने का सोचा ताकि एक बॅकप सपोर्ट मिलता रहे

साथ मे ठाकुरजी की वजह से नेहा भी थोड़ी शांत रहेगी

पर पिताजी की हालत देख कर नेहा को दुख तो होगा

पर सच से नेहा को दूर रखना मतलब बहुत रिस्की था

पिताजी किसी भी हालत मे क्यूँ ना हो बस नेहा के पास होने चाहिए

मीना ने बता दिया ठाकुरजी को क्या करना है

पिताजी के सर मे गोली नही लगती तो पिताजी ठीक हो जाते

पर ये करिश्मा ही था कि इतना कुछ होने के बाद भी पिताजी ज़िंदा है

शायद पिताजी की लाइफ ज़्यादा लिखी होगी या फिर वो उपर जाके माजी शालिनी और जयसिंघ को क्या कहते कि अवी को वो अकेला छोड़ कर आए है

मीना को भी इस से एक उम्मीद मिली कि अभी भी बहुत कुछ किया जा सकता है

अगेर पिताजी की डेत होती तो मीना के हाथो मे कुछ नही होता वो बस देखने की सिवा कुछ नही कर पाती

लेकिन हालत इतने भी बुरे नही है

वो कहते है ना उम्मीद की छोटी सी किरण भी हमारे जीवन मे उजाला कर देती है

अब देखते है मीना क्या करती है , मीना करने क्या वाली है

जैसा सोचा था वैसा ही हुआ

घर के सामने आंब्युलेन्स रुक गयी.

आंब्युलेन्स देखते ही सुमन डर की वजह से बेहोश हो गयी.

किसी को कुछ समझ नही आ रहा था.

नेहा नीता और पूजा की दड़कनें तेज चल रही थी.

ठाकुर और मीना आंब्युलेन्स से बाहर आ गये.

पूजा-मीना पिताजी कहाँ है

नेहा-ये आंब्युलेन्स मे कौन है

मीना-पिताजी ठीक है,उनका एक आक्सिडेंट हो गया था.

नेहा-आक्सिडेंट

मीना-वो बिल्डिंग से हार्ट अटॅक आने से गिर गये थे.

पूजा-कब हुआ ये सब ,और तूने अब तक हमे बताया क्यूँ नही.

ठाकुरजी-मैं ने मना किया था. तुम योगेन्द्र को आक्सिडेंट होने के बाद नही देख पाते इसी लिए मैं ने सिर्फ़ मीना को बताया.

नीता-पिताजी ठीक हैं

ठाकुरजी-हाँ, पर सर पे चोट लगने से

ठाकुरजी अपनी बात पूरी करते उस से पहले पिताजी को बाहर निकाला गया.

पिताजी को ऐसे सॉलेन मे देख कर नेहा नीता और पूजा वही पर बेहोश हो गयी.

सब उन तीनो को संभालने लगे

ऐसे मे वॉर्डबॉय पिताजी को अंदर ले गया.

वॉर्डबॉय को जो कमरा खुला मिला वही पर पिताजी ले कर गये .

उस कमरे मे अवी था.जो अब ठीक हो रहा था.

आंब्युलेन्स वापस चली गयी.

सुमन और तीनो को होश मे लाया गया.

नेहा नीता और पूजा अपने पिताजी के पास चली गयी.

पिताजी को ऐसी हालत मे देख कर तीनो इतना रोने लगी कि उनको अवी का ध्यान ही नही रहा.

रमेश सुरेश और जतिन अपनी अपनी पत्नी को संभाल रहे थे.

नेहा नीता और पूजा अपने पिताजी को ऐसे देख कर रो रो कर अपना दर्द कम करने की कोशिश करती गयी.

ये ऐसा दर्द था जो समय के साथ भी भर नही सकता था.

पिताजी की वजह से उस्दिन सब ने अवी की तरफ ध्यान नही दिया.

बस पिताजी की हालत पे रो रहे थे.

नेहा पिताजी की हालत देखते अपने होश खो बैठी

नेहा पिताजी को इस हालत मे देख ही नही पाई

और बेहोश हो गयी

साथ मे पूजा नीता भी खुद को संभाल नही पाई ,

और तीनो बेहोश हो गयी

जितना मीना ने सोचा था उस से ज़्यादा हुआ

और जब उम्मीद से कुछ ज़्यादा हो जाता है तो कुछ गड़बड़ ज़रूर होती है

नेहा नीता पूजा और बच्चों को संभालते संभालते एक गड़बड़ जो गयी

नर्स ने पिताजी को अवी के रूम मे रख दिया

बाकी सब नेहा को संभाल रहे थे

और जो ना होना था वही हो गया

नेहा होश मे होने के बाद भी ये सदमा बर्दास्त नही कर पाई तो अवी कैसे ये सब बर्दास्त करता

अवी की तो हालत पहले ही नाज़ुक थी , वो ठीक हो रहा था

ऐसा लग रहा था की अवी 1 2 हफ़्तो मे चलने फिरने लगेगा

अवी ने आँखे भी खोल ली थी

पर अभी पूरी तरह से ठीक नही हुआ था

बस कुछ हफ़्तो की बात थी फिर अवी सब के साथ खेलने लग जाता

पर अपने दादाजी की हालत देखते ही फिर से अवी को अपने माँ और पापा की याद आ गयी

अपने दादाजी की हालत देख कर तो 18 महीनो की मेहनत पानी मे चली गयी



अवी अभी तो ठीक हो रहा था ऐसे मे अपने दादाजी की हालत देख कर उसकी हालत खराब हो गयी

बाहर डॉक्टर नेहा नीता पूजा को देख रहे थे कि अंदर से नर्स की आवाज़ आई

सुमन अवी के पास गयी तो , अवी की हालत देख कर सुमन भी बेहोश होते होते बच गयी

मीना ने तो अपने सर पे हाथ रख दिया

ये गड़बड़ कैसे हो गयी

मीना नेहा के सिचुयेशन के लिए तय्यार थी

पर अवी के साथ ऐसा कुछ हो जाएगा ये मीना ने सोच नही था

ऐसा ही होता है जब एक साथ इतनी बड़ी जम्मेदारी मिलती है

मीना को इस घर मे आए हुए कितने दिन हुए और मीना शादी के लिए तय्यार नही थी , खुद को इस शादी लायक समझा ही नही था , ऐसे मे शादी हो जाना फिर शालिनी का आक्सिडेंट , फिर नयी ज़िम्मेदारी , उसके बाद पिताजी के साथ ये हादसा होना , मीना कैसे सब संभालती

मीना ने सोचा ही नही था कि ये सब होगा

तभी तो मीना ने सोच लिया था कि वो पहले अपनी पढ़ाई पूरी करेगी ताकि वो खुद को इस काबिल बना सके कि अवी की ज़िम्मेदारी उठा सके

ठाकुरजी को ऐसा होगा ये पता था

इस लिए उन्होने ने मीना को हिम्मत से काम लेने को कहा

और डॉक्टर को कहा कि नेहा को बेहोश ही रहने दीजिए

तब तक अवी और बाकियो को संभाल सके मीना

छोटू और सीमा को तो कुछ समझ ही नही आ रहा था

ठाकुरजी ने छोटू को समझा दिया कि खुद को सम्भालो ,

और सीमा को बच्चों के साथ पूजा के घर पे भेज दिया

डॉक्टर ने अवी को देखा तो उसे हॉस्पिटल शिफ्ट करने को कहा

सुमन तो डॉक्टर की बात सुनते ही डर गयी

पर मीना ने सुमन को सब कुछ बता दिया

पर सुमन को बाकी बातों से कुछ लेना देना नही था उसको बस अवी चाहिए था , अवी की फिकर हो रही थी सुमन को

ठकुराइन सुमन के साथ अवी को हॉस्पिटल लेकर गयी

और मीना ठाकुरजी के साथ सोचने लगी कि नीता और पूजा के होश मे आते ही क्या कहेगी

मीना अब एक एक करके तीनो बहनों से हॅंडल करने वाली थी
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naik
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by naik »

(^^^-h$s7) brother

fantastic update (^^^-1$i7)
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monika
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by monika »

Ye story complete hogi ki nhi qki abhi copy & pest kr rhe ho dm hai to complete kr ke dingo


Mai to aap ko original writer smjti thi maine aap ko mera 1 din bhi dene ka vada kiya tha but abhi mai nhi dungi kuch big

dm hai to khani completed kro fir bat krna muzse
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naik
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by naik »

Brother kaha vayab ho gayeaap ki kahani tow satish bhai update ker rehe h

Per aap tow koyinayi story shuru karo pleas

We are waiting your next new story

********* THANK YOU********
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