मैं और मेरा परिवार

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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

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ऋतु दीदी मेरी इच्छा पूरी करने के लिए बाथरूम मे चली गयी.

मैं उनका इंतजार करने लगा तो मेरा लंड भी जीन्स से बाहर निकलने को बेताब हो रहा था.

मैं सोच रहा था कि मुझे ऋतु दीदी के साथ चुदाई करनी चाहिए कि नही.

ऋतु दीदी विक्रांत से प्यार करती है. उनकी शादी भी हो चुकी है.

ऋतु दीदी को जिस का इंतजार था वो मिल गया. उनको उनका जीवन साथी मिल गया.

विक्रांत के साथ ज़िंदगी बिताने के लिए ऋतु दीदी कितना बड़ा रिस्क ले रही है.

ऐसे मे उनको मैं ज़्यादा परेशान नही करूँगा.

उनको एक बार ब्रा पैंटी मे देख कर उनको मेमोरी कार्ड दे दूँगा.

बाकी जो किस्मत मे होगा वो मिल ही जाता है.

मैं सोच रहा था कि ऋतु दीदी अपना भीगा बदन टवल मे लपेट कर मेरे सामने आ गयी.

उनके हाथ मे ब्रा और पैंटी थी.

मैं ऋतु दीदी के भीगे बालो से लेके उनके नंगी टाँगो से गिरते हुए पानी के बूँदो को देखने लगा.

ऋतु दीदी मेरे सामने आकर खड़ी हुई और अपना एक पैर मेरे पैरो पे रखा.

ऐसा करने से उनका टवल थोड़ा उपर हुआ और उनकी जांघे दिखने लगी.

मैं ने उनके पैर पे एक किस किया .और अपना हाथ उपर जाँघो तक ले जाने लगा तो ऋतु दीदी ने रोक दिया.

ऋतु-सिर्फ़ देखना है.

अवी-सॉरी

और ऋतु दीदी ने अपनी पैंटी मेरे हाथ मे दी.

मैं ने उनकी पैंटी को हाथ मे पकड़ कर उनके सामने देखने लगा.

फिर उस पैंटी पे किस करके ऋतु दीदी को पहनाने लगा

ऋतु दीदी ने अपना पैर मेरे हाथ मे दिया और मैं ने उनके जाँघो तक पैंटी पहना दी.

इसके आगे ऋतु दीदी ने मुझे रोक दिया और अपनी जाँघो पर पैंटी चढ़ाने लगी.

ऐसा करने से मुझे जाँघो के अच्छे से दर्शन हो गये

मैं झुक कर उनकी चूत देखना चाहता था पर ऋतु दीदी ने इतनी सफाई से पैंटी पहन की मुझे उनकी चूत नही दिखी.

मुझे अपनी चूत को देखने की कोशिस करते हुए देख कर ऋतु दीढ़ हँसने लगी

ऋतु-तुम ने ग़लत इच्छा जाहिर की ,

अवी-ग़लती हो जाती है.

और ऋतु दीदी ने अपना टवल इस तरह निकाला कि मेरे देखने से पहले अपने हाथो से बूब्स को छुपा दिया

ये चान्स भी मिस हुआ .पर जाने दो ऐसे देखना भी मज़ेदार था.

ऋतु दीदी की छोटी पैंटी मे अपने बूब्स को छुपाते हुए देखना वो भी भीगे बदन मे मज़ा आ गया.

ऋतु दीदी ने अपना एक हाथ अपने बूब्स से हटाकर एक हाथ से अपनी ब्रा उठा ली .और दूसरे हाथ से दोनो बूब्स को छुपा दिया.

अपनी ब्रा को उठा कर अपने बूब्स पर लगा दिया ,और मेरी तरफ पीठ करके खड़ी हो गयी.

उनकी पीठ मेरी तरफ होते ही उनकी पैंटी की स्ट्रिंग उनकी गंद मे घुसी हुई थी.

ऐसा लग रहा था कि ऋतु दीदी ने पैंटी पहनी नही थी.

उनके चूतड़ देख कर उनको मसल्ने का मन हो रहा था

उनकी फिगर देख कर मुझे उनपे मेहनत करने का मन हो रहा था.

ऋतु-ऐसे मत देखो ,ब्रा का हुक लगा दो

मैं इसी का इंतजार कर रहा था.

मैं ऋतु दीदी के पीछे खड़ा हुआ और उनसे चिपक गया.

मैं अपना खड़ा लंड उनकी गंद पे दबाने लगा.

ऋतु-इतना मत चिपको वरना हुक कैसे लगाओगे

अवी-मैं ने आज तक हुक को खोला है ,लगाया नही. आप पहली हो जिसकी ब्रा लगा रहा हूँ

ऋतु-तुम्हारी ग़लती है ,तुम हुक खोलने की जगह लगा रहे हो

अवी-क्या मैं अपनी इच्छा बदल सकता हूँ

ऋतु-नही. तुम हुक लगा दो ,और मेमोरी कार्ड वाले का नाम बताओ

अवी-कितना अच्छा मोका मिस किया मैं ने

ऋतु-अगर मुझे मेमोरी कार्ड मिल गया तो तुम्हे मे बी गिफ्ट दूं.

अवी-पक्का दोगि


ऋतु-देखते है. अब लगा दो क्या पता जिस के पास मेमोरी कार्ड हो वो इसको खोलने की डिमॅंड करे

अवी-तो आप खोल देंगी.

ऋतु-उस मेमोरी कार्ड के वजह से मुझे नींद नही आती. ऐसा लगता है अगर विक्रांत को मेरे बाय्फ्रेंड का वीडियो मिल गया तो

अवी-लो हो गया

और मैं ने ब्रा का हुक लगा दिया .पर वैसे ही ऋतु दीदी से चिपका रहा

ऋतु दीदी ने कुछ नही कहा

ऋतु-तुम्हारी इच्छा पूरी हो गयी अब उसका नाम बताओ जिसके पास मेमोरी कार्ड है

अवी-ऋतु

ऋतु-बोलो किसके पास है

अवी-बताया ना ऋतु दीदी के पास

ऋतु-मेरे पास

अवी-मैं ने आपको तो दिया था मेमोरी कार्ड

ये सुनते ही ऋतु दीदी मुझसे अलग हो गयी.

और मेरी तरफ देखने लगी.

ऋतु-मुझे कब दिया. सीधे सीधे बताओ किसको दिया

अवी-मैं ने तो आपको दिया .आप खुद सोचिए
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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

मेरी बात को ध्यान से सोचते ही ऋतु दीदी के दिमाग़ की बत्ती जल गयी.

ऋतु दीदी टेबल पे रखे हुए गिफ्ट को उठा कर बेड पर आ गयी.

और गिफ्ट को खोलने लगी.

इतना बड़ा बॉक्स एक छोटे से मेमोरी कार्ड के लिए.

बॉक्स खोलते उसमे एक गिफ्ट था.

ऋतु दीदी ने मेरी तरफ देखा ,मैं ने स्माइल की.

ऋतु दीदी फिर गिफ्ट को खोला तो एक छोटा बॉक्स था.उसको ओपन किया तो एक छोटा गिफ्ट था.

ऋतु-कितनी पॅकिंग की है.

अवी-आपकी कीमती चीज़ की सेफ्टी ज़रूरी थी.

और ऋतु दीदी ने लास्ट वाला बॉक्स खोला था उसमे उनको एक डिब्बी मिली.

डिब्बी खोलते ही ऋतु दीदी को मेमोरी कार्ड मिल गया.

मेमोरी कार्ड देखते ही ऋतु दीदी खुश हो गयी. और खुशी के मारे मेरे गले लग गयी.

ऋतु-थॅंक्स यू थॅंक्स यू थॅंक यू थॅंक यू

अवी-बस बस ,पहले चेक तो कर लो

ऋतु-ये वही मेमोरी कार्ड है मैं ने इस पे मार्क बनाया था

अवी-चेक कर्लो वीडियो है कि नही.

मेरी बात सुनते ही ऋतु दीदी ने मेमोरी कार्ड लॅपटॉप से कनेक्ट किया और देखने लगी.

ऋतु-जैसा था वैसा ही है

और ऋतु दीदी ने मेमोरी कार्ड फॉर्मॅट किया .और ज़्यादा सेफ्टी के लिए उसके 2 टुकड़े कर दिए

अवी-ये क्या किया .मेरा गिफ्ट तोड़ दिया

ऋतु-खुशी से तोड़ा

अवी-कहा था ना कि आप मेरा गिफ्ट खुशी से तोड़ेंगी

ऋतु-ये .गिफ्ट बेस्ट मॅरेज गिफ्ट था मेरे लिए

अवी-अच्छा हुआ जो आपको मेरा गिफ्ट पसंद आया ,वरना कितना परेशान था कि आपको क्या गिफ्ट दूं

ऋतु-ये गिफ्ट डाइमंड से महँगा था. पंकज भी ऐसा गिफ्ट नही दे सकता.

अवी-आपकी जान थी उस मेमोरी कार्ड मे

ऋतु-सही कहा ,मेरी जान फसि हुई थी इसमे

अवी-अब आप आज़ाद है

ऋतु-तुम ने ऐसा क्यूँ किया

अवी-क्या किया

ऋतु-तुम ने मेमोरी कार्ड के बदले कुछ माँगा क्यूँ नही. इतने स्मार्ट हो तो ऐसा बिज़्नेस क्यूँ किया

अवी-बिज़्नेस दूसरो से किया जाता है. अपनो से नही.

ऋतु-अच्छा पंच मारते हो.

अवी-आप पंकज की सिस्टर है आपको गिफ्ट तो देना था.

ऋतु-तुम ने ऐसा क्यूँ कहा था कि मेमोरी कार्ड किसी के और को दिया है.

अवी-सही तो कहा मेरे पास कहा था. मैं ने तो आपको दिया था.

ऋतु-बातों मे अच्छा घूमाते हो

अवी-किसी और पे भी घुमा सकता हूँ

ऋतु-तो घुमाया क्यूँ नही.

अवी-आपकी स्टोरी सुनकर मन नही हुआ

ऋतु-फिर ऐसी इच्छा क्यूँ बताई.की मुझे कपड़े पहनते हुए देखना है.

अवी-आपको पिछली बार देखा था वो बड़ा अच्छा लगा था .आप जैसी ब्रा पैंटी कोई नही पहनती तो सोचा फिर देखने को नही मिलेंगी तो आज देख लूँ. फिर तो आप अमेरिका जाने वाली हो

ऋतु-तुम बहोत अच्छे हो. अगर तुम्हारी जगह कोई और होता तो मुझे ब्लॅकमेल करता.

अवी-ब्लॅकमेल करने से क्या मज़ा आता ,मुझे आपको कपड़े पहानते हुए देखने मे ज़्यादा मज़ा आया

ऋतु-पंकज गधे को तुम्हारे जैसा फ्रेंड कैसे मिल गया.

अवी-अच्छा हुआ ना पंकज मेरा फ्रेंड बन गया .वरना हमारी मुलाकात कैसे होती

ऋतु-वैसे तुम्हे पता है मेरी क्या हालत हुई थी जब तुम ने कहा कि मेमोरी कार्ड किसी औरके पास है

अवी-मैं आपका मज़ा ले रहा था

ऋतु-तुम्हारे मज़ाक के चक्कर मे मैं क्या क्या सोच, रही थी

अवी-क्या सोचा था

ऋतु-किसके पास मेमोरी कार्ड होगा, वो क्या करने को कहेंगा ,कितनो के साथ सोना पड़ेगा.

अवी-अरे बाप रे, फिर भी आप तय्यार थी.

ऋतु-क्या करती . दूसरा रास्ता नही था

अवी-विक्रांत के बारे मे नही सोचा.

ऋतु-उसी के बारे मे तो सोच कर ये फ़ैसला किया था.

अवी-अब तो बिना कुछ किए आपका काम हो गया

ऋतु-सब तुम्हारी वजह से हुआ है.थॅंक्स

अवी-सिर्फ़ थॅंक्स

ऋतु-और क्या चाहिए

अवी-मुझे जो चाहिए था वो मैं ने माँग लिया .

ऋतु-मैं तुम्हे ऐसे तो जाने नही दूँगी.

अवी-फिर क्या इरादा है

ऋतु-इरादा नेक नही है

अवी-और विक्रांत

ऋतु-उसी के लिए कर रही हूँ.

अवी-क्या मतलब

ऋतु-इस मेमोरी कार्ड की वजह से जान अटक गयी थी मेरी

अवी-तो निकाल दी ना

ऋतु-सच कहूँ ,जब तुम्हे पहली बार देखा था तभी सोचा था कि तुम्हे बाय्फ्रेंड बना लूँ

अवी-क्या?

ऋतु-इसी लिए तो तुम्हारे सामने पैंटी पहन थी.

अवी-तो ये बात है

ऋतु-हाँ पर हम आगे बढ़ते उस से पहले विक्रांत मिल गया,पर आज तुम्हे कुछ तो देना पड़ेगा

और ऋतु दीदी ने मुझे किस करना सुरू किया

ऋतु दीदी बिकिनी पहन कर मुझे किस कर रही थी

ऋतु दीदी का किस करना बेस्ट ऑफ बेस्ट था

मैं तो खो गया ऋतु दीदी के किस मे
Aadi
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by Aadi »

Bhai kuch missing hai ...isme ...after update
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