बहू नगीना और ससुर कमीना

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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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शाम को शिवा आया तो सब सोफ़े चारु और मुन्नी बातें कर रहीं थीं। मालिनी किचन में थी और राजीव अपने कमरे में गुड़िया को सम्भालते हुए टी वी देख रहा था।

चारु: आज जिजु तो बहुत स्मार्ट लग रहे हैं । क्या बात है?

शिवा आकर उसके गाल सहलाकर बोला: क्या बात है बड़ी ख़ुश नज़र आ रही हो।

चारु: ख़ुश तो मुन्नी है क्योंकि अंकल से चूत चटवाई है ।

मुन्नी: तू जिजु का लंड चूस ले ना। तू भी ख़ुश हो जा।

शिवा हँसकर: अभी मुझे तुम्हारी दीदी का ध्यान रखना है। बहुत चुदासी हो रही है वो?

मुन्नी: कोई चुदासी नहीं है वो । आज पापा ने दो राउंड ठुकाई की है उनकी। आप भी तो ठोक चुके हो ना।

शिवा: अरे ये प्यास ऐसे नहीं बुझेगी । आज रात को हम दोनों बाप बेटा चुदाई करेंगे उसकी। यह कहता हुआ वो किचन में गया और मालिनी को पीछे से पकड़कर प्यार करते हुए बोल : क्या हाल है हमारी जान का? पापा ने दो राउंड चोद दिया, ऐसा मुन्नी बोल रही थी।

मालिनी हँसकर : हाँ बहुत मज़ा आया। अब रात को दोनों बाप बेटा लेना मेरी जैसे पहले लेते थे।

शिवा: क्यों नहीं मेरी जान। वो उसकी चूचियाँ दबाकर उसके मस्त पिछवाड़े में अपना आधा खड़ा लंड दबाकर बोला।

मालिनी भी मज़े से बोली: आऽऽऽऽह मस्त लग रहा है। वह अपनी गाँड़ उसके लंड पर घुमाती हुई बोली : जाओ फ़्रेश हो जाओ । खाना लगाती हूँ।

शिवा: ठीक है जान चलो फ़्रेश होता हूँ। वह उसकी गाँड़ दबाकर बाहर आ गया।

सब खाना खा रहे थे और चूहल भी जारी थी। सब एक दूसरे को छेड़ रहे थे। अचानक चारु बोली: आपकी मम्मी (सरला) का फ़ोन आया था। हम दोनों को बुला रही हैं । कह रहीं थीं कि कुछ दिनों के लिए आ जाओ।

मालिनी: ओह तो चले जाओ ना कुछ दिनों के लिए। राजेश भाई के लंड का भी मज़ा ले लेना।

चारु मुँह बना कर: उनको चाची से फ़ुर्सत मिलेगी तब तो वो हमारी लेंगे ना। उनकी जान तो चाची में ही बसती है।

मालिनी: हाँ यह तो है कि वो मम्मी का दीवाना है।

मुन्नी: हाँ चलो एक चक्कर मार ही आते हैं वरना चाची को बुरा लगेगा।

अब यह तय हो गया कि दोनों लड़कियाँ कल सुबह अपनी चाची के घर जाएँगी और शिवा उनको सुबह बस स्टॉप तक छोड़ कर आएगा।

खाना खाकर सब सोफ़े पर बैठ कर बातें कर रहे थे। फिर चारु और मुन्नी अपने कमरे में चली गयीं क्योंकि बाप बेटा दुकान का हिसाब देखने लगे।
मालिनी किचन से आइ और लड़कियों के कमरे में जाकर बोली: देखो आज मैं बहुत दिनों के बाद बाप और बेटे दोनों से एक साथ चुदवाऊँगी । तुम लोग बीच में नहीं आओगे ।

मुन्नी: ही ही लगता है दीदी बहुत प्यासी हो रही हो?

मालिनी: और क्या तुम लोग इतने दिनों से मज़े कर रही हो मेरे सामने, मुझ पर क्या बीती होगी तुम क्या जानो? चलो तुम सो जाओ मैं चलती हूँ।

मालिनी बाहर आयी तो बाप बेटा अभी भी हिसाब में व्यस्त थे। वह अपने कमरे में गयी और शॉवर लेकर अपनी चूत और गाँड़ में सेण्ट लगायी जो कि राजीव उसके लिए लाया था । फिर उसने एक लेस वाली पारदर्शी सी लिंगरी निकाली और ब्रा पहनी। वो शीशे में देखी । आधी से भी ज़्यादा चूचियाँ तो नंगी ही थीं । फिर वह पैंटी पहनी जिसमें से उसकी शेव्ड चूत का फूला हुआ हिस्सा और बीच की फाँक साफ़ समझ आ रही थी। वो मुड़ी और पिछवाड़ा चेक करी। गोल गोल चूतड़ पूरे नंगे थ और फाँको के बीच में फँसी रस्सी ऊपर से ही दिख रही थी । गाँड़ की गहराइयों में तो मानो गुम सी हो गयी थी। फिर उसने एक लाल रंग की नायटी पहनी और अपने आप को देखकर वो ख़ुद ही अपने आप पर मस्त हो गयी। भरी पूरी बदन की मालिकन मालिनी ख़ुद को देखकर मस्त हो गयी। सच में एक बच्चा होने के बाद बदन बहुत ही भर गया था। और ye मांसल बदन अब ज़बरदस्त चुदाई माँग रहा था। वो एक मादक अंगड़ाई ली और अब चेहरे ka मेकअप किया और बाहर आयी।

वहाँ अब भी बाप बेटा हिसाब में लगे थे। मालिनी को देखकर शिवा की आँखें फैल गयीं।


मालिनी: क्या आज रात भर यही हिसाब होते रहेगा क्या? और मेरा क्या होगा? वो मटक कर बोली।

तभी राजीव ने सिर उठा कर देखा और देखता ही रह गया अपनी कामुक बहू को। वो बोला: अरे भाड़ में जाए ये हिसाब। इसका क्या है कल हो जाएगा। पर बेटी तुम्हारा ख़याल तो अभी रखना ही पड़ेगा। वाह क्या माल लग रही हो।

उधर शिवा उसे खींचकर अपनी गोद में बिठाया और उसके गाल चूमा और बोला: क्या लग रही हो? ये नायटी तो पापा लाए थे ना तुम्हारे लिए।

राजीव: हाँ यार वही है। अरे ज़रा हमारे पास भी आओ ना। वो उठकर राजीव के पास आयी। राजीव ने उसके मस्त चूतडों पर हाथ फेरकर कहा: उफ़्फ़्फ़्फ बहू क्या मस्त गाँड़ हो गयी है तुम्हारी। आज तो मैं गाँड़ मारकर रहूँगा।

मालिनी: पापा जो मारना है मार लो पर अपने बेडरूम में तो चलो।

अब राजीव और शिवा खड़े हुए और आगे आगे मालिनी अपनी गाँड़ को मॉडल की तरह मटका कर चल रही थी और पीछे पीछे ससुर और उसका पति अपना लंड दाबकर मस्ती में भरते हुए चल रहे थे। तीनों बेडरूम में घुसे और राजीव ने कमरे को बंद कर दिया। मालिनी की पैंटी गीली हो चली थी। उसके निपल्ज़ कड़े होकर तन गए थे। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आज कितने दिनों के बाद वो अपनी पुरानी चुदाई का मज़ा लेगी: वो सोची।

आगे: अगले अप्डेट में———
ritel
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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