आँचल की अय्याशियां

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pongapandit
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Re: आँचल की अय्याशियां

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सुनील के चले जाने से कमरे का माहौल बदल जाता है. क्यूंकी पहले पति पत्नी और मालिशवाला थे और अब कमरे में सिर्फ़ पत्नी और मालिशवाला रह गये थे. आँचल ने कभी भी किसी मर्द से अपने बदन की मालिश नहीं करवाई थी तो ये उसके लिए पहला अनुभव था.

बाला आँचल की पीठ से टॉवेल को थोड़ा नीचे खिसकाता है और जहाँ से नितंबों का उठान शुरू होता है वहाँ तक कर देता है. फिर आँचल की नंगी पीठ पर बोतल से तेल गिराकर हाथों से फैला देता है. बाला आँचल की गर्दन से मालिश शुरू करता है और फिर उसके कंधों की मालिश करता है. उसके बाद आँचल की गोरी बाँह को अपने काले हाथों में पकड़ लेता है और आँचल की पतली नाज़ुक अंगुलियों से लेकर पूरी बाँह तक मालिश करता है . ऐसे ही दाहिनी बाँह में भी मालिश करता है. उसके बाद वो आँचल की पीठ में मालिश करता है.

“मैडम, ठीक हो रहा है ? हाथों का ज़्यादा प्रेशर पड़े तो बताना…….”

“नहीं ठीक है. अच्छा लग रहा है…..”

अब ऊपरी बदन की मालिश हो गयी. आँचल को बाला के सख़्त हाथों से मालिश में एक अजीब सा दर्द और आनंद महसूस होता है , उसे एक औरत और मर्द के हाथों मालिश में साफ अंतर महसूस होता है. बाला ने जिस तरह उसके कंधों , बाँहो और पीठ को पूरी ताक़त से ज़ोर लगाकर मला था उससे आँचल को बहुत रिलैक्स फील होता है.

अब बाला नीचे को खिसकता है और टॉवेल को जांघों से ऊपर मोड़ देता है जिससे सिर्फ़ आँचल के बड़े नितंबों को टॉवेल ढकता है और उसकी खूबसूरत गोरी मांसल जाँघें और टाँगें नंगी हो जाती हैं. बाला पैरों की अंगुलियों की मालिश करता है फिर पंजो और घुटनों के बीच के हिस्से में अपनी अँगुलियाँ घुमाता है. आँचल की जांघों के मुलायम पिछले हिस्से को अपने हाथों से मलता है और फिर टॉवेल को नितंबों के ऊपर से हटा देता है. अब आँचल के बदन में थोंग के अलावा कोई कवर नहीं है. बाला उसके नितंबों की मालिश करने लगता है. आँचल के बड़े नितंबों को मलता है और उन्हें दबाता है . कमर में थोंग की पतली डोरी को खिसकाकर उसके नीचे भी मालिश करता है. बाला के मलने से आँचल के सुडौल गोरे नितंब इधर उधर को डोलते हैं. जाँघों और नितंबों को मलते समय बाला की अँगुलियाँ कई बार आँचल की चूत के होठों को थोंग के बाहर से छू जाती हैं.

“उम्म्म्म…...”

आँचल धीरे से सिसकती है , उसकी उत्तेजना बढ़ने लगती है. आँचल आँखें बंद किए हुए लेटी है , बाला के मजबूत हाथ उसके नितंबों और जांघों को निचोड़ रहे हैं, आँचल धीमे धीमे आहें भरती है और उसको बहुत मज़ा आने लगता है. उसकी चूत से रस बहने लगता है. बाला भी उसके हाव भाव से समझ जाता है , मैडम को मज़ा आ रहा है, गरम होने लगी है. वो देर तक उसके नितंबों की मालिश करता है. बाला आँचल के नितंबों को पकड़कर बीच की दरार से दूर खींचता है और मसलता है , आँचल की सिसकारियाँ तेज होने लगती हैं. उसकी कामोत्तेजना बढ़ने लगती है और ओर्गास्म के नज़दीक़ पहुँचने लगती है.

तभी बाला की आवाज़ उसके कानों में पड़ती है.

“मैडम अब सीधे लेट जाइए…..”

“ओह्ह ……....उम्म्म…….हाँ…..” आँचल जैसे सपने से जागती है.

आँचल सीधी लेट जाती है और अपने ऊपर टॉवेल डाल लेती है. उसकी चूचियों से जांघों के ऊपरी हिस्से तक टॉवेल ने ढक रखा है.

बाला पैरों से शुरू करते हुए ऊपर को बढ़ता है. आँचल के घुटनों के कप की गोल गोल मालिश करता है. फिर दायीं जाँघ में हाथ फिराता है , आँचल को सनसनी महसूस होती है , वो अपनी दूसरी टाँग को थोड़ा अलग कर लेती है. बाला के हाथ जाँघ की मालिश करते हुए ऊपर को बढ़ते हैं. वो टॉवेल को जाँघों के ऊपरी हिस्से से खिसकाकर चूचियों की जड़ तक ऊपर कर देता है इससे आँचल का पेट और पैंटी दिखने लगती है. आँचल की पैंटी में चूतरस से गीला हो रखा है जो बाला को दिखता है. बाला के होठों में मुस्कान आ जाती है. बाला देखता है आँचल ने चूत के बाल साफ किए हुए हैं. जांघों के ऊपरी हिस्से में मालिश करते हुए बाला की अँगुलियाँ कई बार जानबूझकर आँचल की चूत को छूती हैं, आँचल के मुँह से सिसकी निकल जाती है ………उम्म्म्म…….उननग्ज्ग…...

अब बाला आँचल के पेट की मालिश करने लगता है , टॉवेल चूचियों के ऊपर है. बाला के हाथ चूचियों के निचले हिस्से को छूते हैं और पैंटी तक जाते हैं. आँचल बीच बीच में आँख खोलकर बाला को मालिश करते हुए देखती है.

बाला अब आँचल की चूचियों के ऊपर से टॉवेल हटा देता है और दायीं चूची की मालिश करने लगता है. बाला का हाथ चूची में लगते ही आँचल के निप्पल तन जाते हैं . बाला चूची को खूब मसलता है , दबाता है और आंटे के जैसे गूंद देता है , निप्पल को अंगुलियों से छूता है. अब आँचल से बर्दाश्त नहीं होता , उसकी सिसकारियाँ तेज हो जाती हैं.

“आआआअहह…... ओह्ह …..”

बाला अब बायीं चूची को पकड़ लेता है और उसको भी खूब दबाता है और मसलता है. दोनों चूचियों को एक साथ दबाता है उनके बीच की घाटी में मालिश करता है , देर तक चूचियों के पीछे लगा रहता है.
बाला के चूचियों को मसलने से आँचल अपने को रोक नहीं पाती और उसको ओर्गास्म आ जाता है.

“आअहह……………….ओह्ह………...उम्म्म………...उनन्नज्ज्ग………….ओह……….”

आँचल को सिसकारियाँ लेकर झड़ते देख बाला मालिश रोक देता है और अपनी टीशर्ट उतार देता है. झड़ने के बाद आँचल आँखें खोलती है और देखती है बाला ने टीशर्ट उतार दी है . उसकी काले रंग की चौड़ी छाती बालों से भरी हुई है. बाला के हाथ अपनी शॉर्ट्स के सिरों पर हैं , आँचल उसको शॉर्ट्स उतारते हुए देखती है , लंड की कल्पना से उसके होंठ सूखने लगते हैं.

कपड़े उतारकर बाला नंगा हो जाता है. आँचल की नज़र उसके खड़े लंड पर पड़ती है. 7 इंच लंबा और बहुत मोटा काला लंड ऊपर को सर उठाए खड़ा है. बाला देखता है आँचल उसके लंड को अपलक निहार रही है. आँचल बाला के लंड को छूने के लिए मचल उठती है .

“इधर दो…..” कामुक स्वर में बाला से कहती है.

बाला थोड़ा हैरान होता है , ये तो बहुत कामुक औरत है. वो आँचल के नज़दीक़ आ जाता है. आँचल हाथ बढ़ाकर बेशर्मी से उसके लंड को पकड़ लेती है और अपनी अंगुलियों से उसके कड़ेपन और मोटाई का अंदाज करती है. अब उसे दुनिया की शरम लिहाज से कोई मतलब नहीं , उसे बस इस मोटे लंड से रगड़कर चुदाई चाहिए.

आँचल एक नज़र बाला को देखती है और लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर देती है. बाला सोचता है लंड के लिए तड़पी हुई लगती है , अब बिल्कुल भी नहीं शरमा रही. इसकी आँखों में मदहोशी छाई हुई है. चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार हो रखी है. आँचल के नाज़ुक होंठ बाला के मोटे लंड को कस लेते हैं और लंड की नरम त्वचा पर आगे पीछे जाने लगते हैं. बाला आँचल की पैंटी के अंदर हाथ डाल देता है. उसको आँचल की चूत के होठों पर चूतरस का गीलापन महसूस होता है. वो क्लिट को छेड़ता है और चूत की दरार में अंगुली फिराता है. आँचल कामोत्तेजना से अपनी कमर को झटकती है.

अब बाला अपने लंड को आँचल के मुँह से बाहर निकाल लेता है और आँचल की पैंटी को उतारने लगता है. आँचल की चूत से निकले रस से पैंटी भीगी हुई है. बाला पैंटी को फर्श में फेंक देता है. आँचल की टाँगों को फैलाकर बीच में आ जाता है और उसकी फूली हुई चूत पर मुँह लगा देता है. उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ता है.

“आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआ…………………उम्म्म्म……….” आँचल सिसकती है और उसके सर पर अपना हाथ रख देती है.

बाला अंगुलियों से चूत के होंठ फैलाता है , और अपनी जीभ चूत के अंदर डाल देता है . चूत गीली हो रखी है . बाला आँचल का चूतरस चाटने लगता है. आँचल कसमसाने लगती है और अपने नितंबों को हिलाने लगती है. बाला उसके नितंबों को मजबूती से पकड़ लेता है और उसकी चूत में जीभ से चाटते रहता है. आँचल से अब सहन नहीं होता.

“जल्दी करो प्लीज़…………..अब डाल दो………………..आआआआह्ह्ह्ह्ह………………. चोदो प्लीज़……………..ऊऊऊओह…………”

बाला देखता है आँचल चुदाई के लिए तड़प रही है. वो उसकी चूत से जीभ बाहर निकाल लेता है. अपने लंड के टोपे को चूत के गीले होठों पर रगड़ता है. फिर आँचल की टाँगों को ऊपर को मोड़कर चूत के छेद पर लंड का टोपा लगा देता है और एक धक्का लगाता है.

“आअहह………………...उन्न्ननज्ज्ग…………ऊऊहह………..” बाला के लंड का मोटा टोपा अपनी टाइट चूत में घुसते ही आँचल ज़ोर से चिल्लाती है.

बाला हैरान होता है. शादीशुदा होकर भी इसकी चूत इतनी टाइट कैसे है ? इसकी चूत ने तो मेरे लंड के सुपाड़े को एकदम कसकर जकड़ लिया है. बाला फिर से धक्का लगाता है और धीरे धीरे पूरा लंड जड़ तक आँचल की चूत में घुसेड देता है. आँचल बाला की कमर को हाथों से पकड़ लेती है. बाला अब चूत में धक्के मारने लगता है.आँचल की चूत में बाला का मोटा लंड अंदर बाहर होने लगता है .

“आअहह………………और ज़ोर से चोदो ……..उनन्नज्ग……….” आँचल बाला को उकसाती है.

बाला अब तेज तेज धक्के लगाने लगता है. आँचल की उठी हुई गांड में बाला की गोलियाँ टकराने लगती है. आँचल कामोन्माद में ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगती है , बाला का मोटा लंड उसकी चूत की दीवारों को पूरा फैलते हुए रगड़ दे रहा है. कुछ ही देर बाद आँचल को दूसरा ओर्गास्म आ जाता है और उसका बदन ऐंठ जाता है.

“ऊओिईईईईईईईई…………………म्म्म्ममाआआआअ………..ऊऊहह……………..उन्न्ञनणणन् …..…आअहह………….”

ओर्गास्म धीमा पड़ जाता है और आँचल शांत हो जाती है. अब बाला आँचल की चूत से लंड बाहर निकाल लेता है और उसको पेट के बल लिटा देता है . आँचल के घुटने अंदर को मोड़ कर उसकी गांड को ऊपर उठा देता है. अपना मुँह उसकी बड़ी गांड में लगा देता है और चाटने लगता है. गांड की दरार को जीभ से चाटता है. आँचल गनगना जाती है और अपनी गांड को हिलाकर छूटने की कोशिश करती है पर बाला की पकड़ मजबूत है. वो पीछे से चूत में जीभ लगाकर ओर्गास्म से निकले हुए चूतरस को चाटता है. और फिर लंड को चूत के होठों के बीच लगाकर एक झटके में पूरा लंड चूत में घुसा देता है.

“ओइईई………….आआहह……………….”

बाला के तेज धक्कों से आँचल का गदराया बदन बेड में आगे पीछे हिलने लगता है , उसकी बड़ी चूचियाँ नीचे को लटकी हुई डोलने लगती हैं. पीछे से चोदते हुए बाला उसकी चूचियों को दबोच लेता है और मसलने लगता है.

थोड़ी देर तक बाला आँचल को डॉगी पोज़ में चोदते रहता है. फिर आँचल की चूत को अपने वीर्य से भर देता है. आँचल घुटने लंबे कर लेती है और कामतृप्त होकर वैसे ही लेटी रहती है.

झड़ने के बाद बाला आँचल के बगल में लेट जाता है. और अपनी साँसों पर काबू पाने की कोशिश करता है. कुछ देर बाद उठकर बाथरूम चला जाता है और कपड़े बदलकर वापस आ जाता है. अपने बैग में सामान रखने लगता है. आँचल अभी भी नंगी बेड में लेटी हुई है.

“मैडम , मैं जा रहा हूँ.”

आँचल कोई जवाब नहीं देती. बाला देखता है शायद इसको नींद आ गयी है. वो आँचल की पैंटी फर्श से उठाकर बेड में रख देता है. फिर उसके नंगे बदन पर चादर डाल देता है और बैग लेकर कमरे से बाहर आ जाता है.

कुछ ही देर में सुनील होटल वापस आ जाता है. सुनील के कमरे में आने से आँचल की नींद खुल जाती है और वो हड़बड़ाकर बाथरूम चली जाती है. सुनील देखता है आँचल नंगी है और उसकी पैंटी बेड में पड़ी है. आँचल के बाथरूम जाने के बाद वो कैमरा निकाल कर अपने सामान में छुपा देता है. और रूम सर्विस को बियर और स्नैक्स का ऑर्डर देता है.

आँचल बाथरूम में नहाने लगती है. वो अभी भी मदहोशी में है. नहाने के बाद बदन पोंछने के लिए टॉवेल देखती है…………..शिट …….. हड़बड़ाहट में टॉवेल तो वो लाई ही नहीं. वो नंगी ही बाथरूम से बाहर आ जाती है.

कमरे में वेटर ट्रे से उतारकर टेबल में बियर बॉटल्स और स्नैक्स रख रहा है. तभी सुनील और वेटर की नज़रें नंगी आँचल पर पड़ती हैं. वेटर आँखें फाड़े आँचल की नंगी चूचियों और चूत को देखता है. आँचल वेटर को वहाँ देखकर हक्की बक्की रह जाती है. फिर पीछे मुड़कर दौड़कर वापस बाथरूम में घुस जाती है. वेटर उसकी मटकती हुई नंगी बड़ी गांड को देखता है. सुनील को भी समझ नहीं आया की आँचल बाथरूम से नंगी बाहर क्यूँ आई. आँचल के बाथरूम में घुस जाने के बाद वेटर को होश आता है. उसकी नज़र सुनील से मिलती है. सुनील मुस्कुरा रहा था. वेटर का चेहरा आँचल को नंगी देखकर टेंस हो रखा है, सुनील को मुस्कुराते देखकर वो भी रिलैक्स हो जाता है और ट्रे लेकर कमरे से बाहर चला जाता है.

सुनील आँचल को आवाज़ लगाता है.

“वेटर चला गया , अब बाहर आ जाओ.”

आँचल शरमाते हुए बाथरूम से नंगी बाहर आती है. एंबरेसमेंट से उसका चेहरा लाल हो रखा है.

“मैं टॉवेल ले जाना भूल गयी थी.”

वो सुनील के सामने टॉवेल से अपना नंगा बदन पोंछती है. सुनील उसकी हिलती हुई चूचियों को देखता है, क्या आँचल ने बाला के साथ चुदाई का मज़ा लिया है, उसके मन में ख्याल आता है. और उसका लंड खड़ा हो जाता है.
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Re: आँचल की अय्याशियां

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waiting next
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: आँचल की अय्याशियां

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thanks

kuch samay bad
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